इस वीकेंड अगर आपके पास समय कम है। ज्यादा दूर घूमने का प्लान नहीं कर रहे हैं तो शिमला का रुख कीजिए। यहां मन को सुकून देने और रोमांच से झकझोर देने वाली हर चीज मौजूद है।
एक ओर खूबसूरत वादियों के साथ ऐतिहासिक इमारतों का जबर्दस्त कॉम्बिनेशन है। दूसरी ओर सुरंगों और हरी-भरी पहाड़ियों से गुजरते हुए टॉय ट्रेन कालका से शिमला का सफर बेहद रोमांचक होता है। यूं तो शिमला हिमाचल प्रदेश की राजधानी है। लेकिन इसकी खूबसूरती पर फिदा होकर अंग्रेजों ने इसे समर कैपिटल बनाया था।
यहां की आसान पहुंच, विकसित सुविधाएं, बेहतर जलवायु और अपनी ओर खींचती वादियां इसे सबसे अनोखा हिल स्टेशन बनाती हैं। यहां की माल रोड सबसे मशहूर है। जनवरी से मार्च तक बर्फ पर स्कीइंग करने का भी अपना मजा है।
यहां की द माल, लक्कड़ बाजार, लोअर बाजार और तिब्बतर बाजार शॉपिंग के स्वर्ग माने जाते हैं। लक्कड़ बाजार वुडन आर्टिकल्स और क्राफ्ट के लिए मशहूर है। माल स्थित एम्पोरियम और शोरुम से हिमाचली शॉल, हिमाचली टोपी, पुलोवर सूट और हैंडीक्राफ्ट खरीदे बिना किसी सैलानी को वापस नहीं लौटना चाहिए।
शिमला, दिल्ली से 370 किमी दूर है। नई दिल्ली से हिमाचल टूरिजम की डीलक्स और एसी बस, टैक्सी आदि भी चलती हैं। ट्रेन से जाने वाले कालका से शिमला तक का सफर रोमांचकारी टॉय ट्रेन से करते हैं। इसके 103 सुरंगों और हरी-भरी पहाड़ियों वाले सफर का अलग ही मजा है।
शिमला और आस-पास के टूरिस्ट स्पॉट्स पर फाइव स्टार, थ्री स्टार से लेकर सरकारी और प्राइवेट गेस्ट हाउस तक तमाम होटेल मौजूद हैं। अपने बजट के मुताबिक आप किसी भी होटेल में रुक सकते हैं। ट्रैवल कंपनियां यहां घुमाने के लिए कई तरह के पैकेज ऑफर समय-समय पर करती रही हैं।
यूं तो शिमला और इसके आस-पास हजारों की संख्या में ऐसे स्थल हैं जो किसी के भी मन को लुभा सकते हैं। लेकिन कुछ ऐसे स्थल हैं, जो यहां आने वाले सैलानियों मिस नहीं करना चाहिए-
माल और द रिज
वैसे तो, अंग्रेजों ने मसूरी और नैनीताल में भी माल रोड बनाए थे, लेकिन यहां के माल रोड की बात कुछ अलग है। सैलानियों की रौनक, आकर्षक बाजार और ठंडी मीठी हवा मिलकर यहां के माहौल को खुशनुमा बना देते हैं। रिज शहर के मध्य में एक बड़ा और खुला स्थान, जहां से पर्वत श्रंखलाओं का सुंदर दृश्य देखा जा सकता है।
जाखू टेम्पल
सैलानियों की शिमला यात्रा इस मंदिर तक आए बगैर पूरी नहीं मानी जाती। शिमला की सबसे ऊंची पहाड़ी जाखू हिल पर स्थित है हनुमानजी का मंदिर। मान्यता है कि संजीवनी बूटी लेने जाते वक्त हनुमानजी इस पहाड़ पर रुके थे। यहां बनी हनुमान जी की 108 फुट ऊंची विशाल मूर्ति पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर खींचती है।
गेटे थिएटर
माल रोड पर ही 1887 में यूरोपियन शैली में बना गेटे थिएटर कला प्रेमियों के आकर्षण का केंद्र है। एक समय में यहां खुद ब्रिटिश वायसराय नाटक देखने आया करते थे। यह थिएटर आज भी सांस्कृतिक गतिविधियों का बहुत बड़ा केंद्र है। अनुपम खेर, अमरीश पुरी, प्रेम चोपड़ा, बलराज साहनी, राजिन्दर किशन और प्रीति जिंटा जैसे कलाकारों का जुड़ाव इस थिएटर की सफलता की कहानी कहता है।
समर हिल
शिमला-कालका रेलमार्ग पर एक सुंदर स्थान है। शिमला से इसकी दूरी करीब सात किलोमीटर है। यहां के शांत वातावरण में पेड़ों से घिरे रास्ते हैं। अपनी शिमला यात्रा के दौरान महात्मा गांधी राजकुमारी अमृत कौर के शानदार जार्जियन हाउस में रुके थे। यहीं पर हिमाचल प्रदेश विश्वद्यालय है।
