रविवार, 8 जून 2014

चारमीनार: प्रसिद्ध स्मारक और हैदराबाद का प्रतीक



खूबसूरत इमारतों और लजीज खाने के कारण मशहूर हैदराबाद प्रमुख पर्यटन स्थल है। हैदराबाद अपने भीतर पर्यटन के कई आयाम समेटे हुए है। चारमीनार आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद का सबसे प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण स्मारक है। चारमीनार को मुहम्मद कुली कुतुबशाह ने बनवाया था। हैदराबाद शहर प्राचीन और आधुनिक का अनोखा मिश्रण है जो देखने वालों को 400 वर्ष पुराने भवनों की भव्यता के साथ आपस में सटी आधुनिक इमारतों का दर्शन भी कराता है। चारमीनार अपनी भव्य सुंदरता के कारण बड़ी संख्या में पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है।

 

 निर्माण समय

चारमीनार 1591 में शहर के अंदर प्लेग की समाप्ति की खुशी में मुहम्मद कुली कुतुबशाह द्वारा बनवाई गई वास्तुकला का एक नमूना है। शहर की पहचान मानी जाने वाली चारमीनार चार मीनारों से मिलकर बनी एक चौकोर प्रभावशाली इमारत है। इसके मेहराब में हर शाम रोशनी की जाती है जो एक अविस्मरणीय दृश्य बन जाता है।

संरचना

यह स्मारक ग्रेनाइट के मनमोहक चौकोर खंभों से बना है जो उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम दिशाओं में स्थित चार विशाल आर्च पर निर्मित किया गया है। यह आर्च कमरों के दो तलों और आर्चवे की गेलरी को सहारा देते हैं। चौकोर संरचना के प्रत्येक कोने पर एक छोटी मीनार है जो 24 मी. ऊंचाई की है। ये चार मीनारें हैं जिनके कारण भवन को यह नाम दिया गया है। प्रत्येक मीनार कमल की पत्तियों के आधार की संरचना पर खड़ी है।

विहंगम दृश्य

पहले तल को कुतुब शाही अवधि के दौरान मदरसे के रूप में उपयोग किया जाता था। दूसरे तल पर पश्चिमी दिशा में एक मस्जिद है जिसका गुंबद सड़क से ही दिखाई देता है। यदि कुछ दूरी पर खड़े होकर देखा जाए। चार मीनार की छत पर जाकर शहर का एक विहंगम दृश्य दिखाई देता है, जबकि मीनारों के अंदर अत्यधिक भीड़ के कारण कुछ विशेष अतिथियों को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, हैदराबाद वृत की अनुमति से यहां जाने दिया जाता है और वे मीनारों के सबसे ऊपरी सिरे पर जाकर हैदराबाद का दृश्य देख सकते हैं। वर्ष 1889 पर उपरोक्त चारों आर्चवे पर घड़ियां लगाई गई थीं। चारमीनार के क्षेत्र में टहलते हुए आप इतिहास के अवशेषों को वर्तमान से मिलता हुआ देखकर निरंतर आश्चर्य कर सकते हैं।

कैसे पहुंचे

हैदराबाद हवाई जहाज, रेल, बस और टैक्सी से पहुंचा जा सकता है। चारमीनार हैदराबाद रेलवे स्टेशन से लगभग सात किलो मीटर की दूरी पर है। यह बस स्टेशन से पांच किलो मीटर की दूरी पर है। निजी परिवहन से भी यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है।

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