बुधवार, 24 अक्तूबर 2012

स्वर्णनगरी में समारोह पूर्वक मनाया गया विजयदशमी का पर्व

असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक दशहरा ’’
फिर रावण  राख हुआ 

स्वर्णनगरी में समारोह पूर्वक मनाया गया विजयदशमी का पर्व

मनीष  रामदेव 

जैसलमेर भारतवर्ष में त्यौहारों का संबंध किसी न किसी रुप में ऋतु के साथ अवश्य रहता है।देश के जाति एवं गौरव को बढ़ाने वाले उसकी महान् संस्कृति की परम्पराओं तथा भीत्तरी ऊर्जा के प्रतीक विभिन्न त्यौहार मनाए जाते हैं। शरद ऋतु के एक ऐसे ही विशिष्ट त्यौहारों में से एक है दशहरा। यह आश्विन मास की शुक्ला दशमी को बड़े उत्साह ,उल्लास और उमंग के साथ मनाया जाता है।
इसी कडी में आज स्वर्णनगरी के शहीद पूनमसिंह स्टेडियम में रावणदहन का कार्यक्रम समारोहपूर्वक मनाया गया, इस अवसर पर जिला कलक्टर श्रीमती शुचि त्यागी, पुलिस अधीक्षक ममता विश्नोई, अतिरिक्त जिला कलक्टर परशुराम धानका, उपखण्ड अधिकारी रमेशचन्द्र जैन्थ सहित जैसलमेर विधायक छोटूसिंह भाटी, नगर परिषद सभापती अशोक तंवर, यूआईटी चैयरमेन उम्मेदसिंह तंवर, पूर्व विधायक गोवर्द्धन कल्ला सहित हजारों की संख्या में नगर वासी उपस्थित रहे। नगर परिषद आयुक्त आर के माहेश्वरी के निर्देशन में आयोजित हुए इस कार्यक्रम में स्थानीय इंदिरा कॉलोनी में आयोजित हो रही रामलीला के राम, लक्ष्मण, हनुमान सहित समस्त पात्रों ने झांकी के रूप में स्टेडियम में अपनी प्रस्तुति दी और अंत में राम ने अपने धनुष से बाण छोड कर रावण की इहलीला समाप्त की। रावण दहन के इस आयोजन में जहां शहर वासियों का हूजूम उमडा था वही देशी व विदेशी सैलानियों ने भी इस भारतीय परम्परा को अपने कैमरों में कैद किया।

वैष्णो देवी श्रद्धालुओं की संख्या 1 करोड़ पार होगी

वैष्णो देवी श्रद्धालुओं की संख्या 1 करोड़ पार होगी

जम्मू। इस वर्ष के अंत तक वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या एक करोड़ को पार कर जाएगी।


माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम. के. भंडारी ने के अनुसार इस साल नवरात्र में लगभग 3,15,000 लोगों ने मंदिर की यात्रा की। उन्होंने कहा,""हमें उम्मीद हैं कि इस वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या पिछले वर्ष के एक करोड़ के आंकड़े को पार कर जाएगी।""


इस वर्ष अभी तक 85,00,000 श्रद्धालु वैष्णो देवी की यात्रा कर चुके हैं। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में चार लाख अधिक है। प्रशासन श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कटरा से मंदिर तक 12 किलोमीटर के पहाड़ी रास्ते की मरम्मत करा रहा है।


अधिकारी ने बताया,""हम शौचालयों की संख्या बढ़ा रहे हैं और पुरानों की मरम्मत कर रहे हैं।"" मंदिर की गुफा 5,200 फीट की ऊंचाई पर त्रिकुटा पहाडियों पर है। कटरा जम्मू से 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। श्रद्धालुओं को मां दुर्गा के दर्शन गर्भगृह में होते हैं।

रावण जलाने वालों पर पुलिस केस

रावण जलाने वालों पर पुलिस केस

जयपुर। बुराई पर अच्छाई की विजय के प्रतीक रावण दहन से पहले ही कुछ लोगों ने मंदिर में रखे रावण के पुतले को आग लगा दी। मामला सांगानेर थाना इलाके का है। पुलिस ने अब रावण जलाने वालों के खिलाफ मामला दर्ज कर गहनता से जांच शुरू कर दी है।

जानकारी के अनुसार डाकोतों का मोहल्ला निवासी भीमराज ने मामला दर्ज कराया है कि बीती रात को मोहल्ले में मंदिर परिसर में रखे रावण के पुतले को अज्ञात व्यक्ति ने आग के हवाले कर दिया। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थानीय लोगों से पूछताछ करते हुए घटना के संबंध में साक्ष्य जुटाए,लेकिन कोई स्पष्ट जानकारी नहीं होने पर अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

सौतन के घर हंगामा,पुलिसवाले जख्मी

सौतन के घर हंगामा,पुलिसवाले जख्मी
जयपुर। पति को सौतन के साथ रंगे हाथों पकड़ने और थाने में उसकी धुलाई करने वाली युवती ने बुधवार को एकबार फिर हंगामा खड़ा कर दिया। प्रताप नगर थाना इलाके की पवन विहार कॉलोनी स्थिति पति की प्रेमिका के घर पहुंची युवती ने भीड़ जमा कर उत्पात मचाना शुरू कर दिया। मौके पर पहुंची पुलिस को भी भीड़ के बीच आक्रोश का सामना करना पड़ा और एक एसआई सहित पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। बाद में अतिरिक्त पुलिस जाप्ता मंगवाया गया और मामला शांत हुआ। पुलिस ने मामले में पांच दर्जन लोगों के खिलाफ राजकाज में बाधा पहुंचाने व हाथापाई करने का मामला दर्ज कराया है।


उल्लेखनीय है कि सोमवार को पति की प्रेमिका के घर पर पहुंच कर हंगामा मचाने के बाद पुलिस ने प्रेमिका व एक युवक को धारा 151 में गिरफ्तार कर लिया था,यहां से जमानत मिलने के बाद युवक व उसकी प्रेमिका को छोड़ दिया गया। मंगलवार शाम को युवक की पत्नी फिर से पवन विहार कॉलोनी पहुंच गई और हंगामा मचाना शुरू कर दिया,इस दौरान बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी शामिल हो गए। सूचना पर मौके पर पहुंची प्रताप नगर थाना पुलिस ने मामले की समझाइश के प्रयास किए,लेकिन भीड़ उग्र हो गई। लोगों ने पुलिस लाइन के कांस्टेबल रामपाल का हाथ पकड़ कर मोड़ दिया और थाने के एसआई होशियार सिंह के हाथ में चोटें आई। स्थिति को बिगड़ता देख इलाके में अतिरिक्त पुलिस जाप्ता बुलाकर मामले को शांत कराया गया। प्रताप नगर थाना प्रभारी महेन्द्र गुप्ता ने बताया कि घटना के संबंध में चोटिल पुलिसकर्मियों की ओर से भीड़ के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है।

बाड़मेर चार सेकण्ड में राख हुआ रावण

बाड़मेर चार सेकण्ड में राख हुआ रावण 

बाड़मेर विजय दशमी के उपलक्ष्य में राम लीला कमिटी  बाड़मेर  के तत्वावधान में हाई स्कूल  से जुलूस निकाला गया। विजय जुलूस मुख्य मार्गो  से होता हुआ आदर्श स्टेडियम   मैदान पहुंचा, जहां रावन व हनुमान संवाद के अलावा राम-रावण संवाद के बाद राम के चलाए गए अग्नि बाण से रावन का दहन किया गया। नगर  की ओर से तैयार किए गए रावण के पुतले में अग्नि बाण लगने के साथ ही अंगारे फूटे । विजय जुलूस में सजाई गई आकर्षक झांकियां नागरिकों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र रही। रथ में सजाए राम दरबार की झांकी को देखने लोग बड़ी संख्या में उमड़े।  पुलिस अधीक्षक द्वारा श्री राम की आरती उतारी गई .विजय जुलूस व दशहरा मैदान पर रावण दहन के दौरान विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी स्वयं विजय जुलूस व दशहरा मैदान पर रावण दहन के दौरान उपस्थित रहे। जुलूस का रास्ते में जगह जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया तथा राम दरबार की आरती उतारी गई। इस मौके पर  ,पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट ,नगर पालिका आयुक्त बी एल सोनी ,सभापति उषा जैन सहित बड़ी तादाद में प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि उपस्थित ,थे 

श्रीराम की निकाली शोभा-यात्रा

 . नगरपालिका की ओर से विजय दशमी पर दशहरा मैदान में रावण दहन किया गया। इससे पूर्व शहर  में शाम को रामजी के मंदिर से मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम व लक्ष्मण की शोभायात्रा को निकाली गई और दशहरा स्थल तक ले जाया गया। शोभा-यात्रा के साथ सैकड़ों लोग चल रहे थे। वहां पर रामभक्त हनुमान जी द्वारा राक्षसों का वध किया गया। इस दौरान रामलीला के पात्रों द्वारा राम-रावण संवाद हुआ। श्रीराम ने अग्नि बाण से 30 फुट लंबे रावण का दहन किया।

बाप ही लूटता रहा 12 साल की बेटी की आबरू



कालका। कालका में पिता द्वारा अपनी बेटी के साथ दुष्कर्म करने के आरोप में कालका पुलिस ने आरोपी पिता को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी को पंचकूला अदालत में पेश किया जहां अदालत ने उसे अगले 14 दिनों के लिए ज्यूडिशियल रिमांड पर भेज दिया है।
आरोपी के कोई औलाद नहीं थी जिस कारण उसकी पत्नी ने अपने भाई से मात्र दो साल की बेटी को गोद लिया था। राजकुमार की शिकायत पर कालका पुलिस ने मामला दर्ज किया है। राजकुमार ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि कालका के टगरा हंसुआ का रहने वाला उसका बहनोई केवल कृष्ण पेशे से एक मिस्त्री है। जबकि उनके कोई औलाद नहीं थी। 
राजकुमार ने पुलिस को बताया कि उसे 12 साल पहले अपनी दो साल की बेटी गोद दी थी। जिसकी अब उम्र 14 साल की है। उन्होंने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि गोद ली गई उसकी बेटी के साथ उसका बहनोई केवल कृष्ण घर में ही दुष्कर्म करता था। जिस कारण उसकी बेटी गुमसुम सी रहने लगी थी।

उसकी बहन को भी इसका थोड़ा शक होने लगा था । उसकी बहन ने उसे संपर्क कर बुलाया उसने आकर उससे सारी बात पूछी तो लड़की ने आपबीती सुनाई कि उसका पिता उसके साथ दुष्कर्म करता था और उसे किसी को ना बताने और जान से मारने की धमकी देता था। जिससे वह चुप रहने लगी थी।
यह बात सुनकर उनके रौंगटे खड़े हो गए। बाद में राजकुमार ने कालका पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने लड़की के सारे बयान दर्ज कर लिए है और उसका कालका अस्पताल में मेडिकल करवाया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी केवल कृष्ण को गिरफ्तार कर पंचकूला अदालत में पेश किया जहां उसे ज्यूडिशियल रिमांड पर भेज दिया है।

होटल मालिक की पुत्रवधु ने की आत्महत्या!

होटल मालिक की पुत्रवधु ने की आत्महत्या!

जयपुर। राजधानी के एक प्रतिष्ठित रेस्टोरेंट और ओलम्पियन धावक गोपाल सैनी की पुत्रवधु ने बुधवार को आत्महत्या कर ली। सुबह करीब 9 बजे उसने घर पर ही फंदे से लटक कर अपनी जान दे दी। आत्महत्या का यह मामला बजाज नगर थाना इलाके का है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है,लेकिन आत्महत्या का कोई कारण सामने नहीं आया है। फिलहाल,शव को एसएमएस मोर्चरी में रखवाया गया है।

बजाज नगर थाना प्रभारी सुरेश कुमार ने बताया कि प्रथमदृष्टिया मामला आत्महत्या का लग रहा है। चिकित्सकों के अनुनसार मौत 9-10 बजे के बीच हुई थी। युवती के ससुरालवाले करीब दस-सवा दस बजे कीर्ति को लेकर अस्पताल पहुंचे,जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने शव मोर्चरी में रखवाकर मामले की जांच शुरू कर दी है।

जानकारी के अनुसार आत्महत्या करने वाली कीर्ति सैनी की शादी कुछ समय पूर्व ही हुई थी। आत्महत्या के पीछे वजह का अभी पता नहीं चला है। मृतका के पीहर पक्ष से भी कोई नहीं पहुंचा है,उसके माता-पिता से भी पूछताछ की जाएगी।

