झालावाड़. होटल में कमरा किराये पर लेकर मानवेंद्र सिंह ने शुरू किया प्रचार, खोले 5 चुनाव कार्यालय
झालावाड़. राजस्थान में इस बार दोनों ही पार्टियों की ओर से ना-ना कहते हुए भी पैराशूट उम्मीदवार उतारे गए हैं. ये उम्मीदवार रहने वाले किसी इलाके के हैं और चुनाव किसी और इलाके से लड़ रहे हैं. ऐसे ही एक नेता है मानवेंद्र सिंह जो बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए और अब मारवाड़ के किसी भी विधानसभा क्षेत्र को छोड़कर झालरापाटन से सीएम राजे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.
कहां रुके हैं मानवेंद्र
मानवेन्द्र सिंह झालावाड़ के मानसिंह होटल में रुके हुए हैं और शनिवार को झालावाड़ के ही होटल द्वारिका में शिफ्ट हो जाएंगे. होटल द्वारिका में उनके कमरे का किराया 900 रुपये रहेगा जबकि मानसिंह पैलेस में उनका किराया 2500 रुपये था. मानवेन्द्र सिंह यहीं से अपने प्रचार अभियान के तहत जनसंपर्क के लिए निकलते हैं उनके साथ स्थानीय नेताओं में प्रमोद शर्मा, मीनाक्षी चंद्रावत, शैलेंद्र यादव, वीरेंद्र सिंह झाला लगे हुए है. मानवेन्द्र सिंह की पत्नी चित्रा सिंह भी मुकुल चौधरी के साथ प्रचार करती हुई नजर आ रही है. मानवेन्द्र सिंह लोगों से डोर टू डोर व सभाएं करते हुए संपर्क कर रहे हैं.
कहां-कहां खोले कार्यालय
मानवेंद्र सिंह के पांच स्थानों पर चुनावी कार्यालय खुल गए हैं. पांच स्थानों में झालावाड़, झालरापाटन, रायपुर, पिड़ावा और सुनील में कार्यालय खुले हैं. चुनावी कार्यालय या तो पुराने पार्टी कार्यालय में या फिर किसी पार्टी कार्यकर्ता के घर पर खोले गए हैं.
डोर-टू-डोर प्रचार के साथ सभाएं भी
ईटीवी भारत की टीम ने मानवेंद्र सिंह के प्रचार प्रसार में लगे स्थानीय नेताओं से बात कि तो उन्होंने बताया कि मानवेंद्र सिंह राजस्थान के जाने-माने नेता है और उनके नाम पर स्थानीय स्तर पर जो भी गुट बने हुए थे. वह एकजुट हो गए हैं. सब मानवेंद्र सिंह के समर्थन में आ गए हैं. जगह-जगह उनके समर्थन में भीड़ नजर आ रही है और जनता उनको लेकर आश्वस्त है और उनको जीता कर ही मानेगा.
मानवेंद्र सिंह को जनता से मिल रहे रेस्पॉन्स को लेकर सवाल पर कार्यकर्ताओं का कहना है कि उनके पिता का नाम पूरे भारतवर्ष में है और सब लोग उनको जानते हैं. बीजेपी के कार्यकर्ता व सांसद प्रचार करने के लिए जाते हैं तो उनके लिए भीड़ जुटाना मुश्किल हो गई है. वह बच्चों को बैठाकर भाषण दे रहे हैं. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी को ढोल धमाकों के साथ स्वागत किया जा रहा है और अपार जनसमर्थन मानवेंद्र सिंह को मिल रहा है.
संपर्क को लेकर किये गए सवाल के जवाब में कार्यकर्ता ने बताया कि वह लोगों से डोर टू डोर संपर्क कर रहे हैं साथ ही आम सभाओं को संबोधित कर रहे हैं. वह अधिक से अधिक मतदाताओं के पास पहुंच रहे हैं और उनकी समस्याओं को सुन रहे हैं. उनकी समस्याओं का समाधान करने की कोशिश भी वह कर रहे हैं. वें सरकार की विफलता ओं को भी जनता के बीच में लेकर जा रहे हैं. किसान वर्ग को आ रही परेशानियों व बेरोजगारी की मार मार झेल रहे युवाओं से भी वो मिल रहे है.
पत्नी चित्रा भी लगी हैं प्रचार अभियान में
अन्य कार्यकर्ता का कहना है कि उनके साथ इस अभियान में उनकी पत्नी चित्रा सिंह भी लगी हुई है. उनका महिलाओं द्वारा सम्मान किया जा रहा है और अच्छा रिस्पांस किया जा रहा है. चित्रा सिंह महिलाओं से संबंधित समस्याओं को उठा रही है और लोगों को बता रही है कि क्षेत्र में किस प्रकार महिलाओं के प्रति अपराध बढ़े हैं. चित्रा सिंह मानवेंद्र सिंह के प्रचार प्रसार अभियान में अहम भूमिका निभा रही हैं. शुरुआती विरोध व स्थानीय नेताओं में फूट के सवाल पर उन्होंने कहा कि अब ऐसी स्थिति नहीं है. सभी स्थानीय नेता जो टिकट की दौड़ में शामिल थे लेकिन उनको टिकट नहीं मिला है वह आज मानवेंद्र सिंह के नाम पर एकजुट हो गए और उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चुनाव प्रचार में जुट गए हैं.
