रक्षा प्रयोजनार्थ सेना अवाप्त करेगी तीन हजार बीघा जमीन
बाड़मेर. रक्षा प्रयोजनार्थ सेना शिव तहसील के मतुजा व रावत का गांव में करीब तीन हजार बीघा जमीन अवाप्त करेगी। इसमें से 68 बीघा सरकारी भूमि भी शामिल है। सेना की 125 एस एटीए रेजीमेंट को उक्त भूमि अवाप्त करना प्रस्तावित है। कलेक्टर कार्यालय से ग्राम पंचायत हाथीसिंह का गांव सरपंच को एनओसी के लिए पत्र जारी किया गया है। इसके बाद किसानों को नोटिस जारी कर अवाप्ति की प्रक्रिया शुरू होगी। शिव तहसील की ग्राम पंचायत हाथीसिंह का गांव के राजस्व गांव मतुजा व रावत का गांव में अलग अलग खसरों में कुल पांच हजार बीघा भूमि सेना अवाप्त करेगी। सेना की ओर से सर्वे के बाद उक्त भूमि को अवाप्त करने के लिए राजस्व शाखा कलेक्टर को रिपोर्ट पेश की गई। जहां पर भूमि अवाप्ति प्रक्रिया के लिए ग्राम पंचायत से एनओसी मांगी गई है। जानकारी के अनुसार खसरा न. 52, 53, 54 समेत कुल 35 खसरों का चयन किया गया है। जहां पर तीन हजार बीघा भूमि अवाप्ति के लिए प्रस्तावित है। भूमि अवाप्ति की प्रक्रिया शुरू होते ही विरोध के स्वर मुखरित होने लगे हैं।
किसान बोले जान दे देंगे, मगर जमीन नहीं देंगे: शिव. ग्राम पंचायत हाथीसिंह के गांव के राजस्व गांव मतुजा व रावत का गांव में सेना के लिए प्रस्तावित भूमि को लेकर किसान लामबद्ध हो गए हैं। दोनों गांवों के किसानों ने कहा कि सिंचित एरिया की भूमि को डीएलसी दरों पर नहीं देंगे। किसानों ने चेतावनी दी है कि जान दे देंगे, मगर जमीन किसी भी सूरत में नहीं देंगे। प्रशासन की ओर से पंचायत से मांगी गई एनओसी का विरोध जताते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है। किसान संघर्ष समिति के संयोजक सांवतसिंह कोटडिय़ा ने बताया कि प्रशासन किसानों की सिंचित भूमि को कौडिय़ों के दामों पर अवाप्त करना चाहता है। लेकिन किसान किसी भी सूरत पर जमीन अवाप्त होने नहीं देंगे। डीएलसी दरों व उक्त जमीन की वर्तमान दरों में जमीन व आसमान का फर्क हैं। किसान बच्चू खां मतुजा ने बताया कि बैंकों से कर्ज लेकर खेतों में टयूबवेल खुदवाएं है। डबल क्रॉप एरिया की भूमि को डीएलसी दरों पर अवाप्त होने का विरोध किया जाएगा। इसी तरह किसान पीराराम ने बताया कि शिव तहसील के एक फसली क्षेत्रों की भूमि अवाप्त करने की बजाय दो फसली क्षेत्र की भूमि अवाप्त कर ग्रामीणों को बेघर किया जा रहा है।
क्यों आई यह नौबत: राजस्व गांव मतुजा व रावत का गांव में वर्तमान डीएलसी दर 12 से 15 हजार रुपए प्रति बीघा है। जबकि सिंचित भूमि की बाजार दर एक से सवा लाख रुपए प्रति बीघा है। डीएलसी दर के हिसाब से छह बीघा भूमि का मुआवजा महज 72 हजार रुपए मिलेगा। बाजार दर के हिसाब से छह बीघा भूमि का मूल्य छह लाख रुपए है।
दरों में भारी अंतर होने से किसान भूमि अवाप्ति के पक्ष में नहीं है।
किसान कल सौंपेंगे ज्ञापन
किसान संघर्ष समिति के संयोजक सांवतसिंह कोटडिय़ा ने बताया कि अवाप्ति से प्रभावित किसान सोमवार को जिला मुख्यालय पहुंचेंगे। जहां पर कलेक्टर को भूमि अवाप्ति से मुक्त रखने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपेंगे। इस दौरान दोनों गांवों के दर्जनों किसान बाड़मेर जाएंगे। इसके बाद आगामी रणनीति तय करेंगे।
