शनिवार, 3 नवंबर 2012

दो माह की पल्लवी के गर्भ में मिला बच्चा


Click to Downloadपटना राज्य के अररिया जिले के जोकीहाथ थाना क्षेत्र के बनकोरा गांव निवासी गंगा प्रसाद सिंह की दो माह की बेटी के गर्भ में बच्चा मिला है। यह आश्चर्यजनक संयोग भारत में दूसरी जबकि बिहार में पहली बार हुआ है। अल्ट्रासाउंट व सिटी स्कैन रिपोर्ट में पुष्टि होने के बाद चिकित्सा जगत में इस बात को लेकर नयी बहस छिड़ गयी है।

जानकारी के अनुसार गंगा प्रसाद सिंह की पत्नी मंजू देवी ने दो माह पूर्व एक बच्ची को जन्म दिया था। जन्म से ही बच्ची का पेट फूला हुआ था, जिससे उसे काफी पीड़ा हो रही थी। परेशान अंजू देवी ने अररिया के डॉ नसीर एवं डॉ ओम प्रकाश से उसे दिखाया। डॉक्टरों ने पेट में पानी होने की बात कही और काफी दिनों तक उसका इलाज किया। तमाम चिकित्सकीय प्रयासों के बावजूद बच्ची की तकलीफ कम नहीं हुई।

थक-हार कर पल्लवी के मां-पिता ने ग्रामीणों की सलाह पर पूर्णिया के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अमरेंद्र कुमार से उसे दिखाया। उन्होंने बच्ची का अल्ट्रासाउंट करवाने को कहा। रिपोर्ट में बच्ची पल्लवी के पेट में बच्चा मिला। इस हैरअंगेज घटना की पुष्टि के लिए सिटी स्कैन भी करवाया गया। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर यह मामला पूरे क्षेत्र में फैल गया। बच्ची को देखने के लिए अस्पताल में मीडियाकर्मियों व स्थानीय लोगों की भीड़ जमा हो गयी।

बच्ची के गर्भ में बच्च रहने का इतिहास काफी पुराना है। सबसे पहले जब यह मामला 1808 में प्रकाश में आया था, तब चिकित्सा विज्ञान उतना डेवलप नहीं था। उस वक्त जार्ज विलियम ने इसे देखा था। उस समय पोस्टमार्टम के दौरान बच्ची की पेट में बच्च मिला था।

अप्रैल 1990 में ग्रीस में व 1999 में महाराष्ट्र के नागपुर में संजू भगत के यहां भी इस तरह का मामला सामने आया था। इसके अलावा 2006 में पाकिस्तान, 2008 में इंडोनेशिया, 2008 व 2009 में चीन एवं 2011 में यूनान के इजिप्ट में गर्भस्थ शिशु के गर्भ में बच्चा मिला था।

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