मंगलवार, 5 नवंबर 2013

तलाक की खुशी में न्यूड हुई सुपरमॉडल मिरांडा केर

न्यूयार्क। विक्टोरियाज सीक्रेट की कवर गर्ल और अन्तरराष्ट्रीय जगत में अपने अनुपम नैसर्गिक सौंदर्य के लिए मशहूर हुई मिरांडा केर ने अपने फोटोग्राफर दोस्त के लिए न्यूड तस्वीरें खिंचवाई है। तलाक की खुशी में न्यूड हुई सुपरमॉडल मिरांडा केर
हाल ही में अपने पति ऑरलैंडों ब्लूम से तलाक लिए जाने के कारण चर्चा में आई सुपरमॉडल मिरांडा केर ने जाने-माने फोटोग्राफर क्रिस कोलस के लिए एक फोटोसेशन किया है। इन फोटोज में 30 वर्षीय मिरांडा एक बिस्तर पर पूर्णतया नग्न बैठी हुई है और कैमरे की तरफ मुस्कुरा कर देख रही है, इन फोटोज में वह अपनी कामुक अदाओं से लुभा रही है।

गौरतलब है कि केर और उनके पति ऑरलैंडों दोनों कोल्स के बहुत अच्छे दोस्त थे। कहा जाता है कि कोल्स ने अपनी पुस्तक "ट्रेजर योरसेल्फ" के लिए केर की कुछ उत्तेजक तस्वीरें खींची थी जिसके बाद से केर और उनके पति में मतभेद हो गए और दोनों को अलग होना पड़ा। तलाक के बाद कोल्स ने केर की कई न्यूड इमेजेज अपने सोशल साइट अकाउंटस पर पोस्ट की थी

सांसद की बीवी ने नौकरानी को पीट पीट कर मार डाला

नई दिल्ली। यूपी के जौनपुर से बसपा सांसद धनंजय सिंह की पत्नी जागृति सिंह को मंगलवार को नौकरानी की हत्या के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। सांसद के दिल्ली स्थित आवास पर काम करने वाले एक अन्य नौकर ने आरोप लगाया था कि जागृति सिंह ने नौकरानी राखी की पीट पीटकर हत्या कर दी। नौकर ने पुलिस को इस संबंध में शिकायत की थी,जिसके बाद जागृति सिंह को गिरफ्तार किया गया। सांसद की बीवी ने नौकरानी को पीट पीट कर मार डाला
विधानसभा का चुनाव लड़ चुकी है सांसद की बीवी

जागृत सिंह पेश से डॉक्टर है। वह दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में काम करती हैं। यूपी के विधानसभा चुनाव में उन्होंने बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव भी लड़ा था। जागृति पिछले दस महीने से नौकरानी को राखी को टॉर्चर कर रही थी। सोमवार को नौकरानी राखी की मौत हो गई थी। राखी का शव सांसद के साउथ एवेन्यू स्थित फ्लैट पर मिला। उसके सिर,छाती,पेट और हाथों पर चोट के निशान थे। जागृति के पति और बसपा सांसद ने सोमवार सुबह 8 बजे राखी की मौत के बारे में जानकारी दी।

तीन दिन पहले बीवी ने किया था फोन

जागृति सिंह पर हत्या के अलावा हत्या की कोशिश का मामला भी दर्ज किया है। उन पर नाबालिग नौकर रामफल को प्रताडित किए जाने का आरोप है। पुलिस ने बसपा सांसद से भी पूछताछ की है। सूत्रों के मुताबिक सांसद पर भी हत्या में शामिल होने का शक जताया जा रहा है। धनंजय सिंह का कहना है कि राखी की मौत छत से गिरने के कारण हुई है।

उन्होंने बताया कि तीन दिन पहले जागृति का फोन आया था। उन्होंने बताया था कि राखी छत से गिर गई है। उसे गंभीर चोट लगी है। इसके कुछ देर बाद फिर फोन आया। मुझे बताया गया कि राखी की मौत हो गई है। उस वक्त मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र जौनपुर में था। राखी की मौत की खबर सुनते ही मैं दिल्ली पहुंचा और पुलिस को बुलाया।

सांसद की बातों पर पुलिस को नहीं है भरोसा

पुलिस सूत्रों के मुताबिक सांसद यह नहीं समझा पाए कि जब तीन दिन पहले राखी छत से गिर गई थी तो उसे अस्पताल क्यों नहीं ले जाया गया। सांसद ने पुलिस को बताया कि उनकी पत्नी से बन नहीं रही थी इसलिए वह अलग घर में रह रहे थे। तलाक की प्रक्रिया चल रही है। सांसद के स्टॉफ के सदस्यों ने भी आरोप लगाया है कि जागृति सिंह हमेशा नौकरों की पिटाई करती थी।

हत्या के आरोप में सांसद भी खा चुके हैं जेल की हवा

धनंजय सिंह बसपा से विधायक भी रह चुके है। डॉक्टर जागृति सिंह उनकी दूसरी पत्नी है। सिंह की पहली पत्नी की मौत को लेकर भी सवाल उठे थे। सिंह एक बार बसपा से सस्पेंड भी हो चुके हैं। वह डबल मर्डर केस में जेल की हवा खा चुके हैं। एक अप्रेल 2010 को केराकट पुलिस स्टेशन में डबल मर्डर का केस दर्ज हुआ था। 27 मई 2011 को मामला सीबी सीआईडी को ट्रांसफर किया गया था। 12 दिसंबर 2011 को धनंजय सिंह को गिरफ्तार किया गया था।

मंगलयान रवाना, भारत को अंतरिक्ष अभियान में कामयाबी



नई दिल्ली। अंतरिक्ष विज्ञान की दुनिया में भारत ने आज इतिहास रच दिया है हिंदुस्तान का मंगलयान लाल ग्रह के लिए उड़ान भर चुका है। मंगलयान पीएसएलवी रॉकेट ने आज दोपहर ठीक 2 बजकर 38 मिनट पर श्रीहरिकोटा से उड़ान भरी। ये रॉकेट नैनो कार के बराबर के इस मंगलयान को अंतरिक्ष में छोड़ देगा, जहां कुछ दिन पृथ्वी के चक्कर काटने के बाद ये नौ महीने की मुश्किल यात्रा पर मंगल की ओर बढ़ जाएगा।


इसी के साथ भारत के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। मंगल मिशन के साथ ही भारत दूसरे ग्रह के लिए अभियान चलाने वाला एशिया का पहला और दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। वैज्ञानिकों के पास इस अभियान की तैयारी के लिए सिर्फ 15 महीने का वक्त था क्योंकि अगला मौका 780 दिन के बाद जनवरी 2016 में ही मिल सकता था।



भारत से पहले अमेरिका, रूस और चीन भी मंगल के लिए यान भेज चुके हैं। मंगल मिशन भारत का पहला इंटरप्लेनेटरी मिशन है यानी पहली बार किसी दूसरे ग्रह पर प्रयोग की शुरुआत कर रहा है भारत। इसरो के अध्यक्ष के. राधाकृष्णन के मुताबिक मंगल को रहने योग्य माना जाता है। कई प्रकार से यह धरती जैसा ही है। उन्होंने बताया कि धरती के लगभग समान मंगल भी अपनी धुरी पर 24 घंटे 37 मिनट में एक घुर्णन लगाती है। हालांकि धरती जहां 365 दिन में सूर्य की एक परिक्रमा पूरी करती है, वहीं मंगल को इसमें 687 दिन लगते हैं।



गौरतलब है कि इसरो के इस अभियान पर 450 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। ऑर्बिटर को मंगल की कक्षा में पहुंचने में नौ महीने लगेंगे। अब तक चलाए गए 51 मंगल अभियानों में 21 ही सफल रहे हैं। अंतरिक्ष कार्यक्रम 1960 से ही इसरो के अभियानों का हिस्सा रहा है। ज्ञात हो कि चंद्रयान-1 अभियान में ही पहली बार चांद पर पानी का पता चला था। अभी ऑर्बिटर धरती की कक्षा में ही चक्कर लगाएगा। एक दिसंबर को इसे अंतरिक्ष में मंगल की ओर बढ़ाया जाएगा।

मोमबत्ती से जलाया,नाजुक अंगों पर चोट

बरेली। उत्तर प्रदेश में बरेली के बहेडी क्षेत्र में सत्तारूढ समाजवादी पार्टी के एक नेता के रिश्तेदारों ने चोरी के शक में एक किशोरी और उसकी मां पर जमकर कहर बरपाया। मां-बेटी मां बेटी को मोमबत्ती से जलाया और और उनके नाजुक अंगों पर भी चोट पहुंचाई। तीन दिन तक दोनों को बंधक बनाकर अमानवीय व्यवहार किया गया।
पुलिस सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि सपा नेता हाजी बब्बू के रिश्तेदार आसिफ उर्फ गुड्डू के घर से एक नवम्बार को सोने के जेवर चोरी होने पर वह शक के आधार पर घर पर काम करने वाली 14 वर्षीय किशोरी और उसकी मां को उठा लाया। आरोप है कि मां बेटी को तीन दिन तक हाजी बब्बू के घर पर बंधक बनाकर रखा गया और उनको तरह तरह से यातनाएं दी गई।

इस दौरान मां बेटी को मोमबत्ती से जलाए जाने और उनके नाजुक अंगों पर भी चोट पहुंचाए जाने का भी आरोप है। इन लोगों के चंगुल से तीन दिन तक यातना झेलने के बाद बामुश्किल मुक्त होकर अपने घर पहुंची मां- बेटी को उपचार के लिए सोमवार शाम जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस सिलसिले में आसिफ, उसकी बहिन फैजुल और आकिब समेत तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है।

नेहरू ने पटेल को कहा था सांप्रदायिक!

नई दिल्ली। बीते कई दिन से सरदार वल्लभभाई पटेल की विरासत को लेकर कांग्रेस और बीजेपी में जारी वाकयुद्ध में मंगलवार को भाजपा के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी भी कूद पडे।
आडवाणी ने किताब का हवाला देते हुए अपने ब्लाग में कहा है कि पं. जवाहर लाल नेहरू ने सरदार पटेल को पूरी तरह सांप्रदायिक करार दिया था। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी की सरदार पटेल की विरासत को भुनाने की कोशिशों पर कांग्रेस द्वारा उनकी तीखी आलोचना के बाद से दोनों पार्टियों के नेता इतिहास के पन्नों से अपने अपने पक्ष की बातें खोज कर ला रहे हैं और किसी न किसी तरह सरदार पटेल को अपने करीब तथा दूसरे से दूर बताने में लगे हैं।

आडवाणी ने अपने ताजा ब्लाग में एमकेके नायर की पुस्तक "द स्टोरी आफ एन इरा टोल्ड विदाउट इल विल" का हवाला देते हुए लिखा है कि आजादी के बाद भारत से अलग होने को तत्पर हैदराबाद के देश में विलय के लिए जब तत्कालीन गृहमंत्री सरदार पटेल ने वहां सेना भेजने का सुझाव दिया तो मंत्रिमंडल की बैठक में पंडित नेहरू और सरदार पटेल के बीच तीखी नोक झोक हुई। पंडित नेहरू ने सरदार पटेल से इस बैठक में कहा था कि वह पूरी तरह सांप्रदायिक हैं।

हॉस्टल संचालक ने लूटी छात्रा की आबरू

जयपुर। महेश नगर थाना क्षेत्र में हॉस्टल संचालक ने हॉस्टल में रह रही छात्रा को हवस का शिकार बना डाला। हॉस्टल में करीब तीन दर्जन छात्राएं रहती हैं। लेकिन सोमवार को सभी छात्राएं अपने घर या फिर कहीं ओर गई थीं।
पीडिता अकेली थी। इस दौरान आरोपी हॉस्टल संचालक ने उसके साथ दुष्कर्म किया। पीडिता की चीख-पुकार सुनने वाला भी कोई नहीं था।

एसीपी सोड़ाला पारस जैन ने बताया कि मूलत: बनारस निवासी 22 वष्ाीüय युवती स्वेज फॉर्म रामनगर विस्तार स्थिति एक हॉस्टल में अपनी बहन के साथ रहती थी। उसने कोचिंग क्लासेज ज्वॉइन कर रखी थीं और जॉब की तलाश कर रही थी। दीपावली पर वे अपने घर नहीं गइंü और जयपुर में ही अपने रिश्तेदारों के त्यौहार मनाया।

सोमवार सुबह एक बहन किसी परिचित के रूक गई और दूसरी हॉस्टल लौट आई। आरोपी हॉस्टल संचालक वहां अकेला था। करीब दस बजे छात्रा के आते ही वह उसके पीछे-पीछे कमरे में आ गया और उसके साथ बालात्कर कर दिया।

घटना के बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दे डाली। पीडिता ने अपनी बहन को घटना की जानकारी दी और रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने आरोपी हॉस्टल संचालक को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि पीडिता यहां दो-ढाई साल से रह रही थी।

