देहरादून. मेजर जनरल भुवन चन्द्र खंडूड़ी ने रविवार अपराह्न् तीन बजे यहां रेंजर्स ग्राउंड में शपथ ली। वह दूसरी बार राज्य की बागडोर संभालेंगे।
इस मौके पर रविशंकर प्रसाद के अलावा पार्टी के दो अन्य केन्द्रीय नेता थावर चंद गहलोत और राजनाथ सिंह भी मौजूद थे।
ज्ञात हो कि राज्य में भाजपा के सत्ता में आने पर खंडूड़ी वर्ष 2007 में मुख्यमंत्री बने। इसके बाद वर्ष 2009 में उनकी जगह रमेश पोखरियाल 'निशंक' को मुख्यमंत्री बनाया गया था।
इससे पहले उत्तराखंड में रविवार को एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम में मुख्यमंत्नी रमेश पोखरियाल निशंक ने राज्यपाल मार्गरेट अल्वा को अपना इस्तीफा सौंप दिया और सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक दल की बैठक में उनके स्थान पर मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) भुवन चन्द्र खंडूड़ी को सर्वसम्मति से नया नेता चुन लिया गया।
निशंक ने अपने कुछ मंत्निमंडलीय सहयोगियों के साथ राजभवन पहुंचकर राज्यपाल को त्यागपत्न सौंपा। अल्वा ने निशंक का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और उन्हें नए मुख्यमंत्नी के शपथ लेने तक अपने पद पर बने रहने के लिए कहा है।
निशंक के साथ राज्यभवन जाने वालों में पर्यटन मंत्नी मदन कौशिक,शिक्षा मंत्नी खजान दास,वन एवं पर्यावरण मंत्नी जी.एस.बिष्ट, परिवहन मंत्नी बी.एस.भगत और राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष गीता ठाकुर शामिल थे।
उल्लेखनीय है कि पार्टी के शीर्ष नेताओं की कल रात हुई बैठक में भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे निशंक को हटाकर सरकार की कमान
पुन: मेजर जनरल खंडूड़ी को सौंपने का फैसला किया गया था।
ज्ञात हो कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व शनिवार को पोखरियाल से मिला और उनके ऊपर भ्रष्टाचार के लगे आरोपों के मद्देनजर उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए कहा।
सूत्रों ने हालांकि बाताया कि पोखरियाल को भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते पद छोड़ने के लिए कहा गया जबकि निशंक का बचाव करते हुए गडकरी ने कहा, "निशंक के खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं है।"
गडकरी ने कहा कि उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से जब पार्टी ने कहा कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन का फैसला लिया गया है तो उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया।
सूत्रों ने बताया कि पार्टी निशंक के प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं है और उसने सोचा कि उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से आगामी विधानसभा चुनाव में उसे नुकसान हो सकता है।
शनिवार को हुए बैठक में भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के अलावा लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली, राजनाथ सिंह, धर्मेद्र प्रधान और थवर चंद गहलोत शामिल हुए।
इस मौके पर रविशंकर प्रसाद के अलावा पार्टी के दो अन्य केन्द्रीय नेता थावर चंद गहलोत और राजनाथ सिंह भी मौजूद थे।
ज्ञात हो कि राज्य में भाजपा के सत्ता में आने पर खंडूड़ी वर्ष 2007 में मुख्यमंत्री बने। इसके बाद वर्ष 2009 में उनकी जगह रमेश पोखरियाल 'निशंक' को मुख्यमंत्री बनाया गया था।
इससे पहले उत्तराखंड में रविवार को एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम में मुख्यमंत्नी रमेश पोखरियाल निशंक ने राज्यपाल मार्गरेट अल्वा को अपना इस्तीफा सौंप दिया और सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक दल की बैठक में उनके स्थान पर मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) भुवन चन्द्र खंडूड़ी को सर्वसम्मति से नया नेता चुन लिया गया।
निशंक ने अपने कुछ मंत्निमंडलीय सहयोगियों के साथ राजभवन पहुंचकर राज्यपाल को त्यागपत्न सौंपा। अल्वा ने निशंक का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और उन्हें नए मुख्यमंत्नी के शपथ लेने तक अपने पद पर बने रहने के लिए कहा है।
निशंक के साथ राज्यभवन जाने वालों में पर्यटन मंत्नी मदन कौशिक,शिक्षा मंत्नी खजान दास,वन एवं पर्यावरण मंत्नी जी.एस.बिष्ट, परिवहन मंत्नी बी.एस.भगत और राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष गीता ठाकुर शामिल थे।
उल्लेखनीय है कि पार्टी के शीर्ष नेताओं की कल रात हुई बैठक में भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे निशंक को हटाकर सरकार की कमान
पुन: मेजर जनरल खंडूड़ी को सौंपने का फैसला किया गया था।
ज्ञात हो कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व शनिवार को पोखरियाल से मिला और उनके ऊपर भ्रष्टाचार के लगे आरोपों के मद्देनजर उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए कहा।
सूत्रों ने हालांकि बाताया कि पोखरियाल को भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते पद छोड़ने के लिए कहा गया जबकि निशंक का बचाव करते हुए गडकरी ने कहा, "निशंक के खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं है।"
गडकरी ने कहा कि उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से जब पार्टी ने कहा कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन का फैसला लिया गया है तो उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया।
सूत्रों ने बताया कि पार्टी निशंक के प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं है और उसने सोचा कि उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से आगामी विधानसभा चुनाव में उसे नुकसान हो सकता है।
शनिवार को हुए बैठक में भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के अलावा लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली, राजनाथ सिंह, धर्मेद्र प्रधान और थवर चंद गहलोत शामिल हुए।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें