सोमवार, 12 सितंबर 2011

सरहदी गांवों में बारिश का कहर



सरहदी गांवों में बारिश का कहर

एक दर्जन गांव अतिवृष्टि की चपेट में

 पांच सौ से अधिक कच्चे मकान क्षतिग्रस्त


बाड़मेर शिव उपखंड क्षेत्र के सरहदी गांवों में बारिश बैरन बन गई है। लगातार रुक- रुककर हो रही बारिश से करीब पांच सौ से अधिक कच्चे मकान पूरे या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। वहीं खरीफ फसलें अंकुरित होने से पहले जमीदोंज हो गईं। लोग परेशान हैं और बारिश नहीं होने की दुआ कर रहे हैं।

रोहिड़ी गांव में बारिश से आधा दर्जन कच्चे मकान ढह गए। वहीं एक गाड़ी पानी के बहाव क्षेत्र में फंसी है। इधर, एसडीएम व तहसीलदार ने सरहदी गांवों का दौरा कर अतिवृष्टि से उत्पन्न हालात का जायजा लिया।

उपखंड क्षेत्र के सुंदरा, रोहिड़ी, बंधड़ा, नोहडिय़ाला,गडरा, पुंजराज का पार, शहदाद का पार, देताणी, खुडाणी समेत आसपास के करीब दो दर्जन से अधिक गांव व ढाणियां अतिवृष्टि की चपेट में आ गए हैं। जहां पर लगातार बारिश से आशियाने धराशायी हो गए हैं।


अतिवृष्टि से प्रभावित गांवों में अभी तक सर्वे शुरू नहीं किया गया है। बारिश से फसलें तबाह होने के साथ कच्चे मकान ढह गए। ग्रामीण खुले आसमान तले आ गए हैं।

मोकमसिंह सोढ़ा, ग्रामीण, बंधड़ा

॥ सरहदी गांवों में अतिवृष्टि से हालात चिंताजनक बने हुए हैं। क्षेत्र में करीब तीन सौ से अधिक कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। रोहिड़ी गांव का जायजा लिया, जहां पर पानी के कहर से किसानों की फसलें चौपट हो गईं हैं। ग्रामीणों को सरकारी इमदाद नसीब नहीं हो रही है।

डॉ. जालम सिंह रावलोत, पूर्व विधायक शिव

सर्वे किया है

॥शनिवार को सीमावर्ती गांवों में पानी भराव के बाद तहसीलदार को सहायता सामग्री देकर भेजा गया था। उन्होंने सर्वे किया है, जिसकी रिपोर्ट कल आएगी।

गौरव गोयल, कलेक्टर, बाड़मेर

सड़क हादसों में 5 की मौत


सड़क हादसों में 5 की मौत

बाड़मेर जिले में शनिवार देर रात व रविवार को हुए विभिन्न चार दुर्घटनाओं में 5 की मौत हो गई वही बीस घायल हो गए।गुड़ामालानी में मेगा हाइवे पर जीप व बोलेरो की शनिवार देर रात भिड़ंत में बोलेरो चालक की मौत हो गई वहीं आठ जने घायल हो गए। बायतु में नेशनल हाइवे 112 पर रविवार सुबह साढ़े नौ बजे बनिया सांडा धोरा चौराहा के निकट ट्रक की चपेट में आने से युवक की मौत हो गई। इसी तरह चौहटन आगोर सरहद में बोलेरो की टक्कर से बालक की मौत हो गई। इधर बाड़मेर में सांसियों का तला के पास रविवार शाम बोलेरो व बस की टक्कर से १२ श्रद्धालु घायल हो गए।

बालोतरा गुड़ामालानी थानातंर्गत मेगा हाइवे पर एक जीप व बोलेरो गाड़ी की आमने सामने हुई भिड़ंत में बोलेरो चालक की मौत हो गई। वहीं आठ जने घायल हो गए। जिन्हें उपचार के लिए सांचौर भेजा गया। पुलिस के अनुसार कांति भाई ने मामला दर्ज करवाया कि मेगा हाइवे के टोल प्लाजा नगर के पास शनिवार देर रात एक जीप व बोलेरो की भिड़ंत हो गई

इस दौरान जीप में सवार पूनमाराम, धर्माराम, हेतसिंह, हरी बहन, नावी बहन, लाली बहन, नारायण भाई, कांति भाई घायल हो गए। जिन्हें उपचार के लिए सांचौर रेफर कर दिया गया। वहीं बोलेरो चालक वीरमराम पुत्र देवाराम भील निवासी चारणी पुलिस स्टेशन चितलवाना गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे उपचार के लिए डीसा रेफर किया गया। जहां उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया।

चौहटनत्न चौहटन आगोर सरहद पर चौहटन थाना अंतर्गत सड़क किनारे चल रहे एक बालक को बोलेरो ने टक्कर मार दी जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस के अनुसार सणाऊ निवासी लूणाराम गर्ग ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि उनका पुत्र शेरू राम (10) रविवार सुबह सणाऊ से चौहटन आ रहा था। उस दौरान बोलेरो के चालक अशोक कुमार ने तेज गति से वाहन चलाते हुए शेरू राम को टक्कर मार दी।

बायतु नेशनल हाइवे 112 पर रविवार सुबह साढ़े नौ बजे बनिया सांडा धोरा चौराहा के निकट एक ट्रक ने पैदल जा रहे युवक को चपेट में ले लिया। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस के अनुसार नेशनल हाइवे पर तेज गति से जा रहे एक ट्रक ने पैदल जा रहे बायतु पनजी निवासी प्रकाश (17) पुत्र पोकरराम जाट को टक्कर मार दी। पुलिस ने वाहन को जब्त कर चालक को गिरफ्तार कर लिया। शव को मौके पर ही परिजनों को सौंप दिया।

