सोमवार, 11 मार्च 2013

बाड़मेर (राजस्थान) में रिफाइनरी लगने पर विश्व पटल पर उभरता बाड़मेर


बाड़मेर (राजस्थान) में रिफाइनरी लगने पर

विश्व पटल पर उभरता बाड़मेर


- भूरचन्द जैन, बाड़मेर

अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं से सटा पशिचमी राजस्थान का बिहड़ रेगिस्तानी बाड़मेर जिला आजादी से पूर्व जोधपुर रिसायत का भाग रहते हुए आजादी के बाद प्राकृतिक प्रकोप अकाल आदि से पीडि़त कर्इ प्रकार के अभाव अभियोग से ग्रस्त बना रहा । पीने के पानी की किल्लत के कारण किसी सरकारी कर्मी को सजा के तौर पर बाड़मेर भेजा जाता था, तब उसे काले पानी की सजा समझी जाती थी । लेकिन जब से इस धरती की गोद से प्राकृतिक खनिज सम्पदा के रूप में पेट्रोल (काला सोना) मिला है तबसे यहां आने के लिये हर कोर्इ आतुर रहने लगता है । इतना ही नहीं सदियों से मीठे पानी की आस लगाये बाड़मेर जिले को जबसे इनिदरा गांधी केनाल, नर्मदा नहर का जल मिलने लगा तब से इस जिले के चहुमुंखी विकास के पंख लग गये है । पीने के पानी की सुविधा और यहां के भूगर्भ से निकलने वाले कोयले से बिजली पैदा करने की मुहिम ने तो देश की गम्भीर विधुत उत्पादन समस्या को हल करने में अपनी अनोखी भागीदारी निभार्इ है । इस रेगिस्तान धरा पर सन 1965 एवं 1971 के भारत-पाक युद्ध में विजय हासिल करने वाले भारतीय सैनिकों एवं सीमा सुरक्षा बल ने असामाजिक गतिविधियों, तस्करी, देशद्रोही हरकतों, आंतकियों का सीमा उल्लघंन पर रोक लगाकर विश्व स्तर पर अपनी देशभकित की छाप छोड़ दी है ।

बाड़मेर जिले के थार-मरू स्थल वाली कंटिली झाडि़यों और पानी के अभाव में वृक्षहीन धोराें वाली घरती की गोद में अथाह पेट्रोल निकलने पर हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कोरपोरेशन लिमिटेड ने रिफाइनरी लगाने का निर्णय लेकर बाड़मेर का नाम विश्व स्तर के आर्थिक बाजार में अनोखी पहचान करवा दी है । पेट्रोल एवं कोयला के अथाह भंडार को अपने आंचल में छिपाये रखने वाली रेगिस्तानी बाड़मेर की धरा पर खनिज सम्पदा के रूप में जिप्सम, मुल्तानी मिटटी, ग्रेनार्इट, नमक ने तो पूर्व में ही बाड़मेर का परिचय विश्व के बाजार में करवा रखा था । वहां यहां के श्रमशील लोगों के हाथों के हुनर ने रंगार्इ छपार्इ, कांच कशीदाकारी, बंधेज, जटट पटटी, ऊनी वस्त्र कम्बल - पटू, पोपलीन रंगार्इ आदि के कारण विश्व बाजार में अपनी धाक जमा रखी थी । कला संस्कृति क्षेत्र में यहां के लोक कलाकारों ने अपने लोक वाधयंत्रों के माध्यम से अपने संगीत से संसार भर के लोगों को लुभा रखा है । यहां के कला संस्कृति, पुरातत्व, पर्यटन आदि को देखने विश्व भर के लोग कानाना की गैर, तिलवाड़ा पशु मेला, सार्इयों का चौहटन मेला के साथ किराडू के भग्नावशेषों की प्राचीन शिल्पकला, नाकोड़ा के जैन मनिदरों आदि को देखकर अभिभूत हो जाते हैं ।

विश्व भर के लोग भारत की लोक तंत्रीय व्यवस्था के कायल तो है ही वहां जब देश के सबसे बड़े लोकसभा चुनाव क्षेत्र की सुव्यसिथत चुनावी व्यवस्थाओं की तरफ आंख उठाकर देखते है तब भी बाड़मेर लोकसभा चुनाव क्षेत्र दिखार्इ देता है । इतना ही नहीं भारत और सम्भवत: विश्व के सभी जिलों में राजस्थान के जैसलमेर जिले को छोड़ बाड़मेर जिला क्षेत्रफल की दृषिट से सबसे बड़ा है । जिसकी अपनी विश्व स्तर पर पहचान बनाने में यहां पेट्रोल निकलने के बाद विकसित क्षेत्र के रूप में बनती जा रही है । विश्व भर में पेट्रोल की आवश्यकता होने के कारण पेट्रोल उत्पादक अरब आदि देशों की प्रसिद्धि की भांति अब भारत के राजस्थान प्रदेश के बाड़मेर क्षेत्र की होगी । जबसे बाड़मेर जिले के भूगर्भ से पेट्रोल निकलना आरम्भ हुआ तबसे इस अविकसित एवं पिछड़े जिले ने करवट बदल ली है और अब विकास की दौड़ में निरन्तर आगे बढ़ता हुआ सबको पीछे छोड़ कर विश्व के आर्थिक दृषिट से सबल क्षेत्र बनता जा रहा है । जिसके सुखद परिणाम आजादी के 65 वर्षों में जितना विकास देखने को नहीं मिला अब चंद वर्षो में हुआ है । विकास की चाल को तेजगति से बढ़ाना आरम्भ कर दिया है । कुछ वर्ष बाद विश्व में दुबर्इ की भांति बाड़मेर का नाम भी गर्व से लिया जायेगा ।

