लोकसभा की ये १६ सीटें कांग्रेस जीत सकती हे
जयपुर. राजस्थान में विधानसभा चुनाव खत्म होते ही अब चर्चाएं लोकसभा चुनाव को लेकर शुरू हो गई है. मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनावों को 2019 के सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा था. इस हिसाब से अगर आज लोकसभा चुनाव हो जाएं तो राजस्थान में कांग्रेस गठबंधन को 16 सीटें मिल सकती है. तो आइए देखते हैं कौन-कौन सी हैं वो सीटें.
करौली-धौलपुर
इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी के अच्छे वोट हैं. अगर बात की जाए इस विधानसभा चुनाव की तो इस इलाके से बसपा को 90 हजार से ज्यादा वोट मिले. वहीं कांग्रेस को 50 हजार से ज्यादा और बीजेपी को 40 हजार से ज्यादा. इस हिसाब से अगर यहां पर कांग्रेस बसपा से गठबंधन करती है तो वो यहां सीट निकाल सकती है.
कोटा
इस सीट पर भाजपा के ज्यादा वोटर हैं. इसलिए उसके जीतने की संभावना ज्यादा है. लेकिन अगर कांग्रेस यहां पर भी गठबंधन के साथ उतरती है तो वो यहां पर बीजेपी को कड़ी टक्कर दे सकती है. और हो सकता है कि उसके हाथ में जीत भी आ जाए.
अलवर
यहां से एक बड़े नेता भंवर जितेंद्र सिंह आते हैं. हो सकता हो वो यहां से लोकसभा चुनाव लड़ें. तो यहां पर कांग्रेस और बसपा साथ में आते हैं तो वो बीजेपी को कड़ी टक्कर के साथ हरा भी सकते हैं. क्यों कि मौजूदा विधानसभा चुनाव में बीजेपी यहां से महज 4 लाख से ज्यादा वोट ही पाई है.जबकि कांग्रेस+बसपा 5 लाख से ज्यादा वोट.
चित्तौड़गढ़
चित्तौड़गढ़ सीट की बात करें तो यहां पर बीजेपी के पास 7 लाख से ज्यादा वोट हैं. वहीं कांग्रेस और बसपा के साथ मिलकर बीजेपी को चुनौती दे सकती है. दोनों पार्टियों की मौजूदा स्थिति मे वोटों को जोड़ें तो करीब वो भी 7 लाख से ज्यादा होते हैं.
चूरू
चूरू सीट पर मुकाबला टक्कर का है. कोई भी अकेले जीतने का दम नहीं रखता है. अगर यहां भी कांग्रेस गठबंधन के साथ उतरती है तो वो यहां पर बीजेपी को पटखनी दे सकते हैं.
जयपुर ग्रामीण
भाजपा के गढ़ जयपुर में इस बार विधानसभा चुनावों में भी सेंध लगी. और कांग्रेस ने यहां पर उम्मीद से ज्यादा सीटें निकाली. यहां पर भी अभी लोकसभा चुनाव हो जाएं तो कांग्रेस गठबंधन बाजी मार सकती है.
जोधपुर
इस सीट पर कांग्रेस गठबंधन के साथ-साथ इस बार कांग्रेस भी फॉर्म में है. वहीं अगर इस बसपा का साथ मिलता है तो जोधपुर को विजय करने में आसानी होगी.
झुंझुनूं
इस सीट पर कांग्रेस मजबूत स्थिति में है. गठबंधन यहां पर बीजेपी को पटखनी देने में कामयाब हो सकती है.
टोंक-सवाई माधोपुर
यहां पर भी कांग्रेस+ अच्छे मार्जिन के साथ जीत रही है. इस सीट पर भी कांग्रेस ने इस बार अच्छी विधानसभा सीटें निकालीं हैं.
दौसा
यहां पायलट का गढ़ है. यहां पर भी कांग्रेस के हरीश चौधरी एक बड़े नेता हैं. और उनके बीजेपी छोड़ कांग्रेस में जाने का बीजेपी को नुकसान हो सकता है और यह सीट कांग्रेस+ निकाल सकती है.
नागौर
यह सीट भी कांग्रेस+ के हाथ में जा सकती है. अगर मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखा जाए. और कांग्रेस के साथ बसपा आ जाए.
बाड़मेर
इस सीट से मानवेंद्र ने बीजेपी का दामन छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया. वहीं इस विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी का प्रदर्शन भी काफी खराब रहा है. इस हिसाब से कांग्रेस+ इस सीट को निकाल सकती है.राजपूत मुस्लिम का नया गठबंधन कांग्रेस को जीता सकता हे,
बीकानेर
इस सीट पर भी कांग्रेस गठबंधन मजबूत स्थिति में है. लेकिन अकेले बीजेपी को हराना कांग्रेस के लिए नाको तले चना चबाना साबित हो सकता है.
भरतपुर
इस सीट पर भी बसपा की अच्छी पकड़ है. अगर कांग्रेस बसपा के साथ यहां उतरती है तो वो यह सीट भी भाजपा के हाथ से छीन सकती है.
श्रीगंगानगर
यह सीट भी कांग्रेस+ के हाथ में जा सकती है. अगर मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखा जाए. और कांग्रेस के साथ बसपा आ जाए.
सीकर
यहां पर भी कांग्रेस+ अच्छे मार्जिन के साथ जीत रही है. इस सीट पर भी कांग्रेस ने इस बार अच्छी विधानसभा सीटें निकालीं हैं
जयपुर. राजस्थान में विधानसभा चुनाव खत्म होते ही अब चर्चाएं लोकसभा चुनाव को लेकर शुरू हो गई है. मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनावों को 2019 के सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा था. इस हिसाब से अगर आज लोकसभा चुनाव हो जाएं तो राजस्थान में कांग्रेस गठबंधन को 16 सीटें मिल सकती है. तो आइए देखते हैं कौन-कौन सी हैं वो सीटें.
