कारगर साबित हुए गाँधी के अहिंसक अस्त्र
शिवकर लिग्नाइट परियोजना का धरना स्थगित, जारी रहेगा जागरूकता अभियान
विधायक, एडीएम समेत कई अधिकारी धरनास्थल पर पहुंचे
बाड़मेर, शनिवार
लीगल मित्र के नेतृत्व में शिवकर लिग्नाइट परियोजना और भूमि अवाप्ति के विरोध में चल रहे धरने के बाहरवें दिन के शुरू होते ही तडके सुबह ही प्रशासन ने धरनार्थियों के चेहरों पर खुशी ला दी। शनिवार को सुबह साढे नौ बजे प्रशासन की ओर से अतिरिक्त जिला कलेक्टर अरुण पुरोहित ओर बाड़मेर के विधायक मेवा राम जैन ने धरना स्थल पर पहुँच कर धरनार्थियों को बताया कि प्रशासन ने पीडि़त किसानों और बाड़मेर की जनता की मांगों पर गहनता से अध्ययन करवाया है। ज्ञापन पत्र में उल्लेखित तकरीबन सभी बिन्दुओं पर विचार करते हुए तहसीलदार बाड़मेर और एस डी ओ द्वारा मौका रिपोर्ट तैयार कर दी गई है और उक्त रिपोर्ट बाड़मेर प्रशासन सोमवार को अपनी सकारात्मक टिप्पणी के साथ राज्य सरकार को भेज देगा। पुरोहित ने बताया की अंतिम निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया जाना है और उम्मीद की जाती है कि राज्य सरकार पीडि़त किसानों के पक्ष में सकारात्मक फैसला लेगी।
विधायक मेवा राम जैन ने एक बार फिर पुरजोर आवाज में दोहराया कि ‘‘किसानों और बाड़मेर के निवासियों की मांगे पूरी तरह जायज है और वो शिवकर लिग्नाइट परियोजना के लिए होने वाली भूमि अवाप्ति को निरस्त करा कर रहेंगे।’’ उन्होंने बताया कि ‘‘उक्त समस्त प्रकरण मुख्यमंत्री के ध्यान में है और वो पीडि़त किसानों का अहित नहीं होने देंगे’’।
लीगल मित्र के सचिव रितेश शर्मा ने उपस्थित लोगो को मांगे और उन पर प्रशासन की रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए बताया कि ‘‘प्रशासन ने अवाप्त की जाने वाली भूमि की आबादी से दूरी, उससे होने वाला प्रदूषण, उत्तरलाई एयरबेस, जल परियोजनाओं के लिए अवाप्ति नीति, मास्टर प्लान, पेरीफेरी क्षेत्र, आदि सभी मांगों पर विचार कर सकारात्मक रिपोर्ट भेजी जा रही है, यह संवेदनशील प्रशासन की निशानी है जो पीडि़त किसानों की परेशानी को समझ कर उस पर तत्परता से सकारात्मक कार्यवाही कर रहा है।’’
इसके बाद रितेश शर्मा ने धरनार्थियों से प्रशासन के सकारात्मक आश्वासन के बाद धरना स्थगित किये जाने का प्रस्ताव दिया जिसको सभी धरनार्थियों ने एकमत होकर स्वीकार किया तथा धरना स्थगित कर दिया।
कैलाश कोटडिया ने धरणार्थियों को शिवकर लिग्नाइट परियोजना के बारे में तैयार की जाने वाली रिपोर्ट के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए इसे लीगल मित्र और किसानों की जीत बताई। उत्साहित किसानों ने रितेश शर्मा को कंधे पर उठा कर भारत माता की जय, आम जनता की जय हो, लीगल मित्र की जय हो की हुंकार भरी।
ज्ञात रहे कि 23 अक्तूबर को लीगल मित्र के बैनर तले पीडि़त किसानों और बाड़मेर की जनता ने शहर की सीमा में होने वाली भूमि अवाप्ति और खनन से होने वाले प्रदूषण के विरोध में मौन जुलुस निकाल कर बाड़मेर के इतिहास का सबसे बडा 45 पेज का ज्ञापन सौपा था। जिसके बाद जुलूस कलेक्ट्री के सामने धरने में तब्दील हो गया था।
शहर में प्रस्तावित भूमि अवाप्ति और खनन से होने वाले प्रदूषण की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए नित नए आयोजन किये गए। जिसमें भजन संध्या, मशाल जुलुस, पाबू जी की पड़, काली पट्टियाँ बांध कर विरोध प्रदर्शन, पोस्ट कार्ड अभियान, हस्ताक्षर अभियान और हजारों पशुओं के साथ अनोखी पशु रैली का आयोजन किया गया। उक्त अनोखे धरने को सम्पूर्ण राष्ट्र समेत कई देशों में समर्थन मिला और ख़बरें प्रकाशित हुई।