बाड़मेर एनएच 15 पर सांसियों का तला के पास रविवार शाम बोलेरो और निजी बस की टक्कर में 12 जने घायल हो गए। जानकारी के अनुसार रविवार शाम पौने सात बजे विरात्रा धाम में दर्शन कर श्रद्धालु बोलेरो में भाडखा जा रहे थे। इसी बीच सांसियों का तला के पास निजी बस से बोलेरो भिड़ गई। इस दुर्घटना में बोलेरो में सवार 12 जने घायल हो गए। दुर्घटना में श्रवण कुमार, कोजा राम, भैराराम, खेताराम, भूरा राम, गोमी देवी, लासों देवी, राजी देवी व कमला सहित दो अन्य घायल हो गए। घायलों को इलाज के लिए राजकीय अस्पताल बाड़मेर लाया गया। इनमें से पांच को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई वहीं सात का इलाज चल रहा है।


विख्यात शक्तिपीठ वाकलधाम विरात्रा ....मां के दरबार में लगा भक्तों का तांता




विख्यात शक्तिपीठ वाकलधाम विरात्रा मां के दरबार में लगा भक्तों का तांता


विख्यात शक्तिपीठ वाकलधाम विरात्रा के तीन दिवसीय मेले के दूसरे दिन रविवार को अलसुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। दोपहर के समय मंदिर परिसर में लंबी कतारें नजर आई। मां के दरबार में रविवार को सैकड़ों श्रद्धालुओं ने मत्था टेक धोक लगाई और मन्नत मांगी।
मुख्य मंदिर के अलावा विरात्रा ट्रस्ट के अधीन आने वाले गढ़ मंदिर, जूना विरात्रा, वैर माता, तोरणिया माता तथा दादा भीयड़ के मंदिरों पर दिनभर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। ट्रस्ट के अध्यक्ष भैरसिंह सोढ़ा ने बताया कि वाकलधाम के तीन दिवसीय मेले के दूसरे दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने मां के दरबार में धोक लगाकर मन्नत मांगी। मेले में बाड़मेर, जोधपुर, जयपुर, कोटा, सांचोर, अहमदाबाद सहित विभिन्न क्षेत्रों से और नेपाल के नंदवाना ब्राह्मण समाज के हजारों श्रद्धालु शरीक हुए। वहीं सोमवार को मेले का समापन होगा।
ट्रस्ट ने संभाली व्यवस्थाएं : विरात्रा मेले में दर्शनार्थियों के लिए ट्रस्ट की ओर से माकूल इंतजाम किए गए। मेला स्थल पर स्वास्थ्य, पानी, बिजली तथा यातायात व्यवस्था के पुख्ता प्रबंध किए गए। वहीं प्रशासनिक टीम ने चौबीस घंटे व्यवस्थाओं को मॉनिटरिंग की।
जमकर की खरीदारी
मेला स्थल पर विभिन्न दुकानों और स्टालों पर दिनभर श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आई। जहां बच्चों ने खाने-पीने का लुत्फ उठाया, वहीं महिलाओं ने चूड़ी और घरेलू सामान की जमकर खरीदारी।
जागरण में बही भक्ति की सरिता
तीन दिवसीय वांकल विरात्रा मेले के दौरान रोजाना रात्रि जागरण का आयोजन किया जा रहा है। शनिवार रात जागरण में कलाकारों की ओर से दी गई भजनों की प्रस्तुति पर देर रात तक श्रद्धालु जम रहे। वहीं रविवार रात को भी जागरण का आयोजन हुआ।



अब की बार सीधे घरों में घुसा पानी


अब की बार सीधे घरों में घुसा पानी

बाड़मेर जोधुपर की फैक्ट्रियों से छोड़ा जा रहा रासायनिक पानी रविवार शाम करीब पांच बजे तेज बहाव के साथ डोली गांव पहुंच गया।ग्रामीण संभलते कि इससे पहले पानी घरों में घुस गया। पानी से देवासी बस्ती, लुहारों का वास समेत विभिन्न बस्तियों में कई मकान व सरकारी भवन घिर गए। वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग न.112 पर डेढ़ से दो फीट पानी के भराव से ट्रैफिक जाम हो गया। करीब आधा दर्जन वाहन पानी में फंस गए। प्रदूषित पानी से हालात बिगडऩे के बाद कोई प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा।

डोली गांव स्थित विभिन्न बस्तियां में पानी का भराव हो गया। साथ ही पटवार भवन, ग्राम पंचायत भवन, उप स्वास्थ्य केन्द्र व बस स्टैंड पानी से घिर गए। कस्बे से होकर गुजर रहे हाइवे पर पानी के तेज बहाव के चलते ट्रैफिक जाम हो गया। इस बीच कई वाहन पानी से होकर गुजरे तो बंद हो गए। जिन्हें ट्रैक्टरों से खींचकर निकाला गया। हाइवे के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। ग्रामीण घरों से पानी निकालने के लिए मशक्कत में जुट गए। ग्रामीण पेंपसिंह व बाबूसिंह ने बताया कि घरों के आगे जमा हुए प्रदूषित पानी के बाद घर से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है। साथ ही पानी से उठ रही दुर्गंध दूर दूर तक फैल रही है। शाम तक प्रशासन का कोई नुमाइंदा मौके पर नहीं पहुंचा।


