सतीश पुनिया भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष
राजस्थान को लोकसभा अध्यक्ष का तोहफा मिलने के बाद अब प्रदेश भाजपा संगठन में भी बड़े बदलाव के तहत सतीश पुनिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया । चर्चा थी कि प्रदेश अध्यक्ष मदनलाल सैनी की जगह आमेर से विधायक सतीश पूनिया प्रदेश अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं। भाजपा के लगातार चार बार प्रदेश महामंत्री रह चुके पूनिया नए अध्यक्ष की सोशल इंजीनियरिंग में सबसे फिट बताए जा रहे थे । उन्हें संघ पृष्ठभूमि का भी माना जाता है।
प्रदेशाध्यक्ष पद के लिए तीन नामों को लेकर काफी दिन से राष्ट्रीय स्तर पर मंत्रणा चल रही थी । अन्य दावेदारों में सांसद राज्यवर्धन राठौड़ और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ शामिलथे । सियासी गलियारों में चर्चाथी कि जोधपुर सांसद गजेंद्रसिंह राठौड़ को केंद्र में केबिनेट मंत्री बनाए जाने और लोकसभा अध्यक्ष भी राजस्थान से बनाए जाने के बाद के बाद अचानक पूनिया का नाम उभर कर आया। बाकी नाम पिछड़ गए ।
पूनिया लो प्रोफाइल जाट नेताओं में गिने जाते हैं। राष्ट्रीय स्तर के सूत्रों के अनुसार राजपूत जाति से गजेंद्रसिंह को केंद्र में मंत्री बनाने, अर्जुनराम मेघवाल को केंद्र में मंत्री बनाने के बाद सोशल इंजीनियरिंग के लिहाज से ब्राह्मण और जाट नेताओं में से प्रदेशाध्यक्ष चुनने पर बात चली। पूनिया लगातार 14 साल तक भाजपा के प्रदेश महामंत्री रहे। वे अभी प्रदेश प्रवक्ता हैं।
राजस्थान को लोकसभा अध्यक्ष का तोहफा मिलने के बाद अब प्रदेश भाजपा संगठन में भी बड़े बदलाव के तहत सतीश पुनिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया । चर्चा थी कि प्रदेश अध्यक्ष मदनलाल सैनी की जगह आमेर से विधायक सतीश पूनिया प्रदेश अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं। भाजपा के लगातार चार बार प्रदेश महामंत्री रह चुके पूनिया नए अध्यक्ष की सोशल इंजीनियरिंग में सबसे फिट बताए जा रहे थे । उन्हें संघ पृष्ठभूमि का भी माना जाता है।
प्रदेशाध्यक्ष पद के लिए तीन नामों को लेकर काफी दिन से राष्ट्रीय स्तर पर मंत्रणा चल रही थी । अन्य दावेदारों में सांसद राज्यवर्धन राठौड़ और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ शामिलथे । सियासी गलियारों में चर्चाथी कि जोधपुर सांसद गजेंद्रसिंह राठौड़ को केंद्र में केबिनेट मंत्री बनाए जाने और लोकसभा अध्यक्ष भी राजस्थान से बनाए जाने के बाद के बाद अचानक पूनिया का नाम उभर कर आया। बाकी नाम पिछड़ गए ।
पूनिया लो प्रोफाइल जाट नेताओं में गिने जाते हैं। राष्ट्रीय स्तर के सूत्रों के अनुसार राजपूत जाति से गजेंद्रसिंह को केंद्र में मंत्री बनाने, अर्जुनराम मेघवाल को केंद्र में मंत्री बनाने के बाद सोशल इंजीनियरिंग के लिहाज से ब्राह्मण और जाट नेताओं में से प्रदेशाध्यक्ष चुनने पर बात चली। पूनिया लगातार 14 साल तक भाजपा के प्रदेश महामंत्री रहे। वे अभी प्रदेश प्रवक्ता हैं।
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