सरहद का सुलतान हिस्टीशीटर गाजी फकीर कांग्रेस कि राजनीती में फिर सक्रीय

सरहद का सुलतान हिस्टीशीटर गाजी फकीर कांग्रेस कि राजनीती में फिर सक्रीय

राज्य मंत्री के साथ किया चुनावी सभा का आगाज़ चुनाव आयोग मौन 


चन्दन सिंह भाटी 
बाड़मेर। विगत दिनों सरहद के सुलतान गाज़ी फ़क़ीर कि जिला पुलिस जैसलमेर द्वारा हिस्ट्रीशीट खोलने तथा उनके राष्ट्रद्रोही गतिविधियो में शामिल होने के आरोपो के बाद उनसे पल्ला झाड़ चुकी कांग्रेस ने मुस;लिम वोटो के लिए फिर उनसे गठबंधन करने का मानस बना। हिस्ट्रीशीटर गाज़ी फ़क़ीर कांग्रेस कमिटी के अल्पसंख्यक मोर्चे कि शिव के कानासर में सोमवार को आयोजित बैठक में भाग भाग लिया । इस बैठक में राज्य सरकार के अल्पसंख्यक मामलात मंत्री अमिन खान उनके साथ थे। अमिन खान ने उन्हें गले लगा कर स्वागत किया 
गौरतलब हे विगत दिनों गाज़ी फ़क़ीर कि हिस्ट्रीशीट पुनः खोलने के बाद विवादो में आने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वीकार किया था कि पुलिस ने अपनी कार्यवाही को सरकार के आदेशानुसार सही अंजाम दिया हें। मगर विधानसभा चुनावो कि आहात के साथ कांग्रेस गाज़ी फ़क़ीर को चुनावी हथियार के रूप में इस्तेमाल करने कि रणनीति बना चुकी हें। कांग्रेस का ध्येय हें गाज़ी फ़क़ीर के जरिये पाकिस्तान में बेठे उनके आका पीर पगारो का समरतजहां हासिल किया जाए।गाज़ी फ़क़ीर ने कांग्रेस के चुनावी सभा में मुस्लिमो से कांग्रेस को वोट देने कि अपील कि। जबकि गाज़ी के खिलाफ राज्य सरकार जांच कर रही हें। प्रधानमंत्री कार्यालय ने उनके खिलाफ जांच रिपोर्ट तलब कि हें। उनके विधायक पुत्र पर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक जैसलमेर पंकज चौधरी ने पाकिस्तान जासूस को पनाह देने का आरोप लगाया था। चौधरी ने ही राज्य सरकार के आदेशानुसार गाज़ी फ़क़ीर कि हिस्ट्रीशीट पुनः खोली थी ,राजस्थान और केंद्र सरकार कि खुफिया एजेंसियो कि नज़र में गाज़ी फ़क़ीर सबसे ज्यादा संदिग्ध व्यक्ति हें जिनके पाकिस्तान के साथ तालुकात हें।

चुनाव आयोग मौन। ।चुनव आयोग द्वारा कानासर में आयोजित कांग्रेस कि इस धर्म सभा कि न तो फोटोग्राफी कराई गई न ही विडिओग्राफी। हिस्ट्रीशीटर गाज़ी फ़क़ीर के कांग्रेस कि राजनीती में सक्रीय होना पश्चिमी राजस्थान में चर्चा का विषय बन गया।

ऑनलाइन 'रेप क्‍लब': शराब पिलाकर करते थे ग्रुप सेक्‍स, इंटरनेट पर डाल देते थे नाबालिग का नाम

न्‍यूजीलैंड की पुलिस ने युवकों के एक ऐसे गिरोह का भांडाफोड़ किया है जो नाबालिग लड़कियों को शराब पिलाकर उनके साथ ग्रुप सेक्‍स करता था। यही नहीं, पीडित लड़कियों की पहचान भी इंटरनेट पर उजागर कर दी जाती थी। यह गिरोह नाबालिग लड़कियों को ऑनलाइन झांसा देकर अपने जाल में फंसाता था। यह मामला सामने आने के बाद इस बात को लेकर चिंता बढ़ गई है कि ऑनलाइन झांसा देने वालों पर पुलिस कैसे शिकंजा कसे।
ऑनलाइन 'रेप क्‍लब': शराब पिलाकर करते थे ग्रुप सेक्‍स, इंटरनेट पर डाल देते थे नाबालिग का नाम
पुलिस का कहना है कि वह मामले की गहन जांच में जुटी है। लेकिन पीडित लड़कियों के औपचारिक बयान दर्ज कराए बिना दोषियों पर कार्रवाई करना आसान नहीं है क्‍योंकि इस मामले में उनके पास पर्याप्‍त सबूत नहीं हैं।

स्‍थानीय पुलिस ने सोमवार को बयान जारी कर कहा कि इस गिरोह की शिकार सभी लड़कियों और इस मामले के संदिग्‍धों की पहचान कर ली गई है। तीन संदिग्‍ध युवकों से पुलिस ने पूछताछ भी की है लेकिन किसी ने अपना गुनाह नहीं कबूल किया है। इस गिरोह में शामिल चौथे संदिग्‍ध ने तो पुलिस से सहयोग करने से ही इनकार कर दिया।
नाबालिग लड़कियों को झांसा देकर उनका यौन शोषण करने वाला यह गिरोह इंटरनेट पर 'Roast Busters' के नाम से सक्रिय है। इस गिरोह में शामिल अधिकतर युवक किशोरावस्‍था की दहलीज पर हैं। ये 13 साल की उम्र वाली लड़कियों को अपने झांसे में लेते थे और इसके लिए ये सोशल मीडिया का सहारा लेते थे। स्‍थानीय टीवी चैनल टीवी 3 की रिपोर्ट के मुताबिक नाबालिग लड़कियों को झांसा में लेने के बाद उन्‍हें शराब पिलाते थे फिर उनके साथ सेक्‍स करतेथे। 
ऑनलाइन 'रेप क्‍लब': शराब पिलाकर करते थे ग्रुप सेक्‍स, इंटरनेट पर डाल देते थे नाबालिग का नाम

यह गिरोह ऑकलैंड से अपनी गतिविधियों को अंजाम देता था। इस गिरोह में युवकों ने अपने फेसबुक पेज पर अपलोड वीडियो में कथित पीडित लड़कियों का नाम भी ले लिया था, लेकिन मामले की जांच शुरू हुई तो ऐसे वीडियो हटा लिए गए। इस गिरोह के झांसे में आई एक नाबालिग लड़की ने टीवी चैनल को बताया कि उसे काफी मात्रा में अल्‍कोहल पिला दिया गया था। अपनी पहचान उजागर नहीं किए जाने की शर्त पर लड़की ने टीवी की महिला रिपोर्टर से कहा, 'आप कह सकती हैं कि मेरे साथ रेप हुआ। मेरे साथ एक समय में तीन-तीन लड़कों ने सेक्‍स किया।' न्‍यूजीलैंड के प्रधानमंत्री जॉन के ने कहा है कि यह मामला बेहद घिनौना है लेकिन सबूत के बिना दोषियों को सजा देने में मुश्किलें आएंगी। प्रधानमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'यदि कोई पीडित शिकायत करने आगे नहीं आएगी तो इन केस पर आगे बढ़ना काफी मुश्किल होगा। वैसे भी किसी नाबालिग के लिए आगे आकर अपनी आपबीती बताना काफी चुनौती भरा काम होगा।'

प्रधानमंत्री का कहना है कि उनकी सरकार ऐसा कानून बना रही है जिसके चलते पुलिस को ऑनलाइन यौन उत्‍पीड़न करने वाले इंटरनेट यूजर्स को सजा दिलाने में आसानी होगी।

सरकार को ऐसे कानून लाने की जरूरत इसलिए पड़ी है क्‍योंकि मौजूदा कानूनों के तहत नाबालिगों का ऑनलाइन उत्‍पीड़न होने की दशा में उन्‍हें पर्याप्‍त सुरक्षा देने का प्रावधान नहीं हैं। ऑनलाइन उत्‍पीड़न की दशा में पीडित की पहचान उजागर होने का खतरा ज्‍यादा होता है जिससे ऐसे पीडित लड़कियों खासकर नाबालिगों की जिंदगी पर बुरा असर पड़ता है।

इस मंदिर के आगे नतमस्‍तक हो गया था विध्‍वंसकर्ता औरंगजेब!

भारत का वर्तमान जितना दिलचस्प है, इतिहास उतना ही रोचक। यहां मुगल, तुर्क और अंग्रेज शासकों ने या तो राज किया या फिर धन-संपदा लूटकर ले गए। मुगलों और अंग्रेजों ने लंबे समय तक राज किया है। मुगल शासकों का यूपी से गहरा संबंध रहा है। उनसे जुड़े अनेक तथ्य और घटनाएं बहुत दिलचस्प हैं।

आगरा किला से करीब एक किलोमीटर दूर श्‍यामजी मंदिर है। यह मंदिर प्राचीन बताई जाती है। मंदिरों को तुड़वाने के लिए बदनाम मुगल शासक औरंगजेब ने इसे भी ध्‍वस्‍त करने का आदेश दिया था।

लेकिन उसके साथ कुछ ऐसा हुआ कि वह भी मंदिर के सामने नतमस्‍तक हो गया। उसने मंदिर के खर्च के लिए एक रुपया रोजाना और एक गांव की जागीर भी दे दी थी। इतिहासकारों ने इस घटना को अपनी किताब में लिखा है।

यह मंदिर बिजलीघर चौराहे से छीपीटोला जाने वाली सड़क पर है। इतिहासकार आरके शर्मा अपनी पुस्‍तक ‘तवारीख ए आगरा’ में चौकाने वाली बातें लिखी हैं। उनके मुताबिक औरंगजेब ने सत्‍ता अपने पास लेने के बाद से मंदिर विध्‍वंसक नीति शुरू कर दी थी। उसने श्‍यामजी मंदिर को भी तोड़ने का आदेश दिया। तब मंदिर के पुजारियों को बंदी बना लिया गया था।

आरके शर्मा लिखते हैं कि कि उस रात औरंगजेब ठीक से सो नहीं सका। अगले ही दिन उसने अनोखा आदेश दिया। औरंगजेब ने मंदिर के खर्च के लिए एक रुपया रोजाना देने का ऐलान किया। इसके साथ ही एक गांव भी जागीर में मंदिर को प्रदान की गई। आगरा तहसील का श्‍यामो गांव कभी इस मंदिर की जागीर था। उस वक्‍त एक रुपए की कीमत बेहद ज्‍यादा थी।औरंगजेब ने मंदिर तोड़ने का आदेश 12 अप्रैल 1679 में सारे मंदिर तोड़ने का आदेश जारी किया था। उसी वक्‍त उसने अकबर द्वारा बंद किया गया जजिया कर भी फिर से लागू कर दिया था। इसी के तहत मथुरा में औरछा के राजा वीरसिंह बुंदेला द्वारा बनवाए गए केशव देव के भव्‍य मंदिर को तुड़वा डाला था। मंदिर विध्‍वंस की नीति के तहत ही औरंगजेब ने आगरा के श्‍यामजी मंदिर को भी तोड़ने का आदेश दिया था।

रांची के एक लॉज से NIA को मिले 9 जिंदा बम



नई दिल्ली। पटना सीरियल बम ब्लास्ट के सिलसिले में जांच में जुटी टीम ने सूचना के आधार पर रांची के एक लॉज में छापा मारा। लॉज से एनआईए टीम को 9 जिंदा बम मिले हैं। लेकिन लॉज में रह रहा सख्श पहले ही फरार हो गया। बम को बम निरोधक दस्ते ने डिफ्यूज कर दिया है।



एनआईए टीम को सूचना मिली की रांची के हिंदपीढ़ी इलाके के इमरान लॉज के कमरा नंबर 8 और 9 में कुछ संदिग्ध लोग रुके हैं। सूचना पाकर एनआईए ने लॉज में छापा मारा था। इन छापों के दौरान एनआईए को 9 जिंदा बम के अलावा 19 डेटोनेटर, 12 टाइमर डेवाइस और जिलेटिन की छड़ें भी मिली हैं। हजारीबाग से बम डिफ्यूजल स्कवैड को रांची बुलाया गया। सभी बम को डिफ्यूज कर दिया गया है। दरअसल खुफिया सूचनाओं के आधार पर पुलिस मुजाहिब नाम के एक संदिग्ध की तलाश कर रही थी। जिसका नाम पटना धमाकों की पूछताछ के दौरान सामने आया है। खुफिया सूत्रों के मुताबिक पटना और गया धमाकों में मुजाहिब का हाथ हो सकता है।



सूत्रों के मुताबिक रांची से बरामद बम और पटना धमाके में इस्तेमाल बम एक जैसे ही हैं। सूत्रों के मुताबिक रांची से बरामद बम भी पटना ले जाने थे। लेकिन वक्त पर बम तैयार नहीं हो पाए थे।

दिल्ली में 1000 करोड़ का हुआ 'देह' का व्यापार..जानिए गंदे धंधे का काला सच



नई दिल्ली। राजधानी दिल्‍ली देह व्‍यापार की सबसे बड़ी मंडी है। इस व्‍यापार की मंडी का कंट्रोल हमेशा किसी एक व्‍यक्ति के हाथ में रहा है। इसका कंट्रोल पहले सोनू पंजाबन के हाथों में था और बाद में बाबा भीमानंद के हाथ में आ गया। इन दोनों के जेल जाने के बाद से यह धंधा अब कोई सोनू बंगालन नाम की महिला संभाल रही है।



सूत्रों के अनुसार, जब दिल्‍ली पुलिस ने सोनू पंजबान को गिरफ्तार किया था तो उस वक्‍त दिल्‍ली में उसका कारोबार तकरीबन 1000 करोड़ रुपए का था। जिस पर अब सोनू बंगालन का राज है। सूत्रों का कहना है कि सोनू बंगालन का दिल्ली में होने वाला धंधा तो सिर्फ कुछ फीसदी का है। इसमें देश के कई राज्यों से लोगों और पैसों की आमदरफ्त होती है। यही नहीं, बड़ी तादाद में विदेशी लड़कियां धंधा करती हैं जिन्हें हिंदुस्तानी दलाल अपने पेरोल पर रखते हैं।


सूत्रों के मुताबिक दिल्‍ली में सोनू बंगालन की कमाई का पैमाना काफी बड़ा है। वहीं दलालों के जरिए दिल्‍ली में जिस्‍म की मंडी के कारोबार का टर्नओवर करोड़ों में पहुंच गया है। जिसकी पालनहार तकरीबन एक दो हजार नहीं बल्कि तकरीबन 20 हजार लड़कियां हैं। इस धंधे से जुड़े जानकारों का कहना है कि इस बाजार में इन लड़कियों की सर्विस और उसके मुताबिक रेट तय होता हैं।

सर्विस वक्त रेट (रुपए)

एक ट्रिप 2 घंटे 5000-8000

दो ट्रिप 2 घंटे 8000-10000

दो ट्रिप 4 घंटे 10000-15000

ओर्जी 8 घंटे या पूरी रात 25000

एस्कॉर्ट एक दिन 25000

प्ले हॉस्टेस 4 घंटे 15000
राजधानी में सेक्‍स रैकेट कैश और क्रैडिट कार्ड दोनों तरीकों से काम करता है। सोनू बंगालन के पेरोल पर काम करने वाली करीब 500 लड़कियों में ज्यादातर का टाइम और पैसा मुकर्रर होता है। ये लड़कियां ओवरटाइम भी करती थीं और छुट्टी भी मिलती हैं। इन सभी से बंगालन ने अपना प्रॉफिट तय कर रखा था जो हर ट्रिप और नाइट के बदले उसे पहुंचा दिया जाता था।




सोनू पंजाबन के सेक्‍स रैकेट में कई हाइप्रोफाइल लड़कियां शामिल !

जैसे ही राजधानी दिल्ली में शाम के साए में गहराती हैं। लोग आनंद की तलाश में किसी ऐसे ठिकाने की तरफ निकल पड़ते हैं जहां उनकी दबी हुई ख्वाहिशें पूरी हो सकें। जहां कोई उन्हें प्यार कर सके, उनकी टूटी हुई तमन्नाएं सहला सके। कानून ने इसे जिस्मफरोशी का नाम दिया है। एक अनुमान के मुताबिक देशभर में इस जिस्म के कारोबार में करीब 30 लाख लड़कियां लगी हैं जो एक पूरे शहर की आबादी के बराबर हैं।

सूत्रों का कहना है कि सोनू बंगालन के दिल्ली में सेक्स व्यापार में बड़ी तादाद में ऐसी लड़कियां शामिल हैं, जो बड़े घरों से ताल्‍लुक रखती हैं। ये ज्यादातर लड़कियों को पैसा चाहिए होता है और वो पैसे के लिए इस काम को करती हैं। इसमें बड़े बड़े अच्छे नंबर वन के घरों की लड़कियां भी हैं।

जेब खर्च के लिए जिस्मफरोशी का धंधा

लड़कियों को पैसा उनकी खूबसूरती, उनकी पढ़ाई-लिखाई, उनकी बातचीत के अंदाज, उनके पहनावे, उनकी अदाओं और उनके पिछले रिकॉर्ड को देखकर तय होता है। हालांकि दो घंटे के लिए एक अच्छी लड़की मार्केट में 5000 से लेकर 50 हजार रुपए तक पर मिलती है।

खास बात ये कि जिस्म के बाजार में पैसा एडवांस चलता है। वहां उधार की गुंजाइश नहीं। पैसा क्रैडिट कार्ड से भी अदा किया जा सकता है। जो शख्स ये सर्विस लेता है उसकी पहचान पूरी तरह छिपाकर रखी जाती है। सोनू बंगालन जो कई बार सेक्‍स रैकेट के धंधा चलाते हुए गिरफ्तार हो चुकी है। उसने पुलिस को बताया है कि उसके धंधे में यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली हैं या अकेले पीजी में रहती हैं। इनमें कुछ घरेलू महिलाएं भी इस धंधे में थीं जो जेब खर्च निकालने के लिए जिस्मफरोशी का धंधा कर रही हैं। जाहिर है जल्द मोटा पैसा कमाने की तमन्ना उन्हें इस धंधे में खींच लाती है।

आज शुरू होगा मंगल पर विजय का अभियान

यह पराक्रम के प्रतीक ग्रह यानी मंगल पर विजय का अभियान है। चंद्रयान के बाद अब मंगलयान की बारी है। मंगल ग्रह को करीब से जानने की यह कोशिश अगर कामयाब होती है तो भारत अंतरिक्ष के मामले में एक बड़ी ताकत बनकर उभरेगा। जाहिर है, इस प्रॉजेक्ट से भारत की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है।
mars

अभी तक अमेरिका, रूस और यूरोप के कुछ देश (संयुक्त रूप से) ही मंगल की कक्षा में अपने यान भेज पाए हैं। चीन और जापान इस कोशिश में अब तक कामयाब नहीं हो सके हैं। रूस भी अपनी कई असफल कोशिशों के बाद इस मिशन में सफल हो पाया है। अब तक मंगल को जानने के लिए शुरू किए गए दो तिहाई अभियान नाकाम साबित हुए हैं। भारत इस अभियान को अपने दम पर अंजाम तक पहुंचाने की ख्वाहिश रखता है और पूरी दुनिया की नजरें इस पर लगी हुई हैं।

आज है ऐतिहासिक दिन
मंगलयान को पिछले महीने 19 अक्टूबर को छोडे़ जाने की योजना थी, लेकिन दक्षिण प्रशांत महासागर क्षेत्र में मौसम खराब होने के कारण यह काम टाल दिया गया। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) ने अब आज यानी 5 नवंबर को इसे दिन में 2 बजकर 36 मिनट पर छोड़ने का फैसला किया है। इस अभियान को मार्स ऑर्बिटर मिशन नाम दिया गया है। भारत के इस मिशन के लिए सरकार ने इसरो को 3 अगस्त 2012 को मंजूरी दी थी। वैसे, इसके लिए 2011-12 के बजट में ही फंड का प्रावधान कर दिया गया था। भारत की जनता के साथ ही देश के स्पेस साइंटिस्ट्स इस अभियान को लेकर खासे उत्साहित हैं।


कैसे शुरू होगा सफर
मंगलयान को इसरो के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से पोलर सैटलाइट लॉन्च वीइकल (पीएसएलवी) सी-25 की मदद से छोड़ा जाएगा। इस वीइकल की लागत 110 करोड़ रुपये से कुछ ज्यादा है और इसका वजन 1350 किलो है। इसरो का कहना है कि पीएसएलवी मंगलयान को छोड़ने के लिए उपयुक्त है। कई देश अपने सैटलाइट छोड़ने के लिए इसका प्रयोग कर रहे हैं। वैसे, गौरतलब है कि अमेरिका और रूस ने अपने मंगल अभियान के लिए इससे बड़े रॉकेटों का प्रयोग किया था।

कैसा होगा सफर
मंगलयान को छोड़े जाने के बाद यह पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकलकर करीब 10 महीने तक अंतरिक्ष में भ्रमण करता रहेगा। सितंबर 2014 में यह मंगल की कक्षा के पास पहुंचेगा। मंगल ग्रह की कक्षा 327 गुणा 80,000 किलोमीटर की है। पृथ्वी की कक्षा को पार करने के लिए मंगलयान की गति 11 किलोमीटर प्रति सेकंड रखी जाएगी। मंगल की कक्षा में प्रवेश करने के लिए इस गति को कम किया जाएगा।

क्या है मकसद
मंगलयान को सफलतापूर्वक छोड़कर भारत अंतरिक्ष के मामले में अपनी टेक्नॉलजी का लोहा मनवाना चाहता है। इसके साथ ही वह अपनी वैज्ञानिक उत्सुकता को भी शांत करना चाहता है। मंगलयान के जरिए भारत मंगल ग्रह पर जीवन के सूत्र तलाशने के साथ ही वहां के पर्यावरण की जांच करना चाहता है। वह यह भी पता लगाना चाहता है कि इस लाल ग्रह पर मीथेन मौजूद है कि नहीं। मीथेन गैस की मौजूदगी जैविक गतिविधियों का संकेत देती है। इसके लिए मंगलयान को करीब 15 किलो वजन के कई अत्याधुनिक उपकरणों से लैस किया गया है। इसमें कई पावरफुल कैमरे भी शामिल हैं। इसरो का कहना है कि मंगलयान पर इससे ज्यादा वजन के उपकरण फिट करना संभव नहीं था, क्योंकि इससे इसे छोड़ने के लिए पीएसएलवी की बजाय ज्यादा पावरफुल रॉकेट की जरूरत होती और इससे इस मिशन पर होने वाला खर्च काफी ज्यादा बढ़ जाता। मंगल पर मीथेन की मौजूदगी का पता लगाने के लिए मंगलयान पर सेंसर भी लगे होंगे। ये सेंसर काफी संवेदनशील हैं और मीथेन की मात्रा कम होने पर पर भी उसका पता लगा सकते हैं।

खर्च कितना
इस मिशन की लागत 450 करोड़ रुपये (करीब छह करोड़ 90 लाख डॉलर) है। अमेरिका भी मंगल अभियान पर अपना एक और स्पेसक्राफ्ट (मैवेन) भेजने की तैयारी कर रहा है और इस पर करीब 48 करोड़ 50 लाख डॉलर का खर्चा आएगा। मंगलयान और मैवेन अगले साल सितंबर में ही मंगल की कक्षा में पहुंचेंगे। इसरो के सैकड़ों कर्मचारी और वैज्ञानिक भारत के मंगल मिशन को अंजाम तक पहुंचाने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं।

चुनौतियां भी
अगर मंगलयान को किन्हीं कारणों से इस 19 नवंबर तक नहीं छोड़ा जा सका तो मंगल और पृथ्वी के रोटेशन से जुड़ी़ तकनीकी वजहों के कारण इसको फिर 5 साल बाद ही छोड़ा जा सकेगा। इसके साथ ही इसे रेडिएशन और कम तापमान से बचाने और मंगल की कक्षा में प्रवेश कराने के लिए रॉकेट के इंजन को दोबारा चालू करने की चुनौती भी इसरो के वैज्ञानिकों के सामने है। इसके कारण मंगल को जानने के लिए छोड़े गए कई सैटलाइट्स बर्बाद हो गए हैं।

लिफ्ट देने के बहाने बैठाया और बना दिया किन्नर!

मसूरी के नाहल में रहने वाले एक युवक ने तीन लोगों पर उसे जबरन किन्नर बनाने का आरोप लगाया है। पीड़ित ने पुलिस से शिकायत की है।

नाहल निवासी एक युवक ने शिकायत में कहा है कि वह किसी काम से एक नवंबर को पिलखुआ गया था। जब वह वापस आने के लिए गाड़ी का इंतजार कर रहा था, तभी सफारी सवार कुछ लोगों ने उससे पूछा कहां जाना है। जगह बताने पर कार सवारों ने कहा कि उन्हें भी गाजियाबाद जाना है और वे उसे मसूरी छोड़ देंगे।

कार सवारों की बातों में आकर युवक कार में बैठ गया। कार सवार लोगों ने उसे कुछ नशीला पदार्थ पिला दिया और फिर उसे होश नहीं रहा। 03 नवंबर को होश आया तो उसने खुद को मसूरी-पिलखुआ रोड पर पाया और इसी दौरान उसे पता चला कि उसका गुप्तांग भी कटा हुआ है।

दहेज में कार, कैश और चेन के लिए बनाया पत्नी का MMS

दहेज में कार, कैश और चेन के लिए बनाया पत्नी का MMS
फरीदाबाद
दहेज की मांग पूरी न होने पर एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी के साथ न केवल मारपीट की बल्कि अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने के लिए उसे कई बार मजबूर किया। इस दौरान व्यक्ति ने अपने मोबाइल से उसकी विडियो क्लिप भी बना ली। यह आरोप सराय ख्वाजा थाना एरिया में रहने वाली एक महिला ने अपने पति पर लगाए हैं।
dowry
महिला का यह भी आरोप है कि डिमांड पूरी न होने पर पति ने उसकी विडियो क्लिप इंटरनेट पर डालने की धमकी दी और उसे जलाकर मारने की कोशिश भी की। इस काम में ससुराल वालों का भी हाथ है। पुलिस ने महिला की शिकायत पर आरोपी पति व ससुराल वालों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

सराय ख्वाजा थाना एरिया की एक कॉलोनी में रहने वाली महिला ने बताया कि उसकी शादी 4 फरवरी 2013 को दुर्गा एनक्लेव में रहने वाले रमा सिंह के साथ हुई थी। शादी के अगले दिन से ही ससुराल वाले 5 लाख रुपये कैश, कार और सोने की चेन के लिए उसे परेशान करने लगे थे। ससुराल वालों ने उसके पति को भी उकसाया। जिस पर उसने उनके साथ मारपीट की।आरोप है कि सुहागरात पर महिला के पति ने उन पर अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का दबाव डाला। साथ ही पति ने मोबाइल से अंतरंग संबंधों की फिल्म बना डाली और डिमांड पूरी न होने पर इंटरनेट पर डालने की धमकी दी। महिला ने आरोप लगाया कि उसके पति के दूसरी लड़कियों से भी संबंध हैं। ससुराल वालों को बताने पर उल्टा महिला ही भला बुरा कहा जाता है।
11 मार्च को उसके पति और ननद ने उनके साथ मारपीट की और घर से निकाल दिया। बाद में उनके पिता ने ससुराल वालों से बातचीत की और एक लाख रुपये दिए तो उनसे कहा गया कि अब उनकी बेटी को कोई दिक्कत नहीं होगी। 25 मई को उनकी सास व ससुर पंजाब में थे। सास ने उसके पति को फोन पर उन्हें जलाकर मार डालने को कहा। इसके बाद उसके पति और ननद ने गैस की नोब खोलकर जबरन उसे चाय बनाने के लिए किचन में भेजा।

गैस की गंध आने पर वह वापस आने लगी तो उसे रसोई में धकेल दिया गया और पति ने आग लगाने की कोशिश की, लेकिन किसी तरह वह वहां से निकलकर अपने घर पहुंची और परिवार वालों को इस बारे में बताया। जिसके बाद मामले की शिकायत महिला सेल में दी गई और जांच पड़ताल के बाद केस दर्ज किया गया। वहीं, सराय ख्वाजा थाना इंचार्ज ब्रह्म सिंह ने बताया कि महिला की ओर से लगाए गए आरोपों की जांच
की जा रही है।

अंडमान में आदिवासी लड़कियों के 22 पोर्न वीडियो

पोर्ट ब्लेयर। अंडमान निकोबार द्वीप समूह में एक खास आदिवासी समुदाय की लड़कियों के पोर्न वीडियो के बाजार में आने के मामले की जांच करने वाले विशेष जांच दल (एसआईटी) ने इस तरह की कम से कम 22 फिल्मों का पता लगाया है और ये सभी 2000 से 2009 के बीच की बनी हुई हैं। अंडमान में आदिवासी लड़कियों के 22 पोर्न वीडियो
पुलिस अधीक्षक (सीआईडी) असलम खान ने सोमवार को पत्रकारों से कहा, हम लोगों ने इस तरह के कम से कम 22 वीडियो का पता लगाया है। इस संबंध में और जांच की जा रही है। किसी आदिवासी लड़की ने इस तरह के वीडियों के बारे में कोई शिकायत नहीं की है।

पुलिस ने शनिवार को इस संबंध में आपराधिक मामला दर्ज किया था। मामले की जांच की जिम्मेदारी पुलिस उपाधीक्षक (एसआर्ईटी) को दी गई है। एसआईटी पुलिस उपाधीक्षक के नेतृत्व में वीडियो कांड की सच्चाई का पता लगाने में जुटी हुई है।