स्कूल पानी से घिरा

डोली में स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक भवन में रविवार को पानी घुस गया। चारदीवारी के अंदर एक से डेढ़ पानी का भराव हो गया। जिससे स्कूल जाने का रास्ता ही बंद हो गया। ऐसे में सोमवार को स्कूल का खुलना मुश्किल है।

खड़ी फसलें खराब

प्रदूषित पानी की आवक निरंतर जारी रहने से डोली, कल्याणपुर, अराबा में करीब सैकड़ों हेक्टेयर क्षेत्रफल में खड़ी खरीफ की फसलें तबाह हो गई। लगातार पानी के भराव से बाजरा, ग्वार, मूंग, मोठ व तिल की फसलें पीली पड़कर मुरझा गई। किसान अपने स्तर पर खेतों से पानी निकालने में जुटे हैं। मगर पानी की आवक जारी रहने से हालात बेकाबू हो रहे हैं।

दिखावा रह गई निकासी

प्रदूषित पानी की निकासी को लेकर सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से तैयार की प्लानिंग महज दिखावा बनकर रह गई है। विभाग ने डोली के गोदावास मार्ग से पानी निकासी के लिए पाइप डाल रखे हैं, मगर अभी तक कार्य शुरू नहीं होने से पानी का भराव दिन ब दिन बढ़ रहा है।
प्रदूषित पानी की समस्या नासूर बन गई है। रविवार को फिर पानी घरों में घुस गया। हाइवे से गुजर रहे वाहनों के इंजन सीज हो गए।

श्रवणसिंह राजपुरोहित

वाहन चालक।

॥सुबह से एनीकट पर खड़े होकर आवक पर नजर रखनी पड़ रही है। प्रशासनिक स्तर पर इंतजाम नहीं हो रहे हैं। खड़ी फसलें तबाह हो गई।

भाखराराम विश्नोइ

पंचायत समिति सदस्य

शिव के बारह ज्योतिर्लिंग~~~ जै शिव शंकर तेरी सदा ही जय ओम नमः शिवाय ओम नमः शिवाय ओम नमः शिवाय.

शिव के बारह ज्योतिर्लिंग~~~जै शिव शंकर तेरी सदा ही जय


 









ओम नमः शिवाय ओम नमः शिवाय ओम नमः शिवाय.

भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंग देश के अलग-अलग भागों में स्थित हैं। इन्हें द्वादश ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है।

इन ज्योतिर्लिंग के दर्शन, पूजन, आराधना से भक्तों के जन्म-जन्मातर के सारे पाप व दुष्क्रत्य समाप्त हो जाते हैं। वे भगवान शिव की कृपा के पात्र बनते हैं।

श्री सोमनाथ
श्री मल्लिकार्जुन
श्री महाकालेश्वर
श्री ओंकारेश्वर-श्री ममलेश्वर
श्री केदारनाथ
श्री विश्वनाथ
श्री त्र्यम्बकेश्वर
श्री वैद्यनाथ
श्री नागेश्वर
श्री रामेश्वर
श्री घुश्मेश्वर
श्री भीमेश्वर
शिव के आठ स्वरुप~~~


सृष्टि संचालन के लिए शिव आठ रूप धारण किए हुए हैं। चराचर विश्व को पृथ्वी रूप धारण करते हुए वह शर्व अथवा सर्व हैं। सृष्टि को संजीवन रूप प्रदान करने वाले जलमयरूप में वह भव हैं। सृष्टि के भीतर और बाहर रहकर सृष्टि स्पंदित करने वाला उनका रूप उग्र है। सबको अवकाश देने वाला, नृपोंके समूह का भेदक सर्वव्यापी उनका आकाशात्मकरूप भीम कहलाता है। संपूर्ण आत्माओं का अधिष्ठाता, संपूर्ण क्षेत्रवासी, पशुओं के पाश को काटने वाला शिव का एक रूप पशुपति है।

सूर्य रूप से आकाश में व्याप्त समग्र सृष्टि में प्रकाश करने वाले शिव स्वरूप को ईशान कहते हैं। रात्रि में चंद्रमा स्वरूप में अपनी किरणों से सृष्टि पर अमृत वर्षा करता हुआ सृष्टि को प्रकाश और तृप्ति प्रदान करने वाला उनका रूप महादेव है। शिव का जीवात्मा रूप रुद्र कहलाता है। सृष्टि के आरंभ और विनाश के समय रुद्र ही शेष रहते हैं। सृष्टि और प्रलय, प्रलय और सृष्टि के मध्य नृत्य करते हैं। जब सूर्य डूब जाता है, प्रकाश समाप्त हो जाता है, छाया मिट जाती है और जल नीरव हो जाता है उस समय यह नृत्य आरंभ होता है। तब अंधकार समाप्त हो जाता है और ऐसा माना जाता है कि उस नृत्य से जो आनंद उत्पन्न होता है वही ईश्वरीय आनंद है।

शिव,महेश्वर, रुद्र, पितामह, विष्णु, संसार वैद्य, सर्वज्ञ और परमात्मा उनके मुख्य आठ नाम हैं। तेईस तत्वों से बाहर प्रकृति,प्रकृति से बाहर पुरुष और पुरुष से बाहर होने से वह महेश्वर हैं। प्रकृति और पुरुष शिव के वशीभूत हैं। दु:ख तथा दु:ख के कारणों को दूर करने के कारण वह रुद्र कहलाते हैं। जगत के मूर्तिमान पितर होने के कारण वह पितामह, सर्वव्यापी होने के कारण विष्णु, मानव के भव रोग दूर करने के कारण संसार वैद्य और संसार के समस्त कार्य जानने के कारण सर्वज्ञ हैं। अपने से अलग किसी अन्य आत्मा के अभाव के कारण वह परमात्मा हैं। ॐ नमोः शिव सांई~~~

पतित पावन परम पिता परमात्मा शिव,
गीता ज्ञान दाता दिव्य चक्षु विधाता शिव~~~

'शि' का अर्थ है पापों का नाश करने वाला और 'व' कहते हैं मुक्ति देने वाले को। भोलेनाथ में ये दोनों गुण हैं इसलिए वे शिव कहलाते हैं। -ब्रह्मवैवर्त पुराण

ॐ नमोः शिव सांई~~~

शंकर शिव शम्भु साधु संतन हितकारी ॥

लोचन त्रय अति विशाल सोहे नव चन्द्र भाल ।
रुण्ड मुण्ड व्याल माल जटा गंग धारी ॥

पार्वती पति सुजान प्रमथराज वृषभयान ।
सुर नर मुनि सेव्यमान त्रिविध ताप हारी

रविवार, 11 सितंबर 2011

बस में चाय के साथ मिलेंगे समोसे

बस में चाय के साथ मिलेंगे समोसे
जयपुर। बस के सफर में अगर चाय की चुस्कियों के साथ गर्मागर्म पकौड़ी या समोसे खाने को मिल जाएं तो क्या कहना। आपकी यह हसरत जल्द ही पूरी हो सकती है, क्योंकि राजस्थान रोडवेज अपनी सभी तरह की वोल्वो बसों में जलपान की सुविधा देने पर विचार कर रहा है।

इसके लिए कार्यकारी निदेशक (प्रशासन) और सभी जोनल प्रबंधकों को 30 सितम्बर तक इसकी पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। रोडवेज प्रशासन को रोजाना चालक-परिचालकों की ओर से अने मनमर्जी के महंगे ढाबों पर बसें रोकने की शिकायतें मिलती रहती हैं।

इसी महीने की शुरूआत में रोडवेज मुख्यालय में प्रबंधकों की बैठक में भी यह मुद्दा उठा तो सुझाव आया कि रेलवे की तरह ही पेंट्रीकारयुक्त बसों में जलपान की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। इससे न केवल रोडवेज की आय में वृद्धि होगी, बल्कि आए दिन आने वाली शिकायतों से भी छुटकारा मिलेगा।

अभी ऑर्डर पर मिलता है सामान : रोडवेज की पेंट्रीकार युक्त बसों में यात्रियों से ऑर्डर ले लिया जाता है और रास्ते में किसी भी वाजिब दुकान से खरीदकर यात्रियों के ऑर्डर को पूरा किया जाता है। इस नई सुविधा से यात्री बस में बैठने के बाद ही खाने की चीजें खरीद सकेगा। रोडवेज धीरे-धीरे सभी डीलक्स बसों में यह सुविधा शुरू करेगा।

ढाबे ही नहीं चुने : रोडवेज ने पूर्व में सभी आगारों को ढाबों का चयन करने के लिए कहा था, ताकि बसों को निश्चित ढाबों पर ही रोका जा सके। कुछ आगारों ने तो ढाबों का चयन कर लिया, लेकिन कुछ आगार आज भी ढाबे चयनित नहीं कर पाए हैं, जिसकी वजह से आज भी चालक-परिचालक अपनी मनमर्जी से बसों को अपनी इच्छानुसार ढाबों पर रोक देते हैं।

70 फेरे लगाती है वोल्वो : रोडवेज की ओर से वर्तमान में 43 वोल्वो बसों का संचालन किया जा रहा है। इनमें 25 बसें रोडवेज की हैं और 18 बसें किराए की चलाई जा रही हैं। शहर से दिल्ली, लखनऊ, इंदौर, सूरत, अहमदाबार, उदयपुर, जोधपुर, हरिद्वार, शिमला के लिए ये बसें रोजाना 70 से ज्यादा ट्रिप लगाती हैं।

यूं देंगे सुविधा
वोल्वो बसों में परिचालक को जलपान के पैकेट्स, जिसमें कचौरी, समोसा, पेस्ट्री, पेटीज, सैंडविच आदि के साथ ही कोल्डड्रिंक व अन्य पेय पदार्थ भी दिए जाएंगे, जो यात्रियों के लिए उपलब्ध होंगे। इसकी राशि निश्चित कर ली जाएगी। प्रति बस के हिसाब से चालक व परिचालक को भी कुछ फायदा दिया जाएगा। इन खाद्य पदार्थो को रोडवेज सीधे निर्माता कंपनियों से खरीदेगा जिससे भी
उसे लाभ होगा।

"रोडवेज की वोल्वो बसों में यह सुविधा देने की योजना है। सभी जोनल प्रबंधकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस सुविधा को शुरू करने की दिशा में कदम उठाएं। योजना सफल रही तो सभी डीलक्स बसों में यह सुविधा शुरू की जाएगी।"
मंजीत सिंह, सीएमडी, रोडवेज

बी सी खंडूड़ी ने ली सीएम पद की शपथ

देहरादून. मेजर जनरल भुवन चन्द्र खंडूड़ी ने रविवार अपराह्न् तीन बजे यहां रेंजर्स ग्राउंड में शपथ ली। वह दूसरी बार राज्य की बागडोर संभालेंगे।

