सोमवार, 9 नवंबर 2015

बाड़मेर राजस्थानी के लिए दीपक जलाने शहर उमड पडा, मानव श्रृंखला बनाई.



बाड़मेर एक दिवलो मायड़ भाषा रे नांव आयोजित

बाड़मेर राजस्थानी के लिए दीपक जलाने शहर उमड पडा, मानव श्रृंखला बनाई..

बाड़मेर राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता देने की मांग करने वाले राजस्थानी भाषा प्रेमियों नें दीपावली की पूर्व संध्या पर एक दीपक राजस्थानी भाषा के नाम जला कर अपनी मांग के समर्थन में एकजुटता का प्रदर्शन किया. प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के नाम भाषा की मान्यता के लिए हजारों पोस्टकार्ड भेजे जाने की कड़ी में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया.साथ ही मानव श्रृंखला बनाकर अपनी मांग पुरजोर तरीके से रखी. इस कार्यक्रम का नाम अेक दिवलो मायड़ भासा रै नांव’ दिया गया.


इस कार्यक्रम के तहत बाडमेर के गांधी चौक पर सैकडों दीपक राजस्थानी भाषा के नाम जलाऐ गये. पूरा शहर इस कार्यक्रम में भाग लेने उमड पडा.कार्यक्रम में अनिल सुखानी , सम्भाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी, रमेश सिंह इंदा, छोटू सिंह पंवार ,भगवान आकोदा ,ललित छाजेड़ ,हितेश मूंदड़ा ,स्वरुप सिंह भाटी ,बाबू भाई शेख,कमल शर्मा राही ,मदन सिंह सिसोदिया ,लूणकरण नाहटा , दिग्विजय सिंह चुली, छगन सिंह चौहान, स्वरुप सिंह भाटी, थानाराम चौधरी , , मगाराम माली और नरेंद्र खत्री सहित शहर के तमाम वरिष्ठ नागरिकों नें राजस्थानी भाषा के नाम दीपक जला भाषा की मान्यता के लिऐं संकल्प लिया.




राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाडमेर के प्रदेश उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने बताया कि कार्यक्रम में भाहर के तमाम साहित्यकार कवि जन प्रतिनिधियो तथा राजस्थानी भाषा प्रेमियों नें सैकडों दीपकजलाऐं॥ आंदोलन से जुड़ा हर व्यक्ति नें इस दिन एक दीपक जलाकर भाषा की मान्यता के प्रति संकल्पना जताई. अनिल सुखानी ने कहा है कि यह आंदोलन की सकारात्मक रणनीति का हिस्सा है. दीया आस और विश्वास का प्रतीक है. हम इसके माध्यम से एकजुटता का प्रदर्शन करना चाहते हैं. निश्चित रूप से केंद्र सरकार तक हमारा संदेश पहुंचेगा और भाषा की मान्यता का मार्ग प्रशस्त होगा.गांधी चौक में जय राजस्थान जय राजस्थानी के नारे लगा आम जन ने राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिए जोरदार समर्थन किया.







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