बाड़मेर को जैसलमेर की तर्ज पर टूरजिम सर्किट में शामिल करें सरकार- जैन
बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने सदन में वन,राजस्व एवम पर्यटन की मांगों पर हुई चर्चा में भाग लेते जिले में पर्यटन की संभावना,पटवारियों के रिक्त पद,डीएनपी की समस्या, डोली एवम मंदिर माफी की जमीन पर वर्षो से बैठे पुजारियों को सरकारी लाभ,अजरख प्रिंट को बढ़ावा देने तथा बाड़मेर शहर में स्थित वन क्षेत्र में आम रास्ता निकालने सम्बंधी कई मुद्दों को सदन में सरकार के सामने रखा ।
जयपुर 17 जुलाई 2019
बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने बुधवार को सदन में वन,राजस्व एवम पर्यटन की मांगो पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि वर्तमान में प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन से ग्लोबल वार्मिग की स्थिति से धरती के तापमान में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है।आज की स्थिति में हम सभी पक्ष प्रतिपक्ष को एकजुटता के साथ पर्यावरण के प्रति जागरूकता को एक अभियान के तौर पर लेना चाहिए।हम सभी यह प्रण करे कि प्रत्येक सदन का सदस्य 10 पौधे लगाएगा एवम उतना ही अन्य लोगो को प्रेरित करेगा तो अवश्य वन लगेंगे अगर वनों की संख्या बढ़ेगी तो हमारा पर्यावरण संतुलित रहेगा ।जैन के कहा कि बाड़मेर जैसलमेर के 88 से अधिक गाँव जिनको डीएनपी क्षेत्र में डाल दिया भारत सरकार ने जिसके कारण इन गाँवो में बिजली,पानी सड़क निर्माण का कार्य भी नहीं हो पा रहा है।जैन ने कहा कि हमें खुशी है कि लंबे समय से प्रदेश में पटवारियों के रिक्त पदों पर सरकार भर्ती कर रही है उन्होंने कहा कि पटवार सर्किल पंचायत वार होना चाहिए तथा पटवार घर में पटवारियों का ठहराव सरकार करावे ताकि आमजन को इसका फायदा मिल सके।जैन ने कहा कि प्रदेश में डोली एवम मन्दिरमाफी की जमीन में वर्षो से पुजारी रह रहे है ऐसे परिवारों को सरकारी सहायता नही मिल रही है सरकार ऐसी भूमि पर सरकारी सुविधाओं का विस्तार करवावे ।उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि पर्यटन की दृष्टि में जैसलमेर बाड़मेर में समान परिस्थितियां है सरकार बाड़मेर के पर्यटन स्थल किराडू के मंदिर,रेडाणा का रण, विरात्रा मंदिर,महाबार के टीले, नाकोड़ा,आसोतरा इत्यादि पुरातत्वस्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करें ताकि देशी,विदेशी पर्यटक बाड़मेर में आ सके।उन्होंने कहा कि बाड़मेर के हस्तशिल्प उत्पादों की विदेशों में खूब मांग है लेकिन सरकारी सरक्षंण के अभाव में अजरख प्रिंट,हैंडीक्राफ्ट के उत्पाद दम तोड़ रहे है जिसको सरंक्षण की जरूरत है।जैन ने कहा कि बाड़मेर शहर के बीच में वन विभाग का क्षेत्र है जिसमें वन विभाग पार्क बना रहा है चूंकि वन क्षेत्र के बीचों बीच दोनों तरफ आने जाने हेतु रास्ता नही होने से आमजन को इसका फायदा नही मिल पायेगा अतः सरकार आमजन की मांग को देखते हुए वन क्षेत्र में आम रास्ते को खुलवाये जिससे कि वन क्षेत्र के उस पार बैठे लोगों को आवागमन का फायदा मिल सके ।
बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने सदन में वन,राजस्व एवम पर्यटन की मांगों पर हुई चर्चा में भाग लेते जिले में पर्यटन की संभावना,पटवारियों के रिक्त पद,डीएनपी की समस्या, डोली एवम मंदिर माफी की जमीन पर वर्षो से बैठे पुजारियों को सरकारी लाभ,अजरख प्रिंट को बढ़ावा देने तथा बाड़मेर शहर में स्थित वन क्षेत्र में आम रास्ता निकालने सम्बंधी कई मुद्दों को सदन में सरकार के सामने रखा ।
जयपुर 17 जुलाई 2019
बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने बुधवार को सदन में वन,राजस्व एवम पर्यटन की मांगो पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि वर्तमान में प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन से ग्लोबल वार्मिग की स्थिति से धरती के तापमान में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है।आज की स्थिति में हम सभी पक्ष प्रतिपक्ष को एकजुटता के साथ पर्यावरण के प्रति जागरूकता को एक अभियान के तौर पर लेना चाहिए।हम सभी यह प्रण करे कि प्रत्येक सदन का सदस्य 10 पौधे लगाएगा एवम उतना ही अन्य लोगो को प्रेरित करेगा तो अवश्य वन लगेंगे अगर वनों की संख्या बढ़ेगी तो हमारा पर्यावरण संतुलित रहेगा ।जैन के कहा कि बाड़मेर जैसलमेर के 88 से अधिक गाँव जिनको डीएनपी क्षेत्र में डाल दिया भारत सरकार ने जिसके कारण इन गाँवो में बिजली,पानी सड़क निर्माण का कार्य भी नहीं हो पा रहा है।जैन ने कहा कि हमें खुशी है कि लंबे समय से प्रदेश में पटवारियों के रिक्त पदों पर सरकार भर्ती कर रही है उन्होंने कहा कि पटवार सर्किल पंचायत वार होना चाहिए तथा पटवार घर में पटवारियों का ठहराव सरकार करावे ताकि आमजन को इसका फायदा मिल सके।जैन ने कहा कि प्रदेश में डोली एवम मन्दिरमाफी की जमीन में वर्षो से पुजारी रह रहे है ऐसे परिवारों को सरकारी सहायता नही मिल रही है सरकार ऐसी भूमि पर सरकारी सुविधाओं का विस्तार करवावे ।उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि पर्यटन की दृष्टि में जैसलमेर बाड़मेर में समान परिस्थितियां है सरकार बाड़मेर के पर्यटन स्थल किराडू के मंदिर,रेडाणा का रण, विरात्रा मंदिर,महाबार के टीले, नाकोड़ा,आसोतरा इत्यादि पुरातत्वस्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करें ताकि देशी,विदेशी पर्यटक बाड़मेर में आ सके।उन्होंने कहा कि बाड़मेर के हस्तशिल्प उत्पादों की विदेशों में खूब मांग है लेकिन सरकारी सरक्षंण के अभाव में अजरख प्रिंट,हैंडीक्राफ्ट के उत्पाद दम तोड़ रहे है जिसको सरंक्षण की जरूरत है।जैन ने कहा कि बाड़मेर शहर के बीच में वन विभाग का क्षेत्र है जिसमें वन विभाग पार्क बना रहा है चूंकि वन क्षेत्र के बीचों बीच दोनों तरफ आने जाने हेतु रास्ता नही होने से आमजन को इसका फायदा नही मिल पायेगा अतः सरकार आमजन की मांग को देखते हुए वन क्षेत्र में आम रास्ते को खुलवाये जिससे कि वन क्षेत्र के उस पार बैठे लोगों को आवागमन का फायदा मिल सके ।