इस मौके पर रविशंकर प्रसाद के अलावा पार्टी के दो अन्य केन्द्रीय नेता थावर चंद गहलोत और राजनाथ सिंह भी मौजूद थे।


ज्ञात हो कि राज्य में भाजपा के सत्ता में आने पर खंडूड़ी वर्ष 2007 में मुख्यमंत्री बने। इसके बाद वर्ष 2009 में उनकी जगह रमेश पोखरियाल 'निशंक' को मुख्यमंत्री बनाया गया था।

इससे पहले उत्तराखंड में रविवार को एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम में मुख्यमंत्नी रमेश पोखरियाल निशंक ने राज्यपाल मार्गरेट अल्वा को अपना इस्तीफा सौंप दिया और सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक दल की बैठक में उनके स्थान पर मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) भुवन चन्द्र खंडूड़ी को सर्वसम्मति से नया नेता चुन लिया गया।

निशंक ने अपने कुछ मंत्निमंडलीय सहयोगियों के साथ राजभवन पहुंचकर राज्यपाल को त्यागपत्न सौंपा। अल्वा ने निशंक का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और उन्हें नए मुख्यमंत्नी के शपथ लेने तक अपने पद पर बने रहने के लिए कहा है।

निशंक के साथ राज्यभवन जाने वालों में पर्यटन मंत्नी मदन कौशिक,शिक्षा मंत्नी खजान दास,वन एवं पर्यावरण मंत्नी जी.एस.बिष्ट, परिवहन मंत्नी बी.एस.भगत और राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष गीता ठाकुर शामिल थे।

उल्लेखनीय है कि पार्टी के शीर्ष नेताओं की कल रात हुई बैठक में भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे निशंक को हटाकर सरकार की कमान
पुन: मेजर जनरल खंडूड़ी को सौंपने का फैसला किया गया था।

ज्ञात हो कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व शनिवार को पोखरियाल से मिला और उनके ऊपर भ्रष्टाचार के लगे आरोपों के मद्देनजर उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए कहा।
सूत्रों ने हालांकि बाताया कि पोखरियाल को भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते पद छोड़ने के लिए कहा गया जबकि निशंक का बचाव करते हुए गडकरी ने कहा, "निशंक के खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं है।"
गडकरी ने कहा कि उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से जब पार्टी ने कहा कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन का फैसला लिया गया है तो उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया।
सूत्रों ने बताया कि पार्टी निशंक के प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं है और उसने सोचा कि उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से आगामी विधानसभा चुनाव में उसे नुकसान हो सकता है।
शनिवार को हुए बैठक में भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के अलावा लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली, राजनाथ सिंह, धर्मेद्र प्रधान और थवर चंद गहलोत शामिल हुए।

वडाली ब्रदर्स के पास मिले जिंदा कारतूस

वडाली ब्रदर्स के पास मिले जिंदा कारतूस

नई दिल्ली। मशहूर सूफी गायक पूरणचंद वडाली और उनके भाई प्यारेलाल को जिंदा कारतूस लेकर चलने के आरोप में अमृतसर एयरपोर्ट पर रोक लिया गया। एयरपोर्ट पर सीआईएसएफ के जवानों ने प्लारेलाल वडाली के बैग से 14 जिंदा कारतूस बरामद किए। इसके बाद दोनों को छोड़ दिया गया। घटना के बाद दोनों दिल्ली के लिए रवाना हो गए, जहां उन्हें एक शो करना है।
वडाली बंधुओं के खिलाफ एफआईआर दर्ड नहीं की गई है लेकिन सोमवार को उन्हें कमाण्डेंट के समक्ष पेश होने को कहा गया है। मीडिया रिपोर्टो के मुताबिक एयरपोर्ट पर रोके जाने से पहले दोनों सीआईएसएफ के कई चैक प्वाइंट पार कर चुके थे। कारतूस होने का पता प्लेन के एयरपोर्ट पर लैंड करने से पहले ही लग गया था। वडाली बंधुओं का कहना है कि गलती से कारतूस उनके बैग में रह गए। उनके पास रिवाल्वर रखने का लाइसेंस है। रिवाल्वर घर पर ही थी।

