गुरुवार, 31 जुलाई 2014

बाड़मेर सुरक्ष एजेंसियों की आँखों में पड़ी धुल। थार एक्सप्रेस से छत्तीस करोड की हेरोइन हो गयी पार


बाड़मेर सुरक्ष एजेंसियों की आँखों में पड़ी धुल। थार एक्सप्रेस से छत्तीस करोड की हेरोइन हो गयी पार

बाड़मेर भारत पाकिस्तान के मध्य संचालित थर एक्सप्रेस से गत सप्ताह छत्तीस किलोग्राम निशिला पदार्थ हेरोइन बाड़मेर से पार हो गयी जबकि मुनाबाव रेलवे स्टेशन पर आधा दर्जन से अधिक सुरक्ष और ख़ुफ़िया एजेंसिया तैनात हैं ,ड्रैग माफियो ने इनकी आँखों में धुल झोंकर छत्तीस किलोग्राम हेरोइन पर कर ले जिस दिल्ली पुलिस की स्पेसल शेल ने पकड़ा तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ।


अफगानी ड्रग्स माफिया थार एक्सप्रेस के जरिये पाकिस्तान के रास्ते भारत में हेरोइन की तस्करी कर रहा है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने चप्पलों के तले में छिपाकर भेजी गई 36 किलोग्राम हेरोइन बरामद कर अफगानी महिला व उसके सहयोगी समेत छह ड्रग्स तस्करों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान मोहम्मद, जमीर उर्फ डॉक्टर, सलीम खान, बाबा फकरुद्दीन, चांदबाशा तथा साकिबा के रूप में हुई है। गिरोह के तार दिल्ली से दक्षिण भारत तक फैले हैं।

स्पेशल सेल के अनुसार मोहम्मद और साकिबा अफगानिस्तान के रहने वाले हैं। वर्ष 2010 में पति की बम धमाके में मौत के बाद साकिबा भारत में आकर रहने लगी थी। यहां वह दुभाषिये का काम करती है, जबकि मोहम्मद का काबुल में कपड़ों का कारोबार है। इस सिलसिले में अक्सर वह दिल्ली में ही रहता है। बाद में उसने ड्रग्स तस्करी का धंधा शुरू कर दिया था। इसमें उसने जामा मस्जिद इलाके के हींग तथा मसाला कारोबारी सलीम को अपने साथ मिला लिया था। सलीम अपने गुर्गे जमीर की मदद से हेरोइन की खेप सप्लाई करता था।

स्पेशल सेल उपायुक्त संजीव यादव की टीम ने 26 जुलाई को भीकाजी कामा प्लेस के समीप फकरुद्दीन तथा जमीर को पकड़ा तब इस गिरोह का खुलासा हुआ। जमीर ने बताया कि वह सलीम के लिए काम करता है। उसके कहने पर ही वह फकरुद्दीन को 8.2 किलोग्राम हेरोइन की खेप देने पहुंचा था। इसके बाद पुलिस ने सलीम के यहां छापा मारकर 20 किलोग्राम हेरोइन बरामद की। सलीम से पूछताछ के बाद साकिबा व मोहम्मद को दबोचा गया। दोनों से आठ किलोग्राम हेरोइन बरामद हुई। आंध्र प्रदेश निवासी फकरुद्दीन ने बताया कि उसे ड्रग्स की खेप लेने चांदबाशा ने भेजा था। उसके लिए वह कैरियर का काम करता है। इसके बाद जयपुर से चांदबाशा को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपियों से बरामद हेरोइन थार एक्सप्रेस के जरिये दिल्ली पहुंची थी। रास्ते में किसी को शक न हो इसलिए चप्पलों के तले में छिपाकर लाया गया था।

महज प्यादे हैं सभी आरोपी

स्पेशल सेल अधिकारियों की मानें तो धरे गए आरोपी ड्रग्स तस्करी के धंधे में प्यादे भर हैं। असली कमान तो अफगानिस्तान व दक्षिण भारत में बैठे सरगनाओं के हाथ है। पूछताछ में मोहम्मद ने बताया कि उसको फोन पर बताया जाता था कि थार एक्सप्रेस से माल पहुंचने वाला है। इसके बाद उसे यह भी बताया जाता कि डिलीवरी किसको देनी है। सीमांध्र का रहने वाला चांदबाशा ड्रग्स तस्करों के दक्षिण भारतीय नेटवर्क का हिस्सा है। उसे भी इसके लिए निर्देश मिलते थे कि कब कहां से खेप को उठाना है। काम में बढ़ते खतरे को देखकर उसने साड़ियां बेचने वाल फकरुद्दीन को साथ में रख लिया था। चांदबाशा वर्ष 1985 में आईटीआई से डिप्लोमा कर चुका है। कई कारोबार करने के बाद सफलता नहीं मिली तो उसने ड्रग्स तस्करी का धंधा पकड़ लिया था।

हेरोइन का स्थानीय सप्लायर है सलीम

जाकिर हुसैन कॉलेज से बीए की पढ़ाई कर चुका सलीम बल्लीमारान में हींग का कारोबार करता है। वह मोहम्मद से हेरोइन हासिल करके उसे जमीर की मदद से आगे सप्लाई करता था। जमीर भी तुर्कमान गेट इलाके में शीतल पेय का काम करता है।

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