बाड़मेर के बायतु निवासी 60 वर्षीय गोसाईराम सारणा। यह वक्त हाथ कंपकंपाते थे। तेज बुखार से पीडित थे। गत 13 जून को मथुरादास माथुर अस्पताल के मेडिकल वार्ड बी में भर्ती किया गया।
मरीज को 17 से 20 जून तक पशुओं के ये 10 मेरीपीनाम इंजेक्शन लगाए गए। परिजनों का कहना है कि इन इंजेक्शनों से सेहत सुधरना तो दूर, तबीयत और बिगड़ गई। बाद में सेहत में सुधार ना होते देख उन्होंने मरीज को निजी अस्पताल में भर्ती करवाया।
पालरोड़ स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया। पालरोड स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती हुए गोसाईराम के पुत्र बागाराम ने बताया कि जब उसे पशुओं के लेबल वाले इन मेरीपीनाम इंजेक्शन के बारे में पता चला तो उन्होंने एमडीएम की दवा पर्चियां टटोली।
उनमें इस इंजेक्शन का नाम देख चौंक गया। बागाराम ने बताया कि पशुओं के इंजेक्शन के कारण ही उनके पिता का इलाज नहीं हो पाया। दिनों दिन सेहत सुधरने की बजाए बिगड़ती रही। पुत्र ने एमडीएम की पर्चियंा दिखाते हुए आरोप लगाया कि उनके पिता को पशुओं के ये 10 इंजेक्शन लगाए गए।
निजी अस्पताल में ट्रीटमेंट बदलने के बाद अब गोसाईराम स्वस्थ है। श्रीराम अस्पताल के संचालक डॉ. सुनील चांडक ने बताया कि मरीज 20 जून को बेहोशी की हातल में यहां आया था। एंटिबायोटिब बदल कर उसका इलाज किया गया। अब मरीज की हालत ठीक है।
मरीज को 17 से 20 जून तक पशुओं के ये 10 मेरीपीनाम इंजेक्शन लगाए गए। परिजनों का कहना है कि इन इंजेक्शनों से सेहत सुधरना तो दूर, तबीयत और बिगड़ गई। बाद में सेहत में सुधार ना होते देख उन्होंने मरीज को निजी अस्पताल में भर्ती करवाया।
पालरोड़ स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया। पालरोड स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती हुए गोसाईराम के पुत्र बागाराम ने बताया कि जब उसे पशुओं के लेबल वाले इन मेरीपीनाम इंजेक्शन के बारे में पता चला तो उन्होंने एमडीएम की दवा पर्चियां टटोली।
उनमें इस इंजेक्शन का नाम देख चौंक गया। बागाराम ने बताया कि पशुओं के इंजेक्शन के कारण ही उनके पिता का इलाज नहीं हो पाया। दिनों दिन सेहत सुधरने की बजाए बिगड़ती रही। पुत्र ने एमडीएम की पर्चियंा दिखाते हुए आरोप लगाया कि उनके पिता को पशुओं के ये 10 इंजेक्शन लगाए गए।
निजी अस्पताल में ट्रीटमेंट बदलने के बाद अब गोसाईराम स्वस्थ है। श्रीराम अस्पताल के संचालक डॉ. सुनील चांडक ने बताया कि मरीज 20 जून को बेहोशी की हातल में यहां आया था। एंटिबायोटिब बदल कर उसका इलाज किया गया। अब मरीज की हालत ठीक है।
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