Rain-hit Sindh villagers suffer from negligence


MIRPURKHAS/TANDO ALLAHYAR: Sitting on a borrowed cot under the open sky on the side of a link road that terminates in his village, the elderly Bheeko Kohli describes how he has gone hungry for the past three days. Crying, he points to a small quantity of wheat lying on the ground that is now too wet to be consumed.
Behind him lies a cotton crop that is rotting in floodwaters in Ghulam Rasool Shah Jillani village of Tando Allahyar district.
Bheeko is a farm worker, but not all landowners have helped their workers financially during this time. As in other natural disasters, many of the rural poor have been left to fend for themselves.
Their fragile homes, made of thatched straw, have collapsed. Escaping to higher ground, living under the open sky or braving the conditions of crowded relief camps — if they can reach them — are their only option.
The cattle they cherish, the source of their livelihood, are without shelter too and vulnerable to theft, lack of fodder and to disease because of the unavailability of medication.
According to the National Disaster Management Authority, 4.9 million people have been affected by this summer’s rains in 22 districts of Sindh.
Last year, it was flooding along the right bank of the Indus that resulted in displacement of millions of people and massive losses to the agricultural sector.
The damage from this year’s monsoon has been mainly in left-bank districts where no contingency plan seems to have been in place. The situation has been worsening with each passing moment because rainfall has been continuing unabated, in some areas for 48 hours.
“It’s chaos,” says Dr Irfan Gul Magsi, a former provincial minister from Tando Allahyar. “People are quarrelling among themselves to divert water from their lands to others. The government is missing from the scene while the rains are devastating everything.”
The Left Bank Outfall Drain and other drains branching out from the Indus are flowing to their full capacity and in some areas are overflowing. The provincial irrigation authorities have simply been unable to cope with them.
“It is beyond our capacity to control the situation,” admits a senior official of the Sindh Irrigation and Drainage Authority.
“We have asked district administrations to evacuate people located around surface and saline water drains.”
Locals also blame the authority for failing to clear the LBOD and other drains of weeds and silt over the years.
With water overflowing from them at various locations, roads connecting towns and cities are under water. It is hard to differentiate between roads and the riverine plains along them, which have begun to resemble marshes.
Travelling towards Mirpurkhas, Tando Allahyar or Badin, the scene on both sides of the road resembles last year’s devastating floods. Large swathes of land, mostly agricultural, are submerged.
In Tando Allahyar, a relatively fertile district, lush green fields of cotton, paddy, vegetables and fodder have been washed away. Sugarcane has a greater chance of survival, but if water remains stagnant in fields canes will start to rot. Evidence of this can already been seen in the roots, which have started turning black.
This year, Sindh was set to have a bumper crop of cotton. Acreage had increased because farmers had been receiving a relatively high price for their yields. But according to the province’s agriculture department, 55 per cent of its cultivated area is now submerged and Sindh stands to lose about two million bales of cotton.
The aftermath of downpours has also exposed the claims of the NDMA and Provincial Disaster Management Authority of being prepared for disaster mitigation.
“Look at this, even a donkey will refuse to eat it, how can we consume it?” asks a peasant woman, Shama, holding wheat grains in her palm. “We need tents for shelter due to the incessant rains,” she adds.
Notwithstanding these organisations’ claims that they have provided relief, the affected population is facing a serious shortage of food and tents despite forecasts of heavy rain.
Improvised tents pitched by the population dot the scene in rain-affected districts. Furious rain victims are blocking railway crossings and main roads, demanding relief goods and lambasting revenue officials for denying them tents.
“They have provided tents to influential people who have even kept their livestock in them while the same are being denied to us because we are poor and have no influence,” says Farooque Brohi, a daily-wage earner at a juice shop that has been shut down because of the rains.
Farooque’s colony in Mirpurkhas district’s Digri city is under three to four feet of rainwater. “How can we live in this polluted environment with the threat of mosquitoes? Other people may have uninterrupted power supply systems, but we don’t. It’s very difficult for us to live in our home.”
Conditions in relief camps are not much better. Around 2,000 people are housed in one camp located at the Government Degree College in Tando Jan Mohammad in Mirpurkhas. Livestock, women, children and cooking facilities share single rooms, and ration is almost finished.
Women have delivered babies without health facilities or drugs. There are no doctors, but at least four pregnant women need prenatal check-up, and lack of privacy has left them in an uncomfortable position.
“My daughter gave birth to a boy five days ago after we reached this camp. The baby needs powdered milk until his mother starts feeding him, but it is not available,” one depressed grandmother explains.

Karachi traffic thrown out of gear by rain



KARACHI: Hun-dreds of thousands of Karachiites — pedestrians as well as those in vehicles — remained stranded on flooded roads and markets for hours on Saturday after a spell of heavy monsoon rains — almost two inches in two hours — battered the metropolis in the afternoon, said met officials.

Naeem Shah, the city’s chief meteorologist, forecast a spell of heavy rain, spread over three days beginning Sunday, across lower Sindh.

He said another strong monsoon weather system, currently lying over central India. was heading towards Sindh.

He said that under the influence of this strong weather system, more widespread heavy to very heavy rains and thundershowers, accompanied by gusty winds, were expected in Badin.

Other districts to be affected were Mirpurkhas, Thar, Umerkot, Thatta, Hyderabad and Karachi from Sunday to Wednesday. He said that scattered moderate to heavy rain / thundershowers were expected elsewhere in Sindh as well as eastern parts of Balochistan.

The Saturday’s rains also affected the city’s fragile electricity distribution network as eight people were reported electrocuted in different parts of the city while power supply remained suspended in many other parts of the metropolis owing to the showers.

The heavy Saturday showers exposed the tall claims of the city’s drainage related staffers who had been making tall claims regarding having cleaned the natural rain fed nullahs as well as the manmade drainage system as many of the low lying areas as well stretches of thoroughfares that are in relatively depression were inundated.

The city government staffers while remained busy in removing the blockages — debris, garbage etc — from the waterways in some areas with their heavy duty equipment so that rain water could find its way to the sea the officials even made announcements through the television channels asking the people to remaining doors – in their offices, homes etc rather than coming on to the roads in an attempt to reach their destinations – as there was worst traffic jam because the people in the city’s business district and offices had panicked soon after the heavy showers started and the sky was covered with thick black clouds presenting a look of late evening in the afternoon and tried to rush back home.

The traffic situation became worse as many of the motorists, whose vehicles had shut down owing to deep water on the roads, had left their vehicles and had left either for home or to bring some mechanic who could fix their vehicles. Many a motorcyclists, some of them with families, were seen dragging their two wheelers.

The presence of the public transport vehicles also started to become thin as most of the operators soon after the beginning of the rainy spell parked their vehicles and avoided to bring these on the road forcing the helpless home-returning commuters to climb even on the few minibuses that were still plying on the roads.

