शनिवार, 16 फ़रवरी 2013

ख़ास रिपोर्ट ....थार की संस्कृति के साथ प्रशासनिक बलात्कार ...

ख़ास रिपोर्ट ....थार की संस्कृति के साथ प्रशासनिक बलात्कार ...


कलेक्टरों के प्रयोगों का शिकार हो रहा थार महोत्सव

बाड़मेर अपनी असीम लोक संस्कृति ,इतिहास ,परम्परा और थार के लोक जीवन को विश्व पटल पर रखने के लिए तथा देशी विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से बीस साल पहले आरम्भ किया गया थार महोत्सव अपनी पहचान बनाने में नाकाम रहा जिसके जिम्मेदार जिला कलेक्टर और जिला प्रशासन रहा ,जिला प्रशासन थार महोत्सव के आयोजन के मूल रूप के साथ हर साल छेड़छाड़ कर बलात्कार करते आये हें ,हर कलेक्टर अपनी सुविधा के अनुरूप थार महोत्सव के आयोजन के साथ प्रयोग कर इसके अस्तित्व को ख़त्म कर रहे हें .मूल रूप से बाड़मेर की लोक कला और संस्कृति को विश्व के सामने रखने के उद्देश्य से इसका आयोजन आरम्भ किया था ,मगर आज बाहरी प्रान्तों और फ़िल्मी कलाकारों का मंच बन कर रह गया हें ,इस बार फिर जिला कलेक्टर ने इसके मूल स्वरुप के साथ छेड़ छड कर परंपरागत रूप से आयोजित तीन दिवसीय आयोजन को सिमटा कर मात्र एक दिवसीय कर दिया हें ,जन्हा थर महोत्सव के तीन दिवसीय आयोजन में स्थानीय लोक कला और संस्कृति के लोग रूबरू होते थे अब महज बोलीवूड के गायकों का कार्यक्रम बन कर रह गया हें ,थार महोत्सव के आयोजन के साथ बाड़मेर आने वाला हर कलेक्टर छेड़छाड़ कर इसके आयोजन की गरिमा के साथ खिलवाड़ करते आये हें ,ऐसे में थार महोत्सव के आयोजन पर प्रश्न चिन्ह लग गया हें ,एक दिवसीय महोत्सव का आयोजन की बजे इसके आयोजन को पूर्ण रूप से बंद कर देना चाहिए क्योकि बीस साल तक के आयोजन के बावजूद एक भी पर्यटक इस महोत्सव से जुदा नहीं लाखो रूपये इसके आयोजन पर खर्च कर लेते हें ,पिछले कई सालो से इसके आयोजन पर स्थानीय निजी तेल और ऊर्जा कंपनिया भरी भरकम राशि जिला प्रशासन को देती हें ,मगर खर्च कहा होते हें याक प्रशासनिक आयोजक ही जानते हें ,एक दिवसीय आयोजन पर थार वासियों की नाराजगी बढी हें ,

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