गहलोत का भविष्य टिका हें सोनिया गाँधी की रेली पर
बाड़मेर कांग्रेस की अध्यक्ष और यु पि ए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी का तीस अगस्त का राजस्थान के सरहदी जिले बाड़मेर का दौरा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए महत्वपूर्ण मन जा रहा हें .लम्बे अरसे बाद सोनिया गांधी राजस्थान आ रही हें ,बाड़मेर जिले में पेयजल योजना का उद्घाटन करेगी सोनिया .सोनिया गाँधी के दौरे को सफल बनाने के लिए अशोक गहलोत ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी .गहलोत को करीब एक लाख की भीड़ एकत्रित करनी हे जो मौजूदा समय में किसी चुनौती से कम नहीं हें ,गहलोत राज्य में असंतुष्टो द्वारा उनके खिलाफ किये जा रहे बार बार अभियान और राज्य में गहलोत की पकड़ ढीली होने जैसे बयानों का जवाब देने के लिए इससे उपयुक्त मौका नहीं मिल सकता .अशोक गहलोत जानते हें की असंतुष्टो की गतिविधियों से उनकी छवि आलाकमान के समक्ष काफी हद तक प्रभावित हुई हें ,गहलोत इस रेली के माध्यम से राज्य में जनता पर अपनी पकड़ साबित करने के लिए स्थानीय विधायको तथा सांसद को ख़ास जिम्मेदारी सौंपी हें ,इन विधायको में सबसे अधिक असंतुष्ट और चर्चित विधायक कर्नल सोना राम भी शामिल हें ,सोनिया गांधी के दौरे का सोना राम ने विरोध किया था ,बात समाचार पत्रों तक गई तब कांग्रेस महासचिव अहमद पटेल ने सोनाराम को समझाईस कर सोनिया गाँधी के दौरे को सफल बनाने के निर्देश दिए तब जाकर सोनाराम सोनिया की रेली की तयारी में जुटे .गहलोत के मंत्रिमंडल के दो सदस्य भी बाड़मेर जिले से हें हेमाराम चौधरी और अमीन खान ,दोना अपने समाजो में अच्छी पकड़ रखते हें ,गहलोत सोनिया की रेली में लोगो की तादाद एक लाख के पर पंहुचा कर सोनिया के समक्ष अपनी ताकत दिखाना चाहते हें ,की असंतुष्टो की बातो में दम नहीं हें ,मगर स्वयं अशोक गहलोत की तीन दिन पूर्व बाड़मेर में उसी स्थान पर आम सभा का आयोजन किया गया था जहा सोनिया की सभा राखी जा रही वहा उस वक़्त महज हज़ार पन्द्र सौ लोग ही आये उसमे भी अधिकांस अधिकारी कर्मचारी थे ,इतमी कम भीड़ ने अशोक गहलोत के माथे पर चिंता की लकीरे जरुर खींच दी हें ,गहलोत ने अपने पुरे प्रशासन को सोनिया की रेली सफल बनाने में झोंक दिया हें ,इसके बावजूद रेली को लखी बना पाएंगे इसमे शक हें ,रेली में भीड़ कम हुई तो उसका खामियाजा अशोक गहलोत को भुगतना पड़ सकता हें
बाड़मेर कांग्रेस की अध्यक्ष और यु पि ए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी का तीस अगस्त का राजस्थान के सरहदी जिले बाड़मेर का दौरा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए महत्वपूर्ण मन जा रहा हें .लम्बे अरसे बाद सोनिया गांधी राजस्थान आ रही हें ,बाड़मेर जिले में पेयजल योजना का उद्घाटन करेगी सोनिया .सोनिया गाँधी के दौरे को सफल बनाने के लिए अशोक गहलोत ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी .गहलोत को करीब एक लाख की भीड़ एकत्रित करनी हे जो मौजूदा समय में किसी चुनौती से कम नहीं हें ,गहलोत राज्य में असंतुष्टो द्वारा उनके खिलाफ किये जा रहे बार बार अभियान और राज्य में गहलोत की पकड़ ढीली होने जैसे बयानों का जवाब देने के लिए इससे उपयुक्त मौका नहीं मिल सकता .अशोक गहलोत जानते हें की असंतुष्टो की गतिविधियों से उनकी छवि आलाकमान के समक्ष काफी हद तक प्रभावित हुई हें ,गहलोत इस रेली के माध्यम से राज्य में जनता पर अपनी पकड़ साबित करने के लिए स्थानीय विधायको तथा सांसद को ख़ास जिम्मेदारी सौंपी हें ,इन विधायको में सबसे अधिक असंतुष्ट और चर्चित विधायक कर्नल सोना राम भी शामिल हें ,सोनिया गांधी के दौरे का सोना राम ने विरोध किया था ,बात समाचार पत्रों तक गई तब कांग्रेस महासचिव अहमद पटेल ने सोनाराम को समझाईस कर सोनिया गाँधी के दौरे को सफल बनाने के निर्देश दिए तब जाकर सोनाराम सोनिया की रेली की तयारी में जुटे .गहलोत के मंत्रिमंडल के दो सदस्य भी बाड़मेर जिले से हें हेमाराम चौधरी और अमीन खान ,दोना अपने समाजो में अच्छी पकड़ रखते हें ,गहलोत सोनिया की रेली में लोगो की तादाद एक लाख के पर पंहुचा कर सोनिया के समक्ष अपनी ताकत दिखाना चाहते हें ,की असंतुष्टो की बातो में दम नहीं हें ,मगर स्वयं अशोक गहलोत की तीन दिन पूर्व बाड़मेर में उसी स्थान पर आम सभा का आयोजन किया गया था जहा सोनिया की सभा राखी जा रही वहा उस वक़्त महज हज़ार पन्द्र सौ लोग ही आये उसमे भी अधिकांस अधिकारी कर्मचारी थे ,इतमी कम भीड़ ने अशोक गहलोत के माथे पर चिंता की लकीरे जरुर खींच दी हें ,गहलोत ने अपने पुरे प्रशासन को सोनिया की रेली सफल बनाने में झोंक दिया हें ,इसके बावजूद रेली को लखी बना पाएंगे इसमे शक हें ,रेली में भीड़ कम हुई तो उसका खामियाजा अशोक गहलोत को भुगतना पड़ सकता हें
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें