शुक्रवार, 27 जून 2014

शास्त्रों में संतोषी माता को कहीं कोई जिक्र नहीं: स्वरूपानंद सरस्वती



जगद्गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने अब संतोषी माता को लेकर टिप्पणी की है। साईं बाबा की पर टिप्पणी को पुष्ट करने के लिए मीडिया से बातचीत में कहा गया कि संतोषी माता का चलन भी समझाने पर ही खत्म हुआ था।


मीडिया से बातचीत में शंकराचार्य ने कहा कि एक समय देश में संतोषी माता का भी चलन जमकर था। घर-घर में संतोषी माता हो गई थीं। हर मंदिर और हर पुजारी उनका पूजन करने लगे थे। महिलाओं ने संतोषी माता के नाम से शुक्रवार का व्रत रखना भी शुरू कर दिया था। सिनेमा के जरिये भी संतोषी माता का गुणगान किया जाने लगा। जबकि हमारे शास्त्रों में संतोषी माता का कहीं कोई जिक्र नहीं है। गणेशजी के संतोषी माता नाम की कोई बेटी नहीं हुई। हमने जब इस बारे में लोगों को समझाया, तब बात उनकी समझ में आई और संतोषी माता का चलन बंद हुआ। शंकराचार्य ने कहा कि हमारे देश में अब तक कई ऐसे लोग आ चुके हैं। लेकिन हमारी अविरल धारा हमेशा ऐसी ही बहती रहेगी।

साईं भक्तों के गंगा स्नान का स्वागत
जगदगुरु शंकराचार्य ने सांई भक्तों के 29 जून के सामूहिक गंगा स्नान का स्वागत किया। लेकिन यह भी कहा कि जिसके लिए वे गंगा स्नान कर रहे हैं यदि उसे फिर से दोहराएंगे तो गंगा स्नान का कोई महत्व नहीं रहेगा।
जगद्गुरु शंकराचार्य के साईं बाबा को लेकर दिए बयान ने जहां देशभर में बहस छेड़ दी है। वहीं सांई भक्तों ने विरोध स्वरूप 29 जून को सामूहिक गंगा स्नान का निर्णय लिया है। शंकराचार्य ने सांई भक्तों के इस निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने लिखित रूप से जारी बयान में कहा कि साईं भक्तों का स्नान हाथी स्नान जैसा न हो। हाथी सरोवर में नहाने के बाद बाहर निकलते ही अपनी सूंड से पुन: वहीं मिट्टी डालने लगता है जिसे उसने अभी-अभी स्नान से धोया है। सांई मूर्ति को गंगा स्नान कराने के संबंध में शंकराचार्य ने कहा कि जिस व्यक्ति ने अवसर आने पर यह कहकर गंगा स्नान करने के लिए मना कर दिया कि मुङो गंगा स्नान के झंझट से दूर ही रहने दो। मैं तो एक फकीर हूं। उस व्यक्ति की मूर्ति को गंगास्नान कराने की बात हास्यास्पद है। सांई सच्चरित नामक सांई की प्रमाणिक जीवनी के अध्याय 28 में यह प्रसंग उपलब्ध है।

इंदिरा हृदयेश ने लिया शंकराचार्य का आशीर्वाद
गुरुवार शाम हरिद्वार पहुंची काबिना मंत्री इंदिरा हृदयेश ने जगद्गुरु स्वरूपानंद सरस्वती से आशीर्वाद लिया। इस दौरान इंदिरा ने कहा कि वह पहले भी कई बार शंकराचार्य का आशीर्वाद ले चुकी हैं। हरिद्वार आने की सूचना पर इस बार भी आशीर्वाद लेने आई हूं। वहीं साईं बाबा को लेकर इंदिरा ने गोलमोल जवाब दिया। उन्होंने कहा कि शंकराचार्य काफी विद्धान हैं। उनके किसी कथन पर मेरा टिप्पणी करना उचित नहीं है।

जैनधर्म के अंतिम तीर्थकर महावीर स्वामी



जैनधर्म के अंतिम तीर्र्थकर महावीर स्वामी ने जो सिद्धांत व सूत्र दिए हैं, उनके द्वारा हम अपने व्यक्तित्व को पूर्णत: निखार सकते हैं। -

Lord Mahavira, Jainism's last Tirthkr



महावीर स्वामी का जन्म ईसा से 599 वर्ष पूर्व चैत्र शुक्ल त्रयोदशी को वैशाली गणतंत्र के लिच्छिवी वंश के महाराज सिद्धार्थ और माता त्रिशला देवी के यहां हुआ था। कहा जाता है कि वे इतने आकर्षक व तेजोमय थे कि जो भी उन्हें देखता, उनका हो जाता। उनका आध्यात्मिक व्यक्तित्व तो इतना निर्मल था कि उनके पास जाने वाले को अपनी सभी समस्याओं के समाधान मिल जाते थे। उनकी पवित्र वाणी को आचायरें ने प्राकृत भाषा में लिपिबद्ध किया था, जिन्हें आगम कहा जाता है। इन आगमों में अनेक दार्शनिक सिद्धांतों का प्रतिपादन किया गया है, जिनमें हमें वे सूत्र प्राप्त होते हैं, जिनसे सफल व्यक्तित्व का निर्माण होता है।

महावीर स्वामी ने रत्नत्रय के सिद्धांत को व्यक्ति के मौलिक विकास में सहायक माना है। रत्नत्रय के तीन रत्न हैं- सच्चा विश्वास (सटीक दृष्टि), सही ज्ञान और सही आचरण। अध्यात्म में इन्हें सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान और सम्यक चारित्र कहा जाता है। स्वामी महावीर ने माना है कि समग्र व्यक्तित्व के लिए तीनों की आवश्यकता है।

रत्नत्रय में पहला है सच्चा विश्वास (सही दृष्टि)। यदि आप अपने लक्ष्य के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण नहीं रखते या फिर खुद पर विश्वास नहीं है, तब लक्ष्य मिल ही नहीं सकता। इसी से लक्ष्य के प्रति आपकी निष्ठा का पता चलता है। स्वामी महावीर के अनुसार, इसके साथ हमें लक्ष्य तक पहुंचाने वाले उपायों का सही ज्ञान होना भी जरूरी है। यह रत्नत्रय का दूसरा रत्न है। सही ज्ञान के अभाव में हम लक्ष्य से भटक सकते हैं। लक्ष्य के बारे में हमारे पास सही तथा प्रामाणिक सूचनाएं भी होनी चाहिए, इसीलिए सम्यक ज्ञान बहुत जरूरी है। सही विश्वास, सही दृष्टि तथा सही ज्ञान एक साथ व्यक्ति में उत्पन्न होते हैं, यह जैन दर्शन की तात्ति्‍‌वक मान्यता है।

विश्वास, निष्ठा, दृष्टि तथा सही ज्ञान के बाद भी जब तक हम सही आचरण को नहीं अपनाते, तब तक व्यक्तित्व अपूर्ण है। यदि लक्ष्य पर हमें विश्वास है औररास्ते का ज्ञान भी है, किंतु यदि रास्ते पर हम चलें ही नहीं, तो मंजिल तक नहीं पहुंच सकते। पथ पर सही तरीके से चलना ही सही आचरण है।

यदि कोई यह माने कि सच्चा विश्वास मात्र सफलता दिला देगा या मात्र ज्ञान हमें सफल कर देगा या फिर विश्वास और ज्ञान से रहित मात्र आचरण हमें सफल बना देगा, तो महावीर के अनुसार यह भ्रम है। ऐसी मान्यता एकांतवाद है, जो हमें लक्ष्य से कभी नहीं मिलने देती। रत्नत्रय की पूर्णता ही व्यक्तित्व का निर्माण करती है। इसीलिए भगवान महावीर ने रत्नत्रय को आधार बनाकर विचारों में अनेकांत (विवेकपूर्वक सभी पहलुओं को समझना), वाणी में स्यादवाद (सभी पहलुओं को परखकर व्यक्त करना), आचार में अहिंसा और जीवन में अपरिग्रह के चार सूत्र भी दिए।

यदि हम किसी भी वस्तु, घटना या परिस्थिति के एक ही पहलू को देखते हैं और अन्य पक्षों को देख ही नहीं पाते, तो यह हमारे व्यक्तित्व की कमजोरी है। अनेकांत के माध्यम से व्यक्ति के बहुआयामी दृष्टिकोण का विकास होता है। व्यक्ति जब यह समझने, देखने और सोचने लगता है कि एक ही वस्तु की अनेक दृष्टियों से ही सही व्याख्या की जा सकती है और किसी एक दृष्टि से देखने पर वस्तु का पूरा स्वरूप व्याख्यायित नहीं किया जा सकता, तब उसके चिंतन का विकास होता है। इसलिए महावीर कहते हैं कि चिंतन में अनेकांत दृष्टि रखो। वहीं, स्यादवाद हमारी वाणी को नियंत्रित करता है। वह कहता है कि वाक्यविन्यास ऐसा हो, जिसमें वस्तु, घटना या परिस्थिति का कोई भी पक्ष छूट न जाए। अपनी जीभ को मर्यादा और संयम में रखेंगे तो कभी किसी के कटाक्ष का सामना नहीं करना पड़ेगा। हमारी बोली हमारे व्यक्तित्व का महत्वपूर्ण भाग है, इसके द्वारा ही हम प्रभावी अभिव्यक्ति कर पाते हैं।

भगवान महावीर की मूल शिक्षा अहिंसा का सीधा अर्थ है कि व्यावहारिक जीवन में हम किसी को कष्ट न पहुंचाएं। हमारे आचार में अहिंसा हो, तभी वह संपूर्ण व्यक्तित्व बन सकता है। इसी तरह स्वामी महावीर ने अपरिग्रह का सूत्र दिया, जिसका अर्थ है त्याग। उन्होंने कहा कि उतना रखो, जितनी आवश्यकता है। परिग्रह (भौतिक चीजें इकट्ठा करना) तनाव और आसक्ति को जन्म देता है। आज अपराध, हत्याएं, भ्रष्टाचार, दहेज आदि परिग्रह की ही देन हैं।

महावीर का कहना है कि हमारा व्यक्तित्व मात्र शारीरिक सौंदर्य से ही निर्मित नहीं होता, उसमें हमारा चिंतन, वाणी और व्यवहार बहुत जरूरी है। यदि आज के युवा भगवान महावीर के इन सिद्धांतों को समझेंगे तो वे प्रभावशाली व्यक्तित्व का निर्माण कर सकते हैं।

प्रेमिका के सामने पत्नी का ऑफर, 30 लाख दो मेरा पति ले लो



कोलकाता: महानगर में एक अजीबोगरीब घटना सामने आयी, जब एक पत्नी ने 30 लाख रुपये देने पर पति को हमेशा के लिए छोड़ देने का ऑफर दे दिया. यह ऑफर उसने पति की प्रेमिका को दिया, जो उसके पति से शादी की मांग करते हुए उसके घर पहुंची थी. प्रेमिका का कहना था कि महिला के पति ने उसके साथ दुष्कर्म किया है, इसीलिए उसे उससे शादी करनी होगी. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, शादी की मांग कर रही पति की प्रेमिका को उसकी पत्नी ने कहा : ठीक है तुम मेरे पति के साथ जो करना है कर सकती हो. लेकिन उसके पहले तुम्हें मेरी शर्त माननी होगी. हमारे तीन बच्चे हैं, जिनके पालन पोषण के लिए 30 लाख रुपये दे दो और मेरे पति को ले लो.

पत्नी के इस ऑफर से प्रेमिका तिलमिला गयी और हंगामा करने लगी. दोनों महिलाएं आपस में जोर-जोर से झगड़ने लगी. ऐसे में रात के समय शोर-शराबा सुन कर पूरा मोहल्ला मनोज के घर पर जुट गया. मनोज का घर वाटगंज इलाके में है, जहां मंगलवार रात यह हंगामा हो रहा था. इलाके में हंगामा की खबर पा कर वाटगंज थाने के अतिरिक्त प्रभारी मौके पर पहुंच गये. पुलिस को देख कर पीड़िता ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म की शिकायत करने लगी. ऐसे में पुलिस अधिकारी ने पीड़िता को हेस्टिंग्स थाने में जाकर शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी, जिसके बाद प्रेमिका सीधे थाने पहुंची और सामूहिक दुष्कर्म की शिकायत दर्ज करा दी. शिकायत पर कार्रवाई करते हुए हेस्टिंग्स थाने की पुलिस ने पीड़िता के प्रेमी मनोज नाथ (28) को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी को अदालत ने नौ जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है.

टैक्सी से ले जाकर गैंगरेप का आरोप
पुलिस ने बताया कि मंगलवार रात 22 वर्षीया एक युवती हेस्टिंग्स थाने में पहुंची और उसके साथ गैंगरेप होने की शिकायत दर्ज करायी. शिकायत में पीड़िता ने बताया कि वह वाटगंज इलाके के लस्कर लाइन मसजिद के पास रहती है. 22 जून को एक टैक्सी में चार लोगों ने उसका अपहरण कर लिया. फिर उसे बाबूघाट इलाके में ले जाकर झाड़ियों में उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया. इसके बाद उसे फिर से उसके घर के पास लाकर छोड़ दिया. चार युवकों में उसने मनोज नाथ के नाम का उल्लेख किया, जिसके बाद पुलिस ने मनोज को गिरफ्तार कर लिया.

सीसीटीवी कैमरे में दिखा कुछ और ही
जांच करने पर हेस्टिंग्स थाने के अधिकारियों ने सड़क पर लगे सीसीटीवी फुटेज की मदद ली, जहां पीड़िता को आरोपी के साथ झाड़ियों के पीछे जाते देखा गया. पुलिस सूत्रों के मुताबिक फुटेज को देखने के बाद पीड़िता से फिर से पूछताछ की गयी, जहां उसने सहमति से शारीरिक संबंध बनाने का खुलासा किया. पीड़िता ने बताया कि शादी का आश्वासन देने पर उसने मनोज के साथ शारीरिक संबंध बनाया. इसके बाद से मनोज पहले से शादीशुदा होने की बात कह कर उससे शादी नहीं कर रहा था.

अदालत करेगी मामले पर फैसला
संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) पल्लव कांति घोष ने बताया कि पूरे मामले को अदालत के सामने रखा जायेगा, जिसके बाद अदालत के निर्देश पर पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी.

