शनिवार, 3 दिसंबर 2022

राजस्थान में गैंगवार, कुख्यात गैंगस्टर राजू ठेहट का दिन-दहाड़े मर्डर:सीकर में उसके घर के बाहर ही गोलियों से भूना; आनंदपाल गैंग से थी दुश्मनी





 राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर राजू ठेहट का सीकर में आज सुबह गैंगवार में मर्डर हो गया। कोचिंग की ड्रेस में पहुंचे बदमाशों ने ठेहट को घंटी बुलाकर बाहर बुलाया और फायरिंग कर दी। ठेहट को तीन से ज्यादा गोली लगने की जानकारी है। राजस्थान के पुलिस महानिदेशक (DGP) उमेश मिश्रा ने बताया कि इस फायरिंग का एक बदमाश ने वीडियो भी बनाया। हत्या करके बदमाश अल्टो कार से भागे हैं।


मिश्रा ने बताया कि बदमाश पंजाब और हरियाणा बॉर्डर की तरफ जाएंगे। इन बदमाशों के पीछे राजस्थान पुलिस है पूरे प्रदेश भर में कड़ी सुरक्षा के आदेश दे दिए गए हैं। सभी एसएचओ को फील्ड में रहने के आदेश दिए गए हैं। पुलिस ने बताया कि शहर के पिपराली रोड पर ठेहट का घर है। यहां हुई फायरिंग में ठेहट के साथ उसके एक रिश्तेदार की मौत की भी जानकारी है। हालांकि, पुलिस ने दूसरे मौत की पुष्टि नहीं की है।


इस एरिया में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच में चारों बदमाश नजर आए हैं। जिसमें वे हथियारों के साथ भागते नजर आ रहे हैं। वहीं, फायरिंग की जानकारी मिलते ही सीकर एसपी कुंवर राष्ट्रदीप सहित बड़े पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए और डीजीपी के निर्देश पर पूरे राज्य में नाकाबंदी की गई है। ठेहट की गैंग शेखावाटी में काफी सक्रिय थी और आनंदपाल गैंग से भी उसकी दुश्मनी थी। आनंदपाल के एनकाउंटर के बाद भी दोनों गैंग में वर्चस्व की लड़ाई जारी थी।


पुलिस ने पकड़ा तो फिर सीकर रहने लगा

राजू ठेहट सीकर के बाद जयपुर में अपनी जड़ें मजबूत करना चाहता था। इसी मकसद से उसने जयपुर को अपना सुरक्षित ठिकाना बना लिया था।


इतना ही नहीं विवादित जमीनों और सट्टा कारोबारियों पर भी राजू ठेहट की नजरें थी। लेकिन महेश नगर थाना पुलिस ने शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। इसके बाद राजू ठेहट वापस सीकर शिफ्ट हो गया था।

गैंगस्टर्स राजू ठेहट लग्जरी लाइफ जीने का शौकीन है। वह महंगी कार और बाइक पर काफिले के साथ घूमता है। गैंगस्टर राजू ठेहट को सीकर बॉस के नाम से बुलाया जाने लगा है।


जयपुर जेल में बंद रहने के दौरान अपनी गैंग को बढ़ाने के मकसद से जयपुर में भी अपना ठिकाना बनाया। उसको जयपुर के स्वेज फार्म में जिस मकान से पकड़ा, उसकी कीमत 3 करोड़ रुपए बताई जा रही है ।


दरअसल,राजस्थान में गैंगस्टर्स आनंदपाल सिंह और राजू ठेहट में करीब दो दशक वर्चस्व की लड़ाई चली थी। आनंदपाल के एनकाउंटर के बाद राजू ठेहट का वर्चस्व हो गया।


जेल में बंद होने के दौरान भी उसके फिरौती मांगकर संरक्षण देने के कई मामले सामने आए थे। राजू ठेहट गैंग (RTG) परिवार से लोग गैंगस्टर के साथ जुड़ रहे हैं।गैंगस्टर राजू ठेहट ने अपना वर्चस्व तो बना लिया। लोगों में सक्रिय रहने के लिए वह रील बनाकर सोशल मीडिया पर भी डालता रहता है। महंगी कार और बाइक का शौकीन राजू ठेहट जयपुर स्थित अपने ठिकाने पर कई बार घूमते नजर आया है। कभी अकेले बाइक राइडिंग तो कभी नई लग्जरी कार राइड करते हुए वीडियो शूट किए। अपने गनमैन और कारों के काफिले के साथ रील बनाकर सोशल मीडिया पर डाले हैं।


शनिवार, 1 अक्तूबर 2022

भारत-पाक सीमा पर है घन्टयाली माता का चमत्कारी मंदिर

 नवरात्रि विशेष


भारत-पाक सीमा पर है घन्टयाली माता का चमत्कारी मंदिर


चंदन सिंह भाटी







जैसलमेर पश्चिमी राजस्थान में थार के अंतिम जिले जैसलमेर से करीब 110 कि.मी. दूर पाकिस्तानी सीमा से सटे तनोट क्षेत्र स्थित ‘घन्टयाली माता’ मंदिर शक्तिस्थल के रूप में आम श्रद्धालुओं के अलावा भारतीय सैनिकों व अधिकारियों के आस्था स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। यहां पर दिनभर सैनिकों एवं फौज का आना-जाना लगा रहता है। इस मंदिर परिसर में सन् 1965 में भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान द्वारा गिराये ‘बम’ भी देवी के चरणों में नतमस्तक होकर नहीं फटे। ये  मंदिर  में आज भी रखे हुए हैं। साथ ही साथ पाक सेना द्वारा इस क्षेत्र में घुसकर मंदिर स्थित अनेक मूर्तियों को

खंडित भी किया गया। वे भी मंदिर में रखी हुई हैं। 1965 की लड़ाई के दौरान घंटियाली माता ने अपने पर्चे भी दिये जिससे सेना व आम नागरिक अभिभूत हो गये।

घन्टयाली माता के मंदिर की देखरेख भी जवान ही करते हैं जो मंदिर में सुबह-शाम पूजा-अर्चना भी करते हैं। यह मंदिर मातेश्वरी तनोट के दर्शन करने जाते समय 7 कि.मी. पहले रास्ते में पड़ता है। घन्टयाली मां के दर्शन अत्यंत ही शुभ माने जाते हैं। घंटियाली माता के मंदिर के बारे में यहां रोचक प्राचीन कथा सुनने को मिलती है। इस संदर्भ में मंदिर परिसर में खंडित मूर्तियों के ऊपर दीवार पर पूरी कथा श्रद्धालुओं को पढऩे को मिलती है। ऐसा कहा जाता है कि प्राचीन काल में कुछ अपराधी प्रवृत्ति के लोगों ने सीमावर्ती गांवों के पास रहने वालों पर अत्याचार किये व इस दौरान एक परिवार के सभी सदस्यों को मौत के घाट उतार दिया गया। उस समय मात्र परिवार की एक गर्भवती महिला हीबची, जो अपने गांव को छोड़कर दूसरे स्थान पर चली गई। कुछ समय के बाद उसने एक पुत्र को जन्म दिया। बड़ा होने के बाद जब उसने अपने परिवार के बारे में पूछा तो उसकी मां ने उसे सारी घटना से अवगत कराया। इस घटना को सुनकर उसने अपराधियों से बदला लेने की ठानी व एक दिन तलवार लेकर घन्टयाली गांव में आया जहां एक छोटा-सा मंदिर था। 

यहां उसने माता को बच्ची के रूप में देखा। मां ने उसे अपने हाथों से जल पिलाकर उसकी प्यास बुझाकर आशीर्वाद दिया कि तुम्हारी मनोकामना पूर्ण होगी। तत्पश्चात उसने चरणों में शीश झुकाकर अपनी इच्छा पूरी करने का उपाय पूछा। जगत जननी माता ने उसे कहा कि तुम केवल एक व्यक्ति को मारना, बाद में सभी एक-दूसरे पर हमला कर मारे जाएंगे। माता की बात सुनकर लड़के ने कहा कि यदि यह चमत्कार हो गया तो मैं पुन: यहां आकर अपना शीश आपके चरणों में चढ़ा दूंगा। उसके बाद वह लड़का उसी गांव में पहुंचा तो उसने देखा कि एक समुदाय की बारात आ रही है। उसने पीछे से एक बाराती को मार डाला। अचानक इस घटना से क्षुब्ध लोग आपस में लड़ पड़े और देखते ही देखते सारे बाराती मारे गये और गांव के अन्य लोग भी। दूर से सब कुछ समाप्त हुआ देख वह पुन: घन्टयाली माता के मंदिर के पास आया

और मां को पुकारने लगा। काफी देर तक जब माता प्रकट न हुई तो वह तलवार से ज्यों ही अपना शीश काटने लगा तभी मां प्रकट हुई और उसका हाथ पकड़कर कहा- मैं तो यहीं विराजमान हूं और मैं अपने भक्तों को दर्शन देकर आगे भी कृतार्थ करती रहूंगी।


इस घटना के बाद दूर-दूर तक मां के चमत्कारी होने की बात फैल गई व दूरदराज से भी ग्रामीण दर्शनाभिलाषी पहुंचने लगे। धीरे-धीरे मंदिर को दूर-दूर तक फैले रेत के टिब्बों के मध्य भव्य रूप प्रदान किया गया। फिर तो भारत-पाक सीमा पर तैनात सेना के जवानों और अधिकारियों ने मंदिर में नित्य पूजा-अर्चना करनी शुरू कर दी जो आज भी जारी है।


घन्टयाली माता के अद्भुत चमत्कार युद्ध में भी दिखाई दिये जिससे सभी में इतनी आस्था प्रबल हो उठी कि आज जैसलमेर आने वाले हजारों पर्यटक चाहे वे विदेशी हों या भारतीय, घन्टयाली माता व तनोट राय के दर्शन किये बगैर नहीं लौटते है। मंदिर में तैनात फौज के जवान पूरी निष्ठा व नि:स्वार्थ भाव से आने वाले भक्तों की सेवा में कोई कमी नहीं रखते। घन्टयाली माता के मंदिर में सभी तरह की सुविधाएं भी मुहैया करवाई गई हैं जिससे श्रद्धालुओं को कोई परेशानी नहीं होती।


