बायतु विधानसभा क्षेत्र ...कर्नल को हराना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन
भाजपा के पास कम विकल्प
चन्दन सिंह भाटी
बाड़मेर बाड़मेर जिले की नव्सर्जित विधान सभा सीट बायतु में गत बार पहली बार हुए चुनावो में कांग्रेस के कर्नल सोनाराम चौधरी ने भाजपा के कैलाश चौधरी को भरी मतों के अंतर से हराया था .चार साल बाद भी क्षेत्र में किसी बदलाव की उम्मीद नहीं हें ,कर्नल इस सीट पर अडिग हें ,उनकी जनाधार वाली छवि सभी पर भरी पड़ती नज़र आ रही हें ,हालांकि कर्नल के अशोक गहलोत के विरोधी होने के कारण टिकट में समस्या आ सकती हें ,कर्नल की जगह कांग्रेस किसी सुर नाम पर विचार कर सकती हें ,कर्नल को गुडा मालानी भेजा जा सकता हें ,मगर कर्नल बायतु छोड़ना नहीं चाहते ,कर्नल ने क्षेत्र की जनता के लिए अपनी ही पार्टी की सरकार से लड़ाई लड़ी हें जिसमे वो सफल भी हुए ,कर्नल को जनता का नेता मन जाता हें ,जनता की हर मांग में उनके साथ खड़े होते हें यही कारण हें की उनकी जनता के बीच विश्वसनीयता बरकरार हें .कर्नल दबंग और बेबाक विधायक हें ,साफगोई उनकी विशेषता हें ,ढुलमुल निति नहीं रखते .आक्रामक छवि के उनके प्रति जनता की दीवानगी हें ,भाजपा के पास बायतु में ज्यादा विकल्प नहीं हें ,इस बार भाजपा बालाराम मूँढ को कैलाश चौधरी पर प्राथमिकता दे सकती हें ,हल ही में बालाराम को वसुंधरा राजे में प्रदेश कार्यकारिणी में सदस्य बना कर कद बढाया हें ,जाट बाहुल्य बाहुल्य बायतु में जाट उम्मीदवार ही होंगे दोनों दलों में ,चार सालो में विपक्ष के तौर पर भाजपा का कमज़ोर प्रदर्शन भी कर्नल की लोक प्रियता बढ़ने में सहायक रहा हे .कर्नल लोक सभा चुनाव लड़ना चाहते हें ,मगर उन्हें टिकट में दिक्कत आ सकती हें इस बार लोक सभा से कांग्रेस नया चेहरा उतारेगी नाथाराम चौधरी का नाम प्रमुखता से उच्छल रहा हें ,वर्तमान में बायतु में जन समस्याओ का अम्बार लगा हें ,पानी की समस्या आज भी बदस्तूर जारी हें , के नाम पर बायतु के लिलाना में रिफायनरी की घोषणा सबसे बड़ी सफलता मणि जा रही हें ,सोनाराम बायतु में रिफायनरी चाहते हें ग्रामीणों के विरोध के कारन सरकार रिफायनरी की जगह बदलने पर विचार कर सकती हें इसी खबरे चर्चा में हें ,जातिवाद के चलते बायतु में अन्य जातिया लामबंद हो सकती हें इसके बावजूद कर्नल मजबूत हें .
--
--
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें