मंगलवार, 24 जून 2014

दबाव में झुकी सरकार, लोकल का बढ़ा किराया वापस



नई दिल्ली। रेल किराये में एक झटके में की गई भारी भरकम वृद्धि के विरोध के बाद केंद्र सरकार ने कुछ हद तक अपने पांव पीछे खींचे हैं। सरकार ने 80 किलोमीटर दूरी तक की सभी लोकल ट्रेनों का किराया अगले आदेश तक बढ़ने से रोक दिया है। ये फैसला मुंबई लोकल सहित सभी शहरों में 80 किलोमीटर तक चलने वाली लोकल ट्रेनों पर लागू होगा। इस फैसले से एमएसटी (मंथली सीजनल टिकट) धारकों को सबसे ज्यादा फायदा होने की उम्मीद है।



गौरतलब है कि रेल किराये में वृद्धि का विरोध विपक्ष तो कर ही रहा है, एनडीए और खुद बीजेपी में भी इसे लेकर विरोध सामने आ गया है। मुंबई लोकल का किराया बढ़ाने के खिलाफ दिल्ली में शिवसेना और बीजेपी के दस सांसदों ने रेल मंत्री सदानंद गौड़ा से मुलाकात की।



इन सांसदों की चिंता इस बात को लेकर थी कि कुछ महीने बाद महाराष्ट्र में चुनाव होने वाले हैं और मुंबई की लाइफ-लाइन कही जाने वाली लोकल की किराया वृद्धि जीत की हसरतों को पलीता लगा सकती है। सदानंद गौड़ा ने भी इस ‘मजबूरी’ को समझा और इस मुलाकात के कुछ घंटों बाद रेलवे ने ये फैसला लिया कि फिलहाल उपनगरों में चलने वाली लोकल ट्रेनों के सेकेंड क्लास पास की दरें पुरानी ही रहेंगी। ये पुरानी दरें फिलहाल पहले 80 किलोमीटर की यात्रा तक के लिए लागू रहेंगी।









इससे पहले रेल मंत्रालय ने लोकल के सेकेंड क्लास और फर्स्ट क्लास की दरों में दोगुने से ज्यादा की बढ़ोतरी की थी। फर्स्ट क्लास का किराया बढ़ोतरी के हिसाब से ही आज आधी रात से लागू हो जाएगा। इसके अलावा पूरे देश में रेल किराये में हुई 14 फीसदी तक की वृद्धि भी आज रात से लागू हो जाएगी।

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