शुक्रवार, 27 सितंबर 2013

थार की शख्शियत। देखिये तस्वीरो में.... जसवंत सिंह का जीवन परिचय ....

थार की शख्शियत। देखिये तस्वीरो में.... जसवंत सिंह का जीवन परिचय ....

मालानी के लाल ने
देश को गौरवान्वित किया 












थार की शख्शियत। देखिये तस्वीरो में.... जसवंत का जीवन परिचय ....मालानी के लाल ने देश को गौरवान्वित किया 

.बाड़मेर रेगिस्तानी इलाके बाड़मेर ने  बड़े और कद्दावर नेता देश और समाज की सेवा के लिए दिए हें। रामदान चौधरी और तन सिंह के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह अन्तराष्ट्रीय स्तर की राजनितिक हस्ती हें जिनका ताल्लिक बाड़मेर की मालानी धरा से हें। जसवंत सिंह को उपराष्ट्रपति पद पर उम्मीदवार घोषित करने के बाद जसवंत सिंह पुरे परिवार में खुशी की लहरथी   राष्ट्रपति पद की दाव्र्दारी तक पहुंचे जसवंत सिंह ने हालांकि सीधे तौर पर बाड़मेर से कभी चुनाव नहीं लड़ा। मगर बाड़मेर की राजनीती में  दखल रखते हें ,बाड़मेर ही नहीं राजस्थान के लोगो से असीम अपणायत इनकी खाशियत रही हें। देश के तीन बड़े पदों रक्षा ,वित् और विदेश विभाग के मंत्री रहने वाले जसवंत एक मात्र देश में नेता हें। 



जीवन परिचय -- 
जसवंत सिंह(जनवरी 3, 1938) [[दार्जिलिंग संसदीय क्षेत्र]] से सांसद हैं. वे राजस्थान के बाड़मेर के जसोल गांव के निवासी है और 1960 के दशक में वे भारतीय सेनामें अधिकारी थे. पंद्रह साल की उम्र में वे भारतीय सेना में शामिल हुए थे. वे जोधपुर के पूर्व महाराजा गज सिंह के करीबी माने जाते हैं. जसवंत सिंह मेयो कॉलेज और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवास्ला के छात्र रह चुके हैं. वे मई 16, 1996 से जून 1, 1996 के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्तमंत्री रह चुके हैं. दो साल बाद दिसंबर 5, 1998 से जुलाई 1, 2002 के दौरान वे वाजपेयी की सरकार में विदेशमंत्री बने. विदेशमंत्री के रूप में उन्होंने भारत-पाकिस्तान के कड़वे रिश्ते को सुधारने की कोशिश की. फिर साल 2002 में यशवंत सिन्हा की जगह वे एकबार फिर वित्तमंत्री बने और मई 2004 में वाजपेयी सरकार की हार तक वे वित्तमंत्री बने रहे. वित्तमंत्री के रूप में उन्होंने बाजार-हितकारी सुधारों को बढ़ावा दिया. भारतीय जनता पार्टी में रहते हुए वे स्वयं को उदारवादी नेता मानते थे. 2001 में उन्हें सर्वश्रेष्ट संसद का सम्मान मिला. अगस्त 19, 2009 को भारत विभाजन पर उनकी किताब जिन्ना-इंडिया, पार्टिशन, इंडेपेंडेंस में नेहरू-पटेल की आलोचना और जिन्ना की प्रशंसा के लिए उन्हें भाजपा से निकाल दिया गया.

करियरजसवंत सिंह भारतीय राजनीति के उन थोड़े से राजनीतिज्ञों में से हैं जिन्हें रक्षा मंत्री, वित्तमंत्री और विदेशमंत्री बनने का अवसर मिला. वे वाजपेयी सरकार में विदेशमंत्री बने, बाद में यशवंत सिन्हा की जगह उन्हें वित्तमंत्री बनाया गया.

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