सोमवार, 5 नवंबर 2012

इंजेक्शन लगाकर आत्महत्या


इंजेक्शन लगाकर आत्महत्या  
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जयपुरजयपुर के महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहे जोधपुर के मेडिकल छात्र शशांक संचेती (२२) ने रविवार दोपहर इंजेक्शन लगाकर आत्महत्या कर ली। शशांक फाइनल ईयर में पढ़ता था। उसकी सोमवार को परीक्षा थी। प्रथमदृष्टया जांच में सामने आया है कि शशांक डिप्रेशन में था। पुलिस को मौके पर इंजेक्शन की तीन खाली शीशी, तीन भरी हुई सीरिंज, गोलियों के खाली पत्ते और मेडिकल स्टोर की पर्ची मिली हैं। शशांक के गले में प्लास्टिक की रस्सी भी लिपटी हुई मिली। पोस्टमार्टम में दम घुटने से मौत होना नहीं आया है ऐसे में पुलिस का मानना है कि छात्र ने इंजेक्शन लगाने से पहले खुद ही गला घोंटने का प्रयास किया था। मौके पर सुसाइड नोट नहीं मिला है। पोस्टमार्टम के समय की गई जांच में दाहिनी जांघ और बाएं हाथ की बाजू पर इंजेक्शन लगाने के निशान मिले हैं। छात्र के कैंसर विशेषज्ञ पिता डॉ. सुरेश संचेती का जोधपुर में पाल लिंक रोड पर संचेती अस्पताल है।

मामले की जांच कर रहे एएसआई शिव सिंह ने बताया कि शशांक जयपुरिया अस्पताल के पास फ्लैट की तीसरी मंजिल पर अपने क्लासमेट दिल्ली निवासी समर्थ के साथ रहता था। रविवार सुबह समर्थ मेडिकल कॉलेज की लाइब्रेरी में पढऩे चला गया और शशांक तबीयत खराब होने की कहकर फ्लैट पर ही रुक गया। दोपहर में शशांक की मां डॉ. अमिता संचेती ने उसके मोबाइल पर फोन किया था लेकिन शशांक ने फोन नहीं उठाया। इसके बाद उन्होंने रूममेट समर्थ और उनके यहां खाना बनाने वाले अरविंद को फोन किया। समर्थ दोपहर 1.30 बजे कमरे पर आया। कमरा अंदर से बंद मिला। दरवाजा खटखटाने और काफी आवाज लगाने के बाद भी शशांक ने दरवाजा नहीं खोला। इसके बाद फ्लैट के गार्ड और उसी फ्लैट में रहने वाले अन्य लोगों ने धक्का देकर दरवाजा खोला। कमरे में शशांक मृत मिला। उसके गले में प्लास्टिक की रस्सी लिपटी हुई मिली। उसके पास दवाइयों के खाली रेपर, इंजेक्शन की खाली शीशी और सीरिंज पड़ी थी। इसके बाद समर्थ ने मुक्तानंद नगर निवासी शशांक के मामा दलपत लोढा को फोन किया। वे मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए जयपुरिया अस्पताल पहुंचाया। पोस्टमार्टम के बाद शव मामा को सौंप दिया गया।





आईमाता उणरी जोत सूं पीलै रंग रौ काजल पड़ै, जिणनै केसर केवै


आईमाता उणरी जोत सूं पीलै रंग रौ काजल पड़ै, जिणनै केसर केवै 
 
आईमाता रै रूप में पुजीजण वाली जीजी रौ जनम बीका नाम रै राजपूत रै घरै हुयौ हौ जिकौ डाबी वंस रौ हौ। जीजी रौ जनम वि.सं. 1472 रै आसै-पासै हुयौ। बीका डाबी कीं बगत बाद गुजरात रै अंबापुर नगर मांय आय'र रैवण लागियौ। जीजीबाई रौ सरू सूं ई देवी रौ पूरौ इष्टो हौ, सो अंबापुर मांय अंबायजी री सेवा करण लागी। जीजीबाई अणूंती रूपवती ही, सो ऊणरै रूप री चरचा सुण'र मांडल (मांडू) रौ बादसा महमूद खिलजी उणसूं ब्याव करणौ चावतौ हौ। वौ बीका डाबी नै बुलाय'र आ बात उणरै सामी राखी अर साथै औ ई कैयौ के जे थूं थारी लड़की री शादी म्हारै साथै नीं करैला, तौ म्हैं जबरदस्ती उठाय'र उणरै साथै ब्याव कर लूंला।

जद चिंता में पडियौड़ौ बीका डाबी घरै आयौ अर बेटी रै पूछियां सारी बात बताई तौ बेटी जीजीबाई बोली के आप चिन्ता मत करौ, उणनै तौ म्हैं आछी तरियां समझावूंला। पछै आपरै पिता नै कैयौ के आप जाय'र उण दुस्ट नै कैय आवौ के म्हैं म्हारी बेटी रौ ब्याव थारै साथै हिंदू मजहब रै मुताबिक करूंला, सो थांनै बरात लेय'र म्हारै गाम तांई आवणौ पडै़ला। जे आपनै गरीब समझ'र वौ कीं ई सामान साथ लिजावण सारू कैवै तौ आप मना कर दीजौ, कीं ई सामान मत लाईजौ। बीका डाबी जाय'र बादसा नै ब्याव री बात बताय दी। ब्याव रौ कोडायौ बादसा बात स्वीकार कर लीवी अर बरात लेय'र अंबापुर आय पूगियौ। जीजीबाई रै कैयां बीका डाबी बादसा री बरात नै तलाव माथै ठैराय'र कंवाररै भात रौ न्यूतौ देय आयौ। जीजीबाई अेक छोटी सी झूंपडी मांय बैठ'र बरात सारू जीमण रौ प्रबंध करि दियौ। बादसा रा आदमी आवता रैया अर जीमण रौ सामान लिजावता रैया। बादसा इचरज में पड़ग्यौ के अक गरीब राजबूत कनै इत्तौ सामान कठै सूं आयौ। कोई देवी करामात तौ उणरै कनै नीं? बादसा जांच करण नै सेवट उण झूंपड़ी कनै पूगियौ, जिण मांय जीजीबाई बैठी ही। तद जीजीबाई उणनै समझावण सारू झूंपडी सूं बारै निकली। बादसा नै अैड़ौ लखायौ मानौ कोई सिंघ सामी ऊभौ है। बादसा घबराग्यौ अर हेठै पड़ग्यौ। पछै प्रार्थना करण लागियौ के अम्मा, म्हैं भूल करी। म्हैं अबै थारै साचै रूप नै पिछाणग्यौ, अबै थूं म्हारां अपराधां नै छिमा कर। बादसा री प्रार्थना माथै जीजीबाई उणनै छोड दियौ अर हिंदुवां माथै लागण वाला केई 'कर' उणसूं छुडवाया। देवी जद तांी अंबापुर रैयी, बादसा तद तांी उणरै दरसणां सारू आया करतौ अर जोत सारू सामान भिजवाया करतौ।

कीं ई बगत में जीजी बाई री सिद्धाई री चरचा च्यारूंमेर फैलगी, सो जनता उणां रै दरसणां सारू आवण लागी। आपरी तपस्या में विघन पड़ता देख त माता-पिता रै साथै मेवाड़ राज्य में नारडाई में आयगी। कीं अरसै तांई अठै ठैर'र अखंड जोत थापन करी, पछै डायलाणै नाम रै गाम मांय आई। क्यूंकै गुजरात सूं मेवाड़ में देवी आई, सो जीजी रै स्थान माथै देवीजी नै लोग 'आईजी' रै नाम सूं बतलावण लागग्या। इण भांत जीजीबाई रौ नाम पैला देवीजी पड़ियौ अर पछै 'आईजी'।

डायलाणै मांय आईजी रै थरप्योड़ौ बड़ 'जीजीबड़' रै नाम सूं चावौ रैयौ। डायलाणै सूं रवाना हुय'र देवी पैला सोजत आई। उठै देवली रा दरसण करण नै राण कुंभा रा बेटा रायमल आया, जिका देस-निकालौ भुगत रैया हा। बाद में देवी रै कैयै मुजब रायमलजी मेवाड़ री राजगादी माथै बैठिया।

सोजत मांय कीं बगत बितायां रै बाद देवी वि.स.ं 1521 में बिलाड़ा आई। उण बगत बिलाड़ा रा अधिपति राव जोधाजी रा बेटा भारमलजी हा। देवी अबै घणी बूढ़ी हुय चुकी ही, सो तपस्या में विघन पड़तौ देख'र बिला सीरवी री ढाणी मांय रैवण लागी। वां दिनां भारमलजी रा कामदार जाणौजी रौ बेटौ किणी बात सूं रूठ'र रामपुरै गयौ परौ हौ, जठै वौ दीवाण बणग्यौ है। जद जाणौजी देवी कनै बेटै रौ ुख लेय'र गया तौ देवी कैयौ के थारौ बेटौ आणंद में है अर रामपुरै मांय दीवाण बणियौड़ौ है। तद जाणौजी देवी सूं प्रार्थना करी के हे मात, थूं माधवदास नै म्हारै सूं मिलवाय दै अर पछै थूं आपरै कनै राख। कीं बगत बाद देवी रै प्रताप सूं माधवदास रामपुर सूं आयग्यौ। बेटै नै देख'र जाणौजी रौ आणंद रौ पार नीं रैयौ अर वै उणनै माताजी रै चरणां में समरपित कर दियौ। माताजी माधवदास माथै आपरौ हाथ मेलियौ अर कैयौ के खूब भूलौ-फलौ। कीं बगत बाद माधवदास पाछौ रामपुरै गयौ अर रावजी सूं इजाजत लेय'र माताजी रै कनै आयग्यौ। उणरै पछै माताजी री इज सेवा मांय रैयौ। माताजी माधवदास रै डोरौ बांधियौ। माताजी माधवदास नै आपरौ प्रधान शिष्य बणायौ अर सगलै शिष्यां नै आग्या दीवी के औ माधव म्हारौ प्रधान है, इणरी आग्या थां सगलां नै मानणी पड़ैला। आं री शिष्य मंडली मांय सीरवी जात रा लोग बेसी हा।

माधवदास जीवण भर माताजी री सेवा मंय रैया अर बूढा हुय'र वि.सं. 1555 में सुरग सिधारिया। अबै माताजी उणां रै बेटै गोविंददास नै माधवदास री जगै प्रधान बणाया। गोविंददास नै औ पद वि.सं. 1557 रै माघ महीनै री चानणी दूज नै दियौ हौ, सो औ दिन डोराबंध लोग बडै उच्छब रै साथै मनावै। माताजी गोविन्ददास नै सगलै ई साधु-सेवकां री मंडली मांय उपदेश दियौ। वि.सं. 1550 सूं 1561 तांई भांत-भांत रा उपदेश दिया अर पछै आपरै सगलै ई अनुयायियां नै अेकठ कर'र कैयौ के आज म्हैं म्हारी जोत गोविन्दास मांय प्रगटूं। अैड़ौ कैय'र माताजी आपरै पाट स्थान कानी अेकांत मांय गोविन्ददास नै वचन सिद्धि री शक्ति दीवी अर सगली ई गुप्त योगाभ्यास री बातां ई समझाय दी। पछै आपरै पाट स्थान रा दरवाजा बंद करवा दिया। गोविन्ददास समेत माताजी पाट स्थान माथै सात दिन तांई बंद रैया। सातवैं दिन रोज जद दरवाजौ खोलियौ गयौ तो सगलां नै अेकाअेक जोरदार प्रकाश दीसियौ। सगलां री ई आंखियां चकाचूंध सूं बंद हुयगी। उणरै बाद गोविन्ददासजी रै पगां मांय सगला ई गिर पड़िया। गोविन्ददास सगलां नै अेकठ कर'र माताजी री आग्यावां समझाय दी।

आई माता रौ से सूं चावौ स्थान बिलाड़ा मांय इज है। अठै अेक भव्य मिंदर बणियौडौ़ है। आज ई बिलाड़ै मांय इणां री गादी अर दीवै री अखंड जोत रा दरसम करण नै हजारूं लोग आवै। अठै रा पुजारी दीवाण बाजै। इणां रा अनुयायी 'आईपंथ' रा 'डोराबंद' बाजै। दरअसल आई माता रै नाम रौ डोरौ बांधियौ जावै, जिणनै वै लोग 'बेल' कैवै। आईपंथी दारू-मांस रौ सेवन नीं करै। आईमाता रै स्थान नै अै लोग बढेर कैवै। हरेक बढेर मांय अेक कोटवाल हुवै जिकौ बढैर रौ काम करै। डोरेबंद नै 'बांढेरू' कैवै। इणां में जिकौ ई साधु हुय जावै। वौ आईजी री पूजा करै। लोग उणां नै 'बाबा' कैय'र बतलावै। आईमाता नै मानणिया घणकरा तौ सीरवी लोग इज है। आईपंथ रै सिद्धान्तां मुजब अै लौग गाड्या ई जावै।

हरेक महिनै रै चानणै पख री बीज नै आईमाता री पूजा हुवै। उण दिन डोराबंद आपरै घरां सूं तरै-तरै रौ भोजन बढेर मांय लावै। आईमाता नै चढायां रे बाद सब प्रसाद बांट दियौ जावै। रात रा आईमाता रै जस रा गीत गाईजै। इणरै अलावा तीन 'बीजां' माथै खास उच्छब हुवै। पैलौ भादवै सुदी बीज नै, दूजौ माघ सुदी बीज नै अर तीजौ बैसाख सुदी बीज नै। भादवै सुदी बीज नै नवी जोत पधराईजै।

बिलाड़ा रै आईमाता रौ बढेर आखै भारत रै सीरवी समाज अर आईपंथी लोगां रौ धारमिक धाम है। मारवाड़़ रै बिलाड़ा कस्बै मांय आईजी रौ मिंदर है। 'खारड़िया सीरवी' (मारवाड़ रौ इतिहास- श्री जगदीशसिंह गहलोत मुजब सीरवी अेक कृषक जात है, जिकी राजपूतां सूं निकली कैयी जावै। औ ई कैयौ जावै कै 13 वीं सदी में अै जालौर माथै राज करता हा। अलाउद्दीन खिलजी रै अत्याचारां सूं सताईज्या अै लोग बिलाड़ा मांय आय'र बसिया अर सीर में खेतीबाड़ी करण सारू लागिया, जिणसूं अै सीरवी कैयीज्या। बाद में आईजी नाम री अेक राजपूत महिला इणां नै आपरै पंथ मांय मिलाया।) आईजी नै आपरी कुलदेवी मानै। आईजी रै मिंदर मांय धी रौ अखंड दीयौ जलतौ रैवै। उणरी जोत सूं पीलै रंग रौ काजल पड़ै, जिणनै केसर केवै। काजल री पीली झंई नै आईजी माता री करामात रौ फल समझियौ जावै। आईजी रा अनुयायी उणां रै नाम रा डोरा बांधै। भादवै री चांनणी बीज आईजी रे लोकान्तरित री तिथ हुवण सूं उण दिन सीरवी परिवार त्यूंहार रै पूर में मनावै। सीरवी आईजी रै मिंदर नै 'दरगाह' ई कैवै अर उठै जाय'र दीयै री जोत अर बिछायोड़ी गादी रा दरसण कर आपरौ धिनभाग मानै।

रविवार, 4 नवंबर 2012

शराब तस्कर व जुआरी की धरपकड़ :



शराब तस्कर व जुआरी की धरपकड़ :