क्राइस्ट चर्च
यह उत्तर भारत में बना दूसरा सबसे पुराना चर्च है। रिज पर नव गॉथिक शैली में बने इस दर्शनीय चर्च काफी महत्वपूर्ण है। मॉल से 5 मिनट की वॉक पर आप ऐतिहासिक टाउन हॉल और जीपीओ होते हुए आप कालीबाड़ी मंदिर जा सकते हैं। इसमें स्थित श्यामला माता के नाम पर ही इस स्थान का नाम शिमला पड़ा।
वॉर मैमोरियल
शिमला के कई मशहूर ठिकानों में से एक वॉर मैमोरियल भी मशहूर है। यहां के गांधी चौक से दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित पंच पुला के पास नेताजी सुभाषचंद्र बोस के सहयोगी अजीत सिंह की याद में वॉर मैमोरियल बनाया गया है।
स्टेट म्यूजियम
इसमें प्राचीन ऐतिहासिक मूर्तिकला, चित्रकला, सिक्कों, तस्वीरों, जूलरी और हथियारों का बहुत अच्छा संग्रह है। यह शिमला से दूरी करीब तीन किलोमीटर है। यह सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक खुलता है तथा सोमवार बंद रहता है। इसी के पास ही स्थित हिमालयन बर्ड पार्क भी दर्शनीय है।
वायसराय रीगल लॉज या राष्ट्रपति निवास
यह शानदार पांच मंजिला इमारत अंग्रेजों के समय में वायसराय का निवास हुआ करती थी। इसे राष्ट्रपति निवास के नाम से जानते हैं। अब इसे इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ अडवांस्ड स्टडीज के नाम से जानते हैं। यह शिमला से करीब चार किलोमीटर दूर है।
प्रोस्पेक्ट हिल
लगभग पांच किलोमीटर दूर कामना देवी मंदिर को समर्पित यह हिल, शिमला-बिलासपुर मार्ग पर बालुगंज से 15 मिनट की पैदल दूरी पर है। इसे देखना वाकई एक शानदार अनुभव करना होता है।
चैडविक जलप्रपात
घने जंगलों से घिरा यह स्थान समर हिल चौक से लगभग 45 मिनट की पैदल दूरी पर है। शिमला से इसकी दूरी लगभग सात किलोमीटर है।
तारादेवी
शिमला-कालका सड़क मार्ग पर स्थित इस पवित्र स्थान पर पहुंचने के लिए रेल, बस और कार सेवा उपलब्ध है। इसकी शिमला से दूरी करीब 11 किलोमीटर है।
कुफरी
अगर शिमला के आस-पास घूमना चाहें, तो 16 किमी दूर स्थित कुफरी से घोड़े की सवारी करके आप महासू पीक तक जाते हैं। साथ ही, हिमालयन नेचर पर्यटक याक, बार्किंग डियर, सांबर, गोरल, तिब्बती भेड़िया, काला भालू, स्नो लियोपार्ड जैसे जंगली जानवरों के बीच हिमाचल की वाइल्ड लाइफ का व्यू ले सकते हैं।
नालदेहरा
शिमला से 23 किमी दूर नालदेहरा में अंग्रेजों के जमाने का गोल्फकोर्स है। कहा जाता है कि इसकी स्थापना किसी अंग्रेज अधिकारी ने अपनी बेटी के नाम पर की थी। यहां हॉर्स राइडिंग का मजा भी लिया जा सकता है। रास्ते में एपल गार्डन जाना न भूलें। पेड़ों पर लगे लाल-लाल सेब तोड़कर खाने का अपना ही मजा है।
तत्तापानी
नालदेहरा वाली रोड पर करीब 30 किलोमीटर आगे तत्तापानी में औषधीय गुणों से भरपूर गर्म पानी का सोता है। तत्तपानी के निकट ही सतलुज नदी बहती है, जिसमें आप रिवर रॉफ्टिंग और फिशिंग का मजा ले सकते हैं।
चायल
शिमला से करीब 45 किमी दूर स्थित पटियाला स्टेट की समर कैपिटल रहे चायल में महाराजा पटियाला का भव्य महल है , जिसे अब हिमाचल टूरिज्म द्वारा भव्य होटल का रुप दे दिया गया है। एशिया का सबसे ऊंचा क्रिकेट ग्राउंड और पहाड़ पर सफेद संगमरमर से बना खूबसूरत काली टेंपल चायल की खास पहचान हैं।