*जैसलमेर भारत माला प्रोजेक्ट में भरष्टाचार 2*
*गाइड लाइन के अनुसार सड़को की न चौड़ाई है न स्ट्रेंथ,सुरक्षा कवच को खतरा पैदा कर रहे है ठेकेदार*
*बाडमेर न्यूज़ ट्रैक के लिए चन्दन सिंह भाटी की खास रिपोर्ट*
जैसलमेर भारत माला में बन रही सरहद पर सड़क निर्माण में जमकर धांधलियां हो रही है।प्रभावी मोनिटरिंग के अभाव में ठेकेदार निरंकुश हो गए।।प्रोजेक्ट की गाइड लाइन के अनुसार राजस्थान की चार जिलो की सरहद पर बन रही करीब 1300 किलोमीटर सड़क निर्माण में 650 करोड़ रुपये प्रथम चरण में खर्च किये जाने है ।इन सड़कों को नेशनल हाई वे की सड़कों की गुणवत्ता से सौ फीसदी अधिक गुणवत्ता गाइड लाइन में रखी गई।गाइड लाइन के अनुसार नेशनल हाई वे की सड़कों की चौड़ाई जंहा 7 मीटर होती है भारत माला की सड़कों की चौड़ाई 10 मीटर रखी गई है वही नेशनल हाई वे की सड़कों की स्ट्रेंथ 20 सेंटीमीटर के मुकाबले भारत माला की सड़कों की स्ट्रेंथ 50 सेंटीमीटर रखी गई।मगर जेसलमेर और बाडमेर जिले में बन रही सड़को में गाइड लाइन की पूरी अनदेखी कर सार्वजनिक निर्माण विभाग की तर्ज पर सड़के बनाई जा रही है।घटिया गुणवत्ता की निर्माण सामग्री का इस्तेमाल हो रह है मगर सड़को के निर्माण की गुणवत्ता की जांच करने सक्षम तकनीकी अधिकारी साइट पर नही आये।।इन सड़कों पर गाइड लाइन में न्यूनतम रफ्तार नेशनल हाई वे के 60 किलोमीटर के मुकाबले 90 किलोमीटर प्रति घंटे रखी गई।मगर जिस तरह सड़को का निर्माण हो रहा है उससे इन सड़कों पर बीस से तीस किलोमीटर की रफ्तार वाहन पकड़ नही पाएंगे जबकि इन सड़कों का उपयोग आपातकालीन सेना को करना है।।इन सड़कों पर फाइटर प्लेन उतारने की बात बेमानी लगती है ।निर्माण सामग्री निर्धारित मात्रा में उपयोग में नही ली जा रही।।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट में जमकर ठेकेदार और भारत माला प्रोजेक्ट में लगे अधिकारी मालामाल हो रहे है। आज ही खुईयाला के पास डीजल से भरा टैंकर पलटी खा गया तीन जने घायल हो गए।।भारत माला प्रोजेक्ट में जेसलमेर बाडमेर जिलो में निर्माणाधीन सड़को की जांच सुरक्षा एजेंसियों के तस्कनिकी विभाग से कराई जानी चाहिए। इस संबंध में भारत माला प्रोजेक्ट के लाइजनिं अधिकारी प्रशांत गुप्ता से बात करने के लिए बार बार फोन लगाए उन्होंने नहीं उठाए।।बाद में किसी के माध्यम से फोन करवाया की साहब बीमार है ठीक होने के बाद बात करेंगे।
*गाइड लाइन के अनुसार सड़को की न चौड़ाई है न स्ट्रेंथ,सुरक्षा कवच को खतरा पैदा कर रहे है ठेकेदार*
*बाडमेर न्यूज़ ट्रैक के लिए चन्दन सिंह भाटी की खास रिपोर्ट*
जैसलमेर भारत माला में बन रही सरहद पर सड़क निर्माण में जमकर धांधलियां हो रही है।प्रभावी मोनिटरिंग के अभाव में ठेकेदार निरंकुश हो गए।।प्रोजेक्ट की गाइड लाइन के अनुसार राजस्थान की चार जिलो की सरहद पर बन रही करीब 1300 किलोमीटर सड़क निर्माण में 650 करोड़ रुपये प्रथम चरण में खर्च किये जाने है ।इन सड़कों को नेशनल हाई वे की सड़कों की गुणवत्ता से सौ फीसदी अधिक गुणवत्ता गाइड लाइन में रखी गई।गाइड लाइन के अनुसार नेशनल हाई वे की सड़कों की चौड़ाई जंहा 7 मीटर होती है भारत माला की सड़कों की चौड़ाई 10 मीटर रखी गई है वही नेशनल हाई वे की सड़कों की स्ट्रेंथ 20 सेंटीमीटर के मुकाबले भारत माला की सड़कों की स्ट्रेंथ 50 सेंटीमीटर रखी गई।मगर जेसलमेर और बाडमेर जिले में बन रही सड़को में गाइड लाइन की पूरी अनदेखी कर सार्वजनिक निर्माण विभाग की तर्ज पर सड़के बनाई जा रही है।घटिया गुणवत्ता की निर्माण सामग्री का इस्तेमाल हो रह है मगर सड़को के निर्माण की गुणवत्ता की जांच करने सक्षम तकनीकी अधिकारी साइट पर नही आये।।इन सड़कों पर गाइड लाइन में न्यूनतम रफ्तार नेशनल हाई वे के 60 किलोमीटर के मुकाबले 90 किलोमीटर प्रति घंटे रखी गई।मगर जिस तरह सड़को का निर्माण हो रहा है उससे इन सड़कों पर बीस से तीस किलोमीटर की रफ्तार वाहन पकड़ नही पाएंगे जबकि इन सड़कों का उपयोग आपातकालीन सेना को करना है।।इन सड़कों पर फाइटर प्लेन उतारने की बात बेमानी लगती है ।निर्माण सामग्री निर्धारित मात्रा में उपयोग में नही ली जा रही।।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट में जमकर ठेकेदार और भारत माला प्रोजेक्ट में लगे अधिकारी मालामाल हो रहे है। आज ही खुईयाला के पास डीजल से भरा टैंकर पलटी खा गया तीन जने घायल हो गए।।भारत माला प्रोजेक्ट में जेसलमेर बाडमेर जिलो में निर्माणाधीन सड़को की जांच सुरक्षा एजेंसियों के तस्कनिकी विभाग से कराई जानी चाहिए। इस संबंध में भारत माला प्रोजेक्ट के लाइजनिं अधिकारी प्रशांत गुप्ता से बात करने के लिए बार बार फोन लगाए उन्होंने नहीं उठाए।।बाद में किसी के माध्यम से फोन करवाया की साहब बीमार है ठीक होने के बाद बात करेंगे।
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