राज्य में भूमि अवाप्ति के मामले में दोहरी नीति -- लीगल मित्र

राज्य में भूमि अवाप्ति के मामले में दोहरी नीति -- लीगल मित्र

बाड़मेर बाड़मेर में आयोजित अनियमित भूमि अवाप्ति के विरोध में कलेक्टर कार्यालय के सामने चल रहा धरना दूसरे दिन भी जारी रहा । धरने में पूरे बाड़मेर जिले से भूमि अवाप्ति से प्रभावित किसान और आमजन भी शामिल रहे और धरने पर लोगो ने अपने विचार व्यक्त करते हुए सरकार को चेत जाने की चेतावनी भी दी हैं । धरने का प्रतिनिधित्व करते हुए विक्रम सिंह राठौड़ तारातरा ने कहा कि बाड़मेर की जनता देशहित के लिए सभी प्रकार का त्याग करने को तैयार हैं लेकिन पहले सर्कार अपनी नीतियों को स्पष्ट करें कि किसानो की जीवनरेखा के आधार यानी उनकी जमीन को क्यों छीना जा रहा हैं और इस जमीन को सरकार किस उपयोग में लेना चाहती हैं ? उन्होंने कहा कि हमारी मौजूदा राज्य सरकार को दूरगामी परिणामो को ध्यान में रखकर पारदर्शी नीति बनानी चाहिए जिसका समाज के सभी वर्गो को फायदा मिले ना कि किसी पूंजीपति वर्ग को इसका फायदा पहूंचे और गरीब जनता परेशानियाँ उठाएं । 
बाड़मेर कलेक्ट्रेट के आगे लीगल मित्र संस्था के बैनर तले चल रहे धरने के दूसरे दिन वहां मौजूद लोगो को सम्बोधित करते हुए संस्था के सचिव रितेश शर्मा ने कहा कि लोगो को जब अवाप्ति सम्बन्धी अधिनियम की बारीकियां समझाई तो लोगो को अपने हक का पता चला उन्होंने कहा कि इस अधिनियम की धारा 4 की अधिसूचना जारी होने के तीस दिन के अन्दर लोगो की आपत्तियाँ मांगी जाती हैं और उसके बाद धारा 5 के तहत जनसुनवाई की जाती हैं ।
शर्मा ने कहा कि सरकार दोहरी नीति को अपना कर कार्य कर रही हैं जो किसी भी तरीके से उचित नहीं हैं और इसके प्रभाव गरीब ग्रामीण जनता पर बेहद भयावह पड़ेंगे । उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि राज्य सरकार की जल परियोजना विस्थापित पुनर्वास एवं पुनर्स्थापना नीति की जानकारी भी इस मौके पर आमजनता को दी गई । उन्होंने बताया कि जल परियोजना के लिए भी भूमि इसी कानून के तहत अवाप्त की जाती हैं लेकिन वहां पर धारा चार की अधिसूचना जारी होने के पन्द्रह दिन के अन्दर सम्बन्धित ग्राम पंचायत , स्थानीय निकाय , पंचायत समिति, जिला परिषद आदि संस्थाओं को परियोजना के सम्बन्ध में समूर्ण जानकारी एवं दस्तावेज उपलब्ध करवाए जाते हैं ताकि आमजन / प्रभावित जन उन दस्तावेजो के आधार पर अपनी आपत्तियां प्रस्तुत कर सके ।
भूमि अवाप्ति के बारे में जानकारी देते हुए शर्मा ने कहा कि राज्य में जल परियोजनाओं के लिए होने वाली अवाप्ति में भूमि मालिकों के अलावा अन्य प्रभावित व्यक्ति को भी पुनर्वास का लाभ दिया जाता हैं , यहाँ तक कि सरकार विस्थापितों के लिए अपने स्तर पर उनके आवास , मतदान पहचान पत्र और अन्य आवश्यक सुविधाए भी उपलब्ध करवाती हैं और अट्ठारह वर्ष से ऊपर के युवाओं अथवा अविवाहित कन्या को मुआवजे के लिए योग्य माना जाता हैं और सरकार ने दोहरी और दोगली नीति अपनाते हुए बिना किसी ठोस कारण के बाड़मेर में होने वाली पूर्व में हुई केयर्न , राजवेस्ट , गिरल लिग्नाईट प्रोजेक्ट , जिंदल ग्रुप के भूमि अवाप्ति मामले में ऐसे समानांतर नीति जारी करने से बचती रही हैं जो आमजन के अधिकारों के साथ कुठाराघात हैं । धरने पर दुर्जनसिंह शिवकर , उदय सिंह बाड़मेर आगौर , रेवंत सिंह बाड़मेर आगौर ,अग्रेंद्र कुमार मेघवाल, मूलाराम भाम्भू , वीर सिंह शिवकर , नारायण सिंह बाड़मेर आगौर , हाथीसिंह बाड़मेर आगौर , हठे सिंह रामदेरियाँ , रतन सिंह चूली , हनवंत सिंह कवास , देवेन्द्र सिंह कपूरड़ी , स्वरूप सिंह कपूरड़ी , शैतान सिंह कपूरड़ी , दिलीप सिंह कपूरड़ी , मोती सिंह कपूरड़ी , सवाई सिंह , लक्ष्मण गोदारा समेत बड़ी संख्या में जिले भर से बड़ी संख्या लोग मौजूद थे
जनसुनवाई के लिए निशुल्क तैयार होंगे दस्तावेज
बाड़मेर के शिवकर , कुडला समेत सात गाँवों की भूमि अवाप्ति के लिए होने वाली जनसुनवाई के लिए धरना स्थल पर आपत्तियों के लिए निशुल्क दस्तावेज तैयार करवाए जाने की घोषणा भी की गई हैं , धरना स्थल पर स्वरूप सिंह आगौर ने बताया कि आगामी 25 अक्तूबर से 29 अक्तूबर तक होने वाली जनसुनवाई के लिए सात गाँवों के लोगो को उनकी भूमि अवाप्ति सम्बन्धित आपत्तियों हेतु दस्तावजो को धरना स्थल पर लीगल मित्र संस्था के द्वारा तैयार करवाया जाएगा ताकि नियम और प्रक्रिया से अनजान ग्रामीण अपनी भूमि के सम्बन्ध में निश्चित प्रक्रिया के तहत आपत्तियां दर्ज करवा सके ।
मिला भरपूर समर्थन
बाड़मेर कलक्ट्रेट के आगे चल रहे धरने के समर्थन में एक और जहां काफी जनसमर्थन मिल रहा हैं दूसरी तरफ लोग सरकार की नीतियों को धरना स्थल पर आकर कोसने से भी नहीं चूक रहे हैं , चूली गाँव से आये ग्रामीणों के एक प्रतिनिधि मंडल ने धरने पर बैठे लोगो और लीगल मित्र संस्था को ज्ञापन सौंपा कर उनके इलाके की जमीन की अवाप्ति बिना ही कब्जा किये जाने का विरोध किया और हाईटेंशन लाईट पोल गाड़ने के मामले को सरकार तक पहुँचने की मांग की और लीगल मित्र संस्था से कानूनी लड़ाई में साथ देने की मांग की वाहीन कपूरड़ी गाँव के ग्रामीणों ने भी धरना स्थल पर आकर धरने का समर्थन दिया और आगामी रणनीति पर चर्चा में भाग लिया इसके अलावा नागाणा के ग्रामीणों ने भी धरना स्थल पर पहुंच कर धरने में भाग लिया

गनपत सिंह शिक्षक परिषद् सिवाना के अध्यक्ष नियुक्त


गनपत सिंह शिक्षक परिषद् सिवाना के अध्यक्ष नियुक्त


बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाड़मेर के घटक राजस्थानी शिक्षक परिषद् के सिवाना ब्लोक अध्यक्ष पद पर गनपत सिंह को मनोनीत किया गया हें ,सिवाना ब्लोक अध्यक्ष कल्याण सिंह दाखा ने बताया की समिति के जोधपुर संभाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी तथा प्रदेश महामंत्री राजेन्द्र बारहट के निर्देशानुसार सिवाना में वरिष्ठ शिक्षक गनपत सिंह को शिक्षक परिषद् का ब्लोक अध्यक्ष मनोनीत किया गया हें ,उन्होंने बताया की गनपत सिंह को मनोंय के साथ ही सात दिन में कार्यकारिणी की घोषणा के निर्देश दिए गए हें ,दाखा ने बताया की पुरे जिले की तरह सिवाना में भी मायड़ भाषा राजस्थानी को मान्यता दिलाने को ले कर आम जन में जबरदस्त उत्साह हें ,

भोम सिंह बलाई राजस्थानी छात्र परिषद् के जिला संयोजक नियुक्त

भोम सिंह बलाई राजस्थानी छात्र परिषद् के जिला संयोजक नियुक्त


बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाड़मेर के घटक राजस्थानी छात्र परिषद् के जिला संयोजक पद पर भोम सिंह बलाई को मनोनीत किया गया हें ,राजस्थानी छात्र परिषद् के जिला अध्यक्ष अशोक सारला ने बताया की समिति के जोधपुर संभाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी तथा प्रदेश महामंत्री राजेन्द्र बारहट के निर्देशानुसार भोम सिंह बलाई को राजस्थानी छात्र परिषद् के बाड़मेर जिला संयोजक पद पर मनोनीत किया गया हें ,भोम सिंह बलाई राजस्थानी भाषा मान्यता अभियान से जुड़े सक्रीय कार्यकर्ता हें ,उनके अभियान में दिए योगदान को देखते हुए यह नियुक्ति की गई हें ,बलाई पूर्व में चौहटन ब्लोक के प्रभारी भी हें

राजस्थानी को मान्यता दिलाना ही जीवन का एक मात्र लक्ष्य पोखरणा

राजस्थानी भाषा के प्रमुख तथा इसरो के पूर्व वैज्ञानिक पोखरणा ने ली समिति की बैठक


राजस्थानी को मान्यता दिलाना ही जीवन का एक मात्र लक्ष्य पोखरणा


बाड़मेर राजस्थानी भाषा अभियान के मुख्य स्तम्भ और इसरो के पूर्व वैज्ञानिक डॉ सुरेन्द्र सिंह पोखरणा के मुख्य आतिथ्य और जय कोठारी की अध्यक्षता तथा राजस्थानी साहित्यकार प्रेम चंद कोठारी के नेतृत्व में बुधवार को अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बालोतरा की बैठक का आयोजन जसोल में किया गया .


जोधपुर संभाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने बताया राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए अंतराष्ट्रीय स्तर पर चलाये जा रहे अभियान के स्तंभकार और इसरो के पूर्व वैज्ञानिक सुरेन्द्र सिंह पोखरण के मुख्य आतिथ्य में बालोतरा ब्लोक की अहम् बैठक का आयोजन किया गया ,बैठक को संबोधित करते हुए सुरेन्द्र सिंह पोखरण ने कहा की राजस्थानी भाषा को मान्यता देने के संबंध में राजस्थान विधानसभा द्वारा 25 अगस्त, 2003 को सर्वसम्मति से एक संकल्प पारित कर केंद्र सरकार को भेज दिया गया है और इसके पश्चात लगातार संसद और संसद के बाहर राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने के संबंध में अनुरोध किया जा रहा है। राज्य के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने भी केंद्र सरकार से इस बारे में आग्रह किया गया है।उन्होंने कहा की जल्द भोजपुरी और राजस्थानी भाषा को मान्यता प्रदान करने के संबंध में केंद्र स्तर पर आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा किए जाने की कार्यवाही जारी है।इस अवसर पर जय ज्कोथारी ने कहा की मायद भाषा का कर्ज उसे मान्यता दिला कर चुकाने का प्रायः हें ,उन्होंने बाड़मेर जिले में चलाये जा रहे अभियान की तारीफ़ करते हुए कहा की राजस्थानी भाषा अभियान को जन अभियान में तब्दील करना सुखद हें ,बाड़मेर से पुरे राजस्थान को प्रेरणा लेने की जरुरत हें ,उन्होंने कहा की भारत वर्ष में रह रहे राजस्थानियों के मन में राजस्थानी को मान्यता दिलाने की ललक हें ,इस अवसर पर राजस्थानी भाषा के साहित्यकार और कवी प्रेम चाँद कोठारी ने कहा की

राजस्थानी भाषा आजादी से पूर्व राजस्थान, मालवा, उमरकोट(वर्तमान पाकिस्तान में) की राजभाषा थी, जिसकी मेवाड़ी, ढूंढ़ाड़ी, मेवाती, हाडौती, वागड़ी, मालवी, ब्रज, मारवाड़ी, भीली, पहाड़ी, खानाबदोषी आदि बोलियां एवं डिंगल-पिंगल शास्त्रीय कविता की शैलियां हैं। इसके लाखों हस्तलिखित ग्रंथ शोध संस्थानों में प्रकाशन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। सिंधी, हिन्दी, पंजाबी, गुजराती, मराठी के आदिकाल, मध्यकाल राजस्थानी लिपि मुडिय़ा में ही हैं। हमारी राष्ट्रीय लिपि देवनागरी, वर्तमान गुजराती, पंजाबी की लिपियां इसी से विकसित हुई हैं।

उन्होंने कहा की राजस्थानी गीत के छंद के 120 भेद हैं जो विश्व की किसी भी भाषा के छंद शास्त्र से कम नहीं हैं। यह राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों, यू.जी.सी. आदि में शिक्षण एवं शोध की भाषा है। आकाशवाणी, दूरदर्शन, पत्र-पत्रिकाओं, टी.वी. चैनल्स में भी राजस्थानी में प्रसारण होता है। साथ ही नाटक व फिल्मों में अभिनय एवं रंगकर्म का श्रेष्ठ माध्यम साबित हो रही है। अमेरिका की लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस ने राजस्थानी को विश्व की समृद्घतम 13 भाषाओं में से एक मानते हुए पद्मश्री से अलंकृत श्री कन्हैया लाल सेठिया की 75 मिनट की रिकार्डिंग कर अपने संग्रह में रखी है। इसी प्रकार शिकागो विश्वविद्यालय में दक्षिण एशियाई भाषा विभाग में राजस्थानी एक विषय के रूप में चलाया जा रहा है। पाकिस्तान में भी ÓÓ राजस्थानी कायदोंÓÓ नाम से व्याकरण चलती हैइस अवसर पर बालोतरा उप खंड के अध्यक्ष भीखदान चारण ने बाड़मेर जिले में राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिए चलाये जा रहे अभियान के बारे में जानकारी देते हुए बताया की समिति जिले के सभी तहसीलों में कार्य कर रही हेह ,सभी घटक के अध्यक्ष अपनी कार्यकारिणी की घोषणा कर अभियान को गति देने में जुटे हें ,इस अवसर पर शिक्षक चिंतन परिषद् बालोतरा के अध्यक्ष तन सिंह जुगतावत ने कहा की जिले के समस्त शिक्षक राजस्थानी भाषा के अभियान से परोक्ष अपरोक्ष रूप से जुड़ कर अपना योगदान दे रहे हें ,इस अवसर पर राजस्थानी छात्र मोर्चा के अध्यक्ष रानिदान रावल ,राजूराम ,उद्योगपति भंवर भंसाली ने भी अपनी बात रखी .।

बस को लगाई आग ,गरबो मे मारपीट

बस को लगाई आग ,गरबो मे मारपीट

बाड़मेर जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रो में मारपीट ,आगजनी सहित कई मामले दर्ज किये गए .पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट ने बताया की धर्मसिंह पुत्र छगनसिंह राणा राजपूत नि. गांधीनगर बाड़मेर ने मुलजिम रधुवीरसिंह नि. ताणू व गुलाबसिंह कोटड़ा वगेरा 67 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिमान द्वारा एक राय होकर गरबा स्थल पर आकर मारपीट करना व मंदीर की तोडफोड़ करना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना कोतवाली पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है। इसी तरह
पूनमाराम पुत्र दमाराम जाट नि. नेतराड़ ने मुलजिम कोशलाराम पुत्र दौलाराम जाट नि. शास्त्रीनगर बाड़मेर के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा मुस्तगीस की बस नम्बर आरजे 04 पीए 0279 को आग लगाकर जला देना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना सदर पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है। इधर शंकरलाल पुत्र ताराराम माली नि. सिवाना ने मुलजिम बाबूलाल पुत्र रंगाराम माली नि. सिवाना वगेरा 4 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिमान द्वारा मुस्तगीस के मकान में प्रवेश कर मुस्तगीस की पत्नि ममता के साथ मारपीट कर चोटे पहुंचाना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना सिवाना पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।

पत्नी को प्रेमी भगा ले गया पति ने कराया मामला दर्ज



पत्नी को प्रेमी भगा ले गया पति ने कराया मामला दर्ज


बाड़मेर जिले के धोरीमन्ना थाना क्षेत्र में एक विवाहित महिला को एक युवक शादी की नियत से भगा कर ले गया इस आशय का मुक़दमा विवाहिता के पति ने दर्ज कराया .प्रतापाराम पुत्र धारूराम भील नि. कातरला ने मुलजिम किसनाराम पुत्र धोधाराम भील नि. मिठड़ा खुर्द वगेरा 3 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिमान द्वारा मुस्तगीस की पत्नि श्रीमति देवू को बहला फुसलाकर शादी करने की नियत से भगाकर ले जाना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना धोरीमना पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।--

राजस्थान :बाड़मेर में कोयला घोटाला !

राजस्थान :बाड़मेर में कोयला घोटाला !