फोटो ghantiyali

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लोगों को जागरूक कर योजना में पंजीकरण से वंचित परिवारों का करावें रजिस्ट्रेशन - जिला कलक्टर

 गांधी जयंती को आयोजित ग्राम सभा/वार्ड सभाओं में चिकित्सा अधिकारी चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का करें व्यापक प्रचार-प्रसार,  

लोगों को जागरूक कर योजना में पंजीकरण से वंचित परिवारों का करावें रजिस्ट्रेशन - जिला कलक्टर


जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में जिले की स्वास्थ्य सेवाओं पर विस्तार से हुई समीक्षा



जैसलमेर,  जिला कलक्टर टीना डाबी ने चिकित्सा अधिकारियों को आगामी 2 अक्टूबर गांधी जयंती को समस्त ग्राम पंचायतों व शहरी क्षेत्र में समस्त वार्डों में ग्राम सभाओं/वार्ड सभाओं का आयोजन कर मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने तथा योजना में पंजीकरण से वंचित परिवारों को प्रेरित कर रजिस्ट्रेशन करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधियों व भामाशाहों का सहयोग लेकर मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना अन्तर्गत वंचित परिवारों का ई-मित्र के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करवाने के निर्देश दिए। चिकित्सा अधिकारियों को स्वास्थ्य सूचकांको में सुधार कर जिले को अग्रणीय जिलों में लाने हेतु विशेष प्रयास करने के निर्देष प्रदान किये। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना अन्तर्गत जिला अस्पताल व उप जिला अस्पताल पोकरण को सुधार हेतु आवश्यक निर्देश दिए।


उन्होने विभागीय अधिकारियों को जिले में स्वास्थ्य विभाग की समस्त फ्लैगशिप योजनाओं व कार्यक्रमों का प्रभावी क्रियान्वयन करने के निर्देष दिए तथा महत्वपूर्ण योजनाओं मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना, मुख्यमंत्री निःशुल्क जॉच योजना, टीकाकरण कार्यक्रम, परिवार कल्याण कार्यक्रम, जननी सुरक्षा योजना का बेहतरीन ढंग से संचालन कर इसकी प्रभावी मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होने माह अगस्त 2022 तक विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन में कम उपलब्धि अर्जित करने वाले चिकित्सा संस्थानों के चिकित्सा अधिकारियों को कार्य में सुधार के लिए निर्देशित किया। उन्होंने चिकित्सा अधिकारियों को समस्त विभागीय योजनाओं और कार्यक्रमों की रिपोर्ट जिला स्तर पर समय पर प्रेषित करने के निर्देश भी दिए। 


उन्होंनंे फील्ड स्टॉफ, एएनएम व आशा सहयोगिनी को स्वास्थ्य सूचकांकों मंे आशानुरूप उपलब्धि अर्जित करने पर विशेष प्रयास करने पर जोर दिया। उन्होंनंे विभागीय अधिकारियों को निर्देष दिए कि वे परिवार कल्याण, जननी सुरक्षा योजना योजना, टीकाकरण, संस्थागत प्रसव इत्यादि में आंवटित लक्ष्यों की पूर्ति निर्धारित कार्य योजना अनुरूप करने के निर्देश दिए।


उन्होंनंे शिक्षा विभाग के अधिकारियो को जिले में स्कूल हैल्थ कार्यक्रम का विद्यालयों में प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित कर समय पर प्रतिमाह रिपोर्टिंग करने के निर्देश दिए।


जिला कलक्टर ने समस्त विभागीय कार्मिकों को गम्भीरता पूर्वक गर्भवती महिलाओं एवं बच्चो को स्वास्थ्य सेवाओ से लाभान्वित करने के निर्देष दिये। एनिमिया से ग्रसित समस्त गर्भवती महिलाओं की टेªकिंग कर आवष्यक उपचार कर लाभान्वित करने के निर्देष दिये। जिले में प्रत्येक मंगलवार को शक्ति दिवस के रूप में आयोजित कर एनिमीया मुक्त राजस्थान कार्यक्रम का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। उन्होने चिकित्सा अधिकारियों को निर्देष दिए कि वे लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करावंे। उन्होंनें चिकित्सालयों में पर्याप्त मात्रा में निःशुल्क दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने एवं मरीजों को इसका पूरा लाभ देने के निर्देश दिए।


जिला कलक्टर ने टीबी मुक्त ग्राम पंचायत विषयक बैनर का विमाचन किया। उन्होंने चिकित्सा अधिकारियों को स्वास्थ्य केन्द्रांे में संभावित टी.बी रोगियों की शत-प्रतिशत जांच कर उनका निःषुल्क उपचार करने के निर्देष दिए। सभी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न योजनाओं की जानकारी ग्रामीणों को प्रदान करें ताकि लोग सरकार द्वारा संचालित स्वास्थ्य सेवाओं का भरपूर लाभ लें।


शुक्रवार को कलक्टर सभागार में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.बी.एल.बुनकर, डॉ. वी.के. वर्मा, उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (प.क.) डॉ. आर.पी.गर्ग, उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (स्वा.) डॉ. एम.डी.सोनी, जिला औषधि भंडार प्रभारी डॉ कुणाल साहू, जिला क्षय नियंत्रण अधिकारी डॉ. बलवीर चौधरी, समस्त खण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारी, उपनिदेशक आयुर्वेद डॉ. रामनरेश शर्मा, शिक्षा विभाग के नरेश केवलिया व व्याख्याता पूनमाराम, महिला एवं बाल विकास विभाग के सोमेश्वर, डीपीएम, एनएचएम अजय कडवासराएवं जिले के समस्त सामुदायिक एवं प्राथमिक चिकित्सा केन्द्रांे के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी उपस्थित थे।


जिला कलक्टर टीना डाबी ने चिकित्सा अधिकारियों को मौसमी बीमारियों मलेरिया, डेंगू आदि की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए सार्थक प्रयास करने तथा एन्टी लार्वा गतिविधियों तथा आमजन को मौसमी बीमारियों से बचाव के प्रति जागरूक करने के निर्देश दिए। सभी चिकित्सा अधिकारी पूर्ण टीकाकरण कार्य में शत्-प्रतिषत बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण करवाना सुनिष्चित करें। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बी.एल. बुनकर ने मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, हैल्थ वेलनेस सेन्टर, कायाकल्प कार्यक्रम, एवं समस्त विभागीय गतिविधियों की मासिक प्रगति रिपोर्ट के बारे में पावर पॉईन्ट प्रजेन्टेशन के माध्यम से जानकारी प्रदान की।

गुरुवार, 28 अप्रैल 2022

जैसलमेर हुरमुचो भारत की प्राचीन और पारम्परिक सिंध कशीदा शैली,सरंक्षण की दरकार

जैसलमेर हुरमुचो भारत की प्राचीन और पारम्परिक सिंध कशीदा शैली,सरंक्षण की दरकार


जैसलमेर  कशीदाकारी भारत का पुराना और बेहद खूबसूरत हुनर है । बेहद कम साधनों और नाममात्र की लागत के साथ शुरु किये जा सकने वाली इस कला के कद्रदान कम नहीं हैं । रंग बिरंगे धागों और महीन सी दिखाई देने वाली सुई की मदद से कल्पनालोक का ऎसा संसार कपड़े पर उभर आता है कि देखने वाले दाँतों तले अँगुलियाँ दबा लें । लखनऊ की चिकनकारी,बंगाल के काँथा और गुजरात की कच्छी कढ़ाई का जादू हुनर के शौकीनों के सिर चढ़कर बोलता है। इन सबके बीच सिंध शैली की कशीदाकारी ने  जैसलमेर की हस्तशिल्प कला  ,को  अलग पहचान है । तेज़ रफ़्तार ज़िन्दगी में जबकि हर काम मशीनों से होने लगा है, सिंधी कशीदाकारों की कारीगरी "हरमुचो" किसी अजूबे से कम नज़र नहीं आती । बारीक काम और चटख रंगों का अनूठा संयोजन सामान्य से वस्त्र को भी आकर्ष्क और खास बना देता है । हालाँकि वक्त की गर्द इस कारीगरी पर भी जम गई है । नई पीढ़ी को इस हुनर की बारीकियाँ सिखाने के लिये स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रमों के जरिये इसका सरंक्षण आवश्यक हे वार्ना समय की मार के साथ हरमुचो बीते वक़्त की बात हो जाएगी । स्थानीय  सिंधी मुस्लिम महिलाए आज भी हरमुचो कला के कद्रदानों को सुई-धागे से रचे जाने वाले अनोखे संसार के दर्शन करा रही हैं  । हुरमुचो सिंधी भाषा का शब्द है जिसका शब्दिक अर्थ है कपड़े पर धागों को गूंथ कर सज्जा करना।

हुरमुचो भारत की प्राचीन और पारम्परिक कशीदा शैलियों में से एक है। अविभाजित भारत के सिंध प्रांत में प्रचलित होने के कारण इसे सिंधी कढ़ाई भी कहते हैं। सिंध प्रांत की खैरपुर रियासत और उसके आस-पास के क्षेत्र हरमुचो के जानकारों के गढ़ हुआ करते थे। यह कशीदा प्रमुख रूप से कृषक समुदायों की स्त्रियाँ फसल कटाई के उपरान्त खाली समय में अपने वस्त्रों की सज्जा के लिये करती थीं। आजादी के साथ हुए बँटवारे में सिंध प्रांत पाकिस्तान में चला गया किंतु वह कशीदा अब भी भारत के उन हिस्सों में प्रचलित है, जो सिंध प्रान्त के सीमावर्ती क्षेत्र हैं। पंजाब के मलैर कोटला क्षेत्र, राजस्थान के जैसलमेर ,बाड़मेर ,बीकानेर और श्री गंगानगर, गुजरात के कच्छ, महाराष्ट्र के उल्हासनगर तथा मध्य प्रदेश के ग्वालियर में यह कशीदा आज भी प्रचलन में है। जैसलमेर के मुस्लिम बाहुल्य गाँवो में आज भी महिलाए हरमुचो शैली की कशीदाकारी बड़े शौक से करती हैं ,अलबत्ता इस शैली का सरंक्षण किसी स्तर पर नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण हैं ,

