गुरुवार, 26 जून 2014

अच्छे दिन किधर गए, मोदी के खिलाफ कोर्ट में याचिका दाखिल



मुंबई। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को सत्ता में आए एक महीना हो गया है। लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी ने जनता से कहा था कि अच्छे दिन आने वाले हैं लेकिन रेल किराए में बढ़ोतरी और बढ़ती महंगाई के कारण लोगों का कहना है कि अच्छे दिन की बजाय बुरे दिन आए गए।
Petition filed against Narendra Modi
मुंबई के एक एनजीओ ने मोदी और भाजपा के खिलाफ बोम्बे हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। इसमें वादों को तोड़ने का आरोप लगाया गया है। याचिका ऑल इंडिया करप्शन एंड सिटीजंस वेलफेयर कोर कमेटी और इसके संस्थापक ने दाखिल की है। वकील एमवी होलमागी का आरोप है कि रेल किराए में बढ़ोतरी और अन्य उपयोगी वस्तुओं के दाम में बढ़ोतरी कर नई सरकार ने आपराधिक विश्वासघात किया है।

न्यायाधीश अभय ओका और न्यायाधीश ए.चंदूरकर की पीठ ने वकील से कहा कि रेलवे की टिकटों के दामों में बढ़ोतरी को लेकर दाखिल जनहित याचिका को पहले ही खारिज किया जा चुका है। कोर्ट ने यह भी उल्लेखन किया कि उसके प्रशासनिक दफ्तर ने याचिका में आपत्तियों को चिन्हित किया है,जिन्हें हटाया जाना चाहिए। याचिता में हाईकोर्ट से अनुरोध किया गया है कि वह सरकारी रिकॉर्ड मंगवाएं और वादे नहीं निभाने के कारण सरकार से इस्तीफा मांगे।

होलमागी ने कहा कि मौजूदा सरकार को इस देश की जनता से बड़ा जनादेश मिला। यह जनादेश इस वादे पर मिला था कि अच्छे दिन आ रहे हैं। लेकिन सरकार ने एक महीने में ही रेलवे की टिकटों के दामों में इजाफा कर दिया। साथ ही उपभोग की वस्तुएं भी महंगी कर दी। यूपीए सरकार के शासनकाल के दौरान बढ़ी महंगाई का विपक्ष ने विरोध किया था। लेकिन सरकार ने अपना वादा नहीं निभाया,इसलिए आम आदमी को उनके वोट पर पुर्नविचार का अवसर मिलना चाहिए। याचिका में प्रधानमंत्री,कैबिनेट और भाजपा को पक्षकार बनाया गया है।

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