झालावाड़. राजस्थान में इस बार दोनों ही पार्टियों की ओर से ना-ना कहते हुए भी पैराशूट उम्मीदवार उतारे गए हैं. ये उम्मीदवार रहने वाले किसी इलाके के हैं और चुनाव किसी और इलाके से लड़ रहे हैं. ऐसे ही एक नेता है मानवेंद्र सिंह जो बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए और अब मारवाड़ के किसी भी विधानसभा क्षेत्र को छोड़कर झालरापाटन से सीएम राजे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.
कहां रुके हैं मानवेंद्र
मानवेन्द्र सिंह झालावाड़ के मानसिंह होटल में रुके हुए हैं और शनिवार को झालावाड़ के ही होटल द्वारिका में शिफ्ट हो जाएंगे. होटल द्वारिका में उनके कमरे का किराया 900 रुपये रहेगा जबकि मानसिंह पैलेस में उनका किराया 2500 रुपये था. मानवेन्द्र सिंह यहीं से अपने प्रचार अभियान के तहत जनसंपर्क के लिए निकलते हैं उनके साथ स्थानीय नेताओं में प्रमोद शर्मा, मीनाक्षी चंद्रावत, शैलेंद्र यादव, वीरेंद्र सिंह झाला लगे हुए है. मानवेन्द्र सिंह की पत्नी चित्रा सिंह भी मुकुल चौधरी के साथ प्रचार करती हुई नजर आ रही है. मानवेन्द्र सिंह लोगों से डोर टू डोर व सभाएं करते हुए संपर्क कर रहे हैं.
कहां-कहां खोले कार्यालय
मानवेंद्र सिंह के पांच स्थानों पर चुनावी कार्यालय खुल गए हैं. पांच स्थानों में झालावाड़, झालरापाटन, रायपुर, पिड़ावा और सुनील में कार्यालय खुले हैं. चुनावी कार्यालय या तो पुराने पार्टी कार्यालय में या फिर किसी पार्टी कार्यकर्ता के घर पर खोले गए हैं.
डोर-टू-डोर प्रचार के साथ सभाएं भी
ईटीवी भारत की टीम ने मानवेंद्र सिंह के प्रचार प्रसार में लगे स्थानीय नेताओं से बात कि तो उन्होंने बताया कि मानवेंद्र सिंह राजस्थान के जाने-माने नेता है और उनके नाम पर स्थानीय स्तर पर जो भी गुट बने हुए थे. वह एकजुट हो गए हैं. सब मानवेंद्र सिंह के समर्थन में आ गए हैं. जगह-जगह उनके समर्थन में भीड़ नजर आ रही है और जनता उनको लेकर आश्वस्त है और उनको जीता कर ही मानेगा.
मानवेंद्र सिंह को जनता से मिल रहे रेस्पॉन्स को लेकर सवाल पर कार्यकर्ताओं का कहना है कि उनके पिता का नाम पूरे भारतवर्ष में है और सब लोग उनको जानते हैं. बीजेपी के कार्यकर्ता व सांसद प्रचार करने के लिए जाते हैं तो उनके लिए भीड़ जुटाना मुश्किल हो गई है. वह बच्चों को बैठाकर भाषण दे रहे हैं. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी को ढोल धमाकों के साथ स्वागत किया जा रहा है और अपार जनसमर्थन मानवेंद्र सिंह को मिल रहा है.
संपर्क को लेकर किये गए सवाल के जवाब में कार्यकर्ता ने बताया कि वह लोगों से डोर टू डोर संपर्क कर रहे हैं साथ ही आम सभाओं को संबोधित कर रहे हैं. वह अधिक से अधिक मतदाताओं के पास पहुंच रहे हैं और उनकी समस्याओं को सुन रहे हैं. उनकी समस्याओं का समाधान करने की कोशिश भी वह कर रहे हैं. वें सरकार की विफलता ओं को भी जनता के बीच में लेकर जा रहे हैं. किसान वर्ग को आ रही परेशानियों व बेरोजगारी की मार मार झेल रहे युवाओं से भी वो मिल रहे है.
पत्नी चित्रा भी लगी हैं प्रचार अभियान में
अन्य कार्यकर्ता का कहना है कि उनके साथ इस अभियान में उनकी पत्नी चित्रा सिंह भी लगी हुई है. उनका महिलाओं द्वारा सम्मान किया जा रहा है और अच्छा रिस्पांस किया जा रहा है. चित्रा सिंह महिलाओं से संबंधित समस्याओं को उठा रही है और लोगों को बता रही है कि क्षेत्र में किस प्रकार महिलाओं के प्रति अपराध बढ़े हैं. चित्रा सिंह मानवेंद्र सिंह के प्रचार प्रसार अभियान में अहम भूमिका निभा रही हैं. शुरुआती विरोध व स्थानीय नेताओं में फूट के सवाल पर उन्होंने कहा कि अब ऐसी स्थिति नहीं है. सभी स्थानीय नेता जो टिकट की दौड़ में शामिल थे लेकिन उनको टिकट नहीं मिला है वह आज मानवेंद्र सिंह के नाम पर एकजुट हो गए और उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चुनाव प्रचार में जुट गए हैं.
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