धरने के मीडिया प्रवक्ता स्वरुप सिंह अगोर ने बताया कि ‘‘उक्त धरना लीगल मित्र के नेतृत्व में 12 दिन चला। जिसमें किसी भी राजनैतिक दल को शामिल नहीं किया गया और एक भी नारा नहीं लगाया गया। बिना किसी राजनैतिक संरक्षण के उक्त धरने का सफल आयोजन अपने आप में उपलब्धि है।’’ पीडि़त किसानों ने प्रशासन, मेवाराम जैन तथा लीगल मित्र के सचिव रितेश शर्मा, खीम सिंह राठौड़ और सम्पूर्ण बाड़मेर लीगल मित्र टीम का सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया है।
लीगल मित्र के बाड़मेर परियोजना अधिकारी विक्रम सिंह तारातरा ने बताया कि ‘बाड़मेर बचाओ अभियान’ के तहत हस्ताक्षर अभियान, पोस्ट कार्ड अभियान और जनसंपर्क के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है, जो निरंतर जारी रहेगा तथा आगामी रणनीति तक धरने को स्थगित किया गया है।
धरना स्थल पर रेवत सिंह आगोर, छगन सिंह, पदम सिंह शिवकर, उदयराज सिंह आगोर, दुर्जन सिंह, उत्तम सिंह आगोर, पन्ने सिंह शिवकर, वीरसिंह शिवकर, देवी सिंह कुडला, नारायण सिंह राठौड़, पप्पसिंह महेचा, मूलाराम भाम्भू, मेहराराम राईका, जल्ला राम भील, तोगसिंह शिवकर, हठे सिंह रामदेरिया, रतन सिंह चुली, शंभू सिंह शिवकर, किसनाराम मेघवाल, तमाचीराम मेघवाल, सोहन सिंह, खंगार सिंह, थानसिंह, प्रेमसिंह आगोर, समेत कई धरनार्थियों ने सभी का आभार व्यक्त किया और उन्हें सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
शिवकर लिग्नाइट परियोजना का धरना स्थगित, जारी रहेगा जागरूकता अभियान
विधायक, एडीएम समेत कई अधिकारी धरनास्थल पर पहुंचे
बाड़मेर, शनिवार
लीगल मित्र के नेतृत्व में शिवकर लिग्नाइट परियोजना और भूमि अवाप्ति के विरोध में चल रहे धरने के बाहरवें दिन के शुरू होते ही तडके सुबह ही प्रशासन ने धरनार्थियों के चेहरों पर खुशी ला दी। शनिवार को सुबह साढे नौ बजे प्रशासन की ओर से अतिरिक्त जिला कलेक्टर अरुण पुरोहित ओर बाड़मेर के विधायक मेवा राम जैन ने धरना स्थल पर पहुँच कर धरनार्थियों को बताया कि प्रशासन ने पीडि़त किसानों और बाड़मेर की जनता की मांगों पर गहनता से अध्ययन करवाया है। ज्ञापन पत्र में उल्लेखित तकरीबन सभी बिन्दुओं पर विचार करते हुए तहसीलदार बाड़मेर और एस डी ओ द्वारा मौका रिपोर्ट तैयार कर दी गई है और उक्त रिपोर्ट बाड़मेर प्रशासन सोमवार को अपनी सकारात्मक टिप्पणी के साथ राज्य सरकार को भेज देगा। पुरोहित ने बताया की अंतिम निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया जाना है और उम्मीद की जाती है कि राज्य सरकार पीडि़त किसानों के पक्ष में सकारात्मक फैसला लेगी।
विधायक मेवा राम जैन ने एक बार फिर पुरजोर आवाज में दोहराया कि ‘‘किसानों और बाड़मेर के निवासियों की मांगे पूरी तरह जायज है और वो शिवकर लिग्नाइट परियोजना के लिए होने वाली भूमि अवाप्ति को निरस्त करा कर रहेंगे।’’ उन्होंने बताया कि ‘‘उक्त समस्त प्रकरण मुख्यमंत्री के ध्यान में है और वो पीडि़त किसानों का अहित नहीं होने देंगे’’।
