शुक्रवार, 19 अप्रैल 2013

राजस्थानी की जो बात करेगा वही राजस्थान पर राज करेगा ..बारहट

राजस्थानी की जो बात करेगा वही राजस्थान पर राज करेगा ..बारहट


बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के प्रदेश
महामंत्री राजेंद्र सिंह बारहट ने बताया   आगामी चुनावो में राजस्थानी
भाषा को संवेधानिक मान्यता मुख्य मुद्दा होगा ,जो राजस्थानी की बात करेगा
वही राजस्थान पर राज ,करेगा बारहट आठ नौ जून को बाड़मेर में आयोजित होने
वाले राजस्थानी भाषा साहित्य और संस्कृति महोत्सव के तैयारियों का जायजा
लेने के दौरान डाक बंगलो में आयोजित पत्रकार सम्मलेन को संबोधित कर रहे
थे ,ठेठ राजस्थानी में बोलते हुए उन्होंने कहा की राजस्थान के दोनों
प्रमुख दल सुराज संकल्प और विकास यात्रा निकाल रहे हें ,उन्होंने सवाल
किया की राजस्थान की संस्कृति और भाषा की बात के बगैर कैसा सुराज हो सकता
हें ,उन्होंने कहा की राजस्थानी की बात अब राजनीतिज्ञों को करनी पड़ेगी अब
जनता अपनी भाषा को संवेधानिक मान्यता दिलाने के लिए जाग गयी हें
,उन्होंने कहा की जब नरेन्द्र मोदी गुजराती में भाषण देकर गर्व महसूस कर
सकते हें तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे
को राजस्थानी में भाषण देने में शर्म क्यों आती हें ,उन्होंने कहा की जो
नेता राजस्थान की भाषा और संस्कृति को अपना नहीं सकते उन्हें राज करने का
कोई अधिकार नहीं हें ,बारहट ने कहा की समिति कर्नाटक के विधानसभा चुनावो
में भी प्रवासी राजस्थानियों के माध्यम से राजस्थानी को संवेधानिक
मान्यता दिलाने के लिए एक जुट प्रयास कर रही हें वही संसद के इस माह शुरू
हो रहे सत्र में राजस्थानी भाषा को मान्यता नहीं दी तो सरकार को परिणाम
चुनावो में भुगतने पड़ेंगे उन्होंने कहा की राजस्थान के सांसदों में
राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के प्रति इच्छा शक्ति का आभाव दर्शाता
हें की उन्हें राजस्थान के लोगो की भावना से कोई सरोकार नहीं ,उन्होंमे
कहा की बाहरी प्रान्तों के परीक्षार्थी अपनी प्रांतीय भाषा के सहारे आई ए
एस बनाने में सफल हो कर राजस्थानियों का हक़ छीन रहे हें ,राजस्थानी भाषा
की अहमियत सरक्लर समझ नहीं रही हें ,उन्होंने कहा की आगामी विधानसभा
चुनावों में समिति मायड़ भाषा सम्मान यात्रा निकाल गाँव गाँव ढाणी ढाणी
जाकर वोटो की गणित बिगड़ेगी ,उन्होंने कहा की राजस्थानी भाषा को संवेधानिक
मान्यता के लिए सरकार पर दबाव बनाने के उद्देश्य से आठ नौ जून को बाड़मेर
में राजस्थानी भाषा साहित्य और संस्कृति महोत्सव जन सम्मलेन के रूप में
आयोजित कर बीस हज़ार से अधिक लोग जुटाएगी ताकि राजस्थानी भाषा को मान्यता
का राजनितिक मार्ग प्रसस्त हो ,उन्होंने कहा की समिति के प्रभारी
अर्जुनदान देथा दौ सौ से अधिक गाँवो में महोत्सव को लेकर जन संपर्क कर
चुके हें ,इस अभियान को और तेज़ किया जायेगा तथा आम जन को इससे जोड़ा
जायेगा ,उन्होंने कहा की सरकार ने शिक्षा का अधिकार तो दे दिया मगर
प्रारंभिक शिक्षा प्रांतीय भाषा में हो यह अधिकार राज्य सरकार ने अभी तक
नहीं दिया ,उन्होंने अफ़सोस जाहिर करते हुए कहा की राजस्थान के पेंतीस
संसद राजस्थानी भाषा के मुद्दे पर संसद में प्रभावी पैरवी करने में विफल
रहे ,उन्होंने ने जनप्रतिनिधियों को चेताते हुए कहा की उनके विधायक और
सांसद बनाने का रास्ता हमारे घरो से होकर गुजरता हें इतना जरुर याद रखे
,उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा की समिति सुनले नेता सगल डंके री चोट
पैली भाषा पछै वोट की तर्ज पर अभियान शुरू करेगी ,उनके साथ जोधपुर संभाग
उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ,जिला पाटवी रिडमल सिंह दांता ,महेश दादानी
,भीखदान चरण ,नरेश देव सारण ,इन्दर प्रकाश पुरोहित ,लक्षमण गोदारा ,रमेश
सिंह इन्दा ,भोम सिंह बलाई ,रघुवीर सिंह तामलोर ,हिन्दू सिंह तामलोर
,सवाई चावड़ा ,बाबू खान शैख़ ,मुबारक खान ,आवड सिंह सोढा ,सहित कई
पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे ,

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