एक अंग्रेजी साप्ताहिक के 24 अक्टूबर 2013 के अंक में रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। रिपोर्ट में कहा गया कि द्वीप समूह की छवि खराब करने के नापाक इरादे से इस तरह का बाजार में उतारा गया है।

उप राज्यपाल ने पत्रिका की रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए एक विशेष बैठक बुलाकर मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक को दाषियों को सामने लाने के लिए एड़ी चोटी एक करने का निर्देश दिया था।

भैया दूज का विशेष है महत्व



भाई दूज (भातृद्वितीया ) कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाए जाने वाला हिन्दू धर्म का पर्व है जिसे यम द्वितीया भी कहते हैं। भाईदूज में हर बहन रोली एवं अक्षत से अपने भाई का तिलक कर उसके उज्ज्वल भविष्य के लिए आशीष देती हैं। भाई अपनी बहन को कुछ उपहार या दक्षिणा देता है। भाईदूज दिवाली के दो दिन बाद आने वाला ऐसा पर्व है, जो भाई के प्रति बहन के स्नेह को अभिव्यक्त करता है एवं बहनें अपने भाई की खुशहाली के लिए कामना करती हैं। इस त्योहार के पीछे एक किंवदंती यह है कि यम देवता ने अपनी बहन यमी (यमुना) को इसी दिन दर्शन दिया था, जो बहुत समय से उससे मिलने के लिए व्याकुल थी। अपने घर में भाई यम के आगमन पर यमुना ने प्रफुल्लित मन से उसकी आवभगत की। यम ने प्रसन्न होकर उसे वरदान दिया कि इस दिन यदि भाई-बहन दोनों एक साथ यमुना नदी में स्नान करेंगे तो उनकी मुक्ति हो जाएगी। इसी कारण इस दिन यमुना नदी में भाई-बहन के एक साथ स्नान करने का बड़ा महत्व है। इसके अलावा यमी ने अपने भाई से यह भी वचन लिया कि जिस प्रकार आज के दिन उसका भाई यम उसके घर आया है, हर भाई अपनी बहन के घर जाए। तभी से भाईदूज मनाने की प्रथा चली आ रही है। जिनकी बहनें दूर रहती हैं, वे भाई अपनी बहनों से मिलने भाईदूज पर अवश्य जाते हैं और उनसे टीका कराकर उपहार आदि देते हैं। बहनें पीढियों पर चावल के घोल से चौक बनाती हैं। इस चौक पर भाई को बैठा कर बहनें उनके हाथों की पूजा करती हैं।
विधि 

इस पूजा में भाई की हथेली पर बहनें चावल का घोल लगाती हैं उसके ऊपर सिन्दूर लगाकर कद्दू के फूल, पान, सुपारी मुद्रा आदि हाथों पर रखकर धीरे धीरे पानी हाथों पर छोड़ते हुए कुछ मंत्र बोलती हैं जैसे "गंगा पूजे यमुना को यमी पूजे यमराज को, सुभद्रा पूजा कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई की आयु बढ़े" इसी प्रकार कहीं इस मंत्र के साथ हथेली की पूजा की जाती है " सांप काटे, बाघ काटे, बिच्छू काटे जो काटे सो आज काटे" इस तरह के शब्द इसलिए कहे जाते हैं क्योंकि ऐसी मान्यता है कि आज के दिन अगर भयंकर पशु काट भी ले तो यमराज के दूत भाई के प्राण नहीं ले जाएंगे। कहीं कहीं इस दिन बहनें भाई के सिर पर तिलक लगाकर उनकी आरती उतारती हैं और फिर हथेली में कलावा बांधती हैं। भाई का मुंह मीठा करने के लिए उन्हें माखन मिस्री खिलाती हैं। संध्या के समय बहनें यमराज के नाम से चौमुख दीया जलाकर घर के बाहर रखती हैं। इस समय ऊपर आसमान में चील उड़ता दिखाई दे तो बहुत ही शुभ माना जाता है। इस संदर्भ में मान्यता यह है कि बहनें भाई की आयु के लिए जो दुआ मांग रही हैं उसे यमराज ने कुबूल कर लिया है या चील जाकर यमराज को बहनों का संदेश सुनाएगा।

मान्यता 

भारतीय में जितने भी पर्व त्यौहार होते हैं वे कहीं न कहीं लोकमान्यताओं एवं कथाओं से जुड़ी होती हैं। इस त्यौहार की भी एक पौराणिक कथा है। कथा के अनुसार। यमी यमराज की बहन हैं जिनसे यमराज काफी प्रेम व स्नेह रखते हैं। कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को एक बार जब यमराज यमी के पास पहुंचे तो यमी ने अपने भाई यमराज की खूब सेवा सत्कार की। बहन के सत्कार से यमराज काफी प्रसन्न हुए और उनसे कहा कि बोलो बहन क्या वरदान चाहिए। भाई के ऐसा कहने पर यमी बोली की जो प्राणी यमुना नदी के जल में स्नान करे वह यमपुरी न जाए। यमी की मांग को सुनकर यमराज चिंतित हो गये। यमी भाई की मनोदशा को समझकर यमराज से बोली अगर आप इस वरदान को देने में सक्षम नहीं हैं तो यह वरदान दीजिए कि आज के दिन जो भाई बहन के घर भोजन करे और मथुरा के विश्राम घट पर यमुना के जल में स्नान करे उस व्यक्ति को यमलोक नहीं जाना पड़े। इस पौराणिक कथा के अनुसार आज भी परम्परागत तौर पर भाई बहन के घर जाकर उनके हाथों से बनाया भोजन करते हैं ताकि उनकी आयु बढ़े और यमलोक नहीं जाना पड़े। भाई भी अपने प्रेम व स्नेह को प्रकट करते हुए बहन को आशीर्वाद देते है और उन्हें वस्त्र, आभूषण एवं अन्य उपहार देकर प्रसन्न करते हैं।

चित्रगुप्त जयंती
मुख्य लेख : चित्रगुप्त जयंती


इसके अलावा कायस्थ समाज में इसी दिन अपने आराध्य देव चित्रगुप्त की पूजा की जाती है। कायस्थ लोग स्वर्ग में धर्मराज का लेखा-जोखा रखने वाले चित्रगुप्त का पूजन सामूहिक रूप से तस्वीरों अथवा मूर्तियों के माध्यम से करते हैं। वे इस दिन कारोबारी बहीखातों की पूजा भी करते हैं। उत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में इसी दिन 'गोधन' नामक पर्व मनाया जाता है जो भाईदूज की तरह होता है।

सोमवार, 4 नवंबर 2013

गाज़ी फ़क़ीर ,अमिन के बावजूद नहीं जुटे मुस्लिम कानासर में

 गाज़ी फ़क़ीर ,अमिन ,हुसैन फ़क़ीर  के बावजूद नहीं जुटे मुस्लिम कानासर में 


बाड़मेर शिव क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्यासी अमिन खान से नाराज चल रहे मुस्लिमो को मनाने के प्रयासो में आज कानासर गांव में रखी बैठक में अपेक्षा से बहुत कम लोग नज़र आये। जबकि बैठक में मुस्लिमो के धर्म गुरु गाज़ी फ़क़ीर ,अमिन खान जैसे लोग थे। लम्बे समय बाद गाज़ी फ़क़ीर और अमिन खान एक साथ दिखे ,लम्बे समय से उनके बीच छतीस का आंकड़ा था। बैठक में अल्पसंख्यक वर्ग के हज़ारो लोगो कि उपस्थिति का दावा किया गया था मगर अपेक्षा से कही कम लोग जूट। अमिन खान के प्रत्यासी घोषणा के बाद यह पहली सार्वजनिक बैठक थी ,बैठक में सांसद हरीश चौधरी के आने का बताया गया था जो नहीं आये। अमिन खान ने अप[ने घूर विरोधी बायतु विधायक कर्नल सोनाराम चौधरी के भाई लाल चंद चौधरी को मीटिंग में बुला कर जाटो को राजी करने का प्रयास किया।

मंगलवार को भाजपा कि पहली सूचि जारी होगी

मंगलवार को भाजपा कि पहली सूचि जारी होगी 


बाड़मेर भारतीय जनता पार्टी राजस्थान में एक दिसंबर को होने वाले विधानसभा चुनावो के लिए मंगलवार को प्रत्यासियो कि घोषणा करेगी। राजस्थान भाजपा प्रभारी कप्तान सिंह के अनुसार दिल्ली में मंगलवार को केंद्रीय चुनाव समिति कि बैठक के बाद राजस्थान के प्रत्यासियो कि घोषणा कि जायेगी। उन्होंने बताया कि वसुंधरा राजे दिल्ली हें कल बैठक के बाद नामो का एलान कर दिया जायेगा। उनके अनुसार समस्त डॉ सौ विधानसभा सीटो कि सूचि तैयार हें

"देश में मोदी का असर है लेकिन लहर नहीं"

जम्मू। जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने यह कहा कि देश में मोदी का असर है न कि मोदी की लहर। उन्होंने कहा कि भाजपा का यह कहना कि देश में मोदी की लहर है, बिल्कुल गलत है। हालांकि उन्होंने यह माना कि देश में मोदी का जो असर दिख रहा है, उसका प्रभाव आगामी चुनाव में पडेगा।
उमर अब्दुल्ला केंद्र सरकार के सहयोगी हैं और सरकार के किसी सहयोगी ने पहली बार इस बात को स्वीकार किया है कि देश में नरेंद्र मोदी का असर है।

उमर अब्दुल्ला के इस बयान पर प्रतिक्रिया जारी करते हुए भाजपा नेता कीर्ति आजाद ने कहा कि चलिए अंतत: उमर ने सच को स्वीकारा, यह बडी बात है।

उमर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा मोदी का असर है जिसे नकारा नहीं जा सकता। यह असर आम वोटरों पर नहीं बल्कि भाजपा के कैडर पर है।

उमर ने कहा कि मैं लहर जैसे शब्द का इस्तेमाल नहीं करूंगा लेकिन हां, मोदी का असर जरूर है। असर कितना होगा इसका पता तो चुनाव बाद ही पता चलेगा

उमर के बयान के बाद भाजपा नेता कीर्ति आजाद ने कहा कि उमर अब्दुल्ला ने आखिरकार सच्चाई को स्वीकार कर लिया। आज की तारीख में हर किसी की जुबान पर मोदी का नाम है। यह काफी है मोदी का असर बताने के लिए।

एक सप्ताह पहले एक समाचार पत्र को दिए साक्षात्कार में उमर ने कहा था कि मोदी की उपेक्षा करना यूपीए के लिए मूर्खता होगी। असल में यह एक बहुत बड़ी गलती होगी।

उमर ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस का तीसरे मोर्चे से कोई लेना देना नहीं है। पार्टी यूपीए का प्रमुख घटक है। ओपिनियन पोल पर प्रतिबंध लगाए जाने की कांग्रेस की मांग पर उमर ने कहा कि यह कांग्रेस की निजी राय हो सकती है।

नेशनल कांफ्रेंस क्षेत्रीय पार्टी है इसलिए देश के अन्य हिस्सों के बारे में वह राय नहीं दे सकते। जम्मू कश्मीर में कभी ओपिनियन पोल नहीं होते। अगर कभी हुए तो वह देखेंगे कि इसमें हिस्सा लेना है या नहीं।

कांग्रेस ने निकाला मोदी के ओबीसी का तोड़ जाटों को आरक्षण देने का ऎलान कर सकती है

नई दिल्ली। बीजेपी अपने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को ओबीसी बताकर अन्य पिछड़ा वर्ग को लुभाने में लगी हुई है और दूसरी ओर कांग्रेस इसका तोड़ निकालने में जुटी हुई है।
कांग्रेस जाट समुदाय को आरक्षण देने की घोषणा के कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक संप्रग सरकार जल्द ही केंद्र सरकार की नौकरियों में जाटों को आरक्षण देने का ऎलान कर सकती है। हालांकि इससे जुड़े कुछ तकनीकी पहलुओं को सुलझाया जाना बाकी है।

एक तरफ बीजेपी मोदी को ओबीसी बताकर आगामी लोकसभा चुनाव में ओबीसी वोटर को अपनी ओर लुभाने में लगी है। और इधर कांग्रेस पार्टी का रूख भी जाट आरक्षण को लेकर सकारात्मक है।

हाल ही कांग्रेस पार्टी ने जाट आरक्षण के मुद्दे पर मंत्री समूह का भी गठन किया था। पार्टी को इस बात का एहसास हो गया है कि मोदी की ओबीसी वाली आइडेंटिटी को झुठलाया नहीं जा सकता है।

कांग्रेस नेतृत्व का मानना है कि मोदी की इस पहचान का तोड़ नहीं ढूंढ़ा गया तो यह सपा, बसपा (यूपी), राजद और जदयू (बिहार) की तरह भाजपा के लिए फायदेमंद हो सकता है।

कांग्रेस के रणनीतिकारों की माने तो ध्रुवीकरण की स्थिति में ये निश्चित नहीं है कि ओबीसी वोटर किस तरफ जाएगा? क्या वो क्षेत्रवाद को महत्ता देगा या मोदी की तरफ खिंचा चला जाएगा। जबकि ये तय है कि मुस्लिम वोट बंट जाएंगे।

उनका कहना है कि किसी भी स्थिति में पार्टी के लिए आधार वोट जुटाने की कोशिश है। उन्होंने ने कहा कि अगर भाजपा मोदी की ओबीसी पहचान को लेकर बहुत ज्यादा आक्रामक नहीं होती, तो शायद कांग्रेस पार्टी ये दांव नहीं चलती।

भाजपा ने केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद की टिप्पणी "गंगू तेली" को मोदी के साथ पूरे पिछड़ा वर्ग का अपमान बताया था। हिंदी पट्टी के राज्यों (उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली और मध्यप्रदेश) में जाट समुदाय के लोग चुनावों में बड़ी भूमिका निभाते है।

कुछ राज्यों में जाट समुदाय को ओबीसी कैटेगरी में शामिल किए जाने के बाद केंद्र की सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने की मांग उठने लगी थी।

कांग्रेस के सूत्रों ने इस बात को स्वीकार किया है जाटों को ओबीसी वर्ग में जगह दिए जाने पर विरोध हो सकता है। लेकिन कांग्रेस, क्षेत्रीय पार्टियों की तरह कभी भी ओबीसी केंद्रित पार्टी नहीं रही है। कांग्रेस रणनीतिकारों के मुताबिक ओबीसी वोटर कभी भी एक पार्टी को एकमुश्त वोट नहीं करता और उनके अपने विभिन्न कारक है। कांग्रेस पार्टी इसी कोण को पकड़ नया दांव चलने की तैयारी में है।

हालांकि, कांग्रेस पार्टी को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग (एनसीबीसी) ने जाट आरक्षण की मांग को खारिज कर दिया था।

एनसीबीसी के एक सदस्य के मुताबिक साल 2011 में आयोग पर पुर्नविचार के लिए जोर डाला गया था। साथ ही आईसीएसएसआर की ओर से एक आयोग का गठन किया गया था। ताकि जाटों के सामाजिक और आर्थिक स्थिति का विश्लेषण किया जा सके।

उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के मिलने के बाद भी आयोग के लिए अपना निर्णय बदलना और उसके विपरीत खड़ा होना आसान नहीं होगा। लेकिन जो भी हो सरकार जाटों के लिए आरक्षण की घोषणा कर सकती है।

क्या ओपिनियन पोल से घबरा गई है कांग्रेस?

नई दिल्ली: चुनाव से पहले टीवी न्यूज चैनलों के ओपिनियन पोल से क्या कांग्रेस और सरकार घबरा गई है? कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने ओपिनियन पोल को जोक करार दिया है.

दिग्विजय सिंह ने मांग की है कि ओपिनियन पोल पर रोक लगाई जाए. दिग्विजय सिंह ने कहा है कि कोई भी पैसे देकर अपने पक्ष में ओपिनियन पोल करा सकता है.

आपको बता दें कि पांच राज्यों में विधानसभा चुवान होने वाले हैं. चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक पार्टियों से ओपिनियन पोल पर राय मांगी थी कि इसे बैन कर देना चाहिए या नहीं.

कांग्रेस ने चुनाव आयोग के इस विचार का समर्थन किया है. कांग्रेस के मानवाधिकार एवं कानून विभाग के सचिव के.सी. मित्तल ने कहा था, "हम चुनाव आयोग के चुनाव के दौरान मतदान सवेक्षणों पर रोक लगाने के विचार का समर्थन करते हैं, क्योंकि यह वैज्ञानिक नहीं होता है. इस तरह के सर्वेक्षण सटीक और पारदर्शी नहीं होते हैं."


चुनाव आयोग को 30 अक्टूबर को लिखित जवाब में कांग्रेस ने कहा कि वह चुनावों के दौरान ओपिनियन पोल के प्रकाशन और प्रसारण पर रोक लगाने के चुनाव आयोग के विचारों को पूरा समर्थन देता है.

राहुल ने चुनाव आयोग से एक सप्ताह की मोहलत मांगी

नई दिल्ली।। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने भाषणों को लेकर जारी नोटिस का जवाब देने के लिए चुनाव आयोग से एक सप्ताह का और समय मांगा है। राहुल ने राजस्थान और मध्य प्रदेश में अपनी चुनावी रैलियों में कहा था कि बीजेपी मुजफ्फरनगर में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने का काम कर रही है। इसके साथ ही राहुल ने मुजफ्फरनगर दंगे के पीड़ित युवकों से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में होने का दावा किया था। बीजेपी ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी कि राहुल चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं।

चुनाव आयोग ने गुरुवार को राहुल गांधी को इन भाषणों के लिए नोटिस जारी करते हुए 4 नवंबर साढ़े ग्यारह बजे तक जवाब देने को कहा था। आयोग के एक सूत्र ने कहा, 'नोटिस का जवाब देने के लिए राहुल ने एक सप्ताह का समय मांगा है।' हालांकि, बीजेपी ने कहा है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष को और समय नहीं मिलना चाहिए।

राहुल ने मुख्य चुनाव आयुक्त वी. एस. संपत को भेजे पत्र में कहा कि वह जवाब देने के लिए कुछ और समय चाहते हैं। उन्होंने त्योहारों के कारण छुट्टियों और पहले से तय यात्रा प्रतिबद्धताओं का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें इस मुद्दे पर अपने वकीलों से सलाह करने का बहुत कम समय मिला था। राहुल ने कहा कि उन्हें आयोग का नोटिस 31 अक्टूबर को रात साढ़े नौ बजे मिला था। आयोग के सूत्रों ने बताया कि चुनाव आयोग राहुल गांधी के आग्रह पर विचार कर रहा है।
आयोग ने नोटिस में कहा कि गांधी की 23 अक्टूबर को चुरु और 24 अक्टूबर को इंदौर में दिया गया भाषण पहली नजर में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। उनसे सोमवार तक जवाब देने को कहा गया था कि क्यों न उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। अपनी विज्ञप्ति में आयोग ने कहा कि उसने राहुल गांधी के भाषण की सीडी देखी है और उस पर व्यापक विचार-विमर्श के बाद नोटिस जारी किया गया है।

मोदी की रैली: पंजाब पुलिस को अलर्ट जारी

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में आतंकी हमला होने की आशंका व्यक्त की गई है।
इस बार आईबी को एक जानकारी मिली है, जिसमें खबर है कि मोदी की रैली में आतंकी, धमाका करने की योजना बना रहे हैं। इस खबर के बाद आईबी ने पंजाब पुलिस को एलर्ट कर दिया है।

आतंकी पाकिस्तान की सीमा से घुसपैठ करने की तैयारी कर रहे हैं। धमाका में सिख कट्टरपंथियों का इस्तेमाल किया जा सकता है, आईबी ने इसकी भी आशंका जारी की है। इस खबर के बाद मोदी की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है। मोदी को अब एलपीजी जैसी सुरक्षा दी जाएगी।

इससे पहले नरेंद्र मोदी की पटना में संपन्न हुई हुंकार रैली के दौरान आतंकियों ने बम ब्लास्ट किया था, जिसमें छ: लोगों की मौत हो गई थी। धमाके के बाद आईबी को खबर मिल रही है कि नरेंद्र मोदी आतंकियों के निशाने पर हैं।

मिलिए बायतु विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्यासी कर्नल सोनाराम चौधरी


मिलिए बायतु विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्यासी कर्नल सोनाराम चौधरी

लोकप्रियता ,दबंगता और साफगोई ही पहचान 



बाड़मेर मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस से सेवानिवृति के बाद थार कि राजनीती में ध्रुव तारे के सामान राजनीती के चमकाने वाले कर्नल सोनाराम चौधरी तीन बार सांसद रहे ,मुख्यंत्री अशोक गहलोत के साथ सैद्धांतिक विचारधारा के विरोध के चलते कर्नल कि छवि राष्ट्रिय नेता कि बन गयी। कर्णव ने गत चुनाव बायतु से विधानसभा के लिए लड़ा था जिसमे उन्होंने भाजपा के कैलाश चौधरी को पेंतीस हज़ार से अधिक मतों से हरा कर बायतु के प्रथम विधायक बनाने का गौरव हासिल किया ,कर्नल ने आम आदमी के सुख दुःख में खड़ा रह कर जन नेता कि छवि का जबर्दस्त विकास किया। आज बाड़मेर कि राजनीती में कर्नल ही एक मात्र जन नेता हें जिनकी पीछे जनता कड़ी हें,बायतु से कर्नल ने रिफायनरी मुद्दे पर किसानो का साथ देकर वाह वाही लुटी तो उनके पॉटर रमन चौधरी ने भी अपना दायित्व निभाया। कर्नल पुरे राजस्थान में कांग्रेस के एक मात्र नेता हें जिनकी जीत पक्की मानी जाती रही ,कर्नल कि राजनीती पहुँच इसी से साबित होती हें कि लगातार गहलोत के विरोध के बावजूद उन्हें चुनाव समिति का सदस्य बनाया गया। जन हित के मुद्दो पर जनता के साथ रहना ,विकास को प्राथमिकता कर्नल कि खाशियत रही हें यही उनकी जीत का आधार रह सकती हें।

किराएदार के प्रेम में पति को सुलाया मौत की नींद, फिर नाम बदल किया कारनामा



जयपुर। सात वर्ष पहले प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या करने के मामले का जवाहर सर्किल पुलिस ने शनिवार को खुलासा कर पत्नी, प्रेमी और उनके सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले का पता तब चला, जब जवाहर सर्किल पुलिस ने फर्जी इंस्पेक्टर और उसके साथी दिल्ली में हैंड कांस्टेबल को विदेशी महिला से अभद्रता करने के मामले में गिरफ्तार किया था। दोनों ने पूछताछ में हत्या के मामले का खुलासा कर आरोपी महिला से मोटी रकम एंठने की बात कही।






डीसीपी (ईस्ट) डॉ. अमनदीप सिंह कपूर ने बताया कि गिरफ्तार सरोज सोनी उर्फ किरण बर्मन उर्फ शमा सैफी, उसके प्रेमी शाबिर शफी और उनके सहयोगी राजेंद्र गुर्जर को गिरफ्तार कर लिया। तीनों ने देवा बर्मन की हत्या कर जुर्म स्वीकार कर लिया।

हत्या के बाद फिर की शादी और अपना नाम बदलाप्रतापनगर थाना प्रभारी राजबीर सिंह ने बताया कि सरोज सोनी ने घर से भागकर सन् 2000 में आर्य समाज में देवा बर्मन से शादी कर ली थी। शादी के बाद वह प्रताप नगर में देवा बर्मन के घर में रहने लगी। देवा ने 2004 में साबिर शफी को अपने घर में किराए पर कमरा दे दिया। सरोज को शाबिर से प्रेम हो गया।इस प्रेम प्रसंग का पता देवा बर्मन को लग गया। इसके बाद पति-पत्नी में झगड़ा होने लगा। सरोज व साबिर ने मिलकर देवा बर्मन की हत्या करने की साजिश रची। उन्होंने 2006 में 31 दिसंबर की रात को मकान नंबर 85/574 प्रताप नगर में नववर्ष के जश्न मनाने का कार्यक्रम रखा।देवा, साबिर और राजेंद्र ने शराब पी। इसके बाद सरोज ने देवा बर्मन की सब्जी-मीट में नींद की 10 गोलियां पीस कर डाल दी, जिससे देवा अचेत हो गया। इसके बाद राजेंद्र गुर्जर ने देवा का चुन्नी से गला दबा दिया। तीनों देवा को कार में डालकर बीसलपुर ले गए।वहां बांध के पास बनास नदी के पानी में डाल दिया। सरोज ने अपना दूसरा मकान बेचकर पति की हत्या में मदद के लिए एक लाख रुपए राजेंद्र गुर्जर को दिए। सरोज ने 2009 में साबिर से निकाह कर लिया और अपना नाम शमा शफी रख लिया।

मुजफ्फरनगर के रिलीफ कैंप में रह रही युवती से गैंगरेप



मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर में एक युवती के साथ गैंगरेप की घटना सामने आई है। युवती फुगाना इलाके के राहत कैंप में अपने परिवार के साथ रह रही थी। आरोप है कि जब वो कैंप से बाहर गई तो सचिन और सुनील नाम के दो युवकों ने उसके साथ गैंगरेप किया।


आरोपियों ने जुबान खोलने पर लड़की को जान से मारने की धमकी भी दी थी। लड़की ने वापस लौटकर अपने पिता को पूरी घटना बताई। पिता की शिकायत के बाद पुलिस ने केस दर्ज कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।



बताया जाता है कि खुद गांववालों ने ही दोनों युवकों को पकड़ा, उसकी पिटाई की और फिर पुलिस को सौंप दिया। पुलिस के मुताबिक मेडिकल जांच में रेप की पुष्टि हुई है।

कृष्ण भक्ति का पर्व है ‘गोवर्धन पूजा’

दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा पर देश के कोने-कोने से श्रद्धालु चुम्बक की तरह गोवर्धन की ओर खिंचे चले आते हैं। 



इस दिन गोवर्धन पूजा और गोवर्धन परिक्रमा का विशेष महत्व है क्योंकि यह पर्व विशुद्ध कृष्ण भक्ति का पर्व है तथा इसी दिन कृष्ण ने ब्रजवासियों को इन्द्र पूजा की जगह गोवर्धन की पूजा करने के लिए प्रेरित किया था तथा उन्होंने स्वयं भी गोवर्धन की पूजा की थी-“एक हाथ से पूजत हैं, एक से रहे पुजाय ।”

गर्ग संहिता का जिक्र करते हुए दानघाटी मंदिर के सेवायत आचार्य मथुरा प्रसाद कौशिक ने बताया कि जब श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों से इन्द्र की पूजा करने की जगह गोवर्धन की पूजा करने को कहा था तो इन्द्र ने अपने संवर्तक मेघों से ब्रज को डुबोने का आदेश दिया था। उस समय इन्द्र का प्रयास इसलिए बेकार हो गया कि श्यामसुन्दर ने अपनी सबसे छोटी उंगली पर गोवर्धन को उठाकर ब्रजवासियों की रक्षा की थी।

उसके बाद इन्द्र को जब असलियत का पता चला तो उन्होंने श्यामसुन्दर का दुग्धाभिषेक किया था। इसीलिए गोवर्धन पूजा पर गिर्राज महाराज की परिक्रमा और धारा (दूध की धार से) परिक्रमा करने की होड़ लग जाती है।

इस दिन अन्न सकड़ी का मंदिर का प्रसाद पाने का बड़ा महत्व है।

इस दिन गोवर्धन में विदेशी कृष्ण भक्त पूरी श्रद्धा के साथ गोवर्धन की पूजा के लिए झुण्ड के रुप में निकलते हैं। प्रसाद की डलिया सिर पर रखे हुए विदेशी पुरुष व महिलाएं हरगोकुल मंदिर पहुंचते हैं जहां पर ठाकुर जी का दुग्धाभिषेक कई मन दूध से कई घण्टे तक होता है।

इस दिन अपराह्न बडे़ बाजार से भी शोभा यात्रा निकलकर मुकुट मुखारबिन्द मंदिर जाती है। इस दिन दानघाटी मंदिर, मुखारबिन्द, जतीपुरा मंदिर, हरगोगुल मंदिर, मुकुट मुखारबिन्द मंदिर समेत गोवर्धन के अधिकांश मंदिरों में ठाकुर जी का दुग्धाभिषेक करने की होड़ सी लग जाती है। घरों में गोबर के गोवर्धन बनाकर पूजन किया जाता है।

पुराणों के अनुसार कंस के दरबार में गोवर्धन नामक एक गोप था जो कंस का नौकर था। गोवर्धन की पत्नी बहुत अधिक कृष्णभक्त थी।

गोप के मना करने के बावजूद वह कृष्ण प्रेम में लीन रहती। जब गोप कंस के यहां जाता तो कृष्ण वहां आ जाते। वह उनका पूजन करती और कुछ समय बाद वे चले जाते। गोप को डर था कि यदि कंस को पता चल गया कि कृष्ण उसके यहां आते हैं तो उसे मार डालेगा।

उसके सभी प्रयास असफल होने के बाद एक दिन वह अपनी मां से यह कहकर चला गया कि आज कृष्ण आवें तो वे उसे चुपके से कमरे में बंद कर दें जिससे वह जब आये तो उन्हें सबक सिखा दे। वह जैसे ही गया उसके कुछ क्षण बाद ही श्रीकृष्ण गोवर्धन गोप के रुप में आ गये और गोवर्धन गोप की मां से कहा कि आज चूंकि उसके सिर में दर्द है इसलिए वह नौकरी में नहीं जायेगा।

गोवर्धन गोप की पत्नी ने माखन मिश्री का प्रसाद लगाया तो ठाकुर ने उन्हें दर्शन दिये। बाद में जब गोवर्धन गोप आया तो उसकी मां ने उसे घुसने नहीं दिया तथा लाठी और पत्थर मारकर घायल कर दिया तथा कहा कि उसका बेटा तो पहले ही आ गया है। मां से अनुनय विनय कर घायल गोवर्धन गोप जब घर में घुसा तो उसने पत्नी से श्रीकृष्ण के आने के बारे में पूछ लिया। उसकी पत्नी ने बताया कि वह श्रीकृष्ण की सच्चे मन से भक्ति करती है और उसे चाहे कितना कष्ट मिले वह कृष्णभक्ति को नहीं छोड़ सकती।

इसके बाद गोवर्धन गोप उसे मारने दौडा तो श्यामसुन्दर प्रकट हो गये। उन्होंने उससे पूछा कि वह क्या चाहता है तो उसने कहा कि जिस प्रकार उनकी ‘श्यामसुन्दर की’ पूजा होती है उसी प्रकार ब्रजवासी उससे प्रेम करें एवं उसकी ‘गोवर्धन गोप’ पूजा हो। श्रीकृष्ण ने ‘एवमस्तु’ कहकर यह कहा कि आज से गोबर का गोवर्धन गोप बनाकर सभी उसकी पूजा करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग उसकी पूजा करेंगे उसके कष्टों को वे (श्रीकृष्ण) हर लेंगे।

इस दिन देश विदेश के लाखों कृष्णभक्त गोवर्धन की सप्तकोसी परिक्रमा करते हैं और अपना जीवन धन्य करते हैं तथा जो यह नहीं कर पाते हैं वे अकेले या सामूहिक रुप से गोबर के गोवर्धन बनाकर उसकी पूजा करते हैं।

गोवर्धन पूजा भारतीय लोकजीवन में काफी महत्व है

गोवर्धन पूजा भारतीय लोकजीवन में काफी महत्व है
दीपावली की अगली सुबह गोवर्धन पूजा की जाती है। लोग इसे अन्नकूट के नाम से भी जानते हैं। इस त्यौहार का भारतीय लोकजीवन में काफी महत्व है। इस पर्व में प्रकृति के साथ मानव का सीधा सम्बन्ध दिखाई देता है। इस पर्व की अपनी मान्यता और लोककथा है। गोवर्धन पूजा में गोधन यानी गायों की पूजा की जाती है । शास्त्रों में बताया गया है कि गाय उसी प्रकार पवित्र होती जैसे नदियों में गंगा। गाय को देवी लक्ष्मी का स्वरूप भी कहा गया है। देवी लक्ष्मी जिस प्रकार सुख समृद्धि प्रदान करती हैं उसी प्रकार गौ माता भी अपने दूध से स्वास्थ्य रूपी धन प्रदान करती हैं। इनका बछड़ा खेतों में अनाज उगाता है। इस तरह गौ सम्पूर्ण मानव जाती के लिए पूजनीय और आदरणीय है। गौ के प्रति श्रद्धा प्रकट करने के लिए ही कार्तिक शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन गोर्वधन की पूजा की जाती है और इसके प्रतीक के रूप में गाय की ।

जब कृष्ण ने ब्रजवासियों को मूसलधार वर्षा से बचने के लिए सात दिन तक गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी उँगली पर उठाकर रखा और गोप-गोपिकाएँ उसकी छाया में सुखपूर्वक रहे। सातवें दिन भगवान ने गोवर्धन को नीचे रखा और हर वर्ष गोवर्धन पूजा करके अन्नकूट उत्सव मनाने की आज्ञा दी। तभी से यह उत्सव अन्नकूट के नाम से मनाया जाने लगा।

कथा 
गोवर्धन पूजा के सम्बन्ध में एक लोकगाथा प्रचलित है। कथा यह है कि देवराज इन्द्र को अभिमान हो गया था। इन्द्र का अभिमान चूर करने हेतु भगवान श्री कृष्ण जो स्वयं लीलाधारी श्री हरि विष्णु के अवतार हैं ने एक लीला रची। प्रभु की इस लीला में यूं हुआ कि एक दिन उन्होंने देखा के सभी बृजवासी उत्तम पकवान बना रहे हैं और किसी पूजा की तैयारी में जुटे। श्री कृष्ण ने बड़े भोलेपन से मईया यशोदा से प्रश्न किया " मईया ये आप लोग किनकी पूजा की तैयारी कर रहे हैं" कृष्ण की बातें सुनकर मैया बोली लल्ला हम देवराज इन्द्र की पूजा के लिए अन्नकूट की तैयारी कर रहे हैं। मैया के ऐसा कहने पर श्री कृष्ण बोले मैया हम इन्द्र की पूजा क्यों करते हैं? मैईया ने कहा वह वर्षा करते हैं जिससे अन्न की पैदावार होती है उनसे हमारी गायों को चारा मिलता है। भगवान श्री कृष्ण बोले हमें तो गोर्वधन पर्वत की पूजा करनी चाहिए क्योंकि हमारी गाये वहीं चरती हैं, इस दृष्टि से गोर्वधन पर्वत ही पूजनीय है और इन्द्र तो कभी दर्शन भी नहीं देते व पूजा न करने पर क्रोधित भी होते हैं अत: ऐसे अहंकारी की पूजा नहीं करनी चाहिए।

लीलाधारी की लीला और माया से सभी ने इन्द्र के बदले गोवर्घन पर्वत की पूजा की। देवराज इन्द्र ने इसे अपना अपमान समझा और मूसलाधार वर्षा शुरू कर दी। प्रलय के समान वर्षा देखकर सभी बृजवासी भगवान कृष्ण को कोसने लगे कि, सब इनका कहा मानने से हुआ है। तब मुरलीधर ने मुरली कमर में डाली और अपनी कनिष्ठा उंगली पर पूरा गोवर्घन पर्वत उठा लिया और सभी बृजवासियों को उसमें अपने गाय और बछडे़ समेत शरण लेने के लिए बुलाया। इन्द्र कृष्ण की यह लीला देखकर और क्रोधित हुए फलत: वर्षा और तेज हो गयी। इन्द्र का मान मर्दन के लिए तब श्री कृष्ण ने सुदर्शन चक्र से कहा कि आप पर्वत के ऊपर रहकर वर्षा की गति को नियत्रित करें और शेषनाग से कहा आप मेड़ बनाकर पानी को पर्वत की ओर आने से रोकें।

इन्द्र लगातार सात दिन तक मूसलाधार वर्षा करते रहे तब उन्हे एहसास हुआ कि उनका मुकाबला करने वाला कोई आम मनुष्य नहीं हो सकता अत: वे ब्रह्मा जी के पास पहुंचे और सब वृतान्त कह सुनाया। ब्रह्मा जी ने इन्द्र से कहा कि आप जिस कृष्ण की बात कर रहे हैं वह भगवान विष्णु के साक्षात अंश हैं और पूर्ण पुरूषोत्तम नारायण हैं । ब्रह्मा जी के मुंख से यह सुनकर इन्द्र अत्यंत लज्जित हुए और श्री कृष्ण से कहा कि प्रभु मैं आपको पहचान न सका इसलिए अहंकारवश भूल कर बैठा। आप दयालु हैं और कृपालु भी इसलिए मेरी भूल क्षमा करें। इसके पश्चात देवराज इन्द्र ने मुरलीधर की पूजा कर उन्हें भोग लगाया ।

इस पौराणिक घटना के बाद से ही गोवर्घन पूजा की जाने लगी। बृजवासी इस दिन गोवर्घन पर्वत की पूजा करते हैं। गाय बैल को इस दिन स्नान कराकर उन्हें रंग लगाया जाता है व उनके गले में नई रस्सी डाली जाती है। गाय और बैलों को गुड़ और चावल मिलाकर खिलाया जाता है।

रविवार, 3 नवंबर 2013

शिव विधानसभा से अमिन खान राजनितिक कुंडली

शिव विधानसभा से अमिन खान होंगे कांग्रेस के उम्मीदवार

जानिये अमिन खान कि राजनितिक कुंडली 




भाटी चन्दन सिंह 


बाड़मेर जिले कि ख़ास बन चुकी विधानसभा सीट पर इस बार दो दिग्गज आमने सामने होंगे। अमिन खान कांग्रेस के वफादार सिफाही रहे हें। उन्होंने वैन विभाग में नौकरी करने के बाद राणासर पंचायत से सरपंच का चुनाव लड़ कर राजनितिक केरियर कि शुरुआत कि। उन्होंने अपना पहला विधानसभा चुनाव 1980 में शिव से लड़ा। उनके सामने निर्दलीय शोभ सिंह मैदान में थे। उन्होंने शोभ सिंह को लगभग पांच हज़ार मतों से हराकर चुनाव जीता तथा विधानसभा पहुंचे। 1985 के चुनावो में अमिन खान जनता पार्टी के रावत उम्मीद सिंह से ग्यारह हज़ार मतों से चुनाव हार गए ,तीसरा चुनाव उन्होंने 1990 में लड़ा उनके सामने जनता दल के हरी सिंह थे। अमिन खान ने हरी सिंह को चार हज़ार से अधिक मतो से हराया। दूसरी बार विधायक बने। अगले चुनाव 1993 में हरी सिंह भाजपा से खड़े हुए उन्होंने अमिन खान को छह हज़ार से अधिक मतो से हराया। 1998 में फिर अमिन खान से हरी सिंह को उनीस हज़ार से अधिक मतो से हराया। २००३ में भाजपा के डॉ जालम सिंह रावलोत ने अमिन खान को दस हज़ार से अधिक मतों से हराया। फिर 2008 में अमिन खान ने डॉ जालम सिंह को उन्तीस हज़ार से अधिक वोटो से हराकर हिसाब चुकता किया। 


अमिन खान का प्रभाव अमिन खान जिले के दूसरे बड़े मुस्लिम नेता हें। उनसे पहले अब्दुल हादी मुस्लिमो के बड़े नेता रहे ,हादी के इंतकाल के बाद एकमात्र प्रभावी मुस्लिम नेता हें ,अमिन खान का मुस्लिम समाज के साथ अन्य समाजो में जाट ,राजपूत ,अनुसूचित जाती ,अनुसूचित जन जाती में खासा प्रभाव रहा।


बड़बोलापन। ऽमिन खान कोई बात साफगोई से कहते हें। साफ़ गोई क्षेत्र के लोगो को पसंद नहीं आ रही। उनके बात करने के अंदाज से उनके समर्थक परेशान रहते हें। उनके द्वारा दिए बयानो के कारण उनका राजनीती नुक्सान भी हुआ। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के खिलाफ टिपणी के बाद देश भर में हो हल्ला हुआ। बाद में उन्होंने कांग्रेस कि प्रदेश बैठक में कार्यसमिति के सददस्य पैसे लेकर बनाने का बयां देकर कांग्रेस के सामने संकट खड़ा कर दिया। गाहे बगाहे उनके कई बयान चर्चाओ में आते रहे। इसके बावजूद उनके व्यक्तित्व के कारन कांग्रेस को उनके आगे बार बार झुकना पड़ा।




राजनितिक पद। ।अमिन खान चौथी बार विधायक बनाने के सात पहली बार राज्य मंत्री मंडल में अल्पसंख्यक मामलात और ग्रामीण विकास मंत्रालय के मंत्री बने। इस्तीफे के बाद वापस मंत्री बनाये गए तो ग्रामीण मंत्रालय उनसे छीन लिया। अशोक गहलोत के नज़दीक माने जाने वाले अमिन खान श्रीमती सोनिआ गांधी के सलाहकार अहमद पटेल के काफी नज़दीक माने जाते हें।


चुनावी गणित। .इ बार अमिन खान के सामने सबसे बड़ी चुनौती उनके द्वारा राजनितिक सिखाये मानवेन्द्र सिंह उनके सामने होंगे। मानवेन्द्र सिंह कि मुस्लिम वोटो पर व्यक्तिगत पकड़ हें। मुस्लिम वोटो के बिखराव को रोकना उनका पहला मकसद होगा




हादी परिवार कि नाराजगी। । गत पांच सालो में अमिन खान के अब्दुल हादी परिवार से रिश्ते काफी कट्टु रहे हें। अमिन खान गाहे बगाहे हादी परिवार कि पुत्रवधु और चौहटन प्रधान पर हमले बोलते रहे हें। अमिन खान कि हादी परिवार से नाराजगी साफ़ झलकती हें। अब टिकट मिलाने कि सम्भावना के बीच हादी परिवार को मानना उनके लिए चुनाव जीतने सम्मान होगा।


