शनिवार, 3 नवंबर 2012

"मैं राजभवन में बैठने वाली औरत नहीं"

"मैं राजभवन में बैठने वाली औरत नहीं"

जयपुर। बहाव क्षेत्र में अतिक्रमण के लिए अफसरों को जिम्मेदार ठहराने और सड़े गेहूं की आवक पर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगने जैसी कार्रवाई से सक्रिय नजर आ रहीं राज्यपाल मार्गे्रट आल्वा ने शुक्रवार को यहां कहा कि वे राजभवन में बैठने वाली औरत नहीं हैं। उन्हें काम के लिए यहां भेजा गया है और वे काम करने आई हैं।

साथ ही उन्होंने यह भी साफ किया कि वे राजभवन में जनता दरबार नहीं लगातीं अलबत्ता जो लोग आग्रह करते हैं उनसे सीधे मिलकर उनकी समस्या का समाधान करने की कोशिश करती हैं। वे सप्ताह में 3 दिन लोगों से मिलती हैं। आल्वा राजभवन में मीडिया से अनौपचारिक बात कर रही थीं।

नहीं चाहती थी लोग सड़ा गेहूं खाएं
सड़े गेहूं की आवक से जुड़े सवाल पर राज्यपाल बोलीं, मीडिया में (राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित) यह खबर आने पर उन्होंने सरकार से रिपोर्ट मांगी। क्या कोई दिशा निर्देश दिए? इस सवाल के जवाब में राज्यपाल ने कहा कि वे सार्वजनिक वितरण प्रणाली से जुड़े विभाग की मंत्री नहीं हैं। उनके सामने यह मामला आया तो उन्होंने रिपोर्ट मांगी, इस पर तुरंत कार्रवाई हुई। मैं नहीं चाहती लोग सड़ा गेहूं खाकर बीमार पड़ें। संयुक्त जांच में150 कट्टे सड़े गेहूं के निकले हैं। खराब गेहूं पशुओं के खाने या खाद के काम आएगा।

गरीबों के भी अधिकार
बहाव क्षेत्र में अतिक्रमण के लिए अफसरों को जिम्मेदार ठहराने के वक्तव्य का जिक्र आने पर आल्वा ने कहा कि अतिक्रमण हटाए जा रहे हैं पर वहां रहने वाले गरीब लोग हैं, वे भी नागरिक हैं और उनके भी अधिकार हैं। उनकी सीएम से बात हुई है, जिसमें विकल्प के बारे में तय हुआ।

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