रविवार, 27 सितंबर 2020

एक राजनीती युग का अंत ,जसवंत सिंह पंचतत्व में विलीन ,मानवेन्द्र ने दी मुखाग्नि

 एक राजनीती युग का अंत ,जसवंत सिंह पंचतत्व में विलीन ,मानवेन्द्र ने  दी मुखाग्नि 

जसवंत सिंह के निधन की खबर से पश्चिमी राजस्थान गमगीन ,जोधपुर फार्म हाउस पे हुआ  अंतिम संस्कार  








बाड़मेर पूर्व कैबिनेट मंत्री और भारतीय जनता पार्टी  के संस्‍थापक सदस्‍यों में से एक जसवंत सिंह का निधन दिल्ली में होने के बाद उनके पार्थिव शरीर आपणी मिटटी के हवाले  विशेष  जोधपुर लाया गया।  रोड पर पाबूपुरा में स्थित जसवंत सिंह के हाउस पर विधिवत  संस्कार किया गया ,अंतिम संस्कार में जानी मानी शामिल हुई ,जसवंत सिंह के बड़े पुत्र मानवेन्द्र सिंह पूर्व सांसद ,छोटे पुत्र भूपेंद्र सिंह ,पौत्र हमीर सिंह  ने उन्हें मुखग्नि दी।  


जसवंत सिंह के निधन की खबर आने बाद उनके गृह जिले बाड़मेर सहित कर्मस्थली जैसलमेर ,जोधपुर ,जालोर ,पाली जिले गमगीन हो गए ,उनका  पैतृक गांव जसोल पूर्णत बंद रहा , जसवंत सिंह बाड़मेर जिले के जसोल राजपरिवार से थे। आदर्श राजनीतिज्ञ रूप में विश्व्यापी छवि के साथ  जसवंत सिंह को अपने मालाणी क्षेत्र और लोगो से विशेष जुड़ाव था ,लगभग क्षेत्र हर एक को नाम से जानते थे , उनके निधन से क्षेत्र के सिंधी मुस्लिम समुदाय जो उन्हें अपना रहनुमा मानते थे उनके निधन से बहुत दुखी हुए ,पुरे क्षेत्र में शोक की लहर हैं ,बड़ी संख्या में उनके समर्थक उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं,उनके पैतृक गांव जसोल में सन्नाटा पसरा हैं ,  जसवंत सिंह का पार्थिव शरीर विशेष विमान से जोधपुर लाया जा , करीब सवा बारह बजे जोधपुर एयरपोर्ट उनका पार्थिव शरीर पहुंचेगा ,एयरपोर्ट से उनका पार्थिव शरीर उनके फार्म हाउस पर लाया गया ,जसवंत सिंह को श्रद्धांजलि देने समर्थकों की भारी  भीड़ उमड़ी ,इस मौके पे केबिनेट मंत्री शाले मोहम्मद ,उम्मेद सिंह  राठोड ,मदन राठोड,विधायक मीना कंवर ,पब्बा राम विश्नोई ,मेवाराम जैन ,मदन प्रजापत , हेमाराम चौधरी ,महेंद्र विश्नोई सहित कई जन प्रतिनिधि और मोजिज लोग उपस्थित थे ,

जसवंत सिंह  82 साल के थे और पिछले छह साल से कोमा में थे। दिल्‍ली के आर्मी अस्‍पताल की ओर से जारी बयान के अनुसार, 'पूर्व कैबिनेट मंत्री मेजर जसवंत सिंह (रिटा) का आज सुबह 6.55 बजे निधन हो गया। उन्‍हें जून को भर्ती कराया गया था और सेप्सिस के साथ मल्‍टीऑर्गन डिसफंक्‍शन सिंड्रोम का इलाज चल रहा था। उन्‍हें आज सुबह कार्डियक अटैक  आया। उनका कोविड स्‍टेटस निगेटिव है।

रक्षा के अलावा वित्‍त और विदेश मंत्रालय भी संभाला

भारतीय सेना में मेजर रहे जसवंत सिंह ने बाद में राजनीति का दामन थाम लिया था। बीजेपी की स्‍थापना करने वाले नेताओं में शामिल जसवंत ने राज्‍यसभा और लोकसभा, दोनों सदनों में बीजेपी का प्रतिनिधित्‍व किया। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्‍व वाली सरकार में उन्‍होंने 1996 से 2004 के बीच रक्षा, विदेश और वित्‍त जैसे मंत्रालयों का जिम्‍मा संभाला। बतौर वित्‍त मंत्री जसवंत सिंह ने स्‍टेट वैल्‍यू ऐडेड टैक्‍स (VAT) की शुरुआत की जिससे राज्‍यों को ज्‍यादा राजस्‍व मिलना शुरू हुआ। उन्‍होंने कस्‍टम ड्यूटी भी घटा दी थी। 2014 में बीजेपी ने सिंह को बाड़मेर से लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं दिया था। नाराज जसवंत ने पार्टी छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ा मगर हार गए थे। उसी साल उन्‍हें सिर में गंभीर चोटें आई, तब से वह कोमा में थे।