Many a customers who had purchased their goods were caught in rain and had their purchases spoiled in showers. After the rains stopped the markets wore a deserted look and many a shopkeepers had pulled down their shutters following the downpour, while the others that were still open were seen waiting for the customers most of whom had disappeared during the rains.

The situation, however, started to normalize late in the evening as the rain had stopped after about a couple of hour long spell and the water gradually started to recede and the traffic jams started to loosen up and the vehicles started to move bringing relief to the people trapped in the jam.

The main traffic arteries including patches of Sharae Faisal, M. A. Jinnah Road, I. I. Chundrigar Road, University Road, Shaheed-i-Millat Road, Shahrah-i-Quaideen, Shahrah-i-Pakistan, Korangi Road, main road in Nazimabad, etc remained inundated

SINDH PAKISTAN BREAKING NEWS ......THAR TODAY

Police found the body of a fisherman in a gunny bag 

KARACHI, Sept 11: Police on Saturday found the body of a fisherman in a gunny bag at a garbage dump near the Lyari area.

They said the body bore multiple bullet wounds and signs of torture.

The gunny-bagged body was found near the ICI bridge neighbouring Lyari. It was later shifted to the Civil Hospital Karachi for medico-legal formalities.

The victim was identified by family members in the CHK.

“The victim was identified as 30-year-old Nazeem aka Juma,” said an official at the Baghdadi police station.

“He was a resident of Saifee Line in the Lyari area and a fisherman by profession. We believe that he was kidnapped before being tortured and killed.”

In the SITE area, a young industrial worker was shot dead while returning home from work.

Though the area police blamed personal enmity on the killing, they could not trace anyone behind it.

“The 25-year-old Usman Bakht Zada was employed with a hosiery industrial unit in the SITE area,” said an official at the SITE-A police station.

“He was returning home in Frontier Colony No 6 when someone attacked him. The attackers ran away but initial information gathered from the victim’s family suggested that they had personal enmity.”

Another young man was gunned down in Model Colony by armed riders.


CID arrests seven suspects

KARACHI, Sept 11: The crime investigation department of police on Saturday arrested seven suspects in the city.

The police also seized weapons in the raids conducted in different localities of the metropolis.

Sources said that the CID police raided places in Machhar Colony, Sir Syed town, Korangi and Gulistan-i-Jauhar. During the raids, they arrested seven suspects including the three said to be involved in targeted killings and those allegedly involved in extortion activities.

The police recovered two Kalashnikovs, seven pistols and a repeater during a raid.


Target killer arrested from New Karachi area: police


KARACHI: Police have claimed to arrest a target killer from the New Karachi area on Sunday, DawnNews reported.

Police also claimed to have recovered weapons and extortion slips from the suspect who is a member of a religious group.

According to SDPO Khwaja Ajmer Nagri’s DSP Altaf Hussain, the policemen from Sir Syed Town conducted a raid and arrested Nadir Shah Alias Nasir Aftab and recovered a TT pistol along with 50 extortion slips.

However, the suspect’s other accomplices, Shahab, Kashif and Amir escaped while firing on police.

According to police, the suspect confessed to killing six members of an opponent group in Godhra Muslim Society area.


Three drug peddlers jailed for life

KARACHI, Sept 11: A special court for control of narcotic substances on Saturday sentenced three drug peddlers to life imprisonment.

Syed Kazim Raza, Abdul Ghani and Mohammad Murad were found guilty of keeping over 140 kilograms of hashish and four kilos of heroin at a house in Gulshan-i-Iqbal in June 2004.

The court also imposed a fine of Rs1 million each and in case of non-payment the convicts would have to undergo an additional four-year imprisonment.

The judge of the special CNS court-II, Sanaullah Khan Ghoury, who conducted the trial, pronounced the judgment after recording evidence of witnesses and final arguments from both sides.

The court in its verdict ruled that it had minutely examined the prosecution evidence and statements of the accused. It also ruled that the evidence of prosecution witnesses appeared to be consistent and trustworthy, as there was no enmity of police officials with the accused persons and they were also not known to the police before the incident.

The verdict said that all the prosecution witnesses have deposed against the accused about their arrest and recovery of hashish and heroin.

Moreover, the accused have not alleged any enmity with policemen for the former’s false involvement in the present case, it added.

From the scrutiny of the whole evidence that came on record, it was established that the contraband articles, proved to be hashish and heroin, were found in a house from where the accused were arrested.

“There is material against the accused persons connecting them with commission of offence without any reasonable doubt,” the court concluded.

According to the prosecution, acting on a tip-off a team of the Anti-Narcotics Force raided a house in Block 10, Railway Housing Society, Gulshan-i-Iqbal on June 5, 2004 and recovered 141.7 kilograms of hashish and four kilos of heroin and
arrested Syed Kazim Raza, Abdul Ghani, Mohammad Murad, Asghar Ali and Inayatullah.

The case of Asghar was sent to the juvenile court for trial since he was under age while Inayatullah obtained bail from the high court, but he was declared absconder as he did not turn up before the trial court.

Aqil Qabdani, Arif and Waheed were the other absconders.

A case (08/2004) was registered against the accused men under Section 9-C of the CNS Act, 1997 at the ANF police station in Clifton.

The judge also ruled that the convicts were entitled to the benefit of the period they spent as an undertrial prisoner as provided under Section 382-B of the criminal procedure code.

The jail authorities produced the accused before the court in custody and after the pronouncement of order the judge remanded them back to prison along with the conviction warrant to serve out the remainder of their sentence.

