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चन्दन सिंह भाटी
बाड़मेर बहन और भाई के अटूट पवित्र रिश्ते के पर्व रक्षाबंधन का पाकिस्तान हिन्दू बाहुल्य सिंध प्रान्त के हिन्दू बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। पाकिस्तान सिंध प्रान्त के कई तालुको के बाजारों में रंग-बिरंगी राखियां, मिठाई और उपहार बिक रहे हैं। यह पर्व एक तरह से धार्मिक संकीर्णता की परिधि से बाहर निकल चुका है।
रक्षाबंधन हिन्दू पवित्र महीने सावन की पूर्णिमा को पड़ता है। इस साल यह पर्व बीस अगस्त को मनाया जाएगा। बहनों को अपने भाइयों की कलाई पर रंग-बिरंगी राखियां बांधने का बेसब्री से इंतजार होता है। बहन अपने भाई के प्रति प्यार और आदर का इजहार करने के लिए उनकी कलाई पर राखी बांधती है।
कराची ,थट्टा ,सांगड़ ,मीरपुरखास ,उमरकोट ,गडरा सिटी ,बहावलपुर ,नगरपरकर ,थारपारकर ,पियरो पारकर में लड़कियों को बाजार में राखियां खरीदते देखा जा रहा है। राखी के लिए पारम्परिक आरती थाली, जिसमें अक्षत, सिंदूर, दीपक, मिठाई आदि जैसे पवित्र उत्पाद रखे जाते हैं, की जबर्दस्त मांग है।सीमा पर के सूत्रों के मुताबिक बाजार में एक से बढ़कर एक आकर्षक थालियां बिक रही हैं।
राखियों का स्वरूप भी काफी बदल गया है। ‘सिंध माइनॉरिटी अलायंस’ के एक सदस्य ने संवाददाता को बताया , “राखी धार्मिक कम, सांस्कृतिक पर्व ज्यादा है। यह धर्म और सम्प्रदाय की संकीर्णताओं से मुक्त हो चुका है।”
दुनियाभर में यह पर्व पारम्परिक उल्लास के साथ मनाया जाता है। ‘पाकिस्तान हिन्दू वेलफेयर एसोसिएशन’ की अध्यक्ष ने बताया कि अधिकांश हिन्दू अपने घरों में इस त्यौहार को मनाना पसंद करते हैं, लेकिन कुछ जगहों पर सार्वजनिक तौर पर भी राखी बांधने की रस्म अदायगी होती है।
उन्होंने बताया कि कराची में रक्षाबंधन के मौके पर ‘नेटिव जेट्टी ब्रिज’ इलाके में स्थित हनुमान मंदिर में हिन्दू लड़कों और लड़कियों का जमावड़ा लगता है। यहां लड़कियां लड़कों की कलाई पर राखी बांधती हैं। वे बताती हैं, “जिस लड़की का भाई नहीं होता, उसके लिए भी भाई तलाशा जाता है ताकि वह इस त्यौहार को मना सके। इस मौके पर लड़कियां दूसरे लड़कों को अपना धर्म भाई बनाती हैं।”
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