गजब की सुंदरता, मनमोहक अदा से शक्तिशाली पुरूषों का किया शिकार :- अमूमन माना जाता है कि जासूसी का काम पुरूष ही कर सकते हैं। यह मानना लाजमी भी है क्योंकि जासूसी में जो रिस्क और मुश्किलें हैं, उनका सामना करने के लिए ना केवल तेज दिमाग चाहिए बल्कि खतरों से निपटने का कलेजा भी चाहिए। पर अब जो हम आपको बताने जा रहे हैं उसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे। जासूसी में महिलाओं ने भी यादगार कारनामे किए हैं। इन महिला जासूसों में ऎसी महिलाओं को ज्यादा सफलता मिली जो खुबसूरती के मामले में किसी हॉट एक्ट्रेस से कम नहीं थी। इनमें से ही एक नाम जो सबसे ऊपर आता है वह है माता हरी का। माता हरी की सुंदरता और मनमोहक अदा से कोई भी पुरूष आकर्षित हुए बिना नहीं रह पाया। इसकी गजब की सुंदरता से महिलाएं भी ईष्र्या करती थीं। माता हरी हॉट डांस के लिए जानी जाती थी। बताया जाता है कि प्रथम विश्व युद्ध के दौरान उसने जर्मनी के लिए जासूसी की थी। अपने हॉट और अर्घ-नग्न डांस के चलते माता हरी को यूरोप के कई शहरों में बुलाया गया और वहां उसने सेना के उच्च पदों पर आसीन अधिकारियों और शक्तिशाली राजनेताओं को अपना मुरीद बना लिया। प्रथम विश्व युद्ध के पहले माता हरी को एक सामान्य नृत्य कलाकार और खुले विचारों की महिला ही माना जाता था, लेकिन जैसे ही युद्ध शुरू हुआ, उसे खतरनाक सम्मोहन करने वाली कामुक महिला के रूप में देखा जाने लगा। विश्व युद्ध शुरू होते ही फ्रांस ने उसे जर्मनी का जासूस समझा वहीं दूसरी ओर जर्मनी उसे फ्रांस का जासूस समझने लगा। ऎसा भी माना जाता है कि वह दोनों देशों को बेवकूफ बनाकर दोनों से पैसा कमा रही थी। हालांकि ब्रिटेन की खुफिया एजेंसियों ने सबसे पहले सबूत जुटाकर उसे बेनकाब कर दिया। माता हरी को कोड नेम एच-21 के नाम से जाना जाता था। 1917 में उसे जर्मनी का जासूस घोषित कर गिरफ्तार कर लिया गया। आखिरकार उसे 15 सितंबर 1917 को मार दिया गया। उस समय वह 41 वर्ष की थी। -
ये सेलिब्रिटी भी निकली जासूस :- नाम तो सुना ही होगा। जी हां, यह सेलिब्रिटी है अना चैपमैन। रूस की यह पॉपुलर सेलिब्रिटी खुबसूरत होने के साथ ही हाई-प्रोफाइल लोगों को रिझाने में माहिर है। बताया जाता है कि यह 28 वर्षीय सुंदरी अमरीका मे रहकर रूस के लिए जासूसी का काम कर रही थी। इसका सेलिब्रिटी स्टेट्स भी इसके काम में सहायक बना। अगर अमरीकी खुफिया एजेंसियां भी इसके रूप-सौंदर्य और सेलिब्रिटी होने पर यकीन रखती, तो शायद इसे कभी पकड़ा नहीं जा सकता था। अमरीकी अटार्नी जनरल ने बिना अनुमति विदेशी सरकार के लिए एजेंट का काम करने के आरोप में 27 जून 2010 को अना चैपमैन को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि दोनों देशों ने 8 जुलाई 2010 को एक-दूसरे के जासूसों को छोड़ने का फैसला किया और अना वापस रूस आ गई। .... -
3. कोर्ट के मुख्य आदमियों को पटाने के लिए भर्ती कि सुंदर महिलाएं :- फ्रांस की चार्लओटे डी सउवे को जासूस बनने का मौका यूं ही नहीं मिला। चार्लओटे की सुंदरता और शातिर दिमाग ने उसे कुख्यात जासूसी ग्रुप में आने का मौका दिया। सिर्फ महिलाओं के इस जासूसी ग्रुप का काम नवेरे राज्य की कोर्ट के अति-महत्वपूर्ण व्यक्तियों को रिझाना, अपने प्रेम जाल में फांसना और उनसे खुफिया जानकारी लेना था। ये सारी जानकारी राज्य की राजमाता को दी जाती थी। 1575 में कैथरीन डी मेडिसी ने अपने पुत्र हैनरी तृतीय की हत्या कर दी और चार्लओटे को राजा के छोटे पुत्र फ्रांनकोईस को प्रेमजाल में फंसाने का आदेश दिया। फ्रांनकोईस एलेनकोन नामक जगह का प्रमुख था। चार्लओटे ने ऎसा ही किया और फ्रांनकोईस को ना केवल अपने प्यार में पागल बना दिया बल्कि उसकी पत्नी भी बन गई। इससे राजा के दोनों भाई एक दूसरे के दुश्मन बन गए। बताया जाता है कि चार्लओटे सुंदर होने के साथ ही चालक भी थी। उसने राजा के दोनों पुत्रों से संबंध बनाए और जानबूझकर ऎसे काम करती थी कि दोनों को एक-दूसरे से जलन होने लगी। चार्लओटे के चक्कर में दोनों राजकुमार अपने मूल काम को छोड़ इस महिला के कारण आपस में लड़ते रहे। ... -
5. पति की ही की जासूसी :- अमरीकी क्रांति के दौरान ब्रिटिश आर्मी के जनरल थॉमस गागे की पत्नी मार्गेट कैम्बले के बारे में कहा जाता है कि उसने पति की ही जासूसी की। इतिहासकारों के मुताबिक मार्गेट की अमरीकी क्रांति के प्रति सहानूभूति थी और इसी के चलते उसने जोसफ वारेन को अपने सैनिक अधिकारी पति के बारे में खुफिया जानकारियां सौंपी। बताया जाता है कि मार्गेट के पति जनरल थॉमस गागे को इसकी जानकारी मिल गई थी और उसने मार्गेट को इंग्लैंड भेज दिया। ... -
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