सोमवार, 5 मई 2014

ऍन डी ए के बहुमत से दूर रहने रहने समभावना ?नए साथियों की तलाश ?पुराने दिग्गजों की होंगी पुछ ?

ऍन डी ए के बहुमत से दूर रहने रहने समभावना ?नए साथियों की तलाश ?पुराने दिग्गजों की होंगी पुछ ?


देश भर में चल रहे लोकसभा चुनावो में अंतिम दौर जैसे जैसे नजदीक आ रहा हें भाजपानीत ऍन ड़ी ऍ खी चिनता बढ्ती जाए रहि ह। पुरे देश में नरेंद्र मोदी की लहर का दावा करने वाली भाजपा खो संकेत मिल गए हें खी उन्हें पुरण बहमत नही मील रहा ,एस मे भजपा की नैता नयें राजनैतिक साथीयों क़ी जुगाड़ मे लग गाये ह। सूत्रानुसार भाजपा को 212 से 217 और एन डी ए को 230 से 235 सीट मिलाने की संभावनाए अधिक हे। ऐसे में नरेंद्र मोदी खो प्रधानमंत्री बानाना भजपा की लीये दुष्कर होगा भाजपा खो सरक़ार बानाने की लीये ममता बॅनर्जी ,मुलायम सिंह यादव ,जय ललिता ,नितीश कुमार ,नवीन पटनायक ,शरद पंवार ,मायावती जैसे धुरंधर नेताओ की दलोँ की सह्योग खी ज़रूरत पड सकती हेन। चूँकि ऊपर लिखित सभी नरेंद्र मोदी के नाम पर समर्थन नहीं देंगे। ऐसे में भाजपा के सामने सरकार बनाने में दिक्कत हो सकती हैं। राजनाथ सिंह को नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद तक पहुँचाने नही देंगे। ऐसे में पुराने दिग्गज नेता  लाल कृश्णा आडवाणी ,सुषमा स्वराज ,लालजी टंडन ,मुरली मनोहर जोशी ,और जसवंत सिंह खी पार्टीं मे पुछ बढेगी । जोड़ तोड़ खी राजनीती में माहिर समझे जाने वाले जसवंत सिंह खो मुलायम सिंह ,जे ललिता ,नीतीष कूमार ,नविन पटनायक खो साठ लेनी खी जिम्मेदारि दिए जाए सकती हेन। चूँकि जसवंत सिंह अभी भजपा से निष्काशित ह एस मे उन्हें ऍन ड़ी ऍ मे जिम्मदारी क़ी चर्चाए शुरू हो गईं हैं। जसवंत सिंह एन डी ए में बाखूबी ला सकते हैं मगर खी यह दल नरेन्द्रा मोदी खो प्रधनमंत्री पद पार स्वीकार्य नही करेँगे ऐसे मे लाल कृश्न आडवाणी और सुषमा स्वराज खा भाग्य खूल सकते हं। भाजपा को सरकार समझौते करने पड़ेंगे।

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