करौली-धौलपुर
इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी के अच्छे वोट हैं. अगर बात की जाए इस विधानसभा चुनाव की तो इस इलाके से बसपा को 90 हजार से ज्यादा वोट मिले. वहीं कांग्रेस को 50 हजार से ज्यादा और बीजेपी को 40 हजार से ज्यादा. इस हिसाब से अगर यहां पर कांग्रेस बसपा से गठबंधन करती है तो वो यहां सीट निकाल सकती है.
कोटा
इस सीट पर भाजपा के ज्यादा वोटर हैं. इसलिए उसके जीतने की संभावना ज्यादा है. लेकिन अगर कांग्रेस यहां पर भी गठबंधन के साथ उतरती है तो वो यहां पर बीजेपी को कड़ी टक्कर दे सकती है. और हो सकता है कि उसके हाथ में जीत भी आ जाए.
अलवर
यहां से एक बड़े नेता भंवर जितेंद्र सिंह आते हैं. हो सकता हो वो यहां से लोकसभा चुनाव लड़ें. तो यहां पर कांग्रेस और बसपा साथ में आते हैं तो वो बीजेपी को कड़ी टक्कर के साथ हरा भी सकते हैं. क्यों कि मौजूदा विधानसभा चुनाव में बीजेपी यहां से महज 4 लाख से ज्यादा वोट ही पाई है.जबकि कांग्रेस+बसपा 5 लाख से ज्यादा वोट.
चित्तौड़गढ़
चित्तौड़गढ़ सीट की बात करें तो यहां पर बीजेपी के पास 7 लाख से ज्यादा वोट हैं. वहीं कांग्रेस और बसपा के साथ मिलकर बीजेपी को चुनौती दे सकती है. दोनों पार्टियों की मौजूदा स्थिति मे वोटों को जोड़ें तो करीब वो भी 7 लाख से ज्यादा होते हैं.
चूरू
चूरू सीट पर मुकाबला टक्कर का है. कोई भी अकेले जीतने का दम नहीं रखता है. अगर यहां भी कांग्रेस गठबंधन के साथ उतरती है तो वो यहां पर बीजेपी को पटखनी दे सकते हैं.
जयपुर ग्रामीण
भाजपा के गढ़ जयपुर में इस बार विधानसभा चुनावों में भी सेंध लगी. और कांग्रेस ने यहां पर उम्मीद से ज्यादा सीटें निकाली. यहां पर भी अभी लोकसभा चुनाव हो जाएं तो कांग्रेस गठबंधन बाजी मार सकती है.
जोधपुर
इस सीट पर कांग्रेस गठबंधन के साथ-साथ इस बार कांग्रेस भी फॉर्म में है. वहीं अगर इस बसपा का साथ मिलता है तो जोधपुर को विजय करने में आसानी होगी.
झुंझुनूं
इस सीट पर कांग्रेस मजबूत स्थिति में है. गठबंधन यहां पर बीजेपी को पटखनी देने में कामयाब हो सकती है.
टोंक-सवाई माधोपुर
यहां पर भी कांग्रेस+ अच्छे मार्जिन के साथ जीत रही है. इस सीट पर भी कांग्रेस ने इस बार अच्छी विधानसभा सीटें निकालीं हैं.
दौसा
यहां पायलट का गढ़ है. यहां पर भी कांग्रेस के हरीश चौधरी एक बड़े नेता हैं. और उनके बीजेपी छोड़ कांग्रेस में जाने का बीजेपी को नुकसान हो सकता है और यह सीट कांग्रेस+ निकाल सकती है.
नागौर
यह सीट भी कांग्रेस+ के हाथ में जा सकती है. अगर मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखा जाए. और कांग्रेस के साथ बसपा आ जाए.
बाड़मेर
इस सीट से मानवेंद्र ने बीजेपी का दामन छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया. वहीं इस विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी का प्रदर्शन भी काफी खराब रहा है. इस हिसाब से कांग्रेस+ इस सीट को निकाल सकती है.राजपूत मुस्लिम का नया गठबंधन कांग्रेस को जीता सकता हे,
बीकानेर
इस सीट पर भी कांग्रेस गठबंधन मजबूत स्थिति में है. लेकिन अकेले बीजेपी को हराना कांग्रेस के लिए नाको तले चना चबाना साबित हो सकता है.
भरतपुर
इस सीट पर भी बसपा की अच्छी पकड़ है. अगर कांग्रेस बसपा के साथ यहां उतरती है तो वो यह सीट भी भाजपा के हाथ से छीन सकती है.
श्रीगंगानगर
यह सीट भी कांग्रेस+ के हाथ में जा सकती है. अगर मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखा जाए. और कांग्रेस के साथ बसपा आ जाए.
सीकर
यहां पर भी कांग्रेस+ अच्छे मार्जिन के साथ जीत रही है. इस सीट पर भी कांग्रेस ने इस बार अच्छी विधानसभा सीटें निकालीं हैं
हुकुम, बीकानेर सीट ना तो कांग्रेस जीत पाएगी ना ही भाजपा क्योंकि इस सीट पर मैं अपना उम्मीदवार खड़ा कर रहा हूं यह सीट सुरक्षित है। इसके लिए अभियान शुरू हो चुका है। इसलिए आप यह संशोधन कर ले की बीकानेर सीच हम राजस्थानी ही जीतेंगे।
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