हुरमुचो कशीदा को आधुनिक भारत में बचाए रखने का श्रेय सिंधी समुदाय की वैवाहिक परंपराओं को जाता है। सिंधियों में विवाह के समय वर के सिर पर एक सफेद कपड़ा जिसे ’बोराणी’ कहते है, को सात रंगो द्वारा सिंधी कशीदे से अलंकृत किया जाता है। आज भी यह परम्परा विद्यमान है। सिंधी कशीदे की प्रमुख विशेषता यह है कि इसमें डिजाइन का न तो कपड़े पर पहले कोई रेखांकन किया जाता है और न ही कोई ट्रेसिंग ही की जाती है। डिजाइन पूर्णतः ज्यामितीय आकारों पर आधारित और सरल होते हैं। जिन्हें एक ही प्रकार के टांके से बनाया जाता है जिसे हुरमुचो टांका कहते हैं। यह दिखने में हैरिंघ बोन स्टिच जैसा दिखता है परंतु होता उससे अलग है। पारम्परिक रूप से हुरमुचो कशीदा वस्त्रों की बजाय घर की सजावट और दैनिक उपयोग में आने वाले कपड़ों में अधिक किया जाता था। चादरों,गिलाफों,रूमाल,बच्चों के बिछौने,थालपोश,थैले आदि इस कशीदे से सजाए जाते थे । बाद में बच्चों के कपड़े, पेटीकोट, ओढ़नियों आदि पर भी हरमुचो ने नई जान भरना शुरु कर दिया । आजकल सभी प्रकार के वस्त्रों पर यह कशीदा किया जाने लगा है।मैटी कशीदे की तरह सिंधी कशीदे में कपड़े के धागे गिन कर टांकों और डिजाइन की एकरूपता नहीं बनाई जाती। इसमें पहले कपड़े पर डिजाइन को एकरूपता प्रदान करने के लिए कच्चे टाँके लगाए जाते हैं। जो डिजाइन को बुनियादी आकार बनाते हैं। सिंधी कशीदा हर किस्म के कपड़े पर किया जा सकता है। सिंधी कशीदे के डिजाइन अन्य पारम्परिक कशीदो से भिन्न होते हैं।

रविवार, 10 अक्तूबर 2021

गिरनार की रंगत ,स्वर्ग से सुंदर श्री गोरखनाथ आश्रम

 गिरनार की रंगत  ,स्वर्ग से सुंदर श्री गोरखनाथ आश्रम 











आप गुजरात के                                                                                                                                        गिरनार जा रहे हे तो ठहरने की चिंता से मुक्त होकर जा सकते हैं ,आपको गिरनार में सर्वाधिक खूबसूरत ,शकुन और शनि प्रदान करने वाला श्री  आश्रम मिल जायेगा ,सफ़ेद रंग का विशाल आश्रम मन को  शांति प्रदान करता हैं ,आश्रम एक दम साफ़ सुथरा जिसकी मिसाल  दी जा सकती हैं आश्रम में करीब 90 से अधिक कमरे हैं जो किसी भी फाइव स्टार होटल के मुकाबले कहीं कम नहीं ,एकदम साफ़ सुथरे ,आपको ए सी ,नॉन ए सी दोनों श्रेणी के कमरे उपलब्ध हो सकते हं। ए सी कमरा सौलह सौ ,नॉन ए  सी बारह सौ में उपलब्ध हो जायेंगे ,आश्रम में बड़े हॉल भी हैं ,साथ ही बैठने के लिए शकुन भरा चौक हैं ,आश्रम की व्यवस्था गुरु महेन्द्रनाथ देखते हैं ,

आश्रम में चाय की निशुल्क व्यवस्था तो हे ही साथ ही आश्रम परिसर में भंडारा संचालित होता हे जंहा सात्विक और स्वादिष्ट भोजन यात्रियों को निशुल्क उपलब्ध होता हे ,आश्रम के सेवादार बड़े स्नेह के साथ आपको भोजन करवाते हे ,भोजन जितना भाये उतना ले नष्ट न करे यहाँ थाली में अन्न व्यर्थ न हो  ख्याल रखे ,भोजन में सब्जी ,दाल ,कड़ी ,चावल ,भजिया ,मिठाई ,चपाती ,बाजरे की रोटी ,छाछ मिलती हैं ,साथ ही यहाँ सुबह अल्पाहार भी निशुल्क उपलब्ध होता हैं ,आश्रम में आप चप्पल ,जूतें पहनकर नहीं जा सकते ,उन्हें बाहर मुख्य द्वार के पास उतारे या पॉलीथिन में डालकर अपने कमरे में ले जा सकते हैं ,आश्रम में गुरु गोरखनाथ जी ,त्रिलोकनाथ का प्राचीन धूणा हे जंहा अखंड ज्योत अनवरत चल रही हैं ,आश्रम परिसर में भगवन शिव का मंदिर हे वही गोरखनाथ जी ,त्रिलोकनाथ जी के भी मंदिर बेहद खूबसूरत बने हुए हैं ,शाम सात बजे यहाँ आरती होती हे गुरु शेरनाथ बापू खुद आरती करते हैं ,करीब एक घंटे तक यह आरती चलती हैं,आश्रम प्रमुख गुरु शेरनाथ बापू के चेहरे पर अलौकिक तेज़ हैं ,जो हर किसी को प्रभावित करता हैं ,अमूमन शेरनाथ बापू आश्रम  में अपने आसान पर ही विराजित रहते हैं ,दर्शार्थियों से बड़े आदर,प्रेमभाव और स्नेह के साथ मिलते हैं ,साथ ही आने वाले हर दर्शनार्थी के लिए चाय और प्रसाद की व्यवस्था रहती हैं ,मुखवास भी हर दरसनार्थी को उपलब्ध रहता हैं ,

 गौशाला जंहा गिर नस्ल की गायों का होता सरंक्षण 

आश्रम प्रमुख गुरु शेरनाथ बापू ने हमे आश्रम द्वारा संचालित गौ शाला के दर्शन करवाए ,बापू के साथ हमने गौ शाला देखि आश्चर्य हुआ की कोई गौ शाला  इतनी साफ़ सुथरी कैसे हो सकती हैं ,करीं नब्बे गिर नस्ल की गाये इस गौशाला में उपब्ध थी साथ ही गिर नस्ल का नंदी भी गौ शाला में हे जिनके दर्शन करने प्रत्येक यात्री आता हैं ,गौ शाला के दर्शन कर धन्य हो गए ,गायों की सेवा निस्वार्थ भाव से होती हैं ,गंदगी का टुकड़ा तक नहीं मिला ,गुरु शेरनाथ बापू ने विस्तार से गौ शाला की जानकारी उपलब्ध कराई  ,

भोजनशाला 

आश्रम परिसर के सामने भोजनशाला कम भंडरा संचालित किया जाता हैं ,जंहा प्रतिदिन डेढ़ से दो  हजार श्रद्धालु निशुल्क भोजन और अल्पाहार लेते हैं ,बापू शेरनाथ खुद भोजन शाला की व्यस्था देखने  आते रहते हैं। भोजन में सात्विक प्रसाद आपकी थाली में परोसा जाता हैं भोजन के बाद आपको अपनी थाली खुद चार स्तरीय बर्तन साफ़ करने की व्यवस्था की राखी हैं ,

छोटे कपड़े पहन आश्रम में प्रवेश  नहीं 

श्री गोरखनाथ आश्रम में निकर ,हाफ पेण्ट ,कम कपड़े वालो को प्रवेश नहीं दिया जाता ,भारतीय संस्कृति और परम्पराओं का निर्वहन अच्छे से होते देख शकुन मिला गुरु  शेरनाथ बापू भारतीय संस्कृति और परम्पराओ के हिमायती हैं ,



गिरनार जूना गढ़ एक खूबसूरत पर्यटन स्थल ,गुरु गोरखनाथ आश्रम जंहा मन को शकुन और शांति मिलती हे

 गिरनार जूना गढ़ एक खूबसूरत पर्यटन स्थल ,गुरु गोरखनाथ आश्रम जंहा मन को शकुन और शांति मिलती हे 







गुजरात प्रदेश के जूनागढ़ जिले में गिरनार धार्मिक पर्यटन स्थल हैं जो न केवल खूबसूरत ,रमणीय और दर्शनीय हे बल्कि यहाँ पहुंचकर आपके मन को शांति और शकुन मिलता हैं ,भारत देश के पश्चिम में आए हुवे राज्य गुजरात जूनागढ़ शहर में यह गिरनार पर्वत आया हुवा है जिसका प्राचीन नाम “गिरिनगर” हुवा करता था।गिरनार पर्वत का महत्व आध्यात्मिक रूप से बहोत ही ज्यादा है।माना जाता है यहाँ पर सभी देवताओं का वास है।जैन धर्म के 22 वे तीर्थंकर नेमिनाथ ने भी यहाँ पर मोक्ष की प्राप्ति की थी।गिरनार पर्वत को हिमालय से भी पुराना माना जाता है।यहाँ पर आये हुवे जैन मंदिर देश में आए हुवे प्राचीन मंदिरों में से एक है।यहाँ पर कई पहाड़ियां आयी हुवी है जिन पे मुख्य रूप से हिंदू और जैन धर्म के कई मंदिर बने हुवे है।जिसकी वजह से गिरनार हिल पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है,मौर्य काल में इस गिरनार हिल को रैवतक,रैवत, उज्जयंत वगैरे नाम से जाना जाता था।

गिरनार हिल पर जैन तीर्थंकर नेमिनाथ, गोरखनाथ, अंबामाता शिखर, गुरु दत्तात्रेय शिखर, और कालका शिखर प्रमुख शिखर है।यहाँ की सबसे ऊँची चोटी 3666 फुट ऊँची है।इस पर्वत की शीर्ष चोटी तक पहुँचने के लिए आप को करीब 9000-10000 कदम चढ़ने पड़ेंगे।

गिरनार हिल जूनागढ़ शहर से करीब 5 किमी उतर की और आया हुवा पर्बतों का समूह है।इस पर्वत में सिद्ध चोर्यासी की बैठक है।गिरनार पर्वत में कुल 4 ऊँचे शिखर आये हुवे है। जो इस प्रकार है।

गुरु दत्तात्रेय शिखर – पांचवी टूंक – 3660 फुट ( 7500-9000 सीढियाँ )