जैसलमेर  ममता राहुल पुलिस अधीक्षक जिला जैसलमेर के निर्देशन व श्री सायरसिंह वृताधिकारी वृत जैसलमेर के सुपरविजन व वीरेन्द्रसिंह नि.पु. थानाधिकारी पुलिस थाना जैसलमेर के नेतृत्व में शहर जैसलमेर में शराब तस्करों व जुआरियों के विरूद्ध रविवार  को अभियान चलाया जाकर निम्न कार्यवाही की गई : रविवार  दुर्गाराम उ.नि. मय कानि0 विक्रमसिंह नं0 580, बस्ताराम कानि0 द्वारा कस्बा जैसलमेर सत्यदेव पार्क सार्वजनिक स्थान पर पर्चीयों पर अंक लगाकर जुआ खेल रहे कैलाश पुरी पुत्र गोविन्द पुरी स्वामी नि0 ब्बि पाड़ा जैसलमेर को पकड़ कर उसके कब्जा से जुआ राशि 160 रूपये व जुआ आिशयाय बरामद किया गया। भगवानसिंह स.उ.नि. मय कानि0 गंगासिंह नं0 706, बालेन्द्रसिंह 364, गंगासिंह 105, जोरावरसिंह नं0 602 व जसवंतसिंह चालक द्वारा मुखबीर ईतला से बबर मगरा में अवैध शराब बेच रहे ज्ञानसिंह पुत्र सांगसिंह बैलदार नि0 बबर मगरा जैसलमेर के कब्जा से 14 बोतल बीयर व 12 पव्वे बरामद किये जाकर मुल्जिम को गिर0 किया गया।

कन्हैयालाल वक्र अध्यक्ष नियुक्त

जोशी वरिष्ठ नागरिक एवम पेंशनर प्रकोष्ठ

जिला कांग्रेस बाड़मेर के अध्यक्ष नियुक्त


बाड़मेर, 04 नवंबर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस द्वारा सभी जिलों में वरिष्ठ नागरिक एवम पेंशनर प्रकोष्ठ खोलने का निर्णय लेते हुए कन्हैयालाल वक्र को बाड़मेर प्रकोष्ठ का जिलाध्यक्ष घोषित किया गया है। उन्हें जिला एवम ब्लॉक वाइज प्रकोष्ठों के गठन की जिम्मेदारी सौंपी है।


वक्र ने बताया कि बाड़मेर समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिये शीघ्र ही कांग्रेस की विचारधारा और रीतिनीति समर्थित वरिष्ठ नागरिकों और पेंशनरों से सम्पर्क कर प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक ब्लॉक में ब्लॉक स्तर के प्रकोष्ठ गठित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी वरिष्ठ नागरिकों से सम्पर्क कर उनकी समस्याओं के निराकरण हेतु ग्रामीण अंचल तक के लोगों को जागरूक करने के सुनिश्चित प्रयास किये जायेंगे।

उन्होंने कांग्रेस के सभी उच्च पदाधिकारियों द्वारा उन पर किये गये विश्वास के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस निर्णय से निश्चित ही दूरस्थ गांवों में रहने वाले लोगों की आवाज को बल मिलेगा। इससे कांग्रेस के जनाधार को ब़ाने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि जिला, राज्य और केन्द्रीय स्तर के सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों के सहयोग से इस कार्यक्रम को सफल बनायेंगे।

पागलों का गांव- वादुरा



चेन्नई।। कड़क धूप और पैरों और हाथों में पड़ी लोहे की बेड़ियों के दर्द को नज़रअंदाज़ करते हुए राजू यानि राजेन्द्र धेरे ज़मीन पर झुक कर मिट्टी पर उंगली से अपना नाम उकेरने लगता है। राजू की उम्र और उसका काम पूछिए तो वो झट से जवाब देता है एक और कक्षा एक और बेफ़िक्री से यहां-वहां घूमने लगता है। लेकिन क्या यह उसकी असली उम्र है ?
mental illness 
40 साल के राजू का यह दुःख वादुरा गांव के लगभग हर घर में पसरा हुआ है। वादुरा अमरावती ज़िले के बीचों-बीच नांदगांव-खंडेश्वर ब्लॉक में बसा है और इस गांव की आबादी करीब 1800 है। विदर्भ के दूसरे इलाके हमेशा ही ग़रीब किसानों की आत्महत्या को लेकर सुर्खियों में रहे हैं। लेकिन यह गांव वादुरा या कहें कि पागलों का वादुरा, जैसा कि इसे दूसरे इलाकों में कहा जाता है, के पास परेशान होने के लिए एक दूसरी बड़ी वजह है। इस गांव को पागलपन या कहें कि दिमागी बीमारी का श्राप है जिससे बरसों से इस गांव के लोग जूझ रहे हैं और अब सरकार के हस्तक्षेप की उम्मीद लगाए बैठे हैं।

इन गांव वालों को 2010 के ड्राफ्ट मेन्टल हेल्थ केयर बिल के बारे में कुछ भी नहीं पता, जिसके मुताबिक दिमागी बीमारी से जूझ रहे किसी भी व्यक्ति को बेड़ियों में जकड़ना कानूनन जुर्म है। राजू के परिवार का कहना है कि उसे बांध कर रखना ही उसे कंट्रोल में रखने का एकमात्र तरीका है। वो बताते हैं कि राजू अक्सर हिंसक हो जाता है। हमने उसे नागपुर स्थित स्थानीय मेन्टल हॉस्पिटल में तीन बार भर्ती करवाया लेकिन कोई फ़र्क नहीं पड़ा। राजू अपने छोटे भाई और उसकी पत्नी के साथ रहता है। राजू के पिता ने 3 साल पहले गरीबी से तंग आकर आत्महत्या कर ली थी। गांव के लोगों ने बताया कि राजू को एक बहुत बुद्धिमान लड़का माना जाता था, जिसने बहुत कम उम्र में ही तैराकी सीख ली थी। लेकिन, उस प्रतिभा का कोई भी अंश आज राजू में दिखाई नहीं देता।इसी तरह इस गांव के 52 वर्षीय लक्ष्मण सतंगे उर्फ़ टाइगर में भी उनके जवानी के दिनों की कोई बात नज़र नहीं आती। वह अपने घर में ही घूमते रहते हैं या एक कोने में चुपचाप बैठ कर किसी भी चीज़ को घंटों तक एकटक देखते रहते हैं। कुछ ऐसा ही हाल उनके छोटे बेटे प्रभाकर का है। दो महीने पहले वह गांव भर में भटकता रहता था। लेकिन अब वह सिर्फ़ खुद से बात करता है, और ज़्यादातर वक़्त सोते हुए बिताता है।
पागलों का गांव नाम से जाना जाने वाले वादुरा में दिमागी बीमारी का अनुपात चिन्ताजनक रूप से बेहद ऊँचा है। लेकिन शायद सरकार को इस गाँव की तरफ़ देखने की फिलहाल फ़ुर्सत नहीं है।

पत्नी ने संबंध बनाने से मना किया तो पति ने कर दिया टुकड़े-टुकड़े

जम्मू. पत्नी ने संबंध बनाने से मना किया तो शराबी पति ने उसे मार डाला। शव के टुकड़े -टुकड़े कर जलाने का प्रयास किया। लेकिन साले ने लोगों की मदद से जीजा को पकड़वा दिया।
 
वारदात शनिवार रात दो बजे उधमपुर जिले के वैगड़ में हुई। पुलिस आरोपी पति मनचंद को गिरफ्तार कर लिया। दोनों का विवाह चार साल पहले ही हुआ था। पुलिस को आरोपी ने बताया कि पत्नी कांता ने उससे संबंध बनाने से मना कर दिया था।

उसका साला देशराज घर पर मिलने आया था। वह पत्नी को जबरन दूसरे कमरे में ले गया। वहां धारदार हथियार से उसके टुकड़े -टुकड़े कर दिए। शव को मिट्टी का तेल डालकर जलाने का प्रयास करने लगा। लेकिन उसके साले ने मोहल्ले के लोगों की मदद से उसे ऐसा करने से रोक दिया।

ये इंसान है या चलता फिरता ब्लड बैंक?



बाड़मेर : आम राय होती हैं कि इंसान खून का नाम सुनकर सन्न रह जाता हैं या यूँ कहे कि खून देखकर ही विचलित हो जाता हैं तो यह सही होगा। लेकिन पश्चिमी राजस्थान में एक और जहां राज्य सरकार ने अपने स्तर पर रक्तदान को महान बता कर इसके बारे में फैलाई गई भ्रांतियां तोड़ने की कई कोशिशे की हैं लेकिन इन सारी योजनाओं और कोशिशों से ज्यादा एक युवक का शगल ज्यादा भारी पड़ा है। इस युवक ने ना केवल अपने खून से कई जाने बचाई हैं बल्कि सबसे ज्यादा बार रक्तदान करने का रिकॉर्ड भी राज्य में बना दिया हैं। इस युवक का मानना हैं कि खून के रिश्ते को दुनिया का सबसे अटूट बंधन माना जाता है और अपनी रगों में बहते खून के चंद कतरे ''दान'' करके आप ऐसे अनजाने लोगो की जान निस्वार्थ भाव से बचा सकते हैं जो आपसे कभी मिले नहीं या फिर आपका कोई उनसे वास्ता नहीं रहा हो। इस युवक की मानसिकता से प्रभावित होकर बाड़मेर शहर में बहुत से लोग रक्तदान के महत्व को समझते हैं और अब तक सैकड़ों युवक इस युवक से प्रेरणा लेकर कई बार रक्तदान कर चुके हैं।








रतन भवानीरतन की सोच हैं कि रक्तदान को महादान माना जाता है। इससे रक्तदाता को आत्मसंतोष और किसी की जान बचाने का सुकुन हासिल होता है। स्वस्थ व्यक्ति हर तीन माह में एक बार रक्तदान कर सकता है और अगर देश का हर स्वस्थ नागरिक नियमित रूप से रक्तदान करे तो रक्त की कमी से किसी की मौत नहीं होगी। अब तक सत्तर से ज्यादा बार रक्तदान कर चुके 40 वर्षीय रतन भवानी ने बताया कि मैं कई सालों से रक्तदान कर रहा हूँ, साल में चार बार रक्तदान जरूर करता हूं। रक्तदान मेरे लिए दूसरों का जीवन बचाने और उनकी मदद करने का जरिया है। ब्लड डोनर के तौर पर मेरा खून बहुत से लोगों के काम आता है। बाड़मेर निवासी इस चलते फिरते ब्लड बैंक को लोग रतन भवानी से ज्यादा रक्त भवानी के नाम से जानते हैं और बड़ी इज्जत के साथ इनसे लोग मिलते भी हैं। 75 बार अपना खून गैरों की रगों में बहा कर उन्हें नवजीवन देने वाले इस साहसिक युवक की माने तो जब हर क्षण नया खून बनता हैं और पुराने खून का अस्तित्व खत्म हो जाता हैं तो हमे रक्तदान में किस बात की हिचक।

सैकड़ों रक्तदाताओं की टीम बना चुके हैं रतन : पहली बार रतन भवानी ने उस वक्त रक्तदान किया जब वे खेल के मैदान में खेल रहे थे और उन्हें सूचना मिली कि उनके पड़ोस में रहने वाली आठ साल की बच्ची छत से पतंग उड़ाते समय गिर गई हैं और उसे खून चाहिए, घरवालों के मना करने और काफी डर होने के बाद भी रतन सीधे अस्पताल पहुंचे ब्लड ग्रुप को चेक करवाया और किस्मत से ब्लडग्रुप वही निकला जो उस बच्ची को चाहिए था, बस फिर क्या था इस रक्तदान अभियान की शुरुआत हो गई और उसके बाद यह सिलसिला चल पड़ा। अब तक रतन भवानी कई लोगो को जीवनदान दे चुके हैं और साथ ही साथ रक्तदाताओं की ऐसी टीम बना चुके हैं, जिसके सदस्य पन्द्रह या बीस नहीं बल्कि डेढ़ सौ से ज्यादा हैं, जो हर आपातकाल में रक्तदान के लिए तत्पर रहते हैं। बाड़मेर अस्पताल में अब जब भी रक्तदान की बात आती हैं चिकित्सक से आम आदमी हर किसी के मुंह से सीधे यही वाक्य निकलता हैं कि रतन भवानी को पूछो। ऐसे में रतन भवानी और उनकी टीम बाड़मेर के लोगों की लाइफलाइन बन कर साबित हो रहे हैं। रतन भवानी के साथ इस रक्तदान के मिशन को उनके साथी संजय जोशी भी आगे बढ़ा रहे हैं। संजय जोशी पेशे से शारीरिक शिक्षक हैं और वो भी रतन भवानी के सम्पर्क में आने के बाद करीब चालीस बार रक्तदान कर चुके हैं। संजय जोशी के अनुसार पहली बार जब रक्तदान किया तो काफी भयभीत था लेकिन जब इस बात की संतुष्टि मिली कि इस खून से किसी को नई जिन्दगी मिली हैं तो भय भी खत्म हो गया और एक नए मिशन की नींव मन में स्थापित हो गई।

प्रशासन चाहे तो सैकड़ों रतन हो सकते हैं बाड़मेर में : दरअसल बाड़मेर के इस साहसिक रक्तदाता को कभी प्रशासन या सरकार ने प्रोत्साहित करने का प्रयास ही नहीं किया। एक बाद अस्पताल प्रशासन की अनुशंसा के आधार पर रतन भवानी को पन्द्रह अगस्त पर प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया, लेकिन उसके बाद कभी भी उनके इस हौसले की तारीफ करने को आगे नहीं आया। चाहे कवास में आई बाढ़ हो या फिर हर बाद मलेरिया की भीषण महामारी रतन भवानी हर बार अस्पताल में ब्लड बैंक के आगे ही नज़र आये। बाड़मेर में लोग रात को तीन बजे भी अगर फ़ोन कर लें रतन भवानी उनके सहयोग के लिए तत्पर नज़र आयेंगे, लेकिन ना जाने क्यूँ प्रशासन ने इस साहस का कभी अपने स्तर पर सम्मान करना उचित नहीं समझा, जिसके चलते रतन भवानी काफी व्यथित हैं। बाड़मेर जिला कलेक्टर कार्यालय में बतौर वरिष्ठ लिपिक कार्य करने वाले रतन भवानी कहते हैं कि सरकार और जिला प्रशासन कोई ऐसी मुहिम चलाए जिसके कारण युवा वर्ग रक्तदान के प्रति अग्रसर हो और उसके कारण कई लोगों की अकाल मौत ना हो पाए। रतन इस तरह के अभियान में अपनी सेवाएँ देने को हमेशा तैयार रहते हैं।



दूरदर्शन भी बना चुका हैं रतन पर टेलीफिल्म : रतन भवानी के रक्तदान के प्रति समर्पण और जज्बे के कारण दिल्ली दूरदर्शन ने दो एपिसोड की डॉक्युमेंट्री फिल्म जिसका नाम किरण था को शूट कर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसारित किया था, जिसके बाद पूरे भारत में रतन भवानी का नाम हुआ और लोग उनसे जरिये पत्र और टेलीफोन सम्पर्क करने लगे साथ ही लोग उनसे पूछते थे कि रक्तदान करने से क्या मिलता हैं तो रतन उन्हें जवाब देते कि रक्तदान ने जिन्दगी बचाने का पुण्य और बार-बार रक्तदान करने का हौसला मिलता हैं।

बिहार को वाजिब हक दिलाकर दम लेंगे नीतीश

बिहार को वाजिब हक दिलाकर दम लेंगे नीतीश
Nitish Kumar government splurges Rs 50 crores on adhikar rally 

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के गांधी मैदान में रविवार को आयोजित अधिकार रैली में बिहार को उसका वाजिब हक दिलाकर ही दम लेने का संकल्प लिया। विशेष दर्जा के अपने अभियान के फलक का भी उन्होंने विस्तार किया और कहा कि विकास में राष्ट्रीय औसत से पीछे रहने वाले सभी राज्यों को विशेष दर्जा मिले। इसके लिए केंद्र सरकार अपनी विकास की नीति बदले। उन्होंने मार्च में अगली रैली दिल्ली के रामलीला मैदान में करने का भी एलान किया। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि रैली में पूरा बिहार आकर खड़ा हो गया है। प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी जनता की इस आवाज को नजरअंदाज नहीं कर सकतीं।

नीतीश कुमार ने कहा कि विशेष दर्जा की मांग को लेकर वह लंबी लड़ाई लड़ेंगे। राजनीतिक दलों को उन्होंने स्पष्ट संकेत दे दिया कि 2014 में केंद्र में उसी पार्टी की सरकार बनेगी जो उनकी मांग का समर्थन करेगी। कहा, 'यह भी हमारा संकल्प है। सात सालों में हम आगे बढ़े हैं। दुनिया के सभी पिछड़े राज्यों में बिहार को देख उत्साह जगा है। यह कहा जा रहा है कि जब बिहार आगे बढ़ सकता है तो हम क्यों नहीं?' नीतीश ने मौके पर भीड़ से पूछा कि क्या हमारी युवा पीढ़ी इतना इंतजार कर सकती है। भीड़ ने काफी जोश में हाथ उठाकर कहा-'नहीं'।

मुख्यमंत्री ने कहा, 'इसी कारण हम विशेष दर्जा की मांग कर रहे हैं। तरक्की करने का हर बिहारी का भी हक है। हम यह अधिकार लेकर रहेंगे। सूबे की साढ़े दस करोड़ की आबादी को नजरअंदाज कर देश में समावेशी विकास कैसे होगा? जब सवा करोड़ बिहारियों के हस्ताक्षर के साथ जदयू का शिष्टमंडल प्रधानमंत्री से मिला तो उन्होंने विशेष दर्जा के सवाल पर अंतर मंत्रालयी समूह गठित किया। उसने अपनी रिपोर्ट में बिहार के पिछड़ेपन को स्वीकार किया, लेकिन हमारी मांग को खारिज कर दिया। हमारी मांग है कि इस सवाल पर केंद्र सरकार विशेषज्ञों की टीम गठित करे और सभी पिछड़े राज्यों को विशेष दर्जा दे। मांग पूरी न की गई तो मार्च में दिल्ली के रामलीला मैदान में अगली रैली करेंगे।'

शरद यादव ने इस मौके पर कहा कि प्रधानमंत्री व सोनिया जी देख लें कि आज रैली में पूरा बिहार खड़ा है। जेपी के नेतृत्व में जब बिहार खड़ा हुआ था तब इंदिरा गांधी जैसी ताकतवर नेत्री की सत्ता चली गई थी। बिहार ने हिंदुस्तान बदला है। संप्रग सरकार में हुए विभिन्न घोटालों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि 12 लाख करोड़ लूटा दिए गए। अगर एक लाख करोड़ भी बिहार को दे देते तो नीतीश कुमार के नेतृत्व में यह प्रदेश कहां से कहां चला जाता।

सात मिनट बाद फिर जिंदा हो उठा

सात मिनट बाद फिर जिंदा हो उठा

लंदन। लंदन के वोरसेस्टर शहर के एक कालेज में पढ़ने वाले 17 वर्षीय युवा की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई और वह करीब सात मिनट तक मृत रहा लेकिन उसके बाद अचानक उसके दिल की धड़कनें लौट आई। वोरसेस्टर कालेज आफ टेक्नोलाजी में इंजीनियरिंग का छात्र डेन एडवर्ड अपने कालेज की सीढियां चढ़ रहा था और अचानक दिल का दौरा पड़ने से वह सीढियों पर गिर गया।

डेन के टीचर माट हार्वुड ने बताया कि उन्होंने डेन के गिरने की आवाज सुनी और दौड़ कर उसे उठा कर उसकी नब्ज टटोली। इस दौरान कालेज प्रशासन ने अस्पताल फोन करके डाक्टरों को घटना की सूचना दी माट ने पाया कि उसके दिल की धड़कने बंद है उन्होंने तुरंत उसके हार्ट को पंप करना शुरू किया। देखते ही देखते वहां भीड़ लग गई और डेन के साथी भी उसे प्राथमिक उपचार देने में जुट गए।

सारे उपाय करके हार चुके टीचर और उनके दल ने देखा की डेन की हालत में कोई सुधार नहीं और सात मिनट तक उसके दिल की धडकने बंद पड़ी हैं। डेन के जिंदा होने की उम्मीद लगभग छोड़ चुके माट और उसके साथियों ने उसे अस्पताल पहुंचाया और सब को आश्चर्य में डालते हुए डेन वापस जिंदा हो गया। पूरी तरह ठीक हो जाने के बाद डेन ने बताया कि सीढियों पर गिरने के बाद उसे ऎसा लगा कि जैसे वह स्वीमिंग पूल में पड़ा और गहरी नींद में है। उसने बताया कि उस दौरान हल्की-हल्की आवाजें सुनाई पड़ रही थी पर वह कुछ कर नहीं पा रहा था।

जेल में कैद आतंकी कसाब को डेंगू!





मुंबई। मुंबई हमले के गुनहगार अजमल आमिर कसाब को डेंगू होने की खबर है। हालांकि तीन बार हुए टेस्ट में रिपोर्ट नेगेटिव आई है। कसाब बीते चार दिन से बुखार से पीडित है। कसाब मुंबई की आर्थर रोड जेल में कैद है।


रिपोर्ट की पुष्टि करते हुए जे.जे. अस्पताल के डीन टी.पी. लहाने ने कहा कि बुखार के लक्षण डेंगू की तरह थे लेकिन उन्होंने इस बीमारी के होने की सम्भावना से इनकार किया।


लहाने ने कहा कि चिकित्सक कसाब के स्वास्थ्य पर नजर रख रहे हैं। कसाब के कई परीक्षण किए गए हैं जिसमें डेंगू के लक्षण नहीं पाए गए। जेल अधिकारियों के अनुसार कसाब को अस्पताल में नहीं भेजा जाएगा। मुम्बई हमले के दोषी कसाब को मौत की सजा मिली है।

हाल ही में गृह मंत्रालय ने कसाब की दया याचिका खारिज कर दी थी। गृह मंत्रालय ने अपनी सिफारिश राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भेज दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कसाब की फांसी की सजा को बरकरार रखा था। निचली अदालत ने कसाब को फांसी की सजा सुनाई थी,जिसे उसने बोम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी लेकिन हाईकोर्ट ने उसे कोई राहत नहीं दी और फांसी की सजा बरकरार रखी।




उल्लेखनीय है कि 26 से 29 नवम्बर 2008 को 10 पाकिस्तानी आतंककारियों द्वारा किए गए हमले मं 166 लोगों की मौत हो गई थी। इसमें सभी आतंकी मारे गए थे जबकि कसाब को गिरफ्तार कर लिया गया था।

सोनिया-राहुल ने विपक्ष पर बोला हमला

सोनिया-राहुल ने विपक्ष पर बोला हमला

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी महासचिव राहुल गांधी ने जहां यूपीए सरकार की आर्थिक सुधार की नीतियों का पुरजोर समर्थन किया वहीं भाजपा पर हमला बोलते हुआ आरोप लगाया कि वह लोगों को बरगला रही है।

भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबी है भाजपा

दिल्ली के रामलीला मैदान में कांग्रेस की महारैली में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि भाजपा भ्रष्टाचार में पूरी तरह डूबी हुई है और देश में लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर कर रही है। सोनिया ने कहा कि भ्रष्टाचार कैंसर की बीमारी की तरह है और सरकार इसे खत्म करने के लिए दृढ़ संकल्प है। सरकार भ्रष्टाचार का पूरी शक्ति से मुकाबला करेगी और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।

लोकपाल के लिए संघर्ष जारी रहेगा

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस ही सूचना का अधिकार कानून लाई है और लोकपाल कानून बनाने के लिए भी पूरी तरह से प्रयासरत है। लोकसभा में इसे पास कराया गया लेकिन भाजपा ने इसे राज्यसभा में पास नहीं होने दिया। लोकपाल विधेयक को पास कराने तक कांग्रेस का संघर्ष जारी रहेगा और हमें उम्मीद है कि इसमें कामयाब होंगे।

लोकतंत्र को कमजोर करने की हो रही कोशिश

भाजपा का नाम लिए बगैर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जो लोग हमें भ्रष्टाचार पर भाषण देते हैं,वे खुद पूरी तरह से भ्रष्टाचार के कीचड में डूबे हुए हैं। उन्होंने कहा कि जो दूसरों के लिए गbा खोदता है,उसके लिए स्वयं कुआं तैयार रहता है। देश की जनता ने पहले 2004 और फिर 2009 में कांग्रेस में विश्वास व्यक्त किया जिसे हमारे कुछ राजनीतिक विरोधी अब तक पचा नहीं पाए।

वे चुनी सरकार को कमजोर करने में जुटे हुए हैं। संसद की कार्यवाही में बाधा डालकर जन कल्याण के कानून पास नहीं होने देते और महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा नहीं होने देना चाहते क्योंकि वे खुद भ्रष्टाचार के दलदल में फंसे हुए हैं और इससे उनका दोहरा चेहरा बेनकाब हो जाएगा। लोकतंत्र की बुनियाद कमजोर करने वाले लोग झूठे आरोप लगाने में भी संकोच नहीं करते। कांग्रेस ने देश में संसदीय लोकतंत्र की आधारशिला रखने में अहम भूमिका निभाई है और वह किसी को भी संविधान के साथ खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं देगी।

कांग्रेस ही बदल सकती है राजनीतिक सिस्टम

इससे पहले कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने कहा कि मौजूद राजनीतिक सिस्टम आम आदमी के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। राहुल ने कहा कि कांग्रेस ही इस सिस्टम को बदल सकती है। राहुल गांधी ने कहा कि हम देश को बदलने आए हैं और इसके लिए सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह ने रास्ता दिखाया है। जबकि विपक्ष ने केवल बिना सोचे-समझे विरोध किया है।

उन्होंने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा रोजगार कार्यक्रम (मनरेगा)हमने ही शुरू किया। पारदर्शिता लाने के लिए आज जो भी कुछ हो रहा है वह आरटीआई के जरिए हो रहा है और यह आरटीआई हमने ही जनता को सौंपा है। हमारी सरकार ने ही हजारों करोड़ों का कर्ज माफ किया। जो आधी रोटी खाते है हम उसे पूरी रोटी देंगे। उनकी सरकार फिर से लोकपाल बिल लेकर आएगी और पास करवाएगी। राहुल ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि लोग विरोध करते हैं,रास्ता नहीं दिखाते। हमने दिखाया रास्ता है।

बाखासर में पाकिस्तानी घुस्पेठिया पकड़ा गया

बाखासर में पाकिस्तानी घुस्पेठिया पकड़ा गया


बाड़मेर भारत पाकिस्तान की बाड़मेर जिले की सरहद बाखासर के पास आज सुबह सीमा सुरक्षा बल ने पाकिस्तान से भारतीय  सीमा में घुसे एक पाकिस्तानी घुशापेथिये को पकड़  लिया .पाकिस्तानी घुस्पेठिये से बल पूछताछ कर रही हें ,सीमा सुरक्षा बल के सूत्रों ने बताया की रवीवार प्रातः छः बजे भाखासर सरहद पर पाकिस्तानी घुस्पेठीया प्रवेश कर गया ,सीमा सुरक्षा बल की 81 वीवाहिनी के जवानो ने उसे तार बंदी पर करते देख लिया .जवानो के ललकारने पर उसने समर्पण कर दिया बल ने उसे पकड़ लिया हें सूत्रानुसार बल उससे पूछताछ कर रहा हें ,अभी कोई विशेष जानकारी नहीं आई हें

पिता का साया सर से उठने के बावजूद ये बेटियां बनीं गांव का गौरव


पिता का साया सर से उठने के बावजूद ये बेटियां बनीं गांव का गौरव

बाड़मेर.  बालोतरा उपखंड के तिरसिंगड़ी चौहान गांव की विधवा महिला लेहरो देवी के पति का दो वर्ष पूर्व देहांत हुआ तो मानो उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। तीन बेटियों व सबसे छोटे बेटे की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई, वे एकदम टूट सी गई।

मगर आज उनका अपनी होनहार बेटियों की मेहनत के बूते साधन संपन्न परिवार हैं। घर में धन-धान की कोई कमी नहीं। सरपंच सहित गांव वाले भी लेहरोदेवी की बेटियों को गांव का गौरव मानते हैं।


अल सवेरे से काम पर जुट जाती हैं तीनों बहने
 

लेहरोदेवी की 12 वर्षीय बेटी मापू अलसवेरे बस में बालोतरा जाती है और वहां से अपनी दुकान के लिए ताजी सब्जियां खरीदकर लाती हैं। उनकी दूसरी बेटी शांति (16 वर्ष) फुटकर किराना की दुकान व आटा चक्की संभालती हैं और छोटी बेटी हुड़की भी दुकान में उसका सहयोग करती हैं।

करीब पांच सौ की आबादी वाले तिरसिंगड़ी चौहान गांव में इस दुकान पर बिक्री भी अच्छी चलती है। इतना ही नहीं ये अपने छोटे भाई नरपत को नियमित स्कूल भी भेजती हैं। वह गांव की स्कूल में तीसरी कक्षा में पढ़ रहा है।


दुर्घटना में उठा पिता का साया
करीब दो वर्ष पूर्व तिरसिंगड़ी चौहान गांव में अपनी दुकान पर मांगीलाल गवारिया एक ग्राहक की गाड़ी के टायर से पंचर निकालने के लिए टायर खोल रहे थे। तभी टायर की रिंग व व्हील उछलकर उनके सिर पर लगी। इससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी।

लेहरो देवी गर्व के साथ कहती है कि पति के देहांत के बाद मैं तो एकदम टूट गई थी, पर बेटियों ने हौसला बंधाया और दुकान का कामकाज पहले की तरह संभाल लिया। बेटियों के कारण ही लोगों के सामने हाथ फैलाने की नौबत नहीं आई।

भीनमाल एसएचओ सहित पांच के विरुद्ध मामला दर्ज करने के आदेश


भीनमाल एसएचओ सहित पांच के विरुद्ध मामला दर्ज करने के आदेश
कोर्ट परिसर से 1 नवंबर को तीन व्यक्तियों को जबरन जीप में डालकर थाने ले जाने व मारपीट का आरोप

भीनमाल एसीजेएम सीताराम खोवाल ने गुरुवार को न्यायालय परिसर से तीन व्यक्तियों को जबरन जीप में डालने, थाने ले जाकर मारपीट करने और रातभर लॉकअप में बंद रखने के मामले में जालोर एसपी को भीनमाल थानाधिकारी, एक एसआई और एक कांस्टेबल सहित पांच जनों के विरुद्ध मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं। न्यायालय ने यह आदेश पीडि़त की ओर से पेश किए गए इस्तगासे के आधार पर दिए। न्यायालय ने सुनवाई करते हुए मामले की जांच किसी निष्पक्ष अधिकारी से करवाने और फिर जांच रिपोर्ट न्यायालय में पेश करने के भी आदेश दिए हैं।

क्या है मामला : जानकारी के अनुसार अरणू निवासी चंदनसिंह पुत्र अजीतसिंह राजपूत ने एसीजेएम कोर्ट भीनमाल में इस्तगासा पेश कर बताया कि १ नवंबर को सवेरे १० बजे वह अपने काकाई भाई जोगसिंह व शैतानसिंह पुत्र लालसिंह, वगतसिंह पुत्र मोहबतसिंह और हड़मतसिंह पुत्र लालसिंह के साथ न्यायालय परिसर में पेशी संबंधी कार्य के लिए अधिवक्ता के पास बैठा हुआ था। इस दौरान एसआई माधोसिंह राजपुरोहित, कांस्टेबल बाबूलाल विश्नोई और जुंजाणी निवासी जबरसिंह पुत्र हकसिंह व मोडसिंह पुत्र खंगारसिंह राजपूत उनके पास आए और जमानत लेनेे की बात कहकर उसे तथा जोगसिंह व शैतानसिंह थाने लेकर चले गए। जहां पुलिस थाने में थानाधिकारी दिनेशकुमार व एसआई माधोसिंह ने उनके साथ मारपीट के बाद लॉकअप में बंद कर दिया और रातभर हवालात में बंद कर मारपीट की।

इनके खिलाफ होगा मामला दर्ज

न्यायालय द्वारा इस्तगासे के आधार पर दिए गए आदेश के बाद अब इसकी कॉपी थाने पहुंचेगी। जिसके बाद थानाधिकारी दिनेशकुमार व एसआई माधोसिंह सहित अन्य पांच जनों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।

जिनके नाम पर मांगी फिरौती, वे खुद पहुंचे थाने


जिनके नाम पर मांगी फिरौती, वे खुद पहुंचे थाने

सायला के दो युवक थे तीन दिन से लापता
परिजनों का आरोप- अपहरणकर्ताओं ने मांगी थी दो लाख की फिरौती
तीन दिन बाद खुद ही बाड़मेर थाने पहुंचे युवक


सायला  कस्बे के दो युवकों का फिरौती के लिए अपहरण करने का मामला सामने आया है। हालांकि तीन दिन से लापता बताए जा रहे युवक शनिवार को बाड़मेर पुलिस थाने पहुंच गए। इधर परिजनों का आरोप है कि कुछ लोगों ने फिरौती के लिए उनका अपहरण किया था। लापता युवकों के परिजनों ने गुरुवार शाम को एएसपी पृथ्वीराज मीणा को अपहरण व फिरौती की मांगने का मामला दर्ज करने की मांग की थी। इसके बाद सायला पुलिस ने एक टीम शुक्रवार को युवकों की तलाश में भेजी थी।

पुलिस के अनुसार सायला निवासी ईश्वरलाल पुत्र कानाराम मेघवाल ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि उसका पुत्र मुकेश व उसका दोस्त अमृत दोनों कलर का काम करते हैं। मजदूरी के बकाया रुपए लेने के लिए 30 अक्टूबर को दोनों मोटरसाइकिल से आलवाड़ा गए थे, लेकिन शाम को नहीं लौटे। इस पर रिश्तेदारों के यहां व अन्य स्थानों पर तलाश करने पर भी उनका पता नहीं चला। इसके अगले दिन 31 अक्टूबर को उसके मोबाइल पर किसी व्यक्ति का फोन आया कि अमृत व मुकेश का उसने अपहरण कर लिया है, अगर उनको जिंदा देखना चाहते हो तो दो लाख रुपए की फिरौती देनी होगी। इस व्यक्ति ने अपना नाम भेड़ाना निवासी केसा उर्फ किशन पुत्र मादाराम चौधरी बताया। साथ ही यह रकम सायला पुलिस थाने के सामने स्थित एक दुकान पर देने की बात कही। मामला सामने आने के बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पृथ्वीराज मीणा ने सायला थाने में शुक्रवार को एक टीम गठित की। इधर, नाटकीय घटनाक्रम के तहत दोनों युवक शनिवार सवेरे अपने आप बाड़मेर कोतवाली पहुंच गए। इन युवकों को लेने के लिए सायला पुलिस की टीम हैड कांस्टेबल जयकिशन विश्नोई के नेतृत्व में बाड़मेर रवाना हो गई।

क्या कहते हैं परिजन

इस मामले में युवक मुकेश के पिता ईश्वरलाल का कहना है कि दोनों युवक रात को आरोपियों के चुंगल से भाग निकले और रात को बाड़मेर के एक मठ में रहे। इसके बाद पुलिस थाने पहुंच गए। हालांकि मामले में अपहरण की कहानी समझ से परे है। इनमें से एक युवक मुकेश का पिता आरसीसी का ठेकेदार है जबकि दूसरे युवक अमृत का पिता साइकिल के पंचर सुधारता है। ऐसे में केवल रुपए के लिए अपहरण की बात पुलिस की भी समझ से परे है।

अपहरण या कोई और कहानी!

हालांकि युवकों के परिजनों ने तो युवकों का फिरौती के लिए अपहरण होना बताया है, लेकिन पुलिस अभी तक इस नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। इधर दोनों युवकों का अपने आप बाड़मेर पुलिस के सामने पेश होना भी संदेह पैदा करता है। पुलिस का इस बारे में कहना है कि युवकों से पूछताछ के बाद ही हकीकत सामने आ पाएगी।

पूछताछ के बाद सामने आएगी हकीकत

॥परिजनों ने दो युवकों का फिरौती के लिए अपहरण करने की बात कही थी। इस पर हमने टीम गठित कर उनकी तलाश में भेजी थी, लेकिन दोनों युवक शनिवार को बाड़मेर कोतवाली में पहुंच गए हैं। उनसे पूछताछ के बाद ही मामले की सच्चाई सामने आ पाएगी। - आनंद कुमार, थाना प्रभारी, सायला

॥परिजनों ने अपहरण की रिपोर्ट दी थी। हमने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी थी, लेकिन दोनों युवक शनिवार को बाड़मेर कोतवाली पहुंच गए हैं। इनसे पूछताछ के बाद ही हम किसी नतीजे पर पहुंच पाएंगे। सत्येन्द्रपालसिंह, पुलिस उप अधीक्षक, जालोर

दीपावली से पहले मंगल पुष्य का योग

इस बार दीपावली से पहले मंगल पुष्य का योग बन रहा है। इसका प्रारंभ सोमवार पांच नवंबर को शाम 5 बजे से होगा और इसके बाद मंगलवार को दिनभर यह योग बना रहेगा। मंगलवार शाम पांच बजकर 45 मिनिट पर यह समाप्त होगा। ऐसे में इस बार मंगल पुष्य नक्षत्र दिनभर खरीदारी का मौका देगा। पुष्य नक्षत्र में चंद्रमा कर्क राशि में स्थित होता है। यह उसके स्वयं के स्वामित्व वाली राशि है। इसी दिन मंगलवार होने से यह धन वृद्धि का योग बना रहा है। चंद्र मंगल का मित्र है। इसलिए यह इस दिन की गई खरीदारी को सुख समृद्धिदायक बना रहा है।  
इसकी करें खरीदारी : वैसे तो हर साल दीपावली और इससे पहले धन तेरस को खरीदारी का शुभ योग होता है, लेकिन इससे पहले पुष्य नक्षत्र भी यह खास मौका देता है कि बाजार में शुभ योग में खरीदारी की जाए। ज्योतिष के अनुसार पुष्य नक्षत्र में खरीदी गई कोई भी वस्तु जीवन भर सुख समृद्धि देती है, लेकिन इस योग में खास तौर पर जमीन, ज्वैलरी, वाहन, इलेक्ट्रानिक्स आइटम, सोना और मशीनरी खरीदना शुभ माना जाता है।

बन रहा शुभ योग

सोमवार शाम से शुरू होगा पुष्य नक्षत्र, मंगलवार दिन भर रहेगा योग। खरीदारी के लिए खास माना जाता है पुष्य नक्षत्र। दीपावली से पहले खरीदारी का आया शानदार मौका।

अच्छे कारोबार की उम्मीद

फेस्टिवल सीजन पर मुस्कुराएगा बाजार। व्यापारियों को अच्छे कारोबार की उम्मीद। ग्राहकों के लिए बाजार हुआ तैयार। दीपावली तक खरीदारी के अनेक मौके लौटाएंगे बाजार की रौनक।

घर आएगी समृद्धि

शुभ योग में खरीदी गई वस्तु देती हैं सुख और समृद्धि। इसीलिए इस योग में की जाती है खरीदारी। आप भी बनाएं प्लानिंग, दीपावली से पहले पुष्य नक्षत्र पर भी कर सकते हैं खरीदारी।

मिलेंगी ढेरों खुशियां

शुभ योग में खरीदी गई कोई वस्तु आपको देगी खुशियां। इस योग में वाहन, प्रापर्टी, ज्वैलरी और इलेक्ट्रानिक आइटम खरीदने से जीवन भर रहती है घर में बरकत। साथ ही मिलती हैं खुशियां।

एक ही मंच पर दिखे विभिन्न संस्कृति के रंग


एक ही मंच पर दिखे विभिन्न संस्कृति के रंग

अरण्य पर्व सिल्वर जुबली यात्रा माटी के रंग कार्यक्रम का हुआ आयोजन

 पोकरण  पंचायत समिति कार्यालय के सामने खुले चौक में शुक्रवार रात्रि को अरण्य पर्व सिल्वर जुबली यात्रा माटी के रंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न प्रांतों से आए कलाकारों ने अपनी संस्कृति तथा नृत्य की अनूठी छटा बिखेरी।

रात्रि को 8 बजे अरण्य पर्व कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कार्यवाहक उपखण्ड अधिकारी त्रिलोकचंद वैष्णव, अध्यक्ष नगरपालिका के अधिशाषी अधिकारी जोधाराम विश्नोई तथा कनिष्ठ अभियंता सुनील बोड़ा, समाजसेवी महिपालसिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। आयोजित इस कार्यक्रम में दूर दराज से आए कलाकारों द्वारा की गई प्रस्तुति को शहरवासियों ने खूब सराहा।

एक ही मंच पर दिखी कई संस्कृतियां

अरण्य पर्व के अवसर पर गोवा से आए कलाकारों ने सुरमई नृत्य प्रस्तुत कर दर्शक ों का मन मोहा। वहीं दादरा नगर से आए कलाकारों ने तारपा नृत्य पेश कर समां बांधा। नागौर से आए कलाकारों ने लोकगीत ख्याल को प्रस्तुत किया। वहीं बासोड़ा से आए कलाकारों ने गुमरा, गुजरात से आए कलाकारों ने डांग व सिंधी नृत्य, छत्तीसगढ़ से आए कलाकारों ने पंथी नृत्य पेश कर एक ही मंच पर विभिन्न संस्कृतियों की छटा को बिखेर लोगों को भावविभोर कर दिया। नृत्य के दौरान पुरुष तथा महिलाओं ने रथ, पिरामिड, गरुड, चकरी आदि की प्रस्तुति दी।

विभिन्न प्रांतों से आए कलाकार : अधिशाषी अधिकारी जोधाराम विश्नोई ने बताया कि संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र उदयपुर द्वारा शुक्रवार की रात्रि में रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। उन्होंने बताया कि पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र द्वारा पश्चिमी क्षेत्र के राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा व केन्द्र शासित प्रदेश दमन, दीव व दादरा के लोगों ने कार्यक्रम प्रस्तुत किए। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम प्रदर्शनकारी कलाओं, चाक्षुष कलाओं, साहित्य कार्य पारंपरिक लोक व जनजाति कलाओं के उन्नयन व संरक्षण के संबंध में कार्यक्रम किए गए।

कलाकारों ने मचाई धूम

फतेहगढ़. कस्बे के राउमावि के प्रांगण में शुक्रवार रात्रि पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र उदयपुर के सौजन्य से भव्य सांस्कृतिक संध्या अरण्य पर्व का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उपखंड अधिकारी ओमप्रकाश मेहरा तथा अध्यक्षता तहसीलदार नाथू सिंह राठौड़ ने की। इस अवसर पर पूर्व सरपंच चंगेज खां, संजयनाथ योगी सहित अन्य ग्रामीण उपस्थित थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मेहरा ने कहा कि जिस देश की लोक संस्कृति मजबूत होगी वह देश बहुत मजबूत होगा। उपनिदेशक फुरकान खान ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत देश में कई राज्य है। कई भाषाएं है, कई वेशभूषा है। सभी की अपनी-अपनी परंपराएं व लोक संस्कृति है जो वहां की लोकप्रियता की मिसाल देखने को मिलती है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पुरानी परपंराओं को पुन: जीवित करने के लिए गांवों के ग्रामीणों को कलाकारों द्वारा वहां की लोक कलाएं, संस्कृति व परंपराएं दिखाना है।

संजीवनी शुभ दीपावली योजना का ड्रॉ खुला



संजीवनी शुभ दीपावली योजना का ड्रॉ खुला


बाड़मेर


राजस्थान व गुजरात में 300 से अधिक शाखाओं के साथ विस्तारित सहकारिता क्षेत्र की प्रमुख संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड द्वारा 8 अक्टूबर से शुरू की गई सावधि जमा योजना संजीवनी शुभ दीपावली योजना का ड्रॉ शनिवार को खोला गया। सोसायटी प्रबंध निदेशक किशन सिंह चूली ने बताया कि सोसायटी द्वारा शुरू की गई शुभ दीपावली योजना का ड्रॉ जोधपुर, उदयपुर, बाड़मेर व पाली में खोला गया। जिसमें समस्त राजस्थान व गुजरात की 300 शाखाओं का ड्रॉ खोला गया। जोधपुर में हड़मानराम प्रजापत सालावास शाखा, बाड़मेर में धापू देवी, उदयपुर में जयपुर की विराटनगर शाखा की लाली देवी व पाली में आबूरोड शाखा के राजूराम के नाम उपहार स्वरूप ड्रॉ में मोटरसाइकिल खुली। जोधपुर में सहायक प्रबंध निदेशक सुरेश नेनानी की उपस्थिति में अभिकर्ता कन्हैया लाल माथुर ने ड्रॉ खोला। इस अवसर पर मुख्य मार्केटिंग अधिकारी अभिनव सिंह, एरिया मैनेजर तखतसिंह, वासुदेव सिंह, जालिम सिंह, घनश्याम सिंह, विक्रम सिंह, तनेराव सिंह, शाखा प्रबंधक शिवांश भारद्वाज सहित अनेक अभिकर्ता व नागरिक उपस्थित थे।

बाड़मेर. संजीवनी शुभ दीपावली योजना के तहत उपहार स्वरूप निकली मोटरसाइकिल की चाबी सौंपते अतिथि।

शनिवार, 3 नवंबर 2012

मैं एमएलए का दावेदार नहीं : कालवी

जोधपुर। राजपूत समाज के नेता व राजपूत करणी सेना के प्रधान संरक्षक लोकेंद्र सिंह कालवी ने कहा है कि आनेवाले विधानसभा चुनावों में जोधपुर, नागौर सहित प्रदेश के किसी भी हिस्से से एमएलए के पद का दावेदार नहीं हैं। वे विधायक का चुनाव नहीं लड़ेंगे। संसदीय चुनाव के लिए राजनीतिक निर्णय लेना अभी उनके हाथ में नहीं है, ना ही उनका चुनावी राजनीति का मानस है। उनका मानस सामाजिक व्यक्ति बन कर जीना है। 

