शनिवार, 30 अक्टूबर 2010
गुरुवार, 28 अक्टूबर 2010
बारमेर न्यूज़ ट्रैक,,,,,,माँ को मिला खोया सम्मान
एजीदेवी ने माना कलक्टर का एहसान
माँ को मिला खोया सम्मान
दस हजार रूपये भरण पोषण देने के निर्देश
बाडमेर, । अस्सी साल की श्रीमती एजीदेवी जिला कलेक्टर गौरव गोयल का एहसान मानती है जिसकी बदौलत उम्र के इस पडाव में महज दो रोटी के लिए मोहताज होने के बाद उसे सम्मान के साथ जीने का अधिकार मिल गया। यह सब कुछ हुआ जिला कलेक्टर गोयल के निर्देशों पर मातापिता और वरिश्ठ नागरिकों का भरणपोशण तथा कल्याण अधिनियम 2007 के तहत की गई त्वरित कार्यवाही की बदौलत।
अधिनियम के तहत ससम्मान वृद्घा का भरण पोशण करने तथा दस हजार रूपये तक की राशि प्रतिमाह देने के निर्णय के बाद एजी देवी के पुत्र रतनलाल तथा पुत्र वधु सुमित्रा देवी गुरूवार को जिला कलेक्टर की मौजुदगी में अपनी गलती का एहसास करते हुए उससे माफी मांगते हुए अपने घर ले गए तथा भविश्य में उसे सम्मान के साथ रखने का वादा किया। प्रकरण के अनुसार प्रार्थीनी श्रीमती एजी देवी पत्नी रिखबदास जैन निवासी तेलियों का वास बाडमेर ने जिला कलेक्टर के समक्ष एक प्रार्थना पत्र पो कर निवेदन किया था कि उसकी उम्र 80 वशर की है तथा वह एक विधवा औरत है। उसके पुत्र व पुत्रवधु दोनों ही उसके साथ क्रुरतापूर्ण व्यवहार करने है तथा उसे भोजन नहीं देते है तथा वर्तमान में उसे घर से बिलकुल ही निकाल दिया है। प्रार्थना पत्र में उल्लेख किया गया है कि उसके नाम का एक पक्का मकान एवं एक प्लाट आया हुआ है, मकान का किराया भी उसका पुत्र लेता है, उसके पुत्र व उसकी पुत्रवधु उसे मर जाने के लिए विवश करते है। वर्तमान मे वह दर दर की ठोकरे खाकर मांगकर अपना भरणपोशण कर रही है। प्रार्थीनी ने अपना भरण पोशण करवाने एवं उसके पुत्र एवं पुत्रवधु के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने का निवेदन किया है।
उक्त प्रार्थना पत्र पर जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने त्वरित कार्यवाही करते हुए उसे उपखण्ड मजिस्ट्रेट बाडमेर मिठूसिंह को भिजवाया। उक्त प्रकरण में प्रार्थीनी एवं प्रार्थीनी के वारिसान पुत्र एवं पुत्रवधु को अपना पक्ष प्रस्तुत करने हेतु जरिये नोटिस तलब किया गया। प्रार्थीनी के कथन के संबंध मे प्रत्यर्थी पक्ष रतनलाल न्यायालय मे उपस्थित हुआ, उसे अपनी माता का भरणपोशण करने एवं उसके साथ मातृत्वपूर्ण सदभावना पूर्वक व्यवहार करने हेतु समझाईा की गई ।
गोयल ने बताया कि प्रार्थीनी का प्रार्थना पत्र माता पिता और वरिश्ठ नागरिकों का भरणपोशण तथा कल्याण अधिनियम के अन्तर्गत दर्ज किया जाकर स्वीकार किया गया है तथा विरोधी पक्षकार रतनलाल को निर्दोित किया गया है कि वह अपनी माता के भरणपोशण हेतु अधिकतम रूपये दस हजार की राशि अपनी माता श्रीमती एजी देवी को प्रतिमाह संदाय करेगा। साथ ही रतनलाल व उसकी पत्नी श्रीमती सुमित्रादेवी को पाबन्द किया गया कि वे अपनी माता/सास के साथ सदभावनापूर्ण एवं मातृत्व का व्यवहार करेंगे। रतन लाल अपनी माता को उसके रहवासी मकान मे रहने के दौरान आनाकानी नहीं करेंगे एवं सम्मानपूर्ण स्थान भी देंगे, जिसके लिए रतनलाल एवं श्रीमति सुमित्रादेवी को भरणपोशण अधिनियम के अन्तर्गत निर्दोित किया गया है।
उन्होने बताया कि थानाधिकारी पुलिस थाना कोतवाली बाडमेर को आदेश दिया गया है कि वे श्रीमती एजी देवी को तेलियों का वास बाडमेर मे स्थित उसके रहवासी मकान में रहने हेतु व्यवस्थित करने की आवयक कार्यवाही कर पालना से न्यायालय को अवगत करावे तथा प्रार्थीनी के भरण पोशण के संबंध मे समयसमय पर आवश्यक निगरानी की भी व्यवस्था कराई जाए।
शनिवार, 23 अक्टूबर 2010
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शुक्रवार, 1 अक्टूबर 2010
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