गोरखनाथ शिखर – 5800 सीढियाँ

अम्बाजी शिखर – 5000 सीढियाँ

जैन मंदिर शिखर – 4000 सीढियाँ

यहाँ की सीढियाँ पत्थरों से अच्छी तरह बनी हुवी है जो आप को एक शिखर से दूसरे शिखर तक ले जाती है।ऐसा माना जाता है की यहाँ पर करीब 9000 सीढियाँ बनी हुवी है जिसे चढ़के आप गिरनार पर्वत की सबसे ऊँची पांचवी चोटी दत्तात्रेय शिखर तक पहुँच सकते हो।समय के साथ जूनागढ़ पर कई राजाओं ने राज किया।करीब संवत  1152 में तब के राजा कुमारपाल ने गिरनार को चढ़ने के लिए अच्छीतरह से सीढ़ियों का निर्माण करवाया था।जो समय के साथ आज बहोत ही अच्छी तरह बनाये गए है जिससे श्रद्धालु अपने आराध्य देव या देवी के दर्शन अच्छे से कर सकें।

पैदल चढ़ाई 

आप पहाड़ो की श्रृंखला चढ़ना चाहते हैं तो तीन तरीके से पहाड़ चढ़ सकते हैं ,पैदल ,पालकी और रोप वे ,अगर आप ट्रेकिंग में रूचि रखते हैं तो आप  चढ़ाई पैदल तय कर सकते हैं ,पैदल चढ़ाई के लिए सर्वाधिक उपयुर्क्त समय अलसुबह तीन चार बजे आप चढ़ाई शुरू करे ,करीब चार से पांच घंटे में चढ़ाई पूरी हो जाएगी ,थकावट  इसके लिए आपमें साथ नीमू पानी ,एक लाठी जरूर ले ,लाठी आपको किराये ार मिल जाएगी बीस रूपये किराया  ,सूर्य की किरणे निकलने से पहले आप चढ़ाई पूरी क्र लेंगे तो बहुत कम थकावट लगेगी मगर सूर्योदय के बाद इन पहाड़ो पर चढ़ना बेहद थकावट वाला और कठिन होता हैं ,

पालकी 

इन पहाड़ो पर स्थानीय लोग आपको पालकी पर बिठाकर भी दर्शन करवा सकते हैं ,बीच रस्ते पालकी वाले खड़े   मिलेंगे,पंद्रह सौ रूपये मैं आपको पहाड़ चढ़ाई करवा देंगे ,

 रोप-वे सुविधा..

सबसे पहले आप को यह बता दूँ होगी कीकि  यह रोप वे एशिया का सबसे लंबा रोप वे रुट है।जो लगभग 130 करोड़ की लागत से बनाया गया है।राज्य सरकार द्वारा गिरनार हिल पर रोप वे सुविधा का निर्माण कार्य अब पूर्ण हो चूका है।और हमारे प्रधान मंत्री  नरेंद्र मोदीजी द्वारा 24 अक्टूबर 2020 के दिन इ-लोकार्पण किया है। जिससे अब उन लोगो को यहाँ आने में काफी हद तक आसानी हो जाएगी जो ऊंचाई पर चढ़ने की वजह से यहाँ पर आ नहीं पते थे। अब आप आसानी से गिरनार पर्वत पर दर्शन हेतु आ सकोगे।आइये हम रोप वे की सुविधा के बारे में थोड़ा विस्तार से जान लेते है।

रोप वे सुविधा की कुछ खास बातें..

अभी शुरुआत में हर घंटे 25 ट्रॉली उपयोग में ली जाएगी। हर 36 सेकंड में एक ट्रॉली निकलेगी जो हर घंटे करीब 800 श्रद्धालुओं को अंबाजी माताजी की टूंक तक ले जाएगी। यह अंबाजी माताजी की टूंक यानि की चोटी जूनागढ़ की तलेटी से करीब 5500 सीढियाँ और 2.3 किमी का रुट है। पहले श्रद्धालुओं को यह दूरी पैदल या पालखीसेवा का उपयोग करके पहुँचने में करीब 5-6 घंटे का समय लग जाता था। यह दूरी अब रोप वे सुविधा से सिर्फ 7-8 मिनट्स में तय की जा सकेगी। एक ट्रॉली में 8 लोग बैठ सके उतनी जगह है। लेकिन अभी कोरोना की महामारी के चलते सोसियल डिस्टन्सिंग के साथ 4 लोग बैठ सकते है।

रोप वे टिकट ( दोनों तरफ की )..प्रति व्यक्ति : 700/-बच्चे (16 वर्ष से कम आयु ) : 350/-




रविवार, 5 सितंबर 2021

जिला एथेलेटिक्स संघ जैसलमेर का गठन राजावत अध्यक्ष ,तंवर सचिव ,चांडक कोषाध्यक्ष

 जिला एथेलेटिक्स संघ जैसलमेर का गठन राजावत अध्यक्ष ,तंवर सचिव  ,चांडक कोषाध्यक्ष 



जैसलमेर जैसलमेर जिले को स्पोर्ट्स हब बनाने की श्रृंखला में जिला ओलम्पिक संघ जैसलमेर द्वारा जैसलमेर के एथेलेटिक्स खिलाडियों को सौगात दी ,राजस्थान एथेलेटिक्स संघ के प्रदेश अध्यक्ष ,ओलम्पियन ,अर्जुन अवार्डी गोपाल सैनी ने जिला एथेलेटिक्स संघ जैसलमेर के पदाधिकारियों का मनोनय कर  जिले में एथेलेटिक गतिविधियों को गति देने के निर्देश दिए,चन्दन सिंह भाटी ने बताया कि  एथेलेटिक्स संघ जैसलमेर के अध्यक्ष पद पर पी एस राजावत ,सचिव लक्ष्मण सिंह तंवर ,कोषाध्यक्ष रतीश चांडक का मनोनय किया हैं,नव मनोनीत सचिव लक्ष्मण सिंह तंवर ने बताया कि जैसलमेर के एथलेटिक धावक अब मायूस नहीं होंगे अब वे  राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग  ले सकेंगे , राजस्थान एथलेटिक संघ के अध्यक्ष ओलंपियन अर्जुन अवॉर्डी गोपाल सैनी ने जैसलमेर में जिला एथलेटिक्स संघ में  पी एस राजावत को अध्यक्ष , प्रतीश चांडक को कोषाध्यक्ष पद पर मनोनीत कर जिले की एथलेटिक्स की गतिविधियों को सुचारू रूप से चलाने के लिए अधिकृत किया है जैसलमेर जिले में एथलेटिक्स प्रतिभाओं की कमी नहीं है उन्हें केवल अवसर की आवश्यकता थी जो आज प्राप्त हो गया है अब जैसलमेर जिले के खिलाड़ी भी राज्य राष्ट्रीय व  अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एथलेटिक्स मैं  भाग ले सकेंगे जैसलमेर एथलेटिक्स संघ का एकमात्र उद्देश्य सीमांत जिले के खिलाड़ियों का उत्थान करना है जो भी एथलेटिक में भाग लेना चाहते हैं वे खिलाड़ी क्लब या संस्था अपना पंजीयन संघ के अध्यक्ष सचिव व कोषाध्यक्ष से संपर्क करके पंजीयन करवा सकते हैं.


/पुलिस थानों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता जैसलमेर डॉ0 अजयसिंह द्वारा वृत कार्यालय पोकरण का किया वार्षिक निरीक्षण

  /पुलिस थानों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता जैसलमेर   डॉ0 अजयसिंह द्वारा वृत कार्यालय पोकरण का किया वार्षिक निरीक्षण 



जेसलमेर जिले में वृत कार्यालय/थाना/चौकी स्तर पर कानून व्यवस्था मजबूत बनाने तथा वृत कार्यालयो/थानों/चौकियों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने हेतु पुलिस मुख्यालय के आदेषानुसार आज दिनंाक 04.09.2021 को जिला पुलिस अधीक्षक जैसलमेर डॉ0 अजयसिंह द्वारा वृत कार्यालय पोकरण का वार्षिक निरीक्षण किया गया। जिला पुलिस अधीक्षक के निरीक्षण के दौरान वृताधिकारी वृत पोकरण मोटाराम आरपीएस वृत कार्यालय में अपने स्टॉफ के साथ उपस्थित रहे तथा जिला पुलिस अधीक्षक को गार्ड द्वारा सलामी दी गई। निरीक्षण के दौरान जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा कार्यालय के समस्त रेकर्ड को चैक किया गया तथा वृताधिकारी को आवश्यक दिषा निर्देश दिये। 

निरीक्षण के दौरान जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा दिये दिषा निर्देश

  जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा वृत कार्यालय पोकरण के वार्षिक निरीक्षण के दौरान वृत कार्यालय पर आने वाले परिवादियो के साथ अच्छा व्यवहार करने निष्पक्ष रूप से कानूनी कार्यवाही अमल में लाने हेतु निर्देशित किया। जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा वृताधिकारी को अपराधियों पर नकेल कसने के निर्देश दिये। वृत क्षैत्र में चोरियों पर अंकुश लगाने हेतु प्रभावी गस्त एंव नाकाबंदी करने के निर्देश दिये। इसके अलावा वृताधिकारी को अपने वृत क्षैत्र के सभी पुलिस थानो में एक्शन प्लान के तहत स्थाई वारंटियॉ, उदघोषित अपराधियों तथा भगोडो को गिरफतार करने, अधिकाधिक इंसदादी कार्यवाही, एम.वी .एक्ट एवं लोकल एवं स्पेशल एक्ट के तहत अधिकाधिक कार्यवाही करने के निर्देश दियेे तथा इसके साथ-साथ शराब तस्करो के विरूद्ध भी कठोर कार्यवाही करने के निर्देश दिये। जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा वृताधिकारी को अपने वृत क्षैत्र के थानों की पैडेन्सी को कम करने हेतु निर्देशित किया गया। इसके साथ-साथ यातायात व्यवस्था को सृदृढ बनाने हेतु वृत हल्का क्षेत्र में ओवरक्राउडिंग वाहनों, शराब पीकर वाहन चलाने वाले वाहन चालकों, तेजगति व लापरवाही से वाहन चलाने वाले वाहन चालकों, बिना लाईसेंस/बिना कागजात/बिना नम्बरी वाहनों के विरूद्ध अधिक से अधिक कार्यवाही करने के निर्देश दिये। 