गुरुवार, 26 जून 2014

नेशनल हेराल्ड मामले में कोर्ट ने सोनिया और राहुल गांधी को भेजा समन -



नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने नेशनल हेराल्ड के फंड में हुए कथित गबन के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को समन भेजा है।
Sonia, Rahul Gandhi Summoned to Delhi Court Next Month
कोर्ट ने दोनों को 7 अगस्त को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा है। सोनिया गांधी को बतौर आरोपी समन भेजा गया है। सोनिया और राहुल गांधी के अलावा मोतीलाल वोरा,ऑस्कर फर्नाडिस और सैम पित्रोदा को भी समन भेजा गया है। नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र था जो चार साल पहले बंद हो गया था। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गोमती मनोचा ने समन जारी करते हुए कहा कि मुझे सभी आरोपियों के खिलाफ प्रथम दृष्टया सूबत मिले हैं।

नेशलन हेराल्ड की स्थापना देश के पहले प्रधानमंत्री पण्डित जवाहर लाल नेहरू ने 1938 में की थी। 2008 में समाचार पत्र बंद हो गया था। यंग इंडियन नामक निजी कंपनी ने नेशनल हेराल्ड की संपत्ति का अधिग्रहण कर लिया। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी इस मामले को कोर्ट में लेकर चले गए। सोनिया गांधी और राहुल गांधी यंग इंडियन कंपनी में निदेशक हैं।

दोनों के कंपनी में 76 फीसदी शेयर हैं। अन्य शेयर कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नाडिस के हैं। स्वामी ने कहा कि यह विश्वासघात का गंभीर मामला है। अगर सोनिया गांधी दोषी पाई गई तो उन्हें सात साल की जेल हो सकती है। उन्हें ट्रायल का सामना करना होगा। उन्हें बतौर आरोपी समन भेजा गया है। उनके खिलाफ प्रथम दृष्ट्या सबूत हैं।


क्या है नेशनल हेराल्ड मामला

सुब्रमण्डयम स्वामी का आरोप है कि एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड का अधिग्रहण करने के लिए कांग्रेस के नेताओं ने यंग इंडियन कंपनी को बिना ब्याज के ऋण दिया। नेशनल हेराल्ड का मालिकाना हक एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड के पास था। स्वामी का आरोप है कि यंग इंडियन ने एसोसिएट जर्नल्स की 500 करोड़ रूपए की संपत्ति हड़पने की अनुमति दी। इसके लिए ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के 90 करोड़ रूपए के फंड का इस्तेमाल किया गया।

स्वामी ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर फर्जी कंपनी चलाने और सरकारी सुविधाओं का दुरूपयोग करने का आरोप लगाया। स्वामी ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी। स्वामी का आरोप है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने सरकारी फर्म को निजी कंपनी में तब्दील करवा दिया और 1,600 करोड़ रूपए की प्रोपर्टी हड़प ली।

स्वामी के मुताबिक एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड के पास नेशनल हेराल्ड और कौमी आवाज समाचार पत्र का मालिकाना हक है। इस कंपनी की उत्तर प्रदेश और दिल्ली में बेशकीमती प्रोपर्टी है। स्वामी का कहना है कि यंग इंडियन की डील फर्जी थी। इसमें कई कानूनों का उल्लंघन हुआ है। दिल्ली में हेराल्ड हाउस की हड़पने के लिए कथित फर्जीवाड़ा किया गया। हेराल्ड हाउस दिल्ली के हब में स्थित है और उसकी कीमत 1,600 करोड़ रूपए है।

 

अच्छे दिन किधर गए, मोदी के खिलाफ कोर्ट में याचिका दाखिल



मुंबई। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को सत्ता में आए एक महीना हो गया है। लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी ने जनता से कहा था कि अच्छे दिन आने वाले हैं लेकिन रेल किराए में बढ़ोतरी और बढ़ती महंगाई के कारण लोगों का कहना है कि अच्छे दिन की बजाय बुरे दिन आए गए।
Petition filed against Narendra Modi
मुंबई के एक एनजीओ ने मोदी और भाजपा के खिलाफ बोम्बे हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। इसमें वादों को तोड़ने का आरोप लगाया गया है। याचिका ऑल इंडिया करप्शन एंड सिटीजंस वेलफेयर कोर कमेटी और इसके संस्थापक ने दाखिल की है। वकील एमवी होलमागी का आरोप है कि रेल किराए में बढ़ोतरी और अन्य उपयोगी वस्तुओं के दाम में बढ़ोतरी कर नई सरकार ने आपराधिक विश्वासघात किया है।

न्यायाधीश अभय ओका और न्यायाधीश ए.चंदूरकर की पीठ ने वकील से कहा कि रेलवे की टिकटों के दामों में बढ़ोतरी को लेकर दाखिल जनहित याचिका को पहले ही खारिज किया जा चुका है। कोर्ट ने यह भी उल्लेखन किया कि उसके प्रशासनिक दफ्तर ने याचिका में आपत्तियों को चिन्हित किया है,जिन्हें हटाया जाना चाहिए। याचिता में हाईकोर्ट से अनुरोध किया गया है कि वह सरकारी रिकॉर्ड मंगवाएं और वादे नहीं निभाने के कारण सरकार से इस्तीफा मांगे।

होलमागी ने कहा कि मौजूदा सरकार को इस देश की जनता से बड़ा जनादेश मिला। यह जनादेश इस वादे पर मिला था कि अच्छे दिन आ रहे हैं। लेकिन सरकार ने एक महीने में ही रेलवे की टिकटों के दामों में इजाफा कर दिया। साथ ही उपभोग की वस्तुएं भी महंगी कर दी। यूपीए सरकार के शासनकाल के दौरान बढ़ी महंगाई का विपक्ष ने विरोध किया था। लेकिन सरकार ने अपना वादा नहीं निभाया,इसलिए आम आदमी को उनके वोट पर पुर्नविचार का अवसर मिलना चाहिए। याचिका में प्रधानमंत्री,कैबिनेट और भाजपा को पक्षकार बनाया गया है।

-  

भाजपा के एक सांसद की छीन सकती है संसद सदस्यता



जयपुर। बांसवाड़ा से भाजपा सांसद मानशंकर निनामा पर चुनाव आयोग कार्रवाई कर सकता है। चुनाव आयोग तय सीमा से 5 लाख रूपए ज्यादा खर्च करने पर निनामा के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। इसके तहत निनामा सांसद पद के लिए अयोग्य ठहराए जा सके हैं।
BJP MP Manshankar Ninama may lose his post due to election expenditure
दो केन्द्रीय पर्यवेक्षकों जनार्दन एस व मुनेश कुमार ने अपनी रिपोर्ट में निनामा को लोकप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 10 ए के तहत अयोग्य ठहराए जाने व भादसं 171 (1) के तहत चुनाव खर्चो का ब्यौरा नहीं रखने पर कार्रवाई की मांग की है। रिपोर्ट के अनुसार निनामा ने बांसवाड़ा में 12 अप्रैल को नरेन्द्र मोदी की सभा करवाई, लेकिन पूरा हिसाब नहीं दिया।

वहीं सांसद निनामा ने कहाकि,"खर्च पार्टी ने किया है। इससे मेरा कोई लेना-देना नहीं है और न ही मैंने कोई हिसाब लगाया है कि कहां कितना खर्च हुआ।" गौरतलब है कि पार्टी के स्टार प्रचारक का खर्चा पार्टी फंड में जुड़ता है। लेकिन स्टार प्रचारक द्वारा प्रत्याशी का नाम लेकर उसके समर्थन में वोट देने की अपील करने पर खर्चा प्रत्याशी के खाते में जोड़ा जाता है।

 

"तनख्वाह मिलती है कलक्टर हो या पटवारी काम तो करना ही होगा" --



श्रीगंगानगर। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बुधवार को श्रीगंगानगर के दौरे में कहा कि राज का काज करने वालों को तनख्वाह मिलती है काम तो करना ही पड़ेगा। उन्होंने कार्मिकों को चेताया कि चाहे कलक्टर हो या पटवारी मुझे यह नहीं सुनना कि मेरे बच्चों को पढ़ाना है, वहां नहीं जा सकता। मुख्यमंत्री, मंत्री सहित सभी जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों -कर्मचारियों को तनख्वाह मिलती है, उन्हें आमजन की अपेक्षाओं पर खरा उतरना चाहिए।
Rajasthan CM Raje advices Govt employees to work

..तो पता होती है नौकरी की कंडीशन

"सरकार आपके द्वार" कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री ने सूरतगढ़ से श्रीकरणपुर जाते हुए बींझबायला गांव में ग्रामीणों की समस्याएं सुनने के बाद कहा कि जब कोई आरएएस बनता है तो उसे नौकरी की कंडीशन पता होती है। उसे काम करना होगा बदले में जनता की कमाई से तनख्वाह मिलेगी। डॉक्टर-शिक्षक मोटी तनख्वाह लेते हैं, वह जनता की वजह से ही मिलती है। स्कूल में जाएं, बच्चों को पढ़ाएं। डॉक्टर जिसे दवा की जरूरत है, उसे दवा दें। अधिकारी लोगों का काम करें।


सब जनता की वजह से

राजे ने कहा कि मुख्यमंत्री व मंत्री को जनता की वजह से ही सब मिला है। इसे संभाल कर रखना चाहिए। जनता के बीच जाकर पूछना चाहिए कि उन्हें किस चीज की जरूरत हैं। यह सब हो गया तो समझो राजस्थान बदल जाएगा। सीएम ने शुद्ध पेयजल नहीं मिलने पर कहा कि यह बड़ी परेशानी है। दौरे के अंतिम दिन केबिनेट की बैठक में यह मुद्दा रखेंगे। धरना-प्रदर्शन से कुछ नहीं होगा।


सीएम आज संगरिया में

मुख्यमंत्री राजे गुरूवार को हनुमानगढ़ जिले के दौरे पर रहेंगी। वे दोपहर 12 बजे संगरिया में जनसुनवाई करेंगी। विशेषाधिकारी गजानंद शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री सुबह दस बजे श्रीगंगानगर हिन्दुमलकोट के लिए रवाना होंगी और बाद में लालगढ़ व सादुलशहर होते हुए संगरिया पहुंचेंगी। वहां स्वामी केशवानंद महाविद्यालय में जनसुनवाई का कार्यक्रम है। इसके बाद वे रतनपुरा, नगराना, मानकसर व नवां होते हुए हनुमानगढ़ आएंगी।

 

जिससे लव मैरिज की, उसी से परेशान होकर दी जान



जोधपुर। राजस्थान के जोधपुर जिले में एक युवक ने अपनी पत्नी से परेशान फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। युवक ने लव मैरिज की थी। युवक के पिता की रिपोर्ट पर प्रेम विवाह करने वाली युवती के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है।
Man commit suicide in Jodhpur
बोरानाडा थाना पुलिस ने बताया कि मूलत: चौहाबो में सेक्टर 17 ई हाल आशापूर्णा सिटी तृतीय फेस निवासी कुणाल गर्ग मंगलवार देर शाम फंदे पर लटका मिला था। उसके पिता राकेश गर्ग की शिकायत पर कुणाल से प्रेम विवाह करने वाली युवती के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

युवती पिछले तीन-चार दिन से गायब बताई जा रही है। मौके से मिले सुसाइड नोट में मृतक ने अपनी पत्नी पर परेशान होकर आत्महत्या करने का आरोप लगाया था। पुलिस का कहना है कि युवक जनवरी से युवती के साथ परिवार से अलग रह रहा था।

-

शाहरुख खान के ड्राइवर ने किया पूर्व अभिनेत्री संगीता बिजलानी की नौकरानी से रेप



बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के ड्राइवर पर रेप का आरोप लगा है. बीएमडब्ल्यू चलाने वाले इस ड्राइवर पर पूर्व अभिनेत्री संगीता बिजलानी की नौकरानी ने रेप का आरोप लगाया है. पीड़ित की शिकायत पर बांद्रा पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.
अभिनेता शाहरुख खान

बच्चों को स्कूल ले जाने और ले आने वाले इस आरोपी ड्राइवर का नाम राजेंद्र गौतम उर्फ पिंटू मिश्रा है और वह साकीनाका का रहने वाला है. आरोपी राजेंद्र ने पीड़ित लड़की को किंग खान या किसी दूसरी बड़ी हस्ती के यहां काम दिलाने का झांसा देकर अपनी हवस का शिकार बनाया. आरोपी पीड़ित को नालासोपारा के एक होटल लेकर गया और उसके साथ रेप किया.

बांद्रा पुलिस ने पीड़ित लड़की की शिकायत पर आरोपी को गिरफ्तार किया. गुरुवार को उसे बांद्रा कोर्ट में पेश किया जाएगा.

पीड़ित पूर्व अभिनेत्री संगीता बिजलानी के यहां नौकर का काम करती है. जिसकी उम्र 17 साल है और उसकी मां नहीं है. राजेंद्र को उसके एक दोस्त से पीड़ित लड़की का नंबर मिला था. मूलतः लातूर की रहने वाली पीड़ित पांच महीने पहले ही मुंबई पहुंची थी.


 

मोदी के खास शाह होंगे BJP के नए अध्यक्ष!



नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खासमखास अमित शाह को भारतीय जनता पार्टी की कमान दी जा सकती है। सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक बीजेपी अध्यक्ष के तौर पर उनका नाम लगभग तय है। खबर ये भी है कि पार्टी बजट सत्र से पहले उनके नाम का ऐलान कर सकती है।

अमित शाह के अलावा जेपी नड्डा और ओपी माथुर भी बीजेपी अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल थे। लेकिन बाजी अमित शाह के हाथ ही लगी। बताया जा रहा है कि नड्डा ने खुद महासचिव पद पर बने रहने की इच्छा जाहिर की थी।



वहीं ओपी माथुर के नाम पर सहमति नहीं बन पाई और मौका अमित शाह को मिलता दिख रहा है। यूपी प्रभारी के तौर पर अमित शाह ने लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में बीजेपी को शानदार जीत दिलाई थी। बीजेपी को राज्य में 80 में से 71 सीटें मिली हैं। इस जबरदस्त कामयाबी का अमित शाह को इनाम भी मिलता दिख रहा है।

"सीएम, मंत्री और अफसर सब जनता के सेवक"

जयपुर। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा है कि मुख्यमंत्री, मंत्री, जनप्रतिनिधि, अधिकारी, डाक्टर या कर्मचारी सब जनता के कार्यकर्ता है। राजे सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत बुधवार को सूरतगढ से करणपुर जाते समय श्रीगंगानगर में बींझाबायला ग्राम पंचायत में ग्रामीणों को संबोधित कर रही थीं। cm, ministers, public representatives, officers all are workers of the janata, says vasundhara raje

उन्होंने कहा कि 60 साल से मुख्यमंत्री ऑफिस में ही बैठकर काम करते थे, लेकिन पहली बार हमने सरकार आपके द्वार जैसे अभिनव प्रयोग के माध्यम से जनता को बता दिया कि हम जनता के प्रति जवाबदेह हैं। उन्होंने जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और कर्मचारियों को ये भी स्पष्ट कर दिया कि वे सब एक ही टीम के सदस्य है, जिनका मिशन है राजस्थान को बुलंदियों पर ले जाना। यह मिशन सबके सहयोग से ही पूरा होगा, जिसमें जनता को भी सहयोग करना होगा।

राजे ने कहा कि आजादी के बाद 60 सालों में जनता अपनी समस्याओं को लेकर सरकारों को कागज पर कागज पकड़ाती रही, लेकिन लोगों के काम नहीं हुए। ऎसी व्यवस्था को सुधारने के लिए ही हमने बहुत सोच-समझकर ऎसा कार्यक्रम हाथ में लिया है, जिसके तहत मुख्यमंत्री और मंत्री अलग-अलग क्षेत्रों और अलग-अलग रूट पर जनता के बीच पहुंच रहे हैं और हर पंचायत समिति को कवर कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि 60 साल में लोगों के लिए पानी की व्यवस्था नहीं है। गांव में डॉक्टर नहीं हैं, आज भी प्रदेश में दस हजार डाक्टरों की कमी है। साठ साल में सरकार अपना काम चालू रखती तो सरकार और जनता के बीच इतना अंतर नहीं होता। उन्होंने कहा कि टीचर्स, डॉक्टर्स, अधिकारी और कर्मचारी सभी मिलकर जनता की परेशानी को दूर करने की कोशिश करेंगे तो राजस्थान बदल जाएगा।

पत्नी को साथ नहीं भेजने से खफा युवक टावर पर चढ़कर कूदा,

चूरू. पत्नी को साथ नहीं भेजे जाने से खफा युवक बुधवार दोपहर मोबाइल टावर पर चढ़ गया। पत्नी, ससुराल पक्ष व अन्य लोगों ने नीचे उतरने के लिए काफी समझाइश की। पुलिस की भी उसने नहीं सुनी और आधे घंटे बाद आखिरकार वह टावर से गेनाणी (गंदे पानी का हौद) में कूद गया। गेनाणी की दीवार से टकराने के कारण घायल हो गया। अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई।
पत्नी को साथ नहीं भेजने से खफा युवक टावर पर चढ़कर कूदा, देखिए तस्वीरें
पुलिस के अनुसार कोतवाली में बुधवार दोपहर 2.30 बजे फोन आया कि चांदनी चौक स्थित गेनाणी के पास टावर पर युवक चढ़ा हुआ है। पुलिस तुरंत ही पहुंची। उसे नीचे उतारने के लिए समझाइश की। कालू पुत्र मोहनलाल ने बताया कि उसका जीजा राजेश पुत्र बुधराम रेगर लाडनूं का था। मंगलवार रात वह ससुराल चूरू आया था। जीजा ने शराब पी रखी थी। सुबह फिर वह शराब पीकर आया और पत्नी को साथ भेजने के लिए झगडऩे लगा। ऐसी हालत में बहन को उसके साथ भेजने से मना कर दिया गया। तब राजेश नशे में टावर पर चढ़ गया। हमारी व पुलिस की समझाइश के बाद भी वह नहीं उतरा और गेनाणी में कूद पड़ा। कूदते समय वह पहले दीवार पर गिरा और फिर गंदे पानी में। उसे सरकारी डीबी अस्पताल में लाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

एएसपी राजकुमार चौधरी ने अस्पताल चौकी पहुंचकर घटना की जानकारी ली। पुलिस ने युवक के परिजनों को सूचना भेजी। शाम तक लाडनूं से परिजन नहीं पहुंचे थे और पुलिस
कार्रवाई जारी थी।

डेढ़ महीने पहले हुई थी शादी

राजेश की शादी करीब डेढ़ महीने पहले चांदनी चौक चूरू में शादी हुई थी। उसके ससुराल पक्ष के लोगों ने बताया कि शादी के बाद से ही वह पत्नी से मारपीट करता। बुधवार को भी वह शराब के नशे में पत्नी को साथ ले जाने की जिद करने लगा।

पत्नी ने की गुहार, लोगों की लगी भीड़

युवक करीब आधा घंटे तक टावर पर चढ़ा रहा। इस दौरान पत्नी ने भी उससे नीचे उतरने की अपील की। टावर पर युवक के चढऩे की सूचना मिलने पर मोहल्ले के लोगों की भी मौके पर भीड़ लग गई।

बाड़मेर :सिवाना. पुलिस गिरफ्त में नाबालिग बच्ची के अपहरण के आरोपी।

बाड़मेर :सिवाना. पुलिस गिरफ्त में नाबालिग बच्ची के अपहरण के आरोपी। 
  

नाबालिग बच्ची का अभी तक कोई सुराग नहीं, तलाश जारी


सिवाना. क्षेत्र के मिठोड़ा गांव में गत 19 जून को दिन दहाड़े बदमाशों ने हवाई फायरिंग कर एक घर से नाबालिग का अपहरण कर ले जाने वाले मामले में पुलिस ने पांच अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार किया है।
घटना के बाद से थानाधिकारी सुमेरसिंह राठौड़ के नेतृत्व में गठित पुलिस दल के सदस्य रतिराम, पदमपुरी, जामीन खां, रामप्रसाद व गोविंदराम ने लगातार अलग-अलग ठिकानों के तहत अहमदाबाद, सांचोर, मालवाड़ा, सुरेंद्र नगर, भीनमाल में खोजबीन कर अपहरणकर्ता अरविंद पुत्र धनाराम दर्जी निवासी मालवाड़ा, कैलाशपुरी पुत्र नरेशपुरी स्वामी निवासी नांदिया (बागौड़ा), दिनेश पुत्र छगनलाल दर्जी मालवाड़ा (चितलाना), मोहनराम पुत्र खंगाराम विश्नोई निवासी बावरला व पूनमाराम पुत्र चौथाराम विश्नोई निवासी बिच्छावाड़ी (सिरोही) को गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने प्रथम पूछताछ में बताया कि उन्होंने अपहरण की साजिश मालवाड़ा व अहमदाबाद में घटना के मुख्य आरोपी गोपाराम दर्जी निवासी सांचोर सहित कुल आठ जनों ने मिलकर रची। साजिश रचने के बाद 19 जून को दिन में लगभग 3 बजे मिठौड़ा गांव के एक घर में घुसकर 12 वर्षीय नाबालिग का अपहरण कर ले गए। बालिका के परिजनों की ओर से रोकने की कोशिश करने पर आरोपियों ने हवाई फायर करते हुए स्कॉर्पियो में सवार होकर फरार हो गए। घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों का मुख्य आरोपी पांड्या गैंग सांचोर का सदस्य है तथा शराब तस्करी सहित अनेक मामले उसके खिलाफ दर्ज हैं। हालांकि पुलिस को अभी तक नाबालिग का सुराग नहीं लगा है। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के लिए गुरुवार को न्यायालय में पेश कर रिमांड मांगा जाएगा।

महात्मा बुद्ध को माना गया भगवान विष्णु का तेइसवां अवतार


बिहार में हिन्दुओं के गया तीर्थ में श्राद्ध कर्म पूर्ण करने के बाद भगवान विष्णु के दर्शन करने से मनुष्य पितृ, माता और गुरु के ऋण से मुक्त हो जाता है। गया के समीप ही बौध धर्म को समर्पित बौध गया प्रमुख तीर्थ माना गया है। गया से 1 किमी की दूरी पर स्थित बौद्ध गया, बौद्ध धर्म के अनुयायियों का प्रमुख तीर्थ स्थल है। भगवान बुद्ध ने इसी स्थान पर ईसा पूर्व 531 में फाल्गु नदी के तट पर पवित्र बोधिवृक्ष की छाया में बैठ कर तपश्चर्या के द्वारा ज्ञान के प्रकाश का प्रथम साक्षात्कार किया था तत्पश्चात वह भगवान बुद्ध कहलाने लगे।



ज्ञान प्राप्ति के पश्चात वे सात सप्ताह तक उरुवेला के समीप ही मनन करते रहे। काशी अथवा वाराणसी से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित सारनाथ प्रसिद्ध बौद्ध तीर्थ है। सारनाथ वाराणसी से इतना करीब है की इसे वाराणसी से अलग नहीं कहा जा सकता। पहले यहां घना वन था और मृग-विहार किया करते थे। उस समय इसका नाम ‘ऋषिपत्तन मृगदाय’ था। ज्ञान प्राप्त करने के बाद गौतम बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश अपने पांच शिष्यों को दिया था। सम्राट अशोक के समय में यहां बहुत से निर्माण-कार्य हुए।


मान्यता है की सम्राट अशोक की पुत्री संघमित्रा ने बोध गया स्थित पवित्र बोधि वृक्ष की एक शाखा श्री लंका के अनुरधपूरा में लगाईं थी, उसी पेड़ की एक शाखा को यहां सारनाथ में लगाया गया है। गौतम बुद्ध तथा उनके शिष्यों की प्रतिमाएं म्यांमार के बौद्ध श्रद्धालुओं की सहायता से यहां लगाईं गई हैं। इसी परिसर में भगवान बुद्ध के अट्ठाईस रूपों की प्रतिमाएं भी स्थित हैं।

जिस परम पवित्र स्थान पर भगवान बुद्ध ने वैशाख महीने में पूर्णिमा के दिन ज्ञान प्राप्त किया था उस स्थान को बौध गया तथा वह शुभ दिन बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार महात्मा बुद्ध को भगवान विष्णु का तेइसवां अवतार माना गया है। बुद्ध पूर्णिमा का पर्व बुद्ध के आदर्शों व धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।

बौध गया का सबसे प्रमुख मन्दिर महा बोधि मन्दिर है। आम जनमानस का भरोसा है कि महाबोधि मन्दिर में स्थापित बुद्ध की मूर्ति का संबध साक्षात भगवान बुद्ध से है। भगवान बुद्ध बौध भिक्षु के स्वप्न में आए और उस से कहा कि इस प्रतिमा का निर्माण स्वयं उन्होने हीे किया है। भगवान बुद्ध की इस प्रतिमा को बौध धर्म में अत्यधिक मान-सम्मान प्राप्त है तथा नालन्दा और विक्रमशिला के बौध मन्दिरों में भी इसी का प्रतिरुप स्थापित है। सन् 2002 में यूनेस्को ने इस मन्दिर एवं क्षेत्र को विश्व विरासत स्थल घोषित किया है।

राजस्थान की भव्यता का प्रतीक है माता श्री चामुंडा देवी का 500 वर्ष प्राचीन मंदिर



राजस्थान की भव्यता का प्रतीक जोधपुर शहर अपनी बेमिसाल हवेलियों की भवन निर्माण कला,मूर्ति कला तथा वास्तु शैली के लिए दूर-दूर तक विख्यात है। इसी शहर के लगभग 400 फुट ऊंचे शैल के पठार पर स्थित है, भारत के सबसे विशाल किलों में से एक मेहरानगढ़ का भव्य किला।यह किला वर्तमान नरेश महाराजा गज सिंह के राजपरिवार का निवास स्थान तो है ही, वहीं इसी किले में एक भव्यता का प्रतीक उत्कृष्ट म्यूजियम तथा मां जगदम्बा चामुंडा का मंदिर भी स्थित है, जो किले के दक्षिणी भाग में सबसे ऊंची प्राचीर पर स्थित है। श्री चामुंडा देवी का यह मंदिर जोधपुर राज परिवार का इष्ट देवी मंदिर तो है ही, बल्कि लगभग सारा जोधपुर ही इस मंदिर की देवी को अपनी इष्ट अथवा कुल देवी मानता है। इस मंदिर में देवी की मूर्ति 1460 ई. में चामुंडा देवी के एक परमभक्त मंडोर के तत्कालीन राजपूत शासक राव जोधा द्वारा अपनी नवनिर्मित राजधानी जोधपुर में बनाए गए किले में ही स्थापित की गई।किले की छत पर विराजमान यह मंदिर अपनी मूर्ति कला तथा उत्तम भवन निर्माण कला की एक अनूठी मिसाल है, जहां से सारे शहर का विहंगम दृश्य साफ नजर आता है। 


मेहरानगढ़ किले में प्रवेश मार्ग से सूर्य की आभा का आभास देते श्री चामुंडा देवी मंदिर में प्रवेश करने का मार्ग आसपास बनी आकर्षक मूर्तियों से सुसज्जित है। मंदिर में स्थापित मां भवानी की मूर्ति मगन बैठी मुद्रा की बजाय चलने की मुद्रा में नजर आती है।शत्रुओं से अपने भक्तों की रक्षा करने वाली देवी का यह रौद्र रूप है जो सांसारिक शत्रुओं से उनकी रक्षा के साथ-साथ उनके भौतिक (शारीरिक) दुखों तथा मानसिक त्रासदियों को दूर करके उनमें आत्मविश्वास एवं वीरता का संचार कर जीवन को एक गति प्रदान करता है। नवरात्रों में तो सारे प्रदेश से यहां भक्तों का आवागमन होता है। श्री मत्स्य पुराण तथा श्री मार्कंडेय पुराण में विशेष तौर पर भगवती चामुंडा देवी के प्रताप व वैभव का वर्णन है। महाभारत के वन पर्व तथा श्री विष्णु पुराण के धर्मोत्तर में भी आदिशक्ति की स्तुति की गई है।एक पौराणिक मान्यता के अनुसार देवासुर संग्राम में जब शिवा (मां शक्ति) ने राक्षस सेनापति चंड तथा मुंड नामक दो शक्तिशाली असुरों का वध कर दिया तो मां दुर्गा द्वारा देवी के इस ‘शत्रु नाशिनी’ रूप को चामुंडा का नाम दिया गया। जैन धर्म में भी देवी मां चामुंडा को मान्यता प्राप्त है तथा मां देवी का यह रूप पूर्णत: सात्विक रूप में पूजा जाता है।

बुधवार, 25 जून 2014

दो साल का छोटा शराबी! दूध नहीं बीयर से मिटती है इसकी भूख


चीन का छोटा शराबी चेंग चेंग
जब बच्चों को भूख लगती है तो अमूमन वह दूध के रोते हैं. लेकिन चीन में एक दो साल का बच्चा ऐसा भी है जिसकी भूख दूध की बजाय बीयर से मिटती है. पूर्वी चीन में रहने वाले इस बच्चे को अल्कोहल की ऐसी लत लगी है कि वह दूध नहीं बीयर पीना पसंद करता है. इस बच्चे ने 10 महीने की उम्र में ही शराब चख ली थी.

चेंग चेंग नाम के इस बच्चे को स्थानीय मीडिया में 'लिटिल वाइनवीबर' यानी छोटा शराबी बुलाया जाता है. बताया जाता है कि यह बच्चा एक पूरी बीयर की बोतल बिना रूके खत्म कर देता है. खास बात यह है कि इसका उस पर कोई असर भी नहीं होता. 'डेली स्टार' में छपी खबर के मुताबिक, चेंग चेंग जब बहुत रोता या परेशान करता था तो उसके पिता उसे वाइन पिलाते थे ताकि वह थोड़ा शांत हो जाए.