भाजपा ने आरक्षण के मामले में धोखा किया
भारतीय जनता पार्टी ने राजपूत, ब्राह्मण, वैश्य, सिंधी, पंजाबी, कायस्थ, शेख, बोहरा व पठान जैसी नौ कौम के साथ आरक्षण के मामले में धोखा किया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि पिछले डेढ़ माह से मृत प्राय: पड़े आरक्षण के मुद्दे को अब फिर उठाने और इन नौ जातियों के साथ धोखा करने वाले राजनीतिक दलों को संख्या बल की ताकत दिखाने का समय आ गया है। कुछ चीजें राजनीति तय करती है और उसी से सब कुछ तय होता है। गुर्जर आंदोलन के दौरान गोलीबारी हुई और उसमें 72 लोग मारे गए बावजूद इसके गुर्जरों को आरक्षण नहीं मिल सका। इससे यह तय है कि कुछ निर्णय राजनीति के दबाव में होता है और इसलिए अब राजनीतिक ताकत भी मजबूत करने पर समाज को विचार करना चाहिए। कालवी का कहना है कि पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराने का संकल्प लेने वाली करणी सेना का कांग्रेस के साथ गठबंधन के सवाल पर लोकेंद्र सिंह कालवी ने कहा कि करणी सेना बिकाऊ नहीं है। उन्होंने कहा कि सेना समाज के हित के लिए संघर्ष करने को तैयार है मगर ऐसा कोई कार्य नहीं करेगी जिससे उस पर कोई आरोप लगे।
कालवी शुक्रवार को जगदंबा माता के मंदिर में स्थित सभा भवन में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। कालवी ने जोर देकर कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेता अटलबिहारी वाजपेयी ने जाटों को आरक्षण देकर राजपूत-ब्राह्मण-वैश्य सहित प्रमुख 9 जातियों, जिनके प्रदेश में 80 फीसदी वोटर हैं, को आरक्षण के मामले में धोखा दिया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों ने इस मुद्दे को घोषणा पत्र में तो शामिल कर लिया, लेकिन आरक्षण देने की इच्छा शक्ति नहीं जुटा पा रहे हैं। ऐसे में 13 जनवरी को राजधानी जयपुर में राजपूत करणी सेना रैली कर ताकत दिखाएगी। इस रैली को आयोजित करने के पीछे आरक्षण मुख्य उद्देश्य है। इसके साथ कल्याणसिंह कालवी की जयंती, करणी सेना में नए नेतृत्व से अवगत कराने सहित चार प्रमुख उद्देश्यों के तहत स्वाभिमान सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इससे पहले 16 दिसंबर को ब्राहाण इस संबंध में रैली कर रहे हैं।
40 की उम्र के साढ़े सात लाख सदस्य -
कालवी ने कहा कि करणी सेना विभिन्न उद्देश्यों को लेकर संघर्ष कर रही है। वर्तमान में 40 साल उम्र से कम वाले करीब साढे सात लाख सदस्य हैं। किसी भी सदस्य को राजनीति में जाने की कोई रोक टोक नहीं है। राजनीति में कोई चुनाव जीतता हैं तो उन्हे करणी सेना का पद छोड़ना पड़ेगा, जबकि उनकी सदस्यता बरकरार रहेगी।

कांग्रेसियों ने सोनिया को दुर्गा, रामदेव-केजरीवाल को बताया रावण

इलाहाबाद. अब तक फेसबुक और ट्विटर पर कांग्रेसी नेताओं के पोस्टर बनाकर कांग्रेसियों को चिढ़ाया जा रहा था। लेकिन अब इलाहाबाद में तो कांग्रेसियों ने अपने आकाओं को खुश करने और विपक्षियों का दिल जलाने के लिए शहर के चौराहों पर ही पोस्टर लगा दिए हैं।
POSTAR WAR: कांग्रेसियों ने सोनिया को दुर्गा, रामदेव-केजरीवाल को बताया रावण 


किसी जमाने पार्टियों के पोस्टरों पर अपनी पार्टी के नेताओं की तस्वी होती थी। लेकिन ये आरोप लगाने और दूसरों के नीचा दिखाने का दौर है। दशहरे पर देश के कई शहरों में भाजपाइयों ने रावण के पुतले पर कांग्रेसियों के मुंह लगाए तो अब इलाहाबाद में स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने जो पोस्टर शहर में चिपकाएं हैं उनमें सोनिया गांधी देवी दुर्गा के रूप में हैं और नितिन गडकरी और सुब्रमण्यम स्वामी असुरों के रूप में हैं। इसी पोस्टर में रावण को भी स्थान दिया गया है। रावण के चेहरे पर केजरीवाल और बाबा रामदेव के पोस्टर चस्पा हैं। हालांकि नाम बदल कर बाबा झामदेव और आरोप लगाने की झाल कर दिया गया है।
यह होर्डिंग लगने के बाद से ही इलाहाबाद में विवाद भी हो गया है। पोस्टर को इलाहाबाद कें सब से पॉश इलाके सिविल लाइन कें सुभाष चौराहे पर लगाया गया है। पोस्टर में हाल के राजनेतिक हालात को ले कर व्यंग किया गया है। पोस्टर मे लिखे कंटेंट और तस्वीरे यह बयान करती है की यह पोस्टर कही न कही सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी की ओर से लगाए गए हैं। इस पोस्टर पर दो स्थानीय कांग्रेसी नेताओं के भी तस्वीरें हैं जिन्होंने रविवार को दिल्ली में होने वाली कांग्रेस की रैली में लोगों से शामिल होने की अपील की है। 

हालांकि यह पहला मामला नहीं है जब सोनिया गांधी को देवी दुर्गा के रूप में दिखाया गया हो। इससे पहले भी सोनिया गांधी को साल 2007 में उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान देवी दुर्गा के रूप में दिखाया गया था। इस संबंध में बिहार के एक वकील सुधीर कुमार ओझा हिंदू धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाकर सोनिया गांधी के खिलाफ कोर्ट चले गए थे।

"भूपेन दा से प्रेम करती थीं लता"

"भूपेन दा से प्रेम करती थीं लता"

गुवाहाटी। डा. भूपेन हजारिका का लता मंगेशकर से प्रेम था। यह सनसनीखेज खुलासा भूपेन दा की पत्नी प्रियम पटेल हजारिका ने शुक्रवार को किया। स्थानीय टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में प्रियम ने कहा कि अपनी जीवनी "मोई एक यायावर" में भूपेन दा ने यह संकेत दिए। लता के साथ उनके प्रेम-प्रसंग के चलते ही मैं उन्हें छोड़कर चली गई।

प्रियम ने कहा कि कोलकाता में मैं, भूपेन दा, लता मंगेशकर, मशहूर संगीतकार कल्याणजी आनंदजी ठहरे थे। वहां मुझे दोनों के प्रेम का पता चला। जब भूपेन से बाद में मैंने इस बारे में पूछा तो उसका कहना था कि बड़ा कलाकार बनने के लिए यह करना पड़ता है। मैंने कहा कि यह क्या बात हुई। इस तरह वे काफी करीब हो गए थे।

जीवनी में भूपेन दा ने प्रियम के बहाने कहा है कि एक बार बड़ी कलाकार आई तो मैं उसे हवाईअड्डे पर छोड़ने गया, बड़ी कलाकार को छोड़ने मुझे विमान के पास जाने दिया गया। मैं गया नहीं, प्रियम को भेजा। प्रियम लौटी तो उसकी आंखें गिली थी। उस कलाकार ने कहा कि भूपेन को माता-पिता बेहद प्यार करते हैं, पत्नी के रूप में तुम करती हो और मैं उससे अधिक करती हूं। गौरतलब है कि भूपेन दा का 5 नवबंर 2011 में निधन हो गया था। प्रियम विदेश से भूपेन दा को श्रद्धाजंलि देने आई हैं।

जैसलमेर पुलिस डायरी आज की अपराध की खबरे

बिना लाईसेंस विस्फोटक सामग्री बेचते 01 गिरफतार 

जैसलमेर दिपावली पर्व को देखते हुए जनता के जानमाल की रक्षा हेतु विस्फोटक सामग्री को बिना लाईसेंस बेचने पर लगी पाबंदी के मदेनजर पुलिस अधीक्षक जिला जैसलमेर ममता राहुल द्वारा जिले के समस्त वृताधिकारियों/थानाधिकारियों को अपनेअपने हल्खा क्षैत्र में बिना लाईसेंस विस्फोटक सामग्री रखने वालो के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये। जिसके तहत पुलिस थाना फलसुण्ड में दौराने हल्खा गश्त थानाधिकारी पुलिस थाना फलसुण्ड कमलकिशोर उनि मय जाब्ते द्वारा कस्बा फलसुण्ड में एक दूकान पर विस्फोटक सामग्री बेचते हुए पाया जाने पर दूकानदार से लाईसेंस के बारे में पुछा गया तो लाईसेंस नही होने पर दूकानदार दलीपचंद पुत्र राणमल जैन नि0 फलसुण्ड को बिना लाइेसेंस विस्फोटक सामग्री बेचते हुए पाया जाने पर विस्फोटक अधिनियम के तहत गिरफतार किया गया।


पुलिस थाना नाचना में शांति भंग के आरोप में 04 गैरसायल गिरफतार
जैसलमेर पुलिस थाना नाचना के हल्खा क्षैत्र में कानून एवं शांति व्यवस्था भंग करने के आरोप में जुसफखॉ पुत्र कादरखॉ मुसल0 उम्र 26 साल, सतारखॉ पुत्र नूरमोहम्मद उम्र 22 साल, कुतबदीन पुत्र कादरखॉ उम्र 30 साल एवं हईयात खॉ पुत्र इसन्दर उम्र 52 साल सर्वे जाति मुसलमान नि0 भारेवाला को गोविन्दराम हैड कानि0 मय जाब्ता द्वारा भारेवाला से गिरफतार किया गया।

कारगर साबित हुए गाँधी के अहिंसक अस्त्र

कारगर साबित हुए गाँधी के अहिंसक अस्त्र

शिवकर लिग्नाइट परियोजना का धरना स्थगित, जारी रहेगा जागरूकता अभियान
विधायक, एडीएम समेत कई अधिकारी धरनास्थल पर पहुंचे
बाड़मेर, शनिवार

लीगल मित्र के नेतृत्व में शिवकर लिग्नाइट परियोजना और भूमि अवाप्ति के विरोध में चल रहे धरने के बाहरवें दिन के शुरू होते ही तडके सुबह ही प्रशासन ने धरनार्थियों के चेहरों पर खुशी ला दी। शनिवार को सुबह साढे नौ बजे प्रशासन की ओर से अतिरिक्त जिला कलेक्टर अरुण पुरोहित ओर बाड़मेर के विधायक मेवा राम जैन ने धरना स्थल पर पहुँच कर धरनार्थियों को बताया कि प्रशासन ने पीडि़त किसानों और बाड़मेर की जनता की मांगों पर गहनता से अध्ययन करवाया है। ज्ञापन पत्र में उल्लेखित तकरीबन सभी बिन्दुओं पर विचार करते हुए तहसीलदार बाड़मेर और एस डी ओ द्वारा मौका रिपोर्ट तैयार कर दी गई है और उक्त रिपोर्ट बाड़मेर प्रशासन सोमवार को अपनी सकारात्मक टिप्पणी के साथ राज्य सरकार को भेज देगा। पुरोहित ने बताया की अंतिम निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया जाना है और उम्मीद की जाती है कि राज्य सरकार पीडि़त किसानों के पक्ष में सकारात्मक फैसला लेगी।
विधायक मेवा राम जैन ने एक बार फिर पुरजोर आवाज में दोहराया कि ‘‘किसानों और बाड़मेर के निवासियों की मांगे पूरी तरह जायज है और वो शिवकर लिग्नाइट परियोजना के लिए होने वाली भूमि अवाप्ति को निरस्त करा कर रहेंगे।’’ उन्होंने बताया कि ‘‘उक्त समस्त प्रकरण मुख्यमंत्री के ध्यान में है और वो पीडि़त किसानों का अहित नहीं होने देंगे’’।
लीगल मित्र के सचिव रितेश शर्मा ने उपस्थित लोगो को मांगे और उन पर प्रशासन की रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए बताया कि ‘‘प्रशासन ने अवाप्त की जाने वाली भूमि की आबादी से दूरी, उससे होने वाला प्रदूषण, उत्तरलाई एयरबेस, जल परियोजनाओं के लिए अवाप्ति नीति, मास्टर प्लान, पेरीफेरी क्षेत्र, आदि सभी मांगों पर विचार कर सकारात्मक रिपोर्ट भेजी जा रही है, यह संवेदनशील प्रशासन की निशानी है जो पीडि़त किसानों की परेशानी को समझ कर उस पर तत्परता से सकारात्मक कार्यवाही कर रहा है।’’
इसके बाद रितेश शर्मा ने धरनार्थियों से प्रशासन के सकारात्मक आश्वासन के बाद धरना स्थगित किये जाने का प्रस्ताव दिया जिसको सभी धरनार्थियों ने एकमत होकर स्वीकार किया तथा धरना स्थगित कर दिया।
कैलाश कोटडिया ने धरणार्थियों को शिवकर लिग्नाइट परियोजना के बारे में तैयार की जाने वाली रिपोर्ट के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए इसे लीगल मित्र और किसानों की जीत बताई। उत्साहित किसानों ने रितेश शर्मा को कंधे पर उठा कर भारत माता की जय, आम जनता की जय हो, लीगल मित्र की जय हो की हुंकार भरी।
ज्ञात रहे कि 23 अक्तूबर को लीगल मित्र के बैनर तले पीडि़त किसानों और बाड़मेर की जनता ने शहर की सीमा में होने वाली भूमि अवाप्ति और खनन से होने वाले प्रदूषण के विरोध में मौन जुलुस निकाल कर बाड़मेर के इतिहास का सबसे बडा 45 पेज का ज्ञापन सौपा था। जिसके बाद जुलूस कलेक्ट्री के सामने धरने में तब्दील हो गया था।
शहर में प्रस्तावित भूमि अवाप्ति और खनन से होने वाले प्रदूषण की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए नित नए आयोजन किये गए। जिसमें भजन संध्या, मशाल जुलुस, पाबू जी की पड़, काली पट्टियाँ बांध कर विरोध प्रदर्शन, पोस्ट कार्ड अभियान, हस्ताक्षर अभियान और हजारों पशुओं के साथ अनोखी पशु रैली का आयोजन किया गया। उक्त अनोखे धरने को सम्पूर्ण राष्ट्र समेत कई देशों में समर्थन मिला और ख़बरें प्रकाशित हुई।
धरने के मीडिया प्रवक्ता स्वरुप सिंह अगोर ने बताया कि ‘‘उक्त धरना लीगल मित्र के नेतृत्व में 12 दिन चला। जिसमें किसी भी राजनैतिक दल को शामिल नहीं किया गया और एक भी नारा नहीं लगाया गया। बिना किसी राजनैतिक संरक्षण के उक्त धरने का सफल आयोजन अपने आप में उपलब्धि है।’’ पीडि़त किसानों ने प्रशासन, मेवाराम जैन तथा लीगल मित्र के सचिव रितेश शर्मा, खीम सिंह राठौड़ और सम्पूर्ण बाड़मेर लीगल मित्र टीम का सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया है।
लीगल मित्र के बाड़मेर परियोजना अधिकारी विक्रम सिंह तारातरा ने बताया कि ‘बाड़मेर बचाओ अभियान’ के तहत हस्ताक्षर अभियान, पोस्ट कार्ड अभियान और जनसंपर्क के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है, जो निरंतर जारी रहेगा तथा आगामी रणनीति तक धरने को स्थगित किया गया है।
धरना स्थल पर रेवत सिंह आगोर, छगन सिंह, पदम सिंह शिवकर, उदयराज सिंह आगोर, दुर्जन सिंह, उत्तम सिंह आगोर, पन्ने सिंह शिवकर, वीरसिंह शिवकर, देवी सिंह कुडला, नारायण सिंह राठौड़, पप्पसिंह महेचा, मूलाराम भाम्भू, मेहराराम राईका, जल्ला राम भील, तोगसिंह शिवकर, हठे सिंह रामदेरिया, रतन सिंह चुली, शंभू सिंह शिवकर, किसनाराम मेघवाल, तमाचीराम मेघवाल, सोहन सिंह, खंगार सिंह, थानसिंह, प्रेमसिंह आगोर, समेत कई धरनार्थियों ने सभी का आभार व्यक्त किया और उन्हें सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।

