शनिवार, 3 नवंबर 2012

कौन पहुंचाएगा पिंकी को वाराणसी ?



कौन पहुंचाएगा पिंकी को वाराणसी ?

25 दिन से अस्पताल में भर्ती है लावारिस युवती


108 ने पहुंचाया था अस्पताल, अस्पताल प्रबंधन ने कर दिया इलाज...और अब इस युवती के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है


जैसलमेर मेरा नाम पिंकी है, मेरे पिता का नाम समृद्ध उपाध्याय और मां का नाम मीरा देवी है, मैं बनारस से आई हूं, जहां गंगा का घाट है....। बस वह इतना ही बोलती है और उसके बाद अपने परिजनों को याद कर फफक पड़ती है। यह दुखद कहानी है एक मानसिक विक्षिप्त युवती की। जो भटकते हुए जैसलमेर पहुंच गई थी। यहां उसे सिर पर गंभीर चोट भी लगी, चोट लगने का कारण पता नहीं चल पा रहा है। चोटिल युवती के लिए किसी ने 108 को फोन किया और 108 ने उसे अस्पताल में छोड़ दिया। अस्पताल प्रबंधन पिछले 25 दिन से उसका इलाज कर रहा है, अब उसका स्वास्थ्य काफी बेहतर है। मगर अब उसे वापिस भेजने की बात है तो हर कोई असमंजस में पड़ जाता है। अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को इतिला दे दी है। लेकिन अभी तक कोई इस युवती को वाराणसी भेजने के लिए आगे नहीं आया है।

कैसे जाएगी अपने घर: अस्पताल प्रबंधन और पुलिस के साथ साथ जो भी इस युवती के बारे में जानता है वह यही सोच रहा है कि आखिर पिंकी कैसे अपने घर पहुंचेगी 

वह अभी तक यह बता पाई है कि वह बनारस की रहने वाली है, वहां पर कहां रहती है और क्या पता है, कुछ भी नहीं बताया। ऐेसे में उसे वहां भेजना काफी मुश्किल है। अस्पताल प्रबंधन ने इस संबंध में पुलिस को भी इतिला कर दी है।





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