जाट नेताओ कि नाराजगी। . इस बार अमिन खान को जाट नेताओ कि नाराजगी भी झेलनी पड़ेगी।

कांग्रेस कि पहली सूचि। राहुल गांधी फॉर्मूले कि ऐसी तैसी कि अशोक गहलोत ने

कांग्रेस कि पहली सूचि। राहुल गांधी फॉर्मूले कि ऐसी तैसी कि अशोक गहलोत ने



खोदा पहाड़ निकला चूहा। दो माह कि मशकत टिकटे पुरानो को


बाड़मेर दो माह से राजस्थान कोंग्रेस में आगामी विधानसभा चुनावो में प्रत्यासियो को टिकट देने में राहुल गांधी के फार्मूले को आधार बनाने कि बड़ी चर्चा रही ,जब तक टिकटों का खुलासा नहीं हुआ लगता था कांग्रेस ने अब तक भाजपा के पक्ष में आये समस्त सर्वे को चुनौती मान प्रत्यासी उतरने कि कारगर रणनीति बनाई हें टिकट वितरण में शायद रही हें। राहुल फॉर्मूले के कायदे आते तो लगता कि कोंग्रेस आमूल चूल परिवर्तन कर नए चेहरो को जनता के बीच उतारेगी। राहुल नियमो ने कइयो कि नींद उड़ा दी। बाकायदा बैठको के उपडेट आते रहे। बैठको में दिग्गजों कि ताकत काटने से लेकर वर्त्तमान विधायको के टिकट काटने कि बात सामने आई। बाद में सांसद चुनावो में विधायक क्षेत्र से पीछे रहने इन विधायको टिकट काटने कि बात आई। बीस हज़ार से अधिक हारे हुए , टिकट आईए तो उम्मीद जगी कि कांग्रेस नै उम्मीदे जगाएगी ,नए चेहरो के साथ चुनावी वैतरणी ओआर करने कि उम्मीदे बढ़ी। मगर शनिवार कि रात को जो सूचि अधिकृत होक आई उसमे कई राहुल फॉर्मूले के विपरीत इस बार हज़ारो वोटो से हरे ,दो बार हरे ,लोगो को टिकट दिया। पार्टी कार्यकर्ताओ और आम वोरोध के बावजूद टिकट दिए कई जगह पार्टी लाइन से बाहर के लोगो को टिकट दिए जिसका खामियाज़ा कांग्रेस को
बाड़मेर जिले के सिवाना में कांग्रेस ने टिकट के लिय्रे कई चेहरे परखे जिसमे भंवर लाल देवासी ,महेंद्र टाइगर ,अणदाराम ,बालाराम ,पृथ्वी सिंह ,गणपत सिंह ,खेताराम देवासी। मगर कांग्रेस को पसंद आया महंत निर्मलदास का चेहरा जो बाहरी प्रत्यासी होने के साथ स्थानीय कांग्रेस के साथ कभी रहा नहीं। सिवाना कोंग्रेस ने विरोध शुरू कर दिया। नेताओ ने सिफारिश कि किसी और कि टिकर दिया किसी और को। पचपदरा का रहा जहा वर्त्तमान विधायक का बार बार विरोध किया कांग्रेस कमिटी ने एक स्वर में मदन प्रजापत के अलावा किसी को भी टिकट देने कि पैरवी कि। मगर कांग्रेस आलाकमान ने उसे भी अनदेखा किया। टिकट वितरण में बाड़मेर नेताओ कि नहीं चली स्व्यं राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी को मनचाही जस्गाह यिक्त नहीं गुड़ा कि दावेदारी भी दूसरी सूचि तक टल गई। हेमाराम चौधरी जैसे कद्दावर नेता का नाम पहली सूचि में ना आना गहलोत कि जाट विरोधी छवि के रूप ने समाज देख रहा हें। आखिर हेमाराम को बाड़मेर न सही गुड़ा से टिकट दी जा सकळती थी ,इन टिकट वितरण में हेमनाराम कि साड़ी गणित फेल हो गयी शायद वो चुनाव लड़ने से मनाकर दे ,गुड़ा से महिपाल मदेरणा कि पुत्री मदेरणा को उतरा जा सकता हें हेमाराम कि जगह या सांसद हरीश चौधरी गुड़ा से आ जाये तो कोई आश्चर्य नहीं। हेमाराम चौधरी को सांसद चुनाव लड़ाने का लोलयपोप दिया जा सकता हें।


शेष बाड़मेर से मेवाराम जैव ,बायतु कर्नल सोनाराम ,चौहटन से पदमाराम शिव से अमिन खान को टिकट दिया यह टिकट चार माह पूर्व भी दे दिए होते तो कोई फर्क नहीं पड़ता। कर्नल को छोड़ कर सरे उम्मीदवार हरने योग्य हें। भाजपा के घर बेठे वारे न्यारे हो गए ,


राहुल फॉर्मूले कि ऐसी तैसी कर दी अशोक गहलोत ने। जैसलमेर के पोकरण में राष्ट्रद्रोही आरोपो से घिरे साले मोहम्मद को सांसद चुनावो में सांसद को अपने क्षेत्र में पीछे अमिन खान को भी टिकट दिया हेमन। अब कांग्रेस क्या करेगी।


--

नीतीश के कारण पार्टी छोड़ने के मूड में ज्यादातर जदयू नेता

पटना। जनता दल यूनाइटेड के दो वरिष्ठ नेताओं ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ बगावत कर दी है। एक समाचार पत्र के मुताबिक जदयू नेता रमई राम और मंगानी लाल मंडल पार्टी छोड़कर लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल में शामिल होने वाले हैं। एक मंत्री है और दूसरा सांसद। नीतीश के कारण पार्टी छोड़ने के मूड में ज्यादातर जदयू नेता
पार्टी सांसद पूर्णमासी राम और जय प्रसाद निषाद ने भाजपा में शामिल होने के लिए पिछले महीने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी। विधायक छेदी पासवान को मोदी से मिलने के कारण पार्टी से सस्पेंड कर दिया गया था। झांझरपुर से सांसद मंगानी लाल मंडल ने राजद के टिकट पर 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ने का मन बना लिया है।

उन्होंने रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद लालू यादव से मुलाकात की थी। मंडल ने बताया कि नीतीश कुमार उन्हें पिछले चार साल से प्रताडित कर रहे हैं। वह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से ईष्र्या,जलन और द्वेष रखते हैं। पिछले चुनाव में मेरा प्रदर्शन अच्छा रहा था। इससे उन्हें जलन होने लगी। 2010 में उन्होंने मुझे पार्टी से सस्पेंड कर दिया।

नीतीश ने लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को भेजी शिकायत वापस ले ली थी इस कारण मंडल सांसद बने रहे। बिहार के राजस्व और भूमि सुधार मंत्री रमई राम भी नीतीश कुमार से नाखुश हैं। सूत्रों के मुताबिक वह राजद नेताओं के संपर्क में है। वह हाजीपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री राम सुंदर दास हाजीपुर सीट से प्रतिनिधित्व करते हैं। रमई राम पहले भी राजद में रह चुके हैं।

सूत्रों के मुताबिक मोदी से मुलाकात के कारण पार्टी से निष्कासित किए गए गोपालगंज से सांसद पूर्णमासी राम राजद में शामिल हो सकते हैं जबकि मुजफ्फरपुर से सांसद कैप्टन जय नारायण प्रसाद निषाद भाजपा से टिकट चाह रहे हैं। निषाद अपने बेटे के लिए भी टिकट मांग रहे हैं। विधायक छेदी पासवान ने अहमदाबाद में मोदी से मुलाकात कर भाजपा में शामिल होने की इच्छा जताई थी।

बाड़मेर महंत निर्मलदास कि टिकट पर सिवाना में बवाल ,कांग्रेस उतरी विरोध में


महंत निर्मलदास कि टिकट पर सिवाना में बवाल ,कांग्रेस उतरी विरोध में 


बाड़मेर शनिवार रात को घोषित बाड़मेर जिले कि शिवबा सिधानसभा सीट से घोषित महंत निर्मलदास कि उम्मीदवारी का जोरदार विओरोध सिवाना में शुरू हो गया। कांग्रेस के और्व ब्लॉक अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता प्रेम सिंह पादरू ने निर्मलदास कि उम्मीदवारी का वोरोध किया। कांग्रेस के अधिकांस कार्यकर्ता निर्मलदास कि उम्मीदवारी के खिलाफ हें। पादरू का हाहना हें कि महंत जैसे बाहरी व्यक्ति को टिकट देकर सिवाना के कर्मठ कार्यकर्ता कि संघठन ने अनदेखी कर निर्मल दस को थोपने कि कोशिश कि जिसे बर्दास्त नहीं किया जाएगा ,उन्होंने आलाकमान सहित वरिष्ट नेताओ से बात कर निर्मल दस कि जगाय स्थानीय नेता को टिकट देने को कहा हें उन्होंने कहा कि कांग्रेस को टिकट वापस लेनी पड़ेगी। कांग्रेस कि इस गलती से चार सीटे हाथ से फिसल जायेगी ,सांसद कि जिद और उनकी अपनी स्वार्थपूर्ति के चलते निर्मलदास को उम्मीदवार बनाया जो गलत हें। सिवाना में निर्मलदास के विरोध में कांग्रेस एकत्रित हो रही हें

दहेज के लिए पूर्व विधायक ने की बहू की हत्या!

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व विधायक सादिराम की बहू की शनिवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। पीडिता के पिता का आरोप है कि उनकी बेटी की हत्या हुई है जबिक ससुराल वालों ने आत्महत्या की बात कही है। पुलिस ने इस मामले में सादिराम,उनकी पत्नी और बेटे को गिरफ्तार किया है। दहेज के लिए पूर्व विधायक ने की बहू की हत्या!
सभी के खिलाफ हत्या,घरेलू हिंसा और दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज किया गया है। सादिराम दिल्ली के सराय रोहिल्ला इलाके में रहते हैं। शनिवार को घर पर उनकी बहू का शव मिला। बताया जा रहा है उसे दहेज के लिए प्रताडित किया जा रहा था। प्रताड़ना से तंग आकर वह फांसी के फंदे पर झूल गई।

27 साल की रेखा के पिता अशोक चौधरी ने बताया कि गत दिसंबर से उनकी बेटी को दहेज के लिए प्रताडित किया जा रहा था। चौधरी ने आरोप लगाया है कि उनकी बेटी की हत्या की गई है। दिसंबर 2012 में रेखा की शादी सादिराम के बेटे सुधांशु से हुई थी। चौधरी के मुताबिक शादी के कुछ दिन बाद ही उनकी बेटी के ससुराल वालों ने और दहेज की मांग शुरू कर दी।

जब मैं उनकी मांग पूरी नहीं कर पाया तो उन्होंने मेरी बेटी की हत्या कर दी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि रेखा का शव पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा गया है। पोस्टमार्टम के बाद ही पता चल पाएगा कि उसने आत्महत्या की है या हत्या हुई है।

"कॉल गर्ल भेजकर एनडीए सरकार ने खरीदे थे सांसद"

नई दिल्ली। पूर्व सांसद पप्पू यादव ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। यादव का आरोप है कि केवल मनमोहन सिंह और नरसिम्हा राव की सरकार के लिए ही सांसद नहीं खरीदे गए थे,एनडीए सरकार ने भी यही काम किया था। "कॉल गर्ल भेजकर एनडीए सरकार ने खरीदे थे सांसद"
यादव को हाल ही में सीपीएम नेता अजीत सरकार की हत्या के मामले में बरी किया गया था। यादव का कहना है कि एनडीए सरकार ने पैसे और कारें देकर सांसदों का समर्थन हासिल किया था। यही नहीं एक सांसद को राज्य मंत्री बनाने का वादा किया गया था।

यादव ने ये सारे खुलासे अपनी पुस्तक द्रोहकाल का पथिक में। पुस्तक में यादव ने लिखा है कि पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा दूसरे दलों के सांसदों को टारगेट बनाते थे। 2001 में जब पप्पू यादव सांसद थे तब एनडीए की सरकार थी। यादव के मुताबिक वाजपेयी सरकार का समर्थन करने पर केरल कांग्रेस के नेता पीसी थॉमस को बतौर रिवॉर्ड राज्य मंत्री बनाया गया था।

उस वक्त राजद सांसद अनवरूल हक को एनडीए सरकार का समर्थन करने पर एक करोड़ रूपए कैश और एक कार दी गई थी। इसी तरह सुखदेव पासवान को भी खुश किया गया था। यही नहीं यशवंत सिन्हा ने भारतीय समयुक्त लोकतांत्रिक पार्टी के सांसदों को टारगेट किया था। पप्पू यादव इसी पार्टी के सदस्य थे।

यादव ने सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह किया है कि सरकारें सांसदों को ब्लैकमेल करने से भी नहीं चूकती है। अपनी पुस्तक में पप्पू यादव ने बिहार के रहने वाले सुमित नाम के व्यक्ति का जिक्र किया है। सुमित ने कॉल गर्ल सप्लाई कर कई सांसदों को अपने जाल में फंसाया था। यादव ने बताया है कि 1990 में जब लालू प्रसाद यादव ने बिहार में सरकार बनाई थी तब विधायक खरीदे गए थे।

मशहूर गायिका रेशमा का निधन



नई दिल्ली: मशहूर गायिका रेशमा का लाहौर में निधन हो गया है। साल 1947 में बीकानेर में जन्मीं रेशमा गले के कैंसर से जूझ रही थीं। यूं तो वह पाकिस्तानी नागरिक थीं, लेकिन 3 दशक पहले आई बॉलिवुड फिल्म हीरो के गाने 'लंबी जुदाई' से वह भारत में भी लोकप्रिय हो गईं।

