राजस्थान की खराब आर्थिक हालत से परेशान गहलोत, बोले- पीएम को कहना चाहिए 'Don't Worry'
जयपुर. मुख्यमंत्री पद की शपथ भी लेने से पहले ही अशोक गहलोत ने प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर चिंता प्रकट कर दी है. इसके लिए उन्होंने वसुंधरा राजे को जिम्मेदार भी ठहराया है. अब सवाल उठता है कि चुनावी घोषणा के मुताबिक 10 दिन के भीतर किसानों के 99 हजार करोड़ रुपए के कर्जे कैसे माफ होंगे.
रविवार को शपथ ग्रहण स्थल अल्बर्ट हॉल का जायजा लेने पहुंचे अशोक गहलोत ने कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार को आगे बढ़कर यह संदेश पूरे देशभर में देना चाहिए कि 'डॉन्ट वरी..चाहे सरकार हमारी नहीं बनी लेकिन हमारी तरफ से सहयोग में कोई कमी नहीं रहेगी.
गहलोत ने कहा कि जब वे पिछली बार मुख्यमंत्री थे तब केन्द्र में कांग्रेस की सरकार थी. तब राजस्थान में कोई कमी नहीं थी. जब एक पत्रकार ने पूछा कि पीएम मोदी का आधिकारिक बयान आया है उस पर आप क्या कहेंगे. तब गहलोत ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि प्राइम मिनिस्टर का पहला ट्वीट यह आना चाहिए कि हमारी तरफ से सहयोग में कोई कमी नहीं होगी. राजस्थान की जनता भले ही 10 दिनों के भीतर कर्ज माफी की उम्मीद में है और विपक्ष कांग्रेस के इस वादे को पूरा नहीं किए जाने पर आरोप लगाने के लिए तैयार बैठा है. लेकिन मुख्यमंत्री की शपथ लेने से पहले ही अशोक गहलोत ने गेंद केंद्र सरकार के पाले में डाल दी है. चुनाव प्रचार में राहुल गांधी 10 दिनों में कर्ज माफी का लगातार वादा करते रहे. लेकिन अब जबकि कांग्रेस की सरकार बन गई है तब कर्ज माफी पर गहलोत ने कोई संतोषजक जबाव नहीं दिया.
अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान सरकार तो अपना काम करेगी ही लेकिन पीएम मोदी को भी आगे बढ़कर राजस्थान सरकार को यह भरोसा देना चाहिए कि डोंट वरी... चुनौती भरे इस काम को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार उनके साथ है. उन्होंने उम्मीद जताई कि केन्द्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार राजस्थान में कांग्रेस सरकार को पूर्ण सहयोग करेगी और कांग्रेस सरकार के साथ कोई राजनीतिक भेदभाव नहीं होगा.
राजस्थान के हालातों के लिए वसुंधरा राजे जिम्मेदार
गहलोत ने वसुंधरा राजे पर एक बार फिर से गंभीर आरोप लगाए और कहा कि पिछले कार्यकाल में जो योजनाएं शुरू की गई थी उन्हें वसुंधरा राजे ने बंद कर दिया. रिफाइनरी के मामले में तो हमें बेवजह बदनाम किया गया. उन्होंने कहा कि वसुंधरा राजे को 162 विधायकों का समर्थन मिला था, लेकिन उन्होंने सरकार चलाने में लापरवाही बरती.
इस लापरवाही को ही कांग्रेस ने उजागर किया. आज हम सत्ता में हैं और वसुंधरा राजे विपक्ष में. यदि हम भी जनता की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरेंगे तो हमें भी बदल दिया जाएगा... मैं 24 घंटे 365 दिन जनता के बीच रहता हूं... मुझे कोई पद प्रभावित नहीं करता.
अशोक गहलोत चाहते हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी खुद आगे बढ़कर यह मैसेज राजस्थान सरकार को दें कि 'डोंट वरी' केंद्र सरकार उनके साथ है. राजस्थान में भले ही भाजपा की सरकार नहीं बनी हो लेकिन उन्हें यह संदेश देना चाहिए कि वो राजस्थान की मदद वैसे ही करेंगे जैसे वो खुद की सरकार होने पर करते थे.
