बुधवार, 24 अक्तूबर 2012

सड़क हादसे में पाली एसडीएम खान मोहम्मद और उनकी पुत्री की मौत

नागौर

लाडनूं से तीन किलोमीटर दूर नागौर मार्ग पर मंगलवार रात को साढ़े सात बजे तेज गति से चल रही एक कार के पलटी खाने से उसमें सवार पाली के उपखंड अधिकारी खान मोहम्मद खान और उनकी पुत्री रुखसाना की मौत हो गई। हादसे में एसडीएम का दोहिता तथा कार चालक भी गंभीर घायल हो गए। मूलत: नागौर जिले के डेगाना क्षेत्र के सथाना गांव के खान मोहम्मद झुंझुनूं में एक पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद शाम को पाली जा रहे थे। लाडनूं तहसीलदार गिरधारी लाल ने बताया कि पाली एसडीएम खान मोहम्मद खान (55) पुत्र उम्मेद खां, उनकी पुत्री रुखसाना पत्नी मारुथ खां तथा दोहिता सात वर्षीय अनीस झुंझुनूं से लाडनूं होते हुए पाली जा रहे थे। करीब साढ़े सात बजे जैसे ही उनकी फॉरच्यूनर कार लाडनूं से तीन किलोमीटर नागौर की तरफ पहुंची तो कार चालक नियंत्रण खो बैठा और कार आठ दस बार पलटी खाते हुए करीब 50 मीटर तक चली गई। हादसे में पाली एसडीएम खान मोहम्मद खान की मौके पर ही मौत हो गई और गंभीर घायल रुखसाना, अनीस व कार चालक पाली निवासी महेंद्र वैष्णव को लाडनूं अस्पताल लाया गया।


गंभीर हालत होने पर महेंद्र व रुखसाना को जयपुर रेफर किया गया। इस दौरान रुखसाना ने भी दम तोड़ दिया। दोनों शव देर रात को लाडनूं अस्पताल में ही रखवाए गए। हादसे की सूचना मिलते ही डेगाना, लाडनूं, नागौर, डीडवाना, मकराना व सीकर से लोग लाडनूं पहुंचे। उधर वृत्ताधिकारी हेमराज व तहसीलदार गिरधारीलाल भी मौके पर पहुंचे व घटनास्थल का मुआयना कर घायलों का तत्काल इलाज शुरू करवाया।

स्पीड थी बहुत तेज

घटनास्थल पर मिले साक्ष्यों के अनुसार कार जिस समय पलटी उसकी स्पीड काफी तेज थी। इस वजह से चालक महेंद्र का कार पर नियंत्रण नहीं रहा। आलम यह था कि पलटने के बाद कार 50 मीटर तक घिसटती गई और कार के चारों दरवाजे टूटकर दूर जा गिरे और कार में सवार एसडीएम, उनकी बेटी, दोहिता व चालक टूटे दरवाजों से बारी बारी गिरते गए और गंभीर घायल हो गए। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। घटना की जानकारी नागौर जिला कलेक्टर अशोक भंडारी, एसपी भूपेंद्र साहू, पाली जिला कलेक्टर को भी दी गई।

एसएचओ ने दिखाई लापरवाही

हादसे में लाडनूं थानेदार दरजाराम की लापरवाही सामने आई। नागौर कंट्रोल रूम से थानेदार को कई बार कॉल किए गए लेकिन उन्होंने फोन अटैंड नहीं किया। आधा अधिकारियों के फोन करने के बाद भी थानाधिकारी घटनास्थल पर नहीं पहुंचे। पुलिस के देर से मौके पर पहुंचने से घायल कराहते रहे और उन्हें समय पर उपचार नहीं मिल पाया।

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