नई दिल्ली। यूपी के जौनपुर से बसपा सांसद धनंजय सिंह की पत्नी जागृति सिंह को मंगलवार को नौकरानी की हत्या के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। सांसद के दिल्ली स्थित आवास पर काम करने वाले एक अन्य नौकर ने आरोप लगाया था कि जागृति सिंह ने नौकरानी राखी की पीट पीटकर हत्या कर दी। नौकर ने पुलिस को इस संबंध में शिकायत की थी,जिसके बाद जागृति सिंह को गिरफ्तार किया गया।
विधानसभा का चुनाव लड़ चुकी है सांसद की बीवी
जागृत सिंह पेश से डॉक्टर है। वह दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में काम करती हैं। यूपी के विधानसभा चुनाव में उन्होंने बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव भी लड़ा था। जागृति पिछले दस महीने से नौकरानी को राखी को टॉर्चर कर रही थी। सोमवार को नौकरानी राखी की मौत हो गई थी। राखी का शव सांसद के साउथ एवेन्यू स्थित फ्लैट पर मिला। उसके सिर,छाती,पेट और हाथों पर चोट के निशान थे। जागृति के पति और बसपा सांसद ने सोमवार सुबह 8 बजे राखी की मौत के बारे में जानकारी दी।
तीन दिन पहले बीवी ने किया था फोन
जागृति सिंह पर हत्या के अलावा हत्या की कोशिश का मामला भी दर्ज किया है। उन पर नाबालिग नौकर रामफल को प्रताडित किए जाने का आरोप है। पुलिस ने बसपा सांसद से भी पूछताछ की है। सूत्रों के मुताबिक सांसद पर भी हत्या में शामिल होने का शक जताया जा रहा है। धनंजय सिंह का कहना है कि राखी की मौत छत से गिरने के कारण हुई है।
उन्होंने बताया कि तीन दिन पहले जागृति का फोन आया था। उन्होंने बताया था कि राखी छत से गिर गई है। उसे गंभीर चोट लगी है। इसके कुछ देर बाद फिर फोन आया। मुझे बताया गया कि राखी की मौत हो गई है। उस वक्त मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र जौनपुर में था। राखी की मौत की खबर सुनते ही मैं दिल्ली पहुंचा और पुलिस को बुलाया।
सांसद की बातों पर पुलिस को नहीं है भरोसा
पुलिस सूत्रों के मुताबिक सांसद यह नहीं समझा पाए कि जब तीन दिन पहले राखी छत से गिर गई थी तो उसे अस्पताल क्यों नहीं ले जाया गया। सांसद ने पुलिस को बताया कि उनकी पत्नी से बन नहीं रही थी इसलिए वह अलग घर में रह रहे थे। तलाक की प्रक्रिया चल रही है। सांसद के स्टॉफ के सदस्यों ने भी आरोप लगाया है कि जागृति सिंह हमेशा नौकरों की पिटाई करती थी।
हत्या के आरोप में सांसद भी खा चुके हैं जेल की हवा
धनंजय सिंह बसपा से विधायक भी रह चुके है। डॉक्टर जागृति सिंह उनकी दूसरी पत्नी है। सिंह की पहली पत्नी की मौत को लेकर भी सवाल उठे थे। सिंह एक बार बसपा से सस्पेंड भी हो चुके हैं। वह डबल मर्डर केस में जेल की हवा खा चुके हैं। एक अप्रेल 2010 को केराकट पुलिस स्टेशन में डबल मर्डर का केस दर्ज हुआ था। 27 मई 2011 को मामला सीबी सीआईडी को ट्रांसफर किया गया था। 12 दिसंबर 2011 को धनंजय सिंह को गिरफ्तार किया गया था।
विधानसभा का चुनाव लड़ चुकी है सांसद की बीवी
जागृत सिंह पेश से डॉक्टर है। वह दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में काम करती हैं। यूपी के विधानसभा चुनाव में उन्होंने बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव भी लड़ा था। जागृति पिछले दस महीने से नौकरानी को राखी को टॉर्चर कर रही थी। सोमवार को नौकरानी राखी की मौत हो गई थी। राखी का शव सांसद के साउथ एवेन्यू स्थित फ्लैट पर मिला। उसके सिर,छाती,पेट और हाथों पर चोट के निशान थे। जागृति के पति और बसपा सांसद ने सोमवार सुबह 8 बजे राखी की मौत के बारे में जानकारी दी।
तीन दिन पहले बीवी ने किया था फोन
जागृति सिंह पर हत्या के अलावा हत्या की कोशिश का मामला भी दर्ज किया है। उन पर नाबालिग नौकर रामफल को प्रताडित किए जाने का आरोप है। पुलिस ने बसपा सांसद से भी पूछताछ की है। सूत्रों के मुताबिक सांसद पर भी हत्या में शामिल होने का शक जताया जा रहा है। धनंजय सिंह का कहना है कि राखी की मौत छत से गिरने के कारण हुई है।
उन्होंने बताया कि तीन दिन पहले जागृति का फोन आया था। उन्होंने बताया था कि राखी छत से गिर गई है। उसे गंभीर चोट लगी है। इसके कुछ देर बाद फिर फोन आया। मुझे बताया गया कि राखी की मौत हो गई है। उस वक्त मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र जौनपुर में था। राखी की मौत की खबर सुनते ही मैं दिल्ली पहुंचा और पुलिस को बुलाया।
सांसद की बातों पर पुलिस को नहीं है भरोसा
पुलिस सूत्रों के मुताबिक सांसद यह नहीं समझा पाए कि जब तीन दिन पहले राखी छत से गिर गई थी तो उसे अस्पताल क्यों नहीं ले जाया गया। सांसद ने पुलिस को बताया कि उनकी पत्नी से बन नहीं रही थी इसलिए वह अलग घर में रह रहे थे। तलाक की प्रक्रिया चल रही है। सांसद के स्टॉफ के सदस्यों ने भी आरोप लगाया है कि जागृति सिंह हमेशा नौकरों की पिटाई करती थी।
हत्या के आरोप में सांसद भी खा चुके हैं जेल की हवा
धनंजय सिंह बसपा से विधायक भी रह चुके है। डॉक्टर जागृति सिंह उनकी दूसरी पत्नी है। सिंह की पहली पत्नी की मौत को लेकर भी सवाल उठे थे। सिंह एक बार बसपा से सस्पेंड भी हो चुके हैं। वह डबल मर्डर केस में जेल की हवा खा चुके हैं। एक अप्रेल 2010 को केराकट पुलिस स्टेशन में डबल मर्डर का केस दर्ज हुआ था। 27 मई 2011 को मामला सीबी सीआईडी को ट्रांसफर किया गया था। 12 दिसंबर 2011 को धनंजय सिंह को गिरफ्तार किया गया था।
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