दूसरी ओर, सरकारी अधि‍कारी चेंग की इस आदत के बारे में जानकर खासे परेशान हो गए हैं. हालांकि उसके माता-पिता उसकी इस आदत को छुड़ाने और समस्या से निजात पाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उन्हें डर है कि कहीं इस कवायद में उन्हें कोर्ट-कचहरी के चक्कर न लगाने पड़ जाए.

डर था अब हकीकत है
चेंग की चाची बताती हैं कि जब बचपन में उसे अल्कोहल दिया जाता था तो उन्हें डर था कि भविष्य में वह इसका आदी हो सकता है. आशंका सच साबित हुई और उम्र बढ़ने के साथ ही उसकी पीने की क्षमता भी बढ़ने लगी.



वह बताती हैं कि चेंग बहुत शोर मचाता है और उनके पास उसे शांत करने के लिए दूसरा कोई विकल्प नहीं सूझा. शुरुआत में वह चेंग को थोड़ी शराब पिला देते थें. इससे वह शांत हो जाता था, लेकिन अब जब वह बड़ा हो रहा है उसकी नजरें हर पल शराब और बीयर की बोतलों पर रहती है. चेंग के माता-पिता अब शराब की बोतलों को उससे छिपाकर रखने लगे हैं.

बताया जाता है कि चेंग लगभग पूरी तरह से अल्कोहल पर निर्भर हो गया है. जब कभी उसे भूख लगती है वह तब तक शोर मचाता है जब तक कि उसे अल्कोहल नहीं परोसा जाता.


 

हर साल नहीं कराना पड़ेगा गाड़ी का बीमा

मुंबई। यदि आप हर साल वाहन बीमा कराने के काम को मुश्किल समझते हैं तो निश्चिंत हो जाइए अब एक बार में ही तीन से पांच साल का बीमा करा सकते हैं । now you can do 5 year vehicle insurance

जनरल इंश्योरेंस काउंसिल इसकी योजना बना रही है। काउंसिल तीन से पांच वर्ष तक का वाहन बीमा करेगी। इसके पीछे मकसद बड़ी संख्या उन वाहनों को बीमा के दायरे में लाना है जो इससे बाहर हैं।

जनरल इंश्योरेंस काउंसिल के महासचिव आर चंद्रशेखरन ने चौथे वार्षिक फिनटेलीकट बैठक को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी।

चंद्रशेखरन ने कहा कि तीन साल की वाहन बीमा पॉलिसी लेना वाहन मालिक के लिए स्वैच्छिक होगा।

उन्होंने कहा कि इससे वाहन मालिक को हर साल बीमा कराने के झंझट से मुक्ति मिलेगी। फिलहाल इस नीति के तहत प्राइसिंग प्रणाली पर काम किया जा रहा है क्योंकि ऎसी पॉलिसियों के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की राशि का निर्धारण बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा किया जाता है।

उन्होंने कहा कि बीमाकर्ता थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस पोर्टफोलियों में नुकसान में हैं। इसलिए दीर्घकालिक अवधि की बीमा पॉलिसियों पर किसी प्रकार की रियायत की उम्मीद नहीं है।

अगले 6 महीने तक सस्ती मिलती रहेंगी कारें और बाइक्स -



नई दिल्ली। कार,स्कूटर और बाइक्स खरीदने वालों को राहत देते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बुधवार को कहा कि पिछली सरकार ने फरवरी में एक्साइड डयूटी में जो छूट दी थी उसे 31 दिसंबर 2014 तक बढ़ाया गया है। एक्साइज डयूटी में छूट की सीमा 30 जून को खत्म होने वाली थी। जेटली ने कहा कि ऑटोमोबाइल्स,कैपिटल गुड्स और कंज्यूमर डयूरेबल्स पर एक्साइज डयूटी में की गई कटौती 31 दिसंबर तक जारी रहेगी।
Relief For Car Buyers: Excise Duty Cut Extended
जेटली ने कहा कि इस साल फरवरी में कुछ वाहनों पर एक्साइज डयूटी में कमी की गई थी। कुछ कैपिटने और कंज्यूमर डयूरेबल्स को भी कुछ छूट दी गई थी। सरकार ने इस सुविधा को अगले छह महीने तक बढ़ाने का फैसला किया है। अंतरिम बजट में छोटी कारों, स्कूटरों, मोटर साइकलों और अन्य कमर्शियल वाहनों पर एक्साइज डयूटी में 4 फीसदी की छूट दी गई थी। एक्साइज डयूटी को 12 फीसदी से 8 फीसदी किया गया था।

एसयूवी पर एक्साइज डयूटी को 30 फीसदी से 24 फीसदी कर दिया गया था। बड़ी कारों पर एक्साइज डयूटी को 27 फीसदी से 24 फीसदी और मिडल सैगमेंट की कारों पर एक्साइज डयूटी को 24 फीसदी से 20 फीसदी कर दिया गया था। जेटली ने कहा कि एक्सटेंशन से बीमार अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी।

गौरतलब है कि ऑटो इंडस्ट्री लंबे समय से मंदी से जूझ रही है। वित्तीय वर्ष 2013-14 के दौरान कारों की बिक्री में गिरावट आई थी। वित्तीय वर्ष 2013-14 के दौरान कारों की बिक्री में 4.65 फीसदी की गिरवाट आई थी। 2013-14 के दौरान 17,86,899 कारें बिकी। वित्तीय वर्ष 2012-13 के दौरान 18,74,055 कारें बिकी थी। 2012-13 में कारों की बिक्री में 6.69 फीसदी की गिरावट आई थी।

-  

रसोई गैस और मिट्टी तेल के दाम तीन महीने नहीं बढ़ेंगे : प्रधान



नई दिल्ली। सरकार ने घरेलू रसोई गैस और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए बेचे जाने वाले मिट्टी के तेल की कीमतों में किसी प्रकार की बढ़ोतरी से इनकार किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने बुधवार को हुई बैठक के बाद तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धमेन्द्र प्रधान ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि रसोई गैस और मिट्टी तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का कोई प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन नहीं है। अगले तीन महीनो तक इनके दाम फिलहाल नहीं बढ़ेंगे।
LPG, kerosene price hike deferred by 3 months
मीडिया में ऎसी खबरें आई थीं कि सरकार लागत से कम कीमत पर तेल विपणन कंपनियों को यह दोनों ईधन को बेचने से होने वाली अंडर रिकवरी को कम करने के लिए इनके दामों को डीजल की तरह थोड़ा-थोड़ा बढ़ाने को मंजूरी दे सकती है। रसोई गैस के 14.2 किलोग्राम के सिलेंडर की कीमत में पांच रूपए और मिट्टी तेल पर एक रूपए प्रति लीटर बढ़ोतरी की अटकलें लगाई जा रही थी।

प्रधान ने कहा, सरकार के समक्ष रसोई गैस और मिट्टी तेल की कीमत बढ़ाने के बारे में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। उल्लेखनीय है कि संप्रग सरकार ने पिछले साल जनवरी में डीजल पर अंडर रिकवरी को कम करने के लिए तेल विपणन कंपनियों को हर माह पचास पैसे प्रति लीटर तक दाम बढ़ाने की छूट दी थी।

डीजल की कीमतों में इसके बाद धीरे-धीरे बढ़ोतरी का परिणाम यह रहा कि इस पर अंडर रिकवरी 14.50 रूपए प्रति लीटर से घटकर 1.62 रूपए प्रति लीटर रह गई। रसोई गैस के 14.2 किलोग्राम के सिलेंडर अंडर रिकवरी 433 रूपए प्रति सिलेंडर है।

राशन के जरिए बेचे जाने वाले मिट्टी तेल पर अंडर रिकवरी इसकी मौजूदा कीमत 33 रूपए प्रति लीटर के आसपास है। ईधन की कुल एक लाख 15 हजार 548 करोड़ रूपए की सब्सिडी में से रसोई गैस का हिस्सा 50 हजार 324 करोड रूपए है और मिट्टी तेल पर 29 हजार 488 करोड़ रूपए की सब्सिडी है।

-  

एक मरीज को लगाए पशुओं के 10 इंजेक्शन

बाड़मेर के बायतु निवासी 60 वर्षीय गोसाईराम सारणा। यह वक्त हाथ कंपकंपाते थे। तेज बुखार से पीडित थे। गत 13 जून को मथुरादास माथुर अस्पताल के मेडिकल वार्ड बी में भर्ती किया गया। a patient four day in ten veterinary injections in jodhpur hospital


मरीज को 17 से 20 जून तक पशुओं के ये 10 मेरीपीनाम इंजेक्शन लगाए गए। परिजनों का कहना है कि इन इंजेक्शनों से सेहत सुधरना तो दूर, तबीयत और बिगड़ गई। बाद में सेहत में सुधार ना होते देख उन्होंने मरीज को निजी अस्पताल में भर्ती करवाया।

पालरोड़ स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया। पालरोड स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती हुए गोसाईराम के पुत्र बागाराम ने बताया कि जब उसे पशुओं के लेबल वाले इन मेरीपीनाम इंजेक्शन के बारे में पता चला तो उन्होंने एमडीएम की दवा पर्चियां टटोली।

उनमें इस इंजेक्शन का नाम देख चौंक गया। बागाराम ने बताया कि पशुओं के इंजेक्शन के कारण ही उनके पिता का इलाज नहीं हो पाया। दिनों दिन सेहत सुधरने की बजाए बिगड़ती रही। पुत्र ने एमडीएम की पर्चियंा दिखाते हुए आरोप लगाया कि उनके पिता को पशुओं के ये 10 इंजेक्शन लगाए गए।

निजी अस्पताल में ट्रीटमेंट बदलने के बाद अब गोसाईराम स्वस्थ है। श्रीराम अस्पताल के संचालक डॉ. सुनील चांडक ने बताया कि मरीज 20 जून को बेहोशी की हातल में यहां आया था। एंटिबायोटिब बदल कर उसका इलाज किया गया। अब मरीज की हालत ठीक है।

मुरादें पूरी करती हैं माता आशापूर्णी जी

मुरादें पूरी करती हैं माता आशापूर्णी जी

उत्तर भारत का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल पठानकोट स्थित मंदिर माता आशापूर्णी जी लगभग 200 वर्ष पूर्व पंडित जल्ला भक्त ने बनवाया था। एक रात माता जी उन्हें स्वप्न में आई और कहा कि मेरी मूर्ति यहां से एक किलोमीटर दूर दबी पड़ी है। उसे लेकर आओ और उसकी स्थापना इस स्थान पर करो। सुबह होते ही वह अपने भाई बंधुओं के साथ उस स्थान पर गए। खुदवाई करने पर माता जी की मूर्ति चक्की नदी से निकालकर बैंडबाजों के साथ बड़ी धूमधाम से बाजार के बीचों बीच उगे पीपल के वृक्ष के नीचे विधी विधान से उसकी स्थापना कर दी गई। चार दिवारी का र्निमाण करके उसे मंदिर का रूप दे दिया गया। एक वारहदारी पिछले हिस्से में तथा एक कुआ भी खुदवाया गया। उस समय पठानकोट एक मामूली सा कस्बा था। मंदिर की देखभाल ठीक समय पर न हो सकने के कारण यह खंडर बन गया।

अचानक एक चमत्कार हुआ। अमृतसर से एक सेल्समैन किसी काम से पठानकोट आया उसने खंडर रूपी मंदिर को देखा और मन ही मन बहुत दुखी हुआ कि यह कैसा शहर है। यहां के लोगों ने माता के मंदिर का क्या हाल बना रखा है। उसने मंदिर के भीतर प्रवेश किया उसे महसूस हुआ कि कोई अदृश्य शक्ति उसे कह रही है कि हे प्रिय भक्त यह मंदिर अब तेरे हवाले है। इसका पुर्न निर्माण करवा। सेल्समैन को यह सब अपने मन का वहम लगा और वह वापिस अपने शहर लौट गया।

कुछ माह उपरांत वह फिर से पठानकोट आया और उसे अदृश्य शक्ति का वही संदेश फिर से सुनाई दिया। उसने अपने मन में प्रार्थना करी हे मां यदि आपकी एसी ही इच्छा है तो सदा के लिए मुझे इस शहर में बसा दो। जब वह वापिस अपने शहर गया तो उसे जाते ही नौकरी से निकाल दिया गया। मां का आर्शिवाद जान वह पठानकोट आ गया और यहां आकर चाय की पत्ती का थोक का काम आरंभ कर दिया। उसे व्यापार में बहुत नुकसान हुआ मगर उसने हिम्मत नहीं हारी और दिन रात मेहनत करता रहा। माता जी की कृपा से व्यापार में सफलता मिलने लगी।

जब उसके पांव जम गए तो उन्होंने मंदिर के संस्थापक से इस संबंध में बातचीत की तो उन्होंने खुशी खुशी स्वीकृति दे दी। मां की कपा से जल्द ही निर्माण कार्य आरंभ हो गया। इसी बीच बहुत से भक्त तन, मन और धन से योगदान देने लगे। जल्द ही खूबसूरत मंदिर का र्निमाण हो गया। प्रत्येक मंगलवार को यहां प्रशाद बनने तथा बंटने की प्रथा भी आरंभ हो गई, जागरण पार्टीयों द्वारा माता जी का गुनगान आरंभ हो गया। भक्तों द्वारा चढ़ाए चढ़ावें से मंदिर की आमदनी में बढ़ौतरी होने लगी। जिससे हर प्रकार की उसारी का काम होने लगा।

इसी दौरान मंदिर कमेटी का भी गठन किया गया जो शहर वासियों से चंदा इकट्ठा करती और मंदिर के अधूरे काम पूर्ण करवाए जाते साथ ही वार्षिक जागरण का भी आयोजन होने लगा। धीरे धीरे मंदिर प्रगती की तरफ अग्रसर होने लगा। कमेटी द्वारा मंदिर में चांदी के दरवाजे, सिंहासन, शीशे की मीनाकारी, परिसर में संगमरमर, गणेश जी, हनुमान जी तथा माता जी की प्रतिमाएं इत्यादि स्थापित करवाए गए।

प्राचीन एवंम ऐताहिसक माता आशापूर्णी जी के मंदिर में जो भक्त सच्चे मन से मन्नत मांगता है उसकी मुरादें माता जी अवश्य पूरी करती है। दूर दराज से लोग मां की पूजा अर्चना के लिए यहां पहुंचते हैं।