बाड़मेर [ चन्दन भाटी ] पिछले कुछ सालों में बाड़मेर में विकास की रफ्तार तेजी से बढ़ी हैं, लेकिन यहाँ पर विकास के साथ-साथ घोटालों का बड़ा काम हुआ हैं जिसके बारे में सरकार भी जानती हैं। ये अलग बात हैं कि कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं हुआ जबकि अगर कुछ कार्रवाई नहीं हुई तो यहाँ पर कोयला खनन घोटाला चालीस हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का आगामी तीस साल में हो सकता हैं। कोयला का अकूत भंडार मिलने के बाद बाड़मेर में खनन का ऐसा खेल हुआ हैं कि आने वाले तीस सालों में घोटाला काफी बढ़ सकता हैं। यह सनसनीखेज खुलासा राजस्थान इलेक्ट्रीसिटी रेग्युलेटरी कमीशन के सामने दायर हुई एक याचिका के बाद हुई सुनवाई के बाद हुए निर्णय में सामने आई हैं।

राजस्थान इलेक्ट्रीसिटी रेग्युलेटरी कमीशन के अध्यक्ष डीसी सामंत, सदस्य एस धवन, एसके मित्तल ने बाड़मेर लिग्नाईट माइनिंग कम्पनी लि. की याचिका पर सुनवाई की, जिसमें चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए हैं। खासकर इसमें एक बड़ा खुलासा हुआ हैं कि जिंदल ग्रुप के राजवेस्ट पवार प्लांट लि. भादरेश बाड़मेर में लिग्नाईट की आपूर्ति के लिए बाड़मेर में माइनिंग का ठेका 812 रुपए प्रति मीट्रिक टन की दर से निविदा के जरिये प्रतिस्पर्धात्मक तरीके से होना था, उसको बिना किसी प्रतिस्पर्धा के जिंदल ग्रुप की एसोसिएट फर्म साउथ वेस्ट माइनिंग लि. को 1230 रुपए प्रति मैट्रिक टन की दर से दे दिया गया। टैक्स जोड़ा जाए तो यह दर 1953 रुपए प्रति मीट्रिक टन की दर हो जाती हैं। मजे की बात यह कि जिंदल ग्रुप की एसोसिएट फर्म साउथ वेस्ट माइनिंग लि. यह ठेका लेने की पात्रता भी नहीं रखती। तीस वर्ष के लिए दिए गए इस ठेके से उक्त अवधि में टैक्स समेत करीब इकसठ हजार करोड़ का नुकसान हो सकता हैं।

समझें घाटे का ये गणित : बाड़मेर जिले में जिंदल ग्रुप की फर्म राजवेस्ट पावर प्रोजेक्ट लि. के नाम से भादरेश में 135 मेगावाट की दस इकाइयां बनाई जानी प्रस्तावित हैं, जिनमे से दो इकाइयां बन कर तैयार हैं और शेष निर्माणाधीन हैं। जब पूर्ण क्षमता के साथ सभी दस इकाइयां काम करेंगी तब प्रतिदिन पचास हजार टन कोयले की जरूरत पड़ेगी। राजवेस्ट की कंसोर्टियम फर्म साउथ माइनिंग लि. इसके लिए प्रतिदिन छह करोड़ पन्द्रह लाख टैक्स समेत नौ करोड़ छियतर लाख पचास हजार लेगी, जो राजस्थान इलेक्ट्रीसिटी रेग्युलेटरी कमीशन के समक्ष तय हुई दरों (812 रुपए प्रति मीट्रिक टन) से टैक्स सहित 5.70 करोड़ रुपए अधिक हैं। इस तरह प्रतिदिन 2.90 करोड़ टैक्स रहित घाटा होगा। एक महीने में 87 करोड़, एक वर्ष में 1044 करोड़, और तीस वर्षों में 31,220 करोड़ का घाटा होगा और टैक्स समेत यह घाटा इकसठ हजार करोड़ रुपए को पार कर जाएगा।

इक्यावन फीसदी है सरकार की हिस्सेदारी : बाड़मेर के कपूरडी और जालिपा के किसानों की करीब पचास हजार बीघा जमीन अवाप्त हुई हैं, इसका मकसद यहाँ पर कोयला खनन कर कम्पनी को आपूर्ति करनी था। भूमि अवाप्ति के लिए बाड़मेर लिग्नाईट माइनिंग कम्पनी लिमिटेड का गठन किया गया, जिसमे 51 प्रतिशत हिस्सेदारी राज्य सरकार की है। शेष 49 फीसदी भागीदारी राजवेस्ट की है। यहाँ कहने का मतलब यह हैं कि ऊंची दरों पर राजवेस्ट की एसोसिएट फर्म को ठेका देने से होने वाले कुल घाटे में सरकार को इक्यावन फीसदी चूना लगेगा। वही राजवेस्ट को एसोसिएट फर्म से सीधा फायदा ही फायदा होगा।

ठेका निरस्त करने की सिफारिश हुई : राजस्थान इलेक्ट्रीसिटी रेग्युलेटरी कमीशन ने याचिका पर सुनवाई के बाद पिछले वर्ष अगस्त माह में दिए गए निर्णय अनुसार साउथ वेस्ट माइनिंग लि. को दिए गए खनन ठेके को निरस्त करने और नए सिरे से निविदा आमंत्रित कर प्रतिस्पर्धी दरों के आधार पर ठेका देने के निर्देश दिए। हैरत की बात यह हैं कि साउथ वेस्ट माइनिंग लि. कमीशन को न्यायिक क्षेत्र मानने से इनकार करते हुए अभी तक बिना रोक टोक खनन कर रहे हैं। वही सरकार भी इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं, जो काफी संशय पैदा कर रहा है।

कहीं कम कीमत पर कोयला उपलब्ध : राजस्थान सरकार के उपक्रम राजस्थान स्टेट माइंस मिनरल्स लि. द्वारा गिरल लिग्नाईट विद्युत तापीय संयत्र में 650 प्रति मीट्रिक टन की दर से कोयला उपलब्ध करवाया जा रहा हैं, जबकि साउथ वेस्ट माइनिंग लि. टैक्स समेत 1953 रुपए की दर से कोयला उपलब्ध करवा रहा है।

चीरघर से जिंदा होकर लौटा मुर्दा!

चीरघर से जिंदा होकर लौटा मुर्दा!

दुर्ग। डॉक्टरों ने जिस व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया था, उसे चीरघर (मरच्यूरी) से वापस उपचार के लिए जिला अस्पताल लाया गया। जिला अस्पताल में उसे दो चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया है। चिकित्सकों ने मरीज की हालत गंभीर बताई है।

सिटी पुलिस ने दोपहर साढे 12 बजे नया बस स्टैंड से अज्ञात अचेत व्यक्ति को जिला अस्पताल पहुंचाया। चिकित्सक डॉ. तुमड़े व डॉ. वीएस बघेल ने परीक्षण के बाद मरीज को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद वार्ड ब्वॉय ने उसे चीरघर भी पहुंचा दिया। लगभग एक घंटे बाद चीरघर के कर्मचारियों की नजर शव पर पड़ी तो वे हैरान रह गए। शव में हलचल हो रही थी। कर्मचारियों ने एंबुलेंस से उसे वार्ड में भेजा। चिकित्सकों ने जांच की तो वह जिंदा था। अब चिकित्सकों की विशेष निगरानी में उसका उपचार किया जा रहा है।

पुलिस के मुताबिक नीले रंग की फुल पैंट तथा गुलाबी रंग की शर्ट पहने हुए मरीज को नागरिकों की सूचना पर अस्पताल पहुंचाया था। चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद पुलिस शव को चीरघर में रखने का आदेश देते हुए अस्पताल से लौट गई। हुलिया देखकर पुलिस अनुमान लगा रही है कि वह कुछ ही दिन पहले शहर आया होगा। चिकित्सकों की सूचना पर मर्ग दर्ज कर चुकी पुलिस भी कुछ देर के लिए सकते में आ गई। अस्पताल से जिस व्यक्ति को मृत घोषित किया गया, उसी व्यक्ति के जिंदा होने की सूचना घंटे भर बाद फिर से दी गई।

टांके में तैरती मिली मां व बेटी की लाश, कहीं ख़ुदकुशी तो नहीं!

जोधपुर.मंडोर थानांतर्गत मगरा पूंजला क्षेत्र में मंगलवार सुबह एक महिला व उसकी वयस्क बेटी घर में बने टांके में डूब गईं। पुलिस के अनुसार प्रथम दृष्टया मामला खुदकुशी का लग रहा है। मंडोर थानाधिकारी कमल सिंह ने बताया कि मंगलवार सुबह सूचना मिली कि मगरा पूंजला क्षेत्र के गांधी नगर में रहने वाली सविता देवी (50) पत्नी श्याम लाल और उसकी बेटी मधु (22) टांके में डूब गई हैं।

मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों के शव बाहर निकलवाकर एमजीएच मोर्चरी भिजवाए। बाद में परिजनों की रिपोर्ट पर मर्ग दर्ज कर पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिए। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि करीब 15 दिन से सविता देवी मानसिक रूप से बीमार थी। खराब मानसिक स्थिति के चलते 3-4 दिन पहले भी वह घर से निकल गई थीं।

परिजनों ने बड़ी मुश्किल से उसे ढूंढ़ा था। सोमवार रात करीब साढ़े ग्यारह बजे श्यामलाल पत्नी व बेटी से बातें करने के बाद कमरे में जाकर सो गए। सुबह उनके कमरे का दरवाजा बाहर से बंद मिला। किसी तरह उन्होंने दरवाजा खोला तो उनकी पत्नी व बेटी घर में नजर नहीं आए।

काफी ढूंढ़ने के बाद उन्हें टांके का ढक्कन खुला हुआ नजर आया। उसमें मां-बेटी डूबी हुई थीं। उनके चिल्लाने की आवाज पर आसपास के लोग एकत्र हो गए और पुलिस को सूचना दी।

, बीजेपी में शामिल होंगी उमर की बीवी?

नई दिल्ली. पार्टी अध्‍यक्ष नितिन गडकरी पर लग रहे भ्रष्‍टाचार के आरोपों के बीच बीजेपी के लिए कुछ राहत वाली भी खबरे हैं। वहीं, भ्रष्‍टाचार के आरोपों से घिरे हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के दावेदार वीरभद्र सिंह ने मीडियाकर्मियों को धमकी दी है। टीवी चैनल के कुछ पत्रकारों ने जब उनके सवाल पूछने शुरू किए तो वह गुस्‍से में आ गए और मीडियाकर्मियों के कैमरे तोड़ डालने की धमकी दी।
वीरभद्र ने दी मीडिया को धमकी, बीजेपी में शामिल होंगी उमर की बीवी? 
खबर है कि जम्‍मू-कश्‍मीर के सीएम और नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्‍दुल्‍ला की पत्‍नी पायल सिंह बीजेपी ज्‍वाइन कर सकती है। हालांकि बीजेपी आलाकमान इस बारे में कुछ कहने से साफ बच रहा है। उमर और पायल इस वक्‍त एक दूसरे से अलग रहते हैं। पायल दिल्‍ली में रह रही हैं और राजनीति में कूदने की कोशिश कर रही हैं। ऐसी भी खबर है कि पायल ने बीजेपी ज्‍वाइन करने के मसले पर गडकरी से कई बार मुलाकात भी की है।

एक तरफ बीजेपी के लिए कुछ राहत वाली खबरें हैं तो दूसरी तरफ पार्टी अध्‍यक्ष पर लगे गंभीर आरोपों पर बीजेपी ने चुप्‍पी साध ली है।

डाबला हत्या के मामले में पुलिस को मिले पुख्ता सुराग

डाबला हत्या के मामले में पुलिस को मिले पुख्ता सुराग


एसपी ने कहा: शीघ्र ही हत्या की गुत्थी सुलझ जाएगी



जैसलमेर  पिछले दिनों डालूराम चौधरी की हत्या करके हत्यारों ने उसका शव डाबला के पास सड़क किनारे फैंक दिया था। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। पुलिस इस मामले में कड़ी से कड़ी जोडऩे का प्रयास रही है लेकिन अभी तक हत्या की गुत्थी नहीं सुलझ पाई है। सूत्रों के मुताबिक अब पुलिस हत्यारों के नजदीक पहुंच चुकी है। शीघ्र ही मामले का खुलासा हो जाएगा। पुलिस ने इस संबंध में मृतक के दोस्तों, आपसी रिश्तेदारों व जीएसएस के वाहन चालकों से गहनता से पूछताछ भी की लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। पुलिस अधीक्षक ममता विश्नोई ने बताया कि शीघ्र ही पुलिस हत्यारों तक पहुंच जाएगी और मामले का खुलासा हो जाएगा। पुलिस की अलग अलग टीमें इस मामले में गहन पड़ताल कर रही है।

मृतक की पेंट व मोबाइल नहीं मिला: गौरतलब है कि पुलिस को शहर से करीब 15 किलोमीटर दूर डाबला के पास मृतक की लाश मिली थी। पोस्टमार्टम में सामने आया था कि सिर पर गंभीर चोट मारने के बाद मृतक का गला घोंटा गया है। पुलिस को मृतक का मोबाइल व पेंट नहीं मिली थी, इसे लेकर पुलिस ने आसपास के 25 किलोमीटर क्षेत्र में तलाश भी की।

पुलिस को मृतक के 12 दिन होने का इंतजार: पुलिस ने लगभग आसपास के लोगों से पूछताछ कर ली है। अब पुलिस मृतक के 12 दिन पूरे होने का इंतजार कर रही है। उसके बाद मृतक के नजदीकी रिश्तेदारों व परिजनों से पूछताछ कर हत्या की गुत्थी सुलझाने की कोशिश की जाएगी।

॥पुलिस की अलग अलग टीमें मामले की जांच कर रही है। कई लोगों से पूछताछ की गई है और कुछ हद तक पुलिस को सुराग भी मिले हैं, शीघ्र ही हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

ममता राहुल विश्नोई, एसपी, जैसलमेर

मृतक के परिजनों ने किया हंगामा


मृतक के परिजनों ने किया हंगामा


तहसीलदार, थानाधिकारी तथा ब्लॉक सीएमएचओ की समझाइश के बाद मामला हुआ शांत
चिकित्सक को एपीओ करने की मांग पर अड़े रहे परिजन



पोकरण  राजकीय अस्पताल में सोमवार को मोटरसाइकिल दुर्घटना में घायल हुए वृद्ध तुलछाराम दर्जी की जोधपुर ले जाते समय हुई मौत को लेकर मंगलवार को उसके परिजनों ने हंगामा किया।

