सोमवार, 12 नवंबर 2018

नागौर से मोहनराम चौधरी..हिब्बीबुर्रहमानने दिया इस्तीफा ,लड़ेंगे चुनाव

नागौर से मोहनराम चौधरी..हिब्बीबुर्रहमानने दिया इस्तीफा ,लड़ेंगे चुनाव 

नागौर। जिले से मोहनराम चौधरी को भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा से प्रत्याशी बनाकर सबको चौंका दिया है. चौधरी के घर पर रात से ही बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है.




टिकट मिलने पर खुशी जताते हुए चौधरी ने कहा कि वे भाजपा वह मोदी की विचारधारा को आगे बढ़ाने का काम करेंगे. भाजपा का जो घोषणा पत्र होगा उसी के मुताबिक नागौर में कार्य करवाएंगे. उन्होंने बताया कि हर वर्ग को साथ में लेकर चलने में विश्वास रखते हैं. सभी नाराज कार्यकर्ताओं को एकजुट एक मंच पर लाएंगे.




नागौर से पर मौजूदा विधायक हबीबुर्रहमान के टिकट कटने के बारे में बात करें तो संघ से जुड़े सूत्रों के फीडबैक के बाद भी जिन कमजोर विधायकों को दोबारा मैदान में नही उतरने के लिए कहां गया था. मुस्लिम बहुल्य इलाके मे एक बार फिर अब संघ और बीजेपी को बहुत ज्यादा मेहनत के साथ मैदान मे उतरना पडेगा. नागौर जिले के 7 उम्मीदवारों की पहली सूची में कोई मुस्लिम प्रत्याशी नहीं है. इससे साफ लग रहा है कि टिकटों के चयन में संघ का दखल रहा है. गौरतलब है कि कई मुद्दों को लेकर भाजपा कार्यकर्ता विधायक हबीबुर्रहमान से नाराज चल रहे थे, लेकिन कोई विकल्प नहीं होने पर नागौर से हबीबुर्रहमान का टिकट तय माना जा रहा था. तमाम अटकलों को दर किनार करते हुए भाजपा ने मौजूदा विधायक का टिकट काटकर संघ पृष्ठभूमि के मोहनराम चौधरी को टिकट दिया गया है.




चौधरी को हाल ही भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली थी और वे पूर्व में जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं. बीजेपी की पहली लिस्ट से साफ समझा जा सकता है कि इस बार संध और सीएम राजें की पसंद के नेताओं को तरजीह दी गई है. जबकि बीजेपी में सीएम राजें के खास माने जाने वाले नागौर विधायक हबीबूरहमान व दलित नेता सुखराम के टिकट काटे गए हैं. अभी डीडवाना मकराना खिंवसर के प्रत्याशियों की घोषणा और होनी है. अब बीजेपी संगठन में लगातार नेता दावा कर रहे थे कि इस बार टिकट बंटवारे की बागडौर अमित शाह के हाथों में है.दूसरी लिस्ट में अब जाट बहुल्य क्षेत्र मकराना खिंवसर मे किसके नाम पर पार्टी अब मोहर लगती है अब देखना बाकी है. लेकिन उम्मीदवार सीएम राजे के खास रहे मंत्री युनुस खान का पहली सूची मे नाम नहीं आना भी चर्चा का विषय बन गया है. यह इस बात का सीधा संकेत है कि पार्टी अब संघ की विचारधारा वाले नेताओं को मैदान मे उतार कर नई बीजेपी की बात को आगे बढा रही है.  संघ ने टिकट बंटवारे मे इस बार हस्तक्षेप करने की कोशिश की लेकिन संघ के खास लोगों को टिकट दे दिया गया.

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