फेसबुक पर गैंगरेप का वीडियो, छिना यूपी पुलिस का चैन -

मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर के शाहपुर क्षेत्र में एक महिला के साथ गैंगरेप के दौरान उसका वीडियो भी बनाया गया। इस घटना का खुलासा तब हुआ जब उक्त वीडियो फेसबुक पर सार्वजनिक हो गया। पुलिस ने आनन फानन कार्रवाई करते हुए इस मामले में पूछताछ के लिए कई लोगों को हिरासत में लिया है। teenage girl allegedly gangraped by eight youths and video uploded on facebook


सूत्रों के अनुसार अभी तक पीडिता की ओर से थाने में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है। उन्होंने बताया कि एक संप्रदाय विशेष के युवक ने अपनी पहचान छुपाकर शाहपुर क्षेत्र में एक युवती को प्रेमजाल में फं सा लिया। आरोपी युवक ने युवती को मिलने के बहाने बुलाया और एक खेत में बंधक बना लिया।

आरोपी युवक ने अपने कुछ साथियों के साथ युवती के साथ सामूहिक बलात्कार किया और वीडियो फिल्म बनाई और कुछ फोटोग्राफ भी लिए। युवती को मुंह बंद रखने की धमकी देकर युवती को छोड़ दिया। लोकलाज के डर से युवती ने अपने परिजनों को घटना के बारे में जानकारी नहीं दी।

हाल ही में आरोपियों ने युवती की अश्लील वीडियो और फोटोग्राफ सार्वजनिक कर दिए। इसके बाद मामला तूल पकड़ गया। इस बीच शाहपुर थाना प्रभारी ने बताया कि मीडिया से मामले की जानकारी मिलने पर पूछताछ के लिए कुछ युवकों को हिरासत में लिया गया है।

उन्होंने बताया कि पीडिता की ओर से पुलिस में अभी तक कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है। मामले की जांच की जा रही है और यदि शिकायत नहीं मिलती है तो पुलिस वीडियो के आधार पर कार्रवाई करेगी।

अमेठी में 6 साल की बच्ची से दुष्कर्म

उत्तर प्रदेश मे अमेठी के पीपरपुर क्षेत्र में एक युवक द्वारा छह साल की बालिका के साथ मंगलवार को दुराचार किया गया। पुलिस के अनुसार पीपरपुर इलाके के लहना गांव में शुक्लादीनखजुरी गांव का रहने वाला गोपाल शुक्ला एक घर में घुस गया और छह साल की बालिका को अकेला पाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। उन्होंने बताया कि बालिका के परिजन जब घर पहंुचे तो बालिका खून से लथपथ बेहोश पड़ी थी। बालिका को अस्पताल भेज दिया गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

राशन की दुकान पर महिला के साथ रेप

उत्तर प्रदेश में कौशाम्बी जिले के करारी क्षेत्र में सरकारी राशन की दुकान पर चीनी लेने गई एक महिला के साथ दुकानदार द्वारा बलात्कार किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। पुलिस के अनुसार शाहपुर टीकरी गांव में सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान में एक महिला चीनी लेने गई थी। विवाहिता का आरोप है कि कोटेदार ने धमकी देकर उसके साथ बलात्कार किया। महिला की शिकायत पर कोटेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया और पीडिता को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल भेज दिया गया। आरोपी की तलाश जारी है। -  

जैसलमेर अतिक्रमण की जद मे करोड़ों की जमीन!

जैसलमेर। पाकिस्तान सीमा से सटा खूबसूरत जिला जैसलमेर अतिक्रमणो के आगोश मे आकर सिकुड़ता जा रहा है। प्रशासन मौन है, भू-माफिया सक्रिय हैं और राजनीतिक संरक्षण हावी है। बेशकीमती जमीन पर गिद्धदृष्टि बनाए अतिक्रमियो की नापाक हरकतें दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं, लेकिन इन्हे रोकने का साहस अभी तक प्रशासनिक तंत्र नहीं जुटा पाया है। समय-समय पर अतिक्रमण हटाने के नाम पर महज खानापूर्ति की जाती है। यही कारण है कि नियम व कायदो को ताक पर रखकर अतिक्रमण व अवैध कब्जो के लिए जैसलमेर पसंदीदा स्थली बनती जा रही है। JD land encroachment in the millions
कड़वा सच यह है कि चाहे कोई भी सरकार हो या कैसा भी बोर्ड हो, कोई कड़ा कदम उठाने को तैयार नहीं है। नेता, भू-माफिया और अधिकारी की मौजा ही मौजा है, लेकिन गरीब तबके का वह व्यक्ति सबसे ज्यादा परेशान है, जिसे रहने के लिए छोटा सा भूखंड भी नहीं मिल पा रहा है। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि जैसलमेर मे आए दिन अवैध कब्जो व अतिक्रमणो के मामले सामने आ रहे हैं और कई बार झगड़े तक की नौबत आ रही है, लेकिन निराशाजनक यह है कि सब कुछ जानते हुए भी जिले के अधिकारी, नगरपरिषद व जनप्रतिनिधि आंखे मूंदे हुए हैं।

इसी का यह नतीजा है कि करोड़ों की बेशकीमती जमीन पर अवैध कब्जों का सिलसिला सतत रूप से चलता ही जा रहा है। शहर की जमीन पर भू-माफियो व अतिक्रमियो की काली नजर से आम आदमी मायूस है। ये अतिक्रमण व अवैध कब्जे ही हंै, जिनके कारण जैसलमेर की विश्वस्तरीय ख्याति प्राप्त सुंदरता प्रभावित हो रही है। रसूखदार व प्रभावी अतिक्रमियों के अवैध कब्जों को हटाने के लिए अभी तक प्रशासनिक तंत्र ने साहस नहीं दिखाया है। केवल कागजों में चेतावनी देने की कार्यवाही हो रही है। जहां देखो वहां अतिक्रमणों की बाढ़ आई हुई है। अतिक्रमणों में नगरपरिषद के कुछ लोगो के शामिल होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

कच्ची बस्तियो मे आलीशान इमारते
कच्ची बस्ती का नाम लेते ही झुग्गी झोपड़ी, कच्चे मकान, समूह मे खेलते अधनंगे बच्चे, एक छोटे से आशियाने मे समूह मे रहते लोग व आधारभूत सुविधाओ का टोटा.. कुछ ऎसी ही तस्वीर दिमाग मे बनती है। ऎसे मे यदि जैसलमेर मे कच्ची बस्तियो मे जाकर देखें तो ऑलीशान इमारतो को देखने के बाद यह समझा जा सकता है कि माजरा आखिर क्या है? जैसलमेर की कच्ची बस्तियों में गिनती के ही कच्चे मकान हैं। गरीबों को दिए गए 900 रूपयों के भूखण्डो पर आलीशान इमारतें, दुकानें व होटल बन गए हैं।

न तो कोई इन्हे रोकने वाला है और न ही नगर परिषद कोई एतराज कर रही है। गफूर भट्टा व बबर मगरा कच्ची बस्तियो को वर्ष 2002 मे समाप्त कर उन्हे क्रमश: शास्त्री व नेहरू कॉलोनी के रूप मे मान्यता दी गई थी। 15 अगस्त 1998 तक के काबिज लोगो को 20 गुणा 45 के भूखंड आवंटित किए गए थे। इन दो कॉलोनियो की नगर नियोजक की ओर से निर्मित नक्शो के आधार पर बसावट की गई थी, लेकिन उसके बाद वर्ष 2004 मे इसी कॉलोनी मे नए सर्वे कराए गए । इसी दुबारा सर्वे के कारण अतिक्रमण बढे और लोगो को गलत-सलत करने का मौका मिला।

बढ़ने लगीं कच्ची बस्तियां
जैसलमेर मे कच्ची बस्तियो मे मकान के लिए अनुदान देने संबंधी योजनाओ के बाद तो इन बस्तियो मे अवैध कब्जो का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा। पहले जहां शहर मे छह कच्ची बस्तियां थीं, वहीं इनकी संख्या वर्तमान मे बढ़कर 13 तक पहुंच गई है। एक सर्वे मे नाम जुड़ने के बाद कुछ लोगो ने और कब्जा कर लिया और अगले सर्वे मे नाम जुड़ाने की कवायद शुरू कर दी। ऎसे मे यह समस्या दिन-ब-दिन लाइलाज बीमारी के रूप मे सामने आ रही है।

यहां भी हिमाकत

भू-माफियो की गोचर, ओरण, पड़त भूमि व वन विभाग के क्षेत्र पर काली नजरें गड़ चुकी हैं। गांव में मवेशी चराने वाले ग्वालो के साथ भू-माफिया आए दिन मारपीट करते रहते हंैं।
भू-माफियो की ओर से कहीं भी खाली जमीन, गोचर ओरण या फिर पड़त भूमि दिखते ही वहां अवैध काश्त कर फसल बुवाई कार्य शुरू कर दिया जाता है।
राष्ट्रीय राजमार्ग व राज्य राजमार्गो पर बसे गांवों में बड़ी संख्या में अतिक्रमण हो रहे हंै तथा अतिक्रमी बेखौफ होकर यहां दुकान व मकान निर्माण करवा रहे हैं। यही नहीं दिनोंदिन बढ रहे भू-माफिया जगह-जगह सरकारी जमीनों पर अवैध निर्माण करवाकर उन्हें बेचने का गोरखधंधा कर रहे हैं।
भूमाफियों ने अतिक्रमण कर जमीनों को बेचने का व्यवसाय बना रखा हैं, इस गोरखधंधे में इन भूमाफियों ने लाखों रूपए के वारे न्यारे कर दिए। बरसाती नदियों के साथ चारों तरफ हुए अतिक्रमणो के कारण कई बार बाढ़ के हालात पैदा हो जाते हैं।
खाली पड़ी ओरण भूमि पर एक के बाद एक अतिRमण इसलिए हो गए, क्योंकि अतिक्रमण के दौरान स्थानीय प्रशासन ने कभी भी कड़ी कार्रवाई नहीं की।
करोड़ों रूपए की सैकड़ों बीघा जमीन पर भू-माफियाओं की ओर से अवैध निर्माण करवाकर, पत्थर डालकर तथा राजस्व, ओरण, गोचर आदि भूमि पर अवैध काश्त कर अतिक्रमण किया जा रहा है। -  

LPG सिलेंडर पर हर माह 5 रुपये बढ़ाएगी सरकार!



नई दिल्ली। रेल किराये के बाद अब केंद्र सरकार एलपीजी सिलेंडर और केरोसीन के दामों में भी जोर का झटका धीरे से देने की तैयारी में है। ये फॉर्मूला पूर्ववर्ती मनमोहन सरकार डीजल के दामों में लागू कर चुकी है, जहां डीजल कीमतों में हर महीने 50 पैसे की वृद्धि की जाती है। मोदी सरकार मनमोहन के इस फॉर्मूले को एलपीजी सिलेंडर और केरोसीन पर लागू करने पर विचार कर रही है।



केंद्र सरकार एलपीजी सिलेंडर में हर महीने पांच रुपये की वृद्धि करने की तैयारी कर रही है। इसी तरह केरोसीन की कीमत में भी हर महीने 50 पैसे से एक रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी का प्रस्ताव सरकार के समक्ष विचाराधीन है। ऐसा हुआ तो रेल किराये में बढ़ोतरी के बाद ये मोदी सरकार की जनता के लिए दूसरी कड़वी गोली होगी। सरकार अभी एलपीजी और केरोसीन पर 80 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी देती है और उसका लक्ष्य बढ़ते बजट घाटे को पूरा करने के लिए इसी राशि को कम से कम करने पर है।



वैसे 14.2 किलो के हर एलपीजी सिलेंडर पर सरकार 432.71 रुपये सब्सिडी देती है। अगर पांच रुपये हर महीने दाम बढ़ाए गए तो इस सब्सिडी को खत्म करने में 7 साल लग जाएंगे। मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि अगर राजनीतिक नेतृत्व राजी हुआ तो सिलेंडर पर हर महीने 10 रुपये भी बढ़ाए जा सकते हैं।



दूसरी ओर केरोसीन पर वर्तमान में 32.87 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी है। अगर केंद्र सरकार एक रुपये हर महीने बढ़ाती है तो ढाई साल में पूरी सब्सिडी खत्म हो जाएगी। वर्तमान में डीजल, एलपीजी और केरोसीन पर सरकार 1 लाख 15 हजार 548 करोड़ रुपये की सब्सिडी देती है। इनमें से 50 हजार 324 करोड़ एलपीजी पर, 29 हजार 488 करोड़ केरोसीन पर खर्च होते हैं।

बिहार में राजधानी एक्सप्रेस पटरी से उतरी, 4 की मौत



नई दिल्ली। बिहार के छपरा के पास गोल्डीनगंज में राजधानी एक्सप्रेस हादसे का शिकार हो गई है। दिल्ली से चलकर डिब्रूगढ़ जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस की 12 बोगियां पटरी से उतर गई हैं। इस हादसे में कम से कम 4 लोगों के मारे जाने की खबर है और कई घायल हैं। घायलों को निकट के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे में मरने वालों की तादाद बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।


ये हादसा रात 2 बजकर 13 मिनट पर हुआ। इसमें राजधानी एक्सप्रेस के B1 से B7 तक के सभी डिब्बे पटरी से उतर गए। उस वक्त ट्रेन में सभी लोग सो रहे थे, तभी ट्रेन पटरी से उतर गई। मौके पर राहत-बचाव का काम शुरू हो गया है।



रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अरुणेंद्र कुमार के मुताबिक इंजन और 12 डिब्बे पटरी से उतरे हैं। हालांकि जीएम के मुताबिक कुल 10 डिब्बे पटरी से उतरे हैं। रेलवे बोर्ड ने अध्यक्ष अरुणेंद्र कुमार ने घटना में नक्सलियों हमले की आशंका जताई है। उन्होंने कहा कि नक्सलियों ने बंद का एलान किया था। ऐसे में इस हादसे में नक्सलियों का हाथ होने से भी इनकार नहीं किया जा सकता।



रेलवे बोर्ड ने हादसे में मारे गए लोगों के परिवार को 2 लाख रुपये का मुआवजा, घायलों को 1 लाख का और मामूली रूप से घायल हुए लोगों को 20 हजार रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है।











रेलवे ने हादसे की जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर 06279-6510, 06224- 2226778 जारी किए हैं।

मंगलवार, 24 जून 2014

दबाव में झुकी सरकार, लोकल का बढ़ा किराया वापस



नई दिल्ली। रेल किराये में एक झटके में की गई भारी भरकम वृद्धि के विरोध के बाद केंद्र सरकार ने कुछ हद तक अपने पांव पीछे खींचे हैं। सरकार ने 80 किलोमीटर दूरी तक की सभी लोकल ट्रेनों का किराया अगले आदेश तक बढ़ने से रोक दिया है। ये फैसला मुंबई लोकल सहित सभी शहरों में 80 किलोमीटर तक चलने वाली लोकल ट्रेनों पर लागू होगा। इस फैसले से एमएसटी (मंथली सीजनल टिकट) धारकों को सबसे ज्यादा फायदा होने की उम्मीद है।



