अपने विधानसभा क्षेत्र दौरे पर निकले हेमाराम चौधरी
कर्नल ने कहा इस्तीफा राजनितिक स्टंट ,अपनी सीट बचाने के लिए दिया इस्तीफा
किसानो की बात मुख्यमंत्री तक पहुँचाने से किया मना हेमाराम ने सोनाराम
बाड़मेर जिले के बायतु में रिफाइनरी लगाने को लेकर चल रहा उब्ााल फिलहाल कम होने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को सार्वजनिक रूप से इस्तीफे की घोष्ाणा के बाद राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी,मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व अन्य नेताओं की समझाइश के बाद भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। वहीं सीएम तीन दिन के लिए जोधपुर में हैं। उधर,हेमाराम के इस्तीफे को कर्नल सोनाराम ने राजनीतिक हथकंडा बताया है। उनका कहना है कि चुनाव नजदीक आते ही अपनी सीट बचाने के लिए हेमाराम ने इस्तीफा दिया है।उन्होंने किसानो की बात मुख्यमंत्री से करने से मना कर दिया
हेमाराम से आज सुबह उनके उनके विधानसभा क्षेत्र के कुछ लोग मिलने भी बाड़मेर आये ,बाद में वो अपने वाहन से गुड़ा चले गए आम जनता की समस्याओ को सुना .उन्होने काफी गांवों में जनसंपर्क भी किया
जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ने गुरूवार को हेमाराम से फोन पर बात कर उन्हें समझाने का प्रयास किया था। फिर भी वो नहीं मानें तो स्थानीय सांसद हरीश चौधरी व अन्य कांग्रेसी विधायकों को बातचीत के लिए भेजा था। सूचना है कि हेमाराम को बातचीत करने के लिए सीएम ने जोधपुर भी बुलाया था,लेकिन वो नहीं गए। शुक्रवार सुबह भी हेमाराम जल्द ही अपने घर से निकल गए।
सुबह से क्षेत्र में बैठकों का दौर
रिफाइनरी को लीलाला से पचपदरा ले जाने के मामले में अपने लोगों का विरोध झेल रहे हेमाराम इस्तीफा देने के बाद लगातार स्थानीय नेताओं के साथ बैठक में लगे हैं। गुरूवार को उन्होंने बाड़मेर सांसद और अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ बातचीत के बाद अपने क्षेत्र के नेताओं के साथ आमजन से बातचीत और अपना पक्ष भी रखा। शुक्रवार सुबह भी वो अपने क्षेत्र में लोगों के साथ बातचीत करने के लिए निकल गए।
राजनीतिक हथकंडा : सोनाराम
इधर, हेमाराम के इस्तीफे को राजनीतिक हथकंडा बताते हुए विधायक कर्नल सोनाराम ने कहा कि साढ़े चार साल तक सरकार का सुख लेने के बाद अब हेमाराम ने अपनी विधानसभा सीट बचाने के लिए इस्तीफा दिया है।
सोनाराम ने कहा कि रिफाइनरी मामले में स्थानीय लोगों की मांग पर समर्थन के लिए मैंने गुरूवार को हेमाराम से बात की थी, लेकिन वो इस मामले में मुख्यमंत्री के सामने पक्ष रखने को तैयार नहीं हुए। सरकार के इस रवैये से क्षेत्र में पार्टी को करीब दो दर्जन सीटों पर नुकसान होगा।
कर्नल ने कहा इस्तीफा राजनितिक स्टंट ,अपनी सीट बचाने के लिए दिया इस्तीफा
किसानो की बात मुख्यमंत्री तक पहुँचाने से किया मना हेमाराम ने सोनाराम
बाड़मेर जिले के बायतु में रिफाइनरी लगाने को लेकर चल रहा उब्ााल फिलहाल कम होने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को सार्वजनिक रूप से इस्तीफे की घोष्ाणा के बाद राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी,मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व अन्य नेताओं की समझाइश के बाद भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। वहीं सीएम तीन दिन के लिए जोधपुर में हैं। उधर,हेमाराम के इस्तीफे को कर्नल सोनाराम ने राजनीतिक हथकंडा बताया है। उनका कहना है कि चुनाव नजदीक आते ही अपनी सीट बचाने के लिए हेमाराम ने इस्तीफा दिया है।उन्होंने किसानो की बात मुख्यमंत्री से करने से मना कर दिया
हेमाराम से आज सुबह उनके उनके विधानसभा क्षेत्र के कुछ लोग मिलने भी बाड़मेर आये ,बाद में वो अपने वाहन से गुड़ा चले गए आम जनता की समस्याओ को सुना .उन्होने काफी गांवों में जनसंपर्क भी किया
जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ने गुरूवार को हेमाराम से फोन पर बात कर उन्हें समझाने का प्रयास किया था। फिर भी वो नहीं मानें तो स्थानीय सांसद हरीश चौधरी व अन्य कांग्रेसी विधायकों को बातचीत के लिए भेजा था। सूचना है कि हेमाराम को बातचीत करने के लिए सीएम ने जोधपुर भी बुलाया था,लेकिन वो नहीं गए। शुक्रवार सुबह भी हेमाराम जल्द ही अपने घर से निकल गए।
सुबह से क्षेत्र में बैठकों का दौर
रिफाइनरी को लीलाला से पचपदरा ले जाने के मामले में अपने लोगों का विरोध झेल रहे हेमाराम इस्तीफा देने के बाद लगातार स्थानीय नेताओं के साथ बैठक में लगे हैं। गुरूवार को उन्होंने बाड़मेर सांसद और अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ बातचीत के बाद अपने क्षेत्र के नेताओं के साथ आमजन से बातचीत और अपना पक्ष भी रखा। शुक्रवार सुबह भी वो अपने क्षेत्र में लोगों के साथ बातचीत करने के लिए निकल गए।
राजनीतिक हथकंडा : सोनाराम
इधर, हेमाराम के इस्तीफे को राजनीतिक हथकंडा बताते हुए विधायक कर्नल सोनाराम ने कहा कि साढ़े चार साल तक सरकार का सुख लेने के बाद अब हेमाराम ने अपनी विधानसभा सीट बचाने के लिए इस्तीफा दिया है।
सोनाराम ने कहा कि रिफाइनरी मामले में स्थानीय लोगों की मांग पर समर्थन के लिए मैंने गुरूवार को हेमाराम से बात की थी, लेकिन वो इस मामले में मुख्यमंत्री के सामने पक्ष रखने को तैयार नहीं हुए। सरकार के इस रवैये से क्षेत्र में पार्टी को करीब दो दर्जन सीटों पर नुकसान होगा।
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