रिफायनरी को लेकर एचपीसीएल की टीम बाड़मेर पहुंची

रिफायनरी को लेकर एचपीसीएल की टीम बाड़मेर पहुंची

बाड़मेर. बाड़मेर में रिफायनरी लगाए जाने को लेकर पिछले दो सालों से राज्य सरकार व केद्र सरकार के बीच वार्ताओं का दौर चल रहा है। लंबे समय से चर्चाओं के दौर के बाद अब राज्य व केद्र सरकार सहित पेट्रोलियम एजेंसियों के बीच रिफायनरी का मुददा गंभीरता से उछलता दिखाई दे रहा है। बाड़मेर के बायतु क्षेत्र में रिफायनरी लगाए जाने को लेकर सरकार की ओर से पहल की जा चुकी है, जिसे लिए भूमि अधिग्रहण करने सहित कई तैयारियां चल रही है जिसको लेकर शनिवार को जिला कलेक्टर भानू प्रकाश एटरू की अध्यक्षता में हिंदुस्तान पोट्रोलियम क्रोपरेशन लिमिटेड के अधिकारियों के साथ बैठक हुई। जिसमें बाड़मेर की रिफायनरी पर विस्तार से विचार-विमर्श कर यहां की भौगोलिक परिस्थतियों के बारे में जानकारी ली। बैठक में सार्वजनिक निर्माण विभाग, भूमि अवाप्ति अधिकारी सहित जिला प्रशासन के अधिकारी उपिस्थत थे। जिसमें लीलाणा में लगने वाली रिफायरी को लेकर वहां की स्थितियों के बारे में जिला प्रशासन के साथ विस्तार से जानकारी ली। हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों से हुई बातचीत में उन्होंने बाड़मेर में जल्द ही रिफायनरी लगाए जाने की संभावना जताई, जिसे लिए यहां भूमि अधिग्रहण को लेकर लीलाला का अवलोकन करने व वहां की भौगोलिक स्थितियों की जानकारी लेने की बात कही। साथ ही अतिरिक्त जिला कलेक्टर अरुण पुरोहित ने कहा कि रिफायनरी को लेकर एचपीसीएल की टीम बाड़मेर आई थी, जिसे बाद बैठक में रिफायनरी को लेकर चर्चा की गई। रिफायनरी को लेकर राज्य सरकार व केद्र सरकार सहित अन्य कई बड़ी कंपनियों के बीच डील को लेकर लंबे समय से चर्चाओं का दौर चल रहा है। जिसे बाद अब सरकारी स्तर पर भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही की जाने व केद्रीय टीमों के बाड़मेर पहुंच रिफायनरी को लेकर जांच की जाने को लेकर अब उम्मीदे परवान पर चढ़ने लगी है। जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही बाड़मेर रिफायनरी लगेगी। अब देखना ये है कि सरकार रिफायनरी को लेकर कब घोषणा कर पाती है। ये तो समय आने पर बता पाएंगे।

प्रेमी के खातिर बेटी ने की मां की हत्या

प्रेमी के खातिर बेटी ने की मां की हत्या

इंदौर। स्वार्थसिद्धि के लिए इंसान किस हद गिर सकता है इसका प्रत्यक्ष प्रमाण महू के पास गवली पलासिया में देखने को मिला है। वहां एक युवती ने लव मैरिज का विरोध करने वाली अपनी मां को ही मौत घाट उतार डाला। फिर अपनी करतूत पर परदा डालने के लिए प्रेमी के साथ इंदौर भाग आई व घटना के प्रति अनभिज्ञता जताती रही थी। मगर पुलिस की पड़ताल में सच्चाई सामने आई तब कलयुगी बेटी को हवालात पहुंचाया जा सका है।

एएसपी देहात पkविलोचन शुक्ल के अनुसार यह घटना बड़गोंदा थाना क्षेत्र के गवली पलासिया में 25 अक्टूबर की शाम हुई थी। वहां आनंद नगर में रहने वाली गीताबाई पति कैलाश अग्रवाल (45) की रक्तरंजित लाश उसके घर में पड़ी मिली थी। पास रहने वालों ने लाश देखी तो पुलिस को सूचना दी थी। पुलिस की प्राथमिक पड़ताल में पता चला कि वह अपनी बेटी मीना उर्फ सोनू (22) के साथ रहती थी। घटना के कुछ देर पहले ही मीना किसी काम से इंदौर के लिए रवाना हुई थी। पुलिस ने मीना से संपर्क किया तो उसने घटना के प्रति अनभिज्ञता बताई थी। इसे चोरी, लूट या किसी रंजिश में हत्या का मामला समझकर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया व तहकीकात शुरू की थी। मृतका की लाश की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि किसी ठोस व बोथरे हथियार से सिर व शरीर के अन्य हिस्सों पर आई चोटों के कारण गीताबाई की मौत हुई थी। एएसपी शुक्ला, डीएसपी सीपीसिंह व बड़गोंदा टीआई ने अपने अमले के साथ घटनास्थल की बारीकी से पड़ताल की तो पता चला कि घर से कोई कीमती वस्तु गायब नहीं है। साथ ही यह तथ्य सामने आया कि वारदात में किसी चिरपरिचित व्यक्ति का हाथ होसकता है।
चाबी ने खोला राज

जांच में यह पता चला था कि घर के दरवाजे पर ताला लगा था। पड़ोसियों की मदद से पुलिस ने दरवाजा तोड़कर ही प्रवेश किया था। घर के ताले की दो ही चाबियां थीं। एक चाबी तो पहले दिन ही लाश के पास पड़ी मिली थी। जब पुलिस ने मीना उर्फ सोनू से दूसरी चाबी के संबंध में पूछा तो वह उसके पास मिली थी। आखिर उस पर सख्ती बरती गई तो इस अंधे कत्ल का राज खुल सका।

प्रेमी अभी जांच के घेरे में

एएसपी शुक्ल ने बताया कि मीना ने हत्या कबूल करते हुए बताया कि इंदौर के नंदा नगर में रहने वाले सचिन पिता मदन राठौर के साथ उसका प्रेम प्रसंग चल रहा था। वे दोनों लव मैरिज करना चाहते थे, लेकिन गीताबाई इस बात का विरोध कर रही थी। काफी प्रयास करने पर भी मां नहीं मानी तो मीना ने घर में रखे लोहे के सरिए से हमला कर मां को मौत के घाट उतार दिया। फिर प्रेमी सचिन के साथ इंदौर चली गई थी। प्राथमिक जांच में प्रेमी के खिलाफ कोई प्रमाण नहीं मिले हैं फिर भी पुलिस गहराई से छानबीन कर वारदात में उसकी की जांच कर रही है।

जैसलमेर में अरण्य पर्व रविवार को

जैसलमेर में अरण्य पर्व रविवार को

मशहूर जनजाति कलाकार बरसाएंगे लोक संस्कृति के रंग और रस

जैसलमेर, 3 नवम्बर/ पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से लोक कला यात्रा ‘‘अरण्य पर्व’’ के अन्तर्गत जैसलमेर के पूनम स्टेडियम में रविवार शाम सात बजे जनजाति कलाकारों के समूह देश-विदेश में प्रसिद्ध रंगारंग कार्यक्रम पेश करेंगे। इसकी सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं।

जिला कलक्टर शुचि त्यागी ने जैसलमेर में होने वाले अपनी तरह के इस अनूठे सांस्कृतिक उत्सव में शरीक होने की अपील जैसलमेरवासियों से की है। इस दौरान् देश के विभिन्न हिस्सों में जनजातियों की मशहूर लोककला और नृत्य शैलियों पर आधारित प्रतिनिधि कार्यक्रमों से भरपूर मनोरंजन का अवसर प्राप्त होगा।

जैसलमेर जिले में शुक्रवार से शुरू हुए तीन दिवसीय अरण्य पर्व के कार्यक्रमों का समापन रविवार शाम पूनम स्टेडियम में होगा जहां एक दर्जन से ज्यादा आदिवासी नृत्य शैलियों के 200 लोक कलाकारों द्वारा कला प्रदर्शन किया जायेगा।

पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, उदयपुर के निदेशक शैलेन्द्र दशोरा ने बताया कि इस आयोजन में राजस्थान से सहरिया स्वाँग, गरासिया गैर, गैर घूमरा, कुचामणी ख्याल, गुजरात से सिद्धि धमाल, मेवासी,डांग नृत्य, महाराष्ट्र से तारपा व सौंगी मुखवटे, गोवा से कुणबी गावड़ा व मई छत्तीसगढ़ से पंथी व गौंडी कर्मा मध्यप्रदेश नृत्य शैलियों से जुड़े अन्तर्राष्ट्रीय प्रसिद्धि प्राप्त कलाकारों के कार्यक्रम मन मोहेंगे।

देखभाल केंद्रों में बुजुर्गों को भी मिले सेक्स का हक




सेक्स पर जुड़ी तमाम चर्चाओं को आमतौर पर युवा वर्ग से जोड़ कर ही देखा जाता है. लेकिन एक नई रिपोर्ट में बुजुर्गों के सेक्स अधिकारों को लेकर सवाल उठाए गए हैं.

ऑस्ट्रेलियन सेंटर फॉर एविडेंस बेस्ड एज केयर नाम की संस्था ने नई रिपोर्ट जारी की है. इसमें कहा है कि बुजुर्गों के लिए बने देखभाल केंद्रों में रहने वाले लोगों को सेक्स के अधिकार से वंचित किया जा रहा है.रिपोर्ट के मुताबिक लोगों की बढ़ती उम्र और सुरक्षा चिंताओं के कारण इन संस्थानों में उम्रदराज लोगों को सेक्स का आनंद उठाने नहीं दिया जाता.

रिपोर्ट में कहा गया है कि सेक्स एक सामान्य चीज़ है और ढलती उम्र में स्वस्थ रहने की जो भी क्रियाएँ होती हैं उसमें सेक्स भी शामिल है. इसमें ऐसे लोगों को भी शामिल किया गया है जिन्हें डिमेंशिया है.

उनकी क्या इच्छा है....

बुजुर्गों की देखभाल करने वाले कार्यकर्ताओं को आशंका रहती है कि क्या ऐसे लोगों को यौन संबंध बनाने देना कानूनी है या जोखिम भरा तो नहीं है. इस वजह से कार्यकर्ता बूढ़े लोगों को शारीरिक तौर पर नजीदकियाँ बढ़ाने नहीं देते.

रिपोर्ट में इस बात को माना गया है कि ये जरूरी है कि कुछ मरीजों को किसी भी तरह की नुकसानदेह स्थिति से दूर रखा जाए लेकिन ये भी जरूरी है कि बूढ़े लोग सेक्स के बारे में अपने निर्णय खुद ले सकें.

इस रिपोर्ट की मानें तो मरीजों को सेक्स के बारे में अपनी इच्छा जाहिर करने का मौका न देकर एक तरह से उनकी स्वायत्ता का गला घोटना है और ये इन लोगों की उनकी देखभाल के कर्तव्य में कार्यकर्ताओं की विफलता है.

रिपोर्ट प्रकाशित करने वाले लोगों का कहना है कि बूढ़े लोगों के लिए बने देखभाल केंद्रों को औपचारिक नीतियाँ लागू करने के बारे में सोचना चाहिए या फिर इस मुद्दे से निपटने के लिए प्रशिक्षित स्टाफ रखना चाहिए
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पिता की अनदेखी के लिए पुत्र गए जेल

पिता की अनदेखी के लिए पुत्र गए जेल

राजस्थान के बाड़मेर ज़िले की एक अदालत ने एक बुज़ुर्ग पिता की अनदेखी और उन्हें अकेला छोड़ देने के जुर्म में उनके तीन पुत्रों को दो-दो महीने क़ैद की सज़ा सुनाई है.
एक बुज़ुर्ग
बाड़मेर के गुधमलानी एसडीएम अदालत ने फ़ैसला सुनाते हुए पुलिस को तीनों पुत्रों को फ़ौरन गिरफ़्तार करके जेल भेजने के आदेश दिए.70 साल के सोनाराम बिश्नोई ने अदालत से गुहार लगाई थी कि उनके पुत्रों ने उन्हें अकेला छोड़ दिया है और वे उनका ख़्याल नहीं रखते हैं.

सोनाराम बिश्नोई के छह पुत्र हैं और उनमें से तीन ने अदालत के निर्देश के बावजूद उनकी कोई मदद नहीं कर रहे थे.

उनके अनुसार उनके तीन पुत्रों ने अदालत के सामने वादा किया था कि वे अपने पिता का पूरा ख़्याल रखेंगे जबकि तीन पुत्रों ने किसी तरह की मदद से इनकार कर दिया था.

अदालत ने दोनों पक्षों की बात सुनी. पुत्रों का कहना था कि उनके पिता खुद ग़ैर-ज़िम्मेदार व्यक्ति हैं और उन्होंने कभी भी अपने पुत्रों का ख़्याल नहीं रखा था.

अदालत ने पहले पुत्रों को समझाने की कोशिश की कि वे अपने पिता का ख़्याल रखें, लेकिन उन्होंने अदालत की बात नहीं मानी.

तब जाकर एसडीएम शंकर लाल ने वरिष्ठ नागरिकों की देख-रेख के लिए बने क़ानून के तहत अपने अधिकारों का इस्तेमाल करके पुत्रों को सज़ा सुना दी.

राज्य में लगभग दो साल पहले बने क़ानून के अनुसार अगर कोई पुत्र अपने माता-पिता की अनदेखी का दोषी पाया जाता है तो उसे तीन महीने की सज़ा और पांच हज़ार रूपए तक का जुर्माना हो सकता है.

दो माह की पल्लवी के गर्भ में मिला बच्चा


Click to Downloadपटना राज्य के अररिया जिले के जोकीहाथ थाना क्षेत्र के बनकोरा गांव निवासी गंगा प्रसाद सिंह की दो माह की बेटी के गर्भ में बच्चा मिला है। यह आश्चर्यजनक संयोग भारत में दूसरी जबकि बिहार में पहली बार हुआ है। अल्ट्रासाउंट व सिटी स्कैन रिपोर्ट में पुष्टि होने के बाद चिकित्सा जगत में इस बात को लेकर नयी बहस छिड़ गयी है।

जानकारी के अनुसार गंगा प्रसाद सिंह की पत्नी मंजू देवी ने दो माह पूर्व एक बच्ची को जन्म दिया था। जन्म से ही बच्ची का पेट फूला हुआ था, जिससे उसे काफी पीड़ा हो रही थी। परेशान अंजू देवी ने अररिया के डॉ नसीर एवं डॉ ओम प्रकाश से उसे दिखाया। डॉक्टरों ने पेट में पानी होने की बात कही और काफी दिनों तक उसका इलाज किया। तमाम चिकित्सकीय प्रयासों के बावजूद बच्ची की तकलीफ कम नहीं हुई।

थक-हार कर पल्लवी के मां-पिता ने ग्रामीणों की सलाह पर पूर्णिया के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अमरेंद्र कुमार से उसे दिखाया। उन्होंने बच्ची का अल्ट्रासाउंट करवाने को कहा। रिपोर्ट में बच्ची पल्लवी के पेट में बच्चा मिला। इस हैरअंगेज घटना की पुष्टि के लिए सिटी स्कैन भी करवाया गया। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर यह मामला पूरे क्षेत्र में फैल गया। बच्ची को देखने के लिए अस्पताल में मीडियाकर्मियों व स्थानीय लोगों की भीड़ जमा हो गयी।

बच्ची के गर्भ में बच्च रहने का इतिहास काफी पुराना है। सबसे पहले जब यह मामला 1808 में प्रकाश में आया था, तब चिकित्सा विज्ञान उतना डेवलप नहीं था। उस वक्त जार्ज विलियम ने इसे देखा था। उस समय पोस्टमार्टम के दौरान बच्ची की पेट में बच्च मिला था।

अप्रैल 1990 में ग्रीस में व 1999 में महाराष्ट्र के नागपुर में संजू भगत के यहां भी इस तरह का मामला सामने आया था। इसके अलावा 2006 में पाकिस्तान, 2008 में इंडोनेशिया, 2008 व 2009 में चीन एवं 2011 में यूनान के इजिप्ट में गर्भस्थ शिशु के गर्भ में बच्चा मिला था।

वसुंधरा को पार्लियामेंटरी बोर्ड अध्यक्ष के लिए हरी झंडी



जयपुर.भाजपा हाईकमान ने नेता प्रतिपक्ष वसुंधरा राजे को स्टेट पार्लियामेंटरी बोर्ड का चेयरमैन बनाने के लिए हरी झंडी दे दी है। स्टेट पार्लियामेंटरी बोर्ड का गठन आने वाले दिनों में कभी भी हो सकता है। स्टेट पार्लिमेंटरी बोर्ड के चेयरमैन का पद इसलिए अहम है, क्योंकि विधानसभा और लोकसभा सहित स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं के लिए टिकट तय करने में बोर्ड अध्यक्ष की भूमिका अहम होती है।



पार्टी अध्यक्ष के रूप में अरुण चतुर्वेदी को ही रखते हुए दोनों खेमों में संतुलन बिठाना चाहती है। चतुर्वेदी लो-प्रोफाइल हैं और वसुंधरा राजे के साथ उनका तालमेल बिठाने में ज्यादा दिक्कत नहीं है।



भाजपा हाईकमान के सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी अगर विवादों में नहीं फंसते तो इसकी घोषणा अब तक हो जाती। वसुंधरा राजे का नाम स्टेट पार्लियामेंटरी बोर्ड के लिए इसलिए तय किया जा रहा है कि उनके समर्थक उन्हें अध्यक्ष बनाने की मांग करते रहे हैं, ताकि विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट वितरण में उनका पलड़ा भारी रहे।



अब तक इस बोर्ड की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष ही करते रहे हैं। पार्टी संविधान में राष्ट्रीय स्तर पर पार्लियामेंटरी बोर्ड के चेयरमैन के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष को ही बनाए जाने का उल्लेख है, लेकिन स्टेट पार्लियामेंटरी बोर्ड का अध्यक्ष कौन हो, इसे लेकर पार्टी संविधान का अनुच्छेद17 मौन है।



इसके राजनीतिक मायने क्या?