गौरतलब है कि रेल किराये में वृद्धि का विरोध विपक्ष तो कर ही रहा है, एनडीए और खुद बीजेपी में भी इसे लेकर विरोध सामने आ गया है। मुंबई लोकल का किराया बढ़ाने के खिलाफ दिल्ली में शिवसेना और बीजेपी के दस सांसदों ने रेल मंत्री सदानंद गौड़ा से मुलाकात की।



इन सांसदों की चिंता इस बात को लेकर थी कि कुछ महीने बाद महाराष्ट्र में चुनाव होने वाले हैं और मुंबई की लाइफ-लाइन कही जाने वाली लोकल की किराया वृद्धि जीत की हसरतों को पलीता लगा सकती है। सदानंद गौड़ा ने भी इस ‘मजबूरी’ को समझा और इस मुलाकात के कुछ घंटों बाद रेलवे ने ये फैसला लिया कि फिलहाल उपनगरों में चलने वाली लोकल ट्रेनों के सेकेंड क्लास पास की दरें पुरानी ही रहेंगी। ये पुरानी दरें फिलहाल पहले 80 किलोमीटर की यात्रा तक के लिए लागू रहेंगी।









इससे पहले रेल मंत्रालय ने लोकल के सेकेंड क्लास और फर्स्ट क्लास की दरों में दोगुने से ज्यादा की बढ़ोतरी की थी। फर्स्ट क्लास का किराया बढ़ोतरी के हिसाब से ही आज आधी रात से लागू हो जाएगा। इसके अलावा पूरे देश में रेल किराये में हुई 14 फीसदी तक की वृद्धि भी आज रात से लागू हो जाएगी।

राजस्थान के टोंक में रिश्तेदारों ने युवती को निर्वस्त्र कर घुमाया -

Relatives stripped a girl and molested in Tonk

देवली। राजस्थान के टोंक जिले में मंदिर जा रही एक युवती को उसके रिश्तेदारों द्वारा निर्वस्त्र कर घुमाने और गुप्तांगों में लकड़ी डालने की अमानवीय घटना सामने आई है। ये अमानवीय कृत्य करने वाले आरोपी पीडिता के रिश्ते में चाचा और ताऊ लगते हैं। घटना जिले के दूनी थाना क्षेत्र के रामपुरा गांव में मंगलवार सुबह की है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

दूनी थाना प्रभारी हरलाल गुर्जर ने बताया कि रामपुरा थाना दूनी निवासी युवती दोपहर में गांव के ही बजरंग बली मंदिर पूजा करने गई थी। जहां से लौटते समयरास्ते में रिश्ते के सात ताऊ-चाचाओं ने युवती को पकड़ कर निर्वस्त्र कर दिया। बाद में सभी ने उसके गुप्तांगों में लकड़ी डालकर बर्बरता दिखाई। बाद में युवती जैसे-तैसे आरोपितों के चंगुल से छूटकर अपने घर आई तथा माता-पिता को सारी घटना बताई।

बाद में पीडिता माता-पिता के साथ दूनी थाने पहुंची तथा आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज कराया। दूनी में स्त्री रोग विशेषज्ञ मौजूद नहीं होने पर पुलिस ने युवती को देवली ले जाकर मेडिकल बोर्ड से मेडिकल मुआयना कराया। युवती की रिपोर्ट पर पुलिस सात जनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। घटना की सूचना पर देवली वृताधिकारी हरिमोहन शर्मा ने भी रामपुरा गांव में घटनास्थल पहुंचकर मामले की जानकारी ली।

जैसलमेर सैनिक की पत्नी ने फंदा लगा की आत्महत्या

जैसलमेर सैनिक  की पत्नी ने फंदा लगा की आत्महत्या 

जैसलमेर शहर में सम रोड पर बी.एस.एफ की 103 बटालियन के परिसर में 1011 आर.टी बी.एस.एफ के कांस्टेबल की पत्नी ने मंगलवार दिन में आवासीय घर में फांसी का फंदा लगा कर आत्म हत्या कर दी। प्रथम दृष्टया में आत्महत्या के कारणों के बारे में पति-पत्नी के बीच काफी दिनो से मनमुटाव चल रहा था। मृतका की दो बच्चिया जिसमें एक 6 माह की व दूसरी 4 साल ही हैं। बी.एस.एफ का कांस्टेबल व मृतका आंध्रप्रदेष के रहने वाले हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी हैं, तथा शव को मोर्चरी में रखवाया हैं। आंधप्रदेष से परिजनो के आने के बाद शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा।

बाड़मेर आयल फिल्ड नागाणा में कार्यरत श्रमिक की जुबान काटी ,इंजीनियरों का अपहरण

बाड़मेर आयल फिल्ड नागाणा में कार्यरत श्रमिक की जुबान काटी ,इंजीनियरों का अपहरण 

आरोपी गिरफ्तार 


बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर के तेल गैस कम्पनियो की साईटो पर स्थानीय लोगो की गुंडागर्दी दिन ब दिन बढ़ती  ,  जिले के नागाणा थाना क्षेत्र में आयल फिल्ड क्षेत्र  में कार्यरत एक बिहारी श्रमिक को स्थानीय बदमाश प्रवर्ति के युवको  पीटा ,उसे अधमरा करने के बाद जुबान को चाकू से काट ली ,ताकि घटना के बारे में किसी को बता न सके ,पुलिस थाना नागाणा में दर्ज कराये इस मामले में पुलिस उप अधीक्षक ओम प्रकाश उज्जवल ने मई टीम के कार्यवाही करते हुए पांच में से चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया ,इसी तरह रागेश्वरी आयल फिल्ड  कार्यरत कजाकिस्तान निवासी  दो इंजीनियर  एलेक्जेंडर और मिखाइल स्टाइपनो सहित तीन का अपहरण करने के  आरोपी मांगीलाल विश्नोई को गिरफ्तार किया गया 

बाड़मेर पर्यवेक्षक के सामने कोंग्रेसियों में जूतम पैजार

बाड़मेर पर्यवेक्षक के सामने कोंग्रेसियों में जूतम पैजार


अमिन खान ने कर्नल सोनाराम का साथ देने वाले साठ फीसदी कोंग्रेसियों को पार्टी से बहार करने की बात कही


बाड़मेर लोकसभा चुनावो में कांग्रेस प्रत्यासी की करारी हार के कारणों से रूबरू होने आये जोधपुर संभाग के कांग्रेस पर्यवेक्षक प्रताप सिंह खाचरियावास के सामने मंगलवार को सफ़ेद आकड़ा में आयोजित आत्म मंथन बैठक में कांग्रेसी भीड़ गए ,खाचरियावास कांग्रेस्सियो के बीच होती जूतम पैजार को चुपचाप देखते रहे ,

पर्यवेक्षक प्रताप सिंह द्वारा कांग्रेस संघठन की बैठक सफ़ेद आकड़ा में आयोजित की ,बैठक में बड़ी संख्या में कांग्रेसी पहुंचे ,बैठक में लोक सभा चुनावो में पार्टी प्रत्यासी की हर पर चर्चा शुरू हुई ,आरोप प्रत्यारोप के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री अमिन खान ने कहा की कर्नल सोनाराम ने दवा किया हे की साथ फीसदी कांग्रेसी उनके साथ थे ,अमिन ने कहा की थोड़ा कचरा कर्नल के भाजपा ने जाने से हटा था अब पार्टी प्रत्यासी के खिलाफ काम करने वालो के खिलाफ पार्टी को कडा कदम उठा कर इस कचरे को उठकर बाहर कर देना क्चहिये ,अमिन के इस बयान कांग्रेस के जाट नेता आक्रोशित हो गए। जाट नेताओ ने अमिन खान पर छींटा कशी शुरू कर दी,जाट नेताओ ने अमिन से माफ़ी मांगने को कहा तो मुस्लिम नेता अमिन के पक्ष में आ गए जिससे माहौल गरमा गया ,दोनों पक्षों के बीच हाथा पाई की नौबत आ गयी ,प्रताप सिंह ने बीच बचाव कर मामला शांत किया , अमिन खान ने माफ़ी मांगने से साफ़ मना कर दिया। पर्यवेक्षक प्रताप सिंह ने अमिन खान की बात का समर्थन करते हुए कहा पार्टी के साथ धोखा करने वालो को बक्शा नहीं जायेगा ,दो घंटे चली इस बैठक में हार के कोई ठोस कारन सामने नहीं आये ,जातिवाद और जाट समाज के कर्नल के पक्ष में एकजुट होना हार का कारन रहा ,बैठक में स्थानीय नेता एक दुसरो पर पार्टी खिलाफ काम करने का आरोप लगते रहे ,

जयपुर: थानेदार ने न्यूड होकर किया डांस

जयपुर। शास्त्री नगर थाने के पीछे बने क्वॉर्टर में सोमवार दोपहर थानेदार ने अपने एक साथी के साथ शराब पीने के बाद जमकर हुड़दंग किया। दोनों ने अपने कपड़े उतार दिए और करीब दो घंटे तक नग्न होकर नाचते रहे।

इस दौरान उनकी हरकतों को एक क्वॉर्टर की खिड़की से देख रहे युवक ने कैमरे में कैद कर लिया गया। मामला उच्चाधिकारियों के सामने आने के बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए डीसीपी नॉर्थ अशोक गुप्ता के आदेश पर देर रात मामला दर्ज लिया और थानेदार को जांच होने तक निलंबित कर दिया गया है।
jaipur police asi two hour naked dance
जानकारी के अनुसार, भट्टा बस्ती थाने में तैनात एएसआई झाबरमल की रविवार रात में ड्यूटी थी। ड्यूटी पूरी कर सोमवार सुबह करीब 10 बजे वह शास्त्री नगर थाना परिसर स्थित अपने क्वार्टर में पहुंचा।

थोड़ी देर बाद उसके पास परिचित प्रॉपर्टी कारोबारी रमेश चंद भी आ गया। दोनों ने साथ बैठकर देर रात शराब पार्टी की। इसके बाद अपने-अपने कपड़े उतार दिए और नाचने लगे।

शराब पीकर नाचने के बाद प्रॉपर्टी कारोबारी ने थानेदार पर कुकर्म का अरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। यह सारा माजरा भी कैमरे में कैद किया गया है। हांलाकि मेडिकल में कुकर्म की पुष्टि नहीं हुई है। गिरफ्तारी के समय भी दोनों ने शराब के नशे में धुत थे।

फंसाने की साजिश!
रिकार्ड किए गए वीडियो में एएसआई झाबरमल व प्रॉपर्टी डीलर रमेश दोनों नंगे होकर डांस कर रहे है। कुछ देर बाद थानेदार कपड़े पहनने की कोशिश कर रहा है, लेकिन रमेश उसे पहनने नहीं दे रहा है।

खिड़की के बाहर से रिकॉर्डिग कर रहा युवक और रमेश दोनों परिचित भी बताए जा रहे है। ऎसे में पुलिस अधिकारियों को इसमें एएसआई को फंसाने की संभावना ज्यादा लग रही है।

शादी के 5 दिन बाद ही बहू बनी मां

शिवपुरी।पांच दिन पहले खुशी-खुशी बेटे के लिए बहू ब्याह कर लाए पिता की खुशियों को उस समय ग्रहण लग गया जब बहू ने एक बच्चे को जन्म दे दिया। मुंह दिखाई की रस्म के दौरान महिलाओं ने बहू को देखकर यह खुलासा किया कि यह तो गर्भवती है। Mother in law made 5 days after wedding

बहू के गर्भवती होने के संदेह पर सोमवार दोपहर दोनों परिवार नववधू के चिकित्सकीय परीक्षण के लिए जिला चिकित्सालय पहुंचे। परीक्षण के दौरान ही प्रसव पीड़ा के बाद वधू ने एक बालक को जन्म दे दिया। फिर क्या था नवविवाहिता के माता-पिता के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई और वे बेटी को अस्पताल में ही छोड़कर भाग गए। जबकि ससुर, बहू के परिजनों पर धोखे में रखकर ब्याह रचाने का आरोप लगाते हुए कोतवाली जा पहुंचा।

इस मामले को लेकर पुलिस ने भी फिलहाल कोई कायमी नहीं की है और संबंधित थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने की बात कहकर नववधू के ससुर को चलता कर दिया।


17 जून को हुआ था विवाह: ग्राम मोतीपुर नई कॉलोनी निवासी इमरत जाटव के पुत्र लाखन का विवाह 17 जून को ग्राम सलैया पिछोर में हुआ था।

मुझे न बहू चाहिए न पोता

न्याय की आस में कोतवाली पहुंचे इमरत जाटव का कहना था कि कोई उसे उसकी बहू व उसके परिजनों से बचा ले। उसे न तो ऎसी बहू चाहिए न पोता और न ही ऎसे धोखेबाज रिश्तेदार।

बेटी की रेप के बाद हत्या, बेटे ने देखा तो उसे भी मार डाला



रोहट(पाली)। राजस्थान के पाली जिले में एक व्यक्ति ने सोमवार देर रात खूनी खेल खेला। पहले तो उसने अपनी आठ वर्षीय बेटी से दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी, वारदात को अंजाम देते हुए देखने पर 6 वष्ाीüय बेटे को भी जान से मार दिया। सनसनीखेज घटना रोहट थाना क्षेत्र के राखांणा गांव की है।
Man raped, murdered own 6 year old daughter and son
पुलिस के अनुसार राखांणा निवासी पप्पाराम (32) पुत्र सुलताराम भील अपनी पुत्री सुमित्रा (8) और पुत्र ओमाराम (6) के साथ रहता था। उसकी पत्नी छह माह पहले उसे छोड़ चुकी है। सोमवार देर रात उसने हवस में आकर अपनी ही बेटी से पहले दुष्कर्म किया और बाद में उसकी हत्या कर दी। इस वारदात को अंजाम देते हुए उसके बेटे ओमाराम ने देख लिया तो उसने उसे भी मौत के घाट उतार दिया।

घटना के बाद वह फरार हो गया। मंगलवार अल सुबह ग्रामीणों को वारदात की जानकारी मिली तो पुलिस को सूचना दी। मौके पर पुलिस अधीक्षक जयनरायण समेत आला अधिकारी पहुंचे। पुलिस ने दोनों शव पोस्टमार्टम के लिए रखवाए हैं। आरोपी की तलाश में पुलिस दल भेजे गए हैं।