जयपुर. मुख्यमंत्री पद की शपथ भी लेने से पहले ही अशोक गहलोत ने प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर चिंता प्रकट कर दी है. इसके लिए उन्होंने वसुंधरा राजे को जिम्मेदार भी ठहराया है. अब सवाल उठता है कि चुनावी घोषणा के मुताबिक 10 दिन के भीतर किसानों के 99 हजार करोड़ रुपए के कर्जे कैसे माफ होंगे.
रविवार को शपथ ग्रहण स्थल अल्बर्ट हॉल का जायजा लेने पहुंचे अशोक गहलोत ने कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार को आगे बढ़कर यह संदेश पूरे देशभर में देना चाहिए कि 'डॉन्ट वरी..चाहे सरकार हमारी नहीं बनी लेकिन हमारी तरफ से सहयोग में कोई कमी नहीं रहेगी.
गहलोत ने कहा कि जब वे पिछली बार मुख्यमंत्री थे तब केन्द्र में कांग्रेस की सरकार थी. तब राजस्थान में कोई कमी नहीं थी. जब एक पत्रकार ने पूछा कि पीएम मोदी का आधिकारिक बयान आया है उस पर आप क्या कहेंगे. तब गहलोत ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि प्राइम मिनिस्टर का पहला ट्वीट यह आना चाहिए कि हमारी तरफ से सहयोग में कोई कमी नहीं होगी. राजस्थान की जनता भले ही 10 दिनों के भीतर कर्ज माफी की उम्मीद में है और विपक्ष कांग्रेस के इस वादे को पूरा नहीं किए जाने पर आरोप लगाने के लिए तैयार बैठा है. लेकिन मुख्यमंत्री की शपथ लेने से पहले ही अशोक गहलोत ने गेंद केंद्र सरकार के पाले में डाल दी है. चुनाव प्रचार में राहुल गांधी 10 दिनों में कर्ज माफी का लगातार वादा करते रहे. लेकिन अब जबकि कांग्रेस की सरकार बन गई है तब कर्ज माफी पर गहलोत ने कोई संतोषजक जबाव नहीं दिया.
अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान सरकार तो अपना काम करेगी ही लेकिन पीएम मोदी को भी आगे बढ़कर राजस्थान सरकार को यह भरोसा देना चाहिए कि डोंट वरी... चुनौती भरे इस काम को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार उनके साथ है. उन्होंने उम्मीद जताई कि केन्द्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार राजस्थान में कांग्रेस सरकार को पूर्ण सहयोग करेगी और कांग्रेस सरकार के साथ कोई राजनीतिक भेदभाव नहीं होगा.
राजस्थान के हालातों के लिए वसुंधरा राजे जिम्मेदार
गहलोत ने वसुंधरा राजे पर एक बार फिर से गंभीर आरोप लगाए और कहा कि पिछले कार्यकाल में जो योजनाएं शुरू की गई थी उन्हें वसुंधरा राजे ने बंद कर दिया. रिफाइनरी के मामले में तो हमें बेवजह बदनाम किया गया. उन्होंने कहा कि वसुंधरा राजे को 162 विधायकों का समर्थन मिला था, लेकिन उन्होंने सरकार चलाने में लापरवाही बरती.
इस लापरवाही को ही कांग्रेस ने उजागर किया. आज हम सत्ता में हैं और वसुंधरा राजे विपक्ष में. यदि हम भी जनता की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरेंगे तो हमें भी बदल दिया जाएगा... मैं 24 घंटे 365 दिन जनता के बीच रहता हूं... मुझे कोई पद प्रभावित नहीं करता.
अशोक गहलोत चाहते हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी खुद आगे बढ़कर यह मैसेज राजस्थान सरकार को दें कि 'डोंट वरी' केंद्र सरकार उनके साथ है. राजस्थान में भले ही भाजपा की सरकार नहीं बनी हो लेकिन उन्हें यह संदेश देना चाहिए कि वो राजस्थान की मदद वैसे ही करेंगे जैसे वो खुद की सरकार होने पर करते थे.
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