मृतक के परिजनों ने सुबह 8 बजे तहसीलदार त्रिलोक चंद्र वैष्णव के निवास स्थान पहुंचकर तहसीलदार से चिकित्सा प्रभारी को हटाने तथा उसके खिलाफ जांच बैठाने की मांग की। साथ ही उन्होंने चिकित्सकों पर वृद्ध के इलाज में बरती गई लापरवाही का आरोप लगाया। शहरवासियों ने तहसीलदार को इस संबंध में तुरंत प्रभाव से कार्रवाई करने की मांग की। जिस पर तहसीलदार ने अस्पताल मेंं सुविधाओं को सुचारू करने का आश्वासन दिया। तहसीलदार के आश्वासन के बाद गुस्साए परिजन तथा सैकड़ों की संख्या में उपस्थित लोग अस्पताल परिसर पहुंचे तथा चिकित्सा प्रभारी अशोक शर्मा के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग पर अड़े रहे।

चिकित्सा प्रभारी के एपीओ करने की मांग पर अड़े रहे परिजन: मृतक के परिजनों ने अस्पताल परिसर में प्रदर्शन करते हुए चिकित्सा प्रभारी अशोक शर्मा का घेराव किया। वहीं तहसीलदार त्रिलोक चंद्र वैष्णव, थानाधिकारी रमेश कुमार शर्मा ने बीच बचाव कर गुस्साए लोगों को वहां से हटाया। मृतक के परिजनों ने बताया कि चिकित्सा प्रभारी अशोक शर्मा द्वारा अस्पताल की व्यवस्थाओं पर कोई ध्यान नहींं दिया जा रहा है। परिजनों ने आरोप लगाया कि तुलछाराम की दुर्घटना के साथ ही उसे पोकरण अस्पताल लाया गया था। जहां पर चिकित्सकों ने उसका उपचार नहीं किया। लगभग दो घंटे बाद चिकित्सा प्रभारी अशोक शर्मा ने उसे जोधपुर ले जाने की बात कही। तुलछाराम को उसके परिजनों द्वारा जोधपुर ले जाया गया। तभी बीच मार्ग में तुलछाराम ने दम तोड़ दिया। उन्होंने बताया कि अस्पताल परिसर में आपातकालीन सेवा के नाम पर कोई सुविधा नहीं है। प्रदर्शनकारियों ने अधिकारियों से तुरंत प्रभाव से चिकित्सा प्रभारी को एपीओ करने की मांग की।

साई बाबा सर्व समर्थ

साईं बाबा की चौरानावी पुण्यतिथि पर विशेष 


साईंबाबा सभी के महागुरु है उनकी सेवा ही मानवता कि सेवा है। श्रीसाईं का जन्म, धर्म, जात, पंथ कोई नहीं जानता क्यूंकि साईबाबा ने इस विषय पर कभी कुछ नहीं कहा. बाबा का समग्र साहित्य उनके शिरडी अवतार कार्य से भरा हुआ है और साईं भक्तो को अपनी रोचक लीलाओं द्वारा शिक्षा प्रदान करता है।
शिरडी के सांई बाबा  India20th century

भक्तों के बीच बैठे हुए साईँ बाबा
पूरा नाम शिरडी के सांई बाबा
परंपरा 
साईं बाबा (अज्ञात– १५ अक्‍तूबर, १९१८), एक भारतीय संत एवं गुरू हैं जिनका जीवन शिरडी में बीता। उन्होंने लोक कल्याणकारी कार्यों को किया तथा जनता में भक्‍त‍ि एवं धर्म की धारा बहाई। इनके अनुयायी भारत के सभी प्रान्तों में हैं एवं इनकी मृत्यु के लगभग ९४ वर्षों के बाद आज भी इनके चमत्कारों को सुना जाता है।
सांई बाबा की शिक्षासबका मालिक एक हैसाई बाबा की सबसे बड़ी शिक्षा और सन्देश है कि जाति, धर्म, समुदाय, आदि व्यर्थ की बातों में ना पड़कर आपसी मतभेद भुलाकर आपस में प्रेम और सदभावाना से रहना चाहिए क्योकि सबका मलिक एक है।श्रद्धा और सबूरीसाई बाबा ने अपने जीवन में यह सन्देश दिया है कि हमेशा श्रद्धा और विश्‍वास के साथ जीवन यापन करते हुए सबूरी (सब्र)के साथ जीवन व्यतीत करें।मानवता ही सबसे बड़ा धर्म हैसाई बाबा ने कभी भी किसी को धर्म की अवहेलना नहीं की अपितु सभी धर्मों का सम्मान करने की सलाह देते हुए हमेशा मनवता को ही सबसे बडा धर्म और कर्म बताते हुए जीवन जीने की अमूल्य शिक्षा प्रदान की है।जातिगत भेद भुला कर प्रेम पूर्वक रहनासाई बाबा ने कहा है की जाति,समाज,भेद-भाव,आदि सब बाते ईश्‍वर ने नहीं बल्कि इंसानों द्वारा बनाया गया हैं इसलिए ईश्‍वर की नजर में न तो कोई उच्च है और न ही कोई निम्न इसलिए जो काम ईश्‍वर को भी पसंद नहीं है वह मनुष्यों को तो करना ही नहीं चाहिए। अर्थात जात-पात,धर्म,समाज आदि मिथ्या बातों में न पड़ कर आपस में प्रेमपूर्वक रहकर जीवन व्यतीत करना चाहिए।गरीबो और लाचार की मदद करना सबसे बड़ी पूजा हैसाई बाबा ने हमेशा ही सभी जनमानस से यही बार-बार कहा है कि सभी के साथ ही समानता का व्यवहार करना चाहिए। गरीबों और लाचारों की यथासम्भव मदद करना चाहिए और यही सबसे बडी पूजा है। क्योकि जो गरीबों, लाचारों की मदद करता है ईश्वर उसकी मदद करता है।माता-पिता, बुजुर्गो, गुरुजनों, बडो का सम्मान करना चाहिएसाई बाबा हमेशा ही समझाते थे कि अपने से बडो का आदर सम्मान करना चाहिए। गुरुजनो बुजर्गो को सम्मान करना जिसस उनका आर्शीवाद प्राप्त होता है जिससे हमारे जीवन की मुश्किलों में सहायता मिलती है।साई बाबा की जय हो


साई बाबा का चरित्र

साई बाबा सर्व समर्थ हो कर भी हमेशा अपना जीवन सीमित साधनों द्वारा ही व्यतीत किए और सभी जनमानस को सादगी एवं सरल जीवन व्यतीत करना सिखाएं। क्योकि सरलता पूर्वक ही इस संसार में प्रभु को प्राप्त किया जा सकता है। सांई हमेशा ही आडम्बरो से मुक्त रह कर यह बताते थे कि आडम्बरो में ही अहंकार की भवना निहित होती है। इसलिए अगर मुक्त होना चाहते हो सबसे पहले स्वयं को आडम्बरो से छुटकारा पाना होगा।

सांई बाबा जो हमेशा ही यही कोशिश करते रहें की जनमानस क ह्रदयपटल में से समाज में व्याप्त सामाजिक कुरितीयों का नाश हो और सभी प्रेम पूर्वक रह कर जीवन का आनंद ले क्योंकि हमारे भारतवर्ष में कितने ही धर्म जाति के लोग व उनके समुदाय बसे हुए हैं।और सभी अपने धर्म को श्रेष्ट बताते हुए आपस में मतभेद रखते हैं। और जिसका परिणाम सिवाय समाजिक अराजकता और दन्गे के रुप में सामने आते है। इसिलिए बाबा ने हमेशा ही यह कह कर की "सबका मालिक एक" गुरुमंत्र दिया है।

अल्पसंख्यक मोर्चा ने दी सिविल लाइंस पर गिरफ्तारी

अल्पसंख्यक मोर्चा ने दी सिविल लाइंस पर गिरफ्तारी



जयपुर  भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे की ओर से मंगलवार को सिविल लाइंस फाटक पर प्रदर्शन करके गिरफ्तारियां दी गईं। ये कार्यकर्ता दूदू में 20 अक्टूबर को 'आधार' कार्ड रैली में मुस्लिम महिलाओं को बुर्के उतरवाकर प्रवेश दिए जाने का विरोध कर रहे थे। मोर्चे ने इस संबंध में राज्यपाल के नाम ज्ञापन भी दिया। इससे पहले मोर्चे के कार्यकर्ता भाजपा मुख्यालय में एकत्र हुए और वहां जुलूस के रूप में सिविल लाइंस फाटक तक पहुंचे। यहां प्रदेशाध्यक्ष अमीन पठान ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि दूदू में मुस्लिम महिलाओं के साथ कांग्रेस सरकार द्वारा अभद्र व्यवहार किया गया। जो कांग्रेस मुस्लिमों की खैरख्वाह बनती है, उसी कांग्रेस सरकार में उनके साथ इस तरह का व्यवहार किया जा रहा है। इससे एक बात स्पष्ट है कि कांग्रेस मुसलमानों को केवल वोट बैंक मानती है। उनकी भावनाओं से उसे कोई मतलब नहीं है।

सड़क हादसे में पाली एसडीएम खान मोहम्मद और उनकी पुत्री की मौत

नागौर

लाडनूं से तीन किलोमीटर दूर नागौर मार्ग पर मंगलवार रात को साढ़े सात बजे तेज गति से चल रही एक कार के पलटी खाने से उसमें सवार पाली के उपखंड अधिकारी खान मोहम्मद खान और उनकी पुत्री रुखसाना की मौत हो गई। हादसे में एसडीएम का दोहिता तथा कार चालक भी गंभीर घायल हो गए। मूलत: नागौर जिले के डेगाना क्षेत्र के सथाना गांव के खान मोहम्मद झुंझुनूं में एक पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद शाम को पाली जा रहे थे। लाडनूं तहसीलदार गिरधारी लाल ने बताया कि पाली एसडीएम खान मोहम्मद खान (55) पुत्र उम्मेद खां, उनकी पुत्री रुखसाना पत्नी मारुथ खां तथा दोहिता सात वर्षीय अनीस झुंझुनूं से लाडनूं होते हुए पाली जा रहे थे। करीब साढ़े सात बजे जैसे ही उनकी फॉरच्यूनर कार लाडनूं से तीन किलोमीटर नागौर की तरफ पहुंची तो कार चालक नियंत्रण खो बैठा और कार आठ दस बार पलटी खाते हुए करीब 50 मीटर तक चली गई। हादसे में पाली एसडीएम खान मोहम्मद खान की मौके पर ही मौत हो गई और गंभीर घायल रुखसाना, अनीस व कार चालक पाली निवासी महेंद्र वैष्णव को लाडनूं अस्पताल लाया गया।


गंभीर हालत होने पर महेंद्र व रुखसाना को जयपुर रेफर किया गया। इस दौरान रुखसाना ने भी दम तोड़ दिया। दोनों शव देर रात को लाडनूं अस्पताल में ही रखवाए गए। हादसे की सूचना मिलते ही डेगाना, लाडनूं, नागौर, डीडवाना, मकराना व सीकर से लोग लाडनूं पहुंचे। उधर वृत्ताधिकारी हेमराज व तहसीलदार गिरधारीलाल भी मौके पर पहुंचे व घटनास्थल का मुआयना कर घायलों का तत्काल इलाज शुरू करवाया।

स्पीड थी बहुत तेज

घटनास्थल पर मिले साक्ष्यों के अनुसार कार जिस समय पलटी उसकी स्पीड काफी तेज थी। इस वजह से चालक महेंद्र का कार पर नियंत्रण नहीं रहा। आलम यह था कि पलटने के बाद कार 50 मीटर तक घिसटती गई और कार के चारों दरवाजे टूटकर दूर जा गिरे और कार में सवार एसडीएम, उनकी बेटी, दोहिता व चालक टूटे दरवाजों से बारी बारी गिरते गए और गंभीर घायल हो गए। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। घटना की जानकारी नागौर जिला कलेक्टर अशोक भंडारी, एसपी भूपेंद्र साहू, पाली जिला कलेक्टर को भी दी गई।

एसएचओ ने दिखाई लापरवाही

हादसे में लाडनूं थानेदार दरजाराम की लापरवाही सामने आई। नागौर कंट्रोल रूम से थानेदार को कई बार कॉल किए गए लेकिन उन्होंने फोन अटैंड नहीं किया। आधा अधिकारियों के फोन करने के बाद भी थानाधिकारी घटनास्थल पर नहीं पहुंचे। पुलिस के देर से मौके पर पहुंचने से घायल कराहते रहे और उन्हें समय पर उपचार नहीं मिल पाया।

मंगलवार, 23 अक्तूबर 2012

'टार्जन' महिला की जंगल में बंदरों ने देखभाल की

लंदन।। ब्रिटेन की एक महिला ने दावा किया है कि कोलंबिया के एक जंगल में पांच साल तक बंदरों ने उनकी देखभाल की। यह मामला बहुत कुछ रडयार्ड किपलिंग की 'द जंगल बुक' के काल्पनिक किरदार 'मोगली' से मिलता-जुलता है। मरीना चैपमैन के मुताबिक उनका अपहरण कर लिया गया था और बाद में उन्हें अकेला छोड़ दिया गया था।marina chapman 
'सन' अखबार की खबर के मुताबिक वह चिड़ियों और खरगोशों को पकड़ कर अपना पेट भरती रहीं। जब शिकारियों को उनके बारे में पता चला तो वे मरीना को पास के एक शहर में ले गए और एक चकलाघर में बेच दिया। मरीना वहां से भाग निकलीं और ब्रिटेन चली गईं। वेस्ट यॉर्क्स के ब्रैडफर्ड में वह नौकरानी का काम करने लगीं।

मरीना की यह दिलचस्प कहानी अब एक किताब में दर्ज हो गई है और उनके जीवन पर एक डॉक्युमेंट्री बनाने का प्लान है। उनकी बेटी वनेसा ने बताया, 'यह माना गया कि किडनैपर्स ने गलती से उन्हें किडनैप कर लिया था। मां को बस यह याद है कि उन्हें क्लोरोफॉर्म सुंघाया गया था। इससे पहले की जिंदगी के बारे में उन्हें बस अपनी एक काली गुड़िया की याद है।'

ब्रिटेन आने के बाद मरीना जॉन चैपमैन से मिलीं और उन्होंने 1977 में शादी कर ली। मरीना 2 बच्चों की मां हैं। वनेसा के मुताबिक मरीना ने उन्हें बहुत अलग ढंग से पाला। वनेसा ने बताया, 'हमें खाना मांगने के लिए काफी शोर मचाना पड़ता था।'

पति बोला, ससुर से सेक्स में बुरा क्या!



