शिवपुरी।पांच दिन पहले खुशी-खुशी बेटे के लिए बहू ब्याह कर लाए पिता की खुशियों को उस समय ग्रहण लग गया जब बहू ने एक बच्चे को जन्म दे दिया। मुंह दिखाई की रस्म के दौरान महिलाओं ने बहू को देखकर यह खुलासा किया कि यह तो गर्भवती है।
बहू के गर्भवती होने के संदेह पर सोमवार दोपहर दोनों परिवार नववधू के चिकित्सकीय परीक्षण के लिए जिला चिकित्सालय पहुंचे। परीक्षण के दौरान ही प्रसव पीड़ा के बाद वधू ने एक बालक को जन्म दे दिया। फिर क्या था नवविवाहिता के माता-पिता के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई और वे बेटी को अस्पताल में ही छोड़कर भाग गए। जबकि ससुर, बहू के परिजनों पर धोखे में रखकर ब्याह रचाने का आरोप लगाते हुए कोतवाली जा पहुंचा।
इस मामले को लेकर पुलिस ने भी फिलहाल कोई कायमी नहीं की है और संबंधित थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने की बात कहकर नववधू के ससुर को चलता कर दिया।
17 जून को हुआ था विवाह: ग्राम मोतीपुर नई कॉलोनी निवासी इमरत जाटव के पुत्र लाखन का विवाह 17 जून को ग्राम सलैया पिछोर में हुआ था।
मुझे न बहू चाहिए न पोता
न्याय की आस में कोतवाली पहुंचे इमरत जाटव का कहना था कि कोई उसे उसकी बहू व उसके परिजनों से बचा ले। उसे न तो ऎसी बहू चाहिए न पोता और न ही ऎसे धोखेबाज रिश्तेदार।
बहू के गर्भवती होने के संदेह पर सोमवार दोपहर दोनों परिवार नववधू के चिकित्सकीय परीक्षण के लिए जिला चिकित्सालय पहुंचे। परीक्षण के दौरान ही प्रसव पीड़ा के बाद वधू ने एक बालक को जन्म दे दिया। फिर क्या था नवविवाहिता के माता-पिता के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई और वे बेटी को अस्पताल में ही छोड़कर भाग गए। जबकि ससुर, बहू के परिजनों पर धोखे में रखकर ब्याह रचाने का आरोप लगाते हुए कोतवाली जा पहुंचा।
इस मामले को लेकर पुलिस ने भी फिलहाल कोई कायमी नहीं की है और संबंधित थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने की बात कहकर नववधू के ससुर को चलता कर दिया।
17 जून को हुआ था विवाह: ग्राम मोतीपुर नई कॉलोनी निवासी इमरत जाटव के पुत्र लाखन का विवाह 17 जून को ग्राम सलैया पिछोर में हुआ था।
मुझे न बहू चाहिए न पोता
न्याय की आस में कोतवाली पहुंचे इमरत जाटव का कहना था कि कोई उसे उसकी बहू व उसके परिजनों से बचा ले। उसे न तो ऎसी बहू चाहिए न पोता और न ही ऎसे धोखेबाज रिश्तेदार।
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