पार्टी की कमान वसुंधरा राजे को सौंपने को लेकर विवाद हो रहा है, इसलिए यह रास्ता उचित माना जा रहा है।


राजस्थान में वसुंधरा ही क्यों?


जिस तरह गुजरात में नरेंद्र मोदी, मध्यप्रदेश में शिवराजसिंह चौहान, हिमाचल प्रदेश में प्रेमकुमार धूमल, छत्तीसगढ़ में रमनसिंह आदि हैं, वैसे ही राजस्थान में वसुंधरा राजे क्यों नहीं हो सकतीं। प्रदेश में वे ही जननेता हैं और उनकी लोकप्रियता को विरोधी भी मानते हैं।


विरोध में ये तर्क


वे नेता प्रतिपक्ष रहते ही पार्टी से सीधे टकराव ले सकती हैं और दो-दो बार अपने इस्तीफों की पेशकश कर सकती हैं तो मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके तेवर और तीखे हो सकते हैं।



पार्लियामेंटरी बोर्ड क्या?


इसे राजनीतिक भाषा में स्टेट पार्लियामेंटरी बोर्ड कहा जाता है, लेकिन मूलत: यह स्टेट इलेक्शन कमेटी ही है।



प्रदेश से बाहर रहकर वसुंधरा ने संघ व हाईकमान के प्रमुख नेताओं और संगठन के फैसलों को प्रभावित करने वाले प्रमुख लोगों से मुलाकातें कीं।


विधायकों से ले रहीं फीडबैक


वसुंधरा राजे ने विधायकों से फीडबैक जुटाना शुरू कर दिया है। उनसे पूछा जा रहा है कि उनके इलाके के जातीय समीकरण क्या हैं? सरकारी कामों के क्या हाल हैं? लोगों में सरकार के प्रति कितना जनाक्रोश है और वे मुद्दे क्या हैं? विधायक के नाते उनका प्रोफाइल क्या है? हमारी सरकार को आपके इलाके में आज भी लोग किन कामों के लिए याद करते हैं? सरकार की कौन-सी बजट घोषणा पूरी नहीं हुई है?



हमारी सरकार के समय की वे कौन-सी घोषणाएं हैं, जो इस सरकार के समय पूरी हुई हैं। विधायकों से एक-एक पेज पर यह नोट मांगा जा रहा है। विधायकों से फीडबैक के आधार पर ही दिसंबर से शुरू होने वाली परिवर्तन यात्रा की रणनीति तय की जाएगी। उसी आधार पर घोषणाएं की जाएंगी। इसके लिए हर पाइंट और इलाके में काम करने वाले नेताओं की सूचियां तैयार हो चुकी हैं।


वसुंधरा राजे स्थापित नेता : कप्तान सिंह


वसुंंधरा राजे प्रदेश में पार्टी की स्थापित नेता हैं। जो स्थापित होता है, वही आम तौर पर मुख्यमंत्री होता है। चाहे गुजरात को देखें या हिमाचल को। पार्टी में अनुशासन और संविधान की व्यवस्था है। इसलिए इसकी औपचारिक घोषणा बहुमत आने के बाद की जाती है। जहां तक पार्लियामेंटरी बोर्ड के चेयरमैन का सवाल है, अभी बोर्ड की घोषणा नहीं हुई है।

कप्तान सिंह, प्रदेश प्रभारी भाजपा


हां, कभी-कभी ऐसा भी होता है : चतुर्वेदी


स्टेट पार्लियामेंटरी बोर्ड का अध्यक्ष वैसे तो प्रदेशाध्यक्ष ही होता है, लेकिन कुछ प्रदेशों में कभी-कभी (कभी-कभी पर विशेष जोर) कहीं-कहीं किसी अन्य नेता को भी बना दिया जाता है।


ललितकिशोर चतुर्वेदी, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष

जयपुर के संस्थापक सवाई जयसिंह की 325वीं जयंती मनाई

जयपुर। जयपुर के संस्थापक महाराजा सवाई जयसिंह की 325वीं जयंती पर शनिवार को स्टेच्यू सर्किल पर पुष्पांजली कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम के दौरान मंजू शर्मा व संजय रायजादा ने भजनों का गायन किया। जय गणपति वंदन गणनायक, वैष्णवजन जनतो तैने कहिए जो और सत्यम शिवम सुंदरम् आदि भजनों की मनमोहक प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम में महापौर ज्योति खण्डेलवाल,उपमहापौर मनीष पारीक, निगम की सांस्कृतिक समिति की अध्यक्ष दुर्गेश नंदिनी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जगरूप सिंह यादव, आयुक्त मुख्यालय डॉ वीरेन्द्र मीणा, सभी जोनल आयुक्त ने महाराजा सवाई जयसिंह को पुष्प अर्पित किए। इस अवसर पर बड़ी संख्या में अधिकारी, निगमकर्मी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि महाराज सवाई जय सिंह ने ही जयपुर को बसाया था और उन्हीं के नाम पर जयपुर नाम रखा गया है। वे ज्योतिषविद, कुशल प्रशासक और योद्धा होने के साथ-साथ अंतरिक्ष विज्ञान से बहुत प्रभावित भी थे। उन्होंने ही जंतर-मंतर नाम से वैधशालाओं का निर्माण करवाया।

अब मुलायम सिंह पर बरसे केजरीवाल

अब मुलायम सिंह पर बरसे केजरीवाल

नई दिल्ली। इंडिया अंगेस्ट कार्पोरेशन के सदस्य, सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने इस बार अपना निशाना समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को बनाया है। केजरीवाल माइक्रो ब्लागिंग साइट टि्वटर पर यादव पर जमकर भड़ास निकाली है। उन्होंने यादव द्वारा अमर सिंह के खिलाफ मनी लॉन्डरिंग केस वापस लेने को शर्मनाक बताया।

केजरीवाल ने टि्वटर पर लिखा, अमर सिंह के खिलाफ मनी लॉन्डरिंग केस वापस लेना शर्मनाक है। क्या यह न्याय व्यवस्था के लिए अपराधिक नहीं है। हमें इस तरह की आपराधिक व्यवस्था को पूरी तरह से खत्म करना होगा।

साथ ही लिखा मुलायम सिंह अब सलमान खुर्शीद के खिलाफ केस वापस लेंगे। वे सही समय का इंतजार कर रहे है। अब देश के वर्तमान नेताओं से देशवासियों को कोई उम्मीद नहीं है। इन नेताओं और ऎसी व्यवस्था को जड़ से ही उखाड़ फेंकना होगा। जब से हमने नेताओं की पोल खोलना शुरू की तब से देश भर के लोग हमें सूचनाएं भेज रहे है।

भोपाल में डीआईजी से मिले 15 करोड़

भोपाल में डीआईजी से मिले 15 करोड़

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के जेल मुख्यालय में पदस्थ एक डीआईजी के यहां लोकायुक्त पुलिस छापेमारी में 15 करोड़ रूपए से अधिक की आय से अधिक संपत्ति मिली है। उप महानिरीक्षक (डीआईजी) उमेश गांधी के सरकार और निजी ठिकानों पर लोकायुक्त पुलिस संगठन की यह छापेमारी कार्रवाई शनिवार सुबह हुई। भोपाल के ओल्ड सुभाष नगर स्थित मकान से अभी तक मिले दस्तावेजों और अन्य सामान तथा रिकॉर्ड को खंगालने की कार्रवाई अभी जारी है।

लोकायुक्त पुलिस संगठन भोपाल पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ चौधरी ने बताया कि डीआईजी गांधी के खिलाफ आय से अधिक की संपत्ति की प्रमाण सहित शिकायते मिली थी। इन शिकायतों की जांच के बाद सुबह लोकायुक्त पुलिस के तीन दलों ने भोपाल और सागर में श्री गांधी के शासकीय आवास और अन्य ठिकानों पर छापे की कार्रवाई की।

1.89 करोड़ की एफडी,38 लाख की बीमा

चौधरी ने बताया कि छापे की कार्रवाई में अभी प्रारंभिक रूप से गांधी के पास से 1.89 करोड की सावधि जमा(एफडी),85 लाख बैंकों में जमा,38 लाख की जीवन बीमा पॉलिसियां,लाखों रूपए नगद एवं सोने-चांदी के जेवरात तथा करीब अचल संपत्तियां कुल 15 करोड़ रूपए से अधिक की आय से अधिक चल एवं अचल संपत्ति का पता चला है।

27 मकान,दुकान और प्लाट

पुलिस के अनुसार छापे में गांधी के भोपाल स्थित शासकीय आवास से अभी तक बरामद किए गए दस्तावेजों से गांधी की इंदौर, भोपाल,रायसेन,सागर,कटनी और जबलपुर में करीब 27 मकान,दुकाने,प्लाट और जमीने होना पाया गया है। इस संपत्ति के दस्तावेजों का पूरा परीक्षण करने के बाद ही वास्तविक मूल्य का पता चल पाएगा।

कई शहरों में रहे जेल अधिकारी

पुलिस के अनुसार डीआईजी गांधी जेल अधीक्षक से लेकर अन्य पदों पर भोपाल,इंदौर,ग्वालियर,रीवा सहित अन्य शहरों के जेलों में पदस्थ रहे हैं। इनके खिलाफ जेल के सामान खरीदी में घपले करने की शिकायतें हो चुकी थी। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि भोपाल और सागर में गांधी और उनके भाई अजय गांधी के भोपाल स्थित ओल्ड सुभाष नगर के मकान से अभी तक मिले दस्तावेजों और अन्य सामान तथा रिकॉर्ड को खंगालने की कार्रवाई जारी है।

जिकर्रुहमान का तांगा रहा प्रथम


जिकर्रुहमान का तांगा रहा प्रथम

तांगा दौड़ के रोमांच के साथ उर्स का समापन

  रोल अलसुबह शुरू हुई तांगा दौड़...कोचवानों के इशारे पर दौड़ते घोड़े...सड़क के किनारों पर खड़े दर्शक...भीड़ को काबू में करती पुलिस...। पाक जुब्बा शरीफ के उर्स में शुक्रवार को उत्साह और उमंग के साथ तांगा दौड़ देख दर्शक रोमांचित हो उठे। दर्शकों ने तालियां बजा कर कोचवानों का हौंसला बढ़ाया। भोर के समय दौड़ते तांगों की आवाज सुनकर देखने वाले भी उत्साह से भर गए। नागौर के दिल्ली दरवाजा में सबसे पहले दिल्ली के कोचवान जिकर्रुहमान के तांगे ने प्रवेश कर जीत दर्ज की। सुबह 6.30 बजे तांगा दौड़ देखने सड़क किनारे दर्शकों की रेलमपेल बन गई। रोल से नागौर तक भोर के समय हल्के अंधेरे को चीरते तांगे एक दूसरे से आगे निकलने की कोशिश में थे। सबसे आगे चल रहे कोचवान जिकुर्रुहमान व अहमद खां के तांगों में अंत तक एक दूसरे से आगे निकलने की जद्दोजहद रही। हवा से बातें कर रहे तांगे मेलार्थियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गए। इस दौरान पुलिस बंदोबस्त रहा। रास्ते हूटिंग का दौर तांगों के नागौर पहुंचने तक नहीं थमा।

ये रहे विजेता

बासनी के हबीबुर्रहमान के घोड़े को चला रहे कोचवान जिकर्रुहमान ने पहला स्थान प्राप्त किया। दूसरे स्थान पर अहमद खां व तीसरे स्थान पर जयपुर के अन्नू उर्फ मुन्ना का तांगा रहा। नगरपरिषद ने विजेताओं को पुरस्कृत किया।

रोल मेले का समापन

तांगा दौड़ के साथ ही तीन दिवसीय मेले का समापन शुक्रवार को हुआ। वक्फ कमेटी के सदर मोहम्मद फारूक ने कमेटी की ओर से मेला व्यवस्थाओं में सहयोग के लिए पुलिस, प्रशासन, रोल ग्राम पंचायत व ग्रामीणों का आभार जताया।

खरीदारी का दौर चला

रोल के जुब्बा शरीफ के मेले में तांगा दौड़ के साथ समापन के बावजूद शुक्रवार को दिन भर मेले में लगी दुकानों पर खरीदारी होती रही। यह खरीदारी ग्रामीण इलाकों के लोगों की थी। ग्रामीण क्षेत्र की महिलांए विशेष तौर से सजधज कर मेले में पहुंचकर मौत का कुआं, झूलों का आनंद लेते हुए खूब खरीदारी की। शुक्रवार को रोल के अलावा डिडिया कला व खुर्द, छावटा, गगवाना, सुरजनियावास, खेतोलाव, खेरवाड़, टांगला, बुगरड़ा, सोमणा, डेह, खंवर, रातंगा, कसनाऊ, मूंडवा, फरड़ौदा, ज़ायल सहित कई गांवों के लोगों ने खरीदारी की।

देर रात चला कव्वाली का दौर

मेले के दौरान गुरुवार को दरगाह में कवाल सरफूद्दीन नईमुद्दीन एंड पार्टी द्वारा बेहतरीन अंदाज में उम्दा कव्वालियों की प्रस्तुतियां देकर खूब दाद बटोरी। प्रोग्राम देर रात तक चला।






शराबी पति से परेशान पत्नी ने की आत्महत्या


शराबी पति से परेशान पत्नी ने की आत्महत्या

नागौरश्रीबालाजी कस्बे की ढाणियों में रहने वाली चार बच्चों की मां ने शुक्रवार को शराबी पति से परेशान होकर शरीर पर केरोसीन डाल आग लगाकर आत्महत्या कर ली। उसके पिता ने दहेज के लिए प्रताडि़त करने व आए दिन परेशान करने, मरने के लिए प्रेरित करने के आरोप में मामला दर्ज किया है। थानाधिकारी मनोज माचरा ने बताया कि गीता (28) पत्नी जेठाराम मेघवाल ने शरीर पर केरोसीन डाल कर आग लगा ली। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पड़ोसी प्रेमाराम मेघवाल की सूचना पर श्रीबालाजी पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने श्रीबालाजी अस्पताल में मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाकर शव उसके पिता को सुपुर्द कर दिया। गीता के पिता गुढ़ा भगवानदास निवासी भगवानाराम पुत्र जोगाराम मेघवाल ने रिपोर्ट दी कि गीता को उसका पति जेठाराम मेघवाल आए दिन शराब के नशे में मारपीट कर दहेज के लिए प्रताडि़त करता था। इससे परेशान होकर गीता ने आत्महत्या कर ली।