बीजेपी के संस्थापक सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह का 82 साल की उम्र में निधन हो गया है. वो काफी लंबे समय से बीमार थे और कोमा में थे. राजस्थान के बाड़मेर जिले के एक छोटे से गांव जसोल में जन्मे जसवंत सिंह को पूर्व पीएम अटल बिहारी बाजपेयी का 'हनुमान' कहा जाता था. वो एनडीए सरकार में वित्त, विदेश और रक्षा मंत्री रहे हैं. उन्होंने अपने राजनीतिक सफर में कई मील के पत्थर स्थापित किए हैं. चाहे पाकिस्तान के साथ से रिश्ते सुधार की बात रही हो या फिर परमाणु परिक्षण के बाद दुनिया के साथ बेहतर संबंध को मजबूत करने की, जसवंत सिंह ने अपना रोल बाखूबी निभाया. 


पाकिस्तान के साथ रिश्ता सुधारना

जसवंत सिंह ने अपने राजनीतिक सफर में पाकिस्तान और बंग्लादेश के साथ रिश्ते सुधराने की हरसंभव कोशिश की थी. भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच शांति का उनका सपना भी अधूरा ही रह गया है. इसे लेकर कभी उन्होंने कहा था कि भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश एक ही मां की सिजेरियन प्रसव से पैदा हुई संतानें हैं, जिनके बीच आपसी रिश्ते बेहतर होने चाहिए. इस दिशा में उन्होंने हरसंभव कोशिश की थी. 

2001 में भारतीय संसद पर हमले के बाद जब सारी राजनीतिक पार्टियां पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के लिए एकमत थीं. इतना ही नहीं भारतीय सेना भी सीमा पर तैनात की जा चुकी थी, उस दौरान जसवंत सिंह पर आरोप लगे कि उन्होंने ऐसा न होने देने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था. उन्हें पता था कि युद्ध से दोनों देशों के रिश्ते कभी सुधर नहीं सकते. मुनाबाव-खोखरापार के बीच थार एक्सप्रेस चलवाकर उन्होंने दोनों देशों के रिश्ते सुधारने की ओर एक कदम बढ़ाया था. यही नहीं पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के साथ बस को लेकर पाकिस्तान के लाहौर गए थे. 

जुलाई 2001 की आगरा शिखर वार्ता के दौरान जसवंत सिंह एनडीए सरकार के विदेश मंत्री थे. आगरा में अटल बिहारी वाजपेयी और पाकिस्तान के चीफ मार्शल लॉ ऑफिसर परवेज मुशर्रफ के बीच वर्ता के दौरान जसवंत सिंह थे. दरअसल, वर्ता के पहले दिन भारत के विदेश मंत्री जसवंत सिंह ने प्रस्ताव दिया था कि अटल और मुशर्रफ के साथ, दोनों देशों के विदेश मंत्री भी बैठेंगे. इसके बाद दोनों देशों के मुखिया के सहित चार लोगों के बीच बातचीत चली और कोशिश भी की गई, लेकिन सफल नहीं हो सकी. 

 परमाणु परिक्षण के बाद दुनिया के साथ संबंध बनाना

अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने 1998 में पोखरण में दो दिनों के अंतराल में 5 परमाणु परीक्षण कर सारी दुनिया को चौंका दिया था. इसके बाद दुनियाभर के तमाम देश भारत के विरोध में खड़े हो गए थे. अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और कई पश्चिमी देशों सहित कई देशों में आर्थिक पाबंदी लगा दी थी. देश में विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को घेरने में जुटा था. प्रतिबंध के चलते देश की आर्थिक हालत बिगड़ गई थी. ऐसे में तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने दुनिया को जवाब देने के लिए जसवंत सिंह को आगे किया था. 

परमाणु परिक्षण किये जाने के बाद भारत-अमेरिका के रिश्तो में जो दरार आई, उसे जसवंत सिंह ने अपने कौशल से भरने की कोशिश की. जसवंत सिंह के तत्कालीन अमेरिकन प्रतिरूप स्ट्रोब टैलबोट के मुताबिक वे एक बेहतरीन वार्ताकार और कूटनीतिज्ञ रहे. जसवंत सिंह के कूटनीतिक कौशल का कमाल था कि 2001 के आते-आते ज्यादातर देशों ने सारी पाबंदियां हटा ली थीं.

 विमान हाईजैक के दौरान खुद आगे आए

आतंकियों ने 24 दिसंबर, 1999 को इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट आईसी-814 को हाईजैक कर लिया था. इसमें 176 यात्री और 15 क्रू मेंबर्स सवार थे. कंधार विमान अपहरण कांड के वक्त जसवंत सिंह विदेश मंत्री थे. आतंकियों ने शुरू में भारतीय जेलों में बंद 35 उग्रवादियों की रिहाई और 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर की मांग की. सरकार इस पर राजी नहीं हुई और बाद में तीन आतंकियों को छोड़ने पर सहमति बनी. तीन आंतकियों को कंधार छोड़ने भी जसवंत सिंह गए थे. 

