*जैसलमेर रेतीले धोरे में दबे पुरानी बी एस एफ पोस्ट में कंप्यूटर ट्रेनिंग एंड रिकरूपमेंट केंद्र खोल सरहदी छात्रों को दिया तोहफा*
*देश मे सरहद एरिया में बी एस एफ द्वारा स्थापित पहला कंप्यूटर सेंटर*
*जेसलमेर गर हो हौसला बुलंद तो पहाड़ों से भी रास्ते निकाले जा सकते है।मगर रेगिस्तानी धोरों में कभी भारत पाक युद्ध की साक्षी बनी सीमा सुरक्षा बल के रेगिस्तान में दबी पुरानी पोस्ट आधुनिक कंप्यूटर लेब में तब्दील हो जाये तो यह दुनिया का नोवा आश्चर्य है।इस आश्चर्य को स्थापित करने में सीमा सुरक्षा बल की 56 bn बटालियन ने कड़ी मशक्कत के बाद मूर्तरूप देकर शनिवार को सरहदी पोछिना गांव के ग्रामीणों को सुपुर्द की ताकि गांव के बच्चे को कंप्यूटर सीखने शहर न जाना पड़े।अब सरहदी छात्रों को कंप्यूटर शिक्षा उनके अपने गांव में मिलेगी।।इस ख्वाब को हकीकत में बदला बटालियन के कमांडेंट एस एस मांड ने।।शनिवार को इस लेब का उद्घाटन सेकड़ो ग्रामीणों और जन प्रतिनिधियों की उपस्थिति में सीमा सुरक्षा बल के उप महानिरीक्षक राजेश कुमार ने किया।।
जिस स्थान पर सुनिल दत्त के क्लासिक फ़िल्म रेशमा और शेरा फिल्माई यह वही स्थान है।जजेसलमेर जिले का रेगिस्तानी गांव पोछिना। लम्बे समय से सीमा सुरक्षा बल के कमांडेंट एस एस मंद स्टेट ऑफ आर्ट के तहत ग्रामीणों की मांग पर गांव में कंप्यूटर ट्रेनिंग और रिकरूपमेंट सेंटर स्थापित करने की योजना पर विचार कर रहे थे।इसी कड़ी में उन्होंने भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध की गवाह बनी पुरानी पोस्ट (बंकर) जो रेगिस्तानी धोरों में दब चुकी थी।इसे ऐतिहासि रूप देने के लिए पोस्ट के ऊपर आये रेगिस्तानी टीले को हटाने का कार्य शुरू किया करीब दस माह का समय इसमे लग गया।।आसपास के टीलों को भी हटाकर इस सेंटर का पुननिर्माण करवाया।।पोस्ट के आसपास रेत के टीलों को हटाकर इसे खेल मैदान के रूप में तब्दील कर दिया।।भारत वर्ष में सीमा सुरक्षा बल का सरहदी क्षेत्र में छात्रों के लिए यह पहला कंप्यूटर ट्रेनिंग और रिकरूपमेंट सेंटर है।।सीमा सुरक्षा बल के सामाजिक सरोकार को सरहदी ग्रामीणों ने जमकर सराहा।इस नवाचार से करीब पन्द्रह सौ की आबादी वाले इस गांव के छात्र छात्राएं लाभान्वित होंगे।अब उन्हें कम्प्यूटर शिक्षा के लिए शहर तक का सफर नहीं करना पड़ेगा।शनिवार को भव्य समारोह में सीमा सुरक्षा बल के उप महानिरीक्षक राजेश कुमार ने सेकड़ो ग्रामीणों,जन प्रतिनिधियों और सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियो और जवानों की उपस्थिति में लोगो को समर्पित किया। इस सेंटर की खूबसूरती में दो साइड में आये रेगिस्तानी टीले चार चांद लगा रहे।।
*देश मे सरहद एरिया में बी एस एफ द्वारा स्थापित पहला कंप्यूटर सेंटर*
*जेसलमेर गर हो हौसला बुलंद तो पहाड़ों से भी रास्ते निकाले जा सकते है।मगर रेगिस्तानी धोरों में कभी भारत पाक युद्ध की साक्षी बनी सीमा सुरक्षा बल के रेगिस्तान में दबी पुरानी पोस्ट आधुनिक कंप्यूटर लेब में तब्दील हो जाये तो यह दुनिया का नोवा आश्चर्य है।इस आश्चर्य को स्थापित करने में सीमा सुरक्षा बल की 56 bn बटालियन ने कड़ी मशक्कत के बाद मूर्तरूप देकर शनिवार को सरहदी पोछिना गांव के ग्रामीणों को सुपुर्द की ताकि गांव के बच्चे को कंप्यूटर सीखने शहर न जाना पड़े।अब सरहदी छात्रों को कंप्यूटर शिक्षा उनके अपने गांव में मिलेगी।।इस ख्वाब को हकीकत में बदला बटालियन के कमांडेंट एस एस मांड ने।।शनिवार को इस लेब का उद्घाटन सेकड़ो ग्रामीणों और जन प्रतिनिधियों की उपस्थिति में सीमा सुरक्षा बल के उप महानिरीक्षक राजेश कुमार ने किया।।
जिस स्थान पर सुनिल दत्त के क्लासिक फ़िल्म रेशमा और शेरा फिल्माई यह वही स्थान है।जजेसलमेर जिले का रेगिस्तानी गांव पोछिना। लम्बे समय से सीमा सुरक्षा बल के कमांडेंट एस एस मंद स्टेट ऑफ आर्ट के तहत ग्रामीणों की मांग पर गांव में कंप्यूटर ट्रेनिंग और रिकरूपमेंट सेंटर स्थापित करने की योजना पर विचार कर रहे थे।इसी कड़ी में उन्होंने भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध की गवाह बनी पुरानी पोस्ट (बंकर) जो रेगिस्तानी धोरों में दब चुकी थी।इसे ऐतिहासि रूप देने के लिए पोस्ट के ऊपर आये रेगिस्तानी टीले को हटाने का कार्य शुरू किया करीब दस माह का समय इसमे लग गया।।आसपास के टीलों को भी हटाकर इस सेंटर का पुननिर्माण करवाया।।पोस्ट के आसपास रेत के टीलों को हटाकर इसे खेल मैदान के रूप में तब्दील कर दिया।।भारत वर्ष में सीमा सुरक्षा बल का सरहदी क्षेत्र में छात्रों के लिए यह पहला कंप्यूटर ट्रेनिंग और रिकरूपमेंट सेंटर है।।सीमा सुरक्षा बल के सामाजिक सरोकार को सरहदी ग्रामीणों ने जमकर सराहा।इस नवाचार से करीब पन्द्रह सौ की आबादी वाले इस गांव के छात्र छात्राएं लाभान्वित होंगे।अब उन्हें कम्प्यूटर शिक्षा के लिए शहर तक का सफर नहीं करना पड़ेगा।शनिवार को भव्य समारोह में सीमा सुरक्षा बल के उप महानिरीक्षक राजेश कुमार ने सेकड़ो ग्रामीणों,जन प्रतिनिधियों और सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियो और जवानों की उपस्थिति में लोगो को समर्पित किया। इस सेंटर की खूबसूरती में दो साइड में आये रेगिस्तानी टीले चार चांद लगा रहे।।
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