वृत कार्यालय परिसर में जिला पुलिस अधीक्षक ने किया पौधारोपण 

          वृत कार्यालय पोकरण में जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा वार्षिक निरीक्षण के दौरान कार्यालय परिसर में पौधारोपण कर वृक्षारोपण की आवष्यकता ओर इसके महत्व के बारे में बताया तथा अधिकाधिक वृक्षारोपण करने के निर्देष दिये, इस दौरान मोटाराम आरपीएस वृताधिकारी वृत पोकरण, कमलसिंह मुआ0 रीडर वृत कार्यालय पोकरण, सुभाष कुमार सउनि व आनन्द कुमार मुआ0 अपराध शाखा जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय जैसलमेर उपस्थित रहे।


राज्य स्तरीय स्काउट गाइड कोरोना वॉरियर्स सम्मान समारोह जैसलमेर में होगा:-हरिवल्लभ कल्ला

 राज्य स्तरीय स्काउट गाइड

कोरोना वॉरियर्स सम्मान समारोह जैसलमेर में होगा:-हरिवल्लभ कल्ला



जैसलमेर, नगरपरिषद सभापति हरिवलभ कल्ला ने स्काउट गाइड मुख्य सरक्षक के रूप में एक लाख रुपए धनराशि का सहयोग प्रदान करते हुए कहा कि राज्य स्तरीय कोरोना वॉरियर्स सम्मान समारोह जैसलमेर में किया जाएगा तथा स्काउट परिवार की सहायता से इसे सफल बनाया जाएगा।  इस संबंध में भंवरलाल भाटिया ने 51 हजार रूपये का सहयोग प्रदान कर सरक्षक के रूप में पद ग्रहण किया। जो स्वयं राजस्थान की 1954 की जयपुर राष्ट्रीय जंबूरी में भाग ले चुके है। जिला स्काउट गाइड मुख्यालय जैसलमेर पर जिला एसोसिएशन की प्रथम बैठक रखी गई जिसमें सभी कार्यकारणी सदस्य ने भाग लिया एवं उन्होंने अपने अपने विचार रखें।

इस दौरान जिला मुख्य आयुक्त लक्ष्मण सिंह तंवर ने अपने उद्बोधन में नवीन योजना रखी जिसमें विशेष रूप से सम्मान समारोह अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में निशुल्क करवाने की आवश्यकता जताई , जिसमें सभी ने अपनी सहमति प्रदान की। इसके बाद जिला  सचिव पी.एस  रजावत द्वारा जिले  के 6 स्थानीय संघ सचिव के कार्य में सहयोग व  उनकी गतिविधियों पर विस्तृत प्रकाश डाला और इसे अधिकाधिक बेहतरीन और सक्रिय करने के लिए कटिबद्ध किया।

इस अवसर पर स्काउट गतिविधियों के संबंध में में सीओ गाइड निशु कंवर ने विस्तारपूर्वक सदन में चर्चा की व बताया कि आने वाले समय में स्काउट गाइड की क्या स्थिति होगी, इस संदर्भ में उन्होंने बिन्दुवार विस्तृत प्रकाश डाला।कार्यक्रम के दौरान कोषाध्यक्ष आनंद जगानी ने बताया की इसमें भाग लेने वालों में मुख्य रूप से चांदमोहम्मद, जिला ससचिव श्रीमती विमला, संयुक्त सचिव ओम भारती, जिला प्रशिक्षण आऊक्त प्रमोद भाटिया, हेडक्वाटर कमिश्नर कैलाश व्यास, जिला आयुक्त वयस्क मुकेश जी गज्जा व प्रतीक्ष चांडक  जिला आयुक्त श्रीमती नेनु देवी,  जिला आयुक्त बुलबुल पारुल भाटी ने भी अपने विचार रखे। भोजराज वैष्णव देवीकोट इत्यादि कार्यक्रम में उपस्थित थे सेवानिवृत्त पूर्व जिला सचिव ओम जी हर्ष का भी इस मौके पर मुख्य आयुक्त द्वारा सम्मान किया गया और सभी ने अपने विचार रखें। अंत में सीबीआई ने यहां पधारे हुए सभी महानुभव का आभार व्यक्त किया और राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।


खबरों का असर। 72 बीघा सरकारी जमीन के अवैध म्यूटेशन रसूखदारों के नाम कर फंस गए तहसीलदार,हुए निलंबित

 खबरों का असर। 72 बीघा सरकारी जमीन के अवैध म्यूटेशन रसूखदारों के नाम कर फंस गए तहसीलदार,हुए निलंबित 

चंदन सिंह भाटी

नायब तहसीलदार पुष्पेंद्र पांचाल


जैसलमेर दैनिक महानगर टाइम्स द्वारा जैसलमेर में 72 बीघा सरकारी भूमि की उप खंड अधिकारी  सरकार के खिलाफ जाकर राजनितिक दबाव और सुविधा शुल्क के चलते निजी व्यक्तियों को करोडो रुपयों की जमीन की फर्जी डिक्री करने और बाद में तत्कालीन तहसीलदार  द्वारा प्रभावी राजनीतिज्ञ परिवारों के नाम नियम विरुद्ध म्यूटेशन भने का मामला निरन्त प्रकाशित करने के  सरकार के प्रसंज्ञान में यह मामला आया साथ  तहसीलदार द्वारा मूलसागर और सम ग्राम पंचायतों में नियमविरुद्ध करोड़ों रुपयों की जमीन आवंटन कर तहसीलदार फंस गए और निलंबित हो गए ,नायब तहसीलदार पुष्पेंद्र पांचाल को राजनीती प्रभाव से तहसीलदार का चार्ज दिलाया गया , अवधि में तहसीलदार ने सरकारी खाते की करोड़ों रुपयों की जमीन की हेरफेर कर ली ,कुछ मामले न्यायलय में चले गए , उच्च न्यायलय के आदेश पर जमीनों के फर्जी म्यूटेशन मामले में तहसीलदार के खिलाफ  पुलिस में मामले भी दर्ज हुए ,तहसीलदार द्वारा जैसलमेर में रहते तीन बड़े जमीन घोटाले किये जिनके चलते उन्हें निलंबित कर दिया।

पहला मामला

 परिषद जैसलमेर की कृष्णा नगर के पास स्थित करोडो रुपयों की बहतर बीघा जमीन की तत्कालीन उप खंड अधिकारी दिनेश विश्नोई द्वारा फर्जी डिक्री जारी की  गयी ,इस फर्जी  की  जानकारी होने के बाद भी स्थानीय विधायक के चालक ,कांग्रेस के बड़े नेता गाज़ी खान के पुत्र के नाम म्यूटेशन भर दिए जबकि इस जमीन के बाकी खातेदारों के म्यूटेशन नहीं भरे तो मामला उच्च न्यायलय में चला गया ,उच्च न्यायलय ने तहसीलदार के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश जारी किये ,यह मं सरकारी खाते में दर्ज होने के बावजूद तहसीलदार द्वारा म्यूटेशन भरे गए ,

दूसरा मामला

सम में 50 साल पुराने प्रकरण को सही मानते हुए 45 बीघा जमीन आवंटन: सम गांव में खसरा नं. 135/444 व 142 बीघा की 75 बीघा भूमि का आवंटन वर्ष 1971 में किए जाने के लिए डूंगराराम/चांदनमल को आवंटन पत्र जारी कर 2500 रुपए से जमा करवाने के लिए लिखा गया था। इस दौरान डूंगराराम ने 30 बीघा भूमि की राशि जमा करवाई तथा शेष 45 बीघा जमीन की राशि जमा नहीं होने पर खारिज हो गई। हाल ही में डूंगराराम ने 45 बीघा जमीन आवंटन के लिए तहसीलदार पुष्पेंद्र पांचाल ने राशि 2500 रुपए के हिसाब से जमा करवाने के लिए पत्र जारी कर दिया।

तीसरा मामला

मूलसागर में 35 साल पुराने प्रकरण में 50 बीघा जमीन आवंटन: मूलसागर गांव के खसरा नं. 193/152 की 50 बीघा भूमि का आवंटन वर्ष 1983 में किए जाने के लिए भगवानाराम निवासी मूलसागर को आवंटन पत्र जारी कर राशि 1383 रुपए के हिसाब से जमा करवाने के लिए लिखा गया था लेकिन भगवानाराम द्वारा राशि जमा नहीं करवाई और प्रकरण को समाप्त कर दिया गया था। 2005 में भगवानाराम की मृत्यु भी हो गई। नियमानुसार प्रकरण को समाप्त कर देना चाहिए था लेकिन तसहीलदार पुष्पेंद्र पांचाल ने प्रकरण को सही मानते जमा करवाने का पत्र जारी कर दिया और आवेदकों द्वारा तुरंत राशि जमा करवा दी गई।

सम व मूलसागर में इनके द्वारा 50 साल पुराने मामलों में खारिज जमीन को फिर से आवंटित करने को लेकर बड़ी शिकायत थी। यह मामला सीएमओ तक पहुंच गया था। शुक्रवार को निलंबित करने की कार्रवाई के बाद  इस मामले की पड़ताल की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। दोनों ही मामलों में तहसीलदार ने 72 करोड़ की जमीन कौड़ियों के भाव आवंटित कर दी।

सूत्रों के अनुसार सम क्षेत्र में जो 45 बीघा जमीन आवंटित की जा रही थी। उस मामले में तहसीलदार ने भारी रिश्वत भी ली थी। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि मूलसागर वाले मामले में भी इतनी रिश्वत ली होगी। जानकारी के अनुसार तहसीलदार ने पटवारी से मौका रिपोर्ट करने के बाद आर आई को फाइल पर साइन करने के लिए कहा।

लेकिन तत्कालीन आर आई ने साइन नहींं किए। यह बात जब उन नामी व प्रभावशाली लोगों को पता चली तो उन्होंने आर आई को बदलवा दिया। इतना ही नहीं दूसरे व तीसरे आर आई ने भी हस्ताक्षर नहीं किए। 10 दिन के भीतर इन लोगों ने अपने प्रभाव से तीन आर आई बदलवा दिए। आखिरकार चौथे आर आई ने साइन किए और फाइल आगे बढ़ गई।