-  

पत्नी को जान से मारा, सीसीटीवी फुटेज ने पहुंचाया जेल -



नई दिल्ली। कल्याणपुरी इलाके में कॉल सेंटर कर्मी ने अवैध संबंधों के चलते पत्नी नीतू की गला घोंटकर हत्या कर दी। मंगलवार सुबह उसका शव यमुना खादर की झाडियों में बैग में पड़ा मिला। मेट्रो के सीसीटीवी फुटेज से खुलासा होने के बाद पुलिस ने उसके पति ओमप्रकाश को गिरफ्तार कर लिया है और शव पोस्टमार्टम के लिए लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल भिजवा दिया गया है। हत्या के बाद ओमप्रकाश नीतू के परिजनों को गुमराह करने के लिए उनके साथ रहा ओर उसे ढूंढने का नाटक करता रहा।
Missing woman found dead in mayur vihar
गाजियाबाद में जीटी रोड पर स्थित 36, अरूण एनक्लेव निवासी ओमप्रकाश ग्रेटर नोएडा स्थित एक कॉल सेंटर में काम करता है। उसकी नवंबर, 2013 में कल्याणपुरी निवासी नीतू से शादी हुई थी। विगत 8 जून को नीतू कल्याणपुरी अपने माता.पिता से मिलने आई थी। इस दौरान ओमप्रकाश उससे दो बार मिलने आया था। विगत 21 जून को ओमप्रकाश ने फिल्म देखने के बहाने नीतू को नोएडा सेक्टर 18 मेट्रो स्टेशन पर बुलाया, उसके बाद वह घर नहीं पहुंची। ओमप्रकाश ने नीतू के परिजनों को बताया कि उसने नीतू को बुलाया था, लेकिन वह नहीं आई। उसका मोबाइल फोन भी बंद था। परिजनों द्वारा पुलिस को सूचना देने पर मेट्रो स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज देखने पर यह पता चला कि मेट्रो स्टेशन पर नीतू ओमप्रकाश से मिली थी।

पुलिस द्वारा कड़ाई से पूछताछ करने पर ओमप्रकाश ने हत्या की बात कुबूल ली। उसने बताया कि उसके अपनी पत्नी से संबंध अच्छे नहीं थे। इसी वजह से उसने नीतू की हत्या कर शव बैग में रखकर मयूर विहार में समाचार अपार्टमेंट के पास यमुना खादर में फेंक दिया। पुलिस के अनुसार, ओमप्रकाश के नोएडा निवासी किसी शादीशुदा महिला से अवैध संबंध थे। नीतू इस पर आपत्ति करती थी जिसके बाद परिजनों ने ओमप्रकाश को डांटा भी था। उसने इसी बात से नाराज होकर वारदात को अंजाम दिया।

"जयपुर में मन नहीं लगता तो सरकार घूमने निकल जाती है" -



जयपुर। जब सरकार का जयपुर में मन नहीं लगता है तो भ्रमण पर निकल जाती है। पहले भरतपुर और अब बीकानेर संभाग का दौरा करना गुड गवर्नेन्स नहीं है। गुड गवर्नेन्स तो जयपुर से बैठकर ही दी जा सकती है। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्य की भाजपा सरकार की कार्यशैली पर जमकर बरसे।
Former CM Ashok Gehlot slams Raje government
संजय गांधी की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम के बाद गहलोत ने पत्रकारों से कहा कि जोधपुर के एमडीएम अस्पताल में मरीजों को पशुओं की चिकित्सा में काम आने वाले इंजेक्शन लगाने, भीलवाड़ा के एक पुलिस थाने में विधायक-सांसद द्वारा मुल्जिम को छुड़ा ले जाने जैसे मामलों को राज्य सरकार की नाकामी बताया। उन्होंने कहाकि ऎसे जन प्रतिनिधियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवानी चाहिए थी।

इराक में फंसे भारतीयों के मुद्ये पर गहलोत ने कहा कि अच्छी बात है कि विदेश मंत्री ने मुख्यमंत्री से इस संबंध में बात की है। उम्मीद करता हूं कि भारत सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले। कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर पूरा सहयोग देने की बात कही है।

-

मोदी ने निहाचंद को सौंपा सूखे से निपटने का काम



नई दिल्ली। मोदी मंत्रिमंडल में राजस्थान से एकमात्र केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री निहाल चंद मेघवाल देश में सूखे की संभावित समस्या से निपटने में जुट गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें विशेष तौर पर कहा है कि वे सूखे के मोर्चे पर जुटें। दुष्कर्म के आरोप को लेकर विपक्ष द्वारा उन पर बनाए जा रहे इस्तीफे का दबाव के कम होते ही निहाल ने सूखे के खिलाफ अपनी जंग तेज कर दी है।
PM Modi directs state minister Nihalchand to focus on drought issue
निहाल का कहना है कि वे देश के किसी भी हिस्से में किसानों को खाद की कमी नहीं होने देंगे। बीते सप्ताह उन्होंने अपने मंत्रालय समेत परिवहन विभाग के तमाम सचिवों की बैठक बुलाई थी। उन्होंने जहाजरानी और रेलवे मंत्रालयों के अधिकारियों से कहा है कि वे खाद की ढुलाईमें कोताही न बरतें।

मेघवाल ने सूखे की समस्या से निपटने के लिए तमाम विभागों के सचिवों की एक अहम बैठक 25 जून को बुलाई है, जिसमें वे पिछले सप्ताह दिए अपने निर्देशों के पालन की समीक्षा लेंगे। उन्होने विभागों के अधिकारियों से कहा है कि वे खाद ढुलाई की स्थिति को लेकर हर माह के अंत में बैठक करेंगे और सच्चाइयों का पता लगाएंगे। उन्होंने रेलवे मंत्रालय से भी आग्रह किया है कि देश में संभावित सूखे की समस्या को देखते हुए रेलवे खाद ढुलाई के रेट चार्ज में कटौती करे। साथ ही रैकों का प्रतीक्षा शुल्क घटाए।

उन्होंने खाद का उत्पाद करने वाली कंपनियों को आश्वस्त किया है कि उन्हें खाद ढुलाई में कोई परेशानी नहीं होगी। सूत्रों के अनुसार मेघवाल अपने उर्वरक एवं रसायन मंत्रालय के आगामी सौ दिनों की कार्य योजना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 29 जून को बैठक करेंगे। इसी दिन प्रधानमंत्री के यहां माइंस, स्टील और श्रम मंत्रालयों के मंत्री भी अपने सौ दिन के एजेंडे से प्रधानमंत्री को अवगत कराएंगे।

-

बाड़मेर भाजपा न घर के रहे न घाट के पार्टी के प्रति वफ़ादारी महँगी पड़ी


बाड़मेर भाजपा न घर के रहे न घाट के पार्टी के प्रति वफ़ादारी महँगी पड़ी

बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर में लोकसभा चुनावो में पूर्व वित्त विदेश मंत्री जसवंत सिंह के मैदान में उतरने के बाद आये चक्रवात में पार्टी के प्रति वफ़ादारी दिखने वाले भाजपा की जिला संघठन को चुनावो में जीत के बाद भी पूरी कार्यकारिणी को बर्खास्त कर पार्टी नेता की स्थति न घर के न घाट के वाली हो गयी हैं ,पार्टी के प्रति वफ़ादारी के बदले उन्हें पार्टी से पद गंवाने पड़े ,दबी जुबान में लोग कहते हैं  की पार्टी के लोगो ने जसवंत सिंह का साथ नहीं दिया इसीलिए उन्हें पद गंवाना पड़ा ,भाजपा जिला अध्यक्ष सहित पार्टी के कई अग्रिम संघठनो के नेता पार्टी प्रत्यासी कर्नल सोनाराम के पक्ष में काम कर रहे थे ,इन लोगो ने ईमानदारी से अपना काम पार्टी हिट में किया ,मगर कांग्रेस संस्कृति से भाजपा में आये कर्नल सोनाराम ने इनकी वफ़ादारी पर शक करते हुए इनकी शिकायत चुनाव परिणाम से पहले पार्टी प्रदेश अध्यक्ष और दी की इन लोगो ने अप्रत्यक्ष रूप से जसवंत सिंह का साथ दिया ,नए नवेले उम्मीदवार कर्नल सोनाराम की बात मन प्रदेश इकाई ने आनन फानन में जिला कार्यकारिणी भांग कर बाड़मेर से अस्तित्व ही ख़त्म कर दिया क्यूंकि पूर्व में पार्टी के जिन लोगो ने बागी जसवंत सिंह का साथ खुले में दिया उन्हें पहले ही निष्कद्शित कर दिया ,जबकि जिला संघठन के परीति के साथ होते हुए भी उन्हें हटाने से कार्यकर्ता मायूस हैं ,कार्यकर्ताओ को अब लगने लगा हे की संघठन पर कांग्रेसनीत लोगो का कब्ज़ा होने जा रहा हैं।जीत के बाद भाजपा संसद ने भाजपाईयों से दूरी बने राखी हैं वाही कांग्रेस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओ से नज़दीकियां बना राखी हैं। अब भांग जिला संघठन के पदाधिकारी पछता रहे हैं की उन्होंने जसवंत सिंह जैसे कद्दावर नेता का साथ छोड़ कर्नल का साथ देकर गलती की थी ,बहरहाल वफ़ादारी के बड़कले पद गंवाने की यह पहली अनूठी घटना राजनीती में हुई ,इस सदमे से संघठन उबार नहीं पा रहा हैं ,

श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव 23 से 29 जून,2014 तक-

जगन्नाथ रथयात्रा ( 23 से 29 जून,2014 तक) महोत्सव : ---एक नजर में---


श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव 23 से 29 जून,2014 तक----

पंडित दयानंद शास्त्री 

भारत भर में मनाए जाने वाले महोत्सवों में जगन्नाथपुरी की रथयात्रा सबसे महत्वपूर्ण है। यह परंपरागत रथयात्रा न सिर्फ हिन्दुस्तान, बल्कि विदेशी श्रद्धालुओं के भी आकर्षण का केंद्र है। श्रीकृष्ण के अवतार जगन्नाथ की रथयात्रा का पुण्य सौ यज्ञों के बराबर माना गया है। 

इस वर्ष रथयात्रा महोत्सव 23 से 29 जून,2014 तक मनाया जाएगा। 
रथयात्रा का शुभारंभ सोमवार को होना है। आषाढ़ शुक्ल द्वितिया को संपूर्ण भारतवर्ष में रथयात्रा-उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। सबसे अधिक प्रतिष्ठित समारोह जगन्नाथ पुरी में मनाया जाता है। इस उत्सव का देश ही नहीं विदेशों में भी धूमधाम से आयोजन होता है। बंगाल की खाड़ी के निकट बसा यह पवित्र स्थान उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर से आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। प्राचीन काल में पुरी को पुरुषोत्तम क्षेत्र एवं श्रीक्षेत्र भी कहा जाता था। पुरी में यात्रा प्रारंभ होने के एक दिन पूर्व रविवार को नवयौवन दर्शन के मौके पर लाखों भक्त भगवान के दर्शन करते थे। नव यौवन दर्शन को नेत्रोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। 
यह एक बड़ा समारोह है, जिसमें भारत के विभिन्न भागों से श्रद्धालु आकर सहभागी बनते हैं। दस दिन तक मनाए जाने वाले इस पर्व/ यात्रा को 'गुण्डीय यात्रा' भी कहा जाता है। 

पिछले नौ सौ वर्ष से आयोजित होने वाली जगन्नाथपुरी रथ यात्रा की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।
भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा के पंद्रह दिन के एकांतवास समाप्त होने की याद में इसे मनाया जाता है। मान्यता है कि पन्द्रह दिन की बीमारी के बाद भगवान जगन्नाथ स्वस्थ होकर श्रध्दालुओं को दर्शन देते हैं, जिसे नेत्रोत्सव के रूप में जाना जाता है। उसके अगले दिन भगवान अपनी मौसी के घर नौ दिन के प्रवास के लिए रवाना होते हैं। 

माना जाता है कि इस रथयात्रा में सहयोग से मोक्ष प्राप्त होता है, अत: सभी कुछ पल के लिए रथ खींचने को आतुर रहते हैं। जगन्नाथ जी की यह रथयात्रा गुंडीचा मंदिर पहुंचकर संपन्न होती है। जगन्नाथपुरी का वर्णन स्कंद पुराण, नारद पुराण, पद्म पुराण और ब्रह्म पुराण में मिलता है।

पुरी का जगन्नाथ मंदिर भक्तों की आस्था केंद्र है, जहां वर्षभर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। जो अपनी बेहतरीन नक्काशी व भव्यता लिए प्रसिद्ध है। यहां रथोत्सव के वक्त इसकी छटा निराली होती है, जहां प्रभु जगन्नाथ को अपनी जन्मभूमि, बहन सुभद्रा को मायके का मोह यहां खींच लाता है। रथयात्रा के दौरान भक्तों को सीधे प्रतिमाओं तक पहुंचने का मौका भी मिलता है।

यह दस दिवसीय महोत्सव होता है। इस दस दिवसीय महोत्सव की तैयारी का श्रीगणेश अक्षय तृतीया को श्रीकृष्ण, बलराम और सुभद्रा के रथों के निर्माण से होता है और कुछ धार्मिक अनुष्ठान भी महीने भर किए जाते हैं। 

=== भगवान जगन्नाथजी का रथ 'गरुड़ध्वज' या 'कपिलध्वज' कहलाता है। 16 पहियों वाला रथ 13.5 मीटर ऊंचा होता है जिसमें लाल व पीले रंग के कप़ड़े का इस्तेमाल होता है। विष्णु का वाहक गरुड़ इसकी हिफाजत करता है। रथ पर जो ध्वज है, उसे 'त्रैलोक्यमोहिनी' कहते हैं।

===बलराम का रथ 'तलध्वज' के बतौर पहचाना जाता है, जो 13.2 मीटर ऊंचा 14 पहियों का होता है। यह लाल, हरे रंग के कपड़े व लकड़ी के 763 टुकड़ों से बना होता है। रथ के रक्षक वासुदेव और सारथी मताली होते हैं। रथ के ध्वज को उनानी कहते हैं। त्रिब्रा, घोरा, दीर्घशर्मा व स्वर्णनावा इसके अश्व हैं। जिस रस्से से रथ खींचा जाता है, वह बासुकी कहलाता है।

==='पद्मध्वज' यानी सुभद्रा का रथ। 12.9 मीटर ऊंचे 12 पहिए के इस रथ में लाल, काले कपड़े के साथ लकड़ी के 593 टुकड़ों का इस्तेमाल होता है। रथ की रक्षक जयदुर्गा व सारथी अर्जुन होते हैं। रथध्वज नदंबिक कहलाता है। रोचिक, मोचिक, जिता व अपराजिता इसके अश्व होते हैं। इसे खींचने वाली रस्सी को स्वर्णचुडा कहते हैं। 