बाड़मेर. रक्षा प्रयोजनार्थ सेना शिव तहसील के मतुजा व रावत का गांव में करीब तीन हजार बीघा जमीन अवाप्त करेगी। इसमें से 68 बीघा सरकारी भूमि भी शामिल है। सेना की 125 एस एटीए रेजीमेंट को उक्त भूमि अवाप्त करना प्रस्तावित है। कलेक्टर कार्यालय से ग्राम पंचायत हाथीसिंह का गांव सरपंच को एनओसी के लिए पत्र जारी किया गया है। इसके बाद किसानों को नोटिस जारी कर अवाप्ति की प्रक्रिया शुरू होगी। शिव तहसील की ग्राम पंचायत हाथीसिंह का गांव के राजस्व गांव मतुजा व रावत का गांव में अलग अलग खसरों में कुल पांच हजार बीघा भूमि सेना अवाप्त करेगी। सेना की ओर से सर्वे के बाद उक्त भूमि को अवाप्त करने के लिए राजस्व शाखा कलेक्टर को रिपोर्ट पेश की गई। जहां पर भूमि अवाप्ति प्रक्रिया के लिए ग्राम पंचायत से एनओसी मांगी गई है। जानकारी के अनुसार खसरा न. 52, 53, 54 समेत कुल 35 खसरों का चयन किया गया है। जहां पर तीन हजार बीघा भूमि अवाप्ति के लिए प्रस्तावित है। भूमि अवाप्ति की प्रक्रिया शुरू होते ही विरोध के स्वर मुखरित होने लगे हैं।
किसान बोले जान दे देंगे, मगर जमीन नहीं देंगे: शिव. ग्राम पंचायत हाथीसिंह के गांव के राजस्व गांव मतुजा व रावत का गांव में सेना के लिए प्रस्तावित भूमि को लेकर किसान लामबद्ध हो गए हैं। दोनों गांवों के किसानों ने कहा कि सिंचित एरिया की भूमि को डीएलसी दरों पर नहीं देंगे। किसानों ने चेतावनी दी है कि जान दे देंगे, मगर जमीन किसी भी सूरत में नहीं देंगे। प्रशासन की ओर से पंचायत से मांगी गई एनओसी का विरोध जताते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है। किसान संघर्ष समिति के संयोजक सांवतसिंह कोटडिय़ा ने बताया कि प्रशासन किसानों की सिंचित भूमि को कौडिय़ों के दामों पर अवाप्त करना चाहता है। लेकिन किसान किसी भी सूरत पर जमीन अवाप्त होने नहीं देंगे। डीएलसी दरों व उक्त जमीन की वर्तमान दरों में जमीन व आसमान का फर्क हैं। किसान बच्चू खां मतुजा ने बताया कि बैंकों से कर्ज लेकर खेतों में टयूबवेल खुदवाएं है। डबल क्रॉप एरिया की भूमि को डीएलसी दरों पर अवाप्त होने का विरोध किया जाएगा। इसी तरह किसान पीराराम ने बताया कि शिव तहसील के एक फसली क्षेत्रों की भूमि अवाप्त करने की बजाय दो फसली क्षेत्र की भूमि अवाप्त कर ग्रामीणों को बेघर किया जा रहा है।
क्यों आई यह नौबत: राजस्व गांव मतुजा व रावत का गांव में वर्तमान डीएलसी दर 12 से 15 हजार रुपए प्रति बीघा है। जबकि सिंचित भूमि की बाजार दर एक से सवा लाख रुपए प्रति बीघा है। डीएलसी दर के हिसाब से छह बीघा भूमि का मुआवजा महज 72 हजार रुपए मिलेगा। बाजार दर के हिसाब से छह बीघा भूमि का मूल्य छह लाख रुपए है।
दरों में भारी अंतर होने से किसान भूमि अवाप्ति के पक्ष में नहीं है।
किसान कल सौंपेंगे ज्ञापन
किसान संघर्ष समिति के संयोजक सांवतसिंह कोटडिय़ा ने बताया कि अवाप्ति से प्रभावित किसान सोमवार को जिला मुख्यालय पहुंचेंगे। जहां पर कलेक्टर को भूमि अवाप्ति से मुक्त रखने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपेंगे। इस दौरान दोनों गांवों के दर्जनों किसान बाड़मेर जाएंगे। इसके बाद आगामी रणनीति तय करेंगे।
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