नई दिल्ली।। शादी हुए कुछ ही दिन बीते थे कि बहू की खूबसूरती पर ससुर इस कदर फिदा हुआ कि वह आए दिन उसके साथ शारीरिक छेड़छाड़ करने लगा। परिवार की इज्जत की खातिर पहले तो वह चुपचाप सहती रही, मगर जब उसकी चुप्पी से ससुर के हौसले बढ़ते चले गए और उसने फिजिकल रिलेशन बनाने के लिए जोर जबर्दस्ती शुरू कर दी।
rape 


जब बर्दाश्त से बाहर हो गया तो उसने पति को पूरी बात बता दी, मगर जिसके साथ सात फेरे लिए उसकी बात सुनकर वह हैरान रह गई। पति ने कहा कि सेक्स करने में बुराई क्या है। फिर क्या था.... बहू अपनी ससुराल छोड़कर मायके आ गई और सारी बात परिवार को बता दी। अब पति और ससुर पर युवती ने केस दर्ज कराया है।

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली के नारायणा में परिवार के साथ रहने वाली 20 वर्षीय शालिनी (बदला हुआ नाम) के पिता सरकारी पद पर कार्यरत हैं। जून 2010 में शालिनी की शादी कोलकाता स्थित सियालदाह में सनी प्रसाद के धूमधाम के साथ हुई थी। शालिनी का आरोप है कि शादी के कुछ ही दिनों बाद उसका ससुर खूबसूरती की तारीफ करते हुए शारीरिक छेड़छाड़ करने लगा। शुरुआत में यह सब चुपचाप सहती रही मगर बाद में शालिनी से रहा नहीं गया तो उसने पति से शिकायत कर दी।

हैरानी उसे तब हुई जब उसके पति ने भी यह कहा कि हाईप्रोफाइल सोसायटी में यह सब चलता है और सेक्स करने में कोई बुराई नहीं है। ससुराल में यह सब नजारा देखकर उससे रहा नहीं गया और कोलकाता से दिल्ली आ गई। उसने मायके में आकर सारी बात बताई। फिलहाल पति और ससुर के खिलाफ नारायणा थाने में केस दर्ज कराया गया है। पुलिस टीम दोनों की गिरफ्तारी के लिए कोलकाता रवाना की गई है।

नाग से नागिन का ऐसा 'इश्क', जिसने भी देखा नहीं कर सका आंखों पर यकीन

नाग से नागिन का ऐसा \'इश्क\', जिसने भी देखा नहीं कर सका आंखों पर यकीन  नाग से नागिन का ऐसा \'इश्क\', जिसने भी देखा नहीं कर सका आंखों पर यकीन

कैथल। यह न तो किसी फिल्म की कहानी है और न ही कोई किस्सा। लेकिन जिस किसी ने इस अजीब दास्तान को सुना वही इसे देखने के लिए भागा चला आया। जहां मायावादी जमाने में आदमी ही आदमी का दुश्मन है, वहीं जानवरों व पशु पक्षियों में एक दूसरे के लिए स्नेह भरा हुआ है, जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण इस मामले में नजर आ रहा है।


नाग और नागिन की इस प्रेम कहानी को जिसने भी अपनी आंखों से देखा तो विश्वास नहीं कर सका। एक गड्ढे में दो फुट का नाग मरा पड़ा था और उसके मृत शरीर से लिपटी थी नागिन। वह दो दिन से नाग की देह के पास उसकी मौत पर विलाप कर रही है।पहली नजर में देखने पर लगता है कि दो सांप मरे पड़े हैं। नाग की लाश पर नागिन इस तरह चिपकी हुई कि उसके जिंदा रहने का एहसास नहीं हो रहा था। जब नाग को हिलाया गया तो नागिन ने गुस्से में अपना फन उठाया। इसके बाद वह नाग के चारों तरफ चक्कर लगा कर फिर उसी जगह आकर नाग के शरीर से लिपट गई। जब लोगों ने ये घटना देखा तो किताबों में पढ़ा व सुना अंधविश्वास फिर से जन्म लेने लगा।

शनिवार को रूपनगर के रहने वाले एक युवक ने बताया कि किसी ने नाग को मार कर वहां फेंक दिया था। उसने पास में ही गड्ढा खोद कर उसे दफनाने का सोची। अमित कुमार, रणधीर व नरेश कुमार ने बताया कि नवरात्रों में नाग के इस तरह पड़े रहने को अशुभ समझा जाता है। गड्ढा खोदने के बाद लाठी से जैसे ही वे मृतक नाग को उठाने लगे तो उन्हें उसकी देह से लिपटी नागिन का अहसास हुआ। नाग को हिलाने से उसने क्रोध में फन उठाया तो युवक पीछे हट गए। मिट्टी के रंग की नागिन नाग के शरीर के पास फन फैला कर बैठ गई। वह कभी वहां चक्कर लगाती तो कभी उसके शरीर से लिपट जाती। जब नाग को छेड़ा जाता तो वह फन उठा कर विरोध जताती। समाचार लिखे जाने तक नागिन नाग के शरीर के साथ लिपटी हुई थी। जिसने भी इस घटना को सुना वह मौके पर पहुंच गया। देखते ही देखते वहां महिलाओं की भीड़ जुटने लगी। अमीचंद, अनिल कुमार, चंद्रभान, बलवीर व मांगे राम ने कहा कि उनका प्रयास है कि नागिन को किसी तरह का नुकसान न पहुंचे और वह पास के जंगल में चली जाए। इसके बाद में वे मृत नाग को दफन कर देंगे। अगर अब वे नाग को हटाते हैं तो नागिन उन्हें नुकसान पहुंचा सकती है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने चाचा की चिता को अग्नि दी



मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने चाचा की चिता को अग्नि दी

जोधपुर 22 अक्टूबर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने चाचा श्री मोहनसिंह गहलोत की चिता को अग्नि दी।

मुख्यमंत्री आज शाम सा़े चार बजे जोधपुर पहुंचे तथा वहां से सीधे मण्डोर स्थित अपने भाई के फार्म हाउस जाकर श्री मोहनसिंह गहलोत की पार्थिव देह पर पुष्पचक्र अर्पित कर उनके अंतिम दर्शन किये तथा उनकी अर्थी को कंधा दिया। मुख्यमंत्री वहां से सीधे कागा शमशान भूमि पहुंचे जहां उन्होंने अपने भाइयों श्री कंवरसेन तथा श्री अग्रसेन के साथ मिलकर  मोहनसिंह की चिता को अग्नि दी।  मोहनसिंह गहलोत लगभग 85 साल के थे तथा बीमार होने के कारण मथुरादास माथुर अस्पताल में भर्ती थे। आज दोपहर लगभग सा़े बारह बजे उनका निधन हुआ। उनके कोई पुत्र नहीं है। उनके अंतिम संस्कार के अवसर पर महापौर रामेश्वर दाधीच, उपमहापौर न्याज मोहम्मद, विधायक कैलाश भंसाली, जेडीए चेयरमेन राजेन्द्र सोलंकी, पूर्व विधायक हीरालाल बिश्नोई, जुगल काबरा, सईद असांरी, अनिल टांटिया, इकबाल खान, जवाहर सुराणा, प्रदीप ाकलिया, सुनील परिहार, रणवीरसिंह कच्छवाहा, जसवंतसिंह कच्छवाहा, जिला कलक्टर गौरव गोयल, पुलिस कमिश्नर भूपेन्द्र दक, पुलिस अधीक्षक नवज्योति गोगोई, राहुल प्रकाश सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

फसीह महमूद 10 दिन के रिमांड पर

फसीह महमूद 10 दिन के रिमांड पर

नई दिल्ली। दिल्ली की स्थानीय अदालत ने इंडियन मुजाहिदीन के संदिग्ध आतंकी फसीह महमूद को 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। फसीह के अधिवक्ता सैयद इरफान आलम ने मंगलवार को बताया कि मजिस्ट्रेट ने सोमवार शाम को पूछताछ के लिए फसीह को 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।

बेंगलूरू और दिल्ली में बम विस्फोटों को अंजाम देने के लिए षडयंत्र रचने के आरोपी फसीह को सोमवार को दिल्ली हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था। फसीह को सऊदी अरब ने प्रत्यर्पित किया था।

पेशे से इंजीनियर फसीह (35) बिहार के दरभंगा जिले का निवासी है। फसीह को हवाई अड्डे पर उतरते ही गिरफ्तार कर लिया गया। उस पर वर्ष 2010 में बेंगलूरू के चिन्नास्वामी स्टेडियम और दिल्ली में एक विस्फोट की साजिशकरने का आरोप है। दिल्ली और कर्नाटक पुलिस को उसकी तलाश थी।

सऊदी अरब में इंजीनियर के तौर पर कार्यरत महमूद को सऊदी प्रशासन ने संदिग्ध आतंकी सम्पर्क के लिए कथित तौर पर 13 मई को अल जुबल से गिरफ्तार किया था और 26 जून को जेल भेज दिया था।

श्रद्धाजंलि सभा का आयोजन आज

श्रद्धाजंलि सभा का आयोजन आज


बाड़मेर, 23 अक्टूंबर।
जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा कांग्रेस आई के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता रामनारायण चैधरी के निधन होने पर आज बुधवार को कांग्रेस कार्यालय में सुबह 11 बजे श्रद्धांजलि सभा का आयोजित कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए जाएगे।
यह जानकारी देते हुए कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष फतेह खां ने बताया कि कांग्रेस आई के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता रामनारायण चैधरी के निधन से कांग्रेस को बड़ा आघात लगा हैं, चैधरी जनता से जुड़े हुए नेता थे। उनकी इसी छवि के कारण आज सभी लोग उन्हें याद कर रहे हैं। कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष यज्ञदत्त जोशी के मुताबिक चैधरी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा बुधवार सुबह 11 बजे कांग्रेस कार्यालय में श्रद्धांजलि दी जाएगी।

किसानो ने सरकार को चेताया किसी भी कीमत पर नहीं देंगे जमीन

शिवकर भूमि अवाप्ति के विरोध में रैली एवं धरना शुरू


किसानो ने सरकार को चेताया किसी भी कीमत पर नहीं देंगे जमीन


बाड़मेर शिवकर लिग्नाईट परियोजना के लिए अवाप्त की जाने वाली शिवकर बेल्ट की जमीन के विरोध में प्रभावित किसानो ने लीगल मित्र संस्था के बैनर तले जिला कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर धरना आरम्भ किया इससे पहले मंगलवार को प्रातः ग्यारह बजे अवाप्ति के विरोध में मुंह पर पट्टिया बाँध कर मौन मार्च निकाला लीगल मित्र संस्थान के प्रभारी विक्रम सिंह तारातरा ने बताया की मौन मार्च में सेकड़ो किसानो ने शिरकत कर अवाप्ति का विरोध किया. मौन मार्च गांधी चौक से कलेक्टर कार्यालय तक निकाला गया. बाड़मेर में पहली बार लोगों ने बेहद शांतिपूर्ण तरीके से लोगों ने मुंह पर पट्टिया बांध कर सरकार की अपारदर्शी नीति का विरोध करते हुए रैली निकाली जिसमे किसानो के साथ बाड़मेर के आम लोग भी शामिल थे. किसानो के साथ लीगल मित्र के सचिव रितेश शर्मा ने कलेक्ट्रेट पहुँच जिला कलेक्टर भानु प्रकाष एटरू को पैतालीस पेज का ज्ञापन सौंपा .ज्ञापन देने के बाद किसान धरने पर बैठ गए .धरने में किसानो को संबोधित करते हुए सचिव रितेश शर्मा ने कहा की राज्य सरकार लोक हित के नाम पर मनमाने ढंग से जमीने अवाप्त कर रही हें जो उचित नहीं हें ,उन्होंने कहा की किसानो को पशुपालन और कृषि कार्यो से वंचित रखने का षड़यंत्र हें ,शर्मा ने कहा की सरकार ने प्रभावित किसानो को अवाप्ति का कोई कारण नहीं बता जमीन से बेदखल करने का प्रयास हें ,किसान छगन सिंह राठोड ने कहा की किसान बार बार सरकार की नीतियों के झांसे में आने वाला ,उन्होंने ने सरकार को चेताते हुए दो टूक शब्दों में कहा की किसान किसी भी कीमत पर भूमि अवाप्त नहीं होने देंगे।उन्होंने कहा की सरकार बार बार राष्ट्रीय हित का झांसा देकर किसानो को बरगलाती आ रही हें मगर इस बार किसान सरकार को मूंह तोड़ जवाब देंगे .इस अवसर पर छत्र संघ अध्यक्ष रघुवीर सिंह तामलोर ने कहा की सरकार जरुरत के हिसाब से भूमि अवाप्त करे .उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा की सरकार किसानो से सब कुछ छीन कर उनके साथ अत्याचार कर रही हें ,किसान अब अत्याचार सहन नहीं किया जाएगा ,तामलोर ने कहा की सरकार पहले यह साफ़ करे की शिवकर बेल्ट की जमीन किस प्रयोजनार्थ अवाप्त की जा रही हें ,उन्होंने कहा की सरकार किसानो से तथ्य को छुपाकर जमीन अवाप्त करने का प्रयास कर रही हें ,,

इस अवसर पर स्वरुप सिंह आगोर ने कहा कि भादरेश में किसानो के साथ जो सरकार ने किया संबके सामने हें ,उन्होंने कहा की शिवकर की जमीन के अवाप्ति का कोई औचित्य नहीं हें ,कैलाश कोटडिया ने कहा की सरकार विकास के नाम पर बाड़मेर को गर्त में डाल रही हें ,उन्होंने कहा की सरकार ने इस परियोजना की अवाप्ति के लिए जनसुनवाई कर रही हें जिसका कोई औचित्य नहीं क्योंकि किसानो को यह भी पता नहीं की जमीन क्यों अवाप्त हो रही हैं सरकार को इसका जवाब देना होगा ..संस्था के द्वारा आयोजित धरने में शिवकर क्षेत्र के सैकड़ों किसानो ने हिस्सा लिया ,धरने पर रेवन्तसिंह, उदयसिह, पदमसिह, दुर्जनसिंह, पन्नेसिंह, मेवसिंह, अग्रेन्द्र कुमार मेगवाल, तमाचीराम मेगवाल, नारायणसिह, एडवोकेट डूगरसिह महेचा, एडवोकेट उदयभानुसिह मेवसिंह कुड़ला, विशनाराम मेगवाल संरपच, ईश्वरलाल सोनी, शम्भूसिंह, मूलाराम भाभू, छेलाराम मेघवाल, नरेन्द्रसिह खारा, रवि जैन, कपिल बोथरा, रमेशसिंह ईन्दा, ताराचन्द खत्री, डूगरसिंह गोरडिया, अशोक सारला, गोपालसिंह रावलोत, प्रवीणसिंह आगौर, रतनसिंह चूली, लक्ष्मणसिह गोदारा, सोहनसिंह शिवकर, मुकेश सोनी, हठेसिंह रामदेरिया, हयात खां, समेत कई गणमान्य लोग मौजूद थे।

