भोपाल में डीआईजी से मिले 15 करोड़
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के जेल मुख्यालय में पदस्थ एक डीआईजी के यहां लोकायुक्त पुलिस छापेमारी में 15 करोड़ रूपए से अधिक की आय से अधिक संपत्ति मिली है। उप महानिरीक्षक (डीआईजी) उमेश गांधी के सरकार और निजी ठिकानों पर लोकायुक्त पुलिस संगठन की यह छापेमारी कार्रवाई शनिवार सुबह हुई। भोपाल के ओल्ड सुभाष नगर स्थित मकान से अभी तक मिले दस्तावेजों और अन्य सामान तथा रिकॉर्ड को खंगालने की कार्रवाई अभी जारी है।
लोकायुक्त पुलिस संगठन भोपाल पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ चौधरी ने बताया कि डीआईजी गांधी के खिलाफ आय से अधिक की संपत्ति की प्रमाण सहित शिकायते मिली थी। इन शिकायतों की जांच के बाद सुबह लोकायुक्त पुलिस के तीन दलों ने भोपाल और सागर में श्री गांधी के शासकीय आवास और अन्य ठिकानों पर छापे की कार्रवाई की।
1.89 करोड़ की एफडी,38 लाख की बीमा
चौधरी ने बताया कि छापे की कार्रवाई में अभी प्रारंभिक रूप से गांधी के पास से 1.89 करोड की सावधि जमा(एफडी),85 लाख बैंकों में जमा,38 लाख की जीवन बीमा पॉलिसियां,लाखों रूपए नगद एवं सोने-चांदी के जेवरात तथा करीब अचल संपत्तियां कुल 15 करोड़ रूपए से अधिक की आय से अधिक चल एवं अचल संपत्ति का पता चला है।
27 मकान,दुकान और प्लाट
पुलिस के अनुसार छापे में गांधी के भोपाल स्थित शासकीय आवास से अभी तक बरामद किए गए दस्तावेजों से गांधी की इंदौर, भोपाल,रायसेन,सागर,कटनी और जबलपुर में करीब 27 मकान,दुकाने,प्लाट और जमीने होना पाया गया है। इस संपत्ति के दस्तावेजों का पूरा परीक्षण करने के बाद ही वास्तविक मूल्य का पता चल पाएगा।
कई शहरों में रहे जेल अधिकारी
पुलिस के अनुसार डीआईजी गांधी जेल अधीक्षक से लेकर अन्य पदों पर भोपाल,इंदौर,ग्वालियर,रीवा सहित अन्य शहरों के जेलों में पदस्थ रहे हैं। इनके खिलाफ जेल के सामान खरीदी में घपले करने की शिकायतें हो चुकी थी। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि भोपाल और सागर में गांधी और उनके भाई अजय गांधी के भोपाल स्थित ओल्ड सुभाष नगर के मकान से अभी तक मिले दस्तावेजों और अन्य सामान तथा रिकॉर्ड को खंगालने की कार्रवाई जारी है।
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