जसवंत सिंह ने अपनी किताब में लिखा है कि इस फैसले का आडवाणी और अरूण शौरी ने विरोध किया था. लेकिन मौके पर कोई गड़बड़ न हो इसलिए उनका साथ जाना जरूरी था. वे लिखते हैं कि उन्हें मालूम था कि इस फैसले के लिए उन्हें कई आलोचनाओं का सामना करना पड़ेगा. शुरूआत में जसवंत सिंह भी आतंकियों से किसी भी तरह का समझौता करने के खिलाफ थे. लेकिन बाद में प्रधानमंत्री कार्यालय के आगे बिलखते अपह्रत यात्रियों के परिजनों को देखकर उनका मन बदल गया.

 राजनीतिक जीवन भ्रष्टाचार से पाक रहा

जसवंत सिंह 1960 में सेना में मेजर के पद से इस्तीफा देकर राजनीतिक के मैदान में उतरे थे. अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में वह अपने कैरियर के शीर्ष पर थे. वो पांच बार राज्यसभा और चार बार लोकसभा सदस्य रहे. इतना ही नहीं जसवंत ने एनडीए सरकार में वित्त, रक्षा और विदेश जैसे अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली, लेकिन उनके दामन पर एक भी भ्रष्टाचार का दाग नहीं लगा. हालांकि, रक्षा मंत्रालय के बारे में कहा जाता है कि यह ऐसा विभाग है, जिसने भी संभाला उसके दामन पर कालिख जरूर लगी है. वहीं, खुद को लिबरल डेमोक्रेट कहने वाले जसवंत सिंह हमेशा विवादों से घिरे रहे लेकिन उनपर कोई भ्रष्टाचार का आरोप कभी नहीं लगा.

बीजेपी का उदारवादी चेहरा माने जाते थे

जसवंत सिंह भले ही बीजेपी की बुनियाद रखने वाले नेताओं में शामिल रहे हों, लेकिन पार्टी के हिंदुत्व की राजनीति से उन्होंने खुद को दूर रखा था. जयवंत सिंह बीजेपी के उदारवादी चेहरे के तौर पर पूरे जीवन रहे हैं. उन्होंने बीजेपी में रहते हुए अपनी राजनीति अपनी शर्तों पर की. बीजेपी में होते हुए भी वो कभी बाबरी प्रकरण या हिंदुत्व के राजनीतिकरण के पक्षधर नहीं रहे. अपने क्षेत्र और पाकिस्तान के सिंध प्रांत के लोगों का उनको जबर्दस्त आत्मीय समर्थन हासिल था. इसी का नतीजा था कि उनके क्षेत्र के मुसलमान उनके पक्षधर रहे. यहां तक कि कांग्रेस के नेता भी जसवंत सिंह के नाम पर पार्टी से अलग हो जाते थे. एक बीजेपी नेता के लिए इस तरह का समर्थन विरले ही देखने को मिलता है.

जसवंत सिंह जिन्ना पर लिखी अपनी किताब को लेकर बीजेपी से निष्कासित किए गये थे. वे अपनी किताब 'जिन्ना: इंडिया-पार्टीशन, इंडिपेंडेंस' में लालकृष्ण आडवाणी तर्ज पर एक तरीके से जिन्ना को धर्मनिरपेक्ष होने का सर्टिफिकेट देते नजर आए थे. अपनी किताब में उन्होंने सरदार पटेल और पंडित नेहरू को देश के विभाजन के लिए जिम्मेदार ठहराया था. लेकिन ये बातें बीजेपी और आरएसएस की सोच से मेल नहीं खाती थीं, जिसके चलते 2009 में उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था. 


जसवंत सिंह: पूर्व केंद्रीय मंत्री का निधन, बीते 6 साल से थे बीमार,पीएम मोदी ने जताया दुख

 जसवंत सिंह: पूर्व केंद्रीय मंत्री का निधन, बीते 6 साल से थे बीमार,पीएम मोदी ने जताया दुख



पूर्व कैबिनेट मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के संस्‍थापक सदस्‍यों में से एक जसवंत सिंह का निधन हो गया है। वह 82 साल के थे और पिछले छह साल से कोमा में थे। दिल्‍ली के आर्मी अस्‍पताल की ओर से जारी बयान के अनुसार, 'पूर्व कैबिनेट मंत्री मेजर जसवंत सिंह (रिटा) का आज सुबह 6.55 बजे निधन हो गया। उन्‍हें जून को भर्ती कराया गया था और सेप्सिस के साथ मल्‍टीऑर्गन डिसफंक्‍शन सिंड्रोम का इलाज चल रहा था। उन्‍हें आज सुबह कार्डियक अटैक  आया। उनका कोविड स्‍टेटस निगेटिव है।'