कचहरी परिसर से सरकारी समाचार मंगलवार

कचहरी परिसर से सरकारी समाचार मंगलवार   

शिक्षा में गुणात्मक सुधार पर जोर 

निरीक्षण के दौरान शिक्षा का स्तर परखने की हिदायत


बाडमेर, 23 अक्टूबर। जिला कलेक्टर भानु प्रकाश एटूरू ने जिले के सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार लाने के निर्देश दिए है। उन्होने कहा कि विद्यालयों के निरीक्षण के दौरान प्रशासनिक कार्यो के अलावा विशेष रूप से शैक्षणिक स्तर को परखा जाए। यह निर्दो उन्होने मंगलवार को एम.डी.एम. कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान दिए।
इस मौके पर जिला कलेक्टर ने कहा कि शिक्षा से जुडे अधिकारियों का मुख्य दायित्व शैक्षणिक स्तर में सुधार का होना चाहिए तथा वे अपने निर्धारित निरीक्षणों के दौरान विद्यालयों में मिड डे मिल तथा प्रशासनिक कार्यो के अलावा कक्षाओं में जाकर बच्चों का शैक्षणिक स्तर परखे तथा निर्धारित मानकों के अनुरूप शैक्षणिक स्तर नहीं होने पर संबंधित शिक्षकों को स्पष्टीकरण जारी करें तथा एक ही शिक्षक को तीनचार बार स्पष्टीकरण जारी होने के बावजूद उसकी कक्षाओं में शिक्षा के स्तर में सुधार नहीं होने पर उसे आरोप पत्र जारी किया जाए। उन्होने सितम्बर माह के दौरान ब्लॉक प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारियों द्वारा किये गये निरीक्षण रिपोर्टो को मंगाकर जिला शिक्षा अधिकारी को उनका अध्ययन करने के निर्देश दिए।
तालाबंदी पर शिक्षकों को आरोप पत्र
जिला कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जिले के किसी भी विद्यालय में विद्यार्थियों द्वारा तालाबन्दी किये जाने पर संबंधित विद्यालय के शिक्षकों की जिम्मेदारी तय कर उन्हें आरोप पत्र जारी किये जाएगें। उन्होने कडे निर्देश दिए कि किसी भी विद्यालय में तालाबन्दी की नौबत नहीं आनी चाहिए।
आवंटन का तय समय में हो वितरण
इस मौके पर एटूरू ने कहा कि विद्यालयों में मिड डे मील का पर्याप्त मात्रा में स्टॉक रहना चाहिए तथा किसी भी हालत में स्टॉक खत्म होने पर भोजन पकना बन्द होने की हालत नहीं होनी चाहिए। उन्होने उठाव व वितरण की समीक्षा की व भोजन पकाने वाली महिलाओं को समय पर कन्वरजेन्सन राि के भुगतान के निर्दो दिए। उन्होने सभी विद्यालयों में किचन भोड के निर्माण की हिदायत दी तथा वंचित विद्यालयों में अति भाीध्र किचन भोड के निर्माण को कहा। उन्होने बताया कि बफर स्टॉक निर्धारित मात्रा से अधिक नहीं होना चाहिए तथा संबंधित ठेकेदार द्वारा निर्धारित समय में उठाव के बाद खाद्यान्न का वितरण विद्यालयों में कर दिया जाए।
ओन लाईन फिडिंग
जिला कलेक्टर ने कार्यक्रम में मानदेय भुगतान तथा ओन लाईन फिडिंग की भी समीक्षा की तथा इसमें लापरवाही बरतने पर कडी कार्यवाही के निर्दो दिए। उन्होने कहा कि आंकडों की फिडिंग अद्यतन रूप से होनी चाहिए। उन्होंने सोफ्ट वेयर के अनुसार अद्यतन आंकड़ो के फिडिंग के भी निर्देश दिए। साथ ही उन्होने विद्यालयों में भौतिक सुविधाएं जुटाने को विद्यालय प्रबन्धन समितियों को निर्देश प्रेषित करने को कहा।
इससे पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी एल.आर. गुगरवाल ने मिड डे मील कार्यक्रम की प्रगति से अवगत कराया। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी पृथ्वीराज दवे समेत सभी ब्लॉक िक्षा अधिकारी उपस्थित थे।


जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक 26 को
बाडमेर, 23 अक्टूबर। जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक जिला प्रमुख श्रीमती मदन कौर की अध्यक्षता में 26 अक्टूबर को दोपहर 12.15 बजे जिला परिषद के सभा कक्ष में आयोजित की जाएगी।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी एल.आर. गुगरवाल ने बताया कि उक्त बैठक में गत बैठक की कार्यवाही विवरण का अनुमोदन, पेयजल, विद्युत, सडक एवं स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर चर्चा के अलावा राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना की प्रगति तथा जिला परिषद द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की जाएगी।
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विकास योजनाओं की समीक्षा बैठक 29 को
बाडमेर, 23 अक्टूबर। जिला परिषद द्वारा संचालित विभिन्न विकास योजनाओं की सितम्बर माह तक की प्रगति की समीक्षा बैठक जिला कलेक्टर भानु प्रकाश एटूरू की अध्यक्षता में 29 अक्टूबर को सायं 4.00 बजे कांफ्रेन्स हॉल में आयोजित की जाएगी।
मुख्य कार्यकारी अघिकारी एल.आर. गुगरवाल ने बताया कि उक्त बैठक में सितम्बर माह तक की वितीय एवं भौतिक प्रगति, महात्मा गांधी नरेगा योजना की प्रगति, भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्रों की प्रगति, मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास योजना, इन्दिरा आवास योजना की प्रगति सहित विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा की जाएगी।
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अभाव अभियोग निराकरण समिति की बैठक 30 को
बाडमेर, 23 अक्टूबर। जिला जन अभाव अभियोग निराकरण समिति की बैठक जिला कलेक्टर भानु प्रकाश एटूरू की अध्यक्षता में 30 अक्टूबर को प्रातः 11.30 बजे कलेक्ट्रेट कांफ्रेन्स हॉल में आयोजित की जाएगी।
अतिरिक्त जिला कलेक्टर अरूण पुरोहित ने बताया कि उक्त बैठक में समिति के समक्ष विचाराधीन प्रकरणों के अलावा जिले में कानून व शांति व्यवस्था, बिजली, पानी, शिक्षा, रसद, परिवहन व्यवस्था आदि पर चर्चा की जाएगी।
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अत्याचार निवारण संबंधी बैठक 30 को
बाडमेर, 23 अक्टूबर। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति के व्यक्तियों पर अत्याचार निवारण संबंधी बैठक जिला कलेक्टर भानु प्रकाश एटूरू की अध्यक्षता में 30 अक्टूबर को दोपहर 3.30 बजे आयोजित की जाएगी।
अतिरिक्त जिला कलेक्टर अरूण पुरोहित ने बताया कि उक्त बैठक के पश्चात 30 अक्टूबर को सायं 4.00 बजे महिलाओं पर अत्याचार निवारण, 4.15 बजे पुलिस व अभियोजन के मध्य समन्वय स्थापित बाबत, 4.30बजे जिला पैरोल सलाहकार समिति तथा सायं 5.00 बजे जिला यातायात प्रबन्धन समिति की बैठक भी आयोजित की जाएगी।
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आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की बैठक 30 को
बाडमेर, 23 अक्टूबर। जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण एवं जिला क्राईसेस मैनेजमेन्ट की बैठक जिला कलेक्टर भानु प्रकाश एटूरू की अध्यक्षता में 30 अक्टूबर को प्रातः 10.30 बजे आयोजित कीे जाएगी।
अतिरिक्त जिला कलेक्टर अरूण पुरोहित ने संबंधित अधिकारियों को वांछित सूचनाओं के साथ बैठक में उपस्थित होने के निर्देश दिए है।
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मंत्री ने कहा,2014 में नहीं लौटेगी यूपीए

मंत्री ने कहा,2014 में नहीं लौटेगी यूपीए 

नई दिल्ली। केन्द्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा अपने बयानों से न सिर्फ पार्टी और सरकार को मुश्किल में डाल रहे हैं बल्कि खुद की भी फजीहत करा रहे हैं। हाल ही में बेनी प्रसाद वर्मा ने ट्रस्ट के फर्जीवाड़े को लेकर घिरे केन्द्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद का बचाव करते हुए कहा था कि 71 लाख के लिए कोई मंत्री क्यों घोटाला करेगा। मंत्री के लिए यह रकम बहुत छोटी होती है। जब हंगामा हुआ तो सफाई में वही रटा रटाया जवाब कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया है।

खैर,अब उन्होंने कहा है कि 2014 के चुनाव के बाद यूपीए सत्ता में नहीं लौटेगी। हालांकि इस बार उनको अपनी गलती का जल्दी ही एहसास हो गया। उन्होंने बात संभालते हुए कहा कि यूपीए भले ही न लौटे लेकिन कांग्रेस जरूर वापसी करेगी। इससे पहले जब देश भर में महंगाई को लेकर चर्चा हो रही थी उस वक्त बेनी प्रसाद ने कहा था कि महंगाई बढ़ने से वह बहुत खुश हैं क्योंकि इससे किसानों को फायदा होगा। इस बयान पर भी काफी हंगामा हुआ था। बाद में उन्होंने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया था कि उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया है।

राजस्थान को आप देश में नम्बर वन बना देंगे बंधुजी

राजस्थान को आप देश में नम्बर वन बना देंगे बंधुजी

जोधपुर 23 अक्टूबर। राजस्थान के प्रमुख शिक्षाविद एवं बाल निकेतन के संस्थापक अध्यक्ष बंधुजी ने मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत से कहा कि श्री गहलोत जिस प्रकार से आम आदमी के हित के लिये कार्य कर रहे हैं, उससे गहलोत, राजस्थान को देश में नम्बर वन बना देंगे।

स्वभाव से मितभाषी बंधुजी ने मुख्यमंत्री से कहा कि मैं लगातार अखबारों में तथा मीडिया में राजस्थान सरकार के काम काज के समाचार तथा रिपोर्टें पॄ एवं देख रहा हूँ, उससे मन को बहुत तसल्ली मिलती है कि राजस्थान सरकार बिना कोई आडम्बर एवं दिखावा किये, आम आदमी के हित के लिये काम कर रही है। ये काम आपकी (मुख्यमंत्री गहलोत) की संवेनदनशीलता, सहिष्णुता, सादगी एवं आम आदमी के प्रति उनकी सोच को दर्शाते हैं। राजस्थान हमेशा आपके हाथों में सुरक्षित रहेगा। मेरे मन से आपके लिये हमेशा आशीर्वाद निकलता है। मैं चाहता हूँ कि आप सदैव स्वस्थ रहें ताकि जनता की अधिक से अधिक सेवा कर सकें। आपने अपने लम्बे राजनीतिक एवं सार्वजनिक जीवन में कभी कहीं कोई दाग नहीं लगने दिया।

बंधुजी ने मुख्यमंत्री को बताया कि मैं बिल्कुल स्वस्थ हूँ। अपना सारा काम स्वयं करता हूँ। अपने कपड़े स्वयं धोता हूँ, अपने बर्तन भी स्वयं साफ करता हूँ। मैं चाहता हूँ कि मेरे बाद आप (मुख्यमंत्री गहलोत) बाल निकेतन को चलाने की जिम्मेदारी निभायें। आपका इससे पुराना लगाव रहा है।

मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने बंधुजी से कहा कि जब आप पूरे सौ साल के हो जायेंगे तब मैं आपके जन्म दिन पर यहाँ आउंगा। आपका जन्मदिन सादगी से मनाउंगा तथा आपके साथ कुछ समय व्यतीत करुंगा।

मुख्यमंत्री आज दोपहर में बंधुजी के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिये उनके निवास पर गये थे। बंधुजी इस समय अपने जीवन के सौवें वर्ष में चल रहे हैं। इस अवसर पर बाल निकेतन के उपाध्यक्ष जवाहर सुराणा भी उपस्थित थे।

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खास रिपोर्ट भाजपा की प्रगति के दुश्मन हें बीते ज़माने के चुके हुए नेता

भाजपा की प्रगति के दुश्मन हें बीते ज़माने के चुके हुए नेता


बाड़मेर राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के सत्ता की और बढ़ते हुए कदमो को रोकने की जुगत में भाजपा के ही बीते हुए कल के चुके हुए नेता लगे हें ,इन नेताओ को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की लोकप्रियता पाच नहीं रही .जो जो नाम वसुंधरा के विरोध में आ रहे हें उनका राजनितिक इतिहास देख ले यह लोग जनता की कभी पसंद नहीं रहे चाहे यह अपने अपने क्षेत्रो में भले ही जीतते रहे हो मगर पुरे राजस्थान के सर्वमान्य नेता कभी नहीं बन पाए ,साथ ही यह नेता संघ के सहारे सिधिया चड़ने के आदी रहे हें ,गत चुनावों में भी इन चुके हुए नेताओं ने भरसक प्रयास किया वसुंधरा को नुक्सान पहुंचाने का मागे जो काम यह नहीं कर सके वो काम दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्रीजी ने कर दिखाया .भाजपा के सामने भाजपा के बागी उतारने का काम इन्होने ही किया ,इनका मकसद इतना ही था की हर सीट पर भाजपा को हराने जितने वोट लिए ज्काए ,इस बार वो स्थातिया नहीं हें ,गत चुनावों में पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंत सिंह के सर पर वसुंधरा को हराने का ठीकरा फूटा था .मगर सच्चाई अब सामने आई ,बाड़मेर की सीट पर गंगाराम की टिकट के विरोध के अलावा जसवंत सिंह की कोई भूमिका नहीं रही ,खेतड़ी में जीतेन्द्र सिंह ,ब्पचापदारा में मदन प्रजापत ,क्यों जीते किसी ने विश्लेषण नहीं किया ,जैसलमेर ,सिवाना ,बाड़मेर ,आदी जगहों पर जो असंतुष्ट उम्मेदवार थे उनकी नजदीकिय किसके साथ थी ,कहने की जरुरत नहीं ,आज फिर ललित किशोर चतुएर्वेदी ,गुलाब चाँद कटारिया ,जैसे नेता वसुंधरा का विरोध कर भाजपा के बढ़ाते कदमो को रोकने का प्रयास कर रहे हें ,वसुंधरा राजे की लोकप्रियत के आगे इन नेताओं का कद बौना हो गया यही बात इन नेताओ को खाए जा रही हें ,जब्नता तो जनता हें अपनी पसंद के नेता का चुनाव वो करना जानती हें ,मगर भाजपा के शीश नेताओ को इनके मुंह बंद कने चाहिए ताकि भाजपा में अंतर्कलह न बढे ,जनता वसुंधरा के साथ हें यह बात दीगर हें

चॉकलेट फैक्ट्री में आग,करोड़ों का नुकसान

चॉकलेट फैक्ट्री में आग,करोड़ों का नुकसान
इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में एक चॉकलेट फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। आग से करोड़ों
का नुकसान होने की खबर है।

आग इतनी भीषण थी की उस पर काबू पाने के लिए इंदौर,महू और पीथमपुर की दमकलों को लगाना पड़ा। कई घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। फैक्ट्री में एक दर्जन से ज्यादा मजदूर रहते हैं।

सूत्रों के मुताबिक रात 3 बजे के करीब राऊ रोड पर सत्यम चॉकलेट फैक्ट्री में आग लग गई। आग फैक्ट्री में रखे केमिकल के ड्रमों से फैली और देखते ही देखते विकराल रूप धारण कर लिया।


