कराची। करीब ढाई दशक से ब्रिटेन में निर्वासित पाकिस्तान की मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट एमक्यूएम के नेता अल्ताफ हुसैन को शनिवार को जमानत पर रिहा कर दिया गया। उसे अब जुलाई में पुलिस के समक्ष पेश होना है। उससे शुक्रवार को करीब सात घंटे तक पुलिस ने गहन पूछताछ की। उसके खिलाफ जांच की प्रक्रिया जारी रहेगी।
वह पाकिस्तान में हत्या के मामले में वांछित था और 1990 से लंदन में निर्वासित जीवन बिता रहा है। उसे लंदन में स्थिति उसके आवास से मंगलवार को वित्तीय धांधली के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और चार दिन बाद उसे शनिवार को जमानत मिल गई।
एमक्यूएम नेता की रिहाई की खबर आते ही पाकिस्तान केकराची शहर में जश्न का माहौल शुरू हो गया। पार्टी समर्थक बड़ी संख्या में सडकों पर उतर आए और अपने नेता की रिहाई पर खुशियां मनाने लगे। पूरे कराची शहर में पुलिस ने सतर्कता और बढ़ा दी है। पूरे शहर पर कड़ी नजर रखी जा रही है। पुलिस ने मंगलवार को जब उसे गिरफ्तार किया था तो उसकी पहचान नहीं की जा सकी थी। हालांकि बाद में पुलिस यह कहती रही कि उसकी पहचान को गुप्त रखने की उसे हिदायत दी गई थी।
एमक्यूएम नेता की रिहाई के खबर मिलते ही उसके समर्थक सड़कों पर उतर आए हैं और जगह जगह खुशी का इजहार कर रहे हैं। गौरतलब है कि अल्ताफ लंदन से ही अपनी पार्टी को चला रहा है और कराची में उसके इशारे पर उसकी पार्टी के लोग मर मिटने को तैयार रहते हैं। यही वजह है कि मंगलवार को जब उसकी गिरफ्तारी की खबर मिली तो पाकिस्तान के कराची शहर में हिंसा फैलने की आशंका बढ़ गई थी जिसके बाद वहां सुरक्षा व्यवस्था को चौकस करके पूरे शहर में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए।
कराची में उसने ढाई दशक से कदम नहीं रखा लेकिन उसके नाम पर बंद के आह्वान पर पूरे शहर में कर्फ्यू जैसी स्थिति पैदा हो जाती है। हुसैन का कराची में कितना प्रभाव है, इसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि जब वह लंदन से फोन पर भीड़ को संबोधित करता है तो पूरे शहर में सिर्फ उसी की आवाज गूंजती है और लोग उसका भाषण सुनते हैं। वह भड़काऊ भाषण देने के लिए कुख्यात है और उसके नाम पर शहर में जहां भी सभा होती है, लोगों का सैलाब वहां उसका लंदन से दिया गया भाषण सुनने के लिए उमड़ पड़ती है।
एमक्यूएम के समर्थक उर्दू बोलने वाले पाकिस्तानी है, जो 1947 में विभाजन के समय कराची और आसपास के इलाकों में बस गए थे। उसे उत्तर पश्चिम लंदन में हवाला के मार्फत धन के लेन-देन के मामले में गिरफ्तार किया गया था। हुसैन को पाकिस्तान का सर्वाधिक विवादास्पद नेता माना जाता है।
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