रेशमा ने बेहद कम उम्र से गाना शुरू कर दिया था। जब वह 12 साल की थीं, तब पहली बार उन्होंने रेडियो पाक पर गाना गाया और उसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। पाकिस्तान में एक लोग गायिका के तौर पर वह बेहद लोकप्रिय हो चुकी थीं, लेकिन भारत में उनकी आवाज गूंजी सुभाष घई की फिल्म हीरो के गाने 'लंबी जुदाई' के जरिए। यह गाना 80 के दशक का सुपरहिट गाना रहा।हीरो मूवी का गाना 'चार दिनां दा प्यार हाय रब्बा, बड़ी लम्बी जुदाई... ' गाना एक तरह से रेशमा के लिए भारत से जुदाई का ही ऐलान साबित हुआ था। इस गाने के बारे में रेशमा का कहना था, 'हीरो में गाया हुआ मेरा यह गाना सचमुच मेरे ऊपर फिट हो गया। उस गीत ने मुझे जितनी प्रसिद्धि दिलाई, उसकी मैंने कल्पना भी नहीं की थी। इसी की बदौलत मैं रातों-रात स्टार बन गई।'
इसके बाद भी उन्होंने प्लेबैक सिंगिंग के लिए कोशिशें की थीं, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली। एक इंटरव्यू में इस बारे में बात करते हुए रेशमा ने कहा था,'दरअसल पारिवारिक कारणों से इस गाने के बाद मैं पाकिस्तान चली गई, जबकि उस समय मेरे पास टॉप म्यूजिक डायरेक्टर्स के ऑफर थे।'

रेशमा का कहना था कि भारत और पाकिस्तान उनके लिए दो आंखों की तरह हैं। उनका कहना था कि कलाकारों के लिए देश की सीमाएं कभी बाधा नहीं बनतीं और भारत में उन्हें हमेशा बेहद प्यार और सम्मान मिला है। रेशमा चाहती थीं कि भारत-पाकिस्तान अमन-चैन से रहें।

रविवार सुबह लाहौर के हॉस्पिटल में रेशमा के निधन की खबर आते ही भारत और पाकिस्तान समेत दुनिया भर में उनके प्रशंसक शोक में डूब गए। फिल्म जगत की कई हस्तियों ने उनके निधन पर दुख जाहिर किया है।

हेमाराम चौधरी पर संशय बरकरार। . पहली सूचि में नाम नहीं गुड़ा के अलावा कोई विकल्प नहीं

हेमाराम चौधरी पर संशय बरकरार। . पहली सूचि में नाम नहीं गुड़ा के अलावा कोई विकल्प नहीं 


बाड़मेर बाड़मेर जिले कि राजनीती में जो उथल पुथल हो रही थी वो राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी के बाड़मेर से चुनाव लड़ने कि सम्भावना से हुई। हेमाराम चौधरी के बाड़मेर लड़ने से बाड़मेर ,गुड़ा मालानी ,बायतु और सिवाना सीटे प्रभावित हो रही थी। सम्भवतः एक के लिए तीन सीटो के बलिदान को कांग्रेस के आलाकमान ने नहीं मन। बाड़मेर जिले कि सभी सीटे घोषित होने के बाद हेमाराम चौधरी का गुड़ा से नाम ना होना कांग्रेस कि रणनीति का हिस्सा हे या हेमाराम चौधरी द्वारा गुड़ा से चुनाव लड़ने कि सहमति प्रदान नहीं कि। आने वाले दिनों में यह खुलासा भी हो जायेगा  मगर पहली सूचि में उनका नाम न होने से उनकी राजनीती प्रतिष्ठा पर विपरीत प्रभाव  पड़ा हें। जबकि अशोक गलत और उनके विरोधी माने जाने वाले कर्नल सोनाराम चौधरी कि टिकर बायतु से प्रथम सूचि में शामिल हें। 

शनिवार, 2 नवंबर 2013

कांग्रेस कि सूचि जारी देखिये कौन हे उम्मीदवार

कांग्रेस कि सूचि जारी देखिये कौन हे उम्मीदवार 

मेवाराम जैन ,अमिन खान सोनाराम ,मदन प्रजापत  ,पदमाराम ,
सोनाराम चौधरी 


,पदमाराम
अमिन खान 

मेवारामजैन 

मदन प्रजापत 
महंत निर्मलदास ,साले मोहम्मद का नाम घोषित बाड़मेर आगामी विधानसभा चुनावो के लिए कांग्रेस ने आज अपनी सूचि जारी कि जिसमे बाड़मेर जिले कि छह सीटो पर और जैसलमेर जिले कि एक विधानसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किये। एक मात्र नया चेहरा सिवाना से महंत मैदान में उतरा हें। शेष बाड़मेर से मेवाराम जैन। शिव से अमिन खान ,बायतु से कर्नल सोनाराम चौधरी ,चौहटन से पदमाराम।,पचपदरा से मदन प्रजापत को तथा पोकरण से साले मोहम्मद को घोषित किया हें। जैसा कयास लगाया गया था कि हेमाराम कि बाड़मेर से दावेदारी के कारन टिकटों का बंटाधार हो सकता था। मगर हेमाराम चौधरी के नाम कि घोषणा पहली सूचि में नहीं हें। इन चार नमो का खुलासा बाड़मेर नर्व्स ट्रैक पर शुक्रवार को ही कर दिया था। शिव से अमिन खान को सामने मानवेन्द्र सिंह के चुनाव लड़ने के निर्णय पर उतरा हें। हेमाराम चौधरी के नाम कि घोषणा ना होना संशय पैदा कर रहा हें। अब उनके लिए सिर्फ गुडा मालानी ही बचा हें।

जयपुर। कांग्रेस ने शनिवार रात को विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। कांग्रेस ने लगभग 63 नामों की सूची जारी की है।


कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी ने अपना काम शुक्रवार को पूरा कर लिया था। इसके बाद शनिवार सुबह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई। इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शाम को दिल्ली से जोधपुर आ गए और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चंद्रभान जयपुर पहुंच गए।

1.गंगानगर -जगदीश जंधू
2.करणपुर- गुरमीत सिंह कुन्नर
3.हनुमानगढ़ -विनोद कुमार लीलावाल
4.सूरतगढ़ -गंगाजल मील
5.बीकानेर -पश्चिम बीडी कल्ला
6..कोलायत- भंवर सिंह भाटी
7.डूंगरगढ़ -मंगलाराम गोदारा
8.सादुलपुर- कृष्णा पूनिया
9.सुजानगढ़ -भंवरलाल मेघवाल
10.सूरजगढ़ -श्रवण कुमार
11.झुंझुनूं -बृजेन्द्र ओला
12.नवलगढ़ -प्रतिभा सिंह
13.उदयपुरवाटी -राजेन्द्रसिंह गुढ़ा
14.खेतड़ी- डॉ जितेन्द्र सिंह
15.भ्भ्फतेहपुर- भंवरू खान
16.सीकर - राजेन्द्र पारीक
17.दातारामगढ़ - नारायणसिंह
18.श्रीमाधोपुर- दीपेन्द्र सिंह
19.चौमूं- भगवान सहाय सैनी
20.हवामहल- ब्रज किशोर शर्मा
21.सिविल लाइंस- प्रतापसिंह खाचरियावास
22.तिजारा- दुर्रू मियां
23.बानसूर- शकुंतला रावत
24.थानागाजी- उर्मिला जोशी
25.रामगढ़- जुबेर खान
26.कामां- जाहिदा खान
27.डीग- कुम्हेर- विश्वेन्द्र सिंह
28.महुआ- हरिसिंह महुआ
29.सिकराय- ममता भूपेश
30.दौसा- मुरारीलाल मीणा
31.लालसोट- परसादीलाल मीणा
32.बामनवास- नवलकिशोर मीणा
33.खंड़ार - अशोक बैरवा
34.किशनगढ़- नाथूराम सिनोदिया
35.नसीदाबाद- महेन्द्रसिंह गुर्जर
36.केकड़ी- रघु शर्मा
37.जायल- मंजू मेघवाल
38.मकराना - जाकिर हुसैन
39.नावां- महेन्द्र चौधरी
40.सरदारपुरा- अशोक गहलोत
41.पोकरण- सालेह मोहम्मद
42.शिव- अमीन खां
43. बाड़मेर- मेवाराम जैन
44.बायतू- कर्नल सोनाराम
45.पचपदरा- मदन प्रजापत
46.सिवाना- महंत निर्मल दास
47.चौहटन- पदमा राम मेघवाल
48.रानीवाड़ा- रतन देवासी
49.सिरोही- संयम लोढ़ा
50.गोगुंदा - मांगीलाल गरासिया
51.खेरवाड़ा- दयाराम परमार
52.सलूंबर- बसंती देवी मीणा
53.सागवाड़ा- सुरिन्दर बामणिया
54.गढ़ी- कांता गरासिया
55.बांसवाड़ा- अर्जुन सिंह बामणिया
56.बागीदौरा- महेन्द्रजीत सिंह मालवीया
57.कंुभलगढ़- गणेश सिंह परमार
58.सांगोद- भरतसिंह कंुदनपुर
59.कोटा उत्तर- शांति धारीवाल
60.लाड़पुरा- नईमुद्दीन
61.अंता- प्रमोद कुमार
62.किशनगंज-छतरी बाई सहरिया
63.मनोहरथाना -कैलाशचंद मीणा

आंध्रप्रदेश में दो ट्रेनें भिड़ीं, आठ की मौत, कई घायल

विजयनगर। आंध्रप्रदेश में शनिवार को विजयनगर से 10 किलोमीटर दूर गाजुलारेजा स्टेशन पर दो ट्रेनों की भिड़ंत में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई।
आंध्रप्रदेश में दो ट्रेनें भिड़ीं, आठ की मौत, कई घायल
जानकारी के अनुसार गाजुलारेजा स्टेशन पर खड़ी बोकारो जाने वाली एलेप्पी-धनबाद एक्सप्रेस के कुछ डिब्बों में आग की अफवाह फैल गई। आग की अफवाह के बाद लोग घबराहट व जल्दबाजी में ट्रेन से उतरने लगे। तभी रायगढ़ विजयवाडा पेसेंजर ट्रेन ने एलेप्पी-धनबाद एक्सप्रेस को टक्कर मार दी। इससे आठ लोगों की मौत हो गई व कई घायल हो गए।

अब पाक तालिबान का नया आका बना सजना

इस्लामाबाद। एक ड्रोन हमले में शुक्रवार को हकीमुल्ला मेहसूद के मारे जाने के बाद पाकिस्तानी तालिबान ने शनिवार को खान सैयद सजना उर्फ खालिद को तालिबान का नया प्रमुख नियुक्त किया है।अब पाक तालिबान का नया आका बना सजना
डॉन के अनुसार पाकिस्तानी तालिबान परिषद की एक बैठक में खान सैयद सजना को मेहसूद का उत्तराधिकारी नियुक्त किया गया।

खबरों में कहा गया है कि सैयद (36 वर्ष) 2012 में बान्नू जेल तोड़ने की घटना का सूत्रधार था। इस हमले में तालिबान ने 400 कैदियों को मुक्त करा लिया था।

खुफिया जगह पर हुई बैठक में लगभग सभी सदस्य मौजूद थे। एक अधिकारी ने पहले बताया था कि सजना पढ़ा लिखा नहीं है और न ही उसे कोई औपचारिक धार्मिक ज्ञान मिला। हालांकि, उसे अफगानिस्तान में लड़ने का अनुभव है।

तालिबान प्रमुख बनने से पहले सजना दक्षिण वजीरिस्तान तालिबान का प्रमुख था। बैठक में सजना सहित चार नामों पर विचार किया गया था।

सरहद का सुलतान फिर कांग्रेस में सक्रीय हिस्टीशीटर गाजी फकीर कांग्रेस कि बैठक में लेंगे हिस्सा

सरहद का सुलतान फिर कांग्रेस में सक्रीय हिस्टीशीटर गाजी फकीर कांग्रेस कि बैठक में लेंगे हिस्सा 


बाड़मेर। विगत दिनों सरहद के सुलतान गाज़ी फ़क़ीर कि जिला पुलिस जैसलमेर द्वारा हिस्ट्रीशीट खोलने तथा उनके राष्ट्रद्रोही गतिविधियो में शामिल होने के आरोपो के बाद उनसे पल्ला झाड़ चुकी कांग्रेस ने मुस;लिम वोटो के लिए फिर उनसे गठबंधन करने का मानस बना। जबकि गाज़ी के खिलाफ प्रधानमंत्री कार्यालय ने जांच रिपोर्ट राज्य सरकार से तलब कि हें। हिस्ट्रीशीटर गाज़ी फ़क़ीर कांग्रेस कमिटी के अल्पसंख्यक मोर्चे कि शिव में आयोजित होने वाली बैठक में भाग लेंगे। इस आशय कि प्रेस विज्ञप्ति अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेष महासचिव गुलाम मोहम्मद नेगरड़ा ने जारी कर जानकारी दी। 

गौरतलब हे विगत दिनों गाज़ी फ़क़ीर कि हिस्ट्रीशीट पुनः खोलने के बाद विवादो में आने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वीकार किया था कि पुलिस ने अपनी कार्यवाही को सरकार के आदेशानुसार सही अंजाम दिया हें। मगर विधानसभा चुनावो कि आहात के साथ कांग्रेस गाज़ी फ़क़ीर को चुनावी हथियार के रूप में इस्तेमाल करने कि रणनीति बना चुकी हें। कांग्रेस का ध्येय हें गाज़ी फ़क़ीर के जरिये पाकिस्तान में बेठे उनके आका पीर पगारो का  समर्थन  हासिल किया जाए। इस बैठक में हिस्ट्रीशीटर के साथ सांसद हरीश चौधरी ,अल्पसंख्यक मामलात मंत्री अमिन खान भी हिस्सा लेंगे 

राजस्थान प्रदेष कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेष महासचिव गुलाम मोहम्मद नेगरड़ा ने प्रेस विज्ञपित जारी कर बताया कि ब्लाक कांग्रेस कमेटी षिव व अल्पसंख्यक विभाग द्वारा चार नवम्बर को प्रात: 11.00 बजें षिव की ग्राम पंचायत कानासर में अल्पसंख्यक कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की एक आम बैठक का आयोजन किया जाएगा। इस बैठक में पषिचमी राजस्थान के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गाजी फकीर जैसलमेर अल्पसंख्यक विभाग मामलात के राज्य मंत्री अमीन खान, सांसद हरीष चौधरी, हुसैन फकीर देवीकोट सहित कर्इ वरिष्ठ कांग्रेसी नेता आम सभा को सम्बोधित करेगें। इस आमसभा में बाड़मेर जिले के कर्इ कांग्रेसी कार्यकर्ता शरीक होगें।