मजदूरों ने भागकर अपनी जान बचाई और फायर ब्रिगेड को आग लगने की सूचना दी। इंदौर से 5 दमकलें रवाना करने के साथ महू और पीथमपुर से भी दमकलें भेजी गई। पानी के 15 टैंकर आग बुझाने में लगाए गए। आग से बड़ी मात्रा में कच्चा और तैयार माल जल गया। मशीनें, शेड व अन्य भी सामान जल गया।

गडकरी ने ड्राइवर को बनाया डायरेक्टर

गडकरी ने ड्राइवर को बनाया डायरेक्टर

नई दिल्ली। भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी द्वारा नियंत्रित कंपनी पूर्ति पॉवर एंड सुगर लिमे. को मिलने वाले फंड को लेकर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। पता चला है कि निर्माण क्षेत्र की कंपनी आइडियल रोड बिल्डर्स (आईआरबी) ग्रुप ने पूर्ति कंपनी को लोन देने के साथ-साथ उसमें निवेश भी किया। आईआरबी को 1995 से 1999 के बीच में कई ठेके मिले थे जब गडकरी महाराष्ट्र में पीडब्ल्यूडी मंत्री थे।


आईआरबी ग्रुप के अलावा पूर्ति में अन्य महत्वपूर्ण शेअरहोल्डर्स में है 16 कंपनियों का समूह। एक अखबार के अनुसार ये कंपनियां जिन पतों पर रजिस्टर्ड हैं उनका अता पता ही नहीं है। इतना ही नहीं ये कंपनियां गडकरी के करीबी सहयोगियों द्वारा नियंत्रित हैं।


2011-12 के रिकॉर्ड बताते हैं कि इन कंपनियों के डायरेक्टर्स में गडकरी का ड्राइवर,उनका दीवान (अकाउंटेंट) व पूर्ति के दो कर्मचारी शामिल हैं। इनमें से एक तो गडकरी के मित्र का बेटा निखिल भी है।


आईआरबी कंपनी व उसके प्रमोटर डीपी म्हेस्कर ने पूर्ति के 68.4 लाख शेअर सब्स्क्राइब किए। आईआरबी की एक कंपनी ग्लोबल सेफ्टी विजन ने गडकरी की कंपनी को 164 करोड़ रूपए का लोन दिया। पूर्ति के सात प्रमोटर्स में से एक गडकरी के पास 3,100 रूपए मूल्य के 310 शेअर हैं।


उधर गडकरी ने किसी भी प्रकार का गलत काम होने से इनकार किया है। गडकर ने कहा,मैं किसी भी प्रकार की जांच का सामना करने को तैयार हूं। गडकरी ने कहा,मैंने 14 महीने पहले पूर्ति के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था।


ग्लोबल से लोन उस साल दिए गए जब पूर्ति का टर्नोवर 145 करोड़ रूपए था तथा कंपनी को 48.94 करोड़ रूपए का घाटा हुआ था। ग्लोबल ने अपने निदेशक गणेश गदरे को पदेन निदेशक के तौर पर नियुक्त किया।


पूर्ति पॉवर एंव सुगर लिमे. के मैनेजिंग डायरेक्टर सुधीर दिवे ने कंपनी की फंडिग में किसी गड़बड़झाले से इनकार किया।

एक और पाकिस्तानी छात्रा को धमकी

एक और पाकिस्तानी छात्रा को धमकी
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में तालिबान के जुल्मों को उजागर करने पर एक अन्य छात्रा को जान से मारने की धमकी दी गई है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार स्वात घाटी की हिना खान सार्वजनिक तौर पर तालिबान की आलोचना करने के कारण उनके निशाने पर आ गई हैं।

हिना के परिवार का कहना है कि अधिकारियों से बार-बार सुरक्षा की गुहार लगाने के बाद भी उन्हें सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई है। कुछ वर्ष पहले यह परिवार इस्लामाबाद चला आया था। पत्र ने कक्षा 11वीं की छात्रा हिना के हवाले से बताया कि उनकी बार-बार की धमकियों से मुझे लगने लगा है कि अब मैं इस्लामाबाद में स्कूल नहीं जा सकूंगी।

हिना ने कहा कि मलाला पर हमले के बाद उनका परिवार और भी अधिक असुरक्षित महसूस करने लगा है। हिना के पिता रैयतुल्लाह खान ने कहा कि कुछ दिन पहले जब मैं घर आया तो मेरे दरवाजे पर रेड क्रास लगा था। मैंने सोचा कि यह किसी बच्चे की शरारत है। लेकिन अगले दिन यह फिर लगा था, जिससे हम वास्तव में भयभीत हो गए। अगले दिन हमें फोन पर कहा गया कि मलाला के बाद हिना अगली है।

खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में तालिबान आतंकवादियों ने मलाला युसूफजई को नौ अक्टूबर को गोली मारकर गम्भीर रूप से घायल कर दिया था। मलाला का इलाज ब्रिटेन के अस्पताल में किया जा रहा है।

रामनवमी, भगवान राम की स्‍मृति को समर्पित

 

रामनवमी एक ऐसा पर्व है जिसपर चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को प्रतिवर्ष नये विक्रम सवंत्सर का प्रारंभ होता है और उसके आठ दिन बाद ही चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी को एक पर्व राम जन्मोत्सव का जिसे रामनवमी के नाम से जाना जाता है, समस्त देश में मनाया जाता है। इस देश की राम और कृष्ण दो ऐसी महिमाशाली विभूतियाँ रही हैं जिनका अमिट प्रभाव समूचे भारत के जनमानस पर सदियों से अनवरत चला आ रहा है।

रामनवमी, भगवान राम की स्‍मृति को समर्पित है। राम सदाचार के प्रतीक हैं, और इन्हें "मर्यादा पुरुषोतम" कहा जाता है। रामनवमी को राम के जन्‍मदिन की स्‍मृति में मनाया जाता है। राम को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है, जो पृथ्वी पर अजेय रावण (मनुष्‍य रूप में असुर राजा) से युद्ध लड़ने के लिए आए। राम राज्‍य (राम का शासन) शांति व समृद्धि की अवधि का पर्यायवाची बन गया है। रामनवमी के दिन, श्रद्धालु बड़ी संख्‍या में उनके जन्‍मोत्‍सव को मनाने के लिए राम जी की मूर्तियों को पालने में झुलाते हैं। इस महान राजा की काव्‍य तुलसी रामायण में राम की कहानी का वर्णन है।
मर्यादा पुरुषोत्तम

भगवान विष्णु ने राम रूप में असुरों का संहार करने के लिए पृथ्वी पर अवतार लिया और जीवन में मर्यादा का पालन करते हुए मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए। आज भी मर्यादा पुरुषोत्तम राम का जन्मोत्सव तो धूमधाम से मनाया जाता है पर उनके आदर्शों को जीवन में नहीं उतारा जाता। अयोध्या के राजकुमार होते हुए भी भगवान राम अपने पिता के वचनों को पूरा करने के लिए संपूर्ण वैभव को त्याग 14 वर्ष के लिए वन चले गए और आज देखें तो वैभव की लालसा में ही पुत्र अपने माता-पिता का काल बन रहा है।
राम का जन्म

पुरुषोतम भगवान राम का जन्म चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को पुनर्वसु नक्षत्र तथा कर्क लग्न में कौशल्या की कोख से हुआ था। यह दिन भारतीय जीवन में पुण्य पर्व माना जाता हैं। इस दिन सरयू नदी में स्नान करके लोग पुण्य लाभ कमाते हैं।
अगस्त्यसंहिता के अनुसार


मंगल भवन अमंगल हारी,
दॄवहुसु दशरथ अजिर बिहारि॥

अगस्त्यसंहिता के अनुसार चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी, के दिन पुनर्वसु नक्षत्र, कर्कलग्‍न में जब सूर्य अन्यान्य पाँच ग्रहों की शुभ दृष्टि के साथ मेष राशि पर विराजमान थे, तभी साक्षात्‌ भगवान् श्रीराम का माता कौशल्या के गर्भ से जन्म हुआ।

धार्मिक दृष्टि से चैत्र शुक्ल नवमी का विशेष महत्व है। त्रेता युग में चैत्र शुक्ल नवमी के दिन रघुकुल शिरोमणि महाराज दशरथ एवं महारानी कौशल्या के यहाँ अखिल ब्रह्माण्ड नायक अखिलेश ने पुत्र के रूप में जन्म लिया था। राम का जन्म दिन के बारह बजे हुआ था, जैसे ही सौंदर्य निकेतन, शंख, चक्र, गदा, पद्म धारण कि‌ए हु‌ए चतुर्भुजधारी श्रीराम प्रकट हु‌ए तो माता कौशल्या उन्हें देखकर विस्मित हो ग‌ईं। राम के सौंदर्य व तेज को देखकर उनके नेत्र तृप्त नहीं हो रहे थे।

देवलोक भी अवध के सामने श्रीराम के जन्मोत्सव को देखकर फीका लग रहा था। जन्मोत्सव में देवता, ऋषि, किन्नार, चारण सभी शामिल होकर आनंद उठा रहे थे। हम प्रतिवर्ष चैत्र शुक्ल नवमी को राम जन्मोत्सव मनाते हैं और राममय होकर कीर्तन, भजन, कथा आदि में रम जाते हैं। रामनवमी के दिन ही गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस की रचना का श्रीगणेश किया था।
रामनवमी की पूजा

हिन्दू धर्म में रामनवमी के दिन पूजा की जाती है। रामनवमी की पूजा के लिए आवश्‍यक सामग्री रोली, ऐपन, चावल, जल, फूल, एक घंटी और एक शंखहैं। पूजा के बाद परिवार की सबसे छोटी महिला सदस्‍य परिवार के सभी सदस्‍यों को टीका लगाती है। रामनवमी की पूजा में पहले देवताओं पर जल, रोली और ऐपन चढ़ाया जाता है, इसके बाद मूर्तियों पर मुट्ठी भरके चावल चढ़ाये जाते हैं। पूजा के बाद आ‍रती की जाती है और आरती के बाद गंगाजल अथवा सादा जल एकत्रित हुए सभी जनों पर छिड़का जाता है।
उद्देश्य

भगवान श्रीराम जी ने अपने जीवन का उद्देश्य अधर्म का नाश कर धर्म की स्थापना करना बताया पर उससे उनका आशय यह था कि आम इंसान शांति के साथ जीवन व्यतीत कर सके और भगवान की भक्ति कर सके। उन्होंने न तो किसी प्रकार के धर्म का नामकरण किया और न ही किसी विशेष प्रकार की भक्ति का प्रचार किया।
भक्ति और ज्ञान

भक्ति का चरम शिखर किसी ने प्राप्त किया है तो उनमें सबसे बड़ा नाम संत कबीर और तुलसीदासजी का है। मीरा और सूर भी इसी क्रम में आते हैं।वाल्मीकि और वेदव्यास को ज्ञानियों में चरम शिखर के प्रतीक मान सकते हैं। ईश्वर को प्राप्त करने के दोनों मार्ग- भक्ति और ज्ञान हैं। भगवान को भक्ति और ज्ञान दोनों ही प्रिय हैं। वाल्मीकि और वेदव्यास ने ज्ञान मार्ग को चुना तो वह समाज को ऐसी रचनाएँ दे गये कि सदियों तक उनकी चमक फीकी नहीं पड़ सकती और कबीर, तुलसी, सूर, और मीरा ने भक्ति का सर्वोच्च शिखर छूकर यह दिखा दिया है कि इस कलियुग में भी भगवान भक्ति में कितनी शक्ति है। संत कबीर जी ने अपनी रचनाओं में भक्ति और ज्ञान दोनों का समावेश इस तरह किया कि वर्तमान समय में कोई ऐसा कर सकता है यह सोचना भी कठिन है।
अयोध्या की रामनवमी

रामजन्म, रामलीला, मथुरा

रामनवमी के रूप में हिन्दुओं के आराध्य देव भगवान श्रीरामचन्द्र का जन्मदिन देश भर में मनाया जाता है, लेकिन अयोध्या में रामनवमी बहुत धूमधाम से मनाई जाती है। अयोध्या में इस दिन मेला लगता है। देश के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालु इस मेले में पहुँचते हैं। प्राचीनकाल से ही धर्म एवंसंस्कृति की परम पावन स्थली के रूप में भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या विख्यात है। त्रेता-युगीन सूर्यवंशीय नरेशों की राजधानी रही अयोध्या पुरातात्विक दृष्टि से भी महत्त्व रखती है। चीनी यात्री फाह्यान व ह्वेनसांग ने भी अपने यात्रा वृत्तांतों में इस नगरी का वर्णन किया है।

रामनवमी के दिन भगवान राम के जन्मोत्सव के पावन पर्व पर देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु भक्तजन अयोध्या की सरयू नदी के तट पर प्रात:काल से ही स्नान कर मंदिरों में दर्शन तथा पूजा करते हैं। इस दिन जगह-जगह संतों के प्रवचन, भजन, कीर्तन चलते रहते हैं। अयोध्या के प्रसिद्ध कौशल्या भवन मंदिर में विशेष आयोजन होते हैं। अयोध्या के प्रमुख दर्शनीय एवं ऐतिहासिक स्थलों में श्रीराम जन्मभूमि के अलावा कौशल्या भवन, कनक भवन, कैकेयी भवन, कोप भवन तथा श्रीराम के राज्याभिषेक का स्थान रत्न सिंहासन दर्शनीय हैं।
परिक्रमा

अयोध्या भिन्न-भिन्न उत्सवों पर की जाने वाली प्रमुख परिक्रमाओं के लिए भी प्रसिद्ध है, जैसे चौरासी कोसी परिक्रमा, रामनवमी के अवसर पर चौदह कोसी परिक्रमा, अक्षय नवमी पर पाँच कोसी परिक्रमा, कार्तिक की एकादशी के अवसर पर तथा अंतर्ग्रही परिक्रमा नित्य-प्रति होती हैं तथा अयोध्या के सभी प्रमुख मंदिर एवं तीर्थ इस परिक्रमा में आ जाते हैं।
रामनवमी व्रत

रामनवमी के दिन जो व्यक्ति पूरे दिन उपवास रखकर भगवान श्रीराम की पूजा करता है, तथा अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार दान-पुण्य करता है, वह अनेक जन्मों के पापों को भस्म करने में समर्थ होता है।
विधि

रामनवमी का व्रत महिलाओं के द्वारा किया जाता है। इस दिन व्रत करने वाली महिला को प्रात: सुबह उठना चाहिए। घर की साफ-सफाई कर घर में गंगाजल छिड़करक शुद्ध कर लेना चाहिए। इसके पश्चात स्नान करके व्रत का संकल्प लेना चाहिए। इसके बाद एक लकड़ी के चौकोर टुकड़े पर सतिया बनाकर एक जल से भरा गिलास रखना चाहिए और अपनी अंगुली से चाँदी का छल्ला निकाल कर रखना चाहिए। इसे प्रतीक रुप से गणेशजी माना जाता है। व्रत कथा सुनते समय हाथ में गेहूँ-बाजरा आदि के दाने लेकर कहानी सुनने का भी महत्व कहा गया है।

