सेक्स पर जुड़ी तमाम चर्चाओं को आमतौर पर युवा वर्ग से जोड़ कर ही देखा जाता है. लेकिन एक नई रिपोर्ट में बुजुर्गों के सेक्स अधिकारों को लेकर सवाल उठाए गए हैं.
ऑस्ट्रेलियन सेंटर फॉर एविडेंस बेस्ड एज केयर नाम की संस्था ने नई रिपोर्ट जारी की है. इसमें कहा है कि बुजुर्गों के लिए बने देखभाल केंद्रों में रहने वाले लोगों को सेक्स के अधिकार से वंचित किया जा रहा है.रिपोर्ट के मुताबिक लोगों की बढ़ती उम्र और सुरक्षा चिंताओं के कारण इन संस्थानों में उम्रदराज लोगों को सेक्स का आनंद उठाने नहीं दिया जाता.
रिपोर्ट में कहा गया है कि सेक्स एक सामान्य चीज़ है और ढलती उम्र में स्वस्थ रहने की जो भी क्रियाएँ होती हैं उसमें सेक्स भी शामिल है. इसमें ऐसे लोगों को भी शामिल किया गया है जिन्हें डिमेंशिया है.
उनकी क्या इच्छा है....
बुजुर्गों की देखभाल करने वाले कार्यकर्ताओं को आशंका रहती है कि क्या ऐसे लोगों को यौन संबंध बनाने देना कानूनी है या जोखिम भरा तो नहीं है. इस वजह से कार्यकर्ता बूढ़े लोगों को शारीरिक तौर पर नजीदकियाँ बढ़ाने नहीं देते.
रिपोर्ट में इस बात को माना गया है कि ये जरूरी है कि कुछ मरीजों को किसी भी तरह की नुकसानदेह स्थिति से दूर रखा जाए लेकिन ये भी जरूरी है कि बूढ़े लोग सेक्स के बारे में अपने निर्णय खुद ले सकें.
इस रिपोर्ट की मानें तो मरीजों को सेक्स के बारे में अपनी इच्छा जाहिर करने का मौका न देकर एक तरह से उनकी स्वायत्ता का गला घोटना है और ये इन लोगों की उनकी देखभाल के कर्तव्य में कार्यकर्ताओं की विफलता है.
रिपोर्ट प्रकाशित करने वाले लोगों का कहना है कि बूढ़े लोगों के लिए बने देखभाल केंद्रों को औपचारिक नीतियाँ लागू करने के बारे में सोचना चाहिए या फिर इस मुद्दे से निपटने के लिए प्रशिक्षित स्टाफ रखना चाहिए.
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