बिहार को वाजिब हक दिलाकर दम लेंगे नीतीश
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के गांधी मैदान में रविवार को आयोजित अधिकार रैली में बिहार को उसका वाजिब हक दिलाकर ही दम लेने का संकल्प लिया। विशेष दर्जा के अपने अभियान के फलक का भी उन्होंने विस्तार किया और कहा कि विकास में राष्ट्रीय औसत से पीछे रहने वाले सभी राज्यों को विशेष दर्जा मिले। इसके लिए केंद्र सरकार अपनी विकास की नीति बदले। उन्होंने मार्च में अगली रैली दिल्ली के रामलीला मैदान में करने का भी एलान किया। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि रैली में पूरा बिहार आकर खड़ा हो गया है। प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी जनता की इस आवाज को नजरअंदाज नहीं कर सकतीं।
नीतीश कुमार ने कहा कि विशेष दर्जा की मांग को लेकर वह लंबी लड़ाई लड़ेंगे। राजनीतिक दलों को उन्होंने स्पष्ट संकेत दे दिया कि 2014 में केंद्र में उसी पार्टी की सरकार बनेगी जो उनकी मांग का समर्थन करेगी। कहा, 'यह भी हमारा संकल्प है। सात सालों में हम आगे बढ़े हैं। दुनिया के सभी पिछड़े राज्यों में बिहार को देख उत्साह जगा है। यह कहा जा रहा है कि जब बिहार आगे बढ़ सकता है तो हम क्यों नहीं?' नीतीश ने मौके पर भीड़ से पूछा कि क्या हमारी युवा पीढ़ी इतना इंतजार कर सकती है। भीड़ ने काफी जोश में हाथ उठाकर कहा-'नहीं'।
मुख्यमंत्री ने कहा, 'इसी कारण हम विशेष दर्जा की मांग कर रहे हैं। तरक्की करने का हर बिहारी का भी हक है। हम यह अधिकार लेकर रहेंगे। सूबे की साढ़े दस करोड़ की आबादी को नजरअंदाज कर देश में समावेशी विकास कैसे होगा? जब सवा करोड़ बिहारियों के हस्ताक्षर के साथ जदयू का शिष्टमंडल प्रधानमंत्री से मिला तो उन्होंने विशेष दर्जा के सवाल पर अंतर मंत्रालयी समूह गठित किया। उसने अपनी रिपोर्ट में बिहार के पिछड़ेपन को स्वीकार किया, लेकिन हमारी मांग को खारिज कर दिया। हमारी मांग है कि इस सवाल पर केंद्र सरकार विशेषज्ञों की टीम गठित करे और सभी पिछड़े राज्यों को विशेष दर्जा दे। मांग पूरी न की गई तो मार्च में दिल्ली के रामलीला मैदान में अगली रैली करेंगे।'
शरद यादव ने इस मौके पर कहा कि प्रधानमंत्री व सोनिया जी देख लें कि आज रैली में पूरा बिहार खड़ा है। जेपी के नेतृत्व में जब बिहार खड़ा हुआ था तब इंदिरा गांधी जैसी ताकतवर नेत्री की सत्ता चली गई थी। बिहार ने हिंदुस्तान बदला है। संप्रग सरकार में हुए विभिन्न घोटालों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि 12 लाख करोड़ लूटा दिए गए। अगर एक लाख करोड़ भी बिहार को दे देते तो नीतीश कुमार के नेतृत्व में यह प्रदेश कहां से कहां चला जाता।
नीतीश कुमार ने कहा कि विशेष दर्जा की मांग को लेकर वह लंबी लड़ाई लड़ेंगे। राजनीतिक दलों को उन्होंने स्पष्ट संकेत दे दिया कि 2014 में केंद्र में उसी पार्टी की सरकार बनेगी जो उनकी मांग का समर्थन करेगी। कहा, 'यह भी हमारा संकल्प है। सात सालों में हम आगे बढ़े हैं। दुनिया के सभी पिछड़े राज्यों में बिहार को देख उत्साह जगा है। यह कहा जा रहा है कि जब बिहार आगे बढ़ सकता है तो हम क्यों नहीं?' नीतीश ने मौके पर भीड़ से पूछा कि क्या हमारी युवा पीढ़ी इतना इंतजार कर सकती है। भीड़ ने काफी जोश में हाथ उठाकर कहा-'नहीं'।
मुख्यमंत्री ने कहा, 'इसी कारण हम विशेष दर्जा की मांग कर रहे हैं। तरक्की करने का हर बिहारी का भी हक है। हम यह अधिकार लेकर रहेंगे। सूबे की साढ़े दस करोड़ की आबादी को नजरअंदाज कर देश में समावेशी विकास कैसे होगा? जब सवा करोड़ बिहारियों के हस्ताक्षर के साथ जदयू का शिष्टमंडल प्रधानमंत्री से मिला तो उन्होंने विशेष दर्जा के सवाल पर अंतर मंत्रालयी समूह गठित किया। उसने अपनी रिपोर्ट में बिहार के पिछड़ेपन को स्वीकार किया, लेकिन हमारी मांग को खारिज कर दिया। हमारी मांग है कि इस सवाल पर केंद्र सरकार विशेषज्ञों की टीम गठित करे और सभी पिछड़े राज्यों को विशेष दर्जा दे। मांग पूरी न की गई तो मार्च में दिल्ली के रामलीला मैदान में अगली रैली करेंगे।'
शरद यादव ने इस मौके पर कहा कि प्रधानमंत्री व सोनिया जी देख लें कि आज रैली में पूरा बिहार खड़ा है। जेपी के नेतृत्व में जब बिहार खड़ा हुआ था तब इंदिरा गांधी जैसी ताकतवर नेत्री की सत्ता चली गई थी। बिहार ने हिंदुस्तान बदला है। संप्रग सरकार में हुए विभिन्न घोटालों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि 12 लाख करोड़ लूटा दिए गए। अगर एक लाख करोड़ भी बिहार को दे देते तो नीतीश कुमार के नेतृत्व में यह प्रदेश कहां से कहां चला जाता।
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