बाड़मेर नगर के निकट अतुल्य मात्रा में पेट्रोल के साथ विशाल मात्रा में कोयला निकलने के कारण उस क्षेत्र की जमीन का मूल्य सोने की भांति बढ़ने लगा है। यहां के भूमालिकों को अपनी भूमि की कीमत लाखों करोड़ों रूपये मुआवले के तौर पर मिला हैं। जिसके कारण उनकी आर्थिक सबलता ने इन्हें उधमी, व्यवसायिक बनाते हुए पेट्रोल एवं विधुत उत्पादन से सम्बन्धी उधोग लगाने को प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया है। इसके अतिरिक्त पेट्रोल एवं कोयला पर आधारित बिजली घर लगने से इससे सम्बधित छोटे बड़े कर्इ उधोग बाड़मेर की धरा पर लगने के लिये देश भर के उधमियों के साथ बाड़मेर के लोगों को आर्थिक लाभ होने लगा हैं। जिससे उनके पारिवारिक सामाजिक जीवन में बदलाव झलकने लगा हैं । जिनके पास सार्इकिल खरीदने को पैसा नहीं था, अब वे शानदार बहु मूल्यवान चमचमाती कारों-वाहनों में सफर करते दृषिटगोचर हो रहे हैं । जिनके रखरखाव के लिये बाड़मेर नगर सहित पेट्रोल निकलने वाले क्षेत्रों में गम्भीर पार्किग समस्या उत्पन्न होने लगी हैं । बाड़मेर में बनने वाले आलीशान बंगले भारत के महानगारों के बंगलों को भी पीछे छोड़ रहे हंै । बाड़मेर नगर में ही नहीं आस पास के क्षेत्रों में भूमि की कीमते आसमान को छूने लगी है । वहां जिले के साथ देश भर से आने वाले उधमियों आदि के लिये अस्थार्इ आवास हेतु कभी यहां एक होटल का अभाव था अब यहां आलीशान अनेक बहुमंजिले होटलों आदि के निर्माण ने तो शहर की रोनक ही बदल दी है ।

बाड़मेर जिले में रिफाइनरी लगने सेे एक लाख डेढ़ लाख की आबादी वाले बाड़मेर नगर जैसे कर्इ नगर यहां विकसित होंगे । असंख्य पेट्रोल, बिजली, खनिज आधारित उधोग धंधों की भरमार स्वत: ही पनप जायेगी । ऐसी सिथति में पैसों से भी आवश्यक एवं उपयोगी भूमि मिलना मुश्कील हो जावेगा । इससे भारत व राजस्थान सरकार को अरबों - खरबों रूपयों की प्रतिवर्ष आय होगी जो विकास का प्रतीक बन जायेगी । विकास की दौड़ में विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनाना वाला बाड़मेर जिले का नाम विश्व प्रसिद्ध हो जाय इसमें तनिक भी अतिश्योकित नहीं होगी । पेट्रोल कें कारण विकास के साथ असामाजिक तत्वों के बढ़ने की सम्भावनाओं को भी नकारा नहीं जा सकता । ऐसी सिथति में सुरक्षा एजेनिसयों की जिम्मेदारी बढ़ जावेगी । अब तो राजस्थान सरकार ने भी बाड़मेर नगर के तेजगति से विकास को ध्यान में रखते हुए बाड़मेर नगरपालिका को नगर परिषद का दर्जा दे दिया है । नगर परिषद अपने क्षेत्र में भी कर्इ विकास के महत्वपूर्ण कार्य करवा रही है । जिसमें नगर की सिवरेज लार्इन, रेल पुलिया, नर्इ कोलानियों बसाने, बस स्टेण्ड का निर्माण , नगर विस्तार के साथ कर्इ धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों के निर्माण आदि के साथ नगर सौन्दर्यकरण में विस्तार करने लगी हैं ताकि विश्व भर के लोग बाड़मेर की विकसित छटा को देखकर अभिभूत हो सकें ।

.............







(भूरचन्द जैन)

जूनी चौकी का बास, बाड़मेर (राज.)

मो. : 09530249662

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें