न्यूजीलैंड की पुलिस ने युवकों के एक ऐसे गिरोह का भांडाफोड़ किया है जो नाबालिग लड़कियों को शराब पिलाकर उनके साथ ग्रुप सेक्स करता था। यही नहीं, पीडित लड़कियों की पहचान भी इंटरनेट पर उजागर कर दी जाती थी। यह गिरोह नाबालिग लड़कियों को ऑनलाइन झांसा देकर अपने जाल में फंसाता था। यह मामला सामने आने के बाद इस बात को लेकर चिंता बढ़ गई है कि ऑनलाइन झांसा देने वालों पर पुलिस कैसे शिकंजा कसे।
पुलिस का कहना है कि वह मामले की गहन जांच में जुटी है। लेकिन पीडित लड़कियों के औपचारिक बयान दर्ज कराए बिना दोषियों पर कार्रवाई करना आसान नहीं है क्योंकि इस मामले में उनके पास पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
स्थानीय पुलिस ने सोमवार को बयान जारी कर कहा कि इस गिरोह की शिकार सभी लड़कियों और इस मामले के संदिग्धों की पहचान कर ली गई है। तीन संदिग्ध युवकों से पुलिस ने पूछताछ भी की है लेकिन किसी ने अपना गुनाह नहीं कबूल किया है। इस गिरोह में शामिल चौथे संदिग्ध ने तो पुलिस से सहयोग करने से ही इनकार कर दिया।
नाबालिग लड़कियों को झांसा देकर उनका यौन शोषण करने वाला यह गिरोह इंटरनेट पर 'Roast Busters' के नाम से सक्रिय है। इस गिरोह में शामिल अधिकतर युवक किशोरावस्था की दहलीज पर हैं। ये 13 साल की उम्र वाली लड़कियों को अपने झांसे में लेते थे और इसके लिए ये सोशल मीडिया का सहारा लेते थे। स्थानीय टीवी चैनल टीवी 3 की रिपोर्ट के मुताबिक नाबालिग लड़कियों को झांसा में लेने के बाद उन्हें शराब पिलाते थे फिर उनके साथ सेक्स करतेथे।
पुलिस का कहना है कि वह मामले की गहन जांच में जुटी है। लेकिन पीडित लड़कियों के औपचारिक बयान दर्ज कराए बिना दोषियों पर कार्रवाई करना आसान नहीं है क्योंकि इस मामले में उनके पास पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
स्थानीय पुलिस ने सोमवार को बयान जारी कर कहा कि इस गिरोह की शिकार सभी लड़कियों और इस मामले के संदिग्धों की पहचान कर ली गई है। तीन संदिग्ध युवकों से पुलिस ने पूछताछ भी की है लेकिन किसी ने अपना गुनाह नहीं कबूल किया है। इस गिरोह में शामिल चौथे संदिग्ध ने तो पुलिस से सहयोग करने से ही इनकार कर दिया।
नाबालिग लड़कियों को झांसा देकर उनका यौन शोषण करने वाला यह गिरोह इंटरनेट पर 'Roast Busters' के नाम से सक्रिय है। इस गिरोह में शामिल अधिकतर युवक किशोरावस्था की दहलीज पर हैं। ये 13 साल की उम्र वाली लड़कियों को अपने झांसे में लेते थे और इसके लिए ये सोशल मीडिया का सहारा लेते थे। स्थानीय टीवी चैनल टीवी 3 की रिपोर्ट के मुताबिक नाबालिग लड़कियों को झांसा में लेने के बाद उन्हें शराब पिलाते थे फिर उनके साथ सेक्स करतेथे।
यह गिरोह ऑकलैंड से अपनी गतिविधियों को अंजाम देता था। इस गिरोह में युवकों ने अपने फेसबुक पेज पर अपलोड वीडियो में कथित पीडित लड़कियों का नाम भी ले लिया था, लेकिन मामले की जांच शुरू हुई तो ऐसे वीडियो हटा लिए गए। इस गिरोह के झांसे में आई एक नाबालिग लड़की ने टीवी चैनल को बताया कि उसे काफी मात्रा में अल्कोहल पिला दिया गया था। अपनी पहचान उजागर नहीं किए जाने की शर्त पर लड़की ने टीवी की महिला रिपोर्टर से कहा, 'आप कह सकती हैं कि मेरे साथ रेप हुआ। मेरे साथ एक समय में तीन-तीन लड़कों ने सेक्स किया।' न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री जॉन के ने कहा है कि यह मामला बेहद घिनौना है लेकिन सबूत के बिना दोषियों को सजा देने में मुश्किलें आएंगी। प्रधानमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'यदि कोई पीडित शिकायत करने आगे नहीं आएगी तो इन केस पर आगे बढ़ना काफी मुश्किल होगा। वैसे भी किसी नाबालिग के लिए आगे आकर अपनी आपबीती बताना काफी चुनौती भरा काम होगा।'
प्रधानमंत्री का कहना है कि उनकी सरकार ऐसा कानून बना रही है जिसके चलते पुलिस को ऑनलाइन यौन उत्पीड़न करने वाले इंटरनेट यूजर्स को सजा दिलाने में आसानी होगी।
सरकार को ऐसे कानून लाने की जरूरत इसलिए पड़ी है क्योंकि मौजूदा कानूनों के तहत नाबालिगों का ऑनलाइन उत्पीड़न होने की दशा में उन्हें पर्याप्त सुरक्षा देने का प्रावधान नहीं हैं। ऑनलाइन उत्पीड़न की दशा में पीडित की पहचान उजागर होने का खतरा ज्यादा होता है जिससे ऐसे पीडित लड़कियों खासकर नाबालिगों की जिंदगी पर बुरा असर पड़ता है।
प्रधानमंत्री का कहना है कि उनकी सरकार ऐसा कानून बना रही है जिसके चलते पुलिस को ऑनलाइन यौन उत्पीड़न करने वाले इंटरनेट यूजर्स को सजा दिलाने में आसानी होगी।
सरकार को ऐसे कानून लाने की जरूरत इसलिए पड़ी है क्योंकि मौजूदा कानूनों के तहत नाबालिगों का ऑनलाइन उत्पीड़न होने की दशा में उन्हें पर्याप्त सुरक्षा देने का प्रावधान नहीं हैं। ऑनलाइन उत्पीड़न की दशा में पीडित की पहचान उजागर होने का खतरा ज्यादा होता है जिससे ऐसे पीडित लड़कियों खासकर नाबालिगों की जिंदगी पर बुरा असर पड़ता है।
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