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जैसलमेर ,मदद करना अशोक तंवर से सीखे ,असहायों के घर जाकर पहुंचा आये खाद्य सामग्री
खुद ने सात सौ जरुरतमंद परिवारों का पता कर ,राहत पहुंचाई
जैसलमेर पश्चिमी सरहदी जैसलमेर जिले में कोरोना संक्रमण काल में लॉक डाउन के दौरान अंतिम पंक्ति वाले परिवारों के दयनीय स्थति थी ,इन परिवारों में न कोई कमाने वाला सहायता करने वाला। न प्रशासन की सूचि में शामिल न नगर परिषद् की ,ऐसे जरूरतमंद और असहाय परिवारों की जिम्मेदारी उठाई पूर्व सभापति अशोक तंवर ने ,तंवर ने खुद ऐसे परिवारो का अपने भरोसेमंद लोगो से पता करवा कर उनकी सूचियां बनवाई ,इन लोगो तक अपने खर्चे से खुद इन परिवारों तक जाकर सात सात दिनों की खाद्य सामग्री के किट पहुंचा , सात दिन बाद फिर इन घरो में पहुँच कर इन्हे सामग्री उपलब्ध कराई। करीब सात परिवारों की देखभाल तंवर खुद कर रहे हे ,शहर की आठ से अधिक कच्ची बस्तियों और शहर के भीतरी इलाको में एकल विधवा ,विकलांग ,वृद्ध ,असहाय ,श्रेणी के लोगो के लिए तंवर आगे आये ,इसके आलावा तंवर शहर में नगर परिषद सभापति हरिवल्ल्भ कल्ला द्वारा तीनं जन रसोइयों के संचालन में अपना पूरा सहयोग दे रहे हैं ,जन रसोई संचालन में भामाशाहो को प्रेरित कर उनका सहयोग ले रहे हैं ,अपने १४ घंटे जन रसोई की सेवा में दे रहे हैं , रसोइयों में करीब नो से दस हजार व्यक्तियों के लिए खाना तैयार होता हैं ,गरीब परिवारों का सहयोग उन्होंने अपने निजी स्तर पर इस तरह किया की किसी को को भनक नहीं लगने दी ,जरूरतमंद परिवार को खाद्य सामग्री की जरूरत होती तो खुद तंवर तक सन्देश पहुंचते ,तंवर खाद्य सामग्री का किट लेकर उनके द्वार पहुंच जाते ,अशोक तंव ट्रेवल व्यवसायी होने के साथ नगर परिषद जैसलमेर के प्रथम सभापति रह चुके हैं ,शुरू से धार्मिक प्रवृति कारन आप वैसे ही लोगो की सहायता के लिए तत्पर रहते हैं ,प्रचार प्रसार और फोटो से अक्सर दूर रहकर इन्होने हमेशा धर्म निभाया , खाद्य सामग्री के किट गाड़ी में हमेशा उपलब्ध रहते हैं
जैसलमेर के लोग मेरा परिवार हैं,संकट की इस घड़ी में जितनी हो सकी मदद करने का प्रयास किया ,आगे भी सहयोग जारी रहेगा ,हमने अपने स्तर पर उन लोगो का सहयोग किया जहाँ तक सरकार नहीं पहुंची ,अशोक तंवर ,पूर्व सभापति नगर परिषद् जैसलमेर
जैसलमेर ,मदद करना अशोक तंवर से सीखे ,असहायों के घर जाकर पहुंचा आये खाद्य सामग्री
खुद ने सात सौ जरुरतमंद परिवारों का पता कर ,राहत पहुंचाई
जैसलमेर पश्चिमी सरहदी जैसलमेर जिले में कोरोना संक्रमण काल में लॉक डाउन के दौरान अंतिम पंक्ति वाले परिवारों के दयनीय स्थति थी ,इन परिवारों में न कोई कमाने वाला सहायता करने वाला। न प्रशासन की सूचि में शामिल न नगर परिषद् की ,ऐसे जरूरतमंद और असहाय परिवारों की जिम्मेदारी उठाई पूर्व सभापति अशोक तंवर ने ,तंवर ने खुद ऐसे परिवारो का अपने भरोसेमंद लोगो से पता करवा कर उनकी सूचियां बनवाई ,इन लोगो तक अपने खर्चे से खुद इन परिवारों तक जाकर सात सात दिनों की खाद्य सामग्री के किट पहुंचा , सात दिन बाद फिर इन घरो में पहुँच कर इन्हे सामग्री उपलब्ध कराई। करीब सात परिवारों की देखभाल तंवर खुद कर रहे हे ,शहर की आठ से अधिक कच्ची बस्तियों और शहर के भीतरी इलाको में एकल विधवा ,विकलांग ,वृद्ध ,असहाय ,श्रेणी के लोगो के लिए तंवर आगे आये ,इसके आलावा तंवर शहर में नगर परिषद सभापति हरिवल्ल्भ कल्ला द्वारा तीनं जन रसोइयों के संचालन में अपना पूरा सहयोग दे रहे हैं ,जन रसोई संचालन में भामाशाहो को प्रेरित कर उनका सहयोग ले रहे हैं ,अपने १४ घंटे जन रसोई की सेवा में दे रहे हैं , रसोइयों में करीब नो से दस हजार व्यक्तियों के लिए खाना तैयार होता हैं ,गरीब परिवारों का सहयोग उन्होंने अपने निजी स्तर पर इस तरह किया की किसी को को भनक नहीं लगने दी ,जरूरतमंद परिवार को खाद्य सामग्री की जरूरत होती तो खुद तंवर तक सन्देश पहुंचते ,तंवर खाद्य सामग्री का किट लेकर उनके द्वार पहुंच जाते ,अशोक तंव ट्रेवल व्यवसायी होने के साथ नगर परिषद जैसलमेर के प्रथम सभापति रह चुके हैं ,शुरू से धार्मिक प्रवृति कारन आप वैसे ही लोगो की सहायता के लिए तत्पर रहते हैं ,प्रचार प्रसार और फोटो से अक्सर दूर रहकर इन्होने हमेशा धर्म निभाया , खाद्य सामग्री के किट गाड़ी में हमेशा उपलब्ध रहते हैं
जैसलमेर के लोग मेरा परिवार हैं,संकट की इस घड़ी में जितनी हो सकी मदद करने का प्रयास किया ,आगे भी सहयोग जारी रहेगा ,हमने अपने स्तर पर उन लोगो का सहयोग किया जहाँ तक सरकार नहीं पहुंची ,अशोक तंवर ,पूर्व सभापति नगर परिषद् जैसलमेर
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