लीगल मित्र के सचिव रितेश शर्मा ने उपस्थित लोगो को मांगे और उन पर प्रशासन की रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए बताया कि ‘‘प्रशासन ने अवाप्त की जाने वाली भूमि की आबादी से दूरी, उससे होने वाला प्रदूषण, उत्तरलाई एयरबेस, जल परियोजनाओं के लिए अवाप्ति नीति, मास्टर प्लान, पेरीफेरी क्षेत्र, आदि सभी मांगों पर विचार कर सकारात्मक रिपोर्ट भेजी जा रही है, यह संवेदनशील प्रशासन की निशानी है जो पीडि़त किसानों की परेशानी को समझ कर उस पर तत्परता से सकारात्मक कार्यवाही कर रहा है।’’
इसके बाद रितेश शर्मा ने धरनार्थियों से प्रशासन के सकारात्मक आश्वासन के बाद धरना स्थगित किये जाने का प्रस्ताव दिया जिसको सभी धरनार्थियों ने एकमत होकर स्वीकार किया तथा धरना स्थगित कर दिया।
कैलाश कोटडिया ने धरणार्थियों को शिवकर लिग्नाइट परियोजना के बारे में तैयार की जाने वाली रिपोर्ट के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए इसे लीगल मित्र और किसानों की जीत बताई। उत्साहित किसानों ने रितेश शर्मा को कंधे पर उठा कर भारत माता की जय, आम जनता की जय हो, लीगल मित्र की जय हो की हुंकार भरी।
ज्ञात रहे कि 23 अक्तूबर को लीगल मित्र के बैनर तले पीडि़त किसानों और बाड़मेर की जनता ने शहर की सीमा में होने वाली भूमि अवाप्ति और खनन से होने वाले प्रदूषण के विरोध में मौन जुलुस निकाल कर बाड़मेर के इतिहास का सबसे बडा 45 पेज का ज्ञापन सौपा था। जिसके बाद जुलूस कलेक्ट्री के सामने धरने में तब्दील हो गया था।
शहर में प्रस्तावित भूमि अवाप्ति और खनन से होने वाले प्रदूषण की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए नित नए आयोजन किये गए। जिसमें भजन संध्या, मशाल जुलुस, पाबू जी की पड़, काली पट्टियाँ बांध कर विरोध प्रदर्शन, पोस्ट कार्ड अभियान, हस्ताक्षर अभियान और हजारों पशुओं के साथ अनोखी पशु रैली का आयोजन किया गया। उक्त अनोखे धरने को सम्पूर्ण राष्ट्र समेत कई देशों में समर्थन मिला और ख़बरें प्रकाशित हुई।
धरने के मीडिया प्रवक्ता स्वरुप सिंह अगोर ने बताया कि ‘‘उक्त धरना लीगल मित्र के नेतृत्व में 12 दिन चला। जिसमें किसी भी राजनैतिक दल को शामिल नहीं किया गया और एक भी नारा नहीं लगाया गया। बिना किसी राजनैतिक संरक्षण के उक्त धरने का सफल आयोजन अपने आप में उपलब्धि है।’’ पीडि़त किसानों ने प्रशासन, मेवाराम जैन तथा लीगल मित्र के सचिव रितेश शर्मा, खीम सिंह राठौड़ और सम्पूर्ण बाड़मेर लीगल मित्र टीम का सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया है।
लीगल मित्र के बाड़मेर परियोजना अधिकारी विक्रम सिंह तारातरा ने बताया कि ‘बाड़मेर बचाओ अभियान’ के तहत हस्ताक्षर अभियान, पोस्ट कार्ड अभियान और जनसंपर्क के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है, जो निरंतर जारी रहेगा तथा आगामी रणनीति तक धरने को स्थगित किया गया है।
धरना स्थल पर रेवत सिंह आगोर, छगन सिंह, पदम सिंह शिवकर, उदयराज सिंह आगोर, दुर्जन सिंह, उत्तम सिंह आगोर, पन्ने सिंह शिवकर, वीरसिंह शिवकर, देवी सिंह कुडला, नारायण सिंह राठौड़, पप्पसिंह महेचा, मूलाराम भाम्भू, मेहराराम राईका, जल्ला राम भील, तोगसिंह शिवकर, हठे सिंह रामदेरिया, रतन सिंह चुली, शंभू सिंह शिवकर, किसनाराम मेघवाल, तमाचीराम मेघवाल, सोहन सिंह, खंगार सिंह, थानसिंह, प्रेमसिंह आगोर, समेत कई धरनार्थियों ने सभी का आभार व्यक्त किया और उन्हें सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
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