पहले किया बच्चे को कमरे में बंद

थानाधिकारी ने बताया कि महिला का पति घर से बाहर गया हुआ था। उस दौरान घर में उसका एक साल का बच्चा ही था। एक लड़का स्कूल गया हुआ था। दो लड़के पास की ढाणी में खेलने गए थे। गीत ने आत्महत्या करने से पहले एक साल के बच्चे को कमरे में बंद कर कुंडी लगा दी। फिर केरोसिन से आग लगा कर आत्महत्या कर ली। इस संबंध में पुलिस ने किसी को गिरफ्तार नहीं किया है।

केबिन में युवती के साथ मिला विचाराधीन बंदी

केबिन में युवती के साथ मिला विचाराधीन बंदी
डीडवाना (नागौर)। चर्चित गोदारा हत्याकाण्ड का विचाराधीन बंदी संजय पांडे शुक्रवार को एक मेडिकल स्टोर के केबिन में युवती के साथ मिला। चालानी गार्ड उसे जांच के लिए अस्पताल लेकर आए थे। विधायक रूपाराम डूडी की इत्तला पर पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे।


डूडी ने आरोप लगाया कि केबिन में बंदी और युवती आपत्तिजनक हालत में मिले। पुलिस अधिकारियों ने बंदी को वापस जेल भेज दिया व युवती को पूछताछ के लिए थाने ले आए। पुलिस अधीक्षक भूपेन्द्र साहू ने तीनों चालानी गार्ड को निलम्बित कर दिया है। पुलिस के अनुसार पांडे डीडवाना उप कारागृह में काफी समय से बंद है।

बीमार होने के कारण जेलकर्मी उसे शुक्रवार दोपहर 12.30 बजे राजकीय बांगड़ अस्पताल लेकर गए। प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. बी. एस. राठौड़ ने उसकी जांच की। जांच के बाद जेलकर्मी बंदी पांडे को एक निजी मेडिकल स्टोर पर ले गए। वहां उससे मिलने एक युवती आई। पांडे युवती को बात करने के लिए दुकान के अन्दर बनी केबिन में ले गया।

सूचना पर विधायक डूडी उक्त दुकान पर पहुंच गए। डूडी का कहना है कि पांडे व युवती वहां संदिग्धावस्था में मिले। विधायक ने पुलिस व प्रशासन के आला अधिकारियों को बुलवा लिया। कुछ ही देर में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अशोक कुलश्रेष्ठ, व अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे।


तीनों चालानी गार्ड को निलम्बित कर दिया गया है। युवती की भूमिकाकी जांच की जा रही है। युवती ने पूछताछ में बताया कि वह जयपुर की रहने वाली है और पेशे से वकील है। उसकी मदद करने के लिए वह उससे मिलने आई थी। मामले में अतिरिक्त जिला कलक्टर विश्वम्बर लाल व पुलिस उप अधीक्षक हेमाराम चौधरी को जांच अधिकारी बनाया गया है।
भूपेन्द्र साहू, पुलिस अधीक्षक नागौर

"मैं राजभवन में बैठने वाली औरत नहीं"

"मैं राजभवन में बैठने वाली औरत नहीं"

जयपुर। बहाव क्षेत्र में अतिक्रमण के लिए अफसरों को जिम्मेदार ठहराने और सड़े गेहूं की आवक पर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगने जैसी कार्रवाई से सक्रिय नजर आ रहीं राज्यपाल मार्गे्रट आल्वा ने शुक्रवार को यहां कहा कि वे राजभवन में बैठने वाली औरत नहीं हैं। उन्हें काम के लिए यहां भेजा गया है और वे काम करने आई हैं।

साथ ही उन्होंने यह भी साफ किया कि वे राजभवन में जनता दरबार नहीं लगातीं अलबत्ता जो लोग आग्रह करते हैं उनसे सीधे मिलकर उनकी समस्या का समाधान करने की कोशिश करती हैं। वे सप्ताह में 3 दिन लोगों से मिलती हैं। आल्वा राजभवन में मीडिया से अनौपचारिक बात कर रही थीं।

नहीं चाहती थी लोग सड़ा गेहूं खाएं
सड़े गेहूं की आवक से जुड़े सवाल पर राज्यपाल बोलीं, मीडिया में (राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित) यह खबर आने पर उन्होंने सरकार से रिपोर्ट मांगी। क्या कोई दिशा निर्देश दिए? इस सवाल के जवाब में राज्यपाल ने कहा कि वे सार्वजनिक वितरण प्रणाली से जुड़े विभाग की मंत्री नहीं हैं। उनके सामने यह मामला आया तो उन्होंने रिपोर्ट मांगी, इस पर तुरंत कार्रवाई हुई। मैं नहीं चाहती लोग सड़ा गेहूं खाकर बीमार पड़ें। संयुक्त जांच में150 कट्टे सड़े गेहूं के निकले हैं। खराब गेहूं पशुओं के खाने या खाद के काम आएगा।

गरीबों के भी अधिकार
बहाव क्षेत्र में अतिक्रमण के लिए अफसरों को जिम्मेदार ठहराने के वक्तव्य का जिक्र आने पर आल्वा ने कहा कि अतिक्रमण हटाए जा रहे हैं पर वहां रहने वाले गरीब लोग हैं, वे भी नागरिक हैं और उनके भी अधिकार हैं। उनकी सीएम से बात हुई है, जिसमें विकल्प के बारे में तय हुआ।

कौन पहुंचाएगा पिंकी को वाराणसी ?



कौन पहुंचाएगा पिंकी को वाराणसी ?

25 दिन से अस्पताल में भर्ती है लावारिस युवती


108 ने पहुंचाया था अस्पताल, अस्पताल प्रबंधन ने कर दिया इलाज...और अब इस युवती के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है


जैसलमेर मेरा नाम पिंकी है, मेरे पिता का नाम समृद्ध उपाध्याय और मां का नाम मीरा देवी है, मैं बनारस से आई हूं, जहां गंगा का घाट है....। बस वह इतना ही बोलती है और उसके बाद अपने परिजनों को याद कर फफक पड़ती है। यह दुखद कहानी है एक मानसिक विक्षिप्त युवती की। जो भटकते हुए जैसलमेर पहुंच गई थी। यहां उसे सिर पर गंभीर चोट भी लगी, चोट लगने का कारण पता नहीं चल पा रहा है। चोटिल युवती के लिए किसी ने 108 को फोन किया और 108 ने उसे अस्पताल में छोड़ दिया। अस्पताल प्रबंधन पिछले 25 दिन से उसका इलाज कर रहा है, अब उसका स्वास्थ्य काफी बेहतर है। मगर अब उसे वापिस भेजने की बात है तो हर कोई असमंजस में पड़ जाता है। अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को इतिला दे दी है। लेकिन अभी तक कोई इस युवती को वाराणसी भेजने के लिए आगे नहीं आया है।

कैसे जाएगी अपने घर: अस्पताल प्रबंधन और पुलिस के साथ साथ जो भी इस युवती के बारे में जानता है वह यही सोच रहा है कि आखिर पिंकी कैसे अपने घर पहुंचेगी 

वह अभी तक यह बता पाई है कि वह बनारस की रहने वाली है, वहां पर कहां रहती है और क्या पता है, कुछ भी नहीं बताया। ऐेसे में उसे वहां भेजना काफी मुश्किल है। अस्पताल प्रबंधन ने इस संबंध में पुलिस को भी इतिला कर दी है।





पूर्व सांसद मानवेंद्र सिंह आज से जिले के दौरे पर

पूर्व सांसद आज से जिले के दौरे पर 


बाड़मेर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य एवं पूर्व सांसद बाड़मेर-जैसलमेर मानवेंद्र सिंह शनिवार से सात दिवसीय बाड़मेर दौरे पर आएंगे। पूर्व सांसद सिंह 3 से 9 नवंबर तक जिले के विभिन्न गांवों का दौरा कर ग्रामीणों से रूबरू होंगे। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार वे शनिवार को बाड़मेर आएंगे। 4 को चौहटन मुख्यालय पर आयोजित भाजपा मंडल की बैठक में भाग लेंगे तथा चौहटन के विभिन्न गांवों का दौरा कर सामाजिक कार्यक्रम में भाग लेंगे। 5 को रामसर क्षेत्र के गांवों का दौरा करेंगे। इसी तरह 6 को जिले के आसपास के गांवों का दौरा कर जनसुनवाई करेंगे। 7 को सीमावर्ती क्षेत्र चौहटन के विभिन्न गांवों का दौरा करेंगे। 8 को पंचायत समिति सिणधरी के विभिन्न गांवों का दौरा कर ग्रामीणों से रूबरू होंगे। 9 को बायतू व बालोतरा के विभिन्न गांवों का दौरा कर ग्रामीणों से रूबरू होंगे।

बाडमेर श्री नाकोडा पार्श्वनाथ तीर्थ


श्री नाकोडा पार्श्वनाथ तीर्थ


श्री नाकोडा पार्श्वनाथ तीर्थ

श्री नाकोडा पार्श्वनाथ तीर्थ एक अत्यंत प्राचीन तीर्थ स्थल है जो राजस्थान राज्य में बाडमेर के नाकोडा ग्राम में स्थित है। भारत मेंरामायण और महाभारत काल तक तीर्थ स्थलों की प्राप्ति हो चुकी थी। इन दो महाकाव्यों में तीर्थ शब्द का अनेक बार उल्लेख आया है। नाकोडा तीर्थ स्थल प्रमुख दो कारणों से विख्यात है-पहला कारण

श्वेताम्बर जैन समाज के तेईसवें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ की दसवीं शताब्दी की प्राचीनतम मूर्ति का मिलना और पांच सौ छह सौ वर्षो पूर्व उस चमत्कारी मूर्ति का जिनालय में स्थापित होना। मुख्य मंदिर की भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा चूंकि सिन्दरी के पास नाकोडा ग्राम से आई थी, अतः यह तीर्थ नाकोडा पार्श्वनाथ के नाम से प्रसिद्ध हुआ। यह क्षेत्र लगभग दो हज़ार वर्ष से जैन आध्यात्मिक गतिविधियों का केंद्र रहा है। यहाँ के खेडपटन और मेवानगर अथवा विरामपुर इस संदर्भ में जैन ऐतिहासिक परम्पराओं से जुड़े रहे हैं।दूसरा कारण

तीर्थ के अधियक देव श्री भैरव देव की स्थापना पार्श्वनाथ मंदिर के परिसर में होना है, जिनके देवी चमत्कारों के कारण हज़ारों लोग प्रतिवर्ष श्री नाकोडा भैरव के दर्शन करने यहाँ आते है और मनवांछित फल पाते हैं।
इतिहास

किदवंतियों के आधार पर श्री जैन श्वेताम्बर नाकोडा पार्श्वनाथ तीर्थ का प्राचीनतम उल्लेख महाभारत काल यानि भगवान श्री नेमिनाथ जी के समयकाल से जुड़ता है किन्तु आधारभूत ऐतिहासिक प्रमाण से इसकी प्राचीनता विक्रम संवत 200-300 वर्ष पूर्व यानि 2000-2300 वर्ष पूर्व की मानी जा सकती है। अतः श्री नाकोडा पार्श्वनाथ तीर्थ राजस्थान के उन प्राचीन जैन तीर्थो में से एक है, जो 2000 वर्ष से भी अधिक समय से इस क्षेत्र की खेड़पटन एवं मेवानगर की ऐतिहासिक सम्रद्ध, संस्कृतिक धरोहर का श्रेष्ठ प्रतीक है। मेवानगर के पूर्व में विरामपुर नगर के नाम से प्रसिद्ध था। विरामसेन ने विरामपुर तथा नाकोरसेन ने नाकोडा नगर बसाया था। आज भी बालोतरा- सीणधरी हाईवे पर नाकोडा ग्राम लूनी नदी के तट पर बसा हुआ है, जिसके पास से ही इस तीर्थ के मूल नायक भगवन की इस प्रतिमा की पुनः प्रति तीर्थ के संस्थापक आचार्य श्री किर्ति रत्न सुरिजी द्वारा विक्रम संवत 1090 व 1205 का उल्लेख है।
भैरव देवजी की स्थापना

श्री नाकोडा अधियक भैरव देव जी की स्थापना विक्रम संवत 1502 में आचार्य श्री किर्तिरत्न सूरि जी ने नाकोडा पार्श्वनाथ प्रभु की प्रति के समय की थी। अत्यंत मनमोहक पीले पाषाण की महान विलक्षण प्रतिमा स्थापित है, जिसे श्री नाकोडा भैरव कहा जाता है। समीप ही श्री नाकोडा बाँध पर भैरव के दूसरे रूप की प्रतिमा भी स्थापित है, जिसे कालिया भैरवके नाम से जाना जाता है।
अधिनायक देव श्री भैरव देव

नाकोडा पार्श्वनाथ जी की अराधना

तीर्थ के अधिनायक देव श्री भैरव देव की मूल मंदिर में अत्यंत चमत्कारी प्रतिमा है, जिसके प्रभाव से देश के कोने कोने से लाखों यात्री प्रतिवर्ष यहाँ दर्शनार्थ आकर स्वयं को कृतकृत्य अनुभव करते है। वैसे तीनों मंदिरवास्तुकला के अद्भुत नमूने है। चौमुखजी कांच का मंदिर, महावीर स्मृति भवन, शांतिनाथ जी के मंदिर में तीर्थंकरों के पूर्व भवों के पट्ट भी अत्यंत कलात्मक व दर्शनीय है।
उत्थान एवं पतन

तीर्थ ने अनेक बार उत्थान एवं पतन को आत्मसात किया है। विधर्मियों की विध्वंसात्मक- वृत्ति में विक्रम संवत 1500 के पूर्व इस क्षेत्र के कई स्थानों को नष्ट किया है, जिसका दुष्प्रभाव यहाँ पर भी हुआ। लेकिन संवत1502 की प्रति के पश्चात पुन: यहाँ प्रगति का प्रारम्भ हुआ और वर्तमान में तीनों मंदिरों का परिवर्तित व परिवर्धित रूप इसी काल से सम्बंधित है। संवत 1959 - 60 में साध्वी प्रवर्तिनी श्री सुन्दर जी ने इस तीर्थ के पुन: उद्धार का काम प्रारंभ कराया और गुरु भ्राता आचार्य श्री हिमाचल सूरीजी भी उनके साथ जुड़ गये। इनके अथक प्रयासों से आज ये तीर्थ विकास के पथ पर निरंतर आगे बढ़ता रहा है। मूल नायक श्री नाकोडा पार्श्वनाथ जी के मुख्य मंदिर के अलावा प्रथम तीर्थंकर परमात्मा श्री आदिनाथ प्रभु एवं तीसरा मंदिर सोलवें तीर्थंकर परमात्मा श्री शांतिनाथ प्रभु का है। इसके अतिरिक्त अनेक देवालय, ददावाडियाँ एवं गुरुमंदिर है जो मूर्तिपूजक परंपरा के सभी गछों को एक संगठित रूप से संयोजे हुए है।
कैसे पहुँचे
यह तीर्थ जोधपुर से 116 किमी तथा बालोतरा से 12 किमी (उत्तरी रेलवे स्टेशन) जोधपुर बाड़मेर मुख्य रेल मार्ग पर स्थित है।
तीर्थ स्थान प्राय: सभी केंद्र स्थानों से पक्की सड़क द्वारा जुड़ा हुआ है।
श्री नाकोडा तीर्थ ट्रस्ट यात्रियों के लिए निवास, भोजन, पुस्तकालय, औषधालय आदि की सभी प्रकार की व्यवस्था सहर्ष करता है।
मंदिर के खुलने का समयगर्मी (चैत्र सुदी एकम से कार्तिक वदी अमावस तक)

प्रातः : 5:30 बजे से रात्रि 10:00 बजे तकसर्दी (कार्तिक सुदी एकम से चैत्र वदी अमावस त