रामनवमी के व्रत के दिन मंदिर में अथवा मकान पर ध्वजा, पताका, तोरण और बंदनवार आदि से सजाने का विशेष विधि-विधान है। व्रत के दिन कलश स्थापना और राम जी के परिवार की पूजा करनी चाहिए, और भगवान श्री राम का दिनभर भजन, स्मरण, स्तोत्रपाठ, दान, पुण्य, हवन, पितृश्राद्व और उत्सव किया जाना चाहिए।
रामनवमी व्रत कथा

राम, सीता और लक्ष्मण वन में जा रहे थे। सीता जी और लक्ष्मण को थका हुआ देखकर राम जी ने थोड़ा रुककर आराम करने का विचार किया और एक बुढ़िया के घर गए। बुढिया सूत कात रही थी। बुढ़िया ने उनकी आवभगत की और बैठाया, स्नान-ध्यान करवाकर भोजन करवाया। राम जी ने कहा- बुढिया माई, "पहले मेरा हंस मोती चुगाओ, तो में भी करूं।" बुढ़िया बेचारी के पास मोती कहाँ से आवें, सूत कात कर ग़रीब गुज़ारा करती थी। अतिथि को ना कहना भी वह ठीक नहीं समझती थी। दुविधा में पड़ गई। अत: दिल को मज़बूत कर राजा के पास पहुँच गई। और अंजली मोती देने के लिये विनती करने लगी। राजा अचम्भे में पड़ा कि इसके पास खाने को दाने नहीं हैं। और मोती उधार मांग रही है। इस स्थिति में बुढ़िया से मोती वापस प्राप्त होने का तो सवाल ही नहीं उठता। आखिर राजा ने अपने नौकरों से कहकर बुढ़िया को मोती दिला दिये।

बुढ़िया मोती लेकर घर आई, हंस को मोती चुगाए, और मेहमानों की आवभगत की। रात को आराम कर सवेरे राम जी, सीता जी और लक्ष्मण जी जाने लगे। राम जी ने जाते हुए उसके पानी रखने की जगह पर मोतियों का एक पेड़ लगा दिया। दिन बीतते गये और पेड़ बड़ा हुआ, पेड़ बढ़ने लगा, पर बुढ़िया को कु़छ पता नहीं चला। मोती के पेड़ से पास-पड़ौस के लोग चुग-चुगकर मोती ले जाने लगे।

एक दिन जब बुढ़िया उसके नीचे बैठी सूत कात रही थी। तो उसकी गोद में एक मोती आकर गिरा। बुढ़िया को तब ज्ञात हुआ। उसने जल्दी से मोती बांधे और अपने कपड़े में बांधकर वह क़िले की ओर ले चली़। उसने मोती की पोटली राजा के सामने रख दी। इतने सारे मोती देख राजा अचम्भे में पड़ गया। उसके पूछने पर बुढ़िया ने राजा को सारी बात बता दी। राजा के मन में लालच आ गया। वह बुढ़िया से मोती का पेड़ मांगने लगा। बुढ़िया ने कहा की आस-पास के सभी लोग ले जाते हैं। आप भी चाहे तो ले लें। मुझे क्या करना है। राजा ने तुरन्त पेड़ मंगवाया और अपने दरबार में लगवा दिया। पर रामजी की मर्जी, मोतियों की जगह कांटे हो गये और आते-आते लोगों के कपड़े उन कांटों से ख़राब होने लगे। एक दिन रानी की ऎड़ी में एक कांटा चुभ गया और पीड़ा करने लगा। राजा ने पेड़ उठवाकर बुढ़िया के घर वापस भिजवा दिया। पेड़ पर पहले की तरह से मोती लगने लगे। बुढ़िया आराम से रहती और ख़ूब मोती बांटती।
व्रत का फल

श्री रामनवमी का व्रत करने से व्यक्ति के ज्ञान में वृ्द्धि होती है। उसकी धैर्य शक्ति का विस्तार होता है। इसके अतिरिक्त उपवासक को विचार शक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, भक्ति और पवित्रता की भी वृ्द्धि होती है। इस व्रत के विषय में कहा जाता है, कि जब इस व्रत को निष्काम भाव से किया जाता है। और आजीवन किया जाता है, तो इस व्रत के फल सर्वाधिक प्राप्त होते हैं।

रामनवमी और जन्माष्टमी तो उल्लासपूर्वक मनाते हैं पर उनके कर्म व संदेश को नहीं अपनाते। कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया गीता ज्ञान आज सिर्फ एक ग्रंथ बनकर रह गया है। तुलसीदासजी ने रामचरितमानस में भगवान राम के जीवन का वर्णन करते हुए बताया है कि श्रीराम प्रातः अपने माता-पिता के चरण स्पर्श करते थे जबकि आज चरण स्पर्श तो दूर बच्चे माता-पिता की बात तक नहीं मानते

नरेंद्र मोदी को झटका, प्रधानमंत्री पद की दावेदारी खारिज



नई दिल्ली। एनडीए की ओर से प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी की दावेदारी फिलहाल खारिज हो गई है। भाजपा नेताओं से रायशुमारी के बाद संघ ने यह तय किया है। भाजपा नेताओं की दलील है कि मोदी को प्रोजेक्ट करते ही भ्रष्टाचार और महंगाई का मुद्दा गौण हो जाएगा। सांप्रदायिकता बनाम धर्मनिरपेक्षता पर राजनीति शुरू हो जाएगी। ऐेसे में एनडीए कुनबा बढऩा तो दूर जदयू जैसे मौजूदा घटक दल उससे अलग हो जाएंगे।

प्रधानमंत्री पद के लिए मोदी की दावेदारी को लेकरराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पिछले कई दिनों से भाजपा नेताओं की नब्ज टटोल रहा है। इस कड़ी में पिछले सप्ताह लोकसभा की नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज, राज्य सभा के नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह और मुरली मनोहर जोशी तथा भाजपा संसदीय दल के अध्यक्ष लाल कृष्ण आडवाणी से संघ के सर कार्यवाह भैयाजी जोशी और संघ में भाजपा के राजनीतिक मामलों को देख रहे सुरेश सोनी ने बातचीत की। संघ नेताओं ने भाजपा के जिन लोगों से बात की है वह सभी पार्टी के संसदीय बोर्ड के सदस्य हैं। संसदीय बोर्ड को प्रधानमंत्री पद के लिए प्रत्याशी तय करना है। (

छिटक सकता है जदयू जैसा पुराना साथी

सूत्रों का कहना है कि सुषमा स्वराज, अरुण जेटली और राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री पद की दावेदारी के लिए नरेंद्र मोदी की योग्यता और क्षमता को स्वीकार तो किया है, लेकिन सियासी माहौल को मोदी के प्रतिकूल बताया है। भाजपा नेताओं ने तर्क दिया है कि मोदी को प्रोजेक्ट करने से कांग्रेस को अल्पसंख्यक वोटों और उनकी पैरोकारी करने वाले क्षेत्रीय दलों को लामबंद करने का अवसर मिल जाएगा। साथ ही एनडीए का जदयू जैसा पुराना और बड़ा घटक दूर जा सकता है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री की दावेदारी पर मोदी के नाम पर मना कर चुके हैं। शिवसेना प्रमुख ने इस पद के लिए सुषमा स्वराज को बेस्ट बताया है। माना जा रहा है कि संघ ने भाजपा नेताओं के इस आकलन को नरेंद्र मोदी के साथ साझा किया है।

'वसुंधरा को लोकप्रिय कहना गुनाह है, तो गुनाह कबूल'


जयपुर.प्रदेश कोर कमेटी के सदस्य और पूर्व मंत्री राजेंद्र राठौड़ के बयान पर भाजपा में मचा बवाल अभी थमा नहीं है। राठौड़ ने सोमवार को बीकानेर में विपक्ष की नेता वसुंधराराजे को सीएम इन वेटिंग बताया। हाल ही अपनी ओर से वसुंधरा ही भाजपा और भाजपा ही वसुंधरा बयान पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि अगर वसुंधरा को लोकप्रिय बताना गुनाह है तो यह गुनाह उन्हें कबूल है। राठौड़ वेटरनरी विश्वविद्यालय छात्रसंघ के शपथ ग्रहण समारोह में आए थे।
 
राठौड़ से मीडियाकर्मियों ने वसुंधराराजे के नई पार्टी बनाने और भाजपा छोड़ने के सवाल पूछे तो उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। राजे खुद इस बारे में अपना स्पष्टीकरण दे चुकी हैं, मगर कुछ लोग चाय के प्याले में तूफान खड़ा करना चाहते हैं। पार्टी में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मनभेद नहीं है।

जहां तक वसुंधराराजे के सीएम बनने की बात है तो पार्टी के केंद्रीय नेता भी समय-समय पर खुद यह बात कह चुके हैं। अपने दो दिन पहले के बयान के बारे में राठौड़ ने कहा कि उनका मकसद वसुंधराराजे और भाजपा को एक-दूसरे का पूरक बताने से था। कुछ लोग उनके बयान को गलत तरीके से पेश करके पार्टी हाईकमान को शिकायत कर रहे हैं। उन्होंने कोई अनुशासनहीनता नहीं की।

यात्रा नहीं, सिर्फ दौरा

कोलायत विधायक देवीसिंह भाटी की यात्रा के बारे में राठौड़ ने यह कहकर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया कि भाटी दौरा कर रहे हैं।


पूर्व मंत्री राठौड़ ने कहा कि वसुंधरा को लोकप्रिय कहना गुनाह है, तो गुनाह कबूल है।


‘कोई नहीं सीएम इन वेटिंग’


भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष प्रो. ललित किशोर चतुर्वेदी ने राठौड़ के बयान का खंडन करते हुए कहा कि एनीबडी नॉट सीएम इन वेटिंग इन अवर पार्टी। अभी ऐसा कुछ नहीं है। पार्टी आने वाला विधानसभा चुनाव किसी एक व्यक्ति के सहारे नहीं लड़ेगी। अभी यह तय ही नहीं है कि कौन सीएम इन वेटिंग है और कैसे चुनाव लड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री का चुनाव विधायक दल की बैठक में ही होगा।

उन्होंने कहा कि भाजपा तत्वनिष्ठ पार्टी है, व्यक्तिनिष्ठ नहीं। सबसे ऊपर देश है, फिर पार्टी है और व्यक्ति पार्टी में सबसे नीचे है। कुछ लोग पार्टी की रीति-नीति को नहीं समझते हैं और व्यक्तिनिष्ठ होने के कारण केवल चर्चा में रहने के लिए बोलते रहते हैं। वसुंधराराजे के पार्टी छोड़ने के सवाल पर चतुर्वेदी ने कहा कि वे विजयाराजे सिंधिया की बेटी हैं। उनमें अपनी मां के संस्कार हैं। इसलिए वे कभी ऐसा नहीं करेंगी। वैसे भी इस मुद्दे पर वे खुद अपना स्पष्टीकरण दे चुकी हैं।

कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए चतुर्वेदी ने कहा कि सीएम की जन सुनवाई औपचारिक रह गई है। पांच मिशन, आठ टास्क फोर्स गठित किए गए थे, उनकी बैठकें नहीं हुई हैं। कांग्रेस के राज में अफसर निडर हो गए हैं। विकास ठप हो गया है। इसलिए देश को बचाना है तो कांग्रेस को हटाना होगा।

भाटी की यात्रा व्यक्तिगत

कोलायत विधायक देवीसिंह भाटी की ‘मालिक बनो’ यात्रा को उन्होंने व्यक्तिगत यात्रा बताया

राजस्थानी भाषा की मजबूती के लिए राजस्थानी फिल्मों को सपोर्ट करना होगा

राजस्थानी भाषा की मजबूती के लिए राजस्थानी फिल्मों को सपोर्ट करना होगा 
गायक से संगीतकार बने बॉलीवुड के पाश्र्व गायक सतीश देहरा  से बात

नागौर हिना फिल्म के मशहूर गीत देर न हो जाए कहीं देर न हो जाए...गाने वाले बॉलीवुड के पाश्र्व गायक और हिंदी फिल्मों में संगीत दे रहे सतीश देहरा का कहना है कि राजस्थानी भाषा को मजबूत करना है तो राजस्थान के लोगों को राजस्थानी फिल्मों के सपोर्ट में आगे आना होगा। महाराष्ट्र में मराठी व गुजरात में गुजरात भाषा इसलिए मजबूत हैं क्योंकि वहां के लोग अपने क्षेत्र की भाषाओं की फिल्मों को तवज्जो दे रहे हैं। यहां महावीर इंटरनेशनल होटल में दैनिक भास्कर से विशेष बातचीत में देहरा ने कहा नागौर में संगीत अकादमी खोलने के लिए सरकार और यहां के भामाशाहों को आगे आना चाहिए। संगीत अकादमी खुलती है तो वे निशुल्क सेवाएं देने को तैयार हैं। मूलत: नागौर जिले के जायल तहसील के दुगस्ताऊ गांव में जन्मे देहरा ने बताया कि नागौर की माटी से उनका विशेष लगाव है। इसलिए वे चाहते हैं कि राजस्थानी भाषा व नागौर के लोग आगे बढ़ें।

सरकार करे सहयोग

देहरा ने कहा कि महाराष्ट्र व गुजरात में क्षेत्रीय भाषा की फिल्मों को वहां की सरकारें 50 प्रतिशत तक अनुदान दे रही हैं जबकि राजस्थान में सरकार अनुदान तो दूर परमिशन देने में भी काफी देर कर देती है। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वे राजस्थानी भाषा में बनी फिल्मों के लिए रियायत व अनुदान की घोषणा करे।

शीघ्र ही आएंगी यह फिल्में

बीरो भात भरण आयो, जय जीण माता, मां बाप न भूलजो मत, कृपा करो सुधा माता जैसी राजस्थानी फिल्मों व हिना, एक विवाह ऐसा भी, फिर तेरी कहानी, कोई है अपना जैसी हिंदी फिल्मों व सीरियल बालिका वधू, रामायण, कृष्णा, अलिफ़ लैला, जय दुर्गा, जय हनुमान, सांई बाबा में संगीत और गायकी का जादू बिखेर चुके देहरा ने बताया कि उनकी दो राजस्थानी फिल्में गुरुकुल व दंगल शीघ्र ही आ रही है इसके अलावा तीन अनाम हिंदी फिल्मों में उन्होंने संगीत दिया है।

यश चौपड़ा को दी श्रद्धांजलि

बॉलीवुड के मशहूर निर्माता निर्देशक यश चौपड़ा के निधन पर सोमवार को यहां शोक सभा का आयोजन किया गया। गायक सतीश देहरा समेत फिल्मी प्रचारक नंदू श्री मंत्री, सुरेश गौड़, डीके व्यास सागर, देव देहरा, नरपत सिंह चौधरी, रतन शर्मा आदि ने चौपड़ा को श्रद्धांजलि दी। देहरा ने कहा कि चौपड़ा ऐसे निर्माता व निर्देशक थे जिन्होंने फिल्मों के जरिए देश के विकास व सामाजिक बदलाव में भूमिका निभाई और समाज की सच्चाई को लोगों के सामने रखा।