गुरुवार, 28 फ़रवरी 2013

रिफाइनरी पर अशोक गहलोत का खेल ख़त्म किया बजट ने

रिफाइनरी पर अशोक गहलोत का खेल ख़त्म किया बजट ने


रिफायनरी की घोषणा नहीं होने से निराश राजस्थान

बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर में रिफायारी लगाने की उमीदे आज केन्द्रीय बजट में ख़तम हो गयी ,राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की चुनावी रणनीति उनके ही वित् मंत्री ने फेल कर दी .पिछले दो सालो से गहलोत रिफायारी पर बयानबाजी कर लोगो की भावनाओ के साथ खिलवाड़ कर रहे थे ,गहलोत इसे अपने चुनावी हथियार बनाना चाहते थे .पिछले दो महीनो में तो गहलोत जहां भी जाते रिफायारी की ही बात करते .गहलोत की मुहीम को वित् मंत्री ने करत्रा झटका दे दिया ,बाड़मेर के लोग ही नहीं राजस्थान के लोग इससे निराश हुए हें ,बाड़मेर के लोगो को कोंग्रेस के नेता रिफायारी लगाने की बात पर हर बार बरगला रहे थे ,वास्तविकता सामने अब आ ही गई .हालांकि विशेषज्ञ जानते थे की रिफायनरी राजस्थान में किसी सूरत में लगनी नहीं .खैर बजट ने गहलोत का खेल ख़त्म कर दिया . वित्त मंत्री पी. चिदंबरम गुरूवार को जब संसद में आम बजट पेश कर रहे थे,राजस्थान तेल रिफाइनरी की घोषणा पर टकटकी लगाए ब्ौठा था। लेकिन प्रदेश को इस बहुप्रतिक्षित रिफाइनरी को लेकर मायूसी के अलावा कुछ हाथ नहीं लगा।

उल्लेखनीय है कि वर्तमान वर्ष में राज्य के चुनाव के मद्देनजर आम बजट में राज्य सरकार प्रदेश में रिफाइनरी की मंजूरी मिलने की पूरी उम्मीद थी। लेकिन अब माना जा रहा है कि यूपीए सरकार ने आने वालो चुनावों को ध्यान में रखते हुए ही रिफाइनरी की घोषणा को अपने पिटारे में ही रखा। और राजनीतिक फायदा देखते हुए इसकी घोषणा अब चुनावों से पहले कभी भी की जा सकती है।


ज्ञात हो कि राजस्थान में 9 मिलियन टन की तेल रिफाइनरी लगाने की तैयारी है। वर्तमान में प्रदेश में उत्पादन भी सालाना 9 मिलियन टन हो रहा है। वहीं डायरेक्टर जनरल हाइड्रो कार्बन का आकलन है कि प्रदेश में 2020 के बाद कच्चे तेल के उत्पादन में गिरावट आ सकती है। इन हालात में प्रदेश में करीब 40 हजार करोड़ रूपए से लगाई जा रही रिफाइनरी के लिए कच्चा तेल आयात करना पड़ सकता है।

उल्लेखनीय है कि हाल ही रिफाइनरी लगाने को लेकर हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (एचपीसीएल) के अधिकारियों से वार्ता के लिए मुम्बई गए अधिकारियों की इस मुद्दे पर उनसे मंथन हुआ था।


केयर्न ने तैयारी शुरू की

केयर्न इंडिया ने 1.25 लाख बैरल और तेल उत्पादन बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है। कम्पनी सूत्रों के अनुसार दो-तीन महीने में तेल का उत्पादन बढ़ने लगेगा। इसे पहले 1.90 लाख बैरल,फिर 2.40 लाख बैरल व अन्त मे तीन लाख बैरल के लक्ष्य को छु लिया जाएगा। इसमें करीब एक साल लगेगा।

कम्पनी राज्य के सबसे बड़े तेल क्षेत्र मंगला का उत्पादन बढ़ाएगी। इसके लिए मंगला से जुड़े छोटे-छोटे तेल कुओं को मुख्य लाइन से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा ऎश्वर्या,शक्ति,कामेश्वरी व तुगाराम तेल क्षेत्रों से तेल का उत्पादन शुरू किया जाएगा। अभी मंगला से 1.50 लाख व भाग्यम व सरस्वती से 25 हजार बैरल तेल का खनन किया जा रहा है।

गुजरात के रास्ते आएगा अरब का तेल !

पेट्रोलियम विभाग के अधिकारियों के मुताबिक वहां यह बात भी रखी गई थी कि राजस्थान में तेल उत्पादन में गिरावट पर अरब देशों से गुजरात होते हुए बाड़मेर पाइपलाइन के जरिए कच्चे तेल का का आयात किया जा सकता है।

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