ऐसे मामलों में जमीन आवंटन का अधिकार राज्य सरकार के पास जानकारी के अनुसार सालों पुराने मामलों में जो जमीन आवंटन राशि जमा नहीं करवाने पर खारिज हो चुकी है उसे फिर से आवंटित करने का अधिकार राज्य सरकार के पास है। लेकिन तहसीलदार ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर अपने स्तर पर ही कार्रवाई करवाकर 95 बीघा जमीन आवंटित कर दी।

हसीलदार ने इस कार्रवाई को चोरी छिपे किया और किसी को भनक तक नहीं लगी। स्थानीय स्तर पर कलेक्टर, अति. कलेक्टर व उपखंड अधिकारी को इसकी जानकारी तक नहीं हुई। सूत्रों के अनुसार जब मामले का खुलासा हुआ तो तहसीलदार ने जमीन आवंटन के लिए जमा करवाए जाने वाले चालान को फाड़ दिया था।

सूत्रों के अनुसार इस मामले में जिले के नामी लोग भी शामिल थे। जानकारों के अनुसार एक तहसीलदार इतनी बड़ी कार्रवाई बिना किसी दबाव के नहीं कर सकता था और करोड़ों की जमीन को सामान्य दर पर नहीं दे सकता था। ऐसे में कहीं न कहीं प्रभावशाली लोग भी इस फर्जी आवंटन में शामिल थे।


जिला कलक्टर ने किया दौरा,सरकारी चिकित्सा संस्थानों का किया आकस्मिक निरीक्षण,

 जिला कलक्टर ने किया दौरा,सरकारी चिकित्सा संस्थानों का किया आकस्मिक निरीक्षण,

शहरी एवं ग्रामीण लोक स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत से हुए रूबरू,

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर एवं अधिकाधिक उपयोगी बनाएं - आशीष मोदी



जैसलमेर, जिला कलक्टर आशीष मोदी ने जैसलमेर जिले में लोक स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत से रूबरू होने के लिए शनिवार को जिले का दौरा किया और ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में अवस्थित सरकारी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य केन्द्रों का आकस्मिक निरीक्षण किया और चिकित्सा प्रबन्धों की जानकारी ली। जिला कलक्टर ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर के मद्देनज़र इन चिकित्सा केन्द्रों में उपलब्ध आवश्यक एवं ऎहतियाती प्रबन्धों के बारे में जानकारी ली।

इस दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य और आयुर्वेद विभाग के अधिकारी भी उनके साथ थे। इनमें मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कमलेश चौधरी, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. जे.आर. पंवार, जिला समन्वयक परमसुख सैनी, आयुर्वेद विभागीय उप निदेशक डॉ. रामनरेश शर्मा, आयुर्वेद चिकित्साधिकारी डॉ. लक्ष्मणसिंह आदि प्रमुख हैं।

जिला कलक्टर मोदी ने विभागीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों के बेहतर क्रियान्वयन, चिकित्सा सेवाओं और सुविधाओं के विकास एवं विस्तार के लिए निरन्तर प्रयासरत रहने, मौसमी बीमारियों से बचाव व रोकथाम के लिए प्रभावी लोक जागरुकता संचार, चिकित्सकीय उपकरणों के बेहतर उपयोग तथा चिकित्सा संस्थानों एवं सेवाओं को आदर्श स्वरूप प्रदान करने के लिए समर्पित प्रयासों के निर्देश दिए।

जिला कलक्टर मोदी ने जिला मुख्यालय स्थित श्री जवाहिर अस्पताल का आकस्मिक निरीक्षण करते हुए विभिन्न प्रभागों, कक्षों, वार्डों एवं परिसरों आदि का अवलोकन किया और इनके बारे में विस्तार से जानकारी ली।

विभिन्न वार्डों का भ्रमण करते हुए जिला कलक्टर ने भर्ती मरीजों की कुशलक्षेम पूछी तथा उन्हें प्राप्त हो रही चिकित्सा सेवाओं और सुविधाओं खासकर निःशुल्क जाँचों और दवाइयों के बारे में जानकारी ली और सरकारी सेवाओं के बारे में फीडबेक लिया। भर्ती मरीजों ने अस्पताल की सेवाओं और चिकित्सा गतिविधियों आदि पर संतोष व्यक्त किया और समय-समय पर अस्पताल की सुध लेने तथा व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए जिला कलक्टर का आभार व्यक्त किया।

जिला कलेक्टर ने प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. जे.आर. पंवार से चिकित्सालय की विभिन्न व्यवस्थाओं के बारे में विस्तार से जानकारी ली और मौसमी बीमारियों, डेंगू, मलेरिया आदि रोगियों के आउटडोर के बारे में पूछा और इनसे संबंंधित मरीजों का समय पर उपचार करने के निर्देश देते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों से कहा कि मौसमी एवं संक्रामक बीमारियों से बचाव एवं रोकथाम के बारे में आईईसी पर जोर दें तथा व्यापक लोक जागरुकता का संचार करें।

जिला कलेक्टर ने मातृ शिशु स्वास्थ्य वार्ड का भी अवलोकन किया व प्रसूति वाली महिलाओं के लिए की जा रही उपचार व्यवस्थाएं देखी। उन्होंने वहां पर शीट में की जा रही ऑनलाइन एंट्री को देखा एवं आशा, पी.सी. टी. एस. नंबर अधूरे होने की जानकारी सामने आने पर विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि पीसीटीएस की पूरी एंट्री करें और जिनमें आशा का नाम नहीं है उसका भुगतान नहीं किया जाए। जिला कलेक्टर ने सभी चिकित्सा संस्थानों पर एंड्राइड टेबलेट देने के निर्देश दिए, ताकि सभी संस्थानों पर ऑनलाइन एंट्री आसानी से होती रह सके।

उन्होंनेे प्रसव कक्ष का निरीक्षण किया, जहां अंबु बैग नहीं होने की जानकारी मिलने पर जिला कलक्टर ने प्रमुख चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए कि तुरंत प्रभाव से अंबु बैग उपलब्ध कराएं।

आयुर्वेद अस्पताल का निरीक्षण

जिला कलक्टर ने चिकित्सालय में संचालित आयुर्वेदिक औषधालय व होम्योपैथिक चिकित्सा केंद्र का भी निरीक्षण किया तथा वहां दी जा रही औषधियों के बारे में जानकारी ली। आयुर्वेद विभागीय उप निदेशक डॉ. रामनरेश शर्मा ने आयुर्वेदिक औषधालय की सेवाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

      आयुर्वेद औषधालय निरीक्षण करते हुए उन्होंने अस्पताल की जनरल ओपीडी के साथ-साथ जरावस्था, विभिन्न रोगों के निराकरण के लिए औषधियों की उपलब्धता, सुविधाओं आदि के बारे में जानकारी ली और इसी परिसर में संचालित  होम्योपैथिक अस्पताल का निरीक्षण करते हुए होम्योपैथिक चिकित्सा सेवाओंं के बारे में जानकारी ली और इसमें रिक्त पड़े पदों को भरने तथा होम्योपैथिक चिकित्सा सेवाओं की पर्याप्त उपलब्धता के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए।


      गांधी कॉलोनी में पंचकर्म चिकित्सा सेवाओं का अवलोकन

    जिला कलेक्टर आशीष मोदी ने गांधी कॉलोनी में संचालित जिला आयुर्वेदिक जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया एवं वहां पर पंचकर्म चिकित्सा पद्धति से संबंधित सेवाओं और सुविधाओं को देखा। इस दौरान विशेषकर पंचकर्म विधाओं से संबंधित कटि बस्ती, शिरोधारा, स्नेहन, स्वेदन आदि से संबंधित उपकरणों का गहन अवलोकन किया, इनसे संबंधित क्रियाविधि आदि का अवलोकन किया और पंचकर्म से संबंधित सेवाओं का पूरा-पूरा उपयोग करने के निर्देश दिए।  जिला कलक्टर ने इस बारे में आयुर्वेद उप निदेशक डॉ. रामनरेश शर्मा,  आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ. चम्पा सौलंकी एवं डॉ हेमतोष पुरोहित आदि से विस्तृत चर्चा की।

आँचल प्रसूता केन्द्र में दी जाने वाली सुविधाओं, औषधियों, खाद्य सामग्री- दलिया, दाल, चावल, घी, प्रसूताओं को दी जाने वाली सौंठ, अजवाईन, शहद इत्यादि के बारे में जानकारी ली।


      भागू का गाँव  स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण

    जिला कलक्टर मोदी ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भागू का गाँव का निरीक्षण किया। जिला कलक्टर ने इस दौरान वहां पहले से चल रही सेक्टर मीटिंग में पहुंचकर क्षेत्रीय स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा की और ग्राम्यांचलों में लोक स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए। इस बैठक में एएनएम, आशा सहयोगिनियों आदि संभागियों को संबोधित करते हुए जिला कलक्टर ने आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

      जिला कलक्टर ने चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए कि अगले माह ट्रिपल ए कॉम्बीनेशन पर जोर दिया जाए, जिसमें एएनएम, आशा एवं आॅंगनवाड़ी कार्यकर्ता साथ हो। इस संयुक्त कार्यदल को मजबूत किया जाए, जिससे कि महिला एवं बाल विकास विभाग तथा चिकित्सा विभाग का बेहतर एवं प्रभावी समन्वय एक साथ हो तथा पोषण, टीकाकरण व स्वास्थ्य सेवाओं व एएनसी रजिस्टे्रशन को उपलब्धिमूलक बनाते हुए गुणवत्ता लायी जाए। इससे आकांक्षी जिला कार्यक्रम के अन्तर्गत स्वास्थ्य सेवाओं के सूचकांक में बढ़ोतरी भी होगी।

      जिला कलक्टर ने आशा डायरी, आरसीएस रजिस्टर व आँगनवाड़ी का पोषण सर्वे रजिस्टर भी प्रत्येक मीटिंग में अनिवार्य रूप से साथ लाने के निर्देश दिये और कहा कि इनमें जो भी सेक्टर प्रभारी और महिला एवं बाल विकास विभागीय अधिकारी होगा, वे संयुक्त रूप से मिलकर प्रत्येक मीटिंग का बिंदुवार फोलोअप करेंगे और मीटिंग समाप्ति पश्चात मीटिंग मिनिट्स बनाते हुए संबंधित जिला अधिकारियों को भेजेंगे।

    बड़ोडा गांव के चिकित्सा संस्थानों का निरीक्षण

जिला कलक्टर ने बड़ोड़ा गांव के राजकीय आयुर्वेद औषधालय तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का भी निरीक्षण किया और दवाइयों की उपलब्धता तथा रोगियों के लिए उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जानकारी ली।


पोकरण - गौषाला संचालकों को गौधन संरक्षण के लिए पूरा सहयोग दिया जाएगा - गोपालन मंत्री,

 पोकरण - गौषाला संचालकों को गौधन संरक्षण के लिए पूरा सहयोग दिया जाएगा - गोपालन मंत्री,

प्रत्येक पंचायत समिति स्तर पर नन्दी गौषाला खोली जाएगी,संचालक आए आगे,

गौधन संरक्षण के लिए राज्य सरकार

हर स्तर पर मदद देने के लिए कटिबद्ध - अल्पसंख्यक मामलात मंत्री,

पोकरण श्री चैन पब्लिक गौषाला में अतिथियों का

हार्दिक अभिनन्दन,मंत्री जी ने गायों को अपने हाथों से खिलाया गुड़



जैसलमेर /खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने गौषाला संचालकों को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सदैव ही गौधन संरक्षण के लिए  हर समय सहयोग देने के लिए तत्पर है। उन्होेने कहा कि गोपालन विभाग के माध्यम से गौषालाओं को अनुदान देने में किसी प्रकार की कमी नहीं रहने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की सोच एवं अनूठी पहल के कारण नन्दियों के संवर्धन एवं संरक्षण के लिए जिला मुख्यालयों पर नन्दी गौषालाएं स्वीकृत की गई है वहीं हर पंचायत स्तर पर नन्दी गौषाला स्वीकृत की जाएगी ताकि नन्दीयों का पूरा संरक्षण हो।


गोपालन मंत्री  पोकरण में श्री चैन पब्लिक गौशाला में आयोजित कार्यक्रम के दौरान गौशाला संचालकों को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद ने अध्यक्षता की। कार्यक्रम में जैसलमेर नगर परिषद के सभापति हरिवल्लभ कल्ला, पूर्व जिला प्रमुख अब्दुल्ला फकीर, नैन दान रत्नू, गोपालन विभाग के निदेशक डॉ लाल सिंह, पूर्व प्रधान अमरदीन फकीर, उपखंड अधिकारी राजेश कुमार, तहसीलदार बंटी राजपूत, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका पोकरण तनुजा सोलंकी, चौन पब्लिक गौशाला के अध्यक्ष नारायण रंगा, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अमीन खान, के साथ ही अच्छी संख्या में जिले के गौशालाओं के संचालक गण एवं पशुपालक उपस्थित थे।


गोपालन मंत्री भाया ने जनप्रतिनिधियों से आहवान किया कि वे पंचायत समिति स्तर पर नन्दी गौषाला संचालन करने के लिए क्षेत्र के बड़े गौसंचालकों से आवेदन कराएं ताकि नन्दी गौषालाओं की स्वीकृति की जा सके। उन्होंने कहा कि पशुधन संरक्षण के लिए राज्य सरकार ने गौशालाओं में छोटे पषुधन के लिए 16 से बढ़ाकर 20 रुपये व बड़े पशुधन के लिए 32 से बढ़ाकर 40 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से अनुदान स्वीकृत किया है। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में गौशालाओं में छह माह से बढ़ाकर 9 माह तक अनुदान करने की प्रक्रिया राज्य स्तर पर प्रक्रियाधीन है । उन्होंने बच बारस के पर्व पर गौ माता को नमन करते हुए श्री चैन पब्लिक गौशाला के लिए अपनी ओर से 51 हजार रुपये नकद प्रदान किए।


गोपालन मंत्री ने कहा कि गौषाला संचालकों की मांग को देखते हुए अनुदान प्रक्रिया में सरलीकरण किया गया है। वहीं धर्मकांटे की पर्ची की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। इसके साथ ही बिल वाउचर प्रक्रिया को भी सरलीकरण कर चार्टेड एकाउंटेंट के माध्यम से लेखा प्रस्तुत करने की छूट दी है, जिससे भी गौषाला संचालको को राहत मिली है। उन्होंने जैसलमेर के गौषाला संचालकों को विष्वास दिलाया कि उनके भूमि आवंटन के मामले में प्रषासन से सहयोग करवाकर उनका निस्तारण किया जाएगा। वहीं निरीक्षण के माध्यम से भी किसी प्रकार की तकलीफ नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा की नन्दी गौषालाओं के संचालन के लिए गौषाला शुरू करते ही नौ माह का अनुदान चालू कर दिया जाएगा। उन्हांेने गोपालन विभाग की गोपालन विकास योजना की चर्चा करते हुए बताया कि इसके संचालन के लिए भी आवेदन करने की तिथि 31 दिसम्बर तक बढ़ा दी है। उन्होंने बताया कि इस योजना में गौषाला संचालक को टीन सेड निर्माण के लिए 10 लाख रूपये के अनुदान देने का प्रावधान है। इसके लिए गोपालन विभाग में गौषाला का रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है।


गोपालन मंत्री ने कहा कि जैसलमेर में गौषाला संचालकों को हर समय सहयोग देने का भरोसा दिलाया एवं कहा कि जनवरी से मार्च तक का अनुदान का भुगतान गौषालाओं को कर दिया है एवं अप्रेल से जून तक का शीघ्र ही करवा दिया जाएगा। उन्होंने गौषाला संचालकों को गौमाता की सेवा पूर्ण ईमानदारी के साथ करने का आहवान किया एवं कहा कि वे बधाई के पात्र है कि वे गौधन संरक्षण के लिए कार्य कर रहे है।


अल्पसंख्यक मामलात, वक्फ एवं जन अभियोग निराकरण मंत्री शाले मोहम्मद ने कहा कि राज्य सरकार पशुपालकों के सहयोग के लिए सदैव कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अकाल की स्थिति में पूर्व में भी बहुतायत मात्रा में पशु शिविर एवं चारा डिपो खोलकर पशुधन का संरक्षण किया वहीं गौशालाओं के माध्यम से भी पशु धन का संरक्षण किया गया।


अल्पसंख्यक मामलात मंत्री ने कहा कि इस बार भी अनावृष्टि की स्थिति को देखते हुए सरकार हर स्तर पर पशुधन संरक्षण के लिए पूरा सहयोग करेगी एवं इसमें किसी प्रकार की धन की कमी नहीं आने देगी। उन्होंने कहा कि पूर्व के कार्यकाल में मुख्यमंत्री ने गोपालन विभाग का अलग से गठन कर गौशाला संचालकों को तोहफा दिया है। उन्होंने गौशाला संचालकों को विश्वास दिलाया कि उनकी हर स्तर पर गौ सेवा के लिए मदद की जाएगी।


उन्होंने गोपालन मंत्री से जैसलमेर पषु बाहुल्य जिले को देखते हुए एवं यहा अधिकांषतः अकाल की स्थिति को देखते हुए पषुधन संरक्षण के लिए विषेष रियायत देने की बात कही। उन्होंने कहा कि पषुपालकों को इस बार भी उनके पषुधन के संरक्षण के लिए हर संभव सहयोग दिया जाएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा मानव स्वास्थ्य के लिए संचालित की गई मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में पूरा लाभ उठाने का आहवान किया वहीं घर-घर औषधी योजना में 8-8 औषधीय पौधे प्रत्येक परिवार को लगाने का आहवान किया।


नगर परिषद सभापति हरिवल्लभ कल्ला ने भी गोपालन मंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य सरकार गौधन संरक्षण के लिए हर स्तर पर पूरा सहयोग दे रही है। श्री चैन पब्लिक गौषाला के अध्यक्ष नारायण रंगा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए गौषाला की गतिविधियों पर प्रकाष डाला एवं कहा कि इस गौषाला में 408 गौवंष का संरक्षण किया जा रहा है। उन्होंने गौधन संरक्षण के अनुदान में बढ़ोतरी करने की भी आवष्यकता जताई।


पूर्व प्रधान अमरदीन फकीर ने भी गौषाला संचालकों की मांगों को रखते हुए यहा पर विषेष छूट देने की बात कही एवं गौषाला निरीक्षण प्रक्रिया में सरलीकरण करने, अधिक मात्रा में गौषालाएं स्वीकृत करने की आवष्यकता जताई। वहीं गौषालाओं के लिए पट्टा जारी कराने की कार्यवाही कराने पर जोर दिया।


इस मौके पर गोपालन मंत्री व अल्पसंख्यक मामलात मंत्री ने गौशाला में गायों को अपने हाथों से गुड़ खिलाया। इस दौरान श्री चैन पब्लिक गौषाला में एक लाख रूपये का सहयोग देने पर भामाषाह जयसिंह उज्जवल का गोपालन मंत्री व अल्पसंख्यक मामलात मंत्री ने हार्दिक स्वागत किया एवं सहयोग के लिए बधाई दी।


इस मौके पर अतिथियों का स्वागत गौषाला संचालक नारायण रंगा, अली गुलाम, जयसिंह उज्जवल, केडी रत्नू, अमीन खां, भीम सिंह, आईदान माली, मीरे खां आदि ने किया।


इससे पूर्व गोपालन मंत्री का अल्पसंख्यक मामलात मंत्री के आवास के आगे अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद, नगर परिषद सभापति हरिवल्लभ कल्ला, उपसभापति खींवसिंह, पूर्व जिला प्रमुख अब्दुल्ला फकीर, पूर्व प्रधान अमरदीन फकीर ने उनका हार्दिक अभिनन्दन किया। गोपालन मंत्री ने गौषाला संचालकों के परिवेदनाएं भी सुनी एवं प्रार्थना पंत्र प्राप्त किए एवं उनके समाधान का भरोसा दिलाया।


अल्पसंख्यक मामलात मंत्री ने सेवा पुरी जी के धूणा परिसर में बा-बापू अमृत महोत्सव के तहत किया वृक्षारोपण,

अल्पसंख्यक मामलात मंत्री ने सेवा पुरी जी के धूणा परिसर

में बा-बापू अमृत महोत्सव के तहत किया वृक्षारोपण,

सेवा पुरी धुणे में अल्पसंख्यक मामलात मंत्री ने सभाभवन निर्माण के लिए 15 लाख विधायक मद से देने की घोषणा की,