While declaring the absconders as proclaimed offenders, the court issued their life non-bailable warrants through the investigation officer and said their case be kept on a ‘dormant file’ till their arrest.

The court also ruled that the case property was also kept in safe custody till the arrest of the absconding accused.

‘Illegal’ detention

A judicial magistrate on Saturday raided the Shahrah-i-Noor Jehan police station and recovered a man found there apparently in wrongful confinement.

Judicial magistrate Fida Hussain Abbasi conducted the raid along with an applicant in a habeas corpus case and his lawyer on a directive of district and sessions court (central) and got the detainee released on personal bond.

The magistrate ordered the station house officer and an assistant sub-inspector to appear before the district and sessions court on Monday and also directed the detainee and applicant to ensure their presence in court on the day.

Court sources said that as soon as the magistrate entered the police station, the police tried to shift the victim somewhere else, but the judicial officer saw the policemen taking away the detainee and ordered them to stop. The police officials failed to
produce any document to justify the confinement of the detainee at the police station, the sources added.

The magistrate would file his report in the district and sessions court on Monday.

Earlier, Farooq Ahmed Siddiqui through his lawyer had filed the habeas corpus application under Section 491 of the criminal procedure code in the court. He stated that a police party headed by ASI Kamal Ansari had picked up his brother, Mansoor
Ahmed Siddiqui, from his house within the remit of the Shahrah-i-Noor Jehan police station on Sept 8.

The applicant alleged that the police were demanding money for his brother’s release. He said that his brother had unlawfully been detained at the police station for last two days and prayed to the court for his recovery.

After a preliminary hearing, district and sessions judge (central) Sofia Latif directed the magistrate to conduct a raid on the information provided by the applicant and recover the victim if found in wrongful confinement.

रिश्वत देते जेल अधीक्षक गिरफ्तार

बेतिया। बेतिया मंडल कारागार के जेल अधीक्षक रमेश चंद्र जायसवाल को डीएसपी को रिश्वत देना महंगा पड़ा। डीएसपी ने जेल अधीक्षक को दो दंडाधिकारियों के समक्ष गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

घटना की पुष्टि करते हुए पश्चिम चंपारण के एसपी निशांत कुमार तिवारी ने बताया कि सदर डीएसपी शरद कुमार को उनके कार्यालय कक्ष में जेल अधीक्षक छापेमारी नहीं करने के एवज में पांच हजार रुपए रिश्वत देने आए थे। डीएसपी ने इस बात की सूचना गुप्त रूप से डीएम को दी।

सूचना के आधार पर डीएम श्रीधर ने वरीय उपसमाहर्ता विवेक कुमार व सदर अनुमंडलाधिकारी प्रकाश को मौके पर भेजा। जिसके बाद दोनों अधिकारियों के समक्ष जेल अधीक्षक की तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान उनके पॉकेट से लिफाफे में रखे हुए पांच सौ के दस नोट पाए गए।

इस बाबत डीएसपी शरद कुमार ने बताया कि जेल अधीक्षक ने जेल में छापेमारी नहीं करने के एवज में 5 हजार रुपए प्रतिमाह रिश्वत देने का ऑफर दिया था। गौरतलब है कि गत तीन माह के अंदर बेतिया मंडल कारागार में 15 बार छापेमारी हुई, जिसमें मोबाइल, चार्जर, नगदी व अन्य कई आपत्तिजनक सामान मिले हैं।

राजस्थान उर्दू शिक्षक संघ के बैनर तले मुख्यमंत्री का पुतला फूंका



मुख्यमंत्री का पुतला फूंका

बाड़मेर राजस्थान उर्दू शिक्षक संघ के बैनर तले मदरसा पैराटीचर संघ , अल्पसंख्यक विद्यार्थी , और उर्दू शिक्षको ने अपनी विभिन्न मांगो को लेकर कलेक्ट्रेट के आगे प्रदर्शन किया तथा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत , शिक्षा मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल और प्रमुख शासन सचिव अल्पसंख्यक विभाग रोहित ब्रांडन का पुतला फूंक अपना गुस्सा जाहिर किया ! उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालो में कांग्रेस सरकार के द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय को बरगलाया जा रहा हैं लेकिन किसी भी तरह पर धरातल पर कोई कार्य इस वर्ग की हितो की सोच कर कर नहीं हुआ हैं ! उन्होंने अपने ज्ञापन में 2008 के चुनाव घोषणा पत्र का हवाला देते हुए कहा कि चुनाव घोषणा पत्र के वादे , तीन बजट घोषणाओं कि कोई क्रियान्विति नहीं हुई हैं तथा सारे मंत्री , विधायक गुमराह करने के अलावा कुछ नहीं कर रहे हैं

जीप-ट्रक की टक्कर, चार की मौत

जीप-ट्रक की टक्कर, चार की मौत

जोधपुर। रामदेवरा से लौट रहे चार लोग रविवार को कार-ट्रक भीड़ंत में मारे गए। जोधपुर-जैसलमेर मार्ग पर लोरडी गांव के पास हुए इस हादसे में कई अन्य घायल हो गए हैं।

पुलिस सूत्रों के अनुसार ये लोग बोलेरो जीप से रामदेवरा से दर्शन करके लौट रहे थे कि उनकी गाड़ी सामने से आ रहे ट्रक से टकरा गई। इस टक्कर में एक महिला सहित चार लोगों की मृत्यु हो गई तथा पांच अन्य घायल हो गए। घायलों को जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सूत्रों ने बताया कि बोलेरो में सवार लोग रामदेवरा आए थे।