रक्षा के अलावा वित्‍त और विदेश मंत्रालय भी संभाला

भारतीय सेना में मेजर रहे जसवंत सिंह ने बाद में राजनीति का दामन थाम लिया था। बीजेपी की स्‍थापना करने वाले नेताओं में शामिल जसवंत ने राज्‍यसभा और लोकसभा, दोनों सदनों में बीजेपी का प्रतिनिधित्‍व किया। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्‍व वाली सरकार में उन्‍होंने 1996 से 2004 के बीच रक्षा, विदेश और वित्‍त जैसे मंत्रालयों का जिम्‍मा संभाला। बतौर वित्‍त मंत्री जसवंत सिंह ने स्‍टेट वैल्‍यू ऐडेड टैक्‍स (VAT) की शुरुआत की जिससे राज्‍यों को ज्‍यादा राजस्‍व मिलना शुरू हुआ। उन्‍होंने कस्‍टम ड्यूटी भी घटा दी थी। 2014 में बीजेपी ने सिंह को बाड़मेर से लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं दिया था। नाराज जसवंत ने पार्टी छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ा मगर हार गए थे। उसी साल उन्‍हें सिर में गंभीर चोटें आई, तब से वह कोमा में थे।


 देश के पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह (Jaswant Singh) का आज (रविवार) सुबह निधन हो गया. वह काफी समय से बीमार चल रहे थे. जसवंत सिंह 82 साल के थे. वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे थे. उनके निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi), रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) समेत राजनीति जगत की कई हस्तियों ने दुख जताया है. पीएम मोदी ने ट्वीट किया, 'जसवंत सिंह जी को राजनीति और समाज के मामलों पर उनके अनूठे दृष्टिकोण के लिए याद किया जाएगा. उन्होंने भाजपा को मजबूत बनाने में भी योगदान दिया. मैं हमेशा हमारी बातचीत को याद रखूंगा. उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना.'


पीएम मोदी ने ट्वीट किया, 'श्री मानवेंद्र सिंह से बात की और जसवंत सिंह जी के निधन पर शोक व्यक्त किया. जसवंत जी पिछले 6 साल से पूरी बहादुरी से बीमारी से लड़ रहे थे.' मानवेंद्र सिंह जसवंत सिंह के बेटे हैं.


राजनाथ सिंह ने जसवंत सिंह के निधन पर दुख जताते हुए ट्वीट किया, 'अनुभवी भाजपा नेता और पूर्व मंत्री श्री जसवंत सिंह जी के निधन से गहरा दुख हुआ. उन्होंने रक्षा मंत्रालय के प्रभारी सहित कई क्षमताओं में देश की सेवा की. उन्होंने खुद को एक प्रभावी मंत्री और सांसद के रूप में प्रतिष्ठित किया. श्री जसवंत सिंह जी को उनकी बौद्धिक क्षमताओं और देश की सेवा में के लिए याद किया जाएगा. उन्होंने राजस्थान में भाजपा को मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इस दुख की घड़ी में उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना.

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, 'पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री जसवंत सिंह जी के निधन पर शोक व्यक्त करता हूँ. सैन्य अधिकारी व एक कुशल राजनीतिज्ञ के रूप में उन्होंने देश की उत्कृष्ट सेवा की. दोनों ही भूमिकाओं में उनकी सूझबूझ ने देश को अनेक बार विषम परिस्थितियों से बाहर निकाला. शोक संतप्त परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं.'


शुक्रवार, 18 सितंबर 2020

पाकिस्तान में छह माह से अटके निज़ाम को मानवेन्द्र लाएंगे वापस भारत* तामलियार के युवा नेता सफी सम्मा ने निज़ाम हज़ाम को भारत लाने ली की मांग रखी*

पाकिस्तान में छह माह से अटके निज़ाम को मानवेन्द्र लाएंगे वापस भारत

तामलियार के युवा नेता सफी सम्मा ने  निज़ाम हज़ाम को भारत लाने ली की मांग रखी*


बाडमेर पूर्व सांसद कर्नल मानवेन्द्र सिंह एक बार फिर बाडमेर जिले के युवक जो लॉक डाउन के चलते पिछले छह माह से पाकिस्तान में फंसा है को निकाल भारत लाएंगे।।



बाडमेर जिले के सरहदी तामलियार गांव निवासी निजाम हज़ाम पुत्र अहमद हजाम लॉक डाउन से पहले अपने रिश्तेदारों से मिलने वीजा पर पाकिस्तान गया था ।इसी दौरान कोविड19 के चलते विश्व्यापी हालात खराब हो गए।।भारत मे लॉक डाउन के साथ अंतराष्ट्रीय रेल और वायु मार्ग बंद कर दिए।।बाडमेर का निज़ाम हज़ाम इस लॉक डाउन में पाकिस्तान में ही फंस गया।।लम्बे समय से परिजनों का निजाम से संपर्क नहीं हुआ।।गत दिनों निज़ाम ने परिजनों को अपनी कुशलक्षेम की जानकारी देने के साथ वतन लौटने की इच्छा जाहिर की थी।।जिस पर तामलियार के युवा नेता सफी खान सम्मा ने निजाम के लिए आवाज़ बुलंद करने का जिम्मा उठाया।।सफी तामलियार ने पूर्व सांसद कर्नल मानवेन्द्र सिंह को निजाम की आप बीती बताई साथ ही उसे पुनः भारत लाने के गुहार की।।मानवेन्द्र सिंह ने निजाम हज़ाम की पूरी डिटेल ली।पासपोर्ट नम्बर वगैरह।।मानवेन्द्र सिंह ने निजाम को वापस लाने का बीड़ा उठाया है।।उन्होंने अपने प्रयास आरम्भ कर लिए।।पाकिस्तान इस वक़्त फंसे  लाने के  भारतीय एम्बेसी जो सूचि पाकिस्तान एम्बेसी को भेजती हे वो ही  वापस वतन लौट रहे ,ऐसे में निज़ाम का नाम सूचि में नहीं आने से परिजन परेशान थे ,सफी खान के जरिये मानवेन्द्र सिंह से मदद  की अर्जी लगाई,परिजनों  की  उम्मीदों को अब पंख लगे ,