अल्पसंख्यक मामलात मंत्री का माली समाज द्वारा हार्दिक अभिनन्दन


 जैसलमेर  अल्पसंख्यक मामलात, वक्फ एवं जन अभियोग निराकरण मंत्री ने शाले मोहम्मद ने कहा कि माली समाज का नगर पलिका क्षेत्र में सदैव प्रतिनिधित्व रहा है एवं उन्होंने शहर के विकास में हर संभव सहयोग दिया है। उन्होंने वार्ड संख्या 2 के पार्षद संतोष माली एवं वार्ड संख्या 3 के पार्षद मांगीलाल गहलोत के वार्डवासियों के लिए की जा रही जनसेवा एवं सहयोग की तारिफ की। उन्होंने कहा कि सेवापुरी धूणे में बा-बापू अमृत महोत्सव के तहत जो पौधारोपण किया है उन सभी पौधों की सार संभाल कर उनको वाटिका के रूप में विकसित करावें।

अल्पसंख्यक मामलात् मंत्री ने सेवापुरी धुणे में माली समाज द्वारा रखे गए पौधोरोपण एवं सम्मान समारोह के दौरान जनसमुदाय को संबोधित करते हुए यह उदगार व्यक्त किए। इस मौके पर उपखण्ड अधिकारी राजेष कुमार, अधिषाषी अधिकारी तनुजा सौलंकी, जिला परिषद सदस्य कान भारती, पंचायत समिति सदस्य रसीद खां, पूर्व प्रधान वहीदुल्ला महर, समाजसेवी राजू पुरोहित, वार्ड पार्षद मांगीलाल गहलोत, संतोष माली, समाजसेवी, आईदान पंवार, सरपंच जगदीष भील उपस्थित थे।

अल्पसंख्यक मामलात मंत्री ने माली समाज द्वारा किए गए सम्मान के प्रति आभार जताया एवं कहा कि पोकरण क्षेत्र में विकास के नए कीर्तिमान स्थापित किए है। उन्होंने इस मौके पर सेवापुरी जी के घूणे परिसर में बड़े सभाभवन निर्माण के लिए विधायक मद से 15 लाख रूपये की घोषणा की वहीं स्वामी समाज के सामुदायिक भवन व पानी के टांके का निर्माण कराने का भी विधायक मद से स्वीकृति का विष्वास दिलाया एवं नगरपालिका अधिषाषी अधिकारी को इसका तखमीना बनाकर पेष करने के निर्देष दिए।

इस मौके पर पार्षद संतोष माली ने मंत्री जी का हार्दिक स्वागत किया एवं वार्ड में पेयजल की सुविधा के प्रति आभार जताया। समाजसेवी आईदान पंवार ने कहा कि सेवापुरी जी के पावन धुणे पर विधायक एवं अल्पसंख्यक मामलात मंत्री द्वारा 15 लाख की घोषणा पर माली समाज की और से हार्दिक आभार जताया।

इस मौके पर अल्पसंख्यक मामलात मंत्री ने टीकमचंद माली द्वारा संचालित किए जा रहे वूषु संघ के तहत की जा रही गतिविधियों की तारीफ की एवं इसके लिए भी पूरा सहयोग देने का विष्वास दिलाया। उन्होंने इस खेल गतिविधियों के तहत प्राप्त किए गए गोल्ड, सिल्वर एवं कांस्य मेडल एवं प्रमाण पत्र विजेता खिलाड़ियों को प्रदान किए।

इस मौके पर पार्षद संतोष माली ने कोच टीकमचंद को इन खेलों के सहयोग के लिए अपनी ओर से पचास हजार रूपये एवं गौस्वामी समाज के  विकास के लिए हंसपुरी एवं तेज भारती को 1 लाख 50 हजार रूपये का चैक प्रदान किया। पार्षद मांगीलाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर अल्पसंख्यक मामलात मंत्री ने बा-बापू अभियान के तहत धूणा परिसर में पौधारोपण किया एवं अधिक से अधिक पौधे लगाने का आहवान किया।

मंगलवार, 16 मार्च 2021

जीते जी किसी ने सार नहीं की मरने के बाद श्रद्धांजलियों का दौर कोटड़ी पाड़े की गलियां हुई स्वर विहीन ,रानी महल के बाहर सन्नाटा

 जीते जी किसी ने सार नहीं की मरने के बाद  श्रद्धांजलियों का दौर

कोटड़ी पाड़े की गलियां हुई स्वर विहीन ,रानी महल  के बाहर सन्नाटा



जैसलमेर विभा श्रॉफ के साथ थार का विख्यात लोक गीत मूमल गाकर  दिलाने

वाले मांगणियार लोक गायक दापु खान के निधन के साथ ही जैसलमेर के सोनार

किले की  स्वर विहीन हो गयी ,अब इन गलियों में दपु खान के कमायचे  मधुर

संगीत के साथ सुरीली आवाज़ नहीं गूंजेगी ,वर्षों से किले ऊपर कोटड़ी पाड़ा

स्थित कंवर और रानी पदाके बाहर बैठकर पर्यटकों को अपने मधुर स्वर लहरियों

से आकर्षित करने वाला लोक कलाकार दापु खान अब इस दुनिया में नहीं रहा

,मस्त मलंग दपु खान ताउम्र फटेहाल रहा ,जैसलमेर की ऐतिहासिक लोक नायिका

मूमल की सुंदरता का अपने गीतों में बखान कर अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त

करने के बाद भी दपु खान की जिंदगी में कोई बदलाव नहीं आया था ,दापु खान

के हुनर का उपयोग कर विभा श्रॉफ ने जो ख्याति मूमल से अर्जित की उसका

फायदा दपु को नहीं मिला ,यु ट्यूब पर करोड़ो लोगो तक पहुंचे मूमल गीत की

रॉयल्टी दपु खान को नहीं नहीं मिली ,दपु सामान्यतः अपनी मौत के दो दिन

पहले तक कोटड़ी पाड़ेकी गलियों में बेथ पर्यटकों के लिए स्वागत गीत गता रहा

,दपु खान को न तो जिला प्रशासन से न ही पर्यटन विभाग से कभी कोई सहायता

मिली यहाँ तक की उसे जिला प्रशासन ने कभी मरू महोत्सव  सांस्कृतिक

कार्यक्रमों में शामिल नहीं किया ,उसकी रोजी रोटी पर्यटकों की और से

मिलने वाली बक्शीश से चलती थी ,दपु को दो वक़्त की रोटी कोटड़ी पाड़े के

घरों से बच्ची खुची मिलती थी इसी में खुस था ,छोटे बच्चों से लेकर बड़े

बुजुर्गो के मुंह लगा था दपु ,हर कोई उसका ख्याल रखता था ,मगर राज्य

सरकार या जिला  उसकी प्रतिभा के साथ कभी न्याय नहीं किया ,विभा श्रॉफ ने

दपु के साथ मूमल गाकर ख्याति और पैसा खूब कमाया मगर उसकी हिस्सा राशि दपु

को नहीं दी ,फिर भी दपु को कोई मलाल नहीं था ,साउथ में सरकारी बसों पर

राजस्थान की लोक संस्कृति के चित्रों में दपु खान का फोटो प्रमुखता से

दर्शाया गया था ,विगत दिनों दपु खान को अक्षय कुमार  के वीडियो में भी

प्रमुखता से दिखाया गया था ,बावजूद इसके दापु खान को न कभी प्रशासन ने

सहयोग किया न पर्यटन विभाग ने ,दो दिन पूर्व उसकी तबियत बिगड़ी तो उसे

जोधपुर के निजी अस्पताल में उपचार के लिए दाखिल कराया ,शनिवार को उसने

अंतिम सांस ली ,भाडली गांव का निवासी दपु खान महीने में बीस दिन किले की

गलियों में लोक गीत गाकर गुजरता था ,दस दिन में बक्शीश का पैसा इकट्ठा कर

गांव चला जाता ,दस दिन गांव रहता फिर जैसलमेर आ जाता ,उसकी पसंदीदा बैठने

की जगह कोटड़ी पांडे स्थित रानी महल और कंवर पदा थी जिसके बाहर बैठक

कमायचे की मधुर धुनों के साथ स्वर लहरियां  बिखेरता ,जीते जी दपु खान के

हाल सिवाय कोटड़ी पाड़े के निवासियों के किसी ने नहीं जाने ,अब उसकी मौत

पर प्रधानमंत्री से लेकर आम खास सोसल मिडिया पर  श्रद्धांजलियां दे

रहेदपु खान ताउम्र फटेहाल रहा ,एक कत्थई रंग का कट्टा फटता कमीज और धोती

उसका स्थाई परिधान था ,बहरहाल दपु खान के असामयिक निधन के बा किले से

कमायचे के साथ गूंजती दपु की स्वर लहरियाँ खामोश हो गयी सदा के लिए ,


मानवेन्द्र सिंह निर्विरोध फुटबॉल संघ के अध्यक्ष निर्वाचित

 मानवेन्द्र सिंह निर्विरोध फुटबॉल संघ के अध्यक्ष निर्वाचित




बाड़मेर राजस्थान फुटबॉल संघ के प्रदेश अध्यक्ष कर्नल मानवेन्द्र सिंह

जसोल जिला फुटबॉल  बारमेर के चार वर्षीय चुनावो में पुनः तीसरी बार

लगातार निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए ,निर्वाचन अधिकारी हरीश भाटी ने बताया

की जिला फुटबॉल संघ बाड़मेर के चुनाव होटल अम्बर में संपन्न हुए ,एकल

आवेदन सभी पदों पर आने के बाद पर्यवेक्षक मांगीलाल सोलंकी ,जिला ओलम्पिक

संघ पर्यवेक्षक चून सिंह भाटी और जिला खेल अधिकारी भींयाराम की देखरेख

में संपन्न हुए इन चुनावो में जिला फुटबॉल संघ की कार्यकारिणी

निर्विरोद्ध चुनी गयी ,जिसमे कर्नल मानवेन्द्र सिंह अध्यक्ष ,फरस सिंह

सचिव और मल सिंह कोषाध्यक्ष चुने गए,मानवेन्द्र सिंह के अध्यक्ष चुने

जाने पर फुटबॉल प्रेमियों में ख़ुशी की लहर फेल गयी ,