===मंदिर से जुड़ी कथाएं ---

इस मंदिर के उद्गम से जुड़ी परंपरागत कथा के अनुसार, भगवान जगन्नाथ की इंद्रनील या नीलमणि से निर्मित मूल मूर्ति, एक अंजीर वृक्ष के नीचे मिली थी। यह इतनी चकचौंध करने वाली थी, कि धर्म ने इसे पृथ्वी के नीचे छुपाना चाहा। मालवा नरेश इंद्रद्युम्न को स्वप्न में यही मूर्ति दिखाई दी थी। तब उसने कड़ी तपस्या की, और तब भगवान विष्णु ने उसे बताया कि वह पुरी के समुद्र तट पर जाए, और उसे एक दारु (लकड़ी) का लठ्ठा मिलेगा। 
उसी लकड़ी से वह मूर्ति का निर्माण कराए। राजा ने ऐसा ही किया, और उसे लकड़ी का लठ्ठा मिल भी गया। उसके बाद राजा को विष्णु और विश्वकर्मा बढ़ई कारीगर और मूर्तिकार के रूप में उसके सामने उपस्थित हुए। किंतु उन्होंने यह शर्त रखी, कि वे एक माह में मूर्ति तैयार कर देंगे, परन्तु तब तक वह एक कमरे में बंद रहेंगे, और राजा या कोई भी उस कमरे के अंदर नहीं आए। माह के अंतिम दिन जब कई दिनों तक कोई भी आवाज नहीं आई तो उत्सुकता वश राजा ने कमरे में झांका, और वह वृध्द कारीगर द्वार खोलकर बाहर आ गया, और राजा से कहा, कि मूर्तियां अभी अपूर्ण हैं, उनके हाथ अभी नहीं बने थे। 
राजा के अफसोस करने पर, मूर्तिकार ने बताया, कि यह सब दैववश हुआ है, और यह मूर्तियां ऐसे ही स्थापित होकर पूजी जाएंगी। तब वही तीनों जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियां मंदिर में स्थापित की गईं।

===मंदिर का आकर्षण---

 ऐसी धारणा है कि कभी यहां भगवान बुध्द का दांत गिरा था, इसलिए इसे दंतपुर भी कहा जाता था। यहां का जगन्नाथ मंदिर अपनी भव्य एवं ऐतिहासिक रथयात्रा के लिए पूरे संसार में प्रसिद्ध है। पश्चिमी समुद्र तट से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर उत्तर में नीलगिरी पर्वत पर 665 फुट लंबे और इतने ही चौड़े घेरे में 22 फुट ऊंची दीवारों के मध्य स्थित यह प्राचीन एवं ऐतिहासिक मंदिर कलिंग वास्तुशैली में बना 12वीं सदी का सबसे उत्कृष्ट उदाहरण है। कृष्णवर्णी पाषाणों को तराशकर बनाए गए इस मंदिर का निर्माण 12वीं सदी के नरेश चोड़गंग ने करवाया था।

पुष्‍कर में विदेशी दंपति के साथ हुई मारपीट


पुष्कर में एक विदेशी महिला के साथ मारपीट हुई और उसके कपडे फाड़ दिए गए. यही नहीं, उसके गले से सोने की चेन और नकद रुपये भी शराबी युवकों ने छीन लिए.

यह विदेशी युवती आस्ट्रेलिया मूल की हैं. इसने भगवान पुरा के पास एक गांव के भारतीय युवक से विवाह किया है. विदेशी युवती अपने पति के साथ घर से खाना खाकर आ रही थी. इस दौरान रास्ते में शराब के नशे में धुत युवकों ने विदेशी युवती के साथ बदसलूकी की, उसके कपड़े फाड़े और फिर मार-पिटाई की. रात के समय हुई इस घटना से युवती बहुत डरी हुई है और कुछ बता नहीं पा रही है.

भगवान पुरा गांव में विदेशी दंपति के साथ हुई इस घटना की रिपोर्ट तो लिख ली गई है, लेकिन शराबी युवक पकड़ से दूर है. इस दंपति ने आरोप लगाया कि जब वे अपने साथ हुई मारपीट की घटना की रिपोर्ट दर्ज कराने पुष्कर थाने पहुंचे तो पुलिस ने उनकी बताई गई घटना का विश्वास नहीं किया और रिपोर्ट दर्ज करने से इंकार कर दिया.

पुलिस ने मीडिया को देखकर मामला दर्ज किया और फिर पीड़‍ितों का मेडिकल करवाकर जांच शुरू की.


 

खजुराहो की कामुक मूर्तियों की हैरान करने वाली दास्तान


कभी खजूर के जंगल के लिए जाना जाता था खजुराहो




खजुराहो मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है। कभी यह स्थान खजूर के जंगल के लिए जाना जाता था। यही कारण है कि इसका नाम खजुराहो पड़। लेकिन खजुराहो आज खजूर के वन नहीं बल्कि कामुक मूर्तियों से सजी मंदिरों के लिए जाना जाता है

कामुक मूर्तियां क्यों बनाई गयी हैं?

मंदिर के बाहर काम क्रिया करती तस्वीरें कई बार श्रद्घालुओं और दर्शनार्थियों को आश्चर्य में डाल देते हैं कि, भोग और मुक्ति का ऐसा मेल क्यों हुआ है। इस विषय में कई कथाएं जिनसे यह भेद खुलता है कि मंदिर की दीवारों पर कामुक मूर्तियां क्यों बनाई गयी हैं।





चन्द्रमा की कामुकता का परिणाम
खजुराहो के मंदिर के निर्माण के बारे मे एक कहानी कही जाती है कि हेमावती एक सुन्दर ब्राह्मण कन्या थी। वह वन में स्थित सरोवर में स्नान कर रही थी। उसे चन्द्रमा ने देख लिया और उस पर मुग्ध हो गया।

चन्द्रमा ने उसे वशीभूत कर उससे संबंध बना लिए। इससे हेमावती ने एक बालक को जन्म दिया। लेकिन बालक और हेमावती को समाज ने अपनाने से मना कर दिया। उसे बालक का पालन-पोषण वन में रहकर करना पड़ा।

बालक का नाम चन्द्रवर्मन रखा गया। बड़ा होकर चन्द्रवर्मन ने अपना राज्य कायम किया। हेमावती ने चन्द्रवर्मन को ऐसे मन्दिर बनाने के लिए प्रेरित किया जिससे मनुष्य के अन्दर दबी हुई कामनाओं का खोखलापन दिखाई दे। जब वह मन्दिर में प्रवेश करे तो इन बुराइयों का छोड चुके हो।



खत्म हो रहा था काम कला में उत्साह

एक मान्यता यह भी है कि गौतम बुद्घ के उपदेशों से प्ररित होकर आम जनमानस में कामकला के प्रति रुचि खत्म हो रही थी। इसीलिए उन्हें इस और आकर्षित करने के लिए इन मंदिरों का निर्माण किया गया होगा।


तंत्र-मंत्र में विश्वास

खजुराहों के संबंध में एक जनश्रुति यह भी है कि उस समय बच्चे गुरुकुल में पढ़ते थे। इसलिए उन्हें सांसारिक बातों का ज्ञान कराने के लिए इन मंदिरों का निर्माण कराया गया।

गिरनार पहाड़ियों की तलहटी में बसा है जूनागढ़



जूनागढ़  
गुजरात के सौराष्ट्र इलाके का हिस्सा है। जूनागढ़ गिरनार पहाड़ियों के निचले हिस्से पर स्थित है। मंदिरों की भूमि जूनागढ़ के प्राचीन शहर का नामकरण एक पुराने दुर्ग के नाम पर हुआ है। यहां पूर्व-हड़प्पा काल के स्थलों की खुदाई हुई है। इस शहर का निर्माण नौवीं शताब्दी में हुआ था। गिरनार के रास्ते में एक गहरे रंग की बेसाल्ट चट्टान है जिस पर तीन राजवंशों का प्रतिनिधित्व करने वाला शिलालेख अंकित है। शहर के निकट स्थित कई मंदिर और मस्जिदें इसके लंबे और जटिल इतिहास को उद्घाटित करते हैं। जूनागढ़ इतिहास व वास्तुकला की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण शहर है। अपनी हरियाली और नवाबों के समकालीन किलों और महलों के कारण पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। गिरनार पर्वत पर स्थित जैन, हिंदू, मुस्लिम अनुयायियों को भी बरबस अपनी ओर खिंचता है।
प्रमुख आकर्षण:-

अशोक के शिलालेख (आदेशपत्र)-गिरनार जाने के रास्ते पर सम्राट अशोक द्वारा लगवाए गए शिलालेखों को देखा जा सकता है। ये शिलालेख विशाल पत्थरों पर उत्कीर्ण हैं। अशोक ने चौदह शिलालेख लगवाए थे। इन शिलालेखों में राजकीय आदेश खुदे हुए हैं। इसके अतिरिक्त इसमें नैतिक नियम भी लिखे हुए हैं। ये आदेशपत्र राजा के परोपकारी व्यवहार और कार्यो का प्रमाणपत्र है। अशोक के शिलालेखों पर ही शक राजा रुद्रदाम तथा [स्कंदगुप्त] के खुदवाए अभिलेखों को देखा जा सकता है। रुद्रदाम ने 150 ई. में तथा स्कंदगुप्त ने 450 ई. में ये अभिलेख खुदवाये थे। इस अभिलेख की एक विशेषता यह भी है कि रुद्रदाम के अभिलेख को ही संस्कृत भाषा का प्रथम शिलालेख माना जाता है।

अपरकोट किला-माना जाता है कि इस किले का निर्माण यादवों ने द्वारिका आने पर करवाया था (जो कृष्ण भगवान से संबंधित थे)। अपरकोट की दीवारें किसी-किसी स्थान पर 20 मीटर तक ऊंची है। किले पर की गई नक्काशी अभी भी सुरक्षित अवस्था में है। इस किले में पश्चिमी दीवार पर दो तोपे लगी हैं। इन तोपों का नाम नीलम और कांडल है। इन तोपों का निर्माण मिस्त्र में हुआ था। इस किले के चारों ओर 200 ईस्वी पूर्व से 200 ईस्वी तक की बौद्ध गुफाएं है।

सक्करबाग प्राणी उद्यान-जूनागढ़ का यह प्राणीउद्यान गुजरात का सबसे पुराना प्राणीउद्यान है। यह प्राणीउद्यान गिर के विख्यात शेर के अलावा चीते और तेंदुआ के लिए प्रसिद्ध है। गिर के शेरों को लुप्तप्राय होने से बचाने के लिए जूनागढ़ के नवाब ने 1863 ईस्वी में इस प्राणीउद्यान का निर्माण करवाया था। यहां शेर के अलावा बाघ, तेंदुआ, भालू, गीदड़, जंगली गधे, सांप और चिड़िया भी देखने को मिलती है। यह प्राणीउद्यान लगभग 500 एकड़ में फैला हुआ है।

गिर राष्ट्रीय उद्यान-वन्य प्राणियों से समृद्ध गिर राष्ट्रीय उद्यान गिरनार जंगल के करीब है। यह राष्ट्रीय उद्यान आरक्षित वन है और एशियाई शेरों के लिए एकमात्र घर है। इस वन्य अभ्यारण्य में अधिसंख्य मात्रा में पुष्प और जीव-जन्तुओं की प्रजातियां मिलती है। यहां स्तनधारियों की 30 प्रजातियां, सरीसृप वर्ग की 20 प्रजातियां और कीड़ों-मकोड़ों तथा पक्षियों की भी बहुत सी प्रजातियां पाई जाती है। यहां हिरण, सांभर, चीतल, नीलगाय, चिंकारा, बारहसिंगा, भालू और लंगूर भी देखा जा सकता है।

बौद्ध गुफा-बौद्ध गुफा चट्टानों को काट कर बनायी गई है। इस गुफा में सुसज्जित खंभे, गुफा का अलंकृत प्रवेशद्वार, पानी के संग्रह के लिए बनाए गए जल कुंड, चैत्य हॉल, वैरागियों का प्रार्थना कक्ष, चैत्य खिड़कियां स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण पेश करती हैं। शहर में स्थित खापरा-कोडिया की गुफाएं भी देखने लायक है।

अड़ी-काड़ी वेव और नवघन कुआं-अड़ी-काड़ी वेव और नवघन कुआं का निर्माण चूडासमा राजपूतों ने कराया था। इन कुओं की संरचना आम कुओं से बिल्कुल अलग तरह की है। पानी के संग्रह के लिए इसकी अलग तरह की संरचना की गई थी। ये दोनों कुएं युद्ध के समय दो सालों तक पानी की कमी को पूरा कर सकते थे। अड़ी-कड़ी वाव तक पहुंचने के लिए 120 पायदान नीचे उतरना होता है, जबकि नवघन कुंआ 52 मीटर की गहराई में है। इन कुंओं तक पहुंचने के लिए गोलाकार सीढि़यां बनी हुई है।

जामा मस्जिद-जामा मस्जिद मूलत: रानकीदेवी का निवास स्थान था। मोहम्मद बेगड़ा ने जूनागढ़ फतह के दौरान (1470 ईस्वी) अपनी विजय की याद में इसे मस्जिद में तब्दील कर दिया था । यहां अन्य आकर्षणों में नीलम तोप है जिसे तुर्की के राजा सुलेमान के आदेश पर पुर्तगालियों से लड़ने के लिए बनवाया गया था। यह तोप मिस्त्र से दीव के रास्ते आई थी।

भावनाथ मंदिर-यहां पर हर साल दो त्योहार मनाए जाते हैं। अक्टूबर-नवंबर के महीने में पांच दिनों की अवधि के दौरान पांचवे दिन यानी पूर्णिमा के दिन कार्तिक महीने के समापन पर इस मंदिर की परिक्रमा करने के बाद झंडा लगाने के बाद आयोजित किया जाता है। गिरनार पर्वत के चारों ओर लगभग 40 किमी की परिक्रमा या परिपत्र यात्रा पांच दिनों तक चलती है। फरवरी-मार्च के दौरान माघ महीने के अमावस्या के दिन इस मंदिर में महाशिवरात्री का त्योहार मनाया जाता है।



दामोदर कुंड-इस पवित्र कुंड के चारों ओर घाट (नहाने के लिए) का निर्माण किया गया है। ऐसा विश्वास किया जाता है कि इस घाट पर भगवान श्री कृष्ण ने महान संत कवि नरसिंह मेहता को फूलों का हार पहनाया था।

बोली जाने वाली भाषाएं:-

गुजराती, हिंदी और अंग्रेजी

जाने का सही समय:-

अक्टूबर से मार्च

कैसे पहुंचे:-

वायुमार्ग-निकटतम हवाई अड्डा राजकोट है जो भारत के प्रमुख शहरों से हवाई मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।

रेलमार्ग-जूनागढ़ भारत में कई महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ने वाला एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है।

सड़कमार्ग-जूनागढ़ गुजरात के सभी स्थानों से सड़क द्वारा जुड़ा हुआ है।