कर्नल मानवेन्द्र सिंह पहले भी बाडमेर जैसलमेर के कई लोगो को पाकिस्तान से वापस ला चुके है।दो वर्ष पूर्व ही बाडमेर जिले की अगासडी गांव की रेशमा के शव को खोखरापार मुनाबाव सड़क मार्ग से मानवेन्द्र सिंह के प्रयासों से ही सम्भव हुआ था।।पाकिस्तान एम्बेसी में पूर्व वित्त विदेश मंत्री जसवंत सिंह का बड़ा कद है।।उनके समर्थकों के लिए पाक एम्बेसी में अलग से खिड़की खुली रहती है।।रेशमा का शव लाके मानवेन्द्र देश भर में चर्चा का केंद्र बने थे तो सिंधी मुस्लिम उन्हें आज भी रहनुमा मानते है।।

मानवेन्द्र सिंह निजाम हज़ाम को भारत लाने के अपने प्रयास आरम्भ कर दिए है।।

हमारे गांव का युवक निजाम हज़ाम पुत्र अहमद लॉक डाउन के कारण पाकिस्तान में फंस गया है।परिजनों नेबसब जगह प्रयास कर लिए ।कोई मदद नहीं कर पाया। हमने मानवेन्द्र सिंह से बात की।उन्होंने समस्त दस्तावेज मंगवा के निजाम को वापस लाने की कार्यवाही शुरू कर दी है।।हमे उम्मीद है निजाम को मग्गू बन्ना जल्द भारत ले आएंगे। सफ़ी खान सम्मा तामलियार

मुझे सफ़ी भाई ने निजाम की पाकिस्तान में फंसे होने की जानकारी दी थी।निजाम के दस्तावेज मंगवा के कार्यवाही आरम्भ करवाई है।उम्मीद है निजाम जल्द अपने परिजनों से मिलेगा।  मानवेन्द्र सिंह जसोल पूर्व सांसद बाडमेर जैसलमेर


शनिवार, 12 सितंबर 2020

जैसलमेर जिला कलेक्टर की अनूठी और प्रेरक पहल पिता के जन्मदिन पर इंदिरा रसोई में दीन दयालों को दो वक़्त का भोजन कराया

जैसलमेर जिला कलेक्टर की अनूठी और प्रेरक पहल

पिता के जन्मदिन पर इंदिरा रसोई में दीन दयालों को दो वक़्त का भोजन कराया




*जेसलमेर  जैसलमेर जिला कलेक्टर आशीष मोदी ने अनूठी और प्रेरक पहल करते हुए जैसलमेर में नगर परिषद द्वारा तीन स्थानों पर संचालित इंदिरा रसोई योजना में अपने पिता जी के जन्मदिन  वक़्त के भोजन के माकूल व्यवस्था की ,जिला कलेक्टर आशीष मोदी ने सपत्नीक हनुमान सर्किल पर संचालित इंदिरा रसोई योजना पहुंच जरुरतमंदो को अपने हाथों से भोजन करवा कर नेक कार्य की शुरुआत की ,आशीष मोदी के पिताश्री का आज जन्मदिन है।।मोदी द्वारा पिता जी के जन्मदिन पर तीनों स्थानों हनुमान सर्किल ,रेलवे स्टेशन ,और गफ्फूर भट्टा पर जरूरतमंदों के भोजन (लंच) और शाम के भोजन डिनर की व्यवस्था खुद जिला कलेक्टर द्वारा की गई है। आज लंच मीनू में दाल चावल,आलू सब्जी,अचार,रोटी और हलवा का खास परोसा गया ,जिला कलेक्टर ने दो वक के खाने का प्रबंध किया हैं ,चूँकि इंदिरा रसोई योजना जरुरतमंदो को आठ रूपये में भोजन उपलब्ध करवाता हैं ,आज  खाने का खर्च जिला कलेलकर ने वहन किया मोदी ने अच्छी शुरुआत कर अपने पिता के जन्मदिन को यादगार बनाते हुए इंदिरा रसोई में ही सबके खाने की व्यवस्था कर दी ,मोदी ने सपत्नीक  रसोई में जरुरतमंदो को अपने  खाना परोस  कर जजमानी का दायित्व निभाया , पर यु आई  टी सचिव अनुराग भार्गव ,आयुक्त फतेह सिंह मीणा ,आर ओ श्रीमती तनूजा सोलंकी उपस्थित रहे ,

