नई दिल्ली। सरकार ने घरेलू रसोई गैस और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए बेचे जाने वाले मिट्टी के तेल की कीमतों में किसी प्रकार की बढ़ोतरी से इनकार किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने बुधवार को हुई बैठक के बाद तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धमेन्द्र प्रधान ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि रसोई गैस और मिट्टी तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का कोई प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन नहीं है। अगले तीन महीनो तक इनके दाम फिलहाल नहीं बढ़ेंगे।
मीडिया में ऎसी खबरें आई थीं कि सरकार लागत से कम कीमत पर तेल विपणन कंपनियों को यह दोनों ईधन को बेचने से होने वाली अंडर रिकवरी को कम करने के लिए इनके दामों को डीजल की तरह थोड़ा-थोड़ा बढ़ाने को मंजूरी दे सकती है। रसोई गैस के 14.2 किलोग्राम के सिलेंडर की कीमत में पांच रूपए और मिट्टी तेल पर एक रूपए प्रति लीटर बढ़ोतरी की अटकलें लगाई जा रही थी।
प्रधान ने कहा, सरकार के समक्ष रसोई गैस और मिट्टी तेल की कीमत बढ़ाने के बारे में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। उल्लेखनीय है कि संप्रग सरकार ने पिछले साल जनवरी में डीजल पर अंडर रिकवरी को कम करने के लिए तेल विपणन कंपनियों को हर माह पचास पैसे प्रति लीटर तक दाम बढ़ाने की छूट दी थी।
डीजल की कीमतों में इसके बाद धीरे-धीरे बढ़ोतरी का परिणाम यह रहा कि इस पर अंडर रिकवरी 14.50 रूपए प्रति लीटर से घटकर 1.62 रूपए प्रति लीटर रह गई। रसोई गैस के 14.2 किलोग्राम के सिलेंडर अंडर रिकवरी 433 रूपए प्रति सिलेंडर है।
राशन के जरिए बेचे जाने वाले मिट्टी तेल पर अंडर रिकवरी इसकी मौजूदा कीमत 33 रूपए प्रति लीटर के आसपास है। ईधन की कुल एक लाख 15 हजार 548 करोड़ रूपए की सब्सिडी में से रसोई गैस का हिस्सा 50 हजार 324 करोड रूपए है और मिट्टी तेल पर 29 हजार 488 करोड़ रूपए की सब्सिडी है।
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