दुसरो को भी आगे आना चाहिए मोदी

मेरे पिताजी का जन्मदिन हैं आज ,इसके लिए नेक कार्य की शुरुआत इंदिरा रसोई से करी ,  उपलक्ष में  खाने वालो को भोजन करवाया गया , योजना में अन्य लोग भी अपने प्रियजनों के जन्मदिन या अन्य अवसर पर इंदिरा रसोई में खाने की व्यवस्था कर सकते हैं ,लोगों को आगे आना चाहिए ,आशीष मोदी जिला कलेक्टर




बाड़मेर, हत्या के दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सज़ा

बाड़मेर, हत्या के दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सज़ा

बाड़मेर गुरुवार को  बाड़मेर मुख्यालय पर अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश संख्या 1
 सुशील कुमार जैन द्वारा हत्या के प्रकरण में मुलजिम रिडमलराम पुत्र भीयाराम और आसुराम पुत्र रिडमल राम जाति विश्नोई निवासी बारूडी को  हत्या का दोषी करार देते हुए दोनों अभियुक्तगण को आजीवन कारावास की सजा सुनाई

अपर लोक अभियोजक संख्या 1 जसवंत बोहरा ने बताया कि  दिनांक 7.06.2016 को प्रार्थी श्री हरिराम पुत्र रामचंद्र विश्नोई ने एक रिपोर्ट पुलिस थाना गुड़ामालानी में इस आशय की पेश की थी कि मेरे पिता रामचंद्र आज सुबह 10:30 बजे लगभग भाखारपुरा जा रहे थे तब बारूड़ी में रिडमल राम की दुकान के पास मुलजीमान रिडमल राम और आसूराम ने रास्ता रोककर उनके ऊपर हमला कर दिया रिडमल राम ने मेरे पिता के सर पर चोट मारी तथा मुलजिम आसुराम ने हाथ पर चोट मारी जिससे उनके गंभीर चोटें आई बाद में मुलजीमान ने रामचंद्र को नीचे पटक दिया और आसूराम ने रामचंद्र का ट्रैक्टर ऊपर चला दिया। मैं व भवरलाल घर से गुडामालानी आ रहे थे हमने उक्त घटना को देखकर रडे की तो मुलजी मान ट्रैक्टर छोड़कर भाग गए हम रामचंद्र को अस्पताल लाए जहां पर उन्हें मृत घोषित कर दिया जिस पर पुलिस द्वारा प्रकरण की जांच कर मुलजिमान रिडमल राम  और आसूराम को  अपराध अंतर्गत धारा 341,302 भा. द. सं.में दोषी मानते हुए आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया जिस पर आरोपियों को आरोप सुनाए गए एवं साक्ष्य  प्रारंभ की गई । विचारण में अभियोजन पक्ष द्वारा न्यायालय में कुल 26गवाहों को परीक्षित करवाया तथा कुल 71 दस्तावेजों को न्यायालय के सामने प्रदर्शित कराया गया.न्यायालय ने साक्ष्य समाप्ति के पश्चात दोनों पक्ष की बहस सुनकर आज इस प्रकरण में दोनों   मुलजिमान पिता पुत्र  रिडमल राम और आसुराम को हत्या के अपराध में दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और बीस बीस हजार रुपए के अर्थदंड की  सजा सुनाई।प्रकरण में राज्य सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक जसवंत बोहरा  अभियुक्तगण की ओर से अधिवक्ता कन्हैया लाल जैन,राजेश विश्नोई एवं परिवादी की ओर से अधिवक्ता दिनेश विश्नोई द्वारा पैरवी की गई





जैसलमेर 01 क्विन्‍टल 10 किलोग्राम अवैध डोडा एवं 400 ग्राम अवैध अफीम का दूध बरामद 03 व्यक्ति गिरफ्तार

 नशे के सौदागरों  के खिलाफ जैसलमेर पुलिस की बड़ी कार्यवाही
 
जैसलमेर   01 क्विन्‍टल  10 किलोग्राम अवैध डोडा एवं 400 ग्राम अवैध अफीम का दूध बरामद
03 व्यक्ति गिरफ्तार
   
 जैसलमेर  जिला पुलिस अधीक्षक जैसलमेर डॉ अजयसिंह के आदेशानुसार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राकेश बैरवा के निर्देशन में जिले में नशीले पदार्था के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के शुक्रवार को को वृताधिकारी वृत नाचना हुकमाराम के सुपरविजन में थानाधिकारी पुलिस थाना मोहनगढ मय टीम द्वारा अवैध डोडा पोस्‍ट एवं अफीम के दूध के खिलाफ कार्यवाही करते हुए हनुमान पुत्र विरधारामए जाति जाटए उम्र 19 सालए निवासी माडपुराए पुलिस थाना नागाणाए जिला बाडमेर हाल चक 01 तुली  जवाहरनगर पुलिस थाना श्री मोहनगढ  जिला जैसलमेर को गिरफतार कर उसके कब्जा से 01 क्विन्‍टल 10  किलो अवैध डोडा पोस्त बरामद किया गया  एवं दूसरी कार्यवाही में मानाराम पुत्र राणाराम जाति विष्नोई निवासी सोढादडा पुलिस थाना बाप जिला जोधपुर को गिरफतार करे उसके कब्जे से उसकी रहवासी ढाणी में से 400 ग्राम अफीम का दूध जब्त किया गयाा

पुलिस थाना मोहनगढ अवैध डोडा पोस्त 01 क्विन्‍टल 10 किलो अवैध डोडा बरामदए 02 गिरफतार

ज्ञात रहे कि दिनांक 09ण्09ण्2020 को मोहनगढ थानाधिकारी माणकराम विश्नोईमयसउनिरामसिह वहैडकानिहुकमारामएवंकानिचन्द्रवीरसिहएसुरेन्द्रसिहए सत्यवीरसिहएकैलाशए दीपसिह जरिये सरकारी जीप चालक देवीसिह कानि के वास्ते थाना मोहनगढके मुकदमा संख्या 37ध्2020 में वांछित मुल्जिम की तलाशी के दौरान सुथारमण्डी के पास तुली नहर के पास एक सफेद स्कॉर्पियो गाडी बिना नम्बरी पुलिस वाहन को देख कर भागने लगी तो पिछा किया गया। इसी दरमीयान चक 01 टुली से र्स्कोपियों से उतर कर भाग रहेहनुमान पुत्र विरधाराम जाति जाटए उम्र 19सालए निवासी माडपुरा पुलिस थाना नागाणाए बाडमेर को पकड करए पुछताछ कर पिछा जारी रखा। स्कार्पियो गाडी व पुलिस वाहन के बीच में दुरी बढ जाने के कारण चक 01 एसबीएस में श्रवणराम के मुरब्बे में स्कोर्पियो गाडी में रखे अवैध डोडा पोस्ट के कटटे एक ट्रेक्टर ट्रोली मेंशिप्टकर दिये जो पहले स्कॉर्पियो में लोड किये हुए थे। अभियुक्त श्रवणराम प्रजापत व नारणाराम जाट स्कार्पियो ले कर भाग गये तथा ट्रेक्टर ट्रोली चालक सताराम भी पुलिस गाडी को देखकर वहां से ट्रेक्टर को टोली सहित भगाने लगा। जिस पर ट्रेक्टर.ट्रोली के आगे पुलिस जीप को देकर रूकवाया गया। ट्रेक्टर.ट्रोली में रखे हुए डोडा पोस्त को ट्रेक्टर चालक अभियुक्त सताराम पुत्र राजुराम जाति जाटए उम्र 38 सालए निवासी डाबलीपुरा चवा पुलिस थाना सदर बाडमेर के कब्जा से 5 पांच कटटो मे कुल 01 क्विंटल10 किलोग्राम अवैध डोडा पोस्त मय ट्रेक्टर.ट्रोली जब्त कर दोनो अभियुक्तो को गिरफतार किया गया। स्कोर्पियो लेकर भागे अभियुक्त श्रवणराम पुत्र ठाकराराम जाति प्रजापतए उम्र 27 सालए व नारणाराम पुत्र मेहारामए जाति जाटए उम्र 28 साल सर्वे निवासीयान डाबलीसराए चवाए पुलिस थाना  बायतुए जिला बाडमेर की तलाश जारी है। मुकदमा दर्ज किया जाकर तफतीश थानाधिकारी पुलिस थाना कोतवाली जैसलमेर बलवंताराम द्वारा की जा रही है।

400 ग्राम अवैध अफीम का दूध बरामदए 01 गिरफतार

             इसी प्रकार थानाधिकारी पुलिस थाना मोहनगढ माणकराम  विश्‍नाई मय हैड कानिय हुकमाराम व कानि सत्यवीरसिहए चन्द्रवीरसिहए सुरेन्द्रसिहए कैलाश के जरिये सरकारी जीप चालक देवीसिह कानि ने जरिये मुखबीर  की ईतला पर चक 3 बीण्डीण् 6 आरडी में एक खेत में दबिश देकर अभियुक्त मानाराम पुत्र राणाराम जाति विश्‍नोई निवासी सोढादडा पुलिस थाना बाप जिला जोधपुर के कब्जे से उसकी रहवासी ढाणी में से 400 ग्राम अफीम का दूध जब्त किया। मुकदमा दर्ज किया जाकर तफतीश थानाधिकारी नाचना रमेश ढाका को दी गईा  मानाराम गत वर्ष भी एनडीपीएस एक्ट में गिरफतार हो कर जैल गया था।






बाड़मेर चार साल से फरार वाछित मुलजिम गिरफ्तार करने मे सफलता

  बाड़मेर  चार साल से फरार वाछित मुलजिम गिरफ्तार करने मे सफलता 
         

  बाड़मेर आनन्द शर्मा, पुलिस अधीक्षक बाड़मेर द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि वांछित व ईनामी अपराधियों की गिरप्तारी हेतु चलाये जा रहे विषेष अभियान के दौरान अति पुलिस अधीक्षक बालोतरा व वृताधिकारी वृत गुडामालानी के सुपरविजन में श्री महेन्द्र कुमार सीरवी उनि थानाधिकारी  पुलिस थाना आरजीटी रावली नाडी के नेतृत्व में गठित टीम द्वारा  आले दर्जे का पोस्त डोडा तस्कर, मारपीट व अन्य थाना के निम्न तीन प्रकरणों में वांछित मुलजिम मानाराम पुत्र गोमाराम जाति जाट निवासी भीलो का गोल मालपुरा पुलिस थाना आरजीटी रावलीनाडी नगर को आज दिनांक 10.09.2020 को गिरप्तार करने में सफलता हासिल की।
आपराधिक पृष्ठभूमि- मुलजिम के विरूध अवैध पोस्त डोडा, मारपीट के थाना आरजीटी रावली नाडी,सदर बाडमेर , सायला जालोर जिलों में निम्नानुसार कुल 03 प्रकरण में वाछित चल रहे है
प्रकरण संख्या 23/2019 धारा 143,342,323,365,364क,328,384 भादस पुलिस थाना आरजीटी रावलीनाडी नगर ।
प्रकरण संख्या 109/2016 धारा 8/15 एनडीपीएस एक्ट ,3 पीडीपीपी एक्ट व 353,332,279,337 भादस पुलिस थाना सायला जिला जालोर।

बाड़मेर डॉ समित शर्मा नामक तूफान बाडमेर में,कई अधिकारियों के होश फाख्ता* *अजिताभ शर्मा के बाद दिखा दमदार निरीक्षण*

बाड़मेर  डॉ समित शर्मा नामक तूफान बाडमेर में,कई अधिकारियों के होश फाख्ता*

*अजिताभ शर्मा के बाद दिखा दमदार निरीक्षण*

*चन्दन सिंह भाटी*


बाड़मेर संभागीय आयुक्त डॉ समित शर्मा आज बाडमेर के दौरे पे है।हमेशा से संभागीय आयुक्त के जिले के दौरे से आमजनता का कोई सरोकार नही रहा।।संभागीय आयुक्त रिजर्व माने जाते रहे है।मगर आज संभागीय आयुक्त डॉ समित शर्मा के दौरे ने वर्षों पहले बाडमेर कलेक्टर रहे अजिताभ शर्मा की कार्यशैली याद दिला दी।।दौरे की शुरुआत सबसे अच्छे आंगनवाड़ी केंद्र नन्दघर कवास से करवा दी जो कि बाहर से आने वाले हर अधिकारी को करवाते है।।दर्दभरे आंगनवाड़ी केंद्र नही दिखाते।चलो अगले पड़ाव में अस्पताल के निरीक्षण में प्रशासन को लग गया कि यह अधिकारी अच्छा देखने नही आया।।जिस तरीके से शर्मा ने अस्पताल में खड़े मरीजों के हाथों से पर्चियां लेकर देख रहे थे और मरीजों से बात करते करते उनके तेवर साफ नजर आने लगे।पी एम ओ को हड़का दिया।।अस्पताल गुटबाज़ी और चंद दलालों के कारण वैसे बदनाम है।।अस्पताल में अनियमितताएं ,अव्यवस्थाएं,देख शर्मा को जिला प्रशासन की पोल पट्टी समझ आ गई।।जिस आईएएस ने देश को निशुल्क दवा योजना दी उससे भला क्या छिपा रहता।।धीरे धीरे समित शर्मा नामक तूफान अधिकारियों में खलबली मचाता रहा।हर अधिकारी  चपेट में आया।।बाडमेर के प्रशासन की झोली चार्ज शीटों से भर दी मुख्य चिकित्सा अधिकारी,शिक्षा अधिकारी,आबकारी अधिकारी, निरीक्षक,आयुक्त ,खनिज अधिकारी,आयुर्वेद अधिकारी,की खोली चार्जशीट से भर दी।कनिष्ठ अभियंता सहित नगर परिषद का कार्मिक निलंबित।।यानी फैसला ऑन स्पॉट। यही तौर तरीके होने चाहिए आईएएस केडर के अधिकारी का।।जो अधिकारियों को कह सके कि आर ऐ सी दे दी फिर भी काम नही करते शर्म आनी चाहिए। समित शर्मा नामक बिजली किस किस पे गिरेगी यह तो पता नही पर जिला प्रशासन को लेकर एक बात जरूर है कि जब जिले का आला अधिकारी पोस्ट के लायक नही हो वहां ऐसे ही बदहाल होते है। अभी समित शर्मा का दौरा जारी है।।समित शर्मा के एक दौरे ने जिला प्रशासन की वास्तविक स्थति को जनता,जन प्रायिनिधियो औऱ सरकार के सामने उघेड़ कर रख दी।।शर्मा के एक